Rajasthan Board RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 जल संसाधन Important Questions and Answers.
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
जल के नवीकरण और पुनर्भरण को सुनिश्चित करने वाला प्रक्रम है-
(अ) वाष्पीकरण
(ब) अपवाहन
(स) संघनन
(द) अलीय चक्र
उत्तर:
(द) अलीय चक्र
प्रश्न 2.
सतलज-व्यास नदी बेसिन पर निर्मित बहुउद्देश्यीय परियोजना है-
(अ) हीराकुड परियोजना
(ब) भाखड़ा-नांगल परियोजना
(स) नागार्जुन सागर परियोजना
(द) चम्बल परियोजना
उत्तर:
(ब) भाखड़ा-नांगल परियोजना
प्रश्न 3.
महानदी बेसिन पर निर्मित बहुउद्देश्यीय परियोजना है-
(अ) सरदार सरोवर परियोजना
(ब) सलाल परियोजना
(स) मैटटूर परियोजना
(द) हीराकुड परियोजना
उत्तर:
(द) हीराकुड परियोजना
प्रश्न 4.
पश्चिमी राजस्थान में छत वर्षा जल संग्रहण की रीति कम होने का कारण है-
(अ) गंग नहर
(ब) इन्दिरा गांधी नहर
(स) घाघरा नदी
(द) माही नदी की वितरिकाएँ
उत्तर:
(ब) इन्दिरा गांधी नहर
प्रश्न 5.
भारत का वह कौनसा राज्य है जहाँ पूरे राज्य में प्रत्येक घर में छत वर्षा जल संग्रहण ढाँचों का बनाना आवश्यक कर दिया है-
(अ) कर्नाटक
(ब) आन्ध्रप्रदेश
(स) तमिलनाडु
(द) केरल
उत्तर:
(स) तमिलनाडु
प्रश्न 6.
भारत में कुल विद्युत का लगभग कितना प्रतिशत भाग जल विद्युत से प्राप्त होता है?
(अ) 22 प्रतिशत
(ब) 50 प्रतिशत
(स) 72 प्रतिशत
(द) 90 प्रतिशत
उत्तर:
(अ) 22 प्रतिशत
प्रश्न 7.
बाँधों को 'आधुनिक भारत के मन्दिर' कौन कहा करते थे?
(अ) महात्मा गांधी
(ब) सरदार वल्लभ भाई पटेल
(स) जवाहर लाल नेहरू
(द) मोरारजी देसाई
उत्तर:
(स) जवाहर लाल नेहरू
प्रश्न 8.
बहुउद्देश्यीय परियोजनाओं का उद्देश्य है-
(अ) विद्युत उत्पादन
(ब) बाढ़ नियंत्रण
(स) घरेलू एवं औद्योगिक उपयोग हेतु जल आपूर्ति
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 9.
राजस्थान के अर्ध-शुष्क और शुष्क क्षेत्रों में छत वर्षाजल संग्रहण हेतु प्रायः हर घर में बनाया जाता था-
(अ) टाँका
(ब) गुल
(स) जोहड़
(द) कुआँ
उत्तर:
(अ) टाँका
प्रश्न 10.
विश्व की सबसे अधिक वर्षा कहाँ होती है?
(अ) दार्जिलिंग
(ब) मुंबई
(स) चेरापूँजी और मॉसिनराम
(द) गौहाटी
उत्तर:
(स) चेरापूँजी और मॉसिनराम
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1. समुचित जल प्रबंधन के कारण .......... जैसे 25 सेमी. औसत वार्षिक वाले देश में जल का कोई अभाव नहीं है।
2. अपने समय की सबसे बड़ी कृत्रिम झीलों में से एक ..........., 11वीं शताब्दी में बनाई गई।
3. सरदार सरोवर बाँध गुजरात में ....... नदी पर बनाया गया है।
4. पालर पानी प्राकृतिक जल का .......... रूप समझा जाता है।
5. वर्षा का ........... जल छत और नलों को साफ करने में प्रयोग होता था।
उत्तरमाला:
1. इजराइल
2. भोपाल झील
3. नर्मदा
4. शुद्धतम
5. पहला।
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
पृथ्वी का कितना भाग जल से घिरा हुआ है?
