Rajasthan Board RBSE Class 8 Social Science Chapter 26 हमारे गौरव
RBSE Solutions for Class 8 Social Science
RBSE Class 8 Social Science हमारे गौरव Intext Questions and Answers
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गतिविधि
प्रश्न 1.
चन्दबरदाई के पिता का नाम क्या था?
उत्तर:
चन्दबरदाई के पिता का नाम राव वैण था।
प्रश्न 2.
चन्दबरदाई का जन्म कहाँ हुआ?
उत्तर:
चन्दबरदाई का जन्म लाहौर में हुआ था।
प्रश्न 3.
चन्दबरदाई में कवि के अतिरिक्त कौन-कौन से गुण थे?
उत्तर:
चन्दबरदाई में कवि के अतिरिक्त क्रमशः विद्वता, वीरता, सहृदयता एवं मित्रभक्ति आदि गुण थे।
प्रश्न 4.
चन्दबरदाई की प्रसिद्ध रचना कौन – सी है?
उत्तर:
चन्दबरदाई की प्रसिद्ध रचना ‘पृथ्वीराज रासो’ है।
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प्रश्न 5.
शल्य क्रिया के क्षेत्र में सबसे प्रमुख नाम किसका
उत्तर:
शल्य क्रिया के क्षेत्र में सबसे प्रमुख नाम सुश्रुत का है।
प्रश्न 6.
शल्य क्रिया के क्षेत्र में प्राचीन भारतीय ग्रन्थ का नाम बताइए।
उत्तर:
शल्य क्रिया के क्षेत्र में प्राचीन भारतीय ग्रन्थ का नाम सुश्रुत संहिता है।
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प्रश्न 7.
सुश्रुत संहिता ग्रन्थ किसके द्वारा लिखा गया है?
उत्तर:
सुश्रुत संहिता ग्रन्थ महर्षि सुश्रुत द्वारा लिखा गया है।
प्रश्न 8.
सुश्रुत ने ऐसी कौन – सी वस्तुओं का आविष्कार किया जिनका प्रयोग आज भी हो रहा है?
उत्तर:
सुश्रुत ने चिकित्सा के लिए सौ से अधिक औजारों तथा यन्त्रों का आविष्कार किया जिनका प्रयोग आज भी हो रहा है।
बताइए कब क्या हुआ?
(महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन)
- 22 दिसम्बर, 1887 ई. – श्रीनिवास रामानुजन् का जन्म।
- 16 जनवरी, 1913 ई. – रामानुजन् ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के प्रो. हार्डी को पत्र लिखा जिसमें लगभग 720 प्रमेय भी लिखकर भेजे।
- रामानुजन् की प्रतिभा को देखकर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के प्रो. हार्डी ने उन्हें इंग्लैण्ड बुला लिया।
- 14 अप्रैल, 1914 ई.-रामानुजन् प्रो. हार्डी के बुलावे पर इंग्लैण्ड पहुँचे।
- 27 मार्च, 1919 ई.-रामानुजन् इंग्लैण्ड से भारत पहुँचे।
- 20 अप्रैल, 1920 ई.-रामानुजन् का 33 वर्ष की आयु में देहान्त हो गया। क गतिविधि
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प्रश्न 9.
भारत के अन्य वैज्ञानिक कौन – कौन रहे हैं? सूची बनाएँ।
उत्तर:
भारत के अन्य वैज्ञानिक निम्नलिखित हैं –
- आर्यभट्ट
- सी. वी. रमन
- विक्रम साराभाई
- होमी जहाँगीर भाभा
- सलीम अली
- एस. चन्द्रशेखर
- ए. पी. जे. अब्दुल कलाम आदि।
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प्रश्न 10.
माघ के माता पिता का नाम क्या था?
उत्तर:
महाकवि माघ के पिता का नाम दत्तक तथा माता का नाम ब्राह्मी था।
प्रश्न 11.
माघ द्वारा लिखी गई काव्य रचना कौन – सी है?
उत्तर:
माघ द्वारा लिखी गई काव्य रचना ‘शिशुपाल वध’
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प्रश्न 12.
सूत्रधार मण्डन का योगदान सबसे अधिक किस क्षेत्र में माना जाता है?
उत्तर:
सूत्रधार मण्डन का योगदान सबसे अधिक संगीत क्षेत्र में माना जाता है।
प्रश्न 13.
वास्तुशास्त्र का मुख्य विषय क्या होता है?
