Rajasthan Board RBSE Class 8 Social Science Chapter 11 विकास की अवधारणा
RBSE Solutions for Class 8 Social Science
RBSE Class 8 Social Science विकास की अवधारणा Intext Questions and Answers
पृष्ठ – 86
गतिविधि
प्रश्न 1.
अपने शिक्षक की सहायता से विकसित एवं विकासशील देशों के 5-5 नामों की सूची बनाइए।
उत्तर:
विकसित देश –
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- जापान
- इंग्लैण्ड
- स्विट्जरलैण्ड
- फ्रांस
विकासशील देश –
- भारत
- पाकिस्तान
- चीन
- ब्राजील
- इण्डोनेशिया
RBSE Class 8 Social Science विकास की अवधारणा Text Book Questions and Answers
पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
सही विकल्प को चुनिए –
(i) निम्नलिखित में से विकसित देश है ………………..
(अ) भारत
(ब) ब्राजील
(स) इण्डोनेशिया
(द) अमेरिका
उत्तर:
(द) अमेरिका
(ii) भावी पीढ़ियों को ध्यान में रखते हुए वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कहलाता है ………………..
(अ) मानव विकास
(ब) आर्थिक विकास
(स) औद्योगिक विकास
(द) सतत् विकास
उत्तर:
(द) सतत् विकास
प्रश्न 2.
किन्हीं तीन विकसित देशों के नाम बताइए।
उत्तर:
विकसित देश –
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- जापान
- इंग्लैण्ड
प्रश्न 3.
विकासशील देशों के विकास में कौन – सी बाधाएँ हैं?
उत्तर:
पूँजी की कमी, जनसंख्या की बहुलता, उत्पादन की पिछड़ी हुई तकनीक का प्रयोग, गरीबी का दुश्चक्र, कृषि पर अत्यधिक निर्भरता, आर्थिक असमानता, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का निम्न स्तर तथा परिवहन, संचार एवं मूलभूत संसाधनों का अभाव आदि ये सब स्थितियाँ विकासशील देशों को विकसित बनने में सबसे बड़ी बाधाएँ हैं।
प्रश्न 4.
मानव विकास सूचकांक से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
वर्तमान में विकास को ‘मानव विकास सूचकांक” द्वारा मापा जाने लगा है। मानव विकास सूचकांक में शिक्षा, जीवन प्रत्याशा एवं व्यक्ति की क्रय शक्ति को प्रमुखता दी जाती है अर्थात् लम्बा एवं स्वस्थ जीवन, शिक्षा एवं शैक्षिक योग्यताओं में अभिवृद्धि तथा प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि किसी भी देश के मानव विकास को दर्शाते हैं।
प्रश्न 5.
आर्थिक विकास की नवीन अवधारणा को समझाइए।
उत्तर:
आर्थिक विकास की नवीन अवधारणा – विकास की नवीन अवधारणा में आर्थिक विकास का मुख्य उद्देश्य गरीबी, बेरोजगारी और असमानता का निवारण रखा गया है। अतः अब यह माना जाने लगा है कि यदि देश में गरीबी के स्तर में कमी आ रही हो, बेरोजगारी का स्तर कम हो रहा हो तथा आर्थिक असमानताएँ कम हो रही हों तो निश्चित ही देश का आर्थिक विकास हो रहा है।
प्रश्न 6.
समावेशी विकास से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
समावेशी विकास में समाज के सभी वर्गों को विशेषकर वंचित, पिछड़े एवं सीमान्त वर्गों को साथ लेकर विकास किए जाने पर बल दिया जाता है। विकास का होना तभी माना जाएगा जब उसका लाभ सभी वर्गों तक समान रूप से पहुँचे। समावेशी विकास में गरीबी की दर को नियन्त्रित एवं विकास की गति को तेज कर विकास प्रक्रिया में सभी वर्गों को लाभ पहुँचाने का प्रयास किया जाता है। सरकार की योजनाओं का मुख्य लक्ष्य समावेशी विकास ही होता है।
प्रश्न 7.
