RBSE Solutions for Class 6 Hindi
Rajasthan Board RBSE Class 6 Hindi Chapter 6 मनोहर
RBSE Class 6 Hindi मनोहर पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर
सोचें और बताएँ –
प्रश्न 1.
लेखक ने जब बालक मनोहर से उसके मातापिता के बारे में पूछा तो उसने क्या उत्तर दिया?
उत्तर:
मनोहर ने उत्तर दिया कि जब वह दो बरस का था, तब उसकी माँ मर गयी थी। उसके पिता भी उसे उसी दिन छोड़कर चले गये थे जिस दिन माँ उसे छोड़कर चली गई थी।
प्रश्न 2.
मनोहर का बचपन कैसे बीता?
उत्तर:
मनोहर का बचपन संघर्ष में बीता। माँ के मरने के – बाद वह बिलासपुर आ गया और चाय के ठेले पर काम करने के साथ-साथ ही स्कूल में पढ़ाई भी करने लगा।
प्रश्न 3.
लेखक का मनोहर से प्रथम परिचय कैसे हुआ?
उत्तर:
बालक मनोहर बिलासपुर की एक बस्ती में लगने वाले चाय के ठेले पर काम करता था। लेखक उस ठेले पर चाय पीने जाता था। एक दिन बातों ही बातों में लेखक ने मनोहर से उसके जीवन की कहानी सुनी और उससे लेखक का प्रथम परिचय हुआ।
लिखें –
RBSE Class 6 Hindi मनोहर बहुविकल्पी प्रश्न
प्रश्न 1.
लेखक बिलासपुर छोड़कर जनकनगर में बस गया था –
(क) अपने नये घर में
(ख) अपने पुश्तैनी घर में
(ग) डाक बंगले में
(घ) किले में।
उत्तर:
(ख) अपने पुश्तैनी घर में
प्रश्न 2.
मनोहर राजस्थान के जिले का रहने वाला था –
(क) अजमेर का
(ख) उदयपुर का
(ग) डूंगरपुर का
(घ) बाड़मेर का।
उत्तर:
(ग) डूंगरपुर का
प्रश्न 3.
लेखक की निगाहें बस्ती के बीच ढूँढ़ रही थीं।
(क) चाय के ठेले को
(ख) फल की दुकान को
(ग) सब्जी के ठेले को
(घ) मिठाई की दुकान को।
उत्तर:
(क) चाय के ठेले को
RBSE Class 6 Hindi मनोहर अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मनोहर ने अपना जीवन चलाने के लिए क्या किया?
उत्तर:
मनोहर ने अपना जीवन चलाने के लिए चाय के ठेले पर काम किया।
प्रश्न 2.
मनोहर की माँ की मृत्यु का क्या कारण था?
उत्तर:
मनोहर की माँ बीमार थी, उसके पास दवा के पैसे नहीं थे। बिना दवाई के कारण उसकी मृत्यु हो गई थी।
RBSE Class 6 Hindi मनोहर लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मनोहर पाँच वर्ष का होते-होते कैसा बालक बन गया था?
उत्तर:
मनोहर पाँच वर्ष का होते-होते मेहनती बालक बन गया था। वह चाय के ठेले पर सुबह-शाम काम करने के साथ ही स्कूल में पढ़ने भी जाता था और अपनी कमाई से स्कूल की फीस भी अदा करता था।
प्रश्न 2.
बालक मनोहर अपने स्कूल की फीस की व्यवस्था कैसे करता था?
उत्तर:
बालक मनोहर सुबह-शाम चाय के ठेले पर काम करता था और उससे कमाये गये पैसे से स्कूल की फीस की व्यवस्था करता था।
प्रश्न 3.
मनोहर ने किसे अपना पिता तुल्य बताया?
उत्तर:
मनोहर ने चाय के ठेले के मालिक को अपना पिता तुल्य बताया।
RBSE Class 6 Hindi मनोहर दीर्घउत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
“बाबूजी उस रात आपके दिये गये आशीर्वाद का ही फल है।” मनोहर ने किस रात की घटना की बात कही है? विस्तार से बताइए।
उत्तर:
जब तेज सर्दी की रात में बाबूजी मनोहर को उसके घर देखने गये थे, तब मनोहर ठेले के सामने दुछत्ती के नीचे कोने पर दीए की लौ में अपना पाठ याद कर रहा था। बाबूजी की आवाज सुनकर वह उठ खड़ा हुआ था और पूछने पर उसने बताया था कि मैं पढ़-लिखकर बहुत कुछ बनना चाहता हूँ। उसकी मेहनत और बचत देखकर बाबूजी गद्गद् हो उठे थे और उन्होंने आशीर्वाद के रूप में कहा था कि बेटा! तुम्हारी मेहनत अवश्य एक दिन रंग लाएगी। मनोहर ने उसी रात की घटना की बात कही है।
प्रश्न 2.
