Rajasthan Board RBSE Class 11 Economics Important Questions Chapter 9 सांख्यिकीय विधियों के उपयोग Important Questions and Answers.
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वस्तुनिष्ठ प्रश्न:
प्रश्न 1.
सांख्यिकीय विधियाँ निम्न में से किस आर्थिक गतिविधि से सम्बन्धित आँकड़ों के विश्लेषण में उपयोगी हैं।
(अ) उत्पादन
(ब) उपयोग
(स) वितरण
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 2.
प्राथमिक आँकड़े हैं।
(अ) वे जो सरकार द्वारा एकत्र किए जाते हैं।
(ब) वे आँकड़े जो सर्वेक्षक पहली बार एकत्र करता है।
(स) वे आँकड़े जो पूर्व में अखबार में प्रकाशित हो चुके हैं।
(द) वे आँकड़े जो पाठ्यपुस्तक में दिए होते हैं।
उत्तर:
(ब) वे आँकड़े जो सर्वेक्षक पहली बार एकत्र करता है।
प्रश्न 3.
द्वितीयक आँकड़ों का उदाहरण है।
(अ) सरकार द्वारा प्रकाशित आँकड़े
(ब) केन्द्रीय बैंक द्वारा प्रतिवर्ष प्रकाशित आँकड़े
(स) किसी कम्पनी द्वारा प्रकाशित वार्षिक रिपोर्ट
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 4.
एकत्रित आँकड़ों के संगठन एवं प्रस्तुतीकरण के पश्चात् विश्लेषण एवं व्याख्या हेतु निम्न में से किस सांख्यिकीय विधि का। उपयोग किया जा सकता है।
(अ) केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप
(ब) परिक्षेपण के माप
(स) सहसम्बन्ध
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 5.
प्रश्नावली का उपयोग किया जाता है।
(अ) प्राथमिक आँकड़े एकत्र करने हेतु
(ब) द्वितीयक आँकड़े एकत्र करने हेतु
(स) आंकड़ों का विश्लेषण करने हेतु
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(स) आंकड़ों का विश्लेषण करने हेतु
प्रश्न 6.
किसी सर्वेक्षण द्वारा प्रश्नावली भरवाने से क्या लाभ प्राप्त होते हैं।
(अ) शुद्ध ऑकड़े प्राप्त करना
(ब) गोपनीयता बनी रहती है
(स) मौलिक आँकड़े प्राप्त होना
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(अ) शुद्ध ऑकड़े प्राप्त करना
प्रश्न 7.
भारत में जनगणना करने के लिए आँकड़े प्राप्त करने के लिए किस विधि का प्रयोग किया जाता।
(अ) प्रत्यक्ष व्यक्तिगत अनुसंधान विधि
(ब) संवाददाताओं द्वारा सूचना विधि
(स) प्रगणकों द्वारा अनुसूचियाँ भरवाना
(द) सूचकों द्वारा प्रश्नावली भरवाना
उत्तर:
(अ) प्रत्यक्ष व्यक्तिगत अनुसंधान विधि
प्रश्न 8.
एक आदर्श प्रश्नावली में निम्न में से कौनसीविशेषताएँ होनी चाहिए।
(अ) स्पष्टता
(ब) सरलता
(स) संक्षिप्तता
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 9.
जब प्रगणक कोई अनुसूची भरवाते हैं तो उन्हें निम्न में से किसका ध्यान रखना चाहिए।
(अ) अनुसंधान की प्रकृति एवं अध्ययन क्षेत्र का
(ब) अनुसंधान के उद्देश्य एवं लक्ष्य का
(स) अनुसंधान में लगने वाले समय का
(द) उपर्युक्त सभी बातों का
उत्तर:
(स) अनुसंधान में लगने वाले समय का
प्रश्न 10.
सारणीयन से तात्पर्य है।
(अ) सांख्यिकीय समूहों के अध्ययन से
(ब) आँकड़ों को पंक्तियों और स्तम्भों में व्यवस्थित करने से
(स) आँकड़ों के तुलनात्मक अध्ययन से
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(ब) आँकड़ों को पंक्तियों और स्तम्भों में व्यवस्थित करने से
रिक्त स्थान वाले प्रश्ननीचे दिए गए वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:
प्रश्न 1.
