RBSE Class 10 Social Science Notes Economics Chapter 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

These comprehensive RBSE Class 10 Social Science Notes Economics Chapter 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था will give a brief overview of all the concepts.

RBSE Class 10 Social Science Notes Economics Chapter 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

→ विगत कुछ वर्षों में भारतीय बाजार पूर्णतः परिवर्तित हो गया है। अब हमारे उपभोक्ताओं के सम्मुख वस्तुओं एवं सेवाओं के अनेक विकल्प हैं। इसका मुख्य कारण वैश्वीकरण है।

→ अन्तरदेशीय उत्पादन - बीसवीं शताब्दी के मध्य तक भारत से कच्चे माल का निर्यात किया जाता था तथा तैयार | माल यहाँ आयात कर भारतवासियों को बेचा जाता था। बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा अपना माल विश्वस्तर पर उत्पादित किया जाता एवं बेचा जाता है।

→ विश्व - भर के उत्पादन को एक-दूसरे से जोड़ना-बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा कम लागत वाले स्थानों पर वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन किया जाता है । बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा किया गया निवेश विदेशी निवेश कहलाता है, जो कई प्रकार से किया जा सकता है। बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के परिणामस्वरूप दूर-दूर स्थानों पर फैला उत्पादन परस्पर संबंधित हो रहा है।

→ विदेश व्यापार और बाजारों का एकीकरण - विदेश व्यापार विभिन्न देशों को आपस में जोड़ने का मुख्य माध्यम है। विदेश व्यापार घरेलू बाजारों अर्थात् अपने देश के बाजारों से बाहर के बाजारों में पहुँचने के लिए उत्पादकों को एक अवसर प्रदान करता है। अतः विदेश व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों को जोड़ने या एकीकरण में सहायक होता है।

RBSE Class 10 Social Science Notes Economics Chapter 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

→ वैश्वीकरण क्या है? विभिन्न देशों के बीच परस्पर सम्बन्ध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया ही वैश्वीकरण कहलाती है। वर्तमान में बहराष्ट्रीय कम्पनियाँ वैश्वीकरण की प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभा रही हैं।

→ वैश्वीकरण को संभव बनाने वाले कारक - वैश्वीकरण की प्रक्रिया को उत्प्रेरित करने वाला सबसे महत्त्वपूर्ण कारक परिवहन प्रौद्योगिकी की तीव्र उन्नति है। इसके अतिरिक्त सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की उन्नति इससे भी महत्त्वपूर्ण कारक है।

→ विदेश व्यापार तथा विदेशी निवेश का उदारीकरण - भारत में 1991 की नीतियों के फलस्वरूप अर्थव्यवस्था को खोल दिया गया तथा विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश से प्रतिबन्धों को काफी हद तक हटा दिया गया जिससे विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश का उदारीकरण हो गया है, यही प्रक्रिया उदारीकरण के नाम से जानी जाती है।

→ विश्व व्यापार संगठन - विश्व व्यापार संगठन एक ऐसा संगठन है जिसका उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना है। यह अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार सम्बन्धी नियमों का निर्धारण करता है।
भारत में वैश्वीकरण का प्रभाव-वैश्वीकरण से उपभोक्ताओं को कम कीमत पर अधिक गुणवत्ता वाली वस्तुएँ एवं सेवाएँ मिलने लगी हैं। भारत में अधिकांश क्षेत्रों में विदेशी निवेश में वृद्धि हुई है। नवीन प्रौद्योगिकी का आगमन हुआ है तथा भारतीय कम्पनियों की प्रतिस्पर्धा क्षमता में वृद्धि हुई है। वैश्वीकरण से भारत के कई उद्योग प्रतिस्पर्धा का सामना नहीं कर पाए, उन्हें हानि भी हुई है।

→ न्यायसंगत वैश्वीकरण के लिए संघर्ष - वैश्वीकरण से देश के सभी लोगों को फायदा नहीं हुआ है । अत: वैश्वीकरण को न्यायसंगत बनाने की आवश्यकता है। वैश्वीकरण के दौर में देश के लोगों के हितों का संरक्षण किया जाना चाहिए।

Prasanna
Last Updated on May 7, 2022, 4:38 p.m.
Published May 6, 2022