लेखक वर्षों बाद बिलासपुर आने पर मनोहर से मिलने के लिए क्यों उत्सुक था?
उत्तर:
लेखक मनोहर से मिलने के लिए इसलिए उत्सुक था क्योंकि वह उसके मेहनती स्वभाव और कही गयी बातों से अधिक प्रभावित था। लेखक यह देखना चाहता था कि अब मनोहर कैसा है और उसने क्या उन्नति की है।
भाषा की बात –
(1) निम्नलिखित शब्दों को पढ़िए और जानिए –
- मातृ – माता
- मात्र – केवल
- शोक – दु:ख
- कूल – किनारा
- अंश – भाग
- शौक – आदत
- कुल – वंश
- अंस – कंधा
(2) अर्थ के आधार पर शब्दों के निम्नलिखित भेद किए जाते हैं –
- एकार्थी शब्द; जैसे – गाय, घर।
- अनेकार्थी शब्द; जैसे – कनक-धतूरा व सोना।
- पर्यायवाची शब्द; जैसे – बादल-नीरद, जलद।
- विलोम शब्द; जैसे – रात-दिन।
- युग्म शब्द; जैसे – दिन व दीन।
पाठ से आगे –
प्रश्न 1.
अगर आप बालक मनोहर की जगह होते तो क्या करते?
उत्तर:
यदि मैं मनोहर की जगह होता तो मैं भी मनोहर की तरह अपनी स्थिति को विचार कर और दृढ़ संकल्पित होकर रात-दिन कठिन मेहनत करता तथा अपने जीवन को स्वावलम्बी बनाने की पूरी कोशिश करता।
प्रश्न 2.
यदि लेखक वापस बिलासपुर आने पर मनोहर से नहीं मिलता तो क्या होता?
उत्तर:
यदि लेखक वापस बिलासपुर आने पर मनोहर से नहीं मिलता तो लेखक के मन में मनोहर से मिलने और उसके सम्बन्ध में जानने की जो इच्छा थी, वह अधूरी ही रह जाती। इस बात का लेखक को दु:ख ही बना रहता।
यह भी करें –
प्रश्न 1.
अगर आपके आस-पास कोई ऐसा बालक हो जिसके परिवार में कोई नहीं है। आप उसकी किस प्रकार सहायता कर सकते हैं?
उत्तर:
हम उसको उसकी अवस्था के अनुसार घर में सदस्य के रूप में रखकर उसके भोजन, रहने तथा पढ़ने की व्यवस्था करके उसकी सहायता कर सकते हैं।
RBSE Class 6 Hindi मनोहर अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
RBSE Class 6 Hindi मनोहर वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
लेखक को बहुत वर्षों बाद किस नगर में आने का अवसर मिला था?
(क) बिलासपुर में
(ख) डूंगरपुर में
(ग) जनकनगर में
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(क) बिलासपुर में
प्रश्न 2.
मनोहर काम करता था –
(क) चाय के ठेले पर
(ख) सब्जी के ठेले पर
(ग) दूध वाले की दुकान पर
(घ) किताब वाले की दुकान पर।
उत्तर:
(क) चाय के ठेले पर
प्रश्न 3.
चाय की दुकान पर मेहनत से कमाया मनोहर का पैसा चला जाता था –
(क) खाने-पीने में
(ख) स्कूल की फीस में
(ग) उधारी चुकाने में
(घ) कपड़े आदि बनवाने में।।
उत्तर:
(ख) स्कूल की फीस में
प्रश्न 4.
मातृ-पितृ विहीन बालक मनोहर का बचपन भरा हुआ था –
(क) साहस से
(ख) खुशी से
(ग) संघर्ष से
(घ) दुःख से।
उत्तर:
(ग) संघर्ष से
प्रश्न 5.
