Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Solutions Chapter 13 बाल अधिकार एवं बाल संरक्षण
RBSE Solutions for Class 6 Social Science
RBSE Class 6 Social Science बाल अधिकार एवं बाल संरक्षण Intext Questions and Answers
गतिविधि
पृष्ठ संख्या – 90
प्रश्न 1.
आपके विचार में बच्चों के कौन-कौनसे अधिकार होने चाहिए, उनकी एक सूची बनाइये।
उत्तर:
बच्चों को ये अधिकार होने चाहिए –
- दुनिया में आने का अधिकार
- न्यूनतम स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त करने का अधिकार
- भोजन, आवास, वस्त्र पाने का अधिकार
- सम्मान के साथ जीने का अधिकार
- भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक विकास का अधिकार – इसके अन्तर्गत प्रेम-स्नेह पाने, उचित शिक्षा, मनोरंजन, खेल-कूद तथा
- पोषण के अधिकार आते हैं।
- संरक्षण का अधिकार उसे प्रभावित करने वाले निर्णयों में भागीदारी का अधिकार आदि।
RBSE Class 6 Social Science बाल अधिकार एवं बाल संरक्षण Text Book Questions and Answers
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनिए –
(i) निम्नलिखित में से कौनसा बाल अधिकार हनन का उदाहरण है ……………
(अ) शिक्षा देना
(ब) बाल विवाह करना
(स) भोजन देना
(द) सुरक्षा देना
उत्तर:
(ब) बाल विवाह करना
(ii) राज्य में बाल अधिकारों के संरक्षण एवं पुनर्वास हेतु कार्यरत है ……………
(अ) कृषि विभाग
(ब) वन विभाग
(स) बाल अधिकारिता विभाग
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(स) बाल अधिकारिता विभाग
प्रश्न 2.
स्तम्भ ‘अ’ को स्तम्भ ‘ब’ से सुमेलित कीजिए –
उत्तर:
प्रश्न 3.
बाल अधिकार कौन – कौनसे हैं?
उत्तर:
बाल अधिकारों को चार प्रकार के अधिकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है। ये हैं –
- जीने का अधिकार
- विकास का अधिकार
- संरक्षण का अधिकार तथा
- भागीदारी का अधिकार।
प्रश्न 4.
बच्चों के पाँच कर्त्तव्य लिखिए।
उत्तर:
बच्चों के कर्त्तव्य-बच्चों के प्रमुख कर्त्तव्य निम्नलिखित हैं –
- बच्चों को अभिभावकों, शिक्षकों, कर्मचारियों और बाहरी लोगों का सम्मान करना चाहिए।
- बच्चों को अपने से सम्बन्धित आवश्यक जानकारियाँ अभिभावकों और शिक्षकों को देनी चाहिए।
- दूसरे साथियों के साथ अपने ज्ञान को बाँटना चाहिए।
- कभी भी दूसरे बच्चों के साथ दुर्व्यवहार या शारीरिक चोट पहुँचाने का काम न करें, तनाव न दें, धमकाएँ नहीं तथा छोटे नामों से न
- पुकारें और न अपमानित करने वाली भाषा का इस्तेमाल करें।
- अपनी निजी वस्तुएँ हमें देने के लिए दूसरे बच्चों को बाध्य न करें।
प्रश्न 5.
अपनी सुरक्षा के लिए बच्चों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर:
अपनी सुरक्षा के लिए बच्चों को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए –
- ऐसी जगह मत जाओ जहाँ आपको असुरक्षा महसूस होती हो। जैसे ही कोई खतरा महसूस हो, वहाँ से निकल जाओ।
- किसी अजनबी के घर अकेले न जाओ जब भी कभी जाओ तो इसकी जानकारी अपने अभिभावक या संरक्षक को जरूर देकर जाओ।
- अजनबियों से बात करते या कुछ लेते समय सतर्क रहो। यदि तुम्हें कोई किसी प्रकार का लालच दे, तो उसकी जानकारी अपने अभिभावकों या स्कूल प्रशासन को अवश्य दें।
- समूह में खेलो और घूमो।
- अचानक कोई धमकी या चेतावनी मिलती है तो जोर से आवाज लगाओ और अपने साथियों को बुलाओ।
- यदि किसी के व्यवहार से आपको परेशानी हो रही हो तो इसके बारे में अपने अभिभावकों या संरक्षक को बतायें।
- सूने स्थानों के शौचालयों में अकेले न जाएँ।
- इन्टरनेट पर या अजनबी व्यक्तियों को अपना नाम, पता, उम्र, फोटो आदि उजागर न करें।
- कोई आपके परिवार के बारे में आपात स्थिति बताए तो स्कूल द्वारा इसकी पुष्टि किए बिना स्कूल न छोड़ें।
RBSE Class 6 Social Science बाल अधिकार एवं बाल संरक्षण Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
Question 1.
