RBSE Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 12 संसार पुस्तक है

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 12 संसार पुस्तक है Textbook Exercise Questions and Answers.

The questions presented in the RBSE Solutions for Class 6 Hindi are solved in a detailed manner. Get the accurate RBSE Solutions for Class 6 all subjects will help students to have a deeper understanding of the concepts. Here is visheshan worksheet for class 6 to learn grammar effectively and quickly.

RBSE Class 6 Hindi Solutions Vasant Chapter 12 संसार पुस्तक है

RBSE Class 6 Hindi संसार पुस्तक है Textbook Questions and Answers

पत्र से

प्रश्न 1. 
लेखक ने 'प्रकृति के अक्षर' किसे कहा है ? 
उत्तर-
धरती पर मौजूद छोटे-बड़े पत्थर, जीव-जन्तु, पेड़पौधे, नदियाँ, पहाड़ और अन्य छोटी-बड़ी वस्तुओं को लेखक ने 'प्रकृति के अक्षर' कहा है। 

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प्रश्न 2. 
लाखों-करोड़ों वर्ष पहले हमारी धरती कैसी थी? 
उत्तर-
लाखों-करोड़ों वर्ष पहले हमारी धरती अत्यन्त गर्म थी, इस कारण इस पर कोई जीव-जन्तु तथा जानदार चीज नहीं रह सकती थी। 

प्रश्न 3. 
दुनिया का पुराना हाल किन चीजों से जाना जाता है ? कुछ चीजों के नाम लिखो। 
उत्तर-
दुनिया का पुराना हाल पहाड़ों, समुद्रों, सितारों, नदियों, जंगलों, जानवरों की पुरानी हड्डियों आदि से जाना जा सकता है। 

प्रश्न 4. 
गोल, चमकीला रोड़ा अपनी क्या कहानी कहता
उत्तर-
गोल, चमकीला रोड़ा अपनी यह कहानी बताता है कि वह किसी चट्टान या पहाड़ का खुरदरा पत्थर था। वह उससे अलग होकर नदी के पानी के साथ लुढ़कतेलुढ़कते गोल और चिकना हो गया। 

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प्रश्न 5. 
गोल, चमकीले रोड़े को यदि दरिया और आगे ले जाता तो क्या होता? विस्तार से उत्तर लिखो। 
उत्तर-
गोल, चमकीले रोड़े को यदि दरिया और आगे ले जाता, तो वह घिसकर बालू के छोटे-छोटे कण बन जाता और आगे बहकर समुद्र के किनारे पहुँचता। वहाँ पर अन्य कणों से मिलकर वह बालू का किनारा बन जाता, जिस पर बच्चे खेलते और बालू के घरौंदे बनाते। 

प्रश्न 6. 
नेहरूजी ने इस बात का हल्का-सा संकेत दिया है कि दुनिया कैसे शुरू हुई होगी? उन्होंने क्या बताया है? पाठ के आधार पर लिखो। 
उत्तर-
नेहरूजी ने बताया कि लाखों-करोड़ों वर्ष पहले धरती बहुत गर्म थी। इस पर कोई जीव नहीं रहता था। धरती धीरे-धीरे ठंडी होती गई। इस पर पहले तो वनस्पतियाँ और छोटे-छोटे जीव-जन्तु पैदा हुए। फिर जानवर पैदा हुए और उसके बाद आदमी उत्पन्न हुआ। इस प्रकार दुनिया शुरू हुई। 

पत्र से आगे

प्रश्न 1. 
लगभग हर जगह दुनिया की शुरूआत को समझाती हुई कहानियाँ प्रचलित हैं। तुम्हारे यहाँ कौनसी कहानी प्रचलित है? 
उत्तर-
हमारे यहाँ अर्थात् भारतीय संस्कृति में दुनिया की शुरूआत को लेकर अनेक कहानियाँ प्रचलित हैं। वैदिक धर्म ग्रंथों के अनुसार इस सृष्टि की रचना ब्रह्मा द्वारा की गई। ब्रह्मा जी ने सबसे पहले स्वयम्भुव मनु को उत्पन्न किया जो पृथ्वी के प्रथम पुरुष थे और प्रथम स्त्री शतरूपा थी। इनके पश्चात् ब्रह्मा जी ने अनेक मानस पुत्रों को उत्पन्न किया। जिन्होंने इस सृष्टि का विस्तार करने के लिए भिन्न-भिन्न रूप से योगदान दिया और इस प्रकार दुनिया की शुरुआत हुई। 