मनोहर ने यह स्थान रहने लायक बना लिया था –
(क) उधार लिए पैसों से
(ख) बचत के पैसों से
(ग) मालिक के दिए पैसों से
(घ) दान के पैसों से।
उत्तर:
(ख) बचत के पैसों से
RBSE Class 6 Hindi मनोहर अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 6.
बस्ती के लोगों के चेहरे किस कारण बूढ़े हो गये
उत्तर:
बस्ती के लोगों के चेहरे समय की मार के कारण बूढ़े हो गए थे।
प्रश्न 7.
लेखक की निगाहें बस्ती के बीच किस चीज को |ढूँढ़ रही थीं?
उत्तर:
लेखक की निगाहें बस्ती के बीच चाय के ठेले को ढूँढ़ रही थीं।
प्रश्न 8.
लेखक बिलासपुर छोड़ने के बाद सपरिवार कहाँ बस गया था?
उत्तर:
लेखक बिलासपुर छोड़ने के बाद जनकनगर के अपने पुश्तैनी घर में सपरिवार बस गया था।
प्रश्न 9.
मनोहर कहाँ काम करता था?
उत्तर:
मनोहर चाय के ठेले पर काम करता था।
प्रश्न 10.
मनोहर चाय के ठेले पर काम करने के साथ-साथ और क्या करता था?
उत्तर:
मनोहर चाय के ठेले पर काम करने के साथ-साथ स्कूल में पढ़ने भी जाता था।
प्रश्न 11.
मनोहर के पास सर्दी से बचने के लिए क्या था?
उत्तर:
मनोहर के पास सर्दी से बचने के लिए एक फटा हुआ कम्बल था।
प्रश्न 12.
लेखक ने आशीर्वाद के रूप में मनोहर से क्या कहा था?
उत्तर:
लेखक ने मनोहर से कहा था – ‘बेटा ! तुम्हारी मेहनत अवश्य एक दिन रंग लाएगी।
प्रश्न 13.
मनोहर के चेहरे पर लेखक को कौनसे तीन भाव एकसाथ दिखाई पड़े थे?
उत्तर:
मनोहर के चेहरे पर लेखक को संतोष, कृतज्ञता और आत्मविश्वास के तीनों भाव एकसाथ दिखाई पड़े थे।
प्रश्न 14.
मनोहर के चेहरे पर आए संतोष, कृतज्ञता और आत्मविश्वास के भाव किसके प्रति थे?
उत्तर:
मनोहर के चेहरे पर बीते हुए समय के प्रति कृतज्ञता, वर्तमान के प्रति अपार संतोष तथा भविष्य के प्रति आशावाद के भाव आए थे।
प्रश्न 15.
हमारे देश में बाल-मजदूरी को क्या माना जाता
उत्तर:
हमारे देश में बाल-मजदूरी को कानूनन अपराध माना जाता है।
RBSE Class 6 Hindi मनोहर लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 16.
लेखक कितने वर्षों बाद बिलासपुर आया था और क्यों?
उत्तर:
लेखक दस वर्षों बाद जनकनगर के अपने पुश्तैनी घर से बिलासपुर आया था। यह वहाँ एक पारिवारिक समारोह में शामिल होने आया था, क्योंकि उसके परिवार के लोग यहीं रहते थे।
प्रश्न 17.
मनोहर की माँ की मृत्यु कब और कैसे हो गयी थी?
उत्तर:
मनोहर जब दो वर्ष का था तब उसकी माँ बीमार पड़ी थी। पैसे न होने के कारण दवाई के अभाव में उसकी माँ की मृत्यु हो गयी थी।
प्रश्न 18.
लेखक के पैर किसकी ओर बरबस बढ़ गये। थे? लेखक ने उससे क्या पूछा था?
उत्तर:
लेखक के पैर चाय बनाते हुए एक युवक की ओर : बरबस बढ़ गये थे और लेखक ने उस युवक से पूछा था कि क्या तुम मनोहर नाम के किसी व्यक्ति को जानते हो?
प्रश्न 19.
मनोहर द्वारा कही कहानी सुनने के बाद लेखक 7 किस निष्कर्ष पर पहुँचा था?
उत्तर:
लेखक मनोहर द्वारा कही कहानी सुनने के बाद इस इ निष्कर्ष पर पहुँचा था कि मातृ-पितृ विहीन उस बालक का हं बचपन संघर्ष से भरा हुआ था। उसे अपना कहने वाला कोई ठे नहीं था। उसे जो कुछ करना था, उसका अपना निर्णय था।
प्रश्न 20.