ग्रन्थ सूची में .............. समंकों के स्रोतों की जानकारी दी जाती है।
उत्तर:
द्वितीयक
प्रश्न 2.
जो समंक पहली बार नए सिरे से एकत्रित किए जाते हैं, उन्हें .............. समंक कहते हैं।
उत्तर:
प्राथमिक
प्रश्न 3.
परियोजना चरणों में अध्ययन क्षेत्र अथवा समस्या की पहचान के पश्चात् .............. करना पड़ता है।
उत्तर:
लक्षित समूह का चुनाव
प्रश्न 4.
प्राथमिक आँकड़ों का संकलन .............. द्वारा किया जा सकता है।
उत्तर:
व्यक्तिगत साक्षात्कार
प्रश्न 5.
.............. आँकड़ों के प्रयोग करने से समय, धन एवं मानव संसाधन की बचत होती है।
उत्तर:
द्वितीयक
सत्य / असत्य वाले प्रश्ननीचे दिए गए कथनों में:
सत्य / असत्य कथन छाँटिए:
प्रश्न 1.
प्राथमिक आँकड़े व्यक्तिगत साक्षात्कार, डाक सर्वेक्षण, फोन, ई-मेल पर प्रश्नावली की सहायता से एकत्रित किए जा सकते हैं।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 2.
परियोजना के पहले चरण में हमें यह स्पष्ट होना चाहिए कि हमारे अध्ययन का उद्देश्य क्या है।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 3.
द्वितीयक आँकड़े वे हैं जो सर्वेक्षण द्वारा पहली बार एकत्रित किए जाते हैं।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 4.
एक अच्छी प्रश्नावली में जटिल प्रश्नों को अधिक शामिल किया जाना चाहिए। ( )
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 5.
अनुसंधान कार्य के अन्त में अनुसंधानकर्ता द्वारा एक पत्र तैयार किया जाता है जिसे परियोजना प्रतिवेदन या रिपोर्ट कहा जाता है।
उत्तर:
असत्य
मिलान करने वाले प्रश्न:
निम्न को सुमेलित कीजिए:
प्रश्न 1.
(1) पहली बार एकत्र आँकड़े |
(अ) द्वितीयक आँकड़े |
(2) केन्द्रीय बैंक द्वारा प्रकाशित |
(ब) द्वितीयक स्रोत आँकड़े |
(3) प्राथमिक आँकड़ा संग्रहण |
(स) प्राथमिक आँकड़े की विधि |
(4) ग्रन्थ सूची में दर्शाए गए |
(द) अध्ययन क्षेत्र या स्रोत समस्या की पहचान |
(5) परियोजना का पहला चरण |
(य) व्यक्तिगत साक्षात्कार विधि |
उत्तर:
(1) पहली बार एकत्र आँकड़े |
(स) प्राथमिक आँकड़े की विधि |
(2) केन्द्रीय बैंक द्वारा प्रकाशित |
(अ) द्वितीयक आँकड़े |
(3) प्राथमिक आँकड़ा संग्रहण |
(ब) द्वितीयक स्रोत आँकड़े |
(4) ग्रन्थ सूची में दर्शाए गए |
(द) अध्ययन क्षेत्र या स्रोत समस्या की पहचान |
(5) परियोजना का पहला चरण |
(य) व्यक्तिगत साक्षात्कार विधि |
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
सांख्यिकीय विधियों का कोई एक उपयोग बताइए।
उत्तर:
सांख्यिकीय विधियाँ आर्थिक गतिविधियों से सम्बन्धित आँकड़ों के विश्लेषण में उपयोगी होती हैं।
प्रश्न 2.
सर्वेक्षण की क्या भूमिका है?
उत्तर:
सर्वेक्षण द्वारा किसी उत्पादन या प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए सूचनाएं एकत्र कर रिपोर्ट तैयार करने में सहायता मिलती है।
प्रश्न 3.
परिणामों का निर्वचन करने का उद्देश्य बताइये।
उत्तर:
परिणामों का निर्वचन निष्कर्ष प्राप्त करने के उद्देश्य से किया जाता है।
प्रश्न 4.
किसी परियोजना को तैयार करने का प्रथम चरण कौनसा है?
उत्तर:
किसी परियोजना को तैयार करने हेतु सर्वप्रथम अध्ययन के क्षेत्र एवं समस्या की पूरी जानकारी होनी चाहिए। .
