These comprehensive RBSE Class 11 Accountancy Notes Chapter 2 लेखांकन के सैद्धांतिक आधार will give a brief overview of all the concepts.
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→ लेखांकन सिद्धान्त (Accounting Principles): व्यवसाय से सम्बन्धित समस्त मौद्रिक अथवा आर्थिक सूचनाओं का सम्प्रेषण सम्बन्धित पक्षकारों को वित्तीय विवरणों के माध्यम से किया जाता है। वित्तीय विवरणों का निर्माण सामान्यतः स्वीकृत लेखांकन सिद्धान्तों के अनुसार होना चाहिए। अलग-अलग व्यवसायों या फर्मों के द्वारा अलग-अलग सिद्धान्तों के आधार पर तैयार किए गए वित्तीय विवरण न तो तुलनीय होते हैं न ही इनको सभी पक्षकार आसानी से समझ सकते हैं; अतः वित्तीय विवरण भ्रामक न हों इसके लिए यह अत्यन्त आवश्यक है कि इन विवरणों का निर्माण सर्वमान्य या सामान्यतः स्वीकृत लेखांकन सिद्धान्तों के आधार पर किया जाए।
→ लेखांकन के सैद्धान्तिक आधारों में वर्षों की समयावधि में विकसित वह सभी सिद्धान्त, अवधारणाएँ, नियम व निदेशिकाएँ आती हैं जो कि लेखांकन पद्धति में समनुरूपता व एकरूपता लाकर लेखांकन सूचना को उसके विभिन्न उपयोगकर्ताओं के लिए अधिकाधिक उपयोगी बनाती हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न लेखाकारों की लेखांकन पद्धतियों में समानता व एकरूपता लाने के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउण्टेन्ट्स ऑफ इंडिया (ICAI) जो कि देश में लेखांकन नीति के मानक स्थापित करने का नियामक निकाय है, समय-समय पर लेखांकन मानक (Accounting Standard) जारी करता रहता है।
→ आधारभूत लेखांकन संकल्पनाएँ (Basic Accounting Concepts): लेखांकन की वर्तमान स्थिति तक पहुँचने में एक लम्बा समय लगा है। इस समय के दौरान लेखांकन की कई अवधारणाएँ और परम्पराएँ या प्रथाएँ विकसित हुई हैं। इन नियमों, पद्धतियों व परम्पराओं को सामान्यतः स्वीकृत लेखांकन सिद्धान्तों (Generally Accepted Accounting Principles-GAAP) के नाम से जाना जाता है। इस प्रकार सामान्यतः मान्य लेखांकन सिद्धान्तों (GAAP) से तात्पर्य वित्तीय विवरणों के लेखन व निर्माण एवं प्रस्तुतिकरण में एकरूपता लाने के उद्देश्य से प्रयुक्त उन सभी नियमों व निर्देशक क्रियाओं से है जिनका प्रयोग व्यावसायिक लेन-देनों के अभिलेखन व प्रस्तुतिकरण के लिए किया जाता है। लेखांकन अवधारणाओं के अन्तर्गत प्रमुखतः निम्नलिखित को सम्मिलित किया जाता है
→ लेखांकन प्रणालियाँ (Accounting Systems): लेखांकन की प्रणालियों को सामान्यतः दो प्रकारों में बांटा जाता है
→ लेखांकन के आधार (Bases of Accounting): लेखांकन में आगम व लागतों को मूलतः दो मुख्य आधारों | पर लेखांकित किया जाता है
→ लेखांकन मानक (Accounting Standard): लेखांकन मानक लेखांकन के नियमों, निर्देशों व अभ्यासों के संबंध में वह लिखित वाक्यांश है जो लेखांकन सूचना के प्रयोगकर्ताओं के लिए वित्तीय विवरणों में समरूपता व एकरूपता लाते हैं। लेकिन यहाँ यह ध्यान रखना आवश्यक है कि मानकों की आड़ में देश विशेष के व्यावसायिक वातावरण में प्रचलित कानून, परंपराओं आदि की अवहेलना नहीं की जा सकती।
अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्रणाली (आई.एफ.आर.एस.)-अर्थव्यवस्था को अधिक गतिशील, प्रतिस्पर्धात्मक करने हेतु तथा अन्तर्राष्ट्रीय विश्लेषकों एवं निवेशकों में विश्वास बढ़ाने हेतु यह महत्त्वपूर्ण है कि विभिन्न देशों के व्यावसायिक संगठनों द्वारा वित्तीय विवरणों को आगे रखा जाए ताकि वे सदृश मापदण्डों, निवेशक हितैषी, स्पष्ट, पारदर्शी तथा निर्णय योग्यता के आधार पर तुलनीय हों। इसे दृष्टिगत रखते हुए लेखांकन मानकों के वैश्विक अभिसरण का झुकाव अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग पर जोर देना है।
→ आई.एफ.आर.एस. की आवश्यकता
वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) यह एक गंतव्य आधारित एकल कर है, जो निर्माणकर्ताओं से लेकर उपभोक्ताओं तक वस्तुओं और सेवाओं की पूर्ति पर लागू होता है।