जीने के अधिकार में शामिल नहीं है ……………..
(अ) भोजन, आवास, वस्त्र पाने का अधिकार
(ब) न्यूनतम स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त करने का अधिकार
(स) दुनिया में आने का अधिकार
(द) उचित शिक्षा का अधिकार।
उत्तर:
(द) उचित शिक्षा का अधिकार।
Question 2.
मनोरंजन का अधिकार आता है ……………..
(अ) जीने के अधिकार में
(ब) विकास के अधिकार में
(स) संरक्षण के अधिकार में
(द) भागीदारी का अधिकार में।
उत्तर:
(ब) विकास के अधिकार में
Question 3.
भारत सरकार द्वारा 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के साथ होने वाली यौन हिंसा की रोकथाम हेतु बनाया गया है ……………..
(अ) बाल – विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006
(ब) किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2000
(स) लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012
(द) पी.सी. एण्ड पी.एन.डी.टी. कानून, 1994
उत्तर:
(स) लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012
Question 4.
निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की निगरानी की जिम्मेदारी दी गई. है ……………..
(अ) राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को
(ब) राजस्थान राज्य बाल संरक्षण समिति को
(स) चाईल्ड हेल्प लाईन 1098 को
(द) उपर्युक्त में से किसी को नहीं
उत्तर:
(अ) राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- भारत सरकार द्वारा बालिकाओं के संरक्षण हेतु ………………. अभियान संचालित किया जा रहा है।
- बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम हेतु ………………. क्रियान्वयन किया जा रहा है।
- 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से श्रम कराने की सूचना मिलने पर ………………. के तहत कार्यवाही की जाती है।
- बच्चों को अभिभावकों, शिक्षकों, कर्मचारियों और बाहरी लोगों का ……………….. करना चाहिए।
उत्तर:
- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
- बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006
- किशोर न्याय अधिनियम, 2000
- सम्मान
स्तम्भ ‘अ’ को स्तम्भ ‘ब’ से सुमेलित कीजिए
उत्तर:
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कन्या भ्रूण हत्या से क्या आशय है?
उत्तर:
समाज में व्याप्त रूढ़िवादिता, अपरिपक्व मानसिकता एवं पुत्रमोह की इच्छा में समाज में बालिका को जन्म से पूर्व गर्भ में मार देना, कन्या भ्रूण हत्या है।
प्रश्न 2.
सरकार द्वारा कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम हेतु क्या कार्यवाही की जाती है?
उत्तर:
सरकार द्वारा कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम हेतु ‘पी.सी. एण्ड पी.एन.डी.टी. कानून, 1994 के तहत दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाती है।
प्रश्न 3.
भारत सरकार द्वारा बालिकाओं के संरक्षण हेतु कौनसा अभियान संचालित किया जा रहा है?
उत्तर:
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान।
प्रश्न 4.
बाल-विवाह के प्रभावी रोकथाम हेतु कौनसे कानून का क्रियान्वयन किया जा रहा है?
उत्तर:
‘बाल – विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006’ का।
प्रश्न 5.
बाल दुर्व्यवहार क्या है?
उत्तर:
बच्चों के साथ किसी भी तरह का शारीरिक, लैंगिक या भावनात्मक दुर्व्यवहार, अत्याचार एवं हिंसा को बाल दुर्व्यवहार माना गया है।
प्रश्न 6.
बालकों के शारीरिक दुर्व्यवहार से क्या आशय है?
उत्तर:
बालकों के शारीरिक दुर्व्यवहार का मतलब ऐसे किसी भी कार्य से है जो बच्चे को पीड़ा दे, चोट पहुँचाए या तकलीफ दे।
प्रश्न 7.
बालकों के भावनात्मक दुर्व्यवहार से क्या आशय हैं?
