RBSE Solutions for Class 6 Social Science Civics Chapter 9 शहरी क्षेत्र में आजीविका

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 6 Social Science Civics Chapter 9 शहरी क्षेत्र में आजीविका Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 6 Social Science Solutions Civics Chapter 9 शहरी क्षेत्र में आजीविका

RBSE Class 6 Social Science शहरी क्षेत्र में आजीविका InText Questions and Answers


पृष्ठ 88

प्रश्न 1. 
इस चित्र ( पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 88-89 पर दिए गए चित्र ) में आप क्या देख रहे हैं? 
RBSE Solutions for Class 6 Social Science Civics Chapter 9 शहरी क्षेत्र में आजीविका 1
उत्तर:
इस चित्र में शहर के लोगों के क्रियाकलाप देख रहे हैं।

RBSE Solutions for Class 6 Social Science Civics Chapter 9 शहरी क्षेत्र में आजीविका

प्रश्न 2. 
आप पहले ही ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के कार्यों के बारे में पड़ चुके हैं। अब पिछले पाठ में दिए गए ग्रामीण क्षेत्र के कायौं के चित्र से इस चित्र की तुलना कीजिए। 
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्र के मुख्य क्रियाकलाप प्राथमिक क्रियाओं से संबंधित हैं, जैसे - कृषि कार्य करना, टोकरी बनाना, बर्तन बनाना, घड़े अनाना, कपड़े बुनना आदि। दूसरी तरफ इस चित्र के क्रियाकलाप द्वितीयक तथा तृतीयक क्रियाकलापों से संबंधित हैं, ठेले, फुटपाथ या दुकानों पर माल बेचना, बैंक, बस, ट्रक सम्बन्धी यातायात व माल ढोने के कार्य, फैक्ट्री व आफिस आदि। 

प्रश्न 3. 
शहर का एक भाग दूसरे भाग से अलग होता है। आपने ऊपर वाले चित्र में क्या भिन्नताएँ देखीं? 
उत्तर:
शहर के कुछ हिस्सों में बड़ी - बड़ी इमारतें, अस्पताल, स्कूल, बैंक, बस स्टॉप आदि हैं, जबकि कुछ हिस्से में कम आय समूह के लोगों के घर हैं। 

पृष्ठ 91 

प्रश्न 1. 
बच्चू माँझी शहर क्यों आया था? 
उत्तर:
बजू मांझी धन कमाने के लिए शहर आया था। 

प्रश्न 2. 
बच्चू अपने परिवार के साथ क्यों नहीं रह सकता? 
उत्तर:
बच्चू अपने परिवार के साथ नहीं रह सकता क्योंकि:

  1. उसके पास अपना स्थायी निवास नहीं है।
  2. शहर में रहना अधिक महंगा पड़ता है। 
  3. बनू की पत्नी को गांव में कुछ काम मिल जाता था। 
  4. अकेला रहकर ही बच्चू अपने घर के लिए कुछ रुपये बचा सकता था। 

प्रश्न 3. 
किसी सब्जी बेचने वाली या ठेले वाले से बात करिए और पता लगाइए कि वे अपना काम कैसे करते हैं - तैयारी, खरीदना, बेचना आदि। 
उत्तर:
तैयारी: सब्जी मंडी जाने के लिए बोरी, टोकरी आदि का इंतजाम करना और सब्जी मंडी जाना। 
खरीदना: सब्जी मंडी में जगह - जगह पर जाकर विभिन्न सब्जियाँ खरीदना, ओरे / टोकरी में भरना, ठेली पर लादना आदि। 
बेचना: सब्जी को धोकर ठेली पर सजाना, दाम निर्धारित करना फिर बेचना। 

प्रश्न 4. 
बच्चू को एक दिन की छुट्टी लेने से पहले भी सोचना पड़ता है। क्यों? 
उत्तर:
बजू को एक दिन की छुट्टी लेने से पहले भी सोचना पड़ता है क्योंकि छुट्टी के दिन काम न करने से उसकी दिहाड़ी समाप्त हो जाएगी और उसे 200 - 300 रुपये की हानि होगी। 

