These comprehensive RBSE Class 11 Economics Studies Notes Chapter 10 भारत और इसके पड़ोसी देशों के तुलनात्मक विकास अनुभव will give a brief overview of all the concepts.
→ परिचय:
विगत वर्षों में विश्व में वैश्वीकरण की प्रक्रिया के फलस्वरूप प्रायः सभी देशों में नवीन आर्थिक परिवर्तन हुए हैं जिनके कई अल्पकालीन तथा दीर्घकालीन प्रभाव पड़े हैं। भारत पर भी वैश्वीकरण का प्रभाव पड़ा है। विश्व के सभी देशों ने आर्थिक दृष्टि से सुदृढ़ होने हेतु अनेक उपाय अपनाए हैं तथा कई क्षेत्रीय तथा वैश्विक समूहों की स्थापना की गई जैसे सार्क, यूरोपियन संघ, ब्रिक्स, आसियान, जी-8, जी-20 इत्यादि । विभिन्न देशों ने एक-दूसरे की विकास प्रक्रिया को समझने की कोशिश की है। भारत ने भी आर्थिक विकास की प्रक्रिया अपनाई जिनकी हमारे पड़ोसी चीन तथा पाकिस्तान से तुलना की जा रही है।
→ विकास पथ : एक चित्रांकन
भारत, चीन तथा पाकिस्तान की विकास नीतियों में काफी समानताएँ हैं। तीनों राष्ट्रों का विकास एक ही समय से प्रारंभ हुआ। भारत एवं पाकिस्तान 1947 में स्वतन्त्र हुए जबकि चीन गणराज्य की स्थापना वर्ष 1949 में हुई। तीनों राष्ट्रों ने ही विकास हेतु योजनाबद्ध विकास का मार्ग अपनाया। भारत तथा पाकिस्तान की योजनाएँ तथा उनकी नीतियाँ लगभग समान हैं।
→ चीन:
चीन की स्थापना के पश्चात् उसके सभी आर्थिक क्षेत्रों को सरकारी नियन्त्रण में लाया गया। 'ग्रेट लीप फॉरवर्ड' अभियान के फलस्वरूप बड़े पैमाने पर चीन का औद्योगिकीकरण किया गया। चीन में समय-समय पर अनेक आर्थिक सुधार अपनाए गए। चीन में प्रारिम्भक चरण में कृषि, व्यापार तथा निवेश क्षेत्रकों में सुधार किया | गया। बाद के चरण में औद्योगिक क्षेत्र में सुधार किया गया। विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र स्थापित किए गए।
→ पाकिस्तान:
पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था मिश्रित अर्थव्यवस्था है तथा पाकिस्तान में निजी एवं सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों का सहअस्तित्व है। वर्ष 1950 से 1960 के दशकों में पाकिस्तान ने नियन्त्रित नीतियाँ लागू की। इससे घरेलू उद्योगों को संरक्षण मिला। हरित क्रान्ति से पाकिस्तान में सरकारी निवेश में वृद्धि हुई तथा खाद्यान्न उत्पादन में भी वृद्धि हुई। पाकिस्तान में भारत के ही समान राष्ट्रीयकरण की नीति अपनाई गई किन्तु 1970-1980 के दशकों में निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन दिया गया।
→ जनांकिकीय संकेतक:
जनसंख्या की दृष्टि से भारत एवं चीन की जनसंख्या बहुत है जबकि पाकिस्तान की जनसंख्या कम है। जनसंख्या की दृष्टि से चीन सबसे बड़ा राष्ट्र है तथा भारत दूसरा सबसे बड़ा राष्ट्र है। पाकिस्तान की| जनसंख्या वृद्धि दर भारत एवं चीन दोनों से अधिक है। चीन में जनसंख्या की कम वृद्धि का कारण 1970 में अपनायी गयी एक संतान की नीति है। वर्तमान में तीनों देश में जनसंख्या नियन्त्रण की नीतियाँ अपनाई जा रही हैं।
→ सकल घरेलू उत्पादक एवं क्षेत्रक:
चीन की सकल घरेलू उत्पाद की संवृद्धि दर भारत एवं पाकिस्तान से अधिक है तथा वर्तमान में भारत की संवृद्धि दर पाकिस्तान से अधिक है। चीन में प्रारम्भ में कृषि क्षेत्र में अधिक लोग लगे हुए थे किन्तु बाद में सरकार ने उन्हें हस्तशिल्प, वाणिज्य तथा परिवहन जैसी गतिविधियां अपनाने हेतु प्रेरित किया। भारत तथा पाकिस्तान में कृषि | का योगदान लगभग बराबर है किन्तु भारत में कृषि क्षेत्र में अधिक लोग कार्यरत हैं। तीनों देशों में सेवा क्षेत्र में श्रमिकों का अनुपात कम है। भारत एवं पाकिस्तान में सेवा क्षेत्र पर अधिक जोर दिया जा रहा है तथा यहाँ सेवा क्षेत्र का तीव्र विकास हो। रहा है। तीनों देशों में ही सबसे ज्यादा श्रमबल कृषि क्षेत्र में लगा हुआ है। चीन की आर्थिक संवृद्धि का मुख्य आधार विनिर्माण क्षेत्रक है तथा भारत की संवृद्धि सेवा क्षेत्रक से हुई है।
→ मानव विकास के संकेतक:
विभिन्न मानव विकास संकेतकों की दृष्टि से चीन की स्थिति भारत एवं पाकिस्तान से अधिक अच्छी है। पाकिस्तान की निर्धनता रेखा से नीचे लोगों का अनुपात की दृष्टि से भारत से बेहतर स्थिति है। | निर्धनता अनुपात भारत में सबसे अधिक है। तीनों देशों में उत्तम जल स्रोत उपलब्ध करवाया जा रहा है। किन्तु मानव विकास के कुछ स्पष्ट स्वतन्त्रता संकेतकों को अभी तक नहीं जोड़ा गया है।
→ विकास नीतियाँ : एक मूल्यांकन: