RBSE Class 10 Social Science Notes Geography Chapter 6 विनिर्माण उद्योग

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RBSE Class 10 Social Science Notes Geography Chapter 6 विनिर्माण उद्योग

→ विनिर्माण - कच्चे पदार्थ को मूल्यवान उत्पाद में परिवर्तित करके अधिक मात्रा में वस्तुओं के उत्पादन को विनिर्माण या वस्तु निर्माण कहा जाता है।

→ विनिर्माण उद्योगों का महत्त्व - विनिर्माण उद्योग सामान्यतः विकास की तथा विशेषतः आर्थिक विकास की रीढ़ समझे जाते हैं।

→ राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान-भारत के विगत दो दशकों में विनिर्माण उद्योगों का 17 प्रतिशत है। भारत की तुलना में अन्य पूर्वी एशियाई देशों का घरेलू उत्पाद में विनिर्माण उद्योगों का योगदान 25 से 35 प्रतिशत है।

→ औद्योगिक अवस्थिति-उद्योगों की स्थापना कच्चे माल की उपलब्धता, श्रमिक, पूँजी, शक्ति के साधन तथा बाजार की उपलब्धता से प्रभावित होती है।

→ समूहन बचत-नगर केन्द्रों द्वारा दी गई सुविधाओं से लाभान्वित कई बार बहुत से उद्योग नगरों के आस-पास ही केन्द्रित हो जाते हैं जिसे समूहन बचत कहा जाता है।

RBSE Class 10 Social Science Notes Geography Chapter 6 विनिर्माण उद्योग

→ उद्योगों का वर्गीकरण
1. प्रयुक्त कच्चे माल के स्त्रोत के आधार पर

  • कृषि आधारित, यथा--सूती वस्त्र, ऊनी वस्त्र, पटसन आदि ।
  • खनिज आधारित, यथा-लौह-इस्पात, सीमेण्ट, एल्यूमिनियम आदि।

2. प्रमुख भूमिका के आधार पर

  • आधारभूत उद्योग, यथा-ताँबा प्रगलन व एल्यूमिनियम प्रगलन आदि।
  • उपभोक्ता उद्योग, यथा-चीनी, दन्तमंजन, सिलाई मशीन आदि।

3. पूँजी निवेश के आधार पर

4. स्वामित्व के आधार पर

  • सार्वजनिक क्षेत्र में लगे उद्योग, यथा - भारत हैवी इलेक्ट्रीकल उद्योग आदि ।
  • निजी क्षेत्र में लगे उद्योग, यथा - टिस्को, बजाज ऑटो लिमिटेड आदि।
  • संयुक्त उद्योग, यथा-ऑयल इण्डिया लिमिटेड आदि।
  • सहकारी उद्योग, यथा-केरल के नारियल उद्योग आदि।

5. कच्चे तथा तैयार माल की मात्रा तथा भार के आधार पर

  • भारी उद्योग, यथा - लौह-इस्पात आदि।
  • हल्के उद्योग, यथा - विद्युतीय उद्योग आदि।

→ औद्योगिक प्रदूषण तथा पर्यावरण निम्नीकरण उद्योग चार प्रकार के प्रदूषण के लिए उत्तरदायी हैं। यथावायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, तापीय प्रदूषण तथा ध्वनि प्रदूषण ।

RBSE Class 10 Social Science Notes Geography Chapter 6 विनिर्माण उद्योग

→ पर्यावरणीय निम्नीकरण की रोकथाम

  • विभिन्न प्रक्रियाओं में जल का न्यूनतम उपयोग करना ।
  • जल की आवश्यकता पूर्ति हेतु वर्षा जल का संग्रहण।
  • नदियों व तालाबों में गर्म जल तथा अपशिष्ट पदार्थों को प्रवाहित करने से पहले उनका शोधन करना।
Prasanna
Last Updated on May 7, 2022, 4:35 p.m.
Published May 6, 2022