प्रश्न 5.
किस प्रकार के आँकड़ों का उपयोग करना है, यह किस पर निर्भर करता है?
उत्तर:
परियोजना में किस प्रकार के आँकड़ों का उपयोग करना है, यह सर्वेक्षण के उद्देश्य पर निर्भर करता है।
प्रश्न 6.
द्वितीयक स्रोत के आंकड़ों का उपयोग कब किया जाता है?
उत्तर:
द्वितीयक स्रोत के आँकड़ों का उपयोग प्राय: . तब किया जाता है, जब समय, धन एवं मानव संसाधनों की कमी हो या सूचनाएँ आसानी से उपलब्ध हों।
प्रश्न 7.
प्राथमिक आँकड़े किस विधि से एकत्रित किए जा सकते हैं?
उत्तर:
प्राथमिक आँकड़े प्रश्नावली या साक्षात्कार अनुसूची, डाक सर्वेक्षण, फोन, ई-मेल आदि के द्वारा संगृहीत किए जा सकते हैं।
प्रश्न 8.
आँकड़ों को संगृहीत कर उन्हें संगठित एवं प्रस्तुत किस प्रकार किया जा सकता है?
उत्तर:
आँकड़ों को संगृहीत कर उन्हें सारणीयन एवं उपयुक्त आरेखों, जैसे- दण्ड आरेख, वृत्त आरेख आदि द्वारा संगठित एवं प्रस्तुत किया जा सकता है।
प्रश्न 9.
परियोजना प्रतिवेदन अथवा रिपोर्ट से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
अनुसंधान कार्य के अन्त में अनुसंधानकर्ता द्वारा जो एक पत्र तैयार किया जाता है, उसे परियोजना प्रतिवेदन या रिपोर्ट कहा जाता है।
प्रश्न 10.
एक अच्छी प्रश्नावली का कोई एक गुण बताइए।
उत्तर:
एक अच्छी प्रश्नावली में सरल एवं स्पष्ट प्रश्नों को शामिल किया जाना चाहिए।
प्रश्न 11.
लक्षित समूह से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
यह वह समूह है जिस पर शोध किया जाता है अथवा परियोजना निर्माण करते समय ध्यान केन्द्रित करना होता है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
परियोजना निर्माण के प्रमुख चरण कौनसे हैं?
उत्तर:
परियोजना निर्माण के चरण निम्न प्रकार:
प्रश्न 2.
आप एक युवा उद्यमी हैं, आप खुदरा वस्तुओं का नवीन व्यापार प्रारम्भ करना चाहते हैं। खुदरा व्यापार हेतु किन्हीं आठ वस्तुओं के नाम सुझाइए। व्यापार प्रारम्भ करने के लिए तैयार की गई परियोजना के आँकड़ों के संकलन के लिए आप द्वारा अपनाई जाने वाली विधि का विवरण दीजिए।
उत्तर:
खुदरा व्यापार हेतु आठ वस्तुएँ:
हम व्यापार प्रारम्भ करने हेतु बनाई गई योजना हेतु प्राथमिक आँकड़ों का संकलन करेंगे। इस हेतु हम प्रश्नावली या साक्षात्कार अनुसूची का प्रयोग कर व्यक्तिगत साक्षात्कार, डाक सर्वेक्षण, फोन, ई-मेल आदि विधियों का उपयोग कर सकते हैं।
प्रश्न 3.
सांख्यिकीय विधियों की उपयोगिता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सांख्यिकीय विधियाँ हमारे दैनिक जीवन के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होती हैं और साथ ही आर्थिक गतिविधियों, जैसे - उत्पादन, उपभोग, वितरण, बैंकिंग, बीमा, व्यापार एवं परिवहन आदि से सम्बन्धित आँकड़ों के विश्लेषण में उपयोगी होती हैं। सांख्यिकीय विधियों से आँकड़ों का आसानी से संग्रहण कर उन्हें संगठित एवं प्रस्तुत कर उनका आसानी से विश्लेषण एवं व्याख्या की जा सकती है।
प्रश्न 4.
व्यवसाय में सांख्यिकी की क्या आवश्यकता है?
