RBSE Class 11 Accountancy Notes Chapter 12 लेखांकन में कंप्यूटर का अनुप्रयोग

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RBSE Class 11 Accountancy Chapter 12 Notes लेखांकन में कंप्यूटर का अनुप्रयोग

→ कम्प्यूटर - कम्प्यूटर एक ऐसी विद्युत युक्ति है, जिससे विविध प्रक्रिया द्वारा अपेक्षित निर्देशों का पालन कराया जा सकता है।

→ कम्प्यूटर प्रणाली का अर्थ-कम्प्यूटर एक विद्युत युक्ति है जो कि निर्देशों के समूह के आदेश पर विभिन्न प्रकार के कार्य करने में सक्षम है। निर्देशों के इस समूह को कम्प्यूटर प्रोग्राम कहा जाता है।

→ कम्प्यूटर प्रणाली के घटक/तत्त्व (Elements)-कम्प्यूटर के मुख्यतः 6 तत्त्व माने जाते हैं जो कि निम्नलिखित हैं

  • यंत्र सामग्री (Hardware)
  • प्रक्रिया सामग्री (Software)
  • उपयोगकर्ता (People)
  • क्रियाविधियाँ (Procedures)
  • आँकड़े (Datas)
  • संयुक्तिकरण (Connectivity)।

→ कम्प्यूटर प्रणाली की क्षमताएँ (Capabilities) या विशेषताएँ या लक्षण-कम्प्यूटर प्रणाली की कुछ | विशेषताएँ होती हैं जो कि इसे मनुष्य से अधिक सामर्थ्यवान बनाती हैं । कम्प्यूटर प्रणाली की क्षमताएँ निम्न प्रकार हैं

  • तीव्र गति
  • परिशुद्धता
  • विश्वसनीयता
  • बहुआयामी
  • संचयन अथवा भण्डारण 

RBSE Class 11 Accountancy Notes Chapter 12 लेखांकन में कंप्यूटर का अनुप्रयोग 

→ कम्प्यूटर प्रणाली की सीमाएँ (Limitations)

  • सामान्य चेतना का अभाव
  • शून्य आई.क्यू
  • निर्णय लेने में असमर्थ
  • भावनाशून्य। 

→ कम्प्यूटर के अंग/संघटक (Components)

  • निवेश एकक/इकाई (Input Unit) । 
  • केन्द्रीय संसाधन एकक/इकाई (Central Processing Unit)
  • निर्गम एकक/इकाई (Output Unit)

→ कम्प्यूटरीकृत लेखांकन का उद्भव
परम्परागत रूप में किसी भी संस्था, व्यापार के समस्त वित्तीय लेन-देन को दर्ज करना, उनका विवरण, भण्डारण आदि मानवीय लेखा प्रणाली द्वारा पूर्ण किया जाता था। लेखाधिकारी द्वारा ही रोकड़ बही, रोजनामचा एवं बहीखाता तथा अन्य लेखा पुस्तकों को तैयार किया जाता था तथा अपने पास रखा जाता था, जिनकी सहायता से लेन-देन का पूरा एवं निर्णयात्मक लेखा हस्तरूपी तौर पर तैयार किया जाता था। इस प्रकार से तैयार किये लेखों के माध्यम से लेखाधिकारी द्वारा वर्ष के अन्त में स्थिति विवरण तैयार किये जाते थे जिनके माध्यम से व्यापार की वास्तविक स्थिति का ज्ञान हो सके। तकनीकी आविष्कारों की सहायता से कई मशीनें विकसित की गईं जो विभिन्न प्रकार की लेखा प्रक्रिया करने में सक्षम हों तथा जिनके माध्यम से अल्प समय में व्यापारिक सौदों को दर्ज किया जा सके, जिसमें गणितीय शुद्धता विद्यमान हो, कार्य की विश्वसनीयता बनी रहे। तीव्र प्रतिस्पर्धा, बढ़ते व्यापारिक लेन-देन तथा लेन-देन की जटिलताओं के साथ एक उभरते हुए संगठन की सफलता संसाधनों का ठीक ढंग से प्रयोग, तुरन्त निर्णय लेने की क्षमता एवं नियंत्रण पर आश्रित होती है।

इसलिए लेखा डाटों (Datas) को इस प्रकार लिपिबद्ध करना आवश्यक हो गया कि आवश्यकता पड़ने पर उनका सही समय पर उपयोग किया जा सके। लेखा जानकारी को इस प्रकार लिपिबद्ध करना केवल कम्प्यूटरीकृत लेखा प्रणाली द्वारा ही संभव हो सकता है। कम्प्यूटरीकृत प्रणाली के माध्यम से सभी व्यापारिक क्रियाओं को सही रूप से लिपिबद्ध कर उन्हें भण्डारित किया जाता है जिससे आवश्यकता पड़ने पर उन्हें काम में लाया जा सके। 

→ सूचना एवं निर्णय
संगठन प्रणालियों का ऐसा संग्रह है जो कि अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कार्य करती है तथा प्रणालियों के माध्यम से प्राप्त परिणामों के आधार पर ही पारस्परिक रूप से निर्णय लिये जाते हैं। संगठन ऐसी सूचनाओं को प्राप्त करता है तथा उन्हें अपनी आवश्यकतानुसार रूपान्तरित करता है। प्रत्येक सूचना संस्था में महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है। प्रत्येक संगठन का अपना एक सूचना विभाग होता है तथा ये महत्त्वपूर्ण सूचनाएँ प्रत्येक प्रबन्धन संस्थान के लिए, प्रबन्धक वर्ग के लिए निर्णयन का आधार बनती हैं। 

प्रत्येक व्यवहार की प्रक्रिया प्रणाली के तीन अंग होते हैं

  • निवेश (Input),
  • संसाधन (Process) और
  • निर्गम (Output)। 

→ लेन-देन प्रक्रम प्रणाली (Transaction Processing System)
लेन-देन प्रक्रम प्रणाली सबसे पहली कम्प्यूटरीकृत प्रणाली है जो बड़ी से बड़ी कारोबारी कम्पनियों की जरूरतों को पूरा करती है। बैंक के ग्राहक द्वारा ए.टी.एम. से अपने पैसे निकालने का लेन-देन प्रक्रम निम्न क्रमों में होता है

  • डाटा प्रविष्टि (Data Entry)
  • डाटों की वैधता (Data Validation)
  • प्रक्रम एवं पुनः वैधता (Processing and Revalidation)
  • संचयन (Storage)
  • सूचना (Information)
  • प्रतिवेदन (Reporting)।

→ कम्प्यूटरीकृत लेखा प्रणाली की विशेषताएँ

  • लेखा समंकों (Datas) का ऑनलाइन निवेश तथा भण्डारण हो जाता है।
  • क्रय तथा विक्रय बीजक छपे रूप में प्राप्त हो जाते हैं।
  • प्रत्येक लेन-देन का सांकेतिक कोड दिये जाने से यह तर्कसंगत प्रणाली है।
  • खाताबही में प्रारम्भ से ही समूहन (Grouping) होकर खतौनी हो जाती है।
  • आवश्यकतानुसार प्रबन्धकों को प्रतिवेदन तुरन्त प्रदान किया जा सकता है।

RBSE Class 11 Accountancy Notes Chapter 12 लेखांकन में कंप्यूटर का अनुप्रयोग

→ प्रबन्ध सूचना प्रणाली (Management Information System) एवं लेखांकन सूचना प्रणाली (Accounting Information System)-प्रबन्ध सूचना प्रणाली एक ऐसी प्रणाली है जो निर्णय लेने एवं किसी संस्था के सुचारु रूप से प्रबन्धन के लिए जरूरी सूचना तैयार करती है। संस्था के दीर्घकालीन नीतिगत लक्ष्यों को पूरा करने, उद्देश्यों को प्राप्त करने में प्रबन्धन सूचना प्रणाली महत्त्वपूर्ण रोल अदा करती है। प्रबन्धन द्वारा लेखांकन सूचना प्रणाली का प्रयोग अनेक स्तरों पर किया जाता है-संचालन, कौशल एवं सामरिक। 

→ लेखांकन प्रतिवेदन का प्रारूप विभिन्न समंकों को मिलाकर सूचना बनाई जाती है। जब सम्बद्ध सूचना को एक खास जरूरत को पूरा करने के लिए संक्षेप में प्रस्तुत किया जाता है तो वह प्रतिवेदन कहलाता है। अन्य प्रतिवेदन की तरह प्रत्येक लेखांकन प्रतिवेदन में अग्रलिखित गुण होना आवश्यक होता है

  • प्रासंगिकता
  • समयबद्धता
  • परिशुद्धता
  • पूर्णता
  • संक्षिप्तता। 

प्रतिवेदन के प्रकार-लेखांकन सम्बन्धित प्रबन्धन सूचना प्रणाली प्रतिवेदन निम्न प्रकार के हो सकते हैं

  • संक्षिप्त प्रतिवेदन
  • माँग प्रतिवेदन
  • ग्राहक/आपूर्तिकर्ता विवरण
  • अपवाद प्रतिवेदन
  • उत्तरदायित्व प्रतिवेदन। 

→ लेखा समंकों से प्रतिवेदन बनाते समय उठाये जाने वाले कदम-

  • उद्देश्यों को परिभाषित करना ।
  • प्रतिवेदन का ढाँचा
  • आधार समंकों की पूछताछ करना
  • प्रतिवेदन को अन्तिम रूप देना।

RBSE Class 11 Accountancy Notes Chapter 12 लेखांकन में कंप्यूटर का अनुप्रयोग

→ सूचना प्रणाली में डाटा इन्टरफेस (Data Interface between the Information System)-लेखांकन सूचना प्रणाली किसी भी संस्था का एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। यह किसी अन्य क्रियाशील प्रबन्ध सूचना प्रणाली के लिए सूचनाओं का आदान-प्रदान करता है। प्रबन्ध सूचना प्रणाली के विभिन्न उप-अवयवों के बीच के सम्बन्ध और सूचना विनिमय को निम्नलिखित रूप से स्पष्ट करते हैं

  • लेखांकन सूचना प्रणाली, विनिर्माण सूचना प्रणाली व मानव संसाधन सूचना प्रणाली।
  • लेखांकन सूचना प्रणाली और विपणन सूचना प्रणाली।
  • लेखांकन सूचना प्रणाली और निर्माण सूचना प्रणाली।
Prasanna
Last Updated on Aug. 30, 2022, 3:52 p.m.
Published Aug. 30, 2022