RBSE Solutions for Class 9 Social Science Civics Chapter 4 संस्थाओं का कामकाज

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 9 Social Science Civics Chapter 4 संस्थाओं का कामकाज Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 9 Social Science Solutions Civics Chapter 4 संस्थाओं का कामकाज

RBSE Class 9 Social Science संस्थाओं का कामकाज InText Questions and Answers

पृष्ठ 64 

प्रश्न 1.
आरक्षण के मामले में किसने क्या किया? सर्वोच्च न्यायालय, केबिनेट, राष्ट्रपति, सरकारी अधिकारी। 
उत्तर:

  • सर्वोच्च न्यायालय-आरक्षण को वैध करार दिया। 
  • कैबिनेट-27 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया। 
  • राष्ट्रपति-मण्डल आयोग की सिफारिशों को लागू करने की औपचारिक घोषणा की। 
  • सरकारी अधिकारी-आदेश जारी करके घोषणा को लागू किया। 

पृष्ठ 65 

प्रश्न 1.
आपके स्कूल को चलाने के लिये कौन-सी संस्थाएँ काम करती हैं? क्या यह अच्छा होता कि ज्यादा स्कूल के कामकाज के बारे में सिर्फ एक व्यक्ति सभी फैसले लेता? 
उत्तर:
विद्यालय प्रबन्धन समिति और अध्यापक माता-पिता संगठन (PTA) जैसी संस्थाएँ हमारे विद्यालय को ठीक से चलाने हेतु कार्य करती हैं। कोई एक व्यक्ति सभी विषयों में सही निर्णय नहीं ले सकता है। बड़े निर्णयों के सम्बन्ध में विद्यालय प्रबन्ध समिति के सदस्यों तथा अध्यापक एवं माता-पिता संगठन (PTA) के सदस्यों के बीच आपसी चर्चा अवश्य होनी चाहिये। 

पृष्ठ 66 

प्रश्न 1.
जब हमें मालूम है कि जिस पार्टी की सरकार है उसके विचार ही प्रभावी होंगे तो संसद में इतनी बहस और चर्चा करने का क्या मतलब है? 
उत्तर:
संसद के वाद-विवाद और चर्चा की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से होती है- 

  • वाद-विवाद और चर्चा के दौरान विषय से जुड़े हुये कई सकारात्मक तथा नकारात्मक बिन्दुओं को उठाया जाता है। इसके बाद ही निर्णय लिया जाता है। 
  • इससे लोगों को उस विषय से सम्बन्धित जानकारी प्राप्त होती है जिस पर निर्णय लिया जाना होता है और आम जनता को भी अपने विचार अथवा आपत्तियाँ शासक दल को पहुँचाने का अवसर प्राप्त होता है। 

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पृष्ठ 70 

प्रश्न 1.
मंत्री बनने की होड़ नयी नहीं है। यह कार्टून 1962 के बाद नेहरू मंत्रिमण्डल में शामिल होने के लिये उम्मीदवारों की बेचैनी दर्शाता है। राजनेता मंत्री बनने के लिये इतने बेचैन क्यों रहते हैं? आप क्या सोचते 
उत्तर:
राजनेता मंत्री बनने के लिये इतने बेचैन इसलिये रहते हैं क्योंकि- 

  • जब वे चुनाव के दौरान मतदाताओं से मिलते हैं तो कुछ वायदे करते हैं और इन्हीं वायदों को पूरा करने की इच्छा रखने के कारण वे मंत्री बनना चाहते हैं। 
  • जब वे राजनीति में प्रवेश करते हैं तो उनका एक उद्देश्य होता है कि वे मंत्री बन सकें । पद के साथ जुड़ी हुई प्रतिष्ठा तथा शक्तियाँ उन्हें अपनी ओर आकर्षित करती हैं। 
  • ये देश की सेवा करना चाहते हैं और लोगों की आवश्यकताओं तथा समस्याओं का हल अपने तरीके से करना चाहते हैं। 

