Rajasthan Board RBSE Class 8 Social Science Chapter 23 ब्रिटिशकालीन भारतीय शासन व्यवस्था
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RBSE Class 8 Social Science ब्रिटिशकालीन भारतीय शासन व्यवस्था Intext Questions and Answers
पृष्ठ – 156
गतिविधि
प्रश्न 1.
ब्रिटिश कालीन भारतीय शासन के समय ऐसे कौन-से परिवर्तन किये गए, जो आज भी चल रहे हैं। पता कीजिए।
उत्तर:
ब्रिटिश काल में विभिन्न अधिनियमों द्वारा भारतीय शासन व्यवस्था में कई परिवर्तन किये गये जो आज भी देखने को मिलते हैं –
- 1861 ई. के इण्डियन काउन्सिल एक्ट द्वारा गवर्नर को कार्यपालिका शक्ति सम्बन्धित महत्वपूर्ण अधिकार दिये गये। किसी भी बिल पर उसकी स्वीकृति आवश्यक थी। गर्वनर किसी भी प्रान्तीय सरकार द्वारा बनाए गये कानून को संशोधित या रद्द कर सकता था। ये समस्त शक्तियाँ आज भी कार्यपालिका के अध्यक्ष के पास हैं।
- 1892 के भारत परिषद अधिनियम ने चुनाव पद्धति की शुरुआत की व निर्वाचित व्यक्ति को मनोनीत सदस्य का दर्जा दिया गया। यह पद्धति आज भी भारत की चुनाव प्रणाली में निहित है।
- 1909 ई. के भारत परिषद् अधिनियम द्वारा मुसलमानों के पृथक् मताधिकार व पृथक् निर्वाचन क्षेत्रों की स्थापना हुई। यह व्यवस्था भारतीय शासन में अल्पसंख्यकों व दलितों के लिए आरक्षित सीटों के रूप में विद्यमान है।
- 1935 के भारतीय शासन अधिनियम द्वारा केन्द्रीय विधानमण्डल में दो सदन बने-राज्य सभा व संघीय सभा तथा समस्त विषयों को तीन सूचियों में विभाजित किया गया। संघ सूची, राज्य सूची व समवर्ती सूची। भारत की संसदीय प्रणाली में आज भी यह व्यवस्था लागू है।
- 1854 ई. के वुड डिस्पैच के द्वारा अंग्रेजी को शिक्षा का माध्यम बनाया गया। धीरे-धीरे शिक्षा के प्रत्येक स्तर में अंग्रेजी भाषा को शिक्षा का माध्यम बनाया जाने लगा।
- सर्जेन्ट योजना के तहत भारत में प्राथमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थापित किये गए, जिससे भारतीयों को शिक्षित होने का अवसर मिला।
- 1839 ई. में दीवानी व फौजदारी न्यायालयों की स्थापना की गई।
- 1930 ई. तक न्याय व्यवस्था में जाति, धर्म, वंश, पद, व्यक्तिगत प्रतिष्ठा के आधार पर भेदभाव करने पर पाबंदी लगा दी गई जो आज भारतीय नागरिकों को समता के अधिकार के रूप में प्राप्त है।
RBSE Class 8 Social Science ब्रिटिशकालीन भारतीय शासन व्यवस्था Text Book Questions and Answers
प्रश्न एक का सही उत्तर चुनकर लिखें –
प्रश्न 1.
भारत के प्रथम वायसराय थे …………………
(अ) लॉर्ड कैनिंग
(ब) लॉर्ड डलहौजी
(स) सर जॉन लॉरेन्स
(द) लॉर्ड मेयो
उत्तर:
(अ) लॉर्ड कैनिंग
प्रश्न 2.
संघीय न्यायालय की स्थापना किस अधिनियम के तहत की गई थी?
उत्तर:
संघीय न्यायालय की स्थापना सन् 1935 ई. के – भारत सरकार अधिनियम के तहत की गई थी।
प्रश्न 3.