उत्तर:
इसमें वे कार्य या चूक सम्मिलित हैं जिनके कारण बच्चा किसी भी तरह के तनाव, भावनात्मक या मानसिक पीड़ा का शिकार बनता है।
प्रश्न 8.
राज्य में बाल अधिकारों के संरक्षण एवं पुनर्वास हेतु कौनसा विभाग कार्यरत है?
उत्तर:
बाल अधिकारिता विभाग।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
बाल अधिकार संरक्षण आयोग कानून, 2005 में कौनसे बाल अधिकार सम्मिलित हैं?
उत्तर:
बाल अधिकार संरक्षण आयोग कानून, 2005 के अनुसार बाल-अधिकार में बालक/बालिकाओं के वे समस्त अधिकार शामिल हैं जो 20 नवम्बर, 1989 को संयुक्त राष्ट्र संघ के बाल अधिकार अधिवेशन द्वारा स्वीकार किये गये थे तथा जिन पर भारत सरकार ने 11 दिसम्बर, 1992 को सहमति प्रदान की थी।
प्रश्न 2.
बाल विवाह से क्या हानियाँ हैं?
उत्तर:
बाल विवाह से निम्नलिखित हानियाँ हैं –
- बाल विवाह करने से बच्चों के शरीर और मस्तिष्क दोनों को बहुत गम्भीर और घातक खतरे की सम्भावना रहती है।
- कम उम्र में विवाह से शिक्षा के मूल अधिकार का भी हनन होता है। इसके कारण बहुत सारे बच्चे अनपढ़ और अकुशल रह जाते हैं।
- बाल विवाह से अशिक्षित रह जाने के कारण उनके सामने अच्छे रोजगार पाने की ज्यादा सम्भावना नहीं रहती है।
प्रश्न 3.
बाल श्रमिक की श्रेणी में कौनसे बच्चे आते हैं?
उत्तर:
18 वर्ष के कम उम्र के बालक जो शिक्षा प्राप्त करने के स्थान पर दुकानों, कारखानों, घरों, ढाबों, चाय की दुकानों, ईंट-भट्टों आदि स्थानों में श्रम करते हैं, बालश्रमिक की श्रेणी में आते हैं।
प्रश्न 4.
बाल – दुर्व्यवहार से बालक पर क्या प्रभाव पड़ता हैं?
उत्तर:
बाल – दुर्व्यवहार बालकों में शारीरिक और व्यवहारपरक नकारात्मक पैटर्न विकसित कर देता है। इसके प्रभावस्वरूप बच्चों में अनिद्रा, नैराश्य की भावना, खुद को बेकार समझना, क्रोधित होकर चिल्लाना, चिड़चिड़ापन बढ़ना, दोस्तों से अलग होना, ध्यान केन्द्रित नहीं कर पाना, पढ़ाई में कमजोरी, झगड़ालू व्यवहार, नफरत, विद्यालय या घर से भागना जैसी स्थितियाँ सामने आ सकती हैं। बच्चे की आत्म-सुरक्षा की भावना खत्म हो सकती है।
प्रश्न 5.
चाइल्ड हेल्प लाईन (1098) क्या है?
उत्तर:
चाइल्ड हेल्प लाईन ( 1098) – राजस्थान राज्य में कठिनाइयों में घिरे पीड़ित/उपेक्षित/लावारिस तथा देखरेख और संरक्षण की जरूरत वाले बच्चों के लिए 20 जिलों में 24 घण्टे निःशुल्क आपातकालीन पहुँच सेवा 1098 टोलफ्री टेलीफोन सेवा संचालित की जा रही है।
प्रश्न 6.
राजस्थान राज्य बाल संरक्षण समिति क्या है?
उत्तर:
राजस्थान राज्य बाल संरक्षण समिति – यह समिति राज्य में विभिन्न बाल संरक्षण कार्यक्रमों/कानूनों/नीतियों के क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी है। इसकी जिला शाखाओं के रूप में सभी जिलों में ‘जिला बाल संरक्षण इकाई’; प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर ब्लॉक स्तरीय बाल संरक्षण समिति’ एवं ग्राम पंचायत स्तर पर ‘ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति’ का गठन किया गया है। इनका उद्देश्य बाल संरक्षण से जुड़े मुद्दों को सामुदायिक स्तर पर क्रियान्वयन एवं जागरूकता उत्पन्न करना है।
प्रश्न 7.