उत्तर:
व्यवसाय में मांग तथा पूर्ति का अनुमान लगाते समय उद्यमी अथवा व्यापारी को ग्राहक की रुचियों, व्यापार चक्रों, रीति-रिवाजों, मौसम परिवर्तनों का ध्यान रखना पड़ता है। इसी प्रकार उत्पादन प्रबन्ध, किस्म नियन्त्रण, विपणन प्रबन्ध, कार्यालय प्रबन्ध, विनियोग प्रबन्ध, मानव संसाधन प्रबन्ध, दूर संचार प्रबन्ध, बीमा एवं बैंकिंग व्यवसाय आदि में समंकों के संग्रहण, प्रस्तुतीकरण, विश्लेषण व निर्वचन में सांख्यिकीय विधियों का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 5.
सांख्यिकीय अध्ययन की अवस्थाएँ एवं उनसे सम्बन्धित सांख्यिकीय उपकरण बताइये।
उत्तर:
अवस्थाएँ |
सांख्यिकीय अध्ययन (Statistical Study) |
सांख्यिकीय उपकरण (Statistical Tools) |
I |
आँकड़ों का संकलन |
संगणना तथा निदर्शन |
II |
आँकड़ों का व्यवस्थीकरण |
आँकड़ों का विन्यास तथा मिलान रेखा |
III |
आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण |
तालिका, ग्राफ व चित्र |
IV |
आँकड़ों का विश्लेषण |
औसत, प्रतिशत, सहसम्बन्ध तथा प्रतीपगमन |
V |
आँकड़ों का निर्वचन |
औसतों, प्रतिशतों का विस्तार तथा विभिन्न आर्थिक चरों के सम्बन्ध की मात्रा। |
प्रश्न 6.
व्यावहारिक सांख्यिकी के बारे में बताइये।
उत्तर:
व्यावहारिक सांख्यिकी: सांख्यिकीय विधियों का व्यवहार में प्रयोग करना ही व्यावहारिक सांख्यिकी है। यह किसी समस्या विशेष के समाधान हेतु सिद्धान्तों का प्रयोग है। इसके अन्तर्गत वास्तविक तथ्यों, विशिष्ट विषय - सामग्री, विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु सांख्यिकीय रीतियों व सिद्धान्तों का प्रयोग किया जाता है; जैसे - मजदूरी, आय आदि को क्रियात्मक रूप प्रदान करना ही व्यावहारिक सांख्यिकी है। सांख्यिकी के क्षेत्र में सांख्यिकीय विधियों का विस्तृत अध्ययन तथा उनका किसी भी समस्या या विषय - सामग्री में व्यावहारिक प्रयोग भी शामिल होता है।
प्रश्न 7.
सांख्यिकीय विधियों से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
सांख्यिकीय रीतियाँ या विधियाँविभिन्न समस्याओं के समाधान के लिये उस समस्या से सम्बन्धित समंकों के संग्रहण, वर्गीकरण, प्रस्तुतीकरण, विश्लेषण एवं निर्वचन करने की प्रक्रिया को सांख्यिकीय रीतियाँ कहा जाता है। शोध हेतु विवरणात्मक या निष्कर्षांत्मक विधि में से किसी का भी प्रयोग किया जा सकता है। इन विधियों का अध्ययन सांख्यिकी का विषय-क्षेत्र है। इसमें क्रियाएँ व प्रक्रियाएँ दोनों शामिल हैं। क्रियाओं में वर्गीकरण, सारणीयन, प्रस्तुतीकरण, विश्लेषण आदि शामिल हैं, जबकि प्रक्रियाओं में निर्वचन व पूर्वानुमान शामिल हैं।
प्रश्न 8.
परियोजना के प्रथम चरण अर्थात् सणाप पास घुफ्त 'अध्ययन के क्षेत्र या समस्या को पहचानना' को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
किसी भी परियोजना का प्रथम चरण यह है कि हमें अध्ययन का क्षेत्र स्पष्ट होना चाहिए अर्थात् समस्या की पूरी जानकारी होनी चाहिए। सर्वप्रथम हमें इस बात की पूरी जानकारी होनी चाहिए कि अध्ययन का उद्देश्य क्या है? उद्देश्य के आधार पर ही आँकड़ों के संग्रह एवं संसाधन की दिशा में आगे बढ़ा जाता है। उदाहरण के लिए, कार, मोबाइल फोन, जूता पॉलिश, नहाने का साबुन या कपड़ा धोने के पाउडर आदि किसी भी उत्पाद का उत्पादन या बिक्री हमारे अध्ययन का क्षेत्र हो सकता है। हम किसी क्षेत्र विशेष के निवासियों की बिजली या पानी की समस्या सम्बन्धी रिपोर्ट बना सकते हैं।
प्रश्न 9.