उत्तर:
तीन-चौथाई भाग।
प्रश्न 2.
जवाहर लाल नेहरू बाँधों को क्या कहा करते थे?
उत्तर:
आधुनिक भारत के मन्दिर।
प्रश्न 3.
'बाँस ड्रिप सिंचाई प्रणाली' को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
'बाँस ड्रिप सिंचाई प्रणाली' मेघालय में नदियों व झरनों के जल को बाँस द्वारा बने पाइप द्वारा एकत्रित करने की विधि है।
प्रश्न 4.
सरदार सरोवर बाँध किस राज्य में है?
उत्तर:
गुजरात राज्य में।
प्रश्न 5.
जल संभरण क्षेत्र का अर्थ बताइए।
उत्तर:
एक ऐसा भू-आकृति क्षेत्र जिसमें विभिन्न उपक्षेत्रों का जल हेतु समन्वित विकास किया गया हो, जल संभरण क्षेत्र कहलाता है।
प्रश्न 6.
छत वर्षा जल संग्रहण के दो माध्यमों के नाम बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 7.
गुजरात में नर्मदा नदी पर कौनसा बाँध बनाया गया है?
उत्तर:
सरदार सरोवर बाँध।
प्रश्न 8.
भारत के उस राज्य का नाम बताइये जिसमें प्रत्येक घर में छत वर्षा जल संग्रहण ढाँचों का बनाना आवश्यक कर दिया गया है?
उत्तर:
तमिलनाडु राज्य।
प्रश्न 9.
भारत के उन राज्यों के नाम बताइये जो कि कृष्णा-गोदावरी विवाद से सम्बन्धित हैं?
उत्तर:
महाराष्ट्र, कर्नाटक और आन्ध्र प्रदेश।
प्रश्न 10.
अलवणीय जल के तीन प्रत्यक्ष स्रोतों के नाम बताइये।
उत्तर:
प्रश्न 11.
भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद बहुउद्देश्यीय परियोजनाओं को आरम्भ करने का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर:
बाढ़ नियंत्रण करना।
प्रश्न 12.
बहुउद्देश्यीय नदी घाटी परियोजनाओं द्वारा पूरित किन्हीं दो उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 13.
जल के चार प्रमुख उपयोग बताइए।
उत्तर:
जल के प्रमुख उपयोग हैं-
प्रश्न 14.
"कुएं और नलकूप भारत के उत्तरी मैदानों में सिंचाई के सबसे अधिक लोकप्रिय साधन हैं।" कोई दो तर्क देकर इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 15.
महानदी पर स्थित बहुउद्देश्यीय परियोजना का नाम बताइये।
उत्तर:
हीराकुड परियोजना।
प्रश्न 16.
वर्ष 2025 में अनुमानतः कितने लोग जल की नितांत कमी झेलेंगे?
उत्तर:
वर्ष 2025 में अनुमानत: 20 करोड़ लोग जल की नितांत कमी झेलेंगे।
प्रश्न 17.
जल के चार प्रमुख उपयोग बताइये।
उत्तर:
प्रश्न 18.
जल संसाधनों की उपलब्धता में समय और स्थान के अनुसार विभिन्नता क्यों पाई जाती है?
उत्तर:
वर्षा में वार्षिक और मौसमी परिवर्तन के कारण।
प्रश्न 19.
किसी स्थान पर जल की कमी किस कारण से होती है?
उत्तर:
किसी स्थान पर जल की कमी इसके अतिशोषण, अत्यधिक प्रयोग और असमान वितरण के कारण होती है।
प्रश्न 20.
भारत की नदियों के जल के प्रदूषित होने के दो कारण बताइये।
उत्तर:
प्रश्न 21.