प्रश्न 2. 
तुम्हारी पसंदीदा किताब कौन-सी है और क्यों? 
उत्तर-
हमारी पंसदीदा किताब 'रामचरितमानस' है, क्योंकि इसमें गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीराम के जीवन-चरित का सुन्दर वर्णन किया है और अनेक आदर्शों एवं मर्यादाओं को अपनाने की शिक्षा दी है। यह हिन्दुओं का धार्मिक ग्रन्थ.

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प्रश्न 3. 
मसूरी और इलाहाबाद भारत के किन प्रान्तों के शहर हैं? 
उत्तर-
मसूरी भारत के उत्तराखण्ड प्रान्त का और इलाहाबाद उत्तर प्रदेश का शहर है। 

प्रश्न 4. 
तुम जानते हो कि दो पत्थरों को रगड़कर आदि मानव ने आग की खोज की थी । उस युग में पत्थरों का और क्या-क्या उपयोग होता था ? 
उत्तर-
आदि मानव ने पत्थरों का उपयोग आग जलाने के अलावा हथियारों के रूप में किया। अपनी रक्षा के लिए, जानवरों को भगाने के लिए आदि मानव ने पत्थरों का उपयोग किया। जमीन खोदने या खेती करने के लिए उसने पत्थरों के औजार बनाये। उस युग में पत्थरों का अनेक तरह से उपयोग होता था। 

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1. 
हर चीज के निर्माण की एक कहानी होती है, जैसे मकान के निर्माण की कहानी, कुरसी, गद्दे, रजाई के निर्माण की कहानी हो सकती है। इसी तरह वायुयान, साइकिल अथवा अन्य किसी यंत्र के निर्माण की कहानी भी होती है। कल्पना करो यदि रसगुल्ला अपने निर्माण की कहानी सुनाने लगे कि वह पहले दूध था, उस दूध से छेना बनाया गया, उसे गोल आकार दिया गया। चीनी की चाशनी में डालकर पकाया गया। फिर उसका नाम पड़ा रसगुला। तुम भी किसी चीज के निर्माण की कहानी लिख सकते हो, इसके लिए तुम्हें अनुमान और कल्पना के साथ उस चीज के बारे में कुछ जानकारी एकत्र करनी होगी। 
उत्तर-
छात्र अपनी रुचि एवं जानकारी के अनुसार रोटी, कचोरी या दाल आदि की कहानी लिखें। 

भाषा की बात

प्रश्न 1. 
'इस बीच वह दरिया में लुढ़कता रहा।' नीचे लिखी क्रियाएँ पढ़ो। क्या इनमें और लुढ़कना' में तुम्हें कोई समानता नजर आती है? ढकेलना, गिरना, खिसकना। इन चारों क्रियाओं का अन्तर समझाने के लिए इनके वाक्य बनाओ। 
उत्तर-
लुढ़कना - रमेश सीढ़ियों पर फिसला और लुढ़कते हुए नीचे आ गया। 
ढकेलना - किसानों ने बैलगाड़ी को ढकेलकर कीचड़ से बाहर निकाला। 
गिरना - छत से बच्चा गिर गया।
खिसकना - भूकम्प आने से पहाड़ियाँ खिसक जाती हैं। 

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प्रश्न 2. 
चमकीला रोड़ा-यहाँ रेखांकित विशेषण'चमक' संज्ञा में 'ईला' प्रत्यय जोड़ने पर बना है। निम्नलिखित शब्दों में यही प्रत्यय जोड़कर विशेषण बनाओ और इनके 
साथ उपयुक्त संज्ञाएँ लिखो
पत्थर, काँटा, रस, जहर। 
उत्तर-
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प्रश्न 3.
'जब तुम मेरे साथ रहती हो, तो अकसर मुझसे बहुत-सी बातें पूछा करती हो।' 
• यह वाक्य दो वाक्यों को मिलाकर बना है। इन दोनों वाक्यों को जोड़ने का काम जब-तो (तब) कर रहे हैं, इसलिए इन्हें 'योजक' कहते हैं। योजक के रूप में कभी कोई बदलाव नहीं आता, इसलिए ये अव्यय का एक प्रकार होते हैं। नीचे वाक्यों को जोड़ने वाले कुछ और अव्यय दिए गए हैं। उन्हें रिक्त स्थानों में लिखो। इन शब्दों से तुम भी एक-एक वाक्य बनाओ। 

