Rajasthan Board RBSE Class 8 Hindi Chapter 16 हमारी भी सुनो (एकांकी)
RBSE Solutions for Class 8 Hindi
RBSE Class 8 Hindi हमारी भी सुनो पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर
पाठ से
सोचें और बताएँ
प्रश्न 1.
पाठ के अनुसार किस-किस के विरुद्ध शिकायत की गई है?
उत्तर:
पाठ के अनुसार पानी, बिजली व हवा के विरुद्ध शिकायत की गई है।
प्रश्न 2.
बिजली, पानी व हवा के विरुद्ध शिकायत उचित है या अनुचित, तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर:
बिजली पानी व हवा के खिलाफ शिकायत अनुचित है, क्योंकि ये तीनों मनुष्यों को लाभ पहुंचाते हैं। लेकिन मनुष्य अपनी आदतों के चलते इन सबका दुरुपयोग करता है। हवा व पानी को दूषित करता है तथा बिजली की फिजूलखर्ची करता है।
प्रश्न 3.
पाठ के आधार पर दोषी कौन है?
उत्तर:
पाठ के आधार पर तीनों में से कोई दोषी नहीं है। मनुष्य ही दोषी है जो इनका दुरुपयोग करता है।
लिखें
RBSE Class 8 Hindi हमारी भी सुनो बहुविकल्पी प्रश्न
प्रश्न 1.
किस जगह की भूमि के आस-पास कोई भी जते पहनकर नहीं जाते थे –
(क) राज दरबार
(ख) जोहड़
(ग) बिजली घर
(घ) विवाह-समारोह।
उत्तर:
(ख) जोहड़
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- यदि शिकायत सही नहीं हुई तो इन्हें …………… भी करना होगा।
- मैं जिन लोगों के काम आता हूँ वह मेरी ………….. नहीं करते।
- लोगों को यही शिकायत है कि पानी अब …………..नहीं रहा।
- मैं जहरीली होकर रोगों की ………….. बन जाती हूँ।
उत्तर:
- दंडित
- रक्षा
- निर्मल
- संवाहक
RBSE Class 8 Hindi हमारी भी सुनो अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
लिखिए किसने किससे कहा
प्रश्न 1.
‘लेकिन तुम अचानक चलकर हमारी आँखों में मिट्टी डाल देती हो।’
उत्तर:
आदमी ने वायु से कहा।
प्रश्न 2.
अपनी-अपनी आदतें बदलकर, अपने-अपने कर्तव्य पहचान कर, उसे पूरा कर, हम सभी को न्याय करना है।
उत्तर:
महाराजा ने मंत्री से कहा।
प्रश्न 3.
यही कहा जा सकता है कि लोग अपने हाथों अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारते हैं।
उत्तर:
पानी ने महाराज से कहा।
RBSE Class 8 Hindi हमारी भी सुनो लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
वर्षा के कम होने के दो कारण लिखिए।
उत्तर:
- पहाड़ों को काटकर मैदान बनाना।
- वृक्ष काटकर वन नष्ट करना।
प्रश्न 2.
कूड़ा-करकट किन-किन को दूषित कर देता है और कैसे ?
उत्तर:
कूड़ा-करकट जल और वायु दोनों को दूषित करता है। तालाब के किनारे लगे कड़े का ढेर वर्षा होने पर बहकर तालाब में चला जाता है और तालाब का पानी गंदा कर देता हवा के साथ उड़ने वाला कूड़ा-कचरा हवा को दूषित कर देता है। पॉलिथीन उड़कर खेतों में पहुँच जाती है जो फसल को बर्बाद कर देती है।
प्रश्न 3.
बिजली का उपयोग कहाँ-कहाँ किया जाता है?
उत्तर:
बिजली का उपयोग घरों, खेतों, कारखानों, समारोह उत्सवों व विवाह के कार्यक्रमों में किया जाता है।
RBSE Class 8 Hindi हमारी भी सुनो दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
‘वायु प्रदूषण’ पर लेख लिखिए।
उत्तर:
हवा के कारण होने वाले प्रदूषण को वायु प्रदूषण कहते हैं। जब हवा तेजी के साथ चलती है तो वह अपने साथ वायुमंडल में व्याप्त प्रदूषण को एकत्र कर लेती है। बड़े-बड़े कल-कारखानों तथा सड़क पर चलने वाले वाहनों के धुएँ के कारण वायु प्रदूषित होती है। यह प्रदूषित वायु जहरीली हो जाती है, जिससे लोगों को विभिन्न तरह के रोग हो जाते हैं। भोपाल गैस त्रासदी भी इसी का एक उदाहरण है। जब वहाँ एक कारखाने से निकली (मिथाइल आइसोसाइनेट) गैस वायु के द्वारा दूर-दूर तक फैल गई थी। इसके परिणामस्वरूप कितने ही लोग मर गए थे तथा अपंग हो गए थे।
प्रश्न 2.