प्राचीन भारत में गंगा नदी की बाढ़ के जल को संरक्षित करने के लिए कब व किस स्थान पर जल संग्रहण तंत्र बनाया गया था?
उत्तर:
इसके लिए प्राचीन भारत में ईसा से एक शताब्दी पूर्व इलाहाबाद के पास भिंगवेरा जल संग्रहण तंत्र बनाया गया था।
प्रश्न 22.
प्राचीन भारत में उत्कृष्ट सिंचाई तंत्र होने के सबूत कौन-कौनसे स्थानों पर पाए जाते हैं? किन्हीं दो स्थानों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारत में उड़ीसा में कलिंग, आन्ध्रप्रदेश में नागार्जुन कोंडा में उत्कृष्ट सिंचाई तंत्र होने के सबूत मिलते हैं।
प्रश्न 23.
बाँध से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
प्रवाहित जल को रोकने, दिशा देने या बहाव कम करने के लिए खड़ी की गई बाधा जो कि आमतौर पर जलभरण बनाती है, बाँध कहलाती है।
प्रश्न 24.
भारत के उस क्षेत्र का नाम बताइए जो जल की कमी से पीड़ित रहता है।
उत्तर:
पश्चिमी राजस्थान क्षेत्र।
प्रश्न 25.
वर्षा जल संग्रहण के दो प्रमुख उद्देश्य बताइये।
उत्तर:
प्रश्न 26.
वर्षा जल संग्रहण का अर्थ बताइए।
उत्तर:
वर्षा के जल को एकत्रित करना वर्षा जल संग्रहण कहलाता है।
प्रश्न 27.
जल संरक्षण के कोई दो उपाय बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 28.
बड़े बाँधों के निर्माण के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाली दो प्रमुख हानियाँ बताइये।
उत्तर:
प्रश्न 29.
वर्तमान में नर्मदा बचाओ आन्दोलन का मुख्य उद्देश्य बताइये।
उत्तर:
वर्तमान में नर्मदा बचाओ आन्दोलन का मुख्य उद्देश्य विस्थापित लोगों को सरकार से सम्पूर्ण पुनर्वास सुविधाएँ दिलाना हो गया है।
प्रश्न 30.
बहुउद्देश्यीय परियोजनाओं के निर्माण के विरोध में एक तर्क दीजिए।
उत्तर:
इन परियोजनाओं के निर्माण से स्थानीय समुदायों का विस्थापन होता है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न (Type-l)
प्रश्न 1.
राजस्थान के अर्द्धशुष्क एवं शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर:
राजस्थान के अर्द्ध-शुष्क और शुष्क क्षेत्रों में खेतों में वर्षा के जल को एकत्रित करने के लिए गड्ढे बनाए जाते थे जिससे भूमि की सिंचाई की जा सके तथा संरक्षित जल को कृषि के काम में प्रयुक्त किया जा सके। राजस्थान के जैसलमेर जिले में 'खादीन' तथा अन्य क्षेत्रों में 'जोहड़' इसके उदाहरण हैं। पीने के पानी के लिए टांका बनाया जाता है।
प्रश्न 2.
आपके मतानुसार 'बाँध' कैसे उपयोगी हैं?
उत्तर:
प्रश्न 3.
बहुउद्देश्यीय परियोजनाओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जिन बाँधों का उद्देश्य सिंचाई के साथ-साथ विद्युत उत्पादन, घरेलू और औद्योगिक उपयोग, जलआपूर्ति, बाढ़ नियंत्रण, मनोरंजन, आंतरिक नौ-संचालन और मछली पालन भी होता है, उन्हें बहुउद्देश्यीय परियोजनाएँ कहा जाता है।
प्रश्न 4.