विकसित एवं विकासशील देशों का आर्थिक दृष्टि से अन्तर समझाइए।
उत्तर:
विकसित देश – विकसित देशों की श्रेणी में वे देश आते हैं जहाँ आर्थिक विकास तेजी से हुआ है। यहाँ औद्योगिक विकास तीव्र गति से होने के कारण लोगों की आय में वृद्धि हुई है और भौतिक सुख – सुविधाएँ प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। इन देशों में से अधिकांश देशों ने किसी न किसी देश को अपने अधीन रखा है।
विकासशील देश – विकासशील देशों में इसके विपरीत अवस्था दिखाई देती है। इन देशों की जनसंख्या बहुत अधिक है, विकास की गति धीमी है, आवश्यक वस्तुओं का अभाव दिखाई देता है। अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर है और प्रतिव्यक्ति आय बहुत कम है तथा ऐसे देशों में से अधिकांश देश पहले किसी विकसित देश के अधीन रहे हैं।
प्रश्न 8.
आधुनिक विकास के परिणामस्वरूप हुए पर्यावरण प्रदूषण पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
आधुनिक विकास के परिणामस्वरूप हुए पर्यावरण प्रदूषण ने विकास की परिभाषाओं को ही बदलने पर मजबूर कर दिया है। विकास हेतु प्राकृतिक संसाधनों के अन्धाधुन्ध दोहन ने हमारे समक्ष कई समस्याएँ उत्पन्न कर दी हैं। हमारे देश में प्रदूषण अत्यधिक बढ़ गया है जिससे पर्यावरण को क्षति पहुँच रही है। उद्योगों की स्थापना के साथ – साथ जल, वायु तथा ध्वनि प्रदूषण बढ़ा है जिससे लोगों को अनेक प्रकार की बीमारियाँ हो रही हैं।
शहरों में तो वायु प्रदूषण के कारण साँस लेना ही कठिन हो गया है। यदि हम अपने राज्य-राजस्थान का उदाहरण लें तो यहाँ खनिजों व भूमि के लालच में अरावली पर्वतीय क्षेत्र व वन क्षेत्रों को बहुत नुकसान पहुँचाया गया है। परिवहन मार्ग बनाने के नाम पर पर्वतों को काटा जा रहा है जिसका परिणाम हमें घटते खनिज संसाधन और मानसून की अनियमितता के रूप में भुगतना पड़ रहा है। धरती से अधिक अन्न उगाने हेतु हम रासायनिक खाद व कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं, जिससे भूमि लगातार प्रदूषित हो रही है।
जल के अंधाधुन्ध उपयोग से जल स्तर घट रहा है। परिवहन के साधनों, रेफ्रीजरेटर व एयर कण्डीशनर के अत्यधिक प्रयोग से हानिकारक गैसों के अत्यधिक उत्सर्जन ने वायुमण्डलीय प्रदूषण व ओजोन परत में छेद जैसी मुसीबतें खड़ी कर दी हैं। अतः आधुनिक विकास से बहुत अधिक पर्यावरण प्रदूषण हुआ है।
RBSE Class 8 Social Science विकास की अवधारणा Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
Question 1.
निम्नलिखित में से विकासशील देश है …………………..
(क) भारत
(ख) अमेरिका
(ग) जापान
(घ) इंग्लैण्ड
उत्तर:
(क) भारत
Question 2.
विकासशील देशों की अधिकांश जनसंख्या निर्भर होती है …………………..
(क) सरकार पर
(ख) उद्योगों पर
(ग) कृषि पर
(घ) दूसरे देशों पर
उत्तर:
(ग) कृषि पर
Question 3.
आर्थिक विकास के सूचकों में कौन शामिल नहीं है?
(क) स्वास्थ्य
(ख) शिक्षा
(ग) प्रति व्यक्ति आय
(घ) रोजगार
उत्तर:
(घ) रोजगार
Question 4.
वर्तमान में विकास को मापा जाता है …………………..
(क) मानव विकास सूचकांक से
(ख) समृद्धि सूचकांक से
(ग) विश्व बैंक के सूचकांक से
(घ) प्रति व्यक्ति आय से।
उत्तर:
(क) मानव विकास सूचकांक से
Question 5.
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम किस वर्ष से मानव विकास रिपोर्ट जारी कर रहा है?
(क) 1980 से
(ख) 1985 से
(ग) 1990 से
(घ) 1995 से
उत्तर:
(ग) 1990 से
Question 6.
मानव विकास सूचकांक में अग्रणी राष्ट्र कौन – सा है?
(क) भारत
(ख) नार्वे
(ग) नीदरलैण्ड
(घ) आस्ट्रेलिया
उत्तर:
(ख) नार्वे
Question 7.