प्राथमिक एवं द्वितीयक समंकों में कोई तीन अन्तर बताइए।
उत्तर:
आधार |
प्राथमिक समंक |
द्वितीयक समंक |
1. मौलिकता |
प्राथमिक समंक मौलिक होते हैं। |
द्वितीयक समंकों को पूर्व में प्रयोग किया जा चुका होता है। |
2. संग्रहण |
प्राथमिक समंकों को अनुसंधान- कर्ता द्वारा स्वयं जाकर कार्यक्षेत्रों में एकत्र किया जाता है। |
द्वितीयक समंक अन्य व्यक्तियों द्वारा पूर्व में संकलित होते हैं। |
3. समय, धन एवं मानवीय श्रम |
प्राथमिक समंकों को एकत्रित करने के लिये अधिक श्रम, धन व समय की आवश्यकता होती है। |
द्वितीयक समंकों में समय, श्रम व धन की बचत होती है। |
प्रश्न 10.
परियोजना से सम्बन्धित लक्ष्य समूह के चुनाव पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
लक्ष्य समूह का चुनाव: अध्ययन के लिए उपयुक्त प्रश्नों की एक प्रश्नावली बनाने के लिए लक्षित समूह का चुनाव बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। यदि हमारी कोई परियोजना कार से संबंधित है, तब हमारा लक्ष्यसमूह मुख्यतः मध्यम आय वर्ग या उच्च आय वर्ग होगा। उपभोक्ता उत्पाद, जैसे-साबुन, आदि से जुड़े अध्ययन के लिए, हमें ग्रामीण एवं शहरी उपभोक्ताओं को अपना लक्ष्य बनाना होगा। इसलिए लक्षित समूह का चुनाव, अर्थात् उस समूह की पहचान करना जिस पर हमें ध्यान केंद्रित करना है, किसी भी परियोजना की रिपोर्ट तैयार करने के क्रम में बहुत ही महत्त्वपूर्ण चरण है।
प्रश्न 11.
पहली बार आँकड़ों का संग्रह किस विधि द्वारा किया जा सकता है?
उत्तर:
पहली बार आँकड़ों का संग्रह प्राथमिक विधि के उपयोग द्वारा किया जा सकता है, जिसके लिए किसी प्रश्नावली या साक्षात्कार अनुसूची का प्रयोग कर व्यक्तिगत साक्षात्कार, डाक सर्वेक्षण, फोन, ई-मेल आदि के द्वारा आँकड़े संगृहीत किए जा सकते हैं। डाक प्रश्नावली के साथ एक आवरण-पत्र भी भेजा जाना चाहिए, जो पूछ-ताछ के उद्देश्य का विवरण देता हो। लक्ष्य समूह का आकार एवं विशेषता हमारे सर्वेक्षण के उद्देश्य पर आधारित होती है।
प्रश्न 12.
द्वितीयक आँकड़ों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
द्वितीयक आँकड़े प्रकाशित या अप्रकाशित स्रोतों (किसी संगठन के निजी संग्रह द्वारा) के माध्यम से सूचनाएँ उपलब्ध कराते हैं, यदि ये हमारी आवश्यकताओं के अनुकूल हों। द्वितीयक स्रोत के आंकड़ों का प्रयोग तब किया जाता है, जब समय, धन एवं मानव - संसाधन की कमी हो या सूचनाएँ आसानी से उपलब्ध हों। यदि आँकड़े संकलन के लिए प्रतिदर्श विधि का उपयोग किया गया है, तो इसका ध्यान रखा जाना चाहिए कि यह उपयुक्त है या नहीं।
प्रश्न 13.