कृष्णा-गोदावरी विवाद क्या है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कृष्णा-गोदावरी विवाद की शुरुआत महाराष्ट्र सरकार के द्वारा कोयना पर जलविद्युत परियोजना के लिए बाँध बनाकर जल की दिशा परिवर्तित करने पर कर्नाटक और आन्ध्रप्रदेश सरकारों द्वारा यह आपत्ति उठाए जाने के फलस्वरूप हुई कि इससे नदी के निचले हिस्सों में जल प्रवाह कम हो जायेगा और कृषि और उद्योगों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
प्रश्न 5.
शिलांग में छत वर्षा जल-संग्रहण एक विचित्र बात लगती है। कारण बताइये।
उत्तर:
शिलांग से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चेरापूँजी तथा मॉसिनराम में विश्व की सबसे अधिक वर्षा होती है। फिर भी शिलांग शहर को जल की अत्यधिक कमी का सामना करना पड़ता है। अतः शहर के घरेलू जल आवश्यकता की कुल मांग के लगभग 15 से 25 प्रतिशत भाग की पूर्ति छत जल संग्रहण व्यवस्था से ही होती है। इतनी वर्षा के बावजूद शिलांग में छत वर्षा जल संग्रहण एक विचित्र बात लगती है।
प्रश्न 6.
भारत में सिंचाई के तीन प्रमुख साधन बताइए। दक्षिणी राज्यों में कौनसा सिंचाई का साधन अधिक लोकप्रिय है?
उत्तर:
भारत में तीन प्रमुख सिंचाई के साधन हैं- (i) कुएं, नलकूप (ii) नहरें (iii) तालाब।
दक्षिणी भारत में तालाब अधिक लोकप्रिय हैं।
प्रश्न 7.
"भारत में जल बहुत ही महत्त्वपूर्ण संसाधन है।" इस कथन की पुष्टि किन्हीं तीन बिन्दुओं के अन्तर्गत कीजिए।
उत्तर:
भारत में जल बहुत ही महत्त्वपूर्ण संसाधन है, क्योंकि-
प्रश्न 8.
“भारत में जल संकटग्रस्त संसाधन है।" इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
भारत में जल संकटग्रस्त संसाधन-
प्रश्न 9.
देश में वर्षा जल तेजी से बहकर समुद्र में क्यों चला जाता है? इसका क्या दुष्परिणाम होता है?
उत्तर:
भारत में जल की उपलब्धता और उसके स्वरूप के अनुसार समुचित जल प्रबंधन न होने के कारण वर्षा का जल नदी-नालों में तेजी से बहकर समुद्र में चला जाता है। इसके दुष्परिणाम रूप में वर्षा के बाद के लगभग नौ महीने देश में पानी की कमी रहती है।
प्रश्न 10.
भारत में जलीय अभाव का प्रमुख कारण क्या है? क्या इसे नियंत्रित किया जा सकता है?
उत्तर:
भारत में जलीय अभाव का प्रमुख कारण समुचित जल प्रबन्धन का न होना है। देश में जल की उपलब्धता और उसके स्वरूप के अनुसार समुचित जलप्रबंधन न होने के कारण ही वर्षा का जल नदी-नालों में तेजी से बहकर समुद्र में चला जाता है जिससे वर्षा के बाद के लगभग नौ महीने देश के लिए पानी की कमी के होते हैं।
इसे उचित प्रबंधन के द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है।
प्रश्न 11.
जल-दुर्लभता के गुणात्मक पहलू का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जल-दुर्लभता जल की खराब गुणवत्ता के कारण भी हो सकती है। कई क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ लोगों की आवश्यकता के लिए प्रचुर मात्रा में जल उपलब्ध होने के बावजूद यह घरेलू और औद्योगिक अपशिष्टों, रसायनों, कीटनाशकों और कृषि में प्रयुक्त उर्वरकों द्वारा प्रदूषित है और मानव उपयोग के लिए खतरनाक है । यही जल-दुर्लभता का गुणात्मक पहलू है।
प्रश्न 12.