बिजली बचाने के कई तरीके इस पाठ में आए हैं, उन्हें विस्तारपूर्वक लिखिए।
उत्तर:
बिजली हमारे लिए बहुत उपयोगी है। हम देखते हैं कि बिजली का दुरुपयोग हो रहा है। बिना जरूरत के बिजली के यंत्रों को चलाया जाता है। बिजली बचाने के निम्नलिखित उपाय हैं –
- बिजली का अनावश्यक प्रयोग न करें, जहाँ जरूरत हो वहीं उपयोग किया जाए।
- घरों में बल्ब, पंखे आदि बिना जरूरत के नहीं चलाने चाहिए।
- सड़कों पर लगी हुई लाइटें हमेशा जलती हुई दिखाई पड़ती हैं उन्हें जरूरत पड़ने पर ही जलाया जाए।
- बिजली का शादी-विवाह जैसे उत्सवों में अनावश्यक बल्ब जलाकर दुरुपयोग होता है। उस पर रोक लगानी चाहिए।
- बिजली का अवैध उपयोग अर्थात् बिजली की चोरी रोकी जानी चाहिए। वर्षा-आँधी से बचाव के लिए तार व खंभों को ढंग से लगाया जाना चाहिए।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
पाठ में ‘खुद श्रीमान् बैंगन खाए, औरों को परहेज बताएँ।’ कहावत आई है। ऐसी कहावतों को लोकोक्ति व जनश्रुति भी कहते हैं। ये मुहावरों की ही भाँति अपना सामान्य अर्थ छोड़कर विशेष अर्थ प्रस्तुत करती हैं। उपर्युक्त लोकोक्ति का अर्थ है केवल दूसरों को सलाह देना लेकिन उसे व्यवहार में न लाना। आप भी अन्य लोकोक्तियाँ ढूँढ़कर वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
लोकोक्ति और वाक्य प्रयोगबहता पानी और रमता जोगी ही अच्छा होता है संत से लोगों ने कहा – महाराज कुछ दिन और यहीं रहिए। संत ने हँसकर कहा-“बहता पानी और रमता जोगी ही अच्छा होता है।” और चल दिए।
प्रश्न 2.
पाठ में ‘मनोरंजन’ शब्द आया है जिसका संधि विच्छेद, मनः + रंजन है। यहाँ विसर्ग (:) के बाद ‘र’ आने पर विसर्ग (:) का ‘ओ’ हो गया है। यह विसर्ग संधि का उदाहरण है। अपने अध्यापक जी की मदद से निम्नलिखित शब्दों का संधि विच्छेद कीजिए –
यशोगान वयोवृद्ध सरोज
मनोहर पुरोहित तपोबल
उत्तर:
यश:+गान वयः+वृद्ध मनः+ ज
मनः+हर पुरः+हित तपः+बल
प्रश्न 3.
निम्नलिखित अनुच्छेद में उचित विराम चिह्न लगाइएअरे आप लोगों को लड़ने-झगड़ने के अलावा कोई काम नहीं है क्या दादी बोली अनुराग तो चुप रह गया राधिका बोली मनीषा कहती है इस जमाने में लड़ना बुरी बात है और आप ही ने तो एक दिन कहा था सत्य की रक्षा के लिए लड़ना हमारा धर्म है –
उत्तर:
“अरे! आप लोगों को लड़ने-झगड़ने के अलावा कोई काम नहीं है क्या?” दादी बोली। अनुराग तो चुप रह गया। राधिका बोली, “मनीषा कहती है, इस जमाने में लड़ना बुरी बात है और आप ही ने तो एक दिन कहा था”सत्य की रक्षा के लिए लड़ना हमारा धर्म है।”
प्रश्न 4.
पाठ के आधार पर निम्नलिखित को पात्र मानकर एक पृष्ठ में संवाद लिखिए –
(क) पैन और कॉपी
(ख) चॉक और ब्लेक बोर्ड
उत्तर:
(क) पैन – अरे! कॉपी यह क्या तुम तो हर समय आराम करती हो और मैं काम।
कॉपी – नहीं, ऐसा नहीं है, मैं भी काम करती हूँ।
पैन – क्या काम करती हो?