राज्य में बाल अधिकारों के संरक्षण हेतु क्या व्यवस्था की गई है?
उत्तर:
राज्य में बाल अधिकारों के संरक्षण एवं पुनर्वास हेतु बाल अधिकारिता विभाग कार्यरत है। इसका मुख्य उद्देश्य बाल अधिकारों एवं बच्चों से सम्बन्धित योजनाओं/कार्यक्रमों/ नीतियों/अधिनियमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है। इस कार्य में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, राजस्थान राज्य बाल संरक्षण समिति तथा चाईल्ड हेल्प लाइन (1098) आदि संस्थाएँ उसको सहयोग प्रदान करती हैं।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
बालकों को कौन-कौनसे अधिकार प्रदान किये गये हैं? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
बाल अधिकार – संयुक्त राष्ट्र संघ बाल अधिकार समझौते के तहत बच्चों को दिये गये अधिकारों को निम्नलिखित चार प्रकार के अधिकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है –
1. जीने का अधिकार – जीने के अधिकार में दुनिया में आने का अधिकार, न्यूनतम स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त करने, भोजन, आवास, वस्त्र पाने का अधिकार तथा सम्मान के साथ जीने का अधिकार भी शामिल है।
2. विकास का अधिकार-बच्चों को भावनात्मक, मानसिक तथा शारीरिक सभी प्रकार के विकास का अधिकार है। भावनात्मक विकास तब सम्भव होता है जब अभिभावक, संरक्षक, समाज, विद्यालय और सरकार सभी बच्चों की सही देखभाल करे और प्रेम दे। मानसिक विकास उचित शिक्षा और सीखने के द्वारा तथा शारीरिक विकास मनोरंजन, खेल-कूद तथा पोषण द्वारा सम्भव होता है।
3. संरक्षण का अधिकार – बच्चों को घर तथा अन्यत्र उपेक्षा, शोषण, हिंसा तथा उत्पीड़न से संरक्षण का अधिकार है। विकलांग बच्चे विशेष संरक्षण के पात्र हैं। प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बच्चों को सबसे पहले सुरक्षा प्राप्त करने का अधिकार है।
4. भागीदारी का अधिकार – बच्चों को ऐसे फैसले या विषय में भागीदारी करने का अधिकार है जो उसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है।
प्रश्न 2.
बाल अधिकार हनन के विभिन्न रूपों को समझाइये।
उत्तर:
अथवा आप अपने आस – पास के परिवेश में जिन बाल अधिकारों का हनन होते हुए पाते हैं, उनकी एक सूची बनाइये। उत्तर – बाल अधिकार हनन के रूप बाल अधिकारों का हनन निम्नलिखित रूपों में देखा जाता –
1. कन्या भ्रूण हत्या – समाज में व्याप्त रूढ़िवादिता, अपरिपक्व मानसिकता एवं पुत्र मोह की इच्छा में समाज में बड़ी संख्या में बालिकाओं को जन्म से पूर्व गर्भ में ही मार दिया जाता है। सरकार द्वारा इसकी रोकथाम हेतु ‘पी.सी. एण्ड पी.एन.डी.टी. कानून, 1994’ तथा ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान संचालित किया है।
2. बाल विवाह – ग्रामीण क्षेत्रों में बाल-विवाह सम्पन्न होते हैं। इससे बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य, पोषण व शिक्षा पाने के अधिकारों का हनन होता है। साथ ही साथ हिंसा, उत्पीड़न व शोषण से बचाव के मूलभूत अधिकारों का भी हनन होता है। बाल-विवाह की प्रभावी रोकथाम हेतु ‘बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006’ का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
3. बाल श्रम – ‘बाल श्रम अधिनियम (निषेध एवं नियमन), 1986’ 14 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों के जीवन को जोखिम में डालने वाले व्यवसायों में जिन्हें कानून द्वारा निर्धारित की गई सूची में शामिल किया गया है, में काम करना निषेध करता है। इसके अलावा बच्चों का ‘किशोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2000’ ने बच्चों के रोजगार को एक दण्डनीय अपराध बना दिया है।
4. बाल यौन हिंसा – 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के | साथ होने वाली यौन हिंसा ‘बाल यौन हिंसा’ कहलाती है। इसकी रोकथाम हेतु भारत सरकार द्वारा ‘लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012’ लागू किया गया है।
5. बाल तस्करी – बाल श्रम, यौन-हिंसा एवं अन्य प्रयोजनों के लिए पैसे देकर, बहला-फुसलाकर, डरा-धमकाकर, शक्तियों का दुरुपयोग करके या अपहरण करके बालक/बालिकाओं की तस्करी की जाती है। ऐसे आपराधिक कार्यों की रोक-थाम के लिए दण्डात्मक कानून बनाए गए हैं।
प्रश्न 3.