भारत-सरकार व राज्य सरकारों द्वारा बाल| प्र मजदूरी रोकने के क्या उपाय किये जा रहे हैं?
उत्तर:
ऐसे बालक जो बेसहारा हैं उनके लिए रहने व पढ़ने उ की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाती है। समाज कल्याण थ विभाग ऐसे बच्चों के लिए आवास व शिक्षा का प्रबन्ध करता है। स्वयंसेवी संगठन भी ऐसे जरूरतमंद बच्चों की मदद करते हैं।
RBSE Class 6 Hindi मनोहर निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 21.
मनोहर ने चाय के ठेले वाले मालिक के सम्बन्ध में क्या कहा था?
उत्तर:
मनोहर ने चाय के ठेले वाले मालिक के सम्बन्ध में कहा था कि वे मेरे लिए पिता तुल्य हैं। मुझे उनका बड़ा आसरा रहा। उनके दिए रुपयों में से स्कूल की फीस देता रहा। मरते समय पिता के समान मेरे मालिक ने यह छोटीसी जगह मेरे नाम कर दी। उनकी कृपा से आज मेरा स्वयं का चाय का कैबिन है।
प्रश्न 22.
चाय बनाने में मशगूल युवक को देखकर लेखक को क्या अनुभूति हुई? लिखिए।
उत्तर:
चाय बनाने में मशगूल युवक को देखकर लेखक को कि अनुभूति हुई कि उसका चेहरा भोला-भोला, आँखों में बचपन अ अभी भी झूल रहा था। ललाट पर खिंची रेखाएँ चेहरे की | मासूमियत के साथ मेल नहीं खा रही थीं। वे बता रही थीं| कि कैसे कच्ची उम्र, अनुभव और जीवन के थपेड़ों से गम्भीर हो जाती है।
प्रश्न 23.
‘मनोहर’ कहानी से क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर:
‘मनोहर’ कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि जीवन में आने वाली विपरीत परिस्थितियों का सामना दृढ़ निश्चय मार के साथ संघर्षपूर्वक करना चाहिए। जीवन को उन्नतशील की बनाने के लिए स्वावलम्बन, सहयोग और विनम्रता के साथ आगे बढ़ते रहना चाहिए।
पठित गद्यांश
निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों ओर के उत्तर दीजिए –
(1) हाँ। वही चाय का ठेला आज साफ-सुथरा केबिन बन बक गया था। बिलासपुर छोड़ने के बाद मैं सपरिवार जनकनगर के अपने पुश्तैनी घर में बस गया था। आज इस इतने वर्षों बाद एक पारिवारिक समारोह में सम्मिलित होने आया था। न जाने क्यों बरसों पुराना चाय का कोई ठेला मुझे बिलासपुर की पुरानी बस्ती में खींच लाया था। था।
प्रश्न – (क) कौनसा ठेला आज साफ-सुथरा केबिन बन गया था?
उत्तर:’
वर्षों पहले जिस चाय के ठेले पर मनोहर काम करता माण था, वह आज साफ-सुथरा केबिन बन गया था।
(ख) लेखक बिलासपुर छोड़ने के बाद कहाँ सपरिवार बस गया था?
उत्तर:
लेखक बिलासपुर छोड़ने के बाद जनकनगर के अपने पुश्तैनी घर में सपरिवार बस गया था।
(ग) लेखक बिलासपुर क्यों आया था?
उत्तर:
लेखक एक पारिवारिक समारोह में सम्मिलित होने बिलासपुर आया था।
(घ) बिलासपुर की पुरानी बस्ती में लेखक को किसकी याद खींच लायी थी?
उत्तर:
बिलासपुर की पुरानी बस्ती में लेखक को बरसों पुराने चाय के ठेले की याद खींच लायी थी।
(2) आज भी मैं वे पल भूल नहीं पाया, जब बालक ने टूटे फूटे शब्दों में अपनी कहानी बयान की थी। सब कुछ सुनने के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा था कि मातृ-पित विहीन उस बालक का बचपन संघर्ष से भरा हुआ था। अकेला बच्चा। अपना कहने वाला कोई नहीं। जो कछ करना था, उसका अपना निर्णय था। इसीलिए पाँच वर्ष का होते-होते मनोहर बड़ा मेहनती बालक बन गया था।
प्रश्न – (क) आज भी वे पल कौन नहीं भूल पाया था?
उत्तर:
लेखक आज