कॉपी – तुम्हारे दवारा मेरे ऊपर ही लिखा जाता है जिसे में सुरक्षित रखती हूँ।
पैन – अरे! यह भी कोई काम हुआ यह तो आराम है यदि मैं तुम्हारे ऊपर कुछ न लिखू तो तुम तो कोरी रह जाओगी।
कॉपी – तुम बिल्कुल गलत कहते हो। मेरे ऊपर तो पेंसिल से भी लिखा जा सकता है लेकिन यदि मैं तुम्हें अपने ऊपर न लिखने दूँ तो तो तुम किस काम के रह जाओगे?
पैन – अच्छा! तुम्हारी बात ठीक है हम दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। तुम मेरे लिए और मैं तुम्हारे लिए महत्त्वपूर्ण हूँ।
(ख) ब्लेक बोर्ड – चॉक तुम मुझे गंदा करते रहते हो।
चॉक – नहीं, मैं तुम्हें गंदा नहीं करता बल्कि मैं तो तुम्हारे ऊपर अंकों, अक्षरों, शब्दों को लिखकर तुम्हारी गरिमा बढ़ाता
ब्लेक बोर्ड – वह कैसे?
चॉक – मैं तुम्हारे श्याम शरीर पर अपनी सफेद आकृति से तुम्हें सुंदर बनाता हूँ और जब तुम भरे रहते हो तो सुंदर लगते हो।
ब्लेक बोर्ड – लेकिन करते तो मुझे गंदा ही हो।
चॉक – नहीं, इसे गंदा करना नहीं कहते। इसे कहते हैं उपयोग करना।
ब्लेक बोर्ड – अच्छा किसी के शरीर पर चलकर उपयोग करना कैसे हुआ?
चॉक – सुनो। बताता हूँ। जब अध्यापक अपने छात्रों को पढ़ाते हैं तो वे मेरे द्वारा तुम्हारे ऊपर लिखकर बच्चों को समझाते हैं, जो उनके लिए उपयोगी है।
बच्चे पढ़-लिखकर उच्च पदों पर पहुँचते हैं।
ब्लेक बोर्ड – अच्छा यह तो बहुत अच्छी बात है। हम दोनों देश का भविष्य निर्माण करने में बहुत सहायक हैं।
चॉक-अब तुम समझे। (हा-हा-हा। दोनों हँसते हैं।)
पाठ से आगे
प्रश्न 1.
इस एकांकी में आया है। “पानी का पानी उतर गया है” पानी का पानी उतरने से क्या आशय है?
उत्तर:
‘पानी उतर गया है का आशय यह है कि पानी ने अपनी निर्मलता छोड़ दी है वह बेशर्म हो गया है।
प्रश्न 2.
यदि पानी नहीं हो, तो हमारा जीवन कैसा होगा? लिखिए।
उत्तर:
कहा गया है कि जल ही जीवन है। जल के अभाव में जीवन जीने की कल्पना करना बहुत मुश्किल है। जल हमारे लिए महत्त्वपूर्ण है। एक मनुष्य बिना भोजन के रह सकता है। किंतु बिना जल के नहीं रह सकता।
प्रश्न 3.
जिस समय बिजली का आविष्कार भी नहीं हुआ था, उस समय भी लोग रोशनी करते थे। उन साधनों की सूची बनाइए।
उत्तर:
जब बिजली का आविष्कार नहीं हुआ था तब भी लोग रोशनी करते थे। उसके निम्नलिखित प्रमुख साधन थे –
- आग जलाकर
- लैंप जलाकर
- मशाल जलाकर
- सिकड़ी सुलगांकर।
चर्चा कीजिए
प्रश्न 1.
हम बिजली व पानी को कैसे बचा सकते हैं?
उत्तर:
हम बिजली व पानी को स्वयं जागरूक होकर और |लोगों को सचेत करके बचा सकते हैं। हमारी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हम बिजली व पानी का दुरुपयोग न करें। पानी बेकार न बहने दें और बिजली बेकार न जलने दें। यदि सभी इस प्रकार सोचकर बिजली व पानी का सही उपयोग करेंगे तो किसी को भी बिजली व पानी की परेशानी नहीं होगी। हमें ध्यान रखना चाहिए कि जल नहीं होगा तो कल नहीं होगा। बिजली भी जल से ही बनती है।
प्रश्न 2.