किसी राष्ट्र के विकास में बाधा उत्पन्न करती है …………………..
(क) निर्धनता
(ख) बेरोजगारी
(ग) जनसंख्या वृद्धि
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी
स्तम्भ ‘अ’को स्तम्भ’ब’ से सुमेलित कीजिए
उत्तर:
(i). (b)
(ii). (a)
(iii). (d)
(iv). (c)
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- मानव विकास सूचकांक (2014) वरीयता क्रम में भारत का स्थान ……………… वाँ है।
- ……………… विकास में समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर विकास किए जाने पर बल दिया गया है।
- ……………… विकास आधुनिक युग की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है।
- सतत विकास को ……………… विकास भी कहा जाता है।
- अंधाधुंध ……………… के उपयोग के कारण भूमि दूषित व बंजर होती जा रही है।
उत्तर:
- 135
- समावेशी
- आर्थिक
- धारक
- रसायनों
अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
विश्व के देशों को आर्थिक दृष्टि से किन दो भागों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर:
- विकसित देश
- विकासशील देश
प्रश्न 2.
विकासशील देशों में विकास की क्या स्थिति है?
उत्तर:
विकासशील देशों में विकास अत्यंत धीमी गति से हो रहा है।
प्रश्न 3.
विकासशील देशों में विकास की दो बाधाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
- अत्यधिक जनसंख्या वृद्धि
- कृषि पर निर्भरता
प्रश्न 4.
विकासशील देशों के आर्थिक पिछड़ेपन का क्या कारण रहा है?
उत्तर:
विदेशी शासन के दौरान हुआ शोषण इनके आर्थिक | पिछड़ेपन का मुख्य कारण रहा है।
प्रश्न 5.
परम्परागत रूप से आर्थिक विकास क्या है?
उत्तर:
परम्परागत धारणा में आर्थिक विकास एक ऐसी स्थिति है जिसमें कुल सकल राष्ट्रीय उत्पाद 5 से 7 प्रतिशत की दर से बढ़ता रहे।
प्रश्न 6.
विकास की नवीन अवधारणा के क्या उद्देश्य हैं?
उत्तर:
विकास की नवीन अवधारणा का मुख्य उद्देश्य गरीबी, बेरोजगारी व असमानता को मिटाना है।
प्रश्न 7.
आर्थिक विकास आधुनिक युग की महत्वपूर्ण आवश्यकता क्यों है?
उत्तर:
दुनिया से भयं, भूख और भेदभाव की समाप्ति और अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा की दृष्टि से आर्थिक विकास आधुनिक युग की महत्वपूर्ण आवश्यकता है।
प्रश्न 8.
किसी राष्ट्र के विकास को मापने के लिए कौन – से आर्थिक सूचक मापदण्ड के रूप में अपनाए जाते हैं?
उत्तर:
- स्वास्थ्य
- शिक्षा एवं
- प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि।
प्रश्न 9.
यू. एन. डी. पी. (UNDP) का पूरा नाम क्या है?
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (United Nations Development Programme)
प्रश्न 10.
भारत का मानव विकास सूचकांक मूल्य कितना है?
उत्तर:
भारत का मानव विकास सूचकांक मूल्य 0.586 है।
प्रश्न 11.
समावेशी विकास में किस पर बल दिया जाता है?
उत्तर:
समावेशी विकास में समाज के सभी वर्गों विशेषकर वंचित, पिछड़े एवं सीमान्त वर्गों को साथ लेकर विकास किए जाने पर बल दिया जाता है।
प्रश्न 12.
आर्थिक विकास किस प्रकार की धारणा है?
उत्तर:
आर्थिक विकास एक विस्तृत व सतत् धारणा है।
प्रश्न 13.
भूमि बंजर व दूषित क्यों हो रही है?
उत्तर:
धरती से अधिक अन्न उपजाने हेतु उसमें रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों के रूप में अत्यधिक जहरीले तत्वों के प्रयोग के कारण भूमि बंजर व दूषित हो रही है।
प्रश्न 14.
ओजोन छेद (छिद्र) के क्या कारण हैं?
उत्तर:
हमारे द्वारा प्रयुक्त रेफ्रीजरेटर, एयरकंडीशनर, परिवहन साधनों व फॉटोकॉपी मशीनों से उत्सर्जित हानिकारक गैसें ओजोन छिद्र का कारण हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
विकास के सन्दर्भ में शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में क्या अन्तर होता है?
