These comprehensive RBSE Class 11 Biology Notes Chapter 5 पुष्पी पादपों की आकारिकी will give a brief overview of all the concepts.
→ पृथ्वी पर सबसे अधिक विकसित पुष्पीय पादप हैं। ये आकार, माप, संरचना, जीवनकाल, आवास तथा पोषण की विधि में अधिक विविधता प्रदर्शित करते हैं। पौधों में मूल व प्ररोह तन्त्र होता है। मूल तन्त्र में मूसला या झकड़ा मूल पाई जाती है। द्विबीजपत्री में मूसला मूल तथा एकबीजपत्री में झकड़ा मूल होती है। कुछ पौधों में मूल भोजन के संग्रहण तथा यांत्रिक सहारे व श्वसन के लिए रूपान्तरित हो जाती है। प्ररोह तन्त्र तना, पर्ण, पुष्प तथा फलों में बंटा रहता है। तने पर पर्व व पर्वसन्धियाँ, बहुकोशिकीय रोम होते हैं तथा यह धनात्मक प्रकाशानुवर्ती प्रकृति का होता है। तने भी विभिन्न कार्यों हेतु रूपान्तरित होते हैं। पत्ती तने पर पर्वसन्धियों से निकलती है। पत्ती हरी व प्रकाश-संश्लेषण का कार्य करती है। पत्ती के आकार. माप, किनारे व शीर्ष तथा शिराविन्यास में विविधता होती है तथा विभिन्न कार्यों हेतु इसमें भी रूपान्तरण पाये जाते हैं।
→ पुष्प एक रूपान्तरित प्ररोह है व यह लैंगिक जनन करता है। पुष्प विभिन्न प्रकार के पुष्पक्रम में विन्यसित रहते हैं। पुष्प के बाह्यदलपुंज, दलपुंज, पुमंग व जायांग में भी विविधता मिलती है। निषेचन के बाद अण्डाशय से फल तथा बीजाण्ड से बीज का निर्माण होता है। एकबीजपत्री व द्विबीजपत्री बीजों में अन्तर होता है । पुष्पीय लक्षण पुष्पीय पादपों के वर्गीकरण तथा पहचान के आधार हैं । पुष्पीय पादपों का वर्णन वैज्ञानिक शब्दावली का उपयोग करते हुए एक निश्चित क्रम में कर सकते हैं। पुष्पीय लक्षणों को वर्णन, पुष्पीय चित्रों व पुष्प सूत्र द्वारा बताया जाता है।
→ पत्तागोभी सबसे बड़ी कलिका का उदाहरण है।
→ केले के पर्ण आधारों से स्तम्भ बनता है जिसे आभासी स्तम्भ कहते हैं। इसके बीच में से स्केप (scape) निकलता है।
→ सबसे चौड़ी पर्ण विक्टोरिया अमेजोनिका (Victoria amazonica) की होती है। सबसे लम्बी पर्ण राफिया विनिफैरा (Raphia vinifera) की होती है।
→ वुल्फिया एक जलीय जड़हीन पादप है व छोटा आवृतबीजी पादप है।
→ केलोफिल्लम (Calophyllum) द्विबीजपत्री पौधा है परन्तु इसमें समानान्तर शिराविन्यास होता है।
→ स्माइलैक्स (Smilax) एकबीजपत्री पौधा है परन्तु इसकी पत्ती में जालिकारूपी (reticulate) शिराविन्यास मिलता है।
→ लिलिएसी कुल का पादप युक्का में परागण विशिष्ट शलभ (moth) प्रोनूबा युक्कासेला (Pronuba yuccasella) द्वारा होता है। यह सहजीवन का अच्छा उदाहरण है।
→ सबसे छोटे बीज आर्किड्स में तथा बड़े बीज डबल कोकोनट में होते हैं।