किन्हीं तीन परियोजनाओं के उदाहरण दीजिए, जिनकी रिपोर्ट तैयार की जा सके।
उत्तर:
आप एक जिला शिक्षा अधिकारी हैं, जो अपने जिले में साक्षरता स्तर का मूल्यांकन तथा बच्चों के विद्यालय से पढ़ाई छोड़ने का कारण जानना चाहते हैं। एक रिपोर्ट तैयार कीजिए। मान लीजिए, आप एक क्षेत्र विशेष में सतर्कता - अधिकारी के रूप में नियुक्त हैं और आपको विक्रेताओं द्वारा सामानों की अधिक कीमत लेने की शिकायत मिलती है, अर्थात् अधिकतम खुदरा कीमत से अधिक कीमत वसूलने की शिकायत । आप कुछ दुकानों का दौरा करें और शिकायत के संबंध में एक रिपोर्ट तैयार करें। मान लें कि आप किसी ग्राम के मुखिया (सरपंच या प्रधान) हैं, जो मूलभूत संसाधन, जैसे - लोगों के लिए सुरक्षित पेयजल, उपलब्ध कराना चाहते हैं। आप संबद्ध मुद्दों को एक रिपोर्ट के रूप में प्रस्तुत करें।
प्रश्न 14.
किन्हीं तीन बहु विकल्प प्रश्नों का उदाहरण दीजिए जिन्हें हम अपनी प्रश्नावली में शामिल करते हैं।
उत्तर:
प्रश्न 15.
प्रश्नावली एवं अनुसूची में कोई चार अन्तर बताइए।
उत्तर:
आधार |
प्राथमिक समंक |
द्वितीयक समंक |
1. मौलिकता |
प्राथमिक समंक मौलिक होते हैं। |
द्वितीयक समंकों को पूर्व में प्रयोग किया जा चुका होता है। |
2. संग्रहण |
प्राथमिक समंकों को अनुसंधान- कर्ता द्वारा स्वयं जाकर कार्यक्षेत्रों में एकत्र किया जाता है। |
द्वितीयक समंक अन्य व्यक्तियों द्वारा पूर्व में संकलित होते हैं। |
3. समय, धन एवं मानवीय श्रम |
प्राथमिक समंकों को एकत्रित करने के लिये अधिक श्रम, धन व समय की आवश्यकता होती है। |
द्वितीयक समंकों में समय, श्रम व धन की बचत होती है। |
प्रश्न 16.
एक आदर्श प्रश्नावली के कोई तीन गुण बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 17.
प्रगणकों द्वारा अनुसूचियों को भरने के लाभ बताइये।
उत्तर:
प्रगणकों द्वारा अनुसूचियों को भरने के लाभ:
प्रश्न 18.
आँकड़ों को सारणीयन करने के कोई चार महत्त्व बताइये।
उत्तर:
प्रश्न 19.
एक सर्वेक्षण द्वारा प्राप्त सूचनाओं को आयु के आधार पर वर्गीकृत कर उन्हें रेखाचित्र द्वारा प्रदर्शित करने का काल्पनिक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
हमने एक सर्वे किया जिसमें 500 व्यक्तियों से प्रश्नावली भरवाई तथा उन प्रश्नावलियों के आधार पर आयु के क्रमानुसार वर्गीकृत कर उन्हें सारणी एवं रेखाचित्र में निम्न प्रकार प्रस्तुत करेंगे
आयु (वर्षों में) |
व्यक्तियों की संख्या |
10 वर्ष से कम |
74 |
10 - 20 |
56 |
20 - 30 |
91 |
30 - 40 |
146 |
40 - 50 |
93 |
50 से अधिक |
40 |
योग |
500 |
निबन्धात्मक प्रश्न:
(क) सैद्धान्तिक प्रश्न:
प्रश्न 1.