पृष्ठ 71 

प्रश्न 1.
इस कार्टून में अपनी लोकप्रियता के उफान वाले 1970 के दशक के शुरुआती दिनों में इंदिरा गांधी को कैबिनेट की बैठक करते दिखाया गया है। क्या आपको लगता है कि उनके बाद बने किसी प्रधानमंत्री को इसी आकार या रूप में दिखाते हुये कार्टून बनाया जा सकता है? 
उत्तर:
नहीं, बाद के प्रधानमंत्रियों से सम्बन्धित इसी तरह के कार्टून नहीं बनाए जा सकते हैं, क्योंकि न तो इंदिरा जैसा करिश्माई व्यक्तित्व इन प्रधानमंत्रियों के पास था और न ही उतनी लोकप्रियता। बाद के अधिकतर प्रधानमंत्री अपेक्षाकृत कमजोर साबित हुये। लेकिन 2014 तथा 2019 में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी भी करिश्माई व्यक्तित्व के साथ उभर कर आये हैं। उनको इसी आकार या रूप में दिखाते हुए कार्टून बनाया जा सकता है। 

पृष्ठ 73

प्रश्न 1.
लोकतंत्र के लिये कैसा प्रधानमंत्री होता है? ऐसा जो केवल अपनी मर्जी से काम करता है या ऐसा जो दूसरी पार्टियों और व्यक्तियों से भी सलाह लेता है? 
उत्तर:
किसी लोकतंत्र के लिये यही उत्तम है कि उसका प्रधानमंत्री कोई भी फैसला अन्य नेताओं तथा पार्टियों से सलाह-मशविरा करके ही ले। 

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पृष्ठ 74 

प्रश्न 1.
इलियम्मा, अन्नाकुट्टी और मेरीमॉल राष्ट्रपति के विषय वाले हिस्से को पढ़ती हैं। वे तीनों एक-एक सवाल का जवाब जानना चाहती हैं। क्या आप उन्हें उनके सवालों के जवाब दे सकते हैं? 
(i) इलियम्मा : अगर राष्ट्रपति और प्रधानमन्त्री किसी नीति पर असहमत हों तो क्या होगा? क्या प्रधानमन्त्री का विचार हमेशा प्रभावी होगा? 
उत्तर:
(A) अगर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच असहमति की स्थिति हो तो प्रधानमंत्री का विचार मान्य होगा बशर्ते उसे इस पर बहुमत का समर्थन प्राप्त हो। 

(B) नहीं, प्रधानमन्त्री का विचार हमेशा प्रभावी नहीं होगा। यदि प्रधानमंत्री संसद में बहुमत का समर्थन खो देता है तो ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति अपने विवेक से फैसला लेने के लिये स्वतंत्र है। 

(ii) अन्नाकुट्टी : यह मुझे बहुत बेतुका लगता है कि सशस्त्र बलों का सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति हो। वह तो एक भारी बंदूक भी नहीं उठा सकता। उसे कमांडर बनाने में क्या तुक है? 
उत्तर:
(A) वह कमांडर युद्ध जीतता है जिसमें अधिक शक्ति होती है। यहाँ सर्वोच्च कमांडर अर्थात् राष्ट्रपति की कलम में ताकत होती है जिससे वह आदेश देता है, जबकि सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के पास हथियार हैं जिनकी सहायता से वे आदेश का पालन करते हैं। हथियार में कलम से कम ताकत होती है। 

(B) मंत्रिपरिषद् द्वारा प्राप्त सलाहों के आधार पर काम करने के कारण राष्ट्रपति के पास देश की सुरक्षा से सम्बन्धित विभिन्न पहलुओं की व्यापक जानकारियाँ उपलब्ध होती हैं। अतः राष्ट्रपति को कमांडर बनाना उचित ही है। 

(C) एक तरीके से यह सेना को जनता के अप्रत्यक्ष नियंत्रण में रखने का एक साधन भी है जो कि किसी लोकतंत्र के लिये बहुत ही आवश्यक है। 