(क) कृष्णन फिल्म देखना चाहता है ......मैं मेले में जाना चाहती हूँ। 
(ख) मुनिया ने सपना देखा ............... वह चन्द्रमा पर बैठी है। 
(ग) छुट्टियों में हम सब दुर्गापुर जाएँगे .... जालंधर। 
(घ) सब्जी कटवा कर रखना ........... घर आते ही मैं खाना बना लूँ। 
(ङ)......... मुझे पता होता कि शमीना बुरा मान जाएगी ............मैं यह बात न कहती।' 
(च) इस वर्ष फ़सल अच्छी नहीं हुई है. -- अनाज महेंगा है। 
(छ) विमल जर्मन सीख रहा है..................फ्रेंच।। 
बल्कि / इसलिए / परंतु / कि / यदि / तो / न कि / या / ताकि। 
उत्तर-
(क) परन्तु, (ख) कि, (ग) या, (घ) ताकि (ङ) तो (च) इसलिए (छ) न कि। 
इसी तरह इन शब्दों से वाक्य स्वयं बनाओ। उपर्युक्त शब्दों का वाक्यों में प्रयोग

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(1) मैं घर नहीं बल्कि घूमने जा रहा हूँ? 
(2) माताजी बीमार हैं इसलिए मैं उनके पास रहा। 
(3) मैं पढ़ता परन्तु बिजली चली गई थी। 
(4) गुरुजी ने बताया कि स्वास्थ्य की रक्षा करो। 
(5) यदि मेहनत करोगे तो निश्चित सफल रहोगे। 
(6) गुरुजी का सम्मान करना चाहिए न कि निरादर। 
(7) तुम सो जाओ या मुझे सो जाने दो। 
(8) परिश्रम करो ताकि परीक्षा में सफल हो सको।

RBSE Class 6 Hindi संसार पुस्तक है Important Questions and Answers

प्रश्न 1. 
इंग्लैण्ड कैसा देश है ? 
(अ) छोटा-सा टापू 
(ब) छोटा-सा शहर 
(स) बड़ा टापू 
(द) बड़ा देश 
उत्तर-
(अ) छोटा-सा टापू 

प्रश्न 2. 
यह धरती कितनी पुरानी है? 
(अ) साठ हजार वर्ष 
(ब) करोड़ों वर्ष
(स) हजारों वर्ष 
(द) लाखों वर्ष 
उत्तर-
(ब) करोड़ों वर्ष

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प्रश्न 3. 
दुनिया का पुराना हाल मालूम हो सकता है
(अ) छपी हुई किताबों से 
(ब) चमकीले पत्थरों से 
(स) जानवरों की पुरानी हड्डियों से 
(द) समुद्र से 
उत्तर-
(स) जानवरों की पुरानी हड्डियों से 

प्रश्न 4. 
लेखक ने संसार रूपी पुस्तक का छोटा-सा पृष्ठ बताया
(अ) सड़क को 
(ब) नदियों को 
(स) छोटे सितारे को 
(द) छोटे-से रोड़े को 
उत्तर-
(द) छोटे-से रोड़े को 

रिक्त स्थानों की पूर्ति-

प्रश्न 5. 
उचित शब्द से रिक्त स्थानों की पूर्ति करो

(i) एक समय ऐसा था जब यह धरती बेहद ....... थी। (नरम/गरम) 
(ii) आदमियों से पहले धरती पर सिर्फ ........ थे। (जानवर/पहाड़) 
(iii) एक छोटा-सा रोड़ा संसार की ......... का पृष्ठ हो। (पुस्तक/ अखबार) 
उत्तर-
रिक्त स्थानों के लिए शब्द-
(i) गरम 
(ii) जानवर 
(iii) पुस्तक। 

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अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 6. 
पण्डित जवाहरलाल नेहरू ने यह पत्र किसे और कहाँ से लिखा?
उत्तर-
नेहरूजी ने यह पत्र अपनी पुत्री इन्दिरा को इलाहाबाद से लिखा। 

