These comprehensive RBSE Class 11 Accountancy Notes Chapter 13 कंप्यूटरीकृत लेखांकन प्रणाली will give a brief overview of all the concepts.
RBSE Class 11 Accountancy Chapter 13 Notes कंप्यूटरीकृत लेखांकन प्रणाली
→ कम्प्यूटरीकृत लेखांकन प्रणाली-कम्प्यूटरीकृत लेखांकन प्रणाली एक लेखा सूचना प्रणाली के समान है जो कि वित्तीय क्रियाकलापों को कार्यान्वित करने और घटनाओं के विवरणों को उपयोगकर्ता की आवश्यकतानुसार तैयार करता है। यह सिद्धान्त डाटा बेस पर आधारित है। इसकी दो आधारभूत आवश्यकतायें होती हैं--(i) लेखांकन फ्रेमवर्क और (ii) प्रचालन प्रक्रिया।
→ डाटा बेस के अनुप्रयोग को उपयोग में लेने वाले कम्प्यूटरों की मूलभूत आवश्यकताएँ
- फ्रन्ट-इन्ड इंटरफेस (Front-end Interface)
- बैक-इन्ड डाटा बेस (Back-end Database)
- डाटा प्रक्रम (Data Processing)
- प्रतिवेदन प्रणाली (Reporting System)।
→ मानवीय व कम्प्यूटरीकृत लेखांकन के मध्य तुलना
- पहचान करना
- अभिलेखन
- वगीकरण
- संक्षिप्तीकरण
- समायोजन प्रविष्टि
- वित्तीय विवरण
- पुस्तकों को बन्द करना
→ कम्प्यूटरीकृत लेखांकन प्रणाली के लाभ
- गति
- परिशुद्धता
- विश्वसनीयता
- अद्यतन या आधुनिकतम सूचना
- वास्तविक समय के उपयोगकर्ता का इंटरफेस
- स्वतः दस्तावेजों का उत्पादन
- मापन योग्य
- सुपाठ्य
- कार्यकुशलता
- योग्यता प्रतिवेदन
- प्रबन्ध सूचना प्रणाली प्रतिवेदन
- भण्डारण व पुनः प्राप्ति
- प्रोत्साहन और कर्मचारियों का हित
→ कम्प्यूटरीकृत लेखांकन प्रणाली की सीमायें
- प्रशिक्षण में खर्च
- कर्मचारीगण का विरोध
- विघटन (disruption)
- प्रणाली का असफलता
- असहभागिता की गलती को जाँचने में अक्षम
- सुरक्षा में दरार
- स्वास्थ्य पर प्रभाव
→ लेखांकन पैकेज का वर्गीकरण
- प्रयोग के लिए तैयार (Ready to use)
- उपभोक्तानुकूल (Customised)
- उपयुक्त (Tailored)

→ लेखांकन सॉफ्टवेयर लेने से पूर्व विचार योग्य मुख्य घटक
- लचीलापन
- संस्थापन तथा देखभाल की लागत
- संगठन का आकार
- सरलता से समायोजित तथा प्रशिक्षण की आवश्यकता
- उपयोगिता
- अपेक्षित गोपनीयता का स्तर (सॉफ्टवेयर व डाटा)
- आयात/निर्यात डाटा सुविधा
- विक्रेताओं के नाम एवं योग्यता।