वायु प्रदूषण व जल प्रदूषण को रोकने के उपायों पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:
वायु प्रदूषण रोकने के लिए हमें साफ:
सफाई का ध्यान रखना चाहिए। जहाँ-तहाँ कूड़े-कचरे के ढेर नहीं लगाने चाहिए। कारखानों व मशीनों से निकलने वाली विषैली गैसों और धुएँ को चिमनियों के द्वारा ऊपर आसमान तक पहुँचाना चाहिए। कारखाने बस्ती से दूर लगाने चाहिए। वायु को शुद्ध करने वाले हवन आदि करने चाहिए।
जल प्रदूषण रोकने के लिए कूड़ा:
कचरा नदियों व तालाबों में नहीं डालना चाहिए। गंदे नालों व कारखानों से निकलने – वाले गंदे पदार्थों को नदियों के जल में नहीं गिरने देना चाहिए। मैला नदियों में न डालकर खाद बनाने के काम लाना चाहिए। गंदे पानी को यंत्र से शुद्ध करके ही नदी में डाला जाना चाहिए।
तब और अब
नीचे लिखे शब्दों के मानक रूप लिखिए –
सिद्ध, विरुद्ध, चिह्न, मैं नहीं
उत्तर:
सिद्ध, विरुदध, चिहन, मैं, नहीं।
RBSE Class 8 Hindi हमारी भी सुनो अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
RBSE Class 8 Hindi हमारी भी सुनो बहुविकल्पीय
प्रश्न 1.
दरबार में कितनों के खिलाफ मुकदमा था ?
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच
उत्तर:
(ख) तीन
प्रश्न 2.
पानी के खिलाफ लोगों के मन में क्या भाव थे ?
(क) गुस्सा
(ख) प्रेम
(ग) अपमान
(घ) घृणा।
उत्तर:
(क) गुस्सा
प्रश्न 3.
लोगों के अनुसार पानी की दशा क्या है ?
(क) स्वच्छ
(ख) खराब
(ग) निर्मल
(घ) अच्छा।
उत्तर:
(ख) खराब
प्रश्न 4.
गाँव में पहले किसके आस-पास भूमि स्वच्छ रखी जाती थी ?
(क) नदियों में
(ख) खेतों में
(ग) जोहड़ में
(घ) कुओं में।
उत्तर:
(ग) जोहड़ में
प्रश्न 5.
वायु अब पहले की तरह नहीं बिखेरती हैं –
(क) आनंद
(ख) सुगंध
(ग) उल्लास
(घ) स्नेह।
उत्तर:
(ख) सुगंध
प्रश्न 6.
वायु की राह में क्या होने से सुगंध उड़ेगी?
(क) पत्तियाँ
(ख) कलियाँ
(ग) बीज
(घ) पुष्प।
उत्तर:
(घ) पुष्प।
प्रश्न 7.
बिजली की शक्ति कैसी है?
(क) अनियंत्रित
(ख) तेज
(ग) कम
(घ) नियंत्रित।
उत्तर:
(क) अनियंत्रित
प्रश्न 8.
बिजली के अभाव का मुख्य कारण क्या है?
(क) वोल्टेज
(ख) उपकरण
(ग) दुरुपयोग
(घ) उपयोग।
उत्तर:
(ग) दुरुपयोग
निम्नलिखित शब्दों का रिक्त स्थानों में सही प्रयोग कीजिए –
(न्याय, जहरीली, कानून, उपकरण जोहड़।)
- राज्य में ………….. व्यवस्था की स्थिति सही है।
- …………… करते समय मुझे कठिनाई का सामना करना होगा।
- वर्षा के समय यह कूड़ा …………… में मिल जाता है।
- मैं …………….. होकर रोगों की संवाहक बन जाती हूँ।
- लोगों के घरों में भी बिना जरूरत ………….. के उपकरण चलते रहते हैं।
उत्तर:
- कानून
- न्याय
- जोहड़
- जहरीली
- बिजली।
RBSE Class 8 Hindi हमारी भी सुनो अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
दरबार में किसकी संख्या अधिक नजर आ रही थी?
उत्तर:
दरबार में जनसाधारण की संख्या अधिक नजर आ रही थी।
प्रश्न 2.
महाराज के दरबार में कौन-कौन एक ही घाट पर पानी पीने की स्थिति में हैं?
