These comprehensive RBSE Class 10 Social Science Notes Civics Chapter 7 लोकतंत्र के परिणाम will give a brief overview of all the concepts.
→ लोकतन्त्र के परिणामों का मूल्यांकन कैसे करें लोकतंत्र शासन की अन्य व्यवस्थाओं से बेहतर है क्योंकि यह
सैद्धान्तिक रूप में तो लोकतंत्र को अच्छा माना जाता है पर व्यवहार में इसे इतना अच्छा नहीं माना जाता। आज विश्व के लगभग 100 देशों में किसी न किसी तरह की लोकतांत्रिक व्यवस्था है। इनका औपचारिक संविधान है। इनके यहाँ चुनाव होते हैं और राजनीतिक दल भी हैं। वे अपने नागरिकों को कुछ मूल अधिकारों की गारंटी भी देते हैं। लोकतंत्र के ये सैद्धान्तिक तत्व अधिकांश देशों में समान हैं, लेकिन सामाजिक स्थिति, अपनी आर्थिक उपलब्धि तथा संस्कृतियों के मामले में भिन्न हैं। इन सबका लोकतंत्र के परिणामों पर प्रभाव पड़ता है। लोकतंत्र के परिणामों का मूल्यांकन करते समय यह भी ध्यान रखना होगा कि लोकतंत्र सभी सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता क्योंकि लोकतंत्र शासन का एक स्वरूप भर है। इसका ऐसी अनेक चीजों से कोई सरोकार नहीं है जिनको हम मूल्यवान मानते हैं। यह हमारी सभी बुराइयों को मिटा देने वाली कोई जादू की छड़ी नहीं है।
→ उत्तरदायी, जिम्मेवार और वैध शासन
→ आर्थिक संवृद्धि और विकास - आर्थिक संवृद्धि के मामले में तानाशाही वाले शासनों का रिकार्ड थोड़ा बेहतर है। दोनों प्रकार के शासनों में आर्थिक विकास की दर में अन्तर है।
→ असमानता और गरीबी में कमी - यद्यपि लोकतांत्रिक व्यवस्था राजनीतिक समानता पर आधारित होती है, तथापि यहाँ आर्थिक असमानता में वृद्धि होती रही है। वास्तविक जीवन में लोकतान्त्रिक व्यवस्थाएँ आर्थिक असमानताओं को कम करने में ज्यादा सफल नहीं हुई हैं। ये सरकारें गरीबी के प्रश्न पर भी ध्यान देने को अधिक तत्पर नहीं दिखाई देतीं।
→ सामाजिक विविधताओं में सामञ्जस्य - लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ आमतौर पर अपने अन्दर की प्रतिद्वन्द्विताओं को सँभालने की प्रक्रिया विकसित कर लेती हैं। इससे इन टकरावों के विस्फोटक या हिंसक रूप लेने का अंदेशा कम हो जाता है। सामाजिक अंतर, विभाजन और टकरावों को सँभालना लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का गुण है। यह गुण गैरलोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में नहीं पाया जाता।
→ नागरिकों की गरिमा और आजादी - व्यक्ति की गरिमा और आजादी के मामले में लोकतांत्रिक व्यवस्था किसी अन्य शासन प्रणाली से काफी आगे है। दुनियाभर की लोकतांत्रिक सरकारें कम से कम सिद्धान्त के तौर पर नागरिकों की गरिमा और आजादी को स्वीकार करती हैं। और एक बार जब सिद्धान्त रूप में इस बात को स्वीकार कर लिया गया तो फिर औरतों के लिए वैधानिक और नैतिक रूप से अपने प्रति गलत मान्यताओं और व्यवहारों के खिलाफ संघर्ष करना आसान हो गया। अलोकतांत्रिक व्यवस्था में यह बात संभव नहीं थी। यही बात जातिगत असमानता पर लागू होती है।
→ लोकतंत्र से बढ़ती उम्मीदें लोगों को जब लोकतंत्र से थोड़ा लाभ मिल जाता है तो वे और लाभों की माँग करने लगते हैं; वे अन्य अपेक्षाएँ करने लगते हैं और शिकायतों का अंबार लगा देते हैं। शिकायतों का बने रहना भी | लोकतंत्र की सफलता की गवाही देता है। इससे लोगों की बढ़ती जागरूकता का पता लगता है।