उत्तर:
वास्तुशास्त्र का मुख्य विषय स्थापत्य होता है।
प्रश्न 14.
महर्षि पाराशर ने किस ग्रन्थ की रचना की?
उत्तर:
महर्षि पाराशर ने ‘कृषि पाराशर’ ग्रन्थ की रचना की।
प्रश्न 15.
चक्रपाणि मिश्र ने कौन-कौन से ग्रन्थों की रचना की?
उत्तर:
चक्रपाणि मिश्र ने क्रमशः विश्ववल्लभ, मूर्तमाला व्यवहारादर्श एवं राज्याभिषेक पद्धति नामक ग्रन्थों की रचना की।
प्रश्न 16.
‘वृक्षायुर्वेद’ ग्रन्थ की रचना किसने की?
उत्तर:
‘वृक्षायुर्वेद’ ग्रन्थ की रचना चक्रपाणि मिश्र ने की।
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आओ करके देखें
प्रश्न 1.
एक पन्ने पर महापुरुषों के चित्र बनायें/चिपकायें।
उत्तर:
प्रश्न 2.
महर्षि सश्रुत द्वारा वर्णित उपकरण के चित्र खोजकर उन्हें नोट बुक में बनायें।
उत्तर:
प्रश्न 3.
कला, साहित्य, संगीत, विज्ञान, ज्योतिष आदि के क्षेत्र में योगदान देने वाले अन्य महापुरुषों की जानकारी अपने शिक्षकों से प्राप्त करें।
उत्तर:
अन्य महापुरुष निम्नलिखित हैं –
- कला सम्बन्धित – एम. एफ. हुसैन, विद्याधर शास्त्री आदि।
- साहित्य सम्बन्धी – तुलसीदास, कालिदास, सूरदास आदि।
- संगीत सम्बन्धी – तानसेन, बैजू – बावरा, पं. विश्वमोहन भट्ट।
- विज्ञान सम्बन्धी – सी. वी. रमन, ए. पी. जे. अब्दुल कलाम, महर्षि कणाद आदि।
- ज्योतिष सम्बन्धी – वराहमिहिर, भृगु, सवाई जयसिंह आदि।
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यह भी जानें
कृषि पाराशर के विषय –
प्रश्न 1.
कौन – सी फसल कब उगाई जाए?
उत्तर:
कृषि पाराशर’ में फसल बोने का उत्तम समय शिशिर ऋतु (फरवरी – मार्च) बताया गया है।
प्रश्न 2.
खेती के काम आने वाले पशुओं के साथ कैसा व्यवहार किया जाए?
उत्तर:
खेती के काम आने वाले पशुओं के साथ निर्दयतापूर्वक व्यवहार न करके मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
प्रश्न 3.
गौशाला व उसका रख-रखाव कैसे किया जाए?
उत्तर:
गौशाला के गोबर को शीघ्रताशीघ्र खाद के रूप में प्रयोग कर लेना चाहिए। गौशाला खुली हवा में स्वच्छ वातावरण में होनी चाहिए।
प्रश्न 4.
मौसम का पूर्वानुमान कैसे लगाया जाए?
उत्तर:
मौसम का पूर्वानुमान वायु की गति की दिशा द्वारा लगाया जाना चाहिए।
प्रश्न 5.
कृषि कार्य कब प्रारम्भ करना चाहिए?
उत्तर:
कृषि कार्य माघ के माह से प्रारम्भ करना चाहिए।
RBSE Class 8 Social Science हमारे गौरव Text Book Questions and Answers
I. प्रश्न एक का सही उत्तर चुनकर लिखिए
प्रश्न 1.
‘वृक्षायुर्वेद’ ग्रन्थ की रचना की थी …………………
(अ) सूत्रधार मण्डन ने
(ब) चक्रपाणि मिश्र ने
(स) महर्षि सुश्रुत ने
(द) शारंगधर ने
उत्तर:
(ब) चक्रपाणि मिश्र ने
II. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिएलेखक –
उत्तर:
1. (g)
2. (e)
3. (f)
4. (a)
5. (b)
6. (c)
7. (d)
III. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
- ………………… का जन्म भीनमाल में माना जाता है।
- भारत का यह गणित तथा खगोल विज्ञान का ज्ञान अरब तथा बाद में ………………… को प्राप्त हुआ।
- ………………… ही वे प्रथम चिकित्सक माने जाते हैं, जिन्होंने शल्य चिकित्सा को एक व्यवस्थित स्वरूप प्रदान किया।
- ………………… को उनके शोधपत्रों के आधार पर बिना परीक्षा दिये स्नातक की उपाधि प्रदान की गई।
- ………………… अत्यन्त दानशीलता के कारण दरिद्र हो गए।
- महाराणा प्रताप के दरबारी पण्डित श्री ………………… थे।
- महर्षि ………………… का जन्म स्थल पुष्कर था।
उत्तर:
- ब्रह्मगुप्त
- पश्चिम के देशों
- महर्षि सुश्रुत
- श्रीनिवास रामानुजन्
- महाकवि माघ
- चक्रपाणि मिश्र
- पाराशर।
IV. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
प्रश्न 1.