उत्तर:
शहरी क्षेत्रों और शहर के समीपवर्ती क्षेत्रों में विकास तीव्रता से होता है। यहाँ शिक्षा, व्यवसाय एवं रोजगार के अवसर अच्छे होते हैं। आर्थिक सम्पन्नता अधिक होती है। इसके विपरीत ग्रामीण क्षेत्रों का विकास बहुत धीमी गति से होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में निर्धनता अपेक्षाकृत अधिक है तथा विभिन्न प्रकार की सुविधाओं का स्तर निम्न होता है।
प्रश्न 2.
विकासशील देशों के पिछड़ेपन का क्या कारण है?
उत्तर:
विकासशील देश यद्यपि संसाधन सम्पन्न हैं किन्तु इन्होंने तकनीकी विकास देर से प्रारम्भ किया है। इसका प्रमुख कारण यह है कि अधिकांश विकासशील देश पहले किसी विकसित देश के अधीन रहे हैं। विदेशी शासन के दौरान हुए शोषण के कारण इन देशों में आर्थिक पिछड़ापन विद्यमान है।
प्रश्न 3.
आर्थिक विकास की परम्परागत धारणा क्या है?
उत्तर:
परम्परागत धारणा में आर्थिक विकास एक ऐसी स्थिति है जिसमें कुल सकल राष्ट्रीय उत्पादन 5 से 7 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से बढ़ता रहे। इसके साथ ही उत्पादन व रोजगार संरचना में इस प्रकार परिवर्तन हो कि उसमें कृषि का हिस्सा कम होता जाए और विनिर्माण क्षेत्र तथा सेवा क्षेत्र का हिस्सा बढ़ता जाए। अर्थात् कृषि के स्थान पर औद्योगिकीकरण की गति को तेज किया जा सके।
प्रश्न 4.
विकास की नवीन अवधारणा के सूचक क्या है?
उत्तर:
विकास की नवीन अवधारणा के निम्नलिखित सूचक हैं –
- देश में गरीबी के स्तर में कमी आ रही हो।
- बेरोजगारी का स्तर कम हो रहा हो।
- आर्थिक असमानताएँ कम हो रही हों।
प्रश्न 5.
विकास की भारतीय अवधारणा क्या है? समझाइए।
उत्तर:
विकास की भारतीय अवधारणा के अनुसार देश में उपलब्ध सभी संसाधनों का आवश्यकतानुसार दोहन किया जाए। संसाधनों का यह दोहन राष्ट्रहित में हो। देश की आर्थिक संरचना व प्रौद्योगिकी में आवश्यक परिवर्तन हो जिससे उत्पादन, आय, रोजगार व जीवन स्तर को बढ़ाया जा सके।
प्रश्न 6.
आर्थिक विकास के क्या उद्देश्य हैं? समझाइए।
उत्तर:
आर्थिक विकास के निम्न उद्देश्य हैं –
- निर्धनता, बेरोजगारी व आर्थिक असमानता को दूर करना।
- भय, भूख व भेदभाव को समाप्त करना।
- अन्तर्राष्ट्रीय शांति व सुरक्षा को बनाये रखना।
- राष्ट्रहित को आधार मानकर राष्ट्र का विकास करना।
- साधनों का समुचित प्रयोग करके अपने आप.को वैश्विक स्तर पर स्थापित करना।
प्रश्न 7.
सतत् विकास की अवधारणा के विकसित होने के क्या कारण हैं? बताइए।
उत्तर:
सतत् विकास की अवधारणा के विकसित होने के निम्नलिखित कारण हैं –
- पर्यावरण प्रदूषण का बढ़ना।
- प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन।
- वनों का विनाश।
- परिवहन मार्ग के निर्माण हेतु पर्वतों का काटा जाना।
- खनिजों का विदोहन।
- मानसून की अनियमितता आदि।
प्रश्न 8.