छत वर्षा जल संग्रहण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
अथवा
छत वर्षाजल संग्रहण की विधि समझाइए।
अथवा
बेकार पड़े कुएं के माध्यम से जल पुनर्भरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
छत वर्षाजल संग्रहण की विधि निम्न प्रकार है-
प्रश्न 13.
द सिटीजन्स फिफ्थ रिपोर्ट, सी एस ई 1999 नदियों के प्रदूषण के बारे में क्या कहती है?
उत्तर:
द सिटीजन्स फिफ्थ रिपोर्ट, सी एस ई 1999 के अनुसार भारत की नदियाँ विशेषकर छोटी सरिताएँ, जहरीली धाराओं में परिवर्तित हो गई हैं और बड़ी नदियाँ जैसे गंगा और यमुना कोई भी शुद्ध नहीं हैं । बढ़ती जनसंख्या, कृषि आधुनिकीकरण, नगरीकरण और औद्योगीकरण का भारत की नदियों पर अत्यधिक दुष्प्रभाव है और हर दिन गहराता जा रहा है, इससे संपूर्ण जीवन खतरे में है।
प्रश्न 14.
सरदार सरोवर बाँध के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
सरदार सरोवर-बाँध गुजरात में नर्मदा नदी पर बनाया गया है। यह भारत की एक बड़ी जल संसाधन परियोजना है जिसमें चार राज्य-महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात तथा राजस्थान सम्मिलित हैं। सरदार सरोवर परियोजना गुजरात (9490 गाँवों तथा 173 कस्बों) तथा राजस्थान (124 गाँवों) के सूखाग्रस्त तथा मरुस्थलीय भागों की जल की आवश्यकता को पूरा करेगी।
लघूत्तरात्मक प्रश्न ( Type-II)
प्रश्न 1.
बाँध क्या है? इसके निर्माण के उद्देश्य बताइये।
उत्तर:
बाँध का अर्थ-प्रवाहित जल को रोकने, दिशा देने या बहाव को कम करने के लिए खडी की गई बाधा जो कि आम तौर पर जलाशय, झील अथवा जल भरण बनाती है, बाँध कहलाती है। बाँध का अर्थ जलाशय से होता है न कि इसके ढाँचे से।
उद्देश्य सिंचाई के अलावा बाँधों का उद्देश्य विद्युत उत्पादन, घरेलू और औद्योगिक उपयोग, जल आपूर्ति, बाढ़ नियंत्रण, मनोरंजन, आन्तरिक नौसंचालन और मत्स्य पालन भी है। इसी कारण बाँधों को बहुउद्देश्यीय परियोजनाएँ कहा जाता है। जहाँ एकत्रित जल के अनेकों उपयोग समन्वित होते हैं। यथा-सतलज-व्यास बेसिन में भाखड़ा-नांगल परियोजना जलविद्युत उत्पादन और सिंचाई दोनों के काम में आती है। इसी प्रकार महानदी बेसिन में हीराकुड परियोजना जल संरक्षण और बाढ़ नियंत्रण का समन्वय है।
प्रश्न 2.
भारत में नदी परियोजनाओं के निर्माण पर उठाई गई आपत्तियों के कारण बताइये।
उत्तर:
भारत में नदी परियोजनाओं पर उठाई गई अधिकतर आपत्तियाँ उनके उद्देश्यों में विफल हो जाने से सम्बन्धित हैं, यथा-
प्रश्न 3.
वर्षा जल संग्रहण किसे कहते हैं? वर्षा जल संग्रहण के उद्देश्य लिखिए।
उत्तर:
वर्षा जल संग्रहण वर्षा के जल को शुष्क मौसम में उपयोग करने के लिए भण्डारित करके रखना वर्षा जल संग्रहण कहा जाता है।
वर्षा जल संग्रहण के उददेश्य-
प्रश्न 4.
प्राचीन भारत में निर्मित की गई कुछ जलीय कृतियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
प्राचीन भारत में निर्मित की गई कुछ जलीय कृतियाँ निम्नलिखित हैं-
प्रश्न 5.