कृषि का वाणिज्यीकरण किसे कहा जाता है?
उत्तर:
खाद्यान्न फसलों के स्थान पर व्यावसायिक फसलों के उत्पादन को कृषि का वाणिज्यीकरण कहा जाता है।
प्रश्न 4.
लॉर्ड मिन्टो को साम्प्रदायिक निर्वाचन पद्धति का जन्मदाता क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
लॉर्ड मिन्टो को साम्प्रदायिक निर्वाचन पद्धति का जन्मदाता कहा जाता है, क्योंकि उसने मुसलमानों के लिए पृथक् मताधिकार तथा पृथक् निर्वाचन क्षेत्रों की स्थापना की थी।
प्रश्न 5.
द्वैध शासन से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
द्वैध शासन से तात्पर्य प्रान्तों में लागू की गई दोहरी शासन प्रणाली से है जिसमें विषयों को क्रमशः केन्द्रीय सूची एवं प्रान्तीय सूची में विभाजित कर दिया गया था।
प्रश्न 6.
शिक्षा एवं समाज सुधार के जरिए अंग्रेजों द्वारा समाज को अपने पक्ष में ढालने का उद्देश्य क्या था?
उत्तर:
शिक्षा एवं समाज सुधार के जरिए अंग्रेजों द्वारा समाज को अपने पक्ष में ढालने का उद्देश्य निम्नांकित था –
- कम्पनी के लिए कम वेतन पर भारतीय कर्मचारियों की व्यवस्था करना।
- ईसाई धर्म का प्रचार करना।
- प्रशासनिक कार्यों की मदद के लिए भारतीयों का सहयोग प्राप्त करना।
प्रश्न 7.
वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीय समाचार पत्रों को प्रतिबंधित करने के लिए सन् 1878 में ‘पारित किया गया था। इस एक्ट के द्वारा जिला मजिस्ट्रेट को यह अधिकार मिला था कि वह किसी भारतीय भाषा के समाचार पत्र से बॉण्ड पेपर पर हस्ताक्षर करवा ले कि वह कोई भी ऐसी सामग्री नहीं छापेगा जो सरकार विरोधी हो। इस एक्ट द्वारा देशी भाषा के समाचार पत्रों को स्वाधीनता पर प्रतिबन्ध लग गया था।
प्रश्न 8.
पील कमीशन की रिपोर्ट पर सेना विभाग में क्या परिवर्तन किए गए?
उत्तर:
पील कमीशन की रिपोर्ट पर सेना विभाग में निम्नांकित परिवर्तन किए गए –
- सेना में भारतीय सैनिकों की तुलना में यूरोपियनों का अनुपात बढ़ा दिया गया।
- ‘फूट डालो राज करो’ की नीति का अनुसरण करते हुए सेना के रेजिमेंटों को जाति, समुदाय और धर्म के आधार पर विभाजित कर दिया गया।
प्रश्न 9.
ब्रिटिश सरकार द्वारा राजस्थान की रियासतों में ‘अभिभावक परिषद्’ का गठन क्यों किया गया?
उत्तर:
ब्रिटिश सरकार द्वारा राजस्थान की रियासतों में ‘अभिभावक परिषद्’ का गठन किया गया क्योंकि राजस्थान की रियासतों में नाबालिग कुमार राजा बनाए जा रहे थे।
RBSE Class 8 Social Science ब्रिटिशकालीन भारतीय शासन व्यवस्था Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
Question 1.
पील कमीशन सम्बन्धित था?
(अ) सेना
(ब) शिक्षा
(स) न्याय व्यवस्था
(द) प्रशासन
उत्तर:
(अ) सेना
Question 2.
इंडियन कौसिल्स एक्ट कब पारित किया गया?
(अ) 1858
(ब) 1861
(स) 1892
(द) 1895
उत्तर:
(ब) 1861
Question 3.
चुनाव पद्धति का प्रारम्भ हुआ?