पृथ्वीराज चौहान के राजकवि का नाम बताइए।
उत्तर:
पृथ्वीराज चौहान के राजकवि का नाम चन्दबरदाई था।
प्रश्न 2.
चिकित्सा के क्षेत्र में प्लास्टिक सर्जरी का प्रयोग सबसे पहले किसने किया?
उत्तर:
चिकित्सा के क्षेत्र में प्लास्टिक सर्जरी का प्रयोग सबसे पहले महर्षि सुश्रुत ने किया।
प्रश्न 3.
ब्रह्मगुप्त का गणित व खगोल के क्षेत्र में क्या योगदान रहा?
उत्तर:
ब्रह्मगुप्त का गणित व खगोल के क्षेत्र में निम्न योगदान रहा –
- ब्रह्मस्फुट सिद्धान्त एवं खण्डखाद्यकम् नामक ग्रन्थों की रचना की।
- अन्तर्वेशन, समतल त्रिकोणमिति, गोलीय त्रिकोणमिति दोनों में ज्या व कोटिज्या के नियम उपलब्ध हैं, इसके अतिरिक्त वर्गमूल, घनमूल लिखने की सरल विधि तथा शून्य के गुणधर्म की व्याख्या की है।
प्रश्न 4.
प्रसिद्ध गणितज्ञ रामानुजन के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
प्रसिद्ध गणितज्ञ रामानुजन का जन्म 22 दिसम्बर सन् 1887 को तमिलनाडु के इरोड़ नगर में हुआ था। उनके पिता का नाम श्रीनिवास आयंगर एवं माता का नाम कोमलताम्मल था। रामानुजन् बचपन से ही जिज्ञासुवृत्ति के थे। वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के प्रो. हार्डी के बुलावे पर 14 अप्रैल, 1914 को इंग्लैण्ड गए थे। वहाँ केवल एक वर्ष में रामानुजन और प्रो. हार्डी ने सम्मिलित रूप से नौ शोध प्रकाशित किए। रामानुजन को उनके शोधपत्र के आधार पर बिना परीक्षा दिए मार्च 1916 में स्नातक की उपाधि दी गई थी। 1920 में रामानुजन की मात्र 33 वर्ष की आयु में भारत में मृत्यु हो गई। श्री रामानुजन भारतीय सभ्यता और संस्कृति के सच्चे पुजारी थे।
प्रश्न 5.
सूत्रधार मण्डन ने कौन-कौन से शास्त्रों की रचना की?
उत्तर:
सूत्रधार मण्डन ने क्रमशः देवतामूर्ति प्रकरण, प्रासादमण्डनम्, वास्तुराजवल्लभं, वास्तुशास्त्रम्, वास्तुमण्डनम्, वास्तुसार एवं वास्तुमंजरी नामक शास्त्रों की रचना की।
प्रश्न 6.
कृषि के क्षेत्र में महर्षि पराशर का क्या योगदान रहा है?
उत्तर:
कृषि के क्षेत्र में महर्षि पराशर का निम्न योगदान रहा है –
- कृषि से सम्बन्धित ग्रन्थ ‘कृषि पाराशर’ की रचना की।
- कृषि कार्य, फसल, मौसम, कृषि सम्बन्धित पशुओं आदि के विषय में अत्यधिक महत्वपूर्ण जानकारी से जनमानस को लाभान्वित किया।
RBSE Class 8 Social Science हमारे गौरव Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
Question 1.
चन्दबरदाई का जन्म हुआ था …………………
(अ) लाहौर में
(ब) भीनमाल में
(स) तमिलनाडु में
(द) पुष्कर में
उत्तर:
(अ) लाहौर में
Question 2.