भारत के अधिकांश भागों में पानी कृषि तथा अन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कम मात्रा तथा अनियमित रूप में उपलब्ध है। कैसे?
उत्तर:
भारत के अधिकांश भागों में कृषि तथा अन्य कार्यों में पानी की उपलब्धता कम तथा अनियमित निम्नलिखित कारणों से है-
प्रश्न 6.
बहुउद्देश्यीय परियोजनाएँ किस प्रकार देश को आत्मनिर्भर बनाने तथा लोगों का जीवन स्तर सुधारने में सहायक हैं? किन्हीं पाँच बिन्दुओं में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
(अ) देश को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक-
(ब) लोगों का जीवन स्तर सुधारने में सहायक-
प्रश्न 7.
वर्षा जल संग्रहण हेतु बनाये जाने वाले 'टांका' की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
उत्तर:
टांका की विशेषताएँ-
प्रश्न 8.
किसी क्षेत्र में जल संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने पर भी वहाँ जल दुर्लभता किस प्रकार सम्भव है? समझाइए।
उत्तर:
किसी क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में जल संसाधन होने के बावजूद भी वहाँ जल की दुर्लभता हो सकती है। इसके लिए जल की अत्यधिक माँग, अतिशोषण तथा जल की खराब गुणवत्ता उत्तरदायी है।
प्रश्न 9.
भारत में औद्योगीकरण एवं शहरीकरण जल दुर्लभता के लिए किस प्रकार उत्तरदायी हैं?
उत्तर:
स्वतंत्रता के बाद भारत में तेजी से औद्योगीकरण और शहरीकरण हुआ है। उद्योगों की बढ़ती हुई संख्या के कारण अलवणीय जल संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है। उद्योगों को अत्यधिक जल के अलावा उनको चलाने के लिए ऊर्जा की भी आवश्यकता होती है और इसकी काफी हद तक पूर्ति जल-विद्युत से होती है। वर्तमान समय में भारत में कुल विद्युत का लगभग 22 प्रतिशत भाग जल-विद्युत से प्राप्त होता है।
इसके अलावा शहरों की बढ़ती संख्या और जनसंख्या वृद्धि तथा शहरी जीवनशैली के कारण न केवल जल और ऊर्जा की आवश्यकता में बढ़ोतरी हुई है अपितु इनसे सम्बन्धित समस्याएँ और भी गहरी हुई हैं। शहरी आवास समितियों या कॉलोनियों में जल संसाधनों का अतिशोषण देखने को मिलता है।
प्रश्न 10.
बहुउद्देशीय परियोजनाओं तथा बड़े बाँधों ने नये सामाजिक आन्दोलनों को जन्म दिया है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
बहुउद्देशीय परियोजनाओं और बड़े बाँधों ने अनेक नए सामाजिक आंदोलनों को जन्म दिया है। इनमें मुख्य हैं-'नर्मदा बचाओ आंदोलन' और 'टिहरी बाँध आंदोलन'। इन परियोजनाओं के विरोध तथा इनके विरुद्ध आन्दोलन के अनेक कारण हैं। इनका विरोध मुख्य रूप से स्थानीय समुदायों के वृहद स्तर पर विस्थापन के कारण है। इन परियोजनाओं के कारण आमतौर पर स्थानीय लोगों को उनकी जमीन, आजीविका और संसाधनों से लगाव एवं नियंत्रण देश की बेहतरी के लिए कुर्बान करना पड़ता है। जबकि इन स्थानीय लोगों को इन परियोजनाओं का कोई लाभ नहीं मिल पाता है। जमींदारों, बड़े किसानों, उद्योगपतियों तथा नगरीय केन्द्रों को इनका अधिक लाभ मिलता है। अतः पर्यावरणीय मुद्दों तथा बाँध से विस्थापित गरीब लोगों को सरकार से पुनर्वास सुविधाएँ दिलवाने हेतु इस प्रकार के नये सामाजिक आन्दोलन जन्म लेते हैं।
प्रश्न 11.
