RBSE Class 10 Social Science Notes Economics Chapter 1 विकास

These comprehensive RBSE Class 10 Social Science Notes Economics Chapter 1 विकास will give a brief overview of all the concepts.

RBSE Class 10 Social Science Notes Economics Chapter 1 विकास

→ विकास के अन्तर्गत हम जीवन से जुड़े विभिन्न लक्ष्यों तथा उन्हें प्राप्त करने के उपायों के सम्बन्ध में अध्ययन करते हैं, जैसे-जीवन को कैसे जीया जाए? देश कैसा होना चाहिए? किन अनिवार्य वस्तुओं की आवश्यकता है? जीवन को अधिक बेहतर कैसे बनाया जाए? लोग मिल-जुलकर कैसे रहें? अधिक समानता कैसे आ सकती है? इत्यादि।

→ विकास क्या वादा करता है - विभिन्न व्यक्ति, विभिन्न लक्ष्य विभिन्न लोगों के लिए विकास की धारणाएँ भिन्न-भिन्न हो सकती हैं अर्थात् अलग-अलग लोगों के लिए विकास के लक्ष्य भिन्न-भिन्न हो सकते हैं।

→ आय और अन्य लक्ष्य - सामान्यतः सभी व्यक्ति अपनी आय को अधिकतम करना चाहते हैं, साथ ही लोग समानता के व्यवहार, स्वतन्त्रता, सुरक्षा तथा दूसरों से सम्मान पाने की इच्छा रखते हैं।

→ राष्ट्रीय विकास - राष्ट्रीय विकास के अन्तर्गत इन विषयों पर विचार किया जाता है कि क्या सभी विचारों को बराबर का महत्त्व दिया जा सकता है? यदि परस्पर विरोधी विचार हैं तो निर्णय कैसे किया जाएगा? सभी के लिए न्यायपूर्ण और सही राह क्या होगी? क्या कार्य करने का कोई बेहतर तरीका है? क्या इस विचार से बहत से लोगों को लाभ होगा या कुछ को ही? राष्ट्रीय विकास का अभिप्राय इन सब प्रश्नों पर विचार करना है।

RBSE Class 10 Social Science Notes Economics Chapter 1 विकास

→ विभिन्न देशों या राज्यों की तुलना कैसे की जाए? - देशों की तुलना करने के लिए उनकी आय सबसे महत्त्वपूर्ण विशिष्टता मानी जाती है तथा प्रति व्यक्ति आय के आधार पर तुलना करना अधिक बेहतर माना जाता है। विश्व बैंक की रिपोर्ट में भी आय के आधार पर ही देशों का वर्गीकरण किया गया है।

→ आय और अन्य मापदण्ड - विभिन्न देशों अथवा राज्यों की तुलना आय के अतिरिक्त अन्य कई मापदण्डों के आधार पर भी की जाती है, जैसे - सुरक्षा, समानता, आदर, स्वतन्त्रता इत्यादि। उदाहरण के लिए भारत के विभिन्न राज्यों की तुलना शिशु मृत्यु-दर, जन्म-दर, मृत्यु-दर, साक्षरता दर आदि के आधार पर की जा सकती है।

→ सार्वजनिक सुविधाएँ - हम स्वयं के साधन से स्वच्छ वातावरण, बिना मिलावट की वस्तुएँ, बीमारियों से बचाव आदि प्राप्त नहीं कर सकते हैं । अतः सरकार अथवा समाज कई वस्तुएं लोगों को सामूहिक रूप से उपलब्ध करवाते हैं। जो लोगों के बेहतर जीवन के लिए आवश्यक हैं उन्हें सार्वजनिक वस्तुएँ कहते हैं।

→ विकास की धारणीयता - विकास की धारणीयता का तात्पर्य विकास के स्तर को और ऊँचा उठाना अथवा विकास के वर्तमान स्तर को भावी पीढ़ी हेतु बनाए रखने से है।

Prasanna
Last Updated on May 7, 2022, 4:37 p.m.
Published May 6, 2022