RBSE Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 10 अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 10 अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 7 Social Science Solutions History Chapter 10 अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन

RBSE Class 7 Social Science अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन InText Questions and Answers

पृष्ठ संख्या 139 

प्रश्न 1. 
अध्याय 4 में तालिका 1 देखें (पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 48-49 में स्थित)। औरंगजेब के शासनकाल में किन-किन लोगों ने मुगल सत्ता को सबसे लम्बे समय तक चुनौती दी? 
उत्तर:
औरंगजेब के समय में मराठाओं ने सबसे लम्बे समय तक मुगल सत्ता को चुनौती दी। मराठा साम्राज्य का विस्तार 1720 ई. से. 1761 ई. के बीच हुआ।

पृष्ठ संख्या 144

प्रश्न 1. 
अपने राज्य को सुद्रढ़ करने की कोशिशों में मुगल सूबेदार दीवान के कार्यालय पर भी क्यों नियंत्रण जमाना चाहते थे? 
उत्तर:
मुगलों के प्रभाव को कम करने के लिए मुगल सूबेदार दीवान के कार्यालय पर भी नियंत्रण जमाना चाहते थे। 

पृष्ठ संख्या 148

प्रश्न 1. 
खालसा से क्या अभिप्राय है? क्या आपको याद है इसके बारे में आपने अध्याय 8 में पढ़ा है? 
उत्तर:
18वीं सदी में कई योग्य नेताओं के नेतृत्व में सिक्खों ने अपने-आपको पहले 'जत्थों' और बाद में 'मिस्लों' में संगठित किया। इन जत्थों और मिस्लों की संयुक्त सेनाएँ 'दल खालसा' कहलाती थीं। हाँ, हमें याद है कि इसके बारे में हमने अध्याय 8 में पढ़ा है।

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RBSE Class 7 Social Science अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन Textbook Questions and Answers

कल्पना करें-

प्रश्न 1.
आप अठारहवीं शताब्दी के एक राज्य के शासक हैं। अब यह बताएँ कि आप अपने प्रांत में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए क्या-क्या कदम उठाना चाहेंगे और ऐसा करते समय आपके सामने क्या-क्या विरोध अथवा समस्यायें खड़ी की जा सकती हैं ? 
उत्तर:
18वीं सदी के एक राज्य के शासक के रूप में मैं अपने प्रांत की स्थिति को मजबूत करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाना चाहूँगा-

  • संसाधनों का रिकार्ड रखना चाहूँगा तथा उसकी निगरानी रखंगा। 
  • वित्तीय एवं सैनिक संसाधनों पर निगरानी रखना चाहूँगा। 
  • मनसबदार जैसे कर्मचारियों पर नियंत्रण रखूगा। 
  • कर के रूप में राजस्व की उगाही में कर्मचारियों की नियुक्ति अभिजात्य वंश के आधार पर न करके व्यक्तिगत योग्यता के आधार पर करूँगा। 
  • प्रान्त में समृद्धि के लिए कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए सिंचाई के साधनों में वृद्धि तथा व्यापार में वृद्धि के प्रयास करूँगा ताकि जनता में विद्रोह व असंतोष पैदा न हो। 
  • धार्मिक सौहार्द्र को बनाए रखने के लिए सभी धर्मावलम्बियों के साथ शासन द्वारा समान वर्ताव किए जाने पर बल दूंगा। 

फिर से याद करें-

प्रश्न 1. 
निम्नलिखित में मेल बैठाएँ : 

सूबेदार

एक राजस्व कृषक

फौजदार

उच्च अभिजात 

इजारादार

प्रांतीय सूबेदार 

मिस्ल

मराठा कृषक योद्धा 

चौथ

एक मुगल सैन्य कमांडर

कुनबी

सिख योद्धाओं का समूह 

उमरा

मराठों द्वारा लगाया गया कर 

उत्तर:

सूबेदार

प्रांतीय सूबेदार 

फौजदार

एक मुगल सैन्य कमांडर 

इजारादार

एक राजस्व कृषक

मिस्ल

सिख योद्धाओं का समूह

चौथ

मराठों द्वारा लगाया गया कर

कुनबी

मराठा कृषक योद्धा 

उमरा

उच्च अभिजात

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प्रश्न 2. 
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें : 
(क) औरंगजेब ने .............. में एक लम्बी लड़ाई लड़ी। 
(ख) उमरा और जागीरदार मुगल .............. के शक्तिशाली अंग थे। 
(ग) आसफ जाह ने हैदराबाद राज्य की स्थापना .............. में की। 
(घ) अवध राज्य का संस्थापक ............... था। 
उत्तर:
(क) दक्कन 
(ख) साम्राज्य 
(ग) 18वीं शताब्दी 
(घ) बुरहान-उल-मुल्क सआदत खाँ।

प्रश्न 3. 
बतायें सही है या गलत : 
(क) नादिरशाह ने बंगाल पर आक्रमण किया। 
(ख) सवाई राजा जयसिंह इन्दौर का शासक था। 
(ग) गुरु गोविन्द सिंह सिक्खों के दसवें गुरु थे। 
(घ) पुणे अठारहवीं शताब्दी में मराठों की राजधानी बना। 
उत्तर:
(क) गलत 
(ख) गलत 
(ग) सही 
(घ) सही। 

प्रश्न 4. 
सआदत खान के पास कौन-कौन से पद थे? 
उत्तर:
सआदत खान के पास निम्नलिखित पद थे-