पृष्ठ 93 

प्रश्न 1. 
वंदना और हरप्रीत ने एक बड़ी दुकान क्यों शुरू की? उनको यह दुकान चलाने के लिए क्या - क्या करना पड़ता है? 
उत्तर:
वंदना और हरप्रीत ने एक बड़ी दुकान इसलिए शुरू की क्योंकि:

  1. उनके माल की मांग बढ़ गई थी। 
  2. सिले - सिलाए कपड़ों को सजाकर रखने के लिए अधिक जगह की आवश्यकता पड़ती है। 
  3. शोरूम अधिक बड़ा तथा सजा - धजा आकर्षक होता है। 
  4. आजकल ग्राहक अच्छी तरह से बैठने के लिए जगह चाहता है। 

उनको दुकान चलाने के लिए निम्नलिखित कार्य करने पड़ते है:

  1. जगह - जगह से सामान खरीदना। 
  2. सामान को सजा - धजा कर रखना। 
  3. कीमत निर्धारित करना। 
  4. विज्ञापन देना। 
  5. बेचना। 

प्रश्न 2. 
एक बड़ी दुकान के मालिक से बात कीजिए और पता लगाए कि वे अपने काम की योजना कैसे बनाते हैं? क्या पिछले बीस सालों में उनके काम में कोई बदलाव आया है?
उत्तर:
एक बड़ी दुकान के मालिक से बात करने पर पता चला कि उसने अपने काम की योजना इस प्रकार बनाई:

  • सबसे पहले उसने शोरूम किराये पर लिया। 
  • जव व्यापार अच्छा चलने लगा तथा पैसा बचा, तो उसने शोरूम को खरीदना चाहा तथा उसने उसे खरीद लिया। 

पिछले 20 वर्षों में उसके व्यापार में निम्नलिखित परिवर्तन आए हैं:

  • पहले लोग केवल कपड़ा खरीदते थे। 
  • अब वे भिन्न - भिन्न डिजाइनों व शैलियों के सिलेसिलाए कपड़े खरीदते हैं। 

प्रश्न 3. 
जो बाजार में सामान बेचते हैं और जो सड़कों पर सामान बेचते हैं, उनमें क्या अन्तर है? 
उत्तर:
बाजार में सामान बेचने वालों और सड़कों पर सामान बेचने वालों में अन्तर:

सड़कों पर सामान बेचने वाले

बाजार में सामान बेचने वाले

इनकी कोई स्थायी दुकान नहीं है।

इनकी स्थायी दुकानें हैं।

ये कम लाभ पर सामान बेचते हैं।

ये कैचे लाभ पर सामान बेचते हैं।

इनका सामान निम्न आय वाले लोगों के लिए होता हैं।

इनका सामान मध्यम और उच्च आय वर्ग के लोगों के लिए होता है।

ये सामान्यतः रोजाना काम आने वाली चीजें बेचते हैं।

ये सभी तरह की वस्तुएं वेचते हैं।

ये छोटी मात्रा में सामान बेचते हैं।

ये बड़ी मात्रा में सामान बेचते हैं।


पृष्ठ 96 

प्रश्न 1. 
आपको क्या लगता है कि फैक्ट्रियों या छोटे कारखाने मजदूरों को अनियमित रूप से काम पर रखते है? 
उत्तर:
हाँ, हमको लगता है कि फैक्ट्रियां या छोटे कारखाने मजदूरों को अनियमित रूप से काम पर रखते हैं क्योंकि खास मौसमों में या जब मालिक को बहुत सारा काम मिल जाता है, तब वे उस मौसम के लिए या उस कार्य विशेष के लिए उन्हें मजदूरी पर रखते हैं, जब उनके कार्य की जरूरत नहीं होती तो वे उन्हें काम से निकाल देते हैं क्योंकि वे उनको नियमित रूप से मजदूरी देने की क्षमता में नहीं होते है।

प्रश्न 2. 
निर्मला जैसे मजदूरों की काम करने की परिस्थितियों का निम्न के आधार पर विवरण दीजिएकाम के घंटे, कमाई, काम करने की जगह व सुविधाएँ, सालभर में रोजगार के दिनों की संख्या। 
उत्तर:

  1. काम के घंटे: 9 बजे सुबह से रात 10 बजे तक। 
  2. कमाई: 280 रुपये (8 घंटे के 280 रुपये) 
  3. काम करने की जगह व सुविधाएँ: एक छोटे से कमरे में सिलाई की मशीनों पर काम, वहाँ कई मशीनें थीं। अत्यधिक काम का बोझ कोई खास सुविधाएँ नहीं। 
  4. सालभर में रोजगार के दिनों की संख्या: सालभर में लगभग 8 महीने अर्थात् 240 दिन ही रोजगार मिलता है। 

प्रश्न 3. 
क्या आप यह मानेंगे कि दूसरों के घरों में काम करने वाली महिलाएँ भी अनियमित मजदूरों की श्रेणी में आती हैं, क्यों? एक ऐसी कामगार महिला के दिनभर के काम का विवरण दीजिए। 
उत्तर:
हाँ, दूसरों के घरों में काम करने वाली महिलाएं भी अनियमित मजदूरों की श्रेणी में आती हैं क्योंकि:

  • वे तभी तक काम पर रह सकती हैं, जब तक उनका मालिक (नियोक्ता) चाहता है। 
  • उन्हें भी प्रतिदिन के आधार पर मजदूरी मिलती है। 
  • ऐसी कामगार महिलाएं सुबह 9 बजे से शाम के 7 बजे तक कार्य करती हैं। वे घर की साफ - सफाई करने, कपड़े धोने, बर्तन साफ करने आदि घरेलु कार्यों को करती हैं।

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प्रश्न 1. 
नीचे लेबर चौक पर आने वाले मजदूरों की जिंदगी - का विवरण दिया गया है। इसे पढ़िए और आपस में चर्चा कीजिए कि लेबर चौक पर आने वाले मजदूरों के जीवन की क्या स्थिति है? लेबर चौक पर जो मजदूर रहते हैं उनमें से ज्यादातर अपने रहने की स्थायी व्यवस्था नहीं कर पाते और इसलिए वे चौक के पास फुटपाथ पर सोते हैं या फिर पास के रात्रि विश्राम गृह (रैन बसेरा) में रहते हैं। इसे नगर निगम चलाता है और इसमें छ: रुपये एक बिस्तर का प्रतिदिन किराया देना पड़ता है। सामान की सुरक्षा का कोई इंतजाम न रहने के कारण वे वहां चाय या पान - बीड़ी वालों की दुकानों को बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं। उनके पास वे पैसा जमा करते हैं और उनसे उधार भी लेते हैं। वे अपने औजारों को रात में उनके पास हिफाजत के लिए छोड़ देते हैं। दुकानदार मजदूरों के सामान की सुरक्षा के साथ जरूरत पड़ने पर उन्हें कर्ज भी देते हैं। स्रोत : हिन्दू ऑन लाइन, अमन सेठी 
उत्तर:

  1. मजदूरों के रहने की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं हैं।
  2. वे प्राय: रात्रि विश्राम गृह अथवा फुटपाथ पर रहते हैं। 
  3. उनके पास कोई स्थायी काम नहीं होता है। 
  4. वे अपने परिवार के साथ नहीं रहते हैं। 
  5. वे अपनी कमाई के पैसों और औजारों को, सुरक्षा हेतु, प्राय: चाय या पान - बीड़ी की दुकानों पर जमा कर देते हैं। 
  6. दुकानदार उन्हें सामान की सुरक्षा के साथ - साथ कर्ज भी देते हैं। 

प्रश्न 2. 
निम्नलिखित तालिका को पूरा कीजिए और उनका काम किस तरह से अलग है, इसका वर्णन कीजिए।

नाम

काम की जगह

आय

काम की सुरक्षा

सुविधाएँ

स्वयं का काम या रोजगार

बच्चू मांझी

 

100 रु. प्रतिदिन

 

 

 

हरप्रीत और वंदना

 

 

 

 

स्वयं का काम

निर्मला

 

 

कोई सुरक्षा नही

 

 

सुधा

कंपनी

30,000रु. प्रतिमाह

 

 

 

उत्तर:

नाम

काम की जगह

आय

काम की सुरक्षा

सुविधाएँ

स्वयं का काम या रोजगार

बच्चू मांझी

बस स्टैंड

100 रु. प्रतिदिन

नहीं

नहीं

स्वयं का काम

हरप्रीत और वंदना

बाजार में शोरूम

कई हजार

हाँ

प्रास हैं

स्वयं का काम

निर्मला

वस्वों की फैक्टरी

280 रु. प्रतिदिन + 100 रु. ओवरटाइम

नहीं

नहीं

अस्थाई नौकरी

सुधा

कंपनी

30,000रु. प्रतिमाह

हाँ

भविष्य - निधि, छुट्टियाँ, चिकित्सा सुविधा

स्थायी नौकरी


प्रश्न 3. 
एक स्थायी और नियमित नौकरी अनियमित काम से किस तरह अलग है? 
उत्तर:
स्थायी और नियमित नौकरी अनियमित काम से पूर्णतः भिन्न होती है क्योंकि:

  1. नियमित नौकरी में पूरे साल काम होता है जबकि अनियमित्त काम वर्ष के कुछ महीने ही मिलता है। 
  2. नियमित नौकरी में कार्य के घंटे निश्चित होते हैं, जबकि अनियमित काम में कार्य के घंटे अनिश्चित होते हैं। 
  3. नियमित नौकरी में अनियमित नौकरी की अपेक्षा मासिक आय अधिक होती है। 
  4. नियमित नौकरी में रविवार तथा अन्य सार्वजनिक अवकाश की सवैतनिक छुट्टियाँ मिलती हैं, जबकि अनियमित नौकरी में छुट्टियां नहीं मिलती हैं। 
  5. नियमित नौकरी में कर्मचारी और उसके परिवार को चिकित्सा सुविधाएँ तथा भविष्य - निधि सुविधाएँ मिलती हैं जबकि अनिश्चित नौकरी में ये सुविधाएँ नहीं मिलती हैं। 

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प्रश्न 4. 
सुधा को अपने वेतन के अलावा और कौन से लाभ मिलते हैं? 
उत्तर:
सुधा को अपने वेतन के अलावा निम्न लाभ मिलते हैं।

  1. बुढ़ापे के लिए बचत: उसकी तनख्वाह का एक भाग भविष्य निधि में सरकार के पास डाल दिया जाता है। इस बचत पर ब्याज भी मिलता है। नौकरी से सेवानिवृत्त होने पर यह पैसा उसे मिलता है। 
  2. छुट्टियाँ: रविवार और राष्ट्रीय त्यौहारों के लिए छुट्टी मिलती है। उसको वार्षिक छुट्टी के रूप में भी कुछ दिन मिलते हैं। 
  3. परिवार के लिए चिकित्सा सुविधाएँ: कंपनी एक सीमा तक सुधा और उनके परिवारजनों के इलाज का खर्चा उठाती है। अगर तबियत खराब हो जाए तो उसको बीमारी के दौरान छुट्टी मिलती है। 

प्रश्न 5. 
नीचे दी गई तालिका में अपने परिचित बाजार की दुकानों या दफ्तरों के नाम भरे कि वे किस प्रकार की चीजें या सेवाएं मुहैया कराती है? 

दुकानों या दफ्तरों के

चीजों/सेवाओं के प्रकार नाम

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

उत्तर:

दुकानों के नाम

चीजों/सेवाओं के प्रकार

राजू सरगी की दुकान

सब्जियाँ एवं फल

लक्ष्मी किराना स्टोर

घरेलू जरूरतों का सामान

फैमिना लाइफ स्टाइल

कपड़ा तथा सिले हुए वस्त्र

जोधपुर मिष्ठान भंडार

मिठाइयाँ व नमकीन

संजीव मेडिकल स्टोर

डॉक्टर द्वारा प्रस्तावित दवाइयाँ प्रदान की जाती हैं।

Bhagya
Last Updated on June 4, 2022, 11:58 a.m.
Published June 3, 2022