RBSE Class 10 Social Science Notes Civics Chapter 6 राजनीतिक दल

These comprehensive RBSE Class 10 Social Science Notes Civics Chapter 6 राजनीतिक दल will give a brief overview of all the concepts.

RBSE Class 10 Social Science Notes Civics Chapter 6 राजनीतिक दल

→ राजनीतिक दल का अर्थ - राजनीतिक दल लोगों का एक ऐसा संगठित समूह होता है जो चुनाव लड़ने और सरकार में राजनीतिक सत्ता प्राप्त करने के उद्देश्य से काम करता है तथा समाज के सामूहिक हित को ध्यान में रखकर कुछ नीतियाँ और कार्यक्रम तय करता है।

→ राजनीतिक दल के कार्य

  • दल चुनाव लड़ते हैं।
  • नीतियों और कार्यक्रमों को मतदाताओं के सामने रखते हैं।
  • कानून निर्माण में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
  • सरकार बनाते और चलाते हैं।
  • विपक्षी दल शासक दल के विरोधी पक्ष की भूमिका निभाते हैं।
  • जनमत निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • सरकार के कल्याण कार्यक्रमों को लोगों तक पहुँचाते हैं।

RBSE Class 10 Social Science Notes Civics Chapter 6 राजनीतिक दल

→ राजनीतिक दल की आवश्यकता

  • देश चलाने का उत्तरदायित्व निभाने हेतु।
  • विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग विचारों को सामने लाने हेतु।
  • विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग विचारों को सरकार तक पहुँचाने हेतु।
  • ये एक जिम्मेदार सरकार का गठन करते हैं।
  • ये सरकार पर अंकुश रखते हैं।

→ कितने राजनीतिक दल - विश्व में तीन प्रकार की दलीय व्यवस्था पाई जाती है-

  • एकदलीय व्यवस्था - जिस देश में केवल एक ही दल को सरकार बनाने और चलाने की अनुमति होती है, उसे एकदलीय शासन व्यवस्था कहा जाता है। जैसे-चीन में केवल कम्युनिस्ट पार्टी को ही शासन करने की अनुमति है।
  • द्विदलीय व्यवस्था कुछ देशों में सत्ता आमतौर पर दो मुख्य दलों के बीच ही बदलती रहती है। उसे द्विदलीय व्यवस्था कहते हैं। अमरीका और ब्रिटेन में ऐसी ही द्विदलीय व्यवस्था है।
  • बहुदलीय व्यवस्था - जब अनेक दल सत्ता के लिए होड़ में हों और दो दलों से ज्यादा दलों के लिए अपने दम पर या दूसरों से गठबन्धन करके सत्ता में आने का ठीक-ठीक अवसर हो तो उसे बहुदलीय व्यवस्था कहते हैं। भारत में ऐसी ही बहुदलीय व्यवस्था है। हर देश अपनी विशेष परिस्थितियों के अनुरूप दलीय व्यवस्था विकसित करता है।

→ भारत में राजनीतिक दल-भारत में बहुदलीय व्यवस्था है। यहाँ दो तरह के राजनीतिक दल हैं

  • राष्ट्रीय राजनीतिक दल
  • क्षेत्रीय राजनीतिक दल। यथा

→ राष्ट्रीय राजनीतिक दल - अगर कोई दल लोकसभा चुनाव में पड़े कुल वोट का अथवा चार राज्यों के विधानसभाई चुनाव में पड़े कुल वोटों का 6 प्रतिशत हासिल करता है और लोकसभा के चुनाव में कम-से-कम चार सीटों पर जीत दर्ज करता है तो उसे राष्ट्रीय दल की मान्यता मिलती है।

→ इस हिसाब से सन् 2017 में भारत में सात दल राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त थे। ये हैं

  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस,
  • भारतीय जनता पार्टी,
  • बहुजन समाज पार्टी,
  • भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (सीपीआई| एम),
  • भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सी.पी.आई.) तथा
  • राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी तथा
  • ऑल इण्डिया तृणमूल कांग्रेस।

→ क्षेत्रीय दल - जब कोई पार्टी राज्य विधानसभा के चुनाव में पड़े कुल मतों का 6 प्रतिशत या उससे अधिक हासिल करती है और कम से कम दो सीटों पर जीत दर्ज करती है तो उसे अपने राज्य के राजनीतिक दल के रूप में मान्यता मिल जाती है। इन्हें प्रायः 'प्रांतीय दल' या 'क्षेत्रीय दल' कहा जाता है। 13 अप्रैल, 2018 के अनुसार इनमें प्रमुख हैंसमाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, बीजू जनता दल, सिक्किम लोकतान्त्रिक मोर्चा, मिजो नेशनल फ्रंट, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा, इण्डियन नेशनल लोकदल, जम्मू एण्ड कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस, द्रविड मुनेत्र कड़गम, अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, तेलुगूदेशम पार्टी, केरल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, शिव सेना, असम गण परिषद् आदि।

→ राजनीतिक दलों के लिए चुनौतियाँ - राजनीतिक दलों की प्रमुख चुनौतियाँ ये हैं

  • पार्टी के भीतर आन्तरिक लोकतन्त्र का न होना,
  • वंशवाद की चुनौती,
  • दलों में पैसा और अपराधी तत्त्वों की बढ़ती घुसपैठ,
  • सार्थक विकल्पहीनता की चुनौती।

→ दलों को कैसे सुधारा जाए - उपर्युक्त चुनौतियों का सामना करने के लिए जरूरी है कि राजनीतिक दलों में सुधार हो। भारत में राजनैतिक दलों और उसके नेताओं के सुधार हेतु निम्न प्रयास किये गये हैं

  • विधायकों और सांसदों को दल-बदल करने से रोकने के लिए संविधान में संशोधन किया गया।
  • उम्मीदवारों से अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों का ब्यौरा एक शपथ-पत्र के रूप में लिया जाता है।
  • सभी दलों के लिए सांगठनिक चुनाव कराना तथा आयकर रिटर्न भरना आवश्यक कर दिया गया है।

RBSE Class 10 Social Science Notes Civics Chapter 6 राजनीतिक दल

→ सुधार के सुझाव

  • राजनीतिक दलों के आन्तरिक काम-काज को व्यवस्थित करने के लिए कानून बनाया जाए।
  • महिलाओं को आरक्षण दिया जाए।
  • चुनाव का खर्च सरकार उठाये।
  • राजनीतिक दलों पर लोगों द्वारा दबाव बनाया जाए।
  • सुधार की इच्छा रखने वाले लोग स्वयं राजनीतिक दलों में शामिल हों।
Prasanna
Last Updated on May 7, 2022, 4:37 p.m.
Published May 6, 2022