हिन्दी का प्रथम महाकाव्य है?
(अ) पृथ्वीराज रासो
(ब) शुश्रुत संहिता
(स) वास्तु मंजरी
(द) कृषि पाराशर
उत्तर:
(अ) पृथ्वीराज रासो
Question 3.
ब्रह्मगुप्त ने ब्रह्मस्फुट सिद्धान्त की रचना की थी …………………
(अ) 1148 ई. में
(ब) 628 ई. में
(स) 1887 ई. में
(द) 598 ई. में
उत्तर:
(ब) 628 ई. में
Question 4.
विश्व का प्रथम शल्य चिकित्सक किसे माना जाता …………………
(अ) चन्दबरदाई को
(ब) माघ को
(स) महर्षि सुश्रुत को
(द) मण्डन को
उत्तर:
(स) महर्षि सुश्रुत को
Question 5.
प्लास्टिक सर्जरी का वर्णन किस ग्रन्थ में है?
(अ) वास्तु मंजरी में
(ब) ब्रह्मस्फुट सिद्धान्त में
(स) सुश्रुत संहिता में
(द) कृषि पाराशर में
उत्तर:
(स) सुश्रुत संहिता में
Question 6.
श्रीनिवास रामानुजन को स्नातक की उपाधि की मिली …………………
(अ) 1910 ई. में
(ब) 1916 ई. में
(स) 1918 ई. में
(द) 1920 ई. में
उत्तर:
(ब) 1916 ई. में
Question 7.
“शिशुपाल वधम्’ नामक ग्रन्थ की रचना की थी …………………
(अ) सूत्रधार मण्डन ने
(ब) महाकवि माघ ने
(स) चक्रपाणि मिश्र ने
(द) चन्दबरदाई ने
उत्तर:
(ब) महाकवि माघ ने
Question 8.
कौन से विद्वान ने ‘हरवा’ का उल्लेख किया है?
(अ) महाकवि माघ ने
(ब) शारंगधर ने
(स) महर्षिपाराशर ने
(द) चक्रपाणि मिश्र ने
उत्तर:
(द) चक्रपाणि मिश्र ने
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- …………………. हिन्दी का प्रथम महाकाव्य कहलाता है।
- खण्डखाद्यकम् नामक ग्रन्थ की रचना …………………. ने की थी।
- महाकवि माघ का विवाह …………………. के साथ हुआ था।
- सूत्रधार मण्डन मेवाड़ के महाराणा …………………. का प्रिय वास्तुशिल्पी रहा था।
- शिल्प शास्त्रीय ग्रन्थों के सृजनकर्ताओं में …………………. का स्थान ऋषि तुल्य है।
उत्तर:
- पृथ्वीराज रासो
- ब्रह्मगुप्त
- माल्हण देवी
- कुम्भा
- चक्रपाणि मिश्र
स्तम्भ ‘अ’को स्तम्भ ‘ब’ से सुमेलित कीजिएस्तम्भ ‘अ’
उत्तर:
1. (c)
2. (a)
3. (d)
4. (b)
अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
राव वैण किसके पुरोहित थे?
उत्तर:
राव वैण अजमेर के चौहानों के पुरोहित थे।
प्रश्न 2.
किस विद्वान ने युद्ध के समय सेना के साथ रहकर अपने रण कौशल का परिचय समय – समय पर दिया था?
उत्तर:
चन्दबरदाई।
प्रश्न 3.
सुश्रुत किस महान् ऋषि के वंशज थे?
उत्तर:
सुश्रुत विश्वामित्र नामक महान ऋषि के वंशज थे।
प्रश्न 4.
किस देश के विद्वान् प्लास्टिक सर्जरी की खोज का श्रेय लेते हैं?
उत्तर:
संयुक्त राज्य अमेरिका के विद्वान् प्लास्टिक सर्जरी की खोज का श्रेय लेते हैं।
प्रश्न 5.
माघ के समालोचक भगवान कृष्ण की आराधना को माघ के किस ग्रंथ से जोड़ते हैं?
उत्तर:
माघ के समालोचक भगवान क ष्ण की आराधना को माघ के शिशुपालवधम् नामक ग्रंथ से जोड़ते हैं।
प्रश्न 6.
कुम्भलगढ़ नामक दुर्ग किसके मार्गदर्शन में बना था?
उत्तर:
कुम्भलगढ़ नामक दुर्ग सूत्रधार मण्डन के मार्गदर्शन में बना था।
प्रश्न 7.
