RBSE Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 4 आदिवासी, दीकु और एक स्वर्ण युग की कल्पना

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Social Science History Chapter 4 आदिवासी, दीकु और एक स्वर्ण युग की कल्पना Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 8 Social Science Solutions History Chapter 4 आदिवासी, दीकु और एक स्वर्ण युग की कल्पना

RBSE Class 8 Social Science आदिवासी, दीकु और एक स्वर्ण युग की कल्पना InText Questions and Answers

गतिविधि (पृष्ठ 42) 

प्रश्न 1. 
बैगा औरतें और मर्द जो काम करते हैं, उनको ध्यान से पढ़ें। क्या आपको उनमें कोई क्रम दिखाई देता है? उनके कामों में क्या फर्क थे? 
उत्तर:
हाँ, हमें उनके कार्यों में समय के आधार पर एक निश्चित क्रम दिखाई देता है। इसी क्रम में उनके मध्य कामों में भी निम्नानुसार अन्तर दिखाई देता है-

  • चैत में औरतें सामग्री इकट्ठा करने और बचे-खुचे ठूठों को काटने जाती थीं। पुरुष बड़े पेड़ों को काटते थे और शिकार पर जाते थे। शिकार पूर्णिमा के समय पूर्व से शुरू होता था। 
  • औरतें सागो, इमली और मशरूम (कुकुरमुत्ता) आदि फल बीनकर लाती थीं। 
  • बैसाख में जंगलों को जलाया जाता था। औरतें अधजली लकड़ियों को ईंधन के लिए बीन लेती थीं। आदमी शिकार पर जाते रहते थे लेकिन गाँव से दूर नहीं जाते थे। 
  • जेठ में बुआयी होती थी और शिकार चलता रहता था। 
  • आषाढ़ से भादों तक मर्द खेतों में काम करते थे। पूस में फटकन किया जाता था। नाच-गाना और शादियाँ भी पूस के महीने में ही होती थीं। 
  • माघ में पुरुष नए बेवड़ की तरफ चल देते थे। इस दौरान शिकार व चीजों का संग्रह ही जीने की मुख्य गतिविधि होती थी।

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फिर से याद करें-

प्रश्न 1. 
रिक्त स्थान भरें : 
(क) अंग्रेजों ने आदिवासियों को .............. के रूप में वर्णित किया। 
(ख) झूम खेती में बीज बोने के तरीके को ........... कहा जाता है। 
(ग) मध्य भारत में ब्रिटिश भूमि बंदोबस्त के अंतर्गत आदिवासी मुखियाओं को ............... स्वामित्व मिल गया। 
(घ) असम के .............. और बिहार की ......... में काम करने के लिए आदिवासी जाने लगे। 
उत्तर:
(क) जंगली और बर्बर 
(ख) छितराना, 
(ग) भूमि का 
(घ) चाय बागानों, कोयला खदानों।

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प्रश्न 2. 
सही या गलत बताएँ : 
(क) झूम काश्तकार जमीन की जुताई करते हैं और बीज रोपते हैं। 
(ख) व्यापारी संथालों से कृमिकोष खरीदकर उसे पाँच गुना ज्यादा कीमत पर बेचते थे। 
(ग) बिरसा ने अपने अनुयायियों का आह्वन किया कि वे अपना शुद्धिकरण करें, शराब पीना छोड़ दें और डायन व जादूटोने जैसी प्रथाओं में यकीन न करें। 
(घ) अंग्रेज आदिवासियों की जीवन पद्धति को बचाए रखना चाहते थे। 
उत्तर:
(क) गलत, 
(ख) सही, 
(ग) सही, 
(घ) गलत।

आइए विचार करें-

प्रश्न 3. 
ब्रिटिश शासन में घुमंतू काश्तकारों के सामने कौनसी समस्याएँ थीं? 
उत्तर:
ब्रिटिश शासन में घुमंतू काश्तकारों के सामने निम्न समस्याएँ थीं-

  • घुमंतू काश्तकारों के लिए कम पानी तथा सूखी मिट्टी वाली जमीन पर हलों की मदद से खेती करना आसान नहीं था।
  • हलों की मदद से खेती करने वाले घुमंतू काश्तकारों के खेत अच्छी उपज नहीं दे पाते थे।
  • अच्छी उपज नहीं होने पर उन्हें लगान चुकाने में दिक्कत आती थी। 

प्रश्न 4. 
औपनिवेशिक शासन के तहत आदिवासी मुखियाओं की ताकत में क्या बदलाव आए? 
उत्तर:
औपनिवेशिक शासन के तहत आदिवासी मुखियाओं की ताकत में निम्न महत्त्वपूर्ण बदलाव आए-

  • उन्हें कई-कई गाँवों पर जमीन का मालिकाना हक मिला। 
  • उनकी कई शासकीय शक्तियाँ छिन गईं तथा ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करने के लिए मजबूर किया गया। 
  • उन्हें अंग्रेज अधिकारियों को नजराना देना पड़ता था। साथ ही, अंग्रेजों के नाम पर उन्हें जनजातीय समूहों को अनुशासित रखना पड़ता था। 
  • पहले उनके पास जो ताकत थी अब वह नहीं रही। वे परम्परागत कामों को करने से लाचार हो गए।

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प्रश्न 5. 
दीकुओं से आदिवासियों के गुस्से के क्या कारण थे?
उत्तर:
आदिवासी लोग मिशनरी, महाजन, हिंदू भू-स्वामियों तथा अंग्रेज अधिकारियों को दीकु (बाहरी लोग) मानते थे। दीकुओं से आदिवासियों के गुस्से के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे-

  • आदिवासी दीकुओं को अपनी गरीबी तथा दयनीय अवस्था के लिए जवाबदेह मानते थे। 
  • उनका मानना था कि कंपनी की भू-नीतियाँ उनकी पारंपरिक भूमि व्यवस्था को नष्ट कर रही थीं। 
  • हिंदू भूस्वामी तथा महाजन उनकी जमीन हड़पते जा रहे थे। 
  • मिशनरी उनके धर्म तथा पारंपरिक संस्कृति का मजाक उड़ाया करते थे। 

प्रश्न 6. 
बिरसा की कल्पना में स्वर्ण युग किस तरह का था? आपकी राय में यह.कल्पना लोगों को इतनी आकर्षक क्यों लग रही थी? 
उत्तर:
(1) बिरसा की कल्पना में स्वर्ण युग निम्न प्रकार का था-

  • जिसमें लोग अच्छी जिंदगी जीते थे। 
  • जब वे नदियों पर बांध बनाते थे तथा प्राकृतिक झरनों का उपयोग करते थे। 
  • जब वे पेड़-पौधे लगाते थे तथा बाग तैयार करते थे। साथ ही, अपनी आजीविका के लिए खेती करते थे। 
  • जब लोग ईमानदारी से बिना एक-दूसरे को हानि पहुँचाए, साथ-साथ रहते थे। 

(2) बिरसा की यह कल्पना लोगों को इसलिए आकर्षक लग रही थी कि उन्हें विगत समय में मिशनरियों, भूस्वामियों, महाजनों तथा ब्रिटिश अधिकारियों के शोषण का शिकार होना पड़ा था। ब्रिटिश शोषक नीतियों ने उनसे उनके कई पारंपरिक अधिकार छीन लिए थे।

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Last Updated on May 30, 2022, 8:25 p.m.
Published May 30, 2022