उत्तर:
महाराज के दरबार में शेर और बकरी एक ही घाट पर पानी पीने की स्थिति में हैं।
प्रश्न 3.
लोगों का पानी के बारे में क्या कहना है?
उत्तर:
लोगों का कहना है कि अब पानी का पानी उतर गया है
प्रश्न 4.
पानी खराब होने को क्या कहा गया है?
उत्तर:
पानी खराब होने को जल-प्रदूषण कहा गया है।
प्रश्न 5.
वायु के दूषित होने का क्या कारण है?
उत्तर:
वायु के दूषित होने का कारण लोगों द्वारा अपने मरे हुए पशु-पक्षी इधर-उधर डालना है।
प्रश्न 6.
वायु क्या बनकर साफ-सुथरे घर को गंदा कर देती है?
उत्तर:
वायु आँधी बनकर साफ-सुथरे घर को गंदा कर देती
प्रश्न 7.
लोग कहाँ-कहाँ की सफाई कर कूड़ा सड़क पर डाल देते हैं?
उत्तर:
लोग अपने घर और दुकानों की सफाई कर कूड़ा सड़क पर डाल देते हैं।
प्रश्न 8.
महाराज के अनुसार बिजली कहाँ नहीं टिकती
उत्तर:
महाराज के अनुसार बिजली घर, खेत और कारखानों में नहीं टिकती है।
RBSE Class 8 Hindi हमारी भी सुनो लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मंत्री के अनुसार पानी निर्मल नहीं रहने का क्या कारण है?
उत्तर:
मंत्री के अनुसार पानी नदियों और नहरों में पहले की तरह केवल मछलियों एवं जल-जंतुओं के साथ नहीं बहता बल्कि अपने साथ गंदगी बहाकर दूर-दूर तक फैलाता है जिससे वह निर्मल नहीं रह पाता।।
प्रश्न 2.
वायु अपने ऊपर लगे आरोपों को किस प्रकार झूठा बताती है?
उत्तर:
वायु अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताते हुए कहती है कि मेरे (हवा) पास अपना कोई रूप, रंग, गंध नहीं है। लोगों द्वारा सड़क पर मरे हुए पशु-पक्षी डाल दिए जाते हैं। इस कारण वह (हवा) दूषित हो जाती है। कारखानों से निकली दूषित गैस के कारण वह जहरीली हो जाती है और रोगों की संवाहक बन जाती है।
प्रश्न 3.
बिजली अपने ऊपर लगे हत्यारिणी के आरोप को किस तरह खारिज करती है?
उत्तर:
बिजली ने अपने ऊपर लगे हत्यारिणी के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि माचिस से चूल्हे में आग लगाई जाए तो वह उपयोगी है और कोई अपना हाथ जलाए तो दोष हाथ जलाने वाले का है, न कि आग का। मनुष्यों ने वृक्ष काटकर पक्षियों के घर उजाड़ दिए हैं, उनके लिए बैठने का स्थान छीन लिया है। पक्षी उड़ते-उड़ते थककर तारों पर बैठ जाते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। मनुष्य पशुओं पर भी नियंत्रण नहीं रखता जिससे वे भी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। इसमें मनुष्य का दोष है।
RBSE Class 8 Hindi हमारी भी सुनो दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जल और वायु के अतिरिक्त कौन-से प्रदूषण
उत्तर:
जल और वायु के अतिरिक्त निम्नलिखित प्रदूषण
भूमि प्रदूषण:
भूमि पर गंदा जल और रासायनिक पदार्थों से युक्त जल एकत्र करने पर वह धरती में समाने लगता है और भूमि प्रदूषित होती है। अधिक मात्रा में रासायनिक खादों के प्रयोग से भी भूमि प्रदूषण होता है।
ध्वनि प्रदूषण:
वैज्ञानिक प्रगति के कारण एक नए प्रदूषण ने जन्म ले लिया है। मोटरकार, जेट विमान, ट्रैक्टर, कारखानों के सायरन, मशीनों और लाउडस्पीकर आदि ध्वनि का संतुलन बिगाड़ कर ध्वनि-प्रदूषण उत्पन्न करते हैं।
रेडियोधर्मी प्रदूषण:
परमाणु विस्फोट से रेडियोधर्मी पदार्थ वायुमंडल में फैल जाते हैं और अनेक प्रकार से जीवन को क्षति पहुँचाते हैं।
रासायनिक प्रदूषण:
कारखानों से निकलने वाले खराब व गंदे पदार्थों के अलावा अधिक उपज लेने के लिए प्रयुक्त कीटनाशक दवाइयों व रासायनिक खादों से भी प्रदूषण फैलता है और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालता है।
मानसिक प्रदूषण:
भौतिक प्रदूषण के साथ-साथ मानसिक प्रदूषण ने भी लोगों के मस्तिष्क में अपनी जगह बनाई है। ईर्ष्या, द्वेष, घृणा, क्रोध आदि विकृत भावनाएँ मानसिक प्रदूषण के रूप हैं। कभी-कभी ये भावनाएँ उभरकर भयंकर रूप धारण कर लेती हैं।
प्रश्न 2.