प्रश्न 7. 
नेहरूजी के द्वारा लिखे गये पत्रों का किसमें संकलन हुआ है? 
उत्तर-
नेहरूजी के द्वारा लिखे गये पत्रों का संकलन 'पिता के पत्र पुत्री के नाम' पुस्तक में हुआ है। 

प्रश्न 8.
यह धरती कितनी वर्ष पुरानी है ? 
उत्तर-
यह धरती लाखों-करोड़ों वर्ष पुरानी है। 

प्रश्न 9.
जानवरों से पहले धरती की कैसी स्थिति थी? 
उत्तर-
जानवरों से पहले धरती पर कोई जानदार चीज नहीं थी 

प्रश्न 10. 
आदमियों से पहले धरती पर कौन जीव थे? 
उत्तर-
आदमियों से पहले धरती पर जीव रूप में विविध जानवर थे। 

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प्रश्न 11. 
कोई जबान (भाषा) सीखने के लिए क्या सीखने पड़ते हैं? 
उत्तर-
कोई जबान सीखने के लिए उसके अक्षर सीखने पड़ते हैं। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 12.
दुनिया का हाल जानने के लिए क्या करना पड़ेगा?
उत्तर-
दुनिया का हाल जानने के लिए सब देशों और इस धरती पर रहने वाली सभी जातियों का ध्यान रखना पड़ेगा, उनका इतिहास जानना पड़ेगा। 

प्रश्न 13. 
विज्ञान जानने बालों तथा विद्वानों ने धरती के बारे में क्या बताया ? 
उत्तर-
विज्ञान जानने वालों और विद्वानों ने बताया कि पहले एक समय ऐसा था जब यह धरती बेहद गर्म थी और इस पर कोई जानदार या जीवधारी चीज नहीं रह सकती थी। 

प्रश्न 14. 
प्रकृति का हाल किस प्रकार जाना जा सकता
उत्तर-
प्रकृति का हाल जानने के लिए हमें अपने अन्दर प्रकृति के अक्षर जानने का सामर्थ्य पैदा करना होगा। प्रकृति के प्रति प्रेम पैदा करना होगा तथा प्रकृति की प्रत्येक वस्तु के विषय में सोचना होगा। 

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प्रश्न 15. 
दुनिया का पुराना हाल किनसे मालूम हो सकता है?
उत्तर-
धरती पर पहाड़, सितारे, नदियाँ, जंगल, जानवरों की पुरानी हड्डियाँ और इसी प्रकार और भी कितनी ही चीजें हैं, जिनसे दुनिया का पुराना हाल मालूम हो सकता है। 

निबन्धात्मक प्रश्न- 

प्रश्न 16. 
'संसार पुस्तक है' पाठ में क्या शिक्षा दी गई है? 
उत्तर-
इस पाठ में यह शिक्षा दी गई है कि धरती का इतिहास जानने के लिए इस पर बसी सभी जातियों का और सभी देशों का इतिहास जानना चाहिए। धरती पर नदियाँ, जंगल, पहाड़, रेत-बालू आदि का अध्ययन करके भी प्रकृति का सारा हाल मालूम हो जाता है। संसार की छोटी-बड़ी चीजों का वैज्ञानिक दृष्टि से अध्ययन करने से सारा रहस्य ज्ञात हो सकता है। 

गद्यांश पर आधारित प्रश्न

प्रश्न 17. 
निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए

(1) मैंने इरादा किया है कि कभी-कभी तुम्हें इस दुनिया की और उन छोटे-बड़े देशों की जो इस दुनिया में हैं, छोटी-छोटी कथाएँ लिखा करूँ। तुमने हिन्दुस्तान और इंग्लैंड का कुछ हाल इतिहास में पढ़ा है। लेकिन इंग्लैंड केवल एक छोटा-सा टाप है और हिंदुस्तान, जो एक बहुत बड़ा देश है, फिर भी दुनिया का एक छोटा-सा हिस्सा है। अगर तुम्हें इस दुनिया का कुछ हाल जानने का शौक है. तो तम्हें सब देशों का और उन सब जातियों का जो इसमें बसी हुई हैं, ध्यान रखना पड़ेगा, केवल उस एक छोटे-से देश का नहीं जिसमें तुम पैदा हुई हो। 