एक परियोजना के विभिन्न चरणों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
परियोजना के चरण एक परियोजना के विभिन्न चरणों को निम्न बिन्दुओं की सहायता से स्पष्ट किया जा सकता है।
(1) अध्ययन के क्षेत्र या समस्या को पहचानना: किसी भी परियोजना का प्रथम चरण यह है कि हमें अध्ययन क्षेत्र अथवा समस्या की पूरी जानकारी होनी चाहिए अर्थात् हमें यह बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए कि हमारे अध्ययन का उद्देश्य क्या है? क्योंकि इन्हीं उद्देश्यों के आधार पर हम आँकड़ों का संग्रह करेंगे।
अतः परियोजना का अध्ययन क्षेत्र बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए। उदाहरण के लिए, कार, मोबाइल फोन, जूतापॉलिश, नहाने के साबुन या कपड़ा धोने के पाउडर आदि किसी भी उत्पाद का उत्पादन या बिक्री आपके अध्ययन का क्षेत्र हो सकता है। हम संभवतः किसी क्षेत्र विशेष के निवासियों की बिजली या पानी की समस्या का हल निकालना चाहते हों। हम परिवारों के बीच उपभोक्ता जागरूकता अर्थात् 'उपभोक्ताओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता' के बारे में अध्ययन कर सकते हैं।
(2) लक्ष्य समूह का चुनाव: अध्ययन के लिए उपयुक्त प्रश्नों की एक प्रश्नावली बनाने के लिए लक्षित समूह का चुनाव बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। यदि हमारी परियोजना मोटर कार से संबंधित है, तब हमारा लक्ष्यसमूह मुख्यतः मध्यम आय वर्ग या उच्च आय वर्ग होगा। इसी प्रकार उपभोक्ता वस्तु साबुन से जुड़े अध्ययन के लिए हमें ग्रामीण एवं शहरी उपभोक्ताओं को अपना लक्ष्य बनाना होगा। इसलिए, लक्षित समूह का चुनाव, अर्थात् उस समूह की पहचान करना जिस पर हमें ध्यान केंद्रित करना है, किसी भी परियोजना की रिपोर्ट तैयार करने के क्रम में बहुत ही महत्त्वपूर्ण चरण है।
(3) आँकड़ों का संकलन: सर्वेक्षण का उद्देश्य यह तय करने में सहायक होगा कि प्राथमिक आँकड़ों का उपयोग किया जाए या द्वितीयक आँकड़ों का या दोनों का। पहली बार आँकड़ों का संग्रह प्राथमिक विधि के उपयोग द्वारा किया जा सकता है, जिसके लिए किसी प्रश्नावली या साक्षात्कार अनुसूची का प्रयोग कर व्यक्तिगत साक्षात्कार, डाक सर्वेक्षण, फोन, ई-मेल आदि
के द्वारा आँकड़े संगृहीत किए जा सकते हैं।
लक्ष्य समूह का आकार एवं विशेषता आपके उददेश्य पर आधारित होती है। उदाहरण के लिए, महिला साक्षरता या विशेष प्रकार के ब्रांड के साबुन की खपत से संबंधित सर्वेक्षण के लिए हमें प्रत्येक परिवार या घर से जानकारी लेनी होगी।
द्वितीयक आँकड़े प्रकाशित या अप्रकाशित स्रोतों (किसी संगठन के निजी संग्रह द्वारा) के माध्यम से सूचनाएँ उपलब्ध कराते हैं, यदि ये हमारी आवश्यकताओं के अनुकूल हों।
द्वितीयक स्रोत के आँकड़ों का प्रयोग प्रायः तब किया जाता है, जब समय, धन एवं मानवसंसाधन की कमी हो या सूचनाएँ आसानी से उपलब्ध हों। यदि आँकड़े संकलन के लिए प्रतिदर्श विधि का उपयोग किया गया है, तो इसका ध्यान रखा जाना चाहिए कि यह उपयुक्त है या नहीं।
(4) आँकड़ों का संगठन एवं प्रस्तुतीकरण आँकड़ासंग्रह के बाद, प्राप्त सूचनाओं को संसाधित करने की जरूरत होती है, जिसे सारणीयन एवं उपयुक्त आरेखों, जैसे-दंड-आरेख, वृत्त-आरेख आदि द्वारा संगठित एवं प्रस्तुत किया जा सकता है।
(5) विश्लेषण एवं व्याख्या: केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप (जैसे - माध्य), परिक्षेपण के माप (जैसेमानक विचलन) और सह संबंध हमें औसत, प्रसरणशीलता तथा सहसंबंधों (यदि ये विद्यमान हैं) के परिकलन के योग्य बनाएगा।
(6) उपसंहार: आखिरी चरण में विश्लेषण के बाद परिणामों की व्याख्या करनी होगी। यदि संभव हो तो विकास तथा सरकारी नीतियों आदि के विषय में संकलित आँकड़ों के आधार पर भावी परिदृश्य के पूर्वानुमान लगाने तथा सुझाव देने का प्रयास करते हैं।
(7) ग्रंथ सूची: इस अनुभाग में, हमें उन सभी द्वितीयक स्रोतों; जैसे- पत्रिकाओं, समाचार-पत्रों, शोध रिपोर्टों आदि के बारे में विवरण देने की जरूरत होती है, जिनका प्रयोग हमने परियोजना बनाते समय किया था।
प्रश्न 2.