विकास के सम्बन्ध में भारत की वर्तमान स्थिति को संक्षेप में समझाइए।
उत्तर:
भारत का अतीत वैभवशाली रहा है। धन – धान्य की प्रचुरता के कारण सम्पन्न एवं समर्थ राष्ट्र के रूप में भारत की प्रतिष्ठा विश्व में रही है। भारत आज पुनः विश्व में आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित हो रहा है। हमारे इंजीनियर्स, डॉक्टर, चार्टेड अकाउण्टेंट, मुख्य प्रबन्धक, व्यवसायी एवं प्रशासनिक अधिकारी अपनी योग्यता एवं श्रम से विश्व के अधिकांश देशों में प्रतिष्ठित स्थानों पर कार्यरत हैं। वर्तमान में न केवल भारतीय वस्तुओं की माँग विश्व में बढ़ी है, बल्कि हमारे अंतरिक्ष अनुसंधान, प्रौद्योगिकी एवं विशेषज्ञों की माँग बढ़ना भी विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ने का द्योतक है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
विकास के आर्थिक सूचक क्या हैं? कुछ प्रमुख देशों के मानव विकास सूचकांक 2014 का विवरण प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
विकास के आर्थिक सूचक-किसी राष्ट्र के विकास को मापने के लिए निम्नलिखित तीन आर्थिक सूचक काम में लिए जाते रहे हैं-स्वास्थ्य, शिक्षा एवं प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि। वर्तमान में विकास को ‘मानव विकास सूचकांक’ द्वारा मापा जाने लगा है। मानव विकास सूचकांक में शिक्षा, जीवन प्रत्याशा एवं व्यक्ति की क्रय शक्ति को प्रमुखता दी जाती है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) सन् 1990 से प्रतिवर्ष इन मानव विकास सूचकांकों के आधार पर वार्षिक मानव विकास रिपोर्ट जारी कर रहा है जो वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों के मानवीय विकास मूल्य को दर्शाती है।
मानव विकास सूचकांक 2014:
प्रश्न 2.
सतत् विकास की अवधारणा क्या है तथा यह क्यों आवश्यक हुई है?
उत्तर:
सतत् विकास – आर्थिक विकास एक विस्तृत व सतत् अवधारणा है। यह आर्थिक आवश्यकताओं, वस्तुओं, प्रेरणाओं व संस्थाओं में गुणात्मक परिवर्तनों से सम्बन्धित है। सतत् विकास से तात्पर्य विकास की उस प्रक्रिया से है जिस में भावी पीढ़ियों को ध्यान में रखते हुए वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किया जाता है। सतत् विकास को ‘धारक विकास’ भी कहा जाता है। सतत् विकास की अवधारणा के विकसित होने के पीछे अनेक कारण हैं। आज विकास के परिणामस्वरूप हुए पर्यावरण प्रदूषण ने हमें विकास की परिभाषाओं को बदलने पर मजबूर कर दिया है। विकास हेतु प्राकृतिक संसाधनों के अन्धाधुन्ध दोहन ने आज हमारे सामने बड़ी भारी समस्या खड़ी कर दी है।
यदि हम अपने राज्य में देखें तो खनिजों व भूमि के लालच में अरावली पर्वत व वन क्षेत्रों को काफी नुकसान पहुँचाया गया है। परिवहन मार्ग बनाने के नाम पर पर्वतों को काटा जा रहा है जिसका परिणाम हमें घटते खनिज संसाधन और मानसून की अनियमितता के रूप में भुगतना पड़ रहा है। धरती से अधिक अन्न उगाने हेतु हम विभिन्न रासायनिक खाद व कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं जिससे भूमि लगातार प्रदूषित हो रही है। जल के अन्धाधुन्ध प्रयोग ने कई क्षेत्रों विशेषकर राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्रों में भूमिगत जल के घटते जल स्तर व लवणीय जल जैसी गम्भीर समस्याओं को जन्म दिया है।
परिवहन के साधनों, रेफ्रीजरेटर एवं एयरकण्डीशनर के अत्यधिक प्रयोग से हानिकारक गैसों के अत्यधिक उत्सर्जन ने वायुमण्डलीय प्रदूषण व ओजोन परत में छेद जैसी म् बितें खड़ी कर दी हैं। अतः आवश्यकता आज की इस उपभोगवादी संस्कृति पर अंकुश लगाने और संसाधनों के कुशल व अनुकूल दोहन की है। ताकि सतत् विकास की यह प्रक्रिया अनवरत चलती रहे, जो मानव के लिए खुशहाली व समृद्धि लाये जिसका लाभ वर्तमाम ही नहीं अपितु भावी पीढ़ियों को भी मिल सके। यही सतत् विकास की अवधारणा है।