क्या जल के बिना जीवन की कल्पना की जा सकती है? नहीं तो क्यों?
उत्तर:
नहीं, जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। जल जीवन का महत्त्वपूर्ण अंग है। जल को जीवन प्राण कहा गया है। हम अन्न के बिना रह सकते हैं लेकिन जल के बिना नहीं रह सकते। हमारा संपूर्ण अस्तित्व जल के ऊपर ही निर्भर करता है। जीवन के अनिवार्य स्रोत के रूप में वायु के बाद प्रथम आवश्यकता जल की ही होती है। यह भी माना जाता है कि जल में सभी देवता निवास करते हैं। हमारे लिए जल का प्रमुख स्रोत नदियाँ हैं। जल का शुद्ध होना बहुत आवश्यक है। वर्तमान समय में जल को प्रदूषित किया जा रहा है। यदि हम सुरक्षित जीवन जीना चाहते हैं, तो हमें जल को शुद्ध रखना होगा।
पाठ-परिचय:
रस्तुत एकांकी ‘हमारी भी सुनो’ में महाराजा के दरबार में हवा, पानी, बिजली के विरुद्ध लोग शिकायत लेकर आते हैं जो पर्यावरण प्रदूषण बचाव के उद्देश्य से बहुत महत्त्वपूर्ण है। एकांकी में पर्यावरण संरक्षण तथा हवा, पानी एवं बिजली का सदुपयोग करने आदि की प्रेरणा देने व भौतिक मूल्यों के विकास का प्रयास किया गया है।
कठिन शब्दार्थ:
पर्यावरण = परि+आवरण (चारों ओर से घेरने वाला)। प्रदूषण = गंदा करना। आवश्यकता = जरूरत। संरक्षण = सुरक्षा। नैतिक = नीतियुक्त। प्रयास = कोशिश। समक्ष = सामने। प्रजा = जनता। जन = लोग। आज्ञा = आदेश। घाट = किनारे। रोचक = आनंददायक। वाद = मुकदमा। संपूर्ण = सारे। कठिनाई = परेशानी। विरुदध = विरोध में। पूजनीय = पूजा करने योग्य। दंडित होना = सजा पाना। प्रतिष्ठा = सम्मान। पद = ओहदा। जल = पानी। कुपित = क्रोधित (गुस्सा)। निर्मल = साफ स्वच्छ। दोष = गलती। उपेक्षा = तिरस्कार जोगी = संन्यासी। नित्य = प्रतिदिन। अवांछित = न चाही जाने वाली अनचाही। जोहड़ = कच्चा तालाब। दूषित = गंदा। आक्रमण = हमला। पाँव = पैर। फुसफुसाना = धीरे बोलना।
कसूर = – गलती। दास = नौकर। माहौल = वातावरण। मर्जी इच्छा। जगह = स्थान। नष्ट = समाप्त। सुस्ताने = आराम करने। सदा = हमेशा। मूंदकर = बंद करके। प्रमाण = सबूत। क्षति = नुकसान। अपितु = किंतु। आम जन = सामान्य लोग। वजह = कारण। सुगंध = खुशबू । दुर्गंध = बदबू। न्यौता = बुलावा। गति = चाल। जमा = एकत्र। तलाश = खोज। नुकसान = हानि। प्रदर्शन = दिखावा। भंडार = खजाना। विश्राम = आराम। वियोग = दुख। आदत = स्वभाव। ढंग = तरीका। नियमित = प्रतिदिन रोजाना। अवैध = गैर कानूनी, फिजूलखर्ची = बर्बादी। वितरण = बाँटना। कर्तव्यहीनता = गैरजिम्मेदारी दुर्घटना = बुरी स्थिति। प्राणहारी = प्राणों का हरण करने वाला। संवाहक = ले जाने वाला।
गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्याएँ तथा अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
1. पानी:
महाराज, मुझे मालूम है। इन लोगों की यही शिकायत है कि पानी अब खराब हो गया है। इसे ये लोग जल प्रदूषण कहते हैं। पर महाराज, उसका एकमात्र कारण भी तो ये लोग ही हैं।
महाराजा:
उल्टी शिकायत कर रहे हो?