प्रश्न 
(क) लेखक किनकी छोटी-छोटी कथाएँ लिखना चाहता है?
(ख) लेखक किसे सम्बोधित कर लिख रहा है? 
(ग) लेखक इंग्लैण्ड और हिन्दुस्तान के बारे में क्या बताता है? 
(घ) दुनिया का हाल जानने के लिए क्या करना होगा? 
उत्तर-
(क) लेखक दुनिया के छोटे-बड़े सभी देशों की छोटी-छोटी कथाएँ लिखना चाहता है। 
(ख) लेखक अपनी पुत्री इन्दिरा को सम्बोधित कर लिख रहा है। 
(ग) लेखक बताता है कि इंग्लैण्ड एक छोटा-सा टापू है, जबकि हिन्दुस्तान एक बहुत बड़ा देश है तथा दुनिया का एक छोटा-सा हिस्सा है। 
(घ) दुनिया का हाल जानने के लिए सब देशों का और उनमें रहने वाली जातियों का ध्यान रखना होगा।

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(2) आज जब यह दुनिया हर तरह के जानवरों और आदमियों से भरी हुई है, उस ज़माने का खयाल करना भी मुश्किल है, जब यहाँ कुछ न था। लेकिन विज्ञान जानने वालों और विद्वानों ने, जिन्होंने इस विषय को खूब सोचा और पढ़ा है, लिखा है कि एक समय ऐसा था जब यह धरती बेहद गरम थी और इस पर कोई जानदार चीज़ नहीं रह सकती थी। और अगर हम उनकी किताबें पढ़ें और पहाड़ों और जानवरों की पुरानी हड्डियों को गौर से देखें तो हमें खुद मालूम होगा कि ऐसा समय जरूर रहा होगा। 

प्रश्न 
(क) उक्त उद्यांश किस पाठ से लिया गया है? पाठ का नाम लिखिए। 
(ख) यह किसने, किसे और कब लिखा था? 
(ग) विद्वानों के अनुसार पहले धरती कैसी थी? 
(घ) हम कैसे जान सकते हैं कि एक समय यह धरती बहुत गर्म थी। 
उत्तर-
(क) पाठ का नाम-संसार पुस्तक है। 
(ख) यह जवाहरलाल नेहरू ने अपनी पुत्री इन्दिरा को तब लिखा था, जब वह मसुरी में पढ़ती थी। 
(ग) विद्वानों के अनुसार पहले यह धरती बेहद गर्म थी और इस पर कोई जानदार चीज नहीं रह सकती थी। 
(घ) यदि हम विद्वानों की पुस्तकें पढ़ें और सैकड़ों जानवरों की पुरानी हड्डियों को गौर से देखें, तो हमें मालूम हो जायेगा कि एक समय यह धरती बहुत गर्म थी।

(3) मगर हाल जानने का असली तरीका यह नहीं है कि हम केवल दूसरों की लिखी हुई किताबें पढ़ लें, बल्कि खुद संसार-रूपी पुस्तक को पढ़ें। मुझे आशा है कि पत्थरों और पहाड़ों को पढ़कर तुम थोड़े ही दिनों में उनका हाल जानना सीख जाओगी। सोचो, कितनी मजे की बात है। एक छोटा-सा रोड़ा जिसे तुम सड़क पर या पहाड़ के नीचे पड़ा हुआ देखती हो, शायद संसार की पुस्तक का छोटासा पृष्ठ हो, शायद उससे तुम्हें कोई नयी बात मालूम हो जाए। शर्त यही है कि तुम्हें उसे पढ़ना आता हो। 

प्रश्न 
(क) दुनिया का हाल जानने का असली तरीका क्या है? 
(ख) लेखक को किस बात की आशा है? 
(ग) लेखक ने एक छोटे-से रोड़े के बारे में क्या बताया? 
(घ) दुनिया के इतिहास का हाल कैसे ज्ञात होता है? 
उत्तर-
(क) दुनिया का हाल जानने का असली तरीका खुद संसार-रूपी पुस्तक को पढ़ना है। 
(ख) लेखक को इस बात की आशा है कि उसकी पुत्री शीघ्र ही पत्थरों और पहाड़ों को पढ़कर उनका हाल (इतिहास) जानना सीख जायेगी। 
(ग) एक छोटा-सा रोड़ा जो सड़क पर पड़ा दिखाई देता है, शायद वह संसार रूपी पुस्तक का एक छोटा-सा पृष्ठ हो। 
(घ) दुनिया के इतिहास का हाल नदियों, पत्थरों, पहाड़ों तथा पुरानी चीजों की जानकारी रखने या उन्हें पढ़ने से ज्ञात होता है।