नर्मदा बचाओ आन्दोलन पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
नर्मदा बचाओ आन्दोलन एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) है। यह संगठन जनजातीय लोगों, किसानों, पर्यावरणविदों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गुजरात में नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बाँध के विरोध में एकजुट करता है। मूल रूप से शुरू में यह आन्दोलन जंगलों के बाँध के पानी में डूबने जैसे पर्यावरणीय मुद्दों पर केन्द्रित था। लेकिन हाल ही में इस आंदोलन का लक्ष्य बाँध से विस्थापित गरीब लोगों को सरकार से सम्पूर्ण पुनर्वास सुविधाएँ दिलाना हो गया है। क्योंकि वहाँ से विस्थापित गरीब लोगों को अपनी आजीविका चलाना दुश्वार होता जा रहा है। उनकी जमीन, आजीविका तथा संसाधन सब इस बाँध की भेंट चढ़ गये। उनकी इस कुर्बानी के बावजूद उन्हें पुनर्वास की कोई बेहतर सुविधाएँ प्रदान नहीं की गईं।
प्रश्न 12.
जल संरक्षण एवं प्रबन्धन की आवश्यकता को समझाइए।
उत्तर:
जल संरक्षण और प्रबंधन की आवश्यकता भारत की छोटी नदियाँ जहरीली धाराओं में परिवर्तित हो गई हैं तथा बड़ी नदियाँ, यथा-गंगा और यमुना कोई भी शुद्ध नहीं हैं। बढ़ती जनसंख्या, कृषि, आधुनिकीकरण, नगरीकरण और औद्योगीकरण का भारत की नदियों पर अत्यधिक दुष्प्रभाव पड़ा है जो कि दिनों-दिन गहराता जा रहा है जिससे सम्पूर्ण जीवन खतरे में है। जल संसाधनों के अतिशोषण और कुप्रबंधन से इन संसाधनों का ह्रास हो सकता है तथा पारिस्थितिकी संकट की समस्या उत्पन्न हो सकती है जिसका मानव के जीवन पर गंभीर प्रभाव हो सकता है। अत: जल संरक्षण और प्रबंधन वर्तमान समय में मानव की प्रमुख आवश्यकता है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जल दुर्लभता का अर्थ एवं कारण बतलाइए।
उत्तर:
जल दुर्लभता का अर्थ आवश्यकता की तुलना में स्वच्छ एवं अलवणीय जल की कमी होना जल दुर्लभता कहलाती है।
जल की दुर्लभता के कारण भारत में जल की दुर्लभता के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-
प्रश्न 2.
नदी घाटी परियोजनाओं को बहुउद्देश्यीय परियोजनाएँ क्यों कहते हैं? बहुउद्देश्यीय परियोजनाओं द्वारा पूरित किन्हीं पाँच उद्देश्यों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
बहुउद्देश्यीय परियोजनाएँ-प्रायः नदी घाटी परियोजनाएँ एक ही साथ कई उद्देश्यों, जैसे-बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, जल-विद्युत का विकास आदि की पूर्ति के उद्देश्यों को पूरी करती हैं, इसलिए उन्हें बहुउद्देश्यीय परियोजनाएँ कहा जाता है।
इसके पाँच प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं-
प्रश्न 3.
बहउद्देश्यीय परियोजनाओं से होने वाले लाभ और हानियों की तुलना करें।
उत्तर:
बहुउद्देश्यीय परियोजनाओं से होने वाले लाभ-
बहुउद्देश्यीय नदी घाटी परियोजनाओं से हानियाँ-
प्रश्न 4.