पानी:
हाँ, महाराज। गाँव में पहले जोहड़ के आस-पास की भूमि स्वच्छ रखी जाती थी। कोई वहाँ जूते पहनकर भी नहीं जाता था। अब वहाँ कूड़े के ढेर हैं। वर्षा के समय यह कूड़ा जोहड़ के पानी में मिल जाता है। पीने के पानी के तालाब में पशुओं को नहलाते हैं। इस कारण से मैं दूषित हो जाता हूँ। मुझे पीकर ये लोग बीमार हो जाते हैं। इसमें मेरा क्या दोष है महाराज?
संदर्भ एवं प्रसंग:
प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक के ‘हमारी भी सुनो’ नामक पाठ से लिया गया है। इसमें जल प्रदूषण के विषय में बताया गया है।
व्याख्या:
लोगों की अपने विरुद्ध शिकायत सुनकर पानी। ने.महाराज से कहा कि वह जानता है कि अब वह प्रदूषित हो गया है जिसे जल-प्रदूषण भी कहते हैं। लेकिन इसका कारण ये लोग ही हैं, जो उसकी शिकायत कर रहे हैं। महाराज ने पूछा ये उल्टी शिकायत कैसे कर रहे हैं। तब पानी ने कहा कि महाराज पहले गाँव के निकट तालाब की भूमि को स्वच्छ रखा जाता था।
वहाँ कोई जूते पहनकर भी नहीं जा सकता था। अब लोगों ने वहाँ कूड़े का ढेर लगा दिया है और वर्षा के दिनों में सारा पानी गंदा होकर तालाब में मिल जाता है। लोग पशुओं को तालाब में नहलाते हैं फिर उसी गंदे पानी को पीकर बीमार हो जाते हैं। इसमें पानी का दोष नहीं, बल्कि उन लोगों का दोष है जो उसे दूषित करते हैं।
प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
उत्तर:
जल प्रदूषण।
प्रश्न 2.
पहले जूते पहनकर कहाँ नहीं जा सकते थे?
उत्तर:
पहले जूते पहनकर तालाब किनारे नहीं जा सकते थे।
प्रश्न 3.
तालाब का पानी किस प्रकार दूषित होता है?
उत्तर:
तालाब के किनारे पड़े कूड़े के ढेर से तथा उसमें पशु नहलाने से तथा नालियों का पानी तालाब में पहुँचाने से तालाब का पानी दूषित हो जाता है।
प्रश्न 4.
दूषित पानी के उपयोग का क्या परिणाम निकलता है?
उत्तर:
दूषित पानी में अनेक रोग जनित कीटाणु होते हैं जिसे पीने से लोग बीमार हो जाते हैं।
2. वायु:
महाराज, यह आरोप झूठा है। अपने आप में मेरे पास न तो रंग है न खुशबू न बदबू। यहाँ के लोग अपने मरे हुए पशु-पक्षी यहाँ-वहाँ डालते हैं। इस कारण मैं दुषित हो जाती हूँ। इनके कारखानों से निकली गैस और गंदगी मुझ में घुल-मिल जाती है। मैं जहरीली होकर रोगों की संवाहक बन जाती हूँ। मुझे आज भी वह काला दिन याद है जब भोपाल के एक कारखाने से निकली जहरीली गैस मुझ पर सवार होकर दूर-दूर तक फैल गई थी और कितने ही लोग मौत के मुँह में चले गए थे। महाराज, इन लोगों से कहिए कि ये गंदगी के ढेर लगाकर मुझे दूषित न करें। मुझ में जहरीली गैस मिलाकर मुझे प्राणदायी से प्राणहारी न बनाएँ।
संदर्भ एवं प्रसंग:
प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक के ‘हमारी भी सुनो’ नामक पाठ से लिया गया है। इसमें वायु प्रदूषण के बारे में बताया गया है।
व्याख्या:
हवा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा और निराधार बताते हुए कहा कि उसमें न तो रंग है न खुशबू है न बदबू है। लेकिन लोग मरे हुए जानवरों को इधर-उधर डाल देते हैं जिसके कारण हवा दूषित हो जाती है। कारखानों से निकलने वाली गैस और गंदगी हवा में घुल-मिलकरजहरीली हो जाती है और रोग फैलने का कारण बन जाती है। भोपाल कारखाने से निकली जहरीली गैस हवा के साथ मिलकर दूर-दूर तक फैल गयी थी और अनेक लोग मर गए थे। हवा ने महाराज से प्रार्थना करते हुए कहा कि इन लोगों को गंदगी न करने की आज्ञा दीजिए ताकि हवा जहरीली न हो सके।
प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
उत्तर:
वायु प्रदूषण।
प्रश्न 2.