(iii) मेरीमॉल : मेरा सवाल यह है कि अगर असली अधिकार प्रधानमंत्री के पास ही हैं तो राष्ट्रपति की जरूरत ही क्या है? 
उत्तर:
(A) राष्ट्रपति देश की सांकेतिक शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। 

(B) कई बार गंभीर परिस्थितियों में राष्ट्रपति द्वारा स्वयं ही वास्तविक शक्तियों का प्रयोग करते हये राष्ट्रहित में फैसला लिया जाता है। उदाहरण के लिये, जब कोई प्रधानमंत्री संसद में बहुमत का समर्थन खो देता है तो कार्यपालिका की वास्तविक शक्तियों का प्रयोग राष्ट्रपति द्वारा ही किया जाता है। इस पद के नहीं होने से, ऐसी स्थिति में, देश में अराजकता फैल सकती है।

पृष्ठ 75

प्रश्न 1.
निम्नलिखित सन्दर्भो में एक कारण देकर समझाएँ कि भारतीय न्यायपालिका किस तरह स्वतन्त्र है?
(i) न्यायाधीशों की नियुक्ति 
(ii) न्यायाधीशों को पद से हटाना 
(iii) न्यायपालिका के अधिकार। 
उत्तर:
[नोट-इसके लिए अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नों में निबन्धात्मक प्रश्न संख्या 3 का उत्तर देखें।] 

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प्रश्न 1. 
अगर आपको भारत का राष्ट्रपति चुना जाए तो आप निम्नलिखित में से कौन-सा फैसला खुद कर सकते हैं? 
(क) अपनी पसंद के व्यक्ति को प्रधानमंत्री चुन सकते हैं। 
(ख) लोकसभा में बहुमत वाले प्रधानमंत्री को उसके पद से हटा सकते हैं। 
(ग) दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक पर पुनर्विचार के लिए कह सकते हैं। 
(घ) मंत्रिपरिषद् में अपनी पसंद के नेताओं का चयन कर सकते हैं। 
उत्तर:
(ग) दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक पर पुनर्विचार के लिये कह सकते हैं। 

प्रश्न 2. 
निम्नलिखित में कौन राजनैतिक कार्यपालिका का हिस्सा होता है? 
(क) जिलाधीश 
(ख) गृह मंत्रालय का सचिव 
(ग) गृहमंत्री 
(घ) पुलिस महानिदेशक 
उत्तर:
(ग) गृहमंत्री। 

प्रश्न 3.
न्यायपालिका के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा बयान गलत है? 
(क) संसद द्वारा पारित प्रत्येक कानून को सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी की जरूरत होती है। 
(ख) अगर कोई कानून संविधान की भावना के खिलाफ है तो न्यायपालिका उसे अमान्य घोषित कर सकती है। 
(ग) न्यायपालिका कार्यपालिका से स्वतंत्र होती है। 
(घ) अगर किसी नागरिक के अधिकारों का हनन होता है तो वह अदालत में जा सकता है। 
उत्तर:
(क) संसद द्वारा पारित प्रत्येक कानून को सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी की जरूरत होती है। 

प्रश्न 4.
निम्नलिखित राजनैतिक संस्थाओं में से कौन-सी संस्था देश के मौजूदा कानून में संशोधन कर सकती है? 
(क) सर्वोच्च न्यायालय 
(ख) राष्ट्रपति 
(ग) प्रधानमंत्री 
(घ) संसद 
उत्तर:
(घ) संसद। 

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प्रश्न 5.
उस मंत्रालय की पहचान करें जिसने निम्नलिखित समाचार जारी किया होगा : 

(क) देश से जूट का निर्यात बढ़ाने के लिए एक नई नीति बनाई जा रही है। 

1. रक्षा मंत्रालय 

(ख) ग्रामीण इलाकों में टेलीफोन सेवाएँ सुलभ करायी जाएँगी।

2. कृषि, खाद्यान्न और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय 

(ग) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बिकने वाले चावल और गेहूँ की कीमतें कम की जाएंगी। 