  • सूबेदारी 
  • फौजदारी 
  • दीवानी। 

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आइये विचार करें-

प्रश्न 5. 
अवध और बंगाल के नवाबों ने जागीरदारी प्रथा को हटाने की कोशिश क्यों की? 
उत्तर:
अवध और बंगाल के नवाबों ने जागीरदारी प्रथा को इसलिए हटाने की कोशिश की क्योंकि-

  • उस समय मुगलों द्वारा नियुक्त जागीरदार भ्रष्ट थे। इसलिए दोनों नवाब जागीरदारी व्यवस्था को संदेह की दृष्टि से देखते थे। 
  • वे अपने राज्य में मुगल शासन के प्रभाव को कम करना चाहते थे। इसलिए वे राजस्व के पुनः निर्धारण के लिए जागीरदारी व्यवस्था को समाप्त कर अपने विश्वसनीय कर्मचारियों को नियुक्त करना चाहते थे। 
  • जमींदारों द्वारा की जाने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए उन्होंने इजारेदारी व्यवस्था को लागू किया। 

प्रश्न 6. 
अठारहवीं शताब्दी में सिक्खों को किस प्रकार संगठित किया गया? 
उत्तर:
18वीं सदी में सिक्खों को निम्न प्रकार से संगठित किया गया-

  • 18वीं सदी में कई योग्य नेताओं के नेतृत्व में सिक्खों ने अपने आपको पहले 'जत्थों' में और बाद में 'मिस्लों' में संगठित किया। इन जत्थों और मिस्लों की संयुक्त सेनाएँ 'दल खालसा' कहलाती थीं। 
  • उन दिनों दल खालसा, बैसाखी और दीपावली के पर्वो पर अमृतसर में मिलता था। इन बैठकों में सामूहिक निर्णय लिये जाते थे, जिन्हें गुरमत्ता (गुरु के प्रस्ताव) कहा जाता था। 
  • सिक्खों ने राखी व्यवस्था स्थापित की, जिसके अंतर्गत किसानों से उनकी उपज का 20 प्रतिशत कर के रूप में लेकर उन्हें संरक्षण प्रदान किया जाता था। 
  • खालसा ने 1765 ई. में अपना सिक्का गढ़कर सार्वभौम शासन की घोषणा की। 18वीं सदी के अंतिम भाग में सिक्ख इलाके सिंधु से यमुना तक फैले हुए थे, यद्यपि ये विभिन्न शासकों में बंटे हुए थे। महाराजा रणजीतसिंह ने इनमें एकता कायम करके 1799 ई. में लाहौर को अपनी राजधानी बताया।

प्रश्न 7. 
मराठा शासक दक्कन के पार विस्तार क्यों करना चाहते थे? 
उत्तर:
मराठा शासक निम्नलिखित कारणों से दक्कन के पार विस्तार करना चाहते थे-

  • वे मुगलों के प्रभाव को कम करना चाहते थे। 
  • वे एक बड़े क्षेत्र पर शासन स्थापित करना चाहते थे। 
  • वे गंगा-यमुना के उपजाऊ भू-भाग पर नियंत्रण स्थापित करना चाहते थे। 
  • वे अधिक से अधिक क्षेत्र से चौथ और सरदेशमुखी वसूल करना चाहते थे। 

प्रश्न 8. 
आसफजाह ने अपनी स्थिति को मजबूत बनाने के लिए क्या-क्या नीतियाँ अपनाईं? 
उत्तर:
दक्कन का गवर्नर बनने के बाद आसफजाह ने अपनी स्थिति मजबूत बनाने के लिए निम्नलिखित नीतियाँ अपनाई-

  • वह कुशल सैनिकों और प्रशासकों को उत्तर भारत से लेकर गया। उन्होंने दक्षिण में अपनी नयी नियुक्ति का स्वागत किया। 
  • उसने उन्हें मनसबदार नियुक्त किया तथा उन्हें जागीरें प्रदान की। 
  • उसने किसी भी मामले में दिल्ली से कोई निर्देश न लेने की नीति अपनाते हुए स्वतंत्रतापूर्वक कार्य किया। हालांकि वह अभी भी मुगल सम्राट का सेवक था। मुगल बादशाह केवल इसके लिए गए निर्णयों की पुष्टि भर करता था। 

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प्रश्न 9. 
क्या आपके विचार से आज महाजन और बैंकर उसी तरह का प्रभाव रखते हैं, जैसा कि वे अठारहवीं शताब्दी में रखा करते थे? 
उत्तर:
हमारे विचार में आज महाजन और बैंकर उस तरह का प्रभाव नहीं रखते हैं जैसा 18वीं सदी में वे रखते थे क्योंकि-18वीं सदी में राज्य और महाजनों तथा वणिकजनों के बीच सम्बन्ध होते.थे, वे लगान वसूल करने वाले इजारेदारों को पैसा उधार देते थे, बदले में प्रतिभूति जमानत या बंधक के रूप में जमीन रख लेते थे, लेकिन वर्तमान समय में ऋण की प्रक्रिया के सम्बन्ध में अनेक नियम तथा विनियम हैं तथा इस क्षेत्र में बैंक आदि अनेक सरकारी एजेन्सियाँ कार्यरत हैं।

प्रश्न 10. 
क्या अध्याय में उल्लिखित कोई भी राज्य आपके अपने प्रांत में विकसित हुए थे। यदि हाँ, तो आपके विचार से 18वीं सदी का जनजीवन आगे 21वीं शताब्दी के जनजीवन से किस रूप में भिन्न था? 
उत्तर:
इसका उत्तर अपने विषय अध्यापक की सहायता से दीजिए।

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Last Updated on June 10, 2022, 3:11 p.m.
Published June 9, 2022