गुजरात के सोमपुरा शिल्पज्ञ कुल से कौन-सा विद्वान सम्बन्धित था?
उत्तर:
गुजरात के सोमपुरा शिल्पज्ञ कुल से सूत्रधार मण्डन नामक विद्वान सम्बन्धित था।
प्रश्न 8.
सूत्रधार मण्डन के पिता का नाम क्या था?
उत्तर:
सूत्रधार मण्डन के पिता का नाम क्षेत्रार्क (खेता) था।
प्रश्न 9.
अन्नं हि धान्यासंजातं धान्यं कृष्या बिना न च। तस्मात सर्व परित्यज्य कृषि यत्नेन कारयेत॥ उक्त श्लोक का क्या भावार्थ है?
उत्तर:
इसका भावार्थ है अन्न धान्य (फसल) से उत्पन्न होता है और धान्य बिना कषि के नहीं होता। इस कारण सब कुछ छोड़कर प्रयत्नपूर्वक कृषि कार्य करना चाहिए।
प्रश्न 10.
कृषि पाराशर’ नामक ग्रन्थ में किसका वर्णन किया गया है?
उत्तर:
‘कृषि पाराशर’ नामक ग्रन्थ में गौ-धन पूजा का प्राचीन सन्दर्भ, दीपावली के बाद पड़वा को करने का वर्णन किया गया है। साथ ही वर्षा, मौसम के बारे में भी बताया गया है।
प्रश्न 11.
कृषि पाराशर ग्रन्थ का पुनर्लेखन कब किया गया था?
उत्तर:
कृषि पाराशर ग्रन्थ का पुनर्लेखन दसवीं सदी में किया गया था।
प्रश्न 12.
चक्रपाणि मिश्र ने विश्ववल्लभ ग्रन्थ की रचना में किस स्त्रोत सामग्री का मुख्य रूप से सहारा लिया है?
उत्तर:
चक्रपाणि मिश्र ने विश्ववल्लभ ग्रन्थ की रचना में वराहमिहिर कृत ‘वृहत्संहिता’ नामक स्रोत सामग्री का मुख्य रूप से सहारा लिया है।
प्रश्न 13.
चक्रपाणि मिश्र किस विद्वान से सर्वाधिक प्रभावित थे?
उत्तर:
चक्रपाणि मिश्र वराहमिहिर नामक विद्वान से सर्वाधिक प्रभावित थे।
प्रश्न 14.
‘हरवा’ किससे सम्बन्धित है?
उत्तर:
‘हरवा’ भूमिगत जल ज्ञान बताने से सम्बन्धित है। यह विभिन्न संकेतों के आधार पर पानी की उपलब्धता की दिशा और गहराई बताता है।
प्रश्न 15.
चक्रपाणि मिश्र के पिता का नाम क्या था?
उत्तर:
चक्रपाणि मिश्र के पिता का नाम उग्र मिश्र था।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
चन्दबरदाई के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
चन्दबरदाई – चन्दबरदाई का जन्म सन् 1148 को लाहौर में हुआ था। इनके पिता अजमेर के चौहानों के पुरोहित थे। इसी कारण चन्दबरदाई को अपने पिता के साथ राजकुल के सम्पर्क में आने का अवसर मिला। चन्दबरदाई को भाषा, साहित्य, व्याकरण, छन्द, पुराण, ज्योतिष आदि का ज्ञान था। इन्होंने पृथ्वीराज चौहान से सम्बन्धित ‘पृथ्वीराज रासो’ नामक प्रसिद्ध ग्रन्थ की रचना की थी।
प्रश्न 2.
ब्रह्मगुप्त के बारे में संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
ब्रह्मगुप्त – ब्रह्मगुप्त का जन्म सन् 598 को भीनमाल (जालोर) राजस्थान में हुआ था। ब्रह्मगुप्त गुप्तकाल के प्रमुख खगोल शास्त्री थे। इन्होंने ब्रह्मस्फुट सिद्धान्त एवं खण्डखाद्यकम नामक ग्रन्थों की रचना की थी। इन ग्रन्थों में ब्रह्मगुप्त ने वर्गमूल व घनमूल लिखने की सरल विधियाँ, शून्य के गुणधर्म की व्याख्या की। ज्यामिति के क्षेत्र में ब्रह्मगुप्त का विशेष योगदान रहा था। ब्रह्मगुप्त के ग्रन्थों का अरबी एवं फारसी भाषा में अनुवाद हुआ। इसके के माध्यम से ही भारत का यह गणित एवं खगोल विज्ञान का ज्ञान अरब तथा बाद में पश्चिम के देशों को प्राप्त हुआ था।
प्रश्न 3.