आप विद्यालय में अध्यापक हैं तथा आपकी कक्षा में 30 विद्यार्थी हैं। आप इन विद्यार्थियों को तीन - तीन विद्यार्थियों के समूह में एक - रिपोर्ट तैयार करने का कार्य अथवा प्रोजेक्ट देना चाहते हैं, अतः आप कोई 10 परियोजनाओं की प्रस्तावित सूची तैयार कीजिए।
उत्तर:
परियोजनाओं की प्रस्तावित सूची:
(ख) व्यावहारिक अथवा क्रियात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
आप एक युवा व्यवसायी हैं तथा आप एक खुदरा दुकान खोलना चाहते हैं तथा बिक्री के लिए विभिन्न ब्रांडों के साबुन चुनना चाहते हैं। अतः साबुन के विभिन्न ब्रांडों का चुनाव करने सम्बन्धी निर्णय लेने के लिए आँकड़े एकत्रित करने हेतु एक प्रश्नावली बनाइए।
उत्तर:
1. आपका नाम ...................
2. आपके निवास का क्षेत्र
3. लिंग
4. आपकी आयु (वर्षों में):
5. आपके परिवार में सदस्यों की संख्या है
6. आपके परिवार में आय अर्जक अथवा कमाने वाले सदस्यों की संख्या कितनी है?
7. आपका व्यवसाय:
8. आपके परिवार की मासिक आय (रुपयों में)
9. क्या आप नहाते समय साबुन का इस्तेमाल करते ...............
10. आप किस ब्रांड का नहाने का साबुन इस्तेमाल करते हैं?
11. सामान्यतः आप 100 ग्राम नहाने के साबुन की टिकिया हेतु कितने रुपये का भुगतान करते हैं? ................
12. क्या आप साबुन के रंग से प्रभावित होकर साबुन खरीदते हैं? (हाँ/नहीं)
13. क्या आप साबुन की खुशबू से प्रभावित होकर साबुन खरीदते हैं? (हाँ/नहीं)
14. क्या आप नहाने के साबुन की विनिर्माण एवं . समाप्ति की तारीख देखते हैं? (हाँ/नहीं)
15. क्या आप साबुन खरीदते समय साबुन की कीमत देखकर ही साबुन खरीदते हैं? (हाँ/नहीं)
16. क्या आप साबुन के कवर पर उसमें प्रयुक्त संघटकों (सामग्रियों) की जाँच करते हैं? (हाँ/नहीं)
17. क्या आप अपने साबुन की गुणवत्ता से सन्तुष्ट हैं? (हाँ/नहीं)
18. क्या आपको अपने नहाने के साबुन की कीमत अधिक लगती है? (हाँ/नहीं)
19. क्या आप अपने नहाने के साबुन से सन्तुष्ट नहीं होने पर दुकानदार से इसकी शिकायत करते हैं? .................. (हाँ/नहीं)
20. क्या आपकी शिकायत समय पर सुनी गई? (हाँ/नहीं)
21. उत्पाद से असन्तुष्ट होने पर, क्या आप कभी उपभोक्ता अदालत में गए हैं? (हाँ/नहीं)
22. आपको आपके द्वारा प्रयोग किए साबुन की जानकारी कहाँ से प्राप्त हुई?
23. क्या आपको उत्पाद का विज्ञापन आकर्षक लगा? (हाँ/नहीं)
24. क्या आप विज्ञापन से प्रभावित होकर साबुन खरीदते हैं? (हाँ/नहीं)
25. क्या आप विक्रय प्रोत्साहक प्रस्तावों से आकर्षित (हाँ/नहीं)
26. यदि बाजार में कोई नया नहाने का साबुन आता है तो क्या आप उसे खरीदेंगे?
हाँ/नहीं यदि हाँ तो आप खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखेंगे? (कृपया लिखिए)