3. स्वास्थ्य मंत्रालय 

(घ) पल्स पोलियो अभियान शुरू किया जाएगा।

4. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय

(ङ) ऊँची पहाड़ियों पर तैनात सैनिकों के भत्ते बढ़ाए जाएंगे।

5. संचार और सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्रालय 

उत्तर:

(क) देश से जूट का निर्यात बढ़ाने के लिए एक नई नीति बनाई जा रही है। 

4. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय

(ख) ग्रामीण इलाकों में टेलीफोन सेवाएँ सुलभ करायी जाएँगी।

5. संचार और सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्रालय 

(ग) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बिकने वाले चावल और गेहूँ की कीमतें कम की जाएंगी। 

2. कृषि, खाद्यान्न और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय 

(घ) पल्स पोलियो अभियान शुरू किया जाएगा।

3. स्वास्थ्य मंत्रालय 

(ङ) ऊँची पहाड़ियों पर तैनात सैनिकों के भत्ते बढ़ाए जाएंगे।

1. रक्षा मंत्रालय 

प्रश्न 6. 
देश की विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में से उस राजनैतिक संस्था का नाम बताइए जो निम्नलिखित मामलों में अधिकारों का इस्तेमाल करती है-
(क) सड़क, सिंचाई जैसे बुनियादी ढाँचों के विकास और नागरिकों की विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों पर कितना पैसा खर्च किया जाएगा। 
(ख) स्टॉक एक्सचेंज को नियमित करने सम्बन्धी कानून बनाने की कमेटी के सुझाव पर विचार-विमर्श करती है। 
(ग) दो राज्य सरकारों के बीच कानूनी विवाद पर निर्णय लेती है। 
(घ) भूकम्प पीड़ितों की राहत के प्रयासों के बारे में सूचना माँगती है। 
उत्तर:
(क) कार्यपालिका 
(ख) विधायिका 
(ग) न्यायपालिका 
(घ) विधायिका। 

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प्रश्न 7. 
भारत का प्रधानमंत्री सीधे जनता द्वारा क्यों नहीं चुना जाता? निम्नलिखित चार जवाबों में सबसे सही को चुनकर अपनी पसंद के पक्ष में कारण दीजिए- 
(क) संसदीय लोकतंत्र में लोकसभा में बहुमत वाली पार्टी का नेता ही प्रधानमंत्री बन सकता है। 
(ख) लोकसभा, प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद् का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उन्हें हटा सकती है। 
(ग) चूँकि प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति नियुक्त करता है लिहाजा उसे जनता द्वारा चुने जाने की जरूरत ही नहीं है। 
(घ) प्रधानमंत्री के सीधे चुनाव में बहुत ज्यादा खर्च आएगा। 
उत्तर:
(क) संसदीय लोकतन्त्र में लोकसभा में बहमत वाली पार्टी का नेता ही प्रधानमन्त्री बन सकता है। 

पक्ष में कारण-भारतीय संविधान में यह व्यवस्था है कि प्रधानमन्त्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं। लेकिन राष्ट्रपति लोकसभा में बहुमत वाली पार्टी या पार्टियों के गठबन्धन के नेता को ही प्रधानमन्त्री नियुक्त करते हैं। यही कारण है कि भारत में प्रधानमंत्री का चुनाव जनता द्वारा प्रत्यक्षतः नहीं किया जाता है। 

