These comprehensive RBSE Class 11 Accountancy Notes Chapter 5 बैंक समाधान विवरण will give a brief overview of all the concepts.
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→ प्रत्येक व्यवसायी बैंक में चालू खाता रखता है तथा व्यापारी बैंक सम्बन्धी लेन-देनों को रोकड़ बही के बैंक स्तम्भ में लिखता है। व्यापारी बैंक में राशि जमा कराने पर रोकड़ बही के बैंक खाने के डेबिट में लिखता है तथा बैंक से राशि निकालने पर बैंक खाने के क्रेडिट में लेखा करता है। बैंक में प्रत्येक ग्राहक का अलग-अलग खाता खोला जाता है जिसकी नकल ग्राहकों को एक पुस्तक में लिख कर दी जाती है। इस पुस्तक को पास बुक (Pass Book) कहते हैं। ग्राहक द्वारा बैंक में राशि जमा कराने पर बैंक ग्राहक के खाते में क्रेडिट पक्ष में तथा राशि निकालने पर डेबिट पक्ष में लेखा करता है। समस्त व्यवहारों का रोकड़ बही के बैंक खाने तथा पास बुक में उसी तिथि को सही लेखा हो जाने पर रोकड़ बही व पास बुक का शेष बराबर परन्तु विपरीत होगा क्योंकि ग्राहक व बैंक का सम्बन्ध देनदार व लेनदार का होता है। दोनों पुस्तकों का शेष निम्न प्रकार हो सकता है
बैंक विवरण अथवा पासबुक में दर्शाई धन राशि के शेष का मिलान रोकड़ बही के बैंक स्तंभ में दर्शाये गए शेष से होना चाहिए। लेकिन व्यवहार में इन दोनों के शेष में अंतर पाया जाता है। पासबुक के प्रदर्श का अध्ययन करने पर आप पाएंगे कि सभी जमा किए गए चेक व रोकड़ संबंधी सौदे इसके जमा पक्ष में दर्शाये गए हैं तथा भुगतान व आहरण संबंधी सौदे इसके नाम पक्ष में दर्शाये गए हैं। इसलिए यदि जमा राशि आहरित राशि से अधिक होगी तो यह जमा शेष का प्रदर्शन करेगा और यदि आहरण, जमा की गई राशि से अधिक होगा तो यह नाम शेष अर्थात् अधिविकर्ष का प्रदर्शन करेगा।
→ बैंक समाधान विवरण का अर्थ: किसी निश्चित तिथि को रोकड़ बही के बैंक स्तम्भ का शेष तथा पास बुक के शेष में पाए जाने वाले अन्तर के मिलान हेतु एक विवरण बनाया जाता है जिसे बैंक समाधान विवरण कहते
→ आर. जी. विलियम्स के अनुसार, "बैंक द्वारा ग्राहक के लिए प्रकट की गयी बाकी और ग्राहक की रोकड़ पुस्तक में बैंक की बाकी का मिलान करने के लिए जो विवरण पत्र बनाया जाता है, उसे बैंक समाधान विवरण कहा जाता है।"
→ कार्टर के अनुसार, "बैंक समाधान विवरण एक ऐसा विवरण पत्र है जो बैंक विवरण द्वारा दिखाये गये बैंक शेष तथा रोकड़ बही के बैंक खानों द्वारा दिखाये गये बैंक शेष का मिलान करने के लिए बनाया जाता है।
→ बैंक समाधान विवरण की आवश्यकता/उपयोगिता
सूचना के अभाव में रोकड़ बही में न हुई प्रविष्टियों का लेखा करने हेतु। रोकड़ बही के बैंक शेष व पास बुक के शेष में अन्तर होने के कारण
(1) लेन-देन के अभिलेखन के समय में अन्तर
(2) व्यवसाय अथवा बैंक द्वारा की गई अशुद्धियाँ/त्रुटियाँ
इसे राशि के दो स्तंभों के साथ भी बनाया जा सकता है जिनमें एक जोड़ने (+) वाली मदों की राशि व दूसरा घटाने (-) वाली मदों की राशि का प्रदर्शन करता है।
→ बैंक समाधान विवरण बनाने की विधियाँ: बैंक समाधान विवरण बनाने की दो विधियाँ प्रचलित हैं|
I. समायोजित रोकड़ बही शेष की सहायता के बिना बैंक समाधान विवरण बनाना
II. समायोजित रोकड़ बही शेष की सहायता से बैंक समाधान विवरण तैयार करना