वायु ने अपने दूषित न होने का क्या उपाय बताया?
उत्तर:
वायु ने अपने दूषित न होने के लिए यह उपाय बताया कि कहीं भी गंदगी के ढेर न लगाए जाएँ।.
प्रश्न 3.
वायु ने दुर्गंध फैलने का क्या कारण बताया?
उत्तर:
वायु ने दुर्गंध फैलने का कारण यह बताया कि लोग मरे हुए पशु-पक्षियों को इधर-उधर मार्ग में फेंक देते हैं।
प्रश्न 4.
वायु रोगों की संवाहक कैसे बन जाती है?
उत्तर:
वायु में कारखानों से निकली गैस व गंदगी मिलकर उसे जहरीली बना देती है जिसके कारण वह रोगों की संवाहक बन जाती है।
3. महाराज:
तुम्हारी शक्ति भी अनियंत्रित रहती है। कभी तेज होकर फ्यूज उड़ा देती हो तो कभी तुम्हारा वोल्टेज इतना कम हो जाता है कि न मोटर चलती है न पंखा, न कूलर।
बिजली:
महाराज इसमें भी मेरा कुसूर नहीं है। मेरा उपयोग सही ढंग से नहीं होता है। आपके महल में सैकड़ों कक्ष हैं। कई कक्ष ऐसे हैं, जिनका हर समय उपयोग नहीं होता है, फिर भी उनमें बल्ब जलते रहते हैं, पंखे चलते रहते हैं। यहाँ जो लोग शिकायत करने आए हैं, उनके घरों में भी बिना जरूरत बिजली के उपकरण चलते रहते हैं। महाराज, आप नगर की सड़कों, गलियों में जाकर देखें। कहीं-कहीं आपको दिन में स्ट्रीट लाइट जलती हुई नजर आएगी। बिजली की कमी या वोल्टेज की कमी का कारण यही है।
संदर्भ एवं प्रसंग:
प्रस्तुत गदयांश हमारी पाठ्य-पुस्तक के ‘हमारी भी सुनो’ नामक पाठ से लिया गया है। इसमें बिजली की फिजूलखर्ची के विषय में बताया गया है।
व्याख्या:
लेखक कहता है कि महाराज ने बिजली से कहा कि वह कभी तेज शक्ति से आकर फ्यूज उड़ा देती है, कभी इतने कम वोल्टेज से आती है कि मोटर, पंखा, कूलर कोई उपकरण नहीं चलता। इस पर बिजली ने कहा कि महाराज इसमें मेरा कोई दोष नहीं है। उसका सही उपयोग नहीं होता। लोग बिना जरूरत के पंखे व बल्ब जलाए रखते हैं। आपके महल में भी अनावश्यक बल्ब व पंखे चलते रहते हैं। नगर की सड़कों व गलियों की लाइटें जलती रहती हैं। यही बिजली की कमी का कारण है।
प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए
उत्तर:
बिजली बचाओ।
प्रश्न 2.
बिजली ने लोगों का क्या कसूर बताया?
उत्तर:
बिजली ने लोगों का यह कसूर बताया कि वे बिजली का सही ढंग से उपयोग नहीं करते।
प्रश्न 3.
बिजली की शक्ति अनियंत्रित होकर क्या करती
उत्तर:
बिजली की शक्ति अनियंत्रित होकर कभी तेज होने पर फ्यूज उड़ा देती है, कभी वोल्टेज कम होने से मोटर, पंखा कूलर कुछ नहीं चलते हैं।
प्रश्न 4.
सड़कों पर बिजली का दुरुपयोग किस प्रकार होता है?
उत्तर:
सड़कों पर दिन में भी स्ट्रीट लाइट जलती रहती है जिससे बिजली का दुरुपयोग होता है।