महर्षि सुश्रुत पर एक लघु लेख लिखिए।
उत्तर:
महर्षि सुश्रुत शल्य क्रिया को व्यवस्थित रूप प्रदान करने वाले प्रथम शल्य चिकित्सक थे। इन्होंने शल्य चिकित्सा को उन्नत ही नहीं किया वरन् अनेक मनुष्यों को इससे स्वास्थ्य लाभ भी पहुँचाया। सुश्रुत ने चिकित्सा क्षेत्र में प्रसिद्ध ग्रन्थ सुश्रुत संहिता की रचना की तथा प्लास्टिक सर्जरी का उल्लेख भी अपने इस ग्रन्थ में किया। सुश्रुत की प्लास्टिक सर्जरी पद्धति का अनुसरण यूरोप ने किया। आज यह विश्व भर में प्रचलित हो गई है। इसके अतिरिक्त सुश्रुत ने शल्य चिकित्सा के लिए सौ से अधिक औजारों तथा यन्त्रों का आविष्कार किया। इनमें से अधिकांश यंत्रों का आज भी प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 4.
महाकवि माघके जीवन चरित्र पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
महाकवि माघ का जन्म सातवीं सदी के उत्तरार्द्ध एवं आठवीं सदी के पूर्वार्द्ध में श्रीमालनगर (भीनमाल, राजस्थान) में हुआ था। माघ के पिता का नाम दत्तक था। माघ का विवाह माल्हण देवी के साथ हुआ था। माघ अपनी दानशीलता के कारण जीवन के अंतिम दिनों में दरिद्र हो गए थे। आपने शिशुपालवधम् नामक काव्य ग्रन्थ की रचना की थी।
प्रश्न 5.
माघ ने शिशुपालवधम् में किन शास्त्रों के सिद्धान्तों का समावेश किया है?
उत्तर:
माघ ने शिशुपालवधम् में क्रमशः साहित्य, व्याकरण शास्त्र, नीतिशास्त्र, पुराण, आयुर्वेद, न्याय, ज्योतिष, प्राकृतिक सौन्दर्य, ग्राम्य जीवन, पशु-पक्षी जीवन, सौन्दर्य, काव्य, पदलालित्य एवं राजनीति शास्त्र नामक शास्त्रों के सिद्धान्तों का समावेश किया है।
प्रश्न 6.
माल्हण देवी की दानशीलता माघ की दानशीलता से कम नहीं थी। किसी प्रकरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
माल्हण देवी माघ की पत्नी थीं। कहते हैं कि एक बार एक ब्राह्मण विपन्न अवस्था में अपनी पुत्री के विवाह के लिए याचक बनकर माघ के पास आया। रात्रि का प्रथम प्रहर बीत रहा था माघ अपनी सोई हुई पत्नी के कक्ष में गए और उनके हाथ का एक कंगन उतार कर ब्राह्मण को दे दिया। इतने में उनकी पत्नी जाग गई और दूसरे हाथ का कंगन लाकर याचक को दे दिया और कहा कि तुम्हारी पुत्री को दोनों हाथों में कंगन पहनने चाहिए। इस प्रकरण से माल्हण देवी की दानशीलता का अनुमान लगाया जा सकता है। जो माघ की दानशीलता से कम नहीं थी।
प्रश्न 7.
माघ से सम्बन्धित एक दन्त कथा को लिखिए।
उत्तर:
माघ से सम्बन्धित दन्त कथा-माघ जब रचना करते थे तो अपना ही रचित श्लोक अथवा पद उन्हें दूसरे दिन उपयुक्त नहीं लगता था, तब वे उसे काट देते थे। जिससे कोई भी रचना पर्ण नहीं होती थी। एक रात स्वप्न में माघ की पत्नी माल्हण देवी ने देवी सरस्वती को दीन स्थिति में देखा और उस स्थिति का कारण पूछा तब देवी सरस्वती ने कहा कि माघ प्रतिदिन पूर्व रचित पदों को दूसरे दिन काटता जाएगा तो यह घाव सदा ही रिसते रहेंगे (अर्थात् दीन स्थिति बनी रहेगी)। उपाय पूछने पर देवी ने माघ को जमीकन्द की सब्जियाँ खिलाने को कहा। माघ जमीकन्द की सब्जी खाकर ही अपनी कृति शिशुपालवधम् पूर्ण कर सके। यद्यपि इस दन्त कथा का कोई प्रामाणिक आधार तो नहीं है, किन्तु यह अनुमान लगाया जा सकता है कि माघ के लेखन में उनकी पत्नी का भी अप्रत्यक्ष रूप से योगदान रहा था।
प्रश्न 8.
