These comprehensive RBSE Class 10 Maths Notes Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ will give a brief overview of all the concepts.
Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 10 Maths in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 10. Students can also read RBSE Class 10 Maths Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 10 Maths Notes to understand and remember the concepts easily. Make use of our handy algebraic arithmetic sequences calculator and find the Sum of n terms of the arithmetic sequence.
→ यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म (कलन विधि) एक धनात्मक पूर्णांक a को किसी अन्य धनात्मक पूर्णांक. b से इस प्रकार विभाजित किया जा सकता है कि शेषफल प्राप्त हो, जो b से छोटा (कम) है।
→ यक्लिड विभाजन प्रमेयिका - दो धनात्मक पूर्णांक a और b दिए होने पर हम a = bq + r, 0 ≤ r < b को सन्तुष्ट करने वाली पूर्ण संख्याएँ q और ज्ञात की जा सकती हैं अर्थात् ऐसी संख्याओं का अस्तित्व है।
→ यूक्लिड प्रथम यूनानी गणितज्ञ थे, जिन्होंने समतल ज्यामिति के अध्ययन हेतु एक नयी विचारधारा को रखा जिसमें से एक यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका है। उनके अनुसार एक धनात्मक पूर्णांक a को किसी अन्य धनात्मक पूर्णांक b से विभाजित करने पर भागफल 4 और शेषफल r प्राप्त होता है तथा शेषफल r या तो शून्य होता है या फिर भाजक b से छोटा होता है। अर्थात् 0 < r < b होता है।
साधारण शब्दों में -
भाज्य (a) = भाजक (b) × भागफल (q) + शेषफल ()
→ यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका पर आधारित है। इसका प्रयोग कर दो धनात्मक पूर्णांकों a और b (a > b) का HCF निम्नांकित चरणों में प्राप्त किया जा सकता है
→ महत्वपूर्ण बिन्दु
→ अंकगणित की आधारभूत प्रमेय प्रत्येक भाज्य संख्या को अभाज्य संख्याओं के एक गुणनफल के रूप में व्यक्त (गुणनखंडित) किया जा सकता है तथा यह गुणनखण्डन अद्वितीय होता है।
→ दो संख्याओं के म.स. तथा ल.स. में संबंध-दो संख्याओं के म.स. तथा ल.स. का गुणनफल उन संख्याओं के गुणनफल के बराबर होता है।
अर्थात् म.स. (H.C.F.) × ल.स. (L.C.M.)
='प्रथम संख्या (a) - द्वितीय संख्या (b)
या H.C.F. × L.C.M. = a × b
इस मुख्य सम्बन्ध की सहायता से निम्नांकित सम्बन्ध भी लिखे जा सकते है
→ यदि p कोई अभाज्य संख्या है और p, a2 को विभाजित करता है तो p, a को भी विभाजित करेगा, जहाँ a एक धनात्मक पूर्णांक है।
→ √2, √3, √5 तथा व्यापक रूप में, √p अपरिमेय संख्याएँ हैं, जहाँ p एक संख्या है।
→ माना कि x एक परिमेय संख्या है जिसका दशमलव प्रसार सांत है। तब, हम x को \(\frac{p}{q}\) के रूप में व्यक्त कर सकते हैं, जहाँ p और q सह अभाज्य हैं तथा q का अभाज्य गुणनखण्डन 2n 5m के जहाँ n, m ऋणेत्तर पूर्णांक हैं।
→ माना कि x = \(\frac{p}{q}\) एक ऐसी परिमेय संख्या है कि q का अभाज्य गुणनखण्डन 2n 5m के रूप का है, जहाँ n, m ऋणेत्तर पूर्णांक हैं तो x का दशमलव प्रसार सांत होगा।
→ माना कि x = \(\frac{p}{q}\) एक ऐसी परिमेय संख्या है कि q का अभाज्य गुणनखण्डन 2n 5m के रूप का नहीं है, जहाँ n, m ऋणेत्तर पूर्णांक हैं तो x का दशमलव प्रसार असांत आवर्ती होगा।