RBSE Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 12 संसार पुस्तक है

(4) वह तुमसे कहेगा कि एक समय, जिसे शायद बहुत दिन गुजरे हों, वह भी एक चट्टान का टुकड़ा था। ठीक उसी टुकड़े की तरह, उसमें किनारे और कोने थे, जिसे तुम बड़ी चट्टान से तोड़ती हो। शायद वह किसी पहाड़ के दामन में पड़ा रहा। तब पानी आया और उसे बहाकर छोटी घाटी तक ले गया। वहाँ से एक पहाड़ी नाले ने ढकेलकर उसे एक छोटे-से दरिया में पहुँचा दिया। इस छोटे-से दरिया से वह बड़े दरिया में पहुँचा। इस बीच वह दरिया के पेंदे में लुढ़कता रहा, उसके किनारे घिस गये और वह चिकना और चमकदार हो गया। 

प्रश्न 
(क) इस गद्यांश में किसका इतिहास बताया गया है? 
(ख) किसी गोल रोड़े को देखकर क्या पता चलता है? 
(ग) गोल रोड़ा का मूल स्वरूप कैसा था? 
(घ) उक्त गद्यांश से क्या सन्देश दिया गया है? 
उत्तर-
(क) इस गद्यांश में किसी चट्टान के बेडौल टुकड़े से गोल और चमकीला रोड़ा बनने का इतिहास बताया गया है। 
(ख) किसी गोल रोड़े को देखकर पता चलता है कि यह भी चट्टान का टुकड़ा था, जो धीरे-धीरे घिस कर गोल और चमकीला हो गया। 
(ग) गोल रोड़ा का मूल स्वरूप किसी पर्वत से अलग हुआ चट्टान का टुकड़ा था। 
(घ) इस गद्यांश से सन्देश दिया गया है कि रोड़े की तरह गोल, चिकना, चमकीला बनने में संघर्ष करना पड़ता है। जीवन रूपी पृष्ठ संघर्ष करने से बनता है।

RBSE Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 12 संसार पुस्तक है

संसार पुस्तक है Summary in Hindi

[सप्रसंग व्याख्या/भावार्थ]

कठिन-शब्दार्थ-अकसर - प्रायः। खतों - पत्रों । आबाद = बसा हुआ, आबादी वाला। बेहद - बहुत अधिक। गौर से = ध्यान से। खुरदरा = ऊँची-नीची सतह वाला। जबान - भाषा। दरिया = नदी। जर्रा = कण। घरौंदा - मिट्टी के छोटे घर।

पाठ का सार-यह पाठ पण्डित जवाहर लाल नेहरू द्वारा मसूरी में पढ़ रही अपनी पुत्री इन्दिरा को लिखे गये पत्र का अंश है। नेहरूजी अपने पत्र के माध्यम से अपनी पुत्री को इस दुनिया और छोटे-बड़े देशों के बारे में बताना चाहते थे। उन्होंने पत्र में लिखा कि दुनिया का कुछ हाल जानने के लिए सब देशों और उनमें बसी हुई सब जातियों के विषय में जानना चाहिए। यह धरती करोड़ों वर्ष पुरानी है।

पुराने जमाने में किताबें नहीं थीं, परन्तु संसार रूपी पुस्तक पढ़ने से सारा इतिहास मालूम हो जाता है। भाषा चाहे कोई भी हो, पहले उसके अक्षर सीखने पड़ते हैं। इसी प्रकार पहले प्रकृति के अक्षर पढ़ने पड़ते हैं। कोई रोड़ा गोल व चिकना कैसे हो गया, कोई चट्टान से वह अलग होकर नदी में कैसे पहुँचा और बालू का एक-एक कण कैसे बन जाता है, यह सब जानकारी एक छोटा-सा पत्थर दे सकता है। इसी प्रकार पहाड़ों तथा दूसरी चीजों से भी संसार की अनेक बातें मालूम हो सकती हैं।

Bhagya
Last Updated on June 28, 2022, 12:15 p.m.
Published June 27, 2022