सूत्रधार मण्डन के बारे में संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
सूत्रधार मण्डन भारतीय वास्तुकला में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं। मण्डन ने अपने ग्रन्थों से स्थापत्य शास्त्रियों के लिए नियम देकर महल,घर, निवास, जलाशय, मन्दिर, प्रतिमा आदि के निर्माण में सहयोग दिया। मण्डन के मत विगत साढ़े पाँच सौ वर्ष से वास्तुकला में कलापक्ष, गणित, ज्योतिष के क्षेत्र में हमारे यहाँ माने जाते रहे हैं। मण्डन ने देवतामूर्ति प्रकरण, प्रासादमण्डनम्, वास्तुसार, वास्तुमंजरी आदि अनेक प्रमुख ग्रन्थों की रचना की है।
प्रश्न 9.
महर्षि पाराशर के कृषि क्षेत्र से सम्बन्धित विचार क्या थे?
उत्तर:
महर्षि पाराशर ने कृषि को अत्यन्त ऊँचा स्थान प्रदान किया है। उन्होंने बताया कि मनुष्य का जीवन अन्न में है और उसका उत्पादन कृषि के अतिरिक्त अन्य साधन द्वारा सम्भव नहीं है। भारत चिरकाल से कृषि प्रधान देश रहा है। पाराशर ने कृषि क्षेत्र से सम्बन्धित अपने अनेक विचारों को ‘कृषि पाराशर’ ग्रन्थ में वर्णित किया है।
प्रश्न 10.
कृषि पाराशर ग्रन्थ में किन विषयों पर प्रकाश डाला गया है?
उत्तर:
कृषि पाराशर ग्रन्थ में निम्नांकित विषयों पर प्रकाश डाला गया है –
- कृषि कार्य कब प्रारम्भ करना चाहिए।
- कौन – सी फसल कब उगाई जाए।
- खेती में काम आने वाले पशुओं के साथ कैसा व्यवहार किया जाए।
- मौसम का पूर्वानुमान कैसे लगाया जाए।
- गौशाला एवं उसका रख-रखाव कैसे किया जाए।
प्रश्न 11.
विश्ववल्लभ ग्रन्थ पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
विश्ववल्लभ ग्रन्थ चक्रपाणि मिश्र ने लिखा था। इस ग्रन्थ के निर्माण में विष्णु धर्मोत्तर पुराण से लेकर वराहमिहिर की वृहत्संहिता से एकत्रित सामग्री का उपयोग किया गया है। यह ग्रन्थ रोगोपचार विधियों, पेड़ की सिंचाई, पौध स्नान (फव्वारा), धूपन, छिड़काव-बुरकाव और मन्त्र-पाठ आदि विषयों पर प्रमुख रूप से प्रकाश डालता है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
श्रीनिवास रामानुजन पर विस्तृत लेख लिखिए।
उत्तर:
श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसम्बर, सन् 1887 में तमिलनाडु के इरोड़ नगर में हुआ था। इनका पैतृक स्थान तंजोर जिले में कम्बकोणम् है। रामानुजन् के पिता का नाम श्रीनिवास आयंगर एवं माता का नाम कोमलताम्मल था। वह धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी। रामानुजन् प्रारम्भ से ही जिज्ञासुवृत्ति एवं कुशाग्र बुद्धि के थे इनकी गणित में विशेष रुचि थी। सन् 1904 में उन्होंने हाईस्कूल की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करके छात्रवृत्ति प्राप्त की। 16 जनवरी, 1913 ई. को रामानुजन् ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध गणितज्ञ प्रो. जी. एच. हार्डी को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने लगभग 120 प्रमेय भी लिखकर भेजे।
रामानुजन् की प्रतिभा को देखकर प्रो. हार्डी ने उन्हें इंग्लैण्ड बुला लिया। 14 अप्रैल, 1914 ई. को रामानुजन् प्रो. हार्डी के बुलावे पर इंग्लैण्ड पहुँच गए। यहाँ उन्होंने प्रो. हार्डी के साथ अनुसन्धान करके केवल एक वर्ष में (1915 ई.) ही सम्मिलित रूप से 9 शोध-पत्र प्रकाशित किए। रामानुजन् को उनके शोध-पत्र के आधार पर बिना परीक्षा दिए मार्च, 1916 ई. में स्नातक उपाधि प्रदान कर दी गई। 27 मार्च, 1919 ई. को वे इंग्लैण्ड से भारत लौट आए तथा 26 अप्रैल, 1920 ई. में 33 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गई।
रामानुजन् इतने मितव्ययी थे कि गणितीय समस्याओं का हल वे स्लेट पर करके अन्तिम परिणाम ही अपनी नोट बुक में लिखते थे। वे भारतीय सभ्यता व संस्कृति के सच्चे पुजारी थे। उन्होंने इंग्लैण्ड जाते समय अपने पिताजी को वचन दिया था कि वह कोई ऐसा कार्य नहीं करेंगे जिससे भारतीयता को चोट पहुँचे। विदेश में भी राजानुजन् अपने निजी कार्य स्वयं करते थे। अभावों में रहते हुए भी वे अध्ययन, अनुसंधान एवं लेखन कार्य को जीवन के अन्तिम क्षण तक करते रहे थे।
प्रश्न 2.
चक्रपाणि मिश्रं तथा शारंगधर की विस्तृत चर्चा कीजिए।
उत्तर:
चक्रपाणि मिश्र – चक्रपाणि मिश्र, उग्र मिश्र के पुत्र तथा महाराणा प्रताप के दरबारी पण्डित थे। चित्तौड़ की तलहटी में बसा गाँव पीपली चक्रपाणि के परिवार को मिला हुआ था। चक्रपाणि ने विश्ववल्लभ, मूहूर्तमाला, व्यवहारादर्श और राज्याभिषेक पद्धति नामक ग्रन्थों की रचना की थी। उन्होंने भूमिगत जलज्ञान बताने वाले ‘हरवा’ का उल्लेख भी अपने ग्रन्थों में किया था। चक्रपाणि मिश्र को विभिन्न पेड़ों की प्रकृति, उनके औषधीय गुण-धर्मों की जानकारी थी।
वे अच्छे वनस्पति शास्त्री तो थे ही साथ ही वास्तुविज्ञान के अन्तर्गत उन्हें जलाशय तथा जलस्रोतों के निर्माण का भी विशेष ज्ञान था। चक्रपाणि ने राज्याभिषेक पद्धति में राजवल्लभ के श्लोकों को उद्धृत किया और विश्ववल्लभ-वृक्षायुर्वेद में जलाशय वर्णन के सन्दर्भ में राजवल्लभ के श्लोकों को विस्तार दिया। शिल्पशास्त्रीय ग्रन्थों के सृजनकर्ताओं में चक्रपाणि मिश्र का स्थान ऋषि तल्य है। शारंगधर – शारंगधर हम्मीर (रणथम्भौर का शासक) के गुरु राघव देव का पौत्र व दामोदर का पुत्र था। इसने हम्मीर रासो तथा शारंगधर संहिता ग्रन्थों की रचना की थी। शारंगधर का योगदान शारंगधर पद्धति नामक संगीत पद्धतियाँ तैयार करने में है।
शारंगधर पद्धति में संगीत के लुप्त ग्रन्थ गान्धर्व शास्त्र का संक्षिप्त पाठ सुरक्षित है जो मध्यकालीन भारतीय संगीत कला को जानने का मुख्य आधार है। इस पद्धति में वृक्षायुर्वेद ग्रन्थ का संक्षिप्त रूप है, जिनके आधार पर अनेक राजाओं और प्रजाजनों ने वाटिकाओं का विकास कर पर्यावरण की सुरक्षा में अपना योगदान किया। शारंगधर की पद्धति में अष्टांग योग को वैज्ञानिक स्वरूप, स्वास्थ्य और निरापद जीवन के साथ जोड़ा गया है। वैज्ञानिक तरीके से ज्ञान के उपयोग को प्रस्तुत करने के दृष्टिकोण से शारंगधर के योगदान व उसकी अनेक सूक्तियों के लिए अनेक विदेशियों ने शारंगधर के योगदान की प्रशंसा की है।