(अ) 1858
(ब) 1861
(स) 1892
(द) 1919
उत्तर:
(स) 1892
Question 4.
मार्ले – मिन्टो सुधार घोषित हुए थे ………………….
(अ) 1858
(ब) 1861
(स) 1892
(द) 1909
उत्तर:
(द) 1909
Question 5.
प्रान्तों में दोहरा शासन लागू किया गया ………………….
(अ) सन् 1861
(ब) सन् 1892
(स) सन् 1919
(द) सन् 1935
उत्तर:
(स) सन् 1919
Question 6.
संघीय सभा के सदस्यों की संख्या कितनी निर्धारित की गयी?
(अ) 250
(ब) 246
(स) 375
(द) 385
उत्तर:
(स) 375
Question 7.
संघ सूची में विषय थे ………………….
(अ) 59
(ब) 54
(स) 36
(द) 18
उत्तर:
(अ) 59
Question 8.
प्रान्तीय सूची में कितने विषय थे ………………….
(अ) 59
(ब) 54
(स) 36
(ब) 42
उत्तर:
(ब) 42
रिक्त स्थानों की पर्ति कीजिए –
- अंग्रेजों ने भारत में शासन करने हेतु …………………. नीति का अनुसरण किया था।
- 1919 ई. का भारत सरकार अधिनियम ………………….. सुधार के नाम से भी जाना जाता है।
- 1935 ई. के अधिनियम द्वारा संघीय …………………. की स्थापना की गई।
- चार्ल्स वुड डिस्पैच सन् …………………. में पारित हुआ था।
- वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट सन् ………………….. में लागू हुआ था।
उत्तर:
- ‘फूट डालो राज करो’
- माण्टेग्यू चैम्स फोर्ड
- न्यायालय
- 1854 ई
- 1878 ई
स्तम्भ ‘अ’ को स्तम्भ ‘ब’ से सुमेलित कीजिए –
उत्तर:
(i). (b)
(ii). (d)
(iii). (a)
(iv). (e)
उत्तर:
(i). (C)
(ii). (a)
(iii). (b)
अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
ब्रिटिश काल में भारत प्रशासनिक दृष्टि से किन भागों में विभाजित था?
उत्तर:
ब्रिटिश काल में भारत प्रशासनिक दृष्टि से क्रमशः ब्रिटिश भारत एवं रियासती भारत नामक दो भागों में विभाजित था।
प्रश्न 2.
ब्रिटिशकालीन भारत कितने प्रान्तों में बाँटा गया था?
उत्तर:
ब्रिटिश कालीन भारत को केन्द्रशासित प्रदेशों व 11 प्रान्तों में बाँटा गया था।
प्रश्न 3.
भारत में ईस्ट इण्डिया कम्पनी का शासन कब समाप्त हुआ था?
उत्तर:
भारत में ईस्ट इण्डिया कम्पनी का शासन सन् 1857 ई. की क्रान्ति के बाद समाप्त हुआ था।
प्रश्न 4.
सन् 1858 का भारत सरकार अधिनियम क्यों पारित किया गया था?
उत्तर:
सन् 1858 का भारत सरकार अधिनियम इसलिए पारित किया गया था जिससे भारत में व्यवस्थित शासन प्रणाली लागू हो सके।
प्रश्न 5.
सन् 1892 के भारत परिषद् अधिनियम की प्रमुख विशेषता क्या थी?
उत्तर:
सन् 1892 के भारत परिषद् अधिनियम की प्रमुख विशेषता भारत में चुनाव पद्धति की शुरुआत करना था।
प्रश्न 6.
मार्ले – मिन्टो सुधार के नाम से कौन – सा अधिनियम जाना जाता है?
उत्तर:
मार्ले – मिन्टो सुधार के नाम से सन् 1909 का भारत परिषद् अधिनियम जाना जाता है।
प्रश्न 7.