प्रश्न 8. 
तीन दोस्त एक ऐसी फिल्म देखने गए जिसमें हीरो एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बनता है और राज्य में बहुत से बदलाव लाता है। इमरान ने कहा कि देश को इसी चीज की जरूरत है। रिजवान ने कहा कि इस तरह का, बिना संस्थाओं वाला एक व्यक्ति का राज खतरनाक है।शंकर ने कहा कि यह तो एक कल्पना है। कोई भी मंत्री एक दिन में कुछ भी नहीं कर सकता। ऐसी फिल्मों के बारे में आपकी क्या राय है? 
उत्तर:
यह फिल्म आदर्शवाद तथा वास्तविक स्थिति दोनों पर ही आधारित है। फिल्म में दिखाई गई समस्याएँ तो वास्तविक हैं किन्तु जो हल सुझाए गये हैं वे 80 प्रतिशत तक आदर्श पर आधारित हैं। किन्तु मुख्यमंत्री की भूमिका निभा रहे नायक द्वारा किए गये सभी कार्य संस्था की सीमा के अन्तर्गत हैं। हाँ, फर्क इतना है कि मुख्यमंत्री के रूप में अव्यावहारिक रूप से नायक को जमीनी स्तर पर ऐसे कार्य करते हुये दिखाया गया है जो कि काल्पनिक हैं। दूसरे, राज्य में परिवर्तन लाने के लिए एक व्यावहारिक योजना बनाने की आवश्यकता होती है। अत: केवल एक दिन में परिवर्तन वाला संभव नहीं है। 

प्रश्न 9. 
एक शिक्षिका छात्रों की संसद के आयोजन की तैयारी कर रही थी। उसने दो छात्राओं से अलग अलग पार्टियों के नेताओं की भूमिका करने को कहा। उसने उन्हें विकल्प भी दिया। यदि वे चाहें तो राज्य सभा में बहमत प्राप्त दल की नेता हो सकती थीं और अगर चाहें तो लोकसभा के बहुमत प्राप्त दल की। अगर आपको यह विकल्प दिया गया तो आप क्या चुनेंगे और क्यों? 
उत्तर:

  • मैं लोकसभा के बहुमत प्राप्त दल की नेता की भूमिका चुनूँगी। 
  • क्योंकि, लोकसभा के सदस्यों द्वारा ही अपने सदन के नेता का चुनाव किया जाता है तथा जिस व्यक्ति को बहुमत प्रदान किया जाता है, उसे प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाता है तथा वही व्यक्ति केन्द्र में सरकार बनाता है। 

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प्रश्न 10. 
आरक्षण पर आदेश का उदाहरण पढ़कर तीन विद्यार्थियों की न्यायपालिका की भूमिका पर अलग-अलग प्रतिक्रिया थी। इनमें से कौन-सी प्रतिक्रिया, न्यायपालिका की भूमिका को सही तरह से समझती है? 
(क) श्रीनिवास का तर्क है कि चूँकि सर्वोच्च न्यायालय सरकार के साथ सहमत हो गई है लिहाजा वह स्वतंत्र नहीं है। 
(ख) अंजैया का कहना है कि न्यायपालिका स्वतंत्र है क्योंकि वह सरकार के आदेश के खिलाफ फैसला सुना सकती थी। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को उसमें संशोधन का निर्देश दिया। 
(ग) विजया का मानना है कि न्यायपालिका न तो स्वतंत्र है, न ही किसी के अनुसार चलने वाली है बल्कि वह विरोधी समूहों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाती है। न्यायालय ने इस आदेश के समर्थकों और विरोधियों के बीच बढ़िया संतुलन बनाया। 
आपकी राय में कौन-सा विचार सबसे सही है? 
उत्तर:
इन तीनों प्रतिक्रियाओं में से अंजैया (ख) का विचार सरकार के आरक्षण सम्बन्धी आदेशों को न्यायालय द्वारा न्यायसंगत पाया गया है। साथ ही उनमें अपेक्षित कमियों को देखते हुये न्यायालय ने सरकार को इसमें संशोधन करने का आदेश भी दिया है। न्यायालय ने पिछड़े वर्गों के सही व्यक्ति तक इस आदेश का लाभ पहुँचे, इसके लिये इस वर्ग के सम्पन्न लोगों की पहचान कर उन्हें इस लाभ से अलग रखने के लिये आवश्यक कदम उठाने हेतु सरकार को निर्देश दिया है। 

मेरे विचार में यही सबसे सही राय है जो न्यायपालिका सरकार के आदेशों के खिलाफ फैसला सुना सकती है। 

admin_rbse
Last Updated on May 23, 2022, 10:53 a.m.
Published May 21, 2022