These comprehensive RBSE Class 11 Economics Studies Notes Chapter 1 अर्थशास्त्र में सांख्यिकी का परिचय will give a brief overview of all the concepts.
→ अर्थशास्त्र क्यों?
जब हम अपनी या अपने परिवार की आवश्यकताओं को सन्तुष्ट करने हेतु वस्तुएँ खरीदते हैं तो हम उपभोक्ता कहलाते हैं। जब हम स्वयं के लाभ हेतु वस्तुएँ बेचते हैं तो हम विक्रेता कहलाते हैं। जब हम वस्तुओं का उत्पादन करते हैं या सेवा प्रदान करते हैं तो उत्पादक कहलाते हैं। जब हम कोई नौकरी करते हैं अर्थात् दूसरों के लिए कार्य करते हैं जिसके लिए पारिश्रमिक प्राप्त होता है तो हम कर्मचारी कहलाते हैं। जब हम भुगतान लेकर अन्य व्यक्तियों को सेवा प्रदान करते हैं तो नियोक्ता कहलाते हैं। धन प्राप्त करने के लिए जो क्रियाएँ की जाती हैं, उन्हें आर्थिक क्रियाएँ कहा जाता है।
→ हमारी इच्छाएँ असीमित हैं किन्तु आय सीमित है तथा हम अपनी सीमित आय से सभी इच्छाओं को पूरा नहीं कर सकते हैं, अतः हमारे सम्मुख चुनाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है जो अर्थशास्त्र का आधारभूत सबक है। अभाव सभी आर्थिक समस्याओं की जड़ है। यदि अभाव न हो तो कोई भी आर्थिक समस्या उत्पन्न न हो। संसाधनों का वैकल्पिक प्रयोग उन वस्तुओं के बीच चयन की समस्या को जन्म देता है, जिन्हें इनके द्वारा उत्पादित किया जा सकता है।।
→ उपभोग, उत्पादन और वितरण
अर्थशास्त्र के अध्ययन को प्रायः तीन भागों में बाँटा जा सकता है : उपभोग, उत्पादन तथा वितरण। उपभोक्ता अपनी निश्चित आय और ज्ञात कीमतों को देखते हुए अनेक वैकल्पिक वस्तुओं में से किन वस्तुओं को खरीदे, इसका अध्ययन ही उपयोग कहलाता है। किसी व्यक्ति अथवा उत्पादक द्वारा संसाधनों की ज्ञात कीमतों पर उनका चुनाव तथा उनसे कैसे उत्पादन करे? यह उत्पादन का अध्ययन कहलाता है। इसी प्रकार देश में कुल उत्पादन अथवा राष्ट्रीय आय को मजदूरी, लाभ, लगान तथा ब्याज आदि ये किस प्रकार वितरित किया जाए? इसका अध्ययन वितरण कहलाता है।
आधुनिक अर्थशास्त्र में उपर्युक्त तीन परम्परागत विभाजनों के अतिरिक्त आधारभूत समस्याओं के अध्ययन को भी शामिल किया जाता है। आधुनिक अर्थशास्त्र के अध्ययन में उन मूलभूत कौशलों का समावेश है जो कई प्रकार के उपयोगी अध्ययनों के लिए आवश्यक हैं, जैसे-निर्धनता का मापन, आय का वितरण, आय अर्जन के अवसरों का शिक्षा से सम्बन्ध, पर्यावरण सम्बन्धी विपदाओं का हमारे जीवन पर प्रभाव आदि।
→ अर्थशास्त्र में सांख्यिकी
किसी भी अर्थव्यवस्था में मूलभूत समस्याओं के विश्लेषण हेतु आँकड़ों की जरूरत पड़ती है। आँकड़े संग्रह करने | का उद्देश्य इन समस्याओं के विभिन्न कारणों को जानना एवं उनकी व्याख्या करना है। इन समस्याओं के समाधान हेतु विभिन्न नीतियाँ बनायी जाती हैं। अतः आर्थिक विश्लेषण एवं नीतियों के लिए आँकड़ों का होना आवश्यक है। अतः आँकड़ों के संग्रहण, विश्लेषण एवं नीति निर्माण हेतु सांख्यिकी की आवश्यकता पड़ती है।
→ सांख्यिकी क्या है?
सांख्यिकी का सम्बन्ध आँकड़ों के एकत्रीकरण, प्रस्तुतीकरण तथा विश्लेषण से है। ये आँकड़े भौतिक शास्त्र, रसायनशास्त्र, मनोविज्ञान या किसी भी क्षेत्र से हो सकते हैं । अर्थशास्त्र के अधिकतर आँकड़े मात्रात्मक होते हैं, किन्तु अर्थशास्त्र में इनके साथ गुणात्मक आँकड़ों का भी प्रयोग होता है।
→ सांख्यिकी क्या करती है?