RBSE Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 9 व्यापारी, राजा और तीर्थयात्री

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 9 व्यापारी, राजा और तीर्थयात्री Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 6 Social Science Solutions History Chapter 9 व्यापारी, राजा और तीर्थयात्री

RBSE Class 6 Social Science व्यापारी, राजा और तीर्थयात्री InText Questions and Answers


पृष्ठ 91

प्रश्न 1. 
क्या तुम बता सकती हो कि ये सिक्के (रोमन सिक्के) भारत कैसे और क्यों पहुँचे होंगे? 
उत्तर:
उन दिनों रोम का दक्षिण भारत के साथ बहुत अच्छा व्यापार चल रहा था। यहाँ के मसालों विशेषकर कालीमिर्च की रोम में बहुत मांग थी। अतः रोमन व्यापारी यहाँ से सामान खरीदने के बदले अपने यहाँ के सोने के सिक्के देते होंगे जिससे ये सिक्के भारत में पहुँचे होंगे। 

RBSE Solutions for Class 6 Social Science Chapter 9 व्यापारी, राजा और तीर्थयात्री

पृष्ठ 93 

प्रश्न 1. 
क्या तुम बता सकती हो कि श्री सातकणी तटों पर नियंत्रण क्यों करना चाहता था? 
उत्तर:
तटों से भारत का विदेशी व्यापार संचालित होता था। तटों पर नियंत्रण वाले राजा बहुत सम्पत्तिशाली थे। अत: विदेशी व्यापार पर नियंत्रण करने तथा विदेशों से सम्बन्ध बनाने को श्री सातकर्णी तटों पर नियंत्रण करना चाहता था। 

पृष्ठ 4 

प्रश्न 1. 
सिल्क रूट पर गाड़ियों का उपयोग क्यों कठिन होता होगा? 
उत्तर:
सिल्क रूट एक कठिन रूट था। इसमें दुर्गम पहाड़ी तथा रेगिस्तानी रास्तों से होकर जाना पड़ता था। इसलिए इस रूट पर गाड़ियों का उपयोग कठिन होता होगा। 

प्रश्न 2. 
चीन से समुद के रास्ते भी रेशम का निर्यात होता था। समुद्र के रास्ते रेशम भेजने में क्या सुविधाएँ और क्या समस्याएँ आती होंगी? 
उत्तर:
सुविधाएँ:

  • समुद्र के रास्ते रेशम भेजना ज्यादा तीव्रगामी था। 
  • बीच में शासकों को यात्रा शुल्क भी नहीं देना होता था।

समस्याएँ:

  • मौसम तथा तूफान सम्बन्धी समस्याओं के कारण अनेक बार जहाज रास्ता भटक जाते होंगे तथा डूब भी जाते होंगे। 
  • समुदी लुटेरों के आक्रमण का भय रहता होगा।

पृष्ठ 98 

प्रश्न 1. 
बताओ कि फा - शिएन अपनी पाण्डुलिपियाँ और मूर्तियों को क्यों नहीं फेंकना चाहता था? 
उत्तर:
फा - शिएन अपनी पाण्डुलिपियाँ और मूर्तियाँ इसलिए नहीं फेंकना चाहता था क्योंकि वे उसके लिए अत्यन्त कीमती थीं। इन्हें उसने अपने भारत - प्रवास के दौरान एकक्ति किया था। इन्हें वह अपने साथ चीन ले जाकर इनका अध्ययन तथा अपनी भाषा में अनुवाद करना चाहता था। मूर्तियों को भी बह वहां प्रदर्शन के लिए ले जाना चाहता था। 

प्रश्न 2. 
श्वैन त्सांग नालन्दा में क्यों पढ़ना चाहता था, कारण बताओ। 
उत्तर:
नालन्दा उस समय का सबसे प्रसिद्ध बौद्ध विद्या तथा शिक्षा का केन्द्र था। वहां के शिक्षक योग्यता तथा बुद्धि में बहुत आगे थे। वहां शिक्षा का बहुत उच्च स्तर था। अत: इन सब कारणों से प्रभावित होकर श्वैन त्सांग नालन्दा में पढ़ना चाहता था। 

पृष्ठ 100 

प्रश्न 1. 
कवि (एक भक्त द्वारा लिखी गई एक कविता में) सामाजिक प्रतिष्ठा और भक्ति में किसको ज्यादा महत्व देते हैं? 
उत्तर:
इस कविता में कवि भक्ति को ज्यादा महत्व देते हैं।

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आओ याद करें। 

प्रश्न 1. 
निम्नलिखित के उपयुक्त जोड़े बनाओ:

I

II

1. दक्षिणापथ के स्वामी

(अ) बुद्धचरित

2. मुवेन्दार

(ब) महायान बौद्ध धर्म

3. अश्वपोष

(स) सातवाहन शासक

4. बोधिसत्त्व

(द) चीनी यात्री

5. श्वैन त्सांग

(य) चोल, चेर, पांड्य


उत्तर:

I

II

1. दक्षिणापथ के स्वामी

(स) सातवाहन शासक

2. मुवेन्दार

(य) चोल, चेर, पांड्य

3. अश्वपोष

(अ) बुद्धचरित

4. बोधिसत्त्व

(ब) महायान बौद्ध धर्म

5. श्वैन त्सांग

(द) चीनी यात्री


प्रश्न 2. 
राजा सिल्क रूट पर अपना नियंत्रण क्यों कायम करना चाहते थे? 
उत्तर:
राजा सिल्क रूट पर अग्न कारणों से अपना नियत्रण करना चाहते थे:

  • इस रूट पर यात्रा कर रहे लोगों से उन्हें कर तथा शुल्क प्राप्त होता था। 
  • व्यापारियों से तोहफों तथा नजरानों के रूप में भी लाभ मिलता था। 

प्रश्न 3. 
व्यापार तथा व्यापारिक रास्तों के बारे में जानने के लिए इतिहासकार किन - किन साक्ष्यों का उपयोग करते हैं?
उत्तर:
व्यापार तथा व्यापारिक रास्तों के बारे में जानने के लिए इतिहासकार विभिन्न क्षेत्रों में पाए गये विदेशी सिक्कों, विदेशी वस्तुओं, बस्तियों आदि साक्ष्यों का प्रयोग करते हैं। इसके साथ - साथ विभिन्न विद्वानों द्वारा लिखे गये विवरणों तथा विदेशी यात्रियों व तीर्थयात्रियों द्वारा लिखे गये यात्रा विवरणों का भी साक्ष्य के रूप में प्रयोग करते हैं। 

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प्रश्न 4. 
भक्ति की प्रमुख विशेषताएँ क्या थीं?
अथवा 
भक्ति परम्परा के बारे में आप क्या जानते हैं? 
उत्तर:
भक्ति की निम्न प्रमुख विशेषताएँ थी

  1. किसी देवी या देवता के प्रति श्रद्धा को ही भक्ति कहा जाता है।
  2. देवी - देवताओं की पूजा भक्ति परम्परा के माध्यम से की जाती है। 
  3. भक्ति का पथ सबके लिए खुला है। चाहे वह धनी हो या गरीब, ऊँची जाति का हो या नीची जाति का, स्त्री हो या पुरुष। 
  4. भक्ति मार्ग की चर्चा हिन्दुओं के पवित्र ग्रंथ भगवद्गीता में की गई है। 
  5. भक्ति मार्ग अपनाने वाले लोग आडंबर के साथ पूजापाठ करने के बजाय ईश्वर के प्रति लगन और व्यक्तिगत पूजा पर जोर देते हैं। 
  6. भक्ति मार्ग अपनाने वालों का यह मानना है कि अगर अपने आराध्य देवी या देवता की सच्चे मन से पूजा की जाए, तो वह उसी रूप में दर्शन देंगे, जिसमें भक्त उसे देखना चाहता है। इसलिए आराध्य देवी या देवता मानव के रूप में भी हो सकते हैं या फिर सिंह, पेड़ या अन्य किसी भी रूप में। 
  7. भक्ति परम्परा ने चित्रकला, शिल्पकला और स्थापत्य कला के माध्यम से अभिव्यक्ति की प्रेरणा दी। 

आओ चर्चा करें 

प्रश्न 5. 
चीनी तीर्थयात्री भारत क्यों आए? कारण बताओ। 
उत्तर:
चीनी तीर्थयाशी बुद्ध के जीवन से जुड़ी जगहों तथा प्रसिद्ध मठों को देखने के लिए भारत आये थे। इनमें से कुछ यहाँ के प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में पढ़ना भी चाहते थे।

प्रश्न 6. 
साधारण लोगों का भक्ति के प्रति आकर्षित होने का कौनसा कारण होता है? 
उत्तर:
साधारण लोगों का भक्ति के प्रति आकर्षित होने के निम्न कारण होते थे

  1. देवी - देवताओं की पूजा भक्ति परम्परा के माध्यम से की जाती थी। 
  2. यह एक सरल मार्ग था। 
  3. भक्ति का पथ अमीर - गरीब, ऊंची जाति - नीची जाति, स्त्री - पुरुष सभी के लिए खुला हुआ था। 
  4. इसमें ईश्वर के प्रति लगन और व्यक्तिगत पूजा पर जोर दिया जाता था। 
  5. हिन्दुओं के पवित्र ग्रन्थ भगवद्गीता में भी भक्ति मार्ग को श्रेष्ठ बताया गया है।
Bhagya
Last Updated on June 1, 2022, 7:14 p.m.
Published June 1, 2022