बहुउद्देश्यीय नदी परियोजनाओं के विरोध का कारण बताइये।
उत्तर:
वर्तमान समय में बहुउद्देश्यीय नदी परियोजनाओं के विरोध के कारण-
(1) नदी जलीय जीव-आवासों में भोजन की कमी हो जाना-नदियों पर बाँध बनाने और उनका बहाव नियन्त्रित करने से उनका प्राकृतिक बहाव अवरुद्ध हो जाता है तथा जलाशय की तली में अत्यधिक तलछट जमा हो जाती है जिससे नदी का तल अधिक चट्टानी हो जाता है जिसके फलस्वरूप नदी जलीय जीव-आवासों में भोजन की कमी हो जाती है।
(2) वनस्पति और मिट्टियाँ जल में डूब जाना-बाढ़ के मैदान में बनाए जाने वाले जलाशयों द्वारा वहाँ उपलब्ध वनस्पति और मिट्टियाँ जल में डूब जाती हैं जो कि कालान्तर में अपघटित हो जाती हैं।
(3) स्थानीय समुदायों का वृहद स्तर पर विस्थापन होना-इन परियोजनाओं का विरोध मुख्य रूप से स्थानीय समुदायों के वृहद् स्तर पर विस्थापन के कारण है। आमतौर पर स्थानीय लोगों को उनकी जमीन, आजीविका और संसाधनों से हाथ धोना पड़ता है।
(4) मृदाओं का लवणीकरण होना-बहुउद्देश्यीय परियोजनाओं के फलस्वरूप अत्यधिक सिंचाई के कारण देश के अनेक क्षेत्रों में फसल प्रारूप परिवर्तित हो गया है। इससे मृदाओं के लवणीकरण जैसी गंभीर पारिस्थितिकीय समस्याएँ पैदा हो गई हैं।
(5) झगड़ों में वृद्धि होना-बहुउद्देश्यीय परियोजनाओं के फलस्वरूप अमीर भूमि मालिकों तथा गरीब भूमिहीनों के मध्य, ग्रामीण किसानों और शहरी नागरिकों के मध्य झगड़े बढ़ रहे हैं। इन परियोजनाओं के लागत और लाभ के बँटवारे को लेकर अन्तर्राज्यीय झगड़े आम होते जा रहे हैं।
(6) बाढ़ें आना-जो बाँध बाढ़ नियंत्रण के लिए बनाए जाते हैं उनके जलाशयों में तलछट जमा हो जाने से वे बाढ़ आने का कारण बन जाते हैं । अत्यधिक वर्षा होने की स्थिति में तो बड़े बाँध भी अनेक बार बाढ़ नियंत्रण में असफल रहते हैं।
(7) भूमि निम्नीकरण की समस्याएँ बढ़ना बाँधों के जलाशय में तलछट जमा होने से वह बाढ़ के मैदानों तक नहीं पहुँचती है जिससे भूमि निम्नीकरण की समस्याओं में वृद्धि होती है।
(8) भूकम्प तथा जल जनित बीमारियाँ-बहुउद्देश्यीय योजनाओं के कारण क्षेत्र विशेष में भूकम्प आने की संभावना बढ़ जाती है तथा अत्यधिक जल के उपयोग से जल जनित बीमारियाँ, फसलों में कीटाणुजनित बीमारियाँ उत्पन्न हो जाती हैं तथा जल प्रदूषण में वृद्धि होती है।
प्रश्न 5.
बाँस ड्रिप सिंचाई प्रणाली क्या है? इसके विभिन्न चरण बताइये।
उत्तर:
बाँस ड्रिप सिंचाई प्रणाली-मेघालय में नदियों व झरनों के जल को बाँस द्वारा बने पाइप द्वारा एकत्रित करने की 200 वर्ष पुरानी विधि प्रचलित है। लगभग 18 से 20 लीटर सिंचाई पानी बाँस पाइप में आ जाता है तथा उसे सैकड़ों मीटर की दूरी तक ले जाया जाता है। अंत में पानी का बहाव 20 से 80 बूंद प्रति मिनट तक घटाकर पौधे पर छोड़ दिया जाता है।
इसके विभिन्न चरण निम्न प्रकार है-