बाल दुर्व्यवहार क्या है? बच्चों के प्रति की जाने : वाली हिंसा के दुष्परिणाम बताइये।
उत्तर:
बाल दुर्व्यवहार – बच्चों के साथ किसी भी तरह का शारीरिक, लैंगिक, भावनात्मक दुर्व्यवहार तथा पूर्वाग्रही व्यवहार, अत्याचार एवं हिंसा को बाल दुर्व्यवहार माना गया है। यहाँ शारीरिक दुर्व्यवहार से आशय ऐसे कार्य से है जो बच्चों को पीड़ा दे या चोट पहुँचाएँ; लैंगिक दुर्व्यवहार से आशय – लैंगिक अपराध से है, भावनात्मक दुर्व्यवहार से आशय ऐसे व्यवहार से है जो बच्चों की जाति, लिंग, व्यवसाय, धर्म या क्षेत्र के आधार पर किया जाता है।
1. बाल – हिंसा के दुष्परिणाम – बच्चों के खिलाफ किसी भी तरह की शारीरिक या मानसिक हिंसा दीर्घकाल में बालकों के व्यक्तित्व को
2. प्रभावित करती है। ये बालकों में शारीरिक और व्यवहारपरक नकारात्मक पैटर्न विकसित कर देती है जिसके फलस्वरूप उनमें
3. अनिद्रा, नैराश्य की भावना, खुद को बेकार समझना, चिड़चिड़ापन बढ़ना, ध्यान केन्द्रित न कर पाना, पढ़ाई में कमजोरी, झगड़ालू व्यवहार, विद्यालय या घर से भागना जैसी स्थितियाँ पैदा हो जाती हैं। उसमें आत्मरक्षा की भावना खत्म हो जाती है।
प्रश्न 4.
राज्य में बाल अधिकारों एवं पुनर्वास हेतु क्या व्यवस्था की गई है?
उत्तर:
राज्य में बाल अधिकारों के संरक्षण की व्यवस्था:
राज्य में बाल अधिकारों एवं पुनर्वास हेतु बाल अधिकारिता विभाग कार्यरत है। इस विभाग का मुख्य उद्देश्य बाल अधिकारों एवं उनके संरक्षण से सम्बन्धित योजनाओं/ कार्यक्रमों/नीतियों/अधिनियमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है। इस कार्य में निम्नलिखित संस्थाएँ – उसको सहयोग प्रदान करती हैं –
1. राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग – यह आयोग बाल-अधिकारों के हनन के मामलों की जाँच और सुनवाई के साथ-साथ बच्चों से जुड़े कानूनों/योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी व समीक्षा का कार्य करता है। निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार 2009 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पोस्को) 2012 की निगरानी की जिम्मेदारी भी आयोग को दी गई है।
2. राजस्थान राज्य बाल संरक्षण समिति – यह समिति राज्य में विभिन्न बाल संरक्षण कार्यक्रमों/कानूनों/नीतियों के क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी है। इस समिति की जिला शाखाओं के रूप में सभी जिलों में ‘जिला बाल संरक्षण इकाई’; प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर ‘ब्लॉक स्तरीय बाल संरक्षण समिति’ एवं ग्राम पंचायत स्तर पर ‘ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया है। इसका उद्देश्य बाल संरक्षण से जुड़े मुद्दों को सामुदायिक स्तर पर क्रियान्वयन एवं जागरूकता उत्पन्न करना है।
3. चाइल्ड हेल्प लाइन (1098) – राज्य में कठिनाइयों से घिरे/पीड़ित/उपेक्षित/लावारिस तथा देखरेख व संरक्षण की जरूरत वाले बच्चों के लिए 20 जिलों में 24 घण्टे निःशुल्क आपातकालीन पहुँच सेवा ‘1098’ टोल फ्री टेलीफोन सेवा संचालित की जा रही है।