माण्टेग्यू चैम्स फोर्ड सुधार किस अधिनियम को कहते हैं?
उत्तर:
माण्टेग्यू चैम्स फोर्ड सुधार सन् 1919 के भारत सरकार अधिनियम को कहते हैं।
प्रश्न 8.
केन्द्रीय विधानमण्डल के सदनों के नाम क्या थे?
उत्तर:
केन्द्रीय विधानमण्डल के सदनों के नाम क्रमशः राज्यसभा व संघीय सभा थे।
प्रश्न 9.
भारत में सर्वप्रथम संघात्मक सरकार की स्थापना किस अधिनियम से हुई थी?
उत्तर:
भारत में सर्वप्रथम संघात्मक सरकार की स्थापना सन् 1935 के भारत सरकार अधिनियम से हुई थी।
प्रश्न 10.
सेना, विदेश विभाग एवं संचार किस सूची के विषय थे?
उत्तर:
सेना, विदेश विभाग एवं संचार संघ सूची के विषय थे।
प्रश्न 11.
शिक्षा, कानून, न्याय, कृषि किस सूची में शामिल थे।
उत्तर:
शिक्षा, कानून, न्याय, कृषि प्रान्तीय सूची में शामिल थे।
प्रश्न 12.
अंग्रेजों के शिक्षा एवं सामाजिक सुधारों का भारतीय लोगों पर क्या प्रभाव दृष्टिगोचर हुआ?
उत्तर:
अंग्रेजों के शिक्षा एवं सामाजिक सुधारों का भारतीयों पर निम्नांकित प्रभाव दृष्टिगोचर हुआ –
- भारतीय अंग्रेजी पढ़कर पश्चिमी सभ्यता एवं संस्कृति और राजनीति को समझने लगे तथा उनको ग्रहण करने लगे थे।
- अंग्रेजों द्वारा भारतीय धर्मों और रीति-रिवाजों की आलोचना किए जाने पर शिक्षित वर्ग ने अंग्रेजों का तर्कपूर्ण विरोध किया।
प्रश्न 13.
भारतीय शिक्षा का मैग्नाकार्टा किसे कहते हैं?
उत्तर:
भारतीय शिक्षा का ‘मैग्नाकार्टा’ चार्ल्स वुड के डिस्पैच को कहते हैं।
प्रश्न 14.
न्याय विभाग को शासन विभाग से किसने अलग किया था?
उत्तर:
न्याय विभाग को शासन विभाग से ब्रिटिश एजेंट थर्सबी ने अलग किया था।
प्रश्न 15.
शक्ति पृथक्करण के आधार पर किस रियासत में न्याय व्यवस्था लागू की गई थी?
उत्तर:
शक्ति पृथक्करण के आधार पर बीकानेर रियासत में न्याय व्यवस्था लागू की गई थी।
प्रश्न 16.
राजस्थान के किस क्षेत्र में अंग्रेजी शिक्षा का सर्वप्रथम आरम्भ हुआ था?
उत्तर:
राजस्थान के अजमेर क्षेत्र में अंग्रेजी शिक्षा का सर्वप्रथम आरम्भ हुआ था।
प्रश्न 17.
मेयो कॉलेज कहाँ और क्यों खोला गया था?
उत्तर:
मेयो कॉलेज अजमेर में राजकुमारों को शिक्षित करने के लिए खोला गया था।
प्रश्न 18.
शक्ति पृथक्करण सिद्धान्त से आप क्या समझते
उत्तर:
शक्ति पृथक्करण सिद्धान्त से तात्पर्य सरकार की शक्तियों को अलग – अलग संस्थाओं में बाँट देने से है ताकि कोई एक संस्था हावी होकर विधि विरुद्ध कार्य न कर सके।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत परिषद् अधिनियम, 1861 पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
उत्तर:
भारत परिषद् अधिनियम 1861 में ब्रिटिश संसद द्वारा भारतीय शासन में नरम दल को संतुष्ट करने के उद्देश्य से पारित किया गया था। इस अधिनियम द्वारा गवर्नर की कार्यकारिणी परिषद् के साधारण सदस्यों की संख्या 04 से बढ़ाकर 05 कर दी गई तथा गवर्नर जनरल को कार्यपालिका को सुचारु रूप से चलाने के लिए नियम व आदेश बनाने के अधिकार दिए गए। विधान परिषद् को अब सम्पूर्ण भारत के लिए कानून और नियम बनाने की शक्ति प्रदान की गई। किसी भी बिल को कानून बनाने के लिए गवर्नर जनरल की स्वीकृति लेनी आवश्यक थी। विधान परिषद् द्वारा पारित विधेयक सपरिषद् भारत सचिव से विचार-विमर्श करने पर इंग्लैण्ड का ताज इसे रद्द कर सकता था। गवर्नर जनरल को विशेषाधिकार तथा किसी प्रान्तीय सरकार द्वारा बनाए गए कानून को संशोधित या रद्द करने का अधिकार दिया गया।
प्रश्न 2.
भारत परिषद् अधिनियम 1892 का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत परिषद् अधिनियम 1892 ब्रिटिश संसद द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के बाद भारतीयों की संवैधानिक सुधारों की माँग के फलस्वरूप पारित किया गया था। इस अधिनियम का सबसे महत्वपूर्ण प्रावधान चुनाव पद्धति की शुरुआत करना था, जिसमें निर्वाचन की पद्धति पूर्णतया अप्रत्यक्ष थी। निर्वाचित सदस्यों को मनोनीत सदस्य का दर्जा दिया जाता था तथा इस अधिनियम द्वारा केन्द्रीय एवं प्रान्तीय विधान परिषदों के सदस्यों की संख्या में वृद्धि की गई।
प्रश्न 3.
मार्ले – मिन्टो अधिनियम पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
मार्ले-मिन्टो अधिनियम सन् 1909 में पारित किया गया था। इसके जन्मदाता भारत सचिव मार्ले तथा गवर्नर जनरल मिण्टो को माना जाता है। इस अधिनियम द्वारा मुसलमानों के लिए पृथक् मताधिकार तथा पृथक् निर्वाचन क्षेत्रों की स्थापना की गई थी।
प्रश्न 4.
माण्टेग्यू चैम्स फोर्ड सुधार पर संक्षेप में लेख लिखिए।
उत्तर:
माण्टेग्यू चैम्स फोर्ड सुधार को सन् 1919 का भारत सरकार अधिनियम भी कहते हैं। इस अधिनियम द्वारा प्रान्तों में दोहरी शासन व्यवस्था को लागू किया गया था। अब प्रान्तों में आंशिक उत्तरदायी सरकारों की स्थापना हो गई थी। इस सुधार से ब्रिटिश सरकार भारत के एक प्रभावशाली वर्ग को अपना समर्थक बनाना चाहती थी। इस अधिनियम द्वारा भारत सचिव का वेतन अंग्रेजी कोष से मिलना निश्चित हुआ जो पहले भारत के कोष से मिलता था तथा विषयों को निम्नांकित रूप से केन्द्र एवं प्रान्तों में बाँट दिया गया
- केन्द्रीय सूची के विषय – विदेशी मामले, रक्षा, डाक तार सार्वजनिक ऋण आदि।
- प्रान्तीय सूची के विषय – स्थानीय स्वशासन, शिक्षा, चिकित्सा, भूमिकर, अकाल सहायता, कृषि व्यवस्था आदि।
प्रश्न 5.
भारत सरकार अधिनियम 1935 का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत सरकार अधिनियम 1935 द्वारा भारत में सर्वप्रथम संघात्मक सरकार की स्थापना की गई थी तथा प्रान्तों में लागू द्वैध शासन व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया था। इस अधिनियम से केन्द्र में द्वैध शासन स्थापित किया गया तथा भारत में संघीय न्यायालय की स्थापना एवं बर्मा को भारत से पृथक् किया गया था। केन्द्रीय कार्यकारिणी को गवर्नर जनरल के नियंत्रण में रखा गया था तथा केन्द्रीय विधान मण्डल में राज्यसभा एवं संघीय सभा नामक दो सदन बनाए गए थे। इस अधिनियम में विषयों को क्रमशः केन्द्रीय तथा प्रान्तीय सूची में विभाजित किया गया था।
प्रश्न 6.
केन्द्रीय विधान मण्डल के दोनों सदनों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
केन्द्रीय विधान मण्डल के दोनों सदनों की व्याख्या निम्नांकित है –
1. राज्य सभा – राज्यसभा एक स्थाई संस्था थी, इसे उच्च सदन कहा गया था। राज्यसभा में 260 सदस्यों का प्रावधान था। इनमें से 104 सदस्य देशी रियासतों से तथा शेष 156 प्रतिनिधि ब्रिटिश प्रान्तों के थे। जिनमें से 1/3 सदस्य प्रति तीन वर्ष बाद अवकाश ग्रहण कर लेते थे और उनकी जगह नए सदस्य चुन लिए जाते थे।
2. संघीय सभा – संघीय सभा निम्न सदन कहा जाता था। इस सभा का कार्यकाल पाँच वर्ष का होता था। इसे समय पूर्व भंग किया जा सकता था। इसकी सदस्य संख्या 375 निर्धारित की गई थी। इनमें 125 स्थान देशी रियासतों को दिए गए थे शेष 250 स्थानों में से 246 स्थान साम्प्रदायिक व अन्य वर्गों और चार स्थान अप्रान्तीय थे जो व्यापार उद्योग एवं श्रम को दिए गए थे।
प्रश्न 7.
सन् 1935 ई. के अधिनियम द्वारा विभाजित विषयों को सूचीवार बताइए।
उत्तर:
सन् 1935 ई. के अधिनियम द्वारा विभाजित विषय सूचीवार निम्नांकित थे –
- संघ सूची – सेना, विदेश विभाग, डाक, तार, रेल, संघ लोकसेवा, संचार, बीमा आदि सहित कुल 59 विषय।
- प्रान्तीय सूची – शिक्षा, भू – राजस्व, स्थानीय एवं शासन, कानून-व्यवस्था, सार्वजनिक स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई, नहरें, जंगल, खाने, व्यापार,
- उद्योग – धन्धे, न्याय, सड़क, प्रान्तीय लोक सेवाएँ आदि सहित कुल 54 विषय।
- समवर्ती सूची – दीवानी, फौजदारी, विधि, विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, दत्तक ग्रहण, ट्रस्ट, कारखाने, श्रम कल्याण आदि सहित कुल 36 विषय।
प्रश्न 8.
चार्ल्स वुड डिस्पैच तथा सर जॉन सर्जेन्ट योजना में क्या सुझाव थे?
उत्तर:
चार्ल्स वुड डिस्पैच तथा सर जॉन सर्जेन्ट योजना में निम्नांकित सुझाव थे:
चार्ल्स वुड डिस्पैच योजना –
- उच्च शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी रखा जाए।
- देशी भाषाओं को प्रोत्साहित किया जाए।
सर जॉन सर्जेन्ट योजना –
- देश में प्राथमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना करने का प्रावधान किया जाए।
- देश में 6 से 11 वर्ष तक के बालक – बालिकाओं के लिए व्यापक नि:शुल्क अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था का प्रावधान किया जाए।
प्रश्न 9.
टिप्पणी लिखिए –
- इल्बर्ट बिल विवाद
- ब्रिटिश न्याय व्यवस्था।
उत्तर:
- इल्बर्ट बिल विवाद – इल्बर्ट बिल लार्ड रिपन के काल में प्रस्तुत किया गया था जिसमें सभी न्यायाधीशों, चाहे वे भारतीय हों या अंग्रेज, उन्हें समान अधिकार प्राप्त होने का विचार रखा गया था किन्तु अंग्रेजों ने इस बिल का पुरजोर विरोध किया था।
- ब्रिटिश न्याय व्यवस्था – ब्रिटिश न्याय व्यवस्था में यह घोषणा की गई कि सभी व्यक्ति समान समझे जाएँगे। जाति, धर्म, वंश, पद और व्यक्तिगत प्रतिष्ठा के आधार पर न्याय करते समय कोई भेदभाव नहीं किया जायेगा। न्याय व्यवस्था के सभी कार्य लिखित रूप में किए जाने लगे।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
ब्रिटिश कालीन राजस्थान की रियासतों में आए प्रमुख प्रशासनिक परिवर्तनों की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
ब्रिटिश कालीन राजस्थान में केन्द्र शासित प्रदेश अजमेर के अतिरिक्त 19 देशी रियासतें थीं जिनका शासन अंग्रेज रेजिडेन्ट की निगरानी में ही चलता था। धीरे-धीरे इन रियासतों ने अंग्रेजी न्यायिक व्यवस्था के कुछ अंश अपनाने शुरू कर दिए। सन् 1839 में अंग्रेजों ने जयपुर की राजमाता को अभिभावक पद से हटाकर वहाँ ब्रिटिश एजेंट की देख-रेख में एक शासन परिषद् का गठन किया तथा इसी अवसर पर राज्य में दीवानी व फौजदारी अदालतों की स्थापना की गई। थर्सबी द्वारा न्याय विभाग को शासन विभाग से पृथक् कर दिया गया। जयपुर में यह व्यवस्था सन् 1852 तक चलती रही। आगामी समय में 04 सदस्यों की अपील-अदालतों की स्थापना की गई।
इसके दो न्यायाधीश अपील सुनते थे और दो फौजदारी मुकदमों की सुनवाई करते थे। कुछ समय बाद यह परिषद् दो भागों में क्रमशः इजलास एवं महकमा खास में विभक्त हो गई। महकमा खास ही राज्य का सर्वोच्च न्यायालय होता था। ब्रिटिश सरकार ने राजस्थान की रियासतों के राजाओं को कठपुतली की तरह प्रयोग किया। राजाओं को वैवाहिक सम्बन्धों आदि के लिए भी अंग्रेजों की अनुमति लेनी पड़ती थी। ब्रिटिश सरकार ने अलवर नरेश को विदेशी यात्रा के लिए विवश किया तथा नाबालिग राजकुमारों के राजा बनने पर ‘अभिभावक परिषद्’ का गठन किया। उदयपुर, जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर के शासन प्रबन्ध अभिभावक परिषद् द्वारा अपने नियन्त्रण में ले लिए थे तथा बीकानेर में शक्ति पृथक्करण द्वारा न्याय व्यवस्था लागू की गई, यहीं पर 1922 में उच्च न्यायालय के अनुरूप मुख्य न्यायालय स्थापित किया गया।
सन् 1930 तक सभी राजस्थानी रियासतों में ब्रिटिश न्याय व्यवस्था लागू की गई। अंग्रेजों ने ग्राम पंचायतों में कोई परिवर्तन नहीं किया, परन्तु ग्राम पंचायतों से ऊपर की इकाई परगना को जिलों में बदलकर जिलाधीशों को उनका पूर्ण मालिक बनाया। जिलाधीशों के अधीन नाजीम, तहसीलदार, न्यायिक तहसीलदार, गिरदावर, पटवारी आदि कार्य करने लगे, जिनका सम्बन्ध मूलतः लगान वसूली व किसानों की भूमि सम्बन्धी समस्याओं का निपटारा करना होता था। जिला मजिस्ट्रेट न्याय एवं पुलिस अधिकारी शान्ति व्यवस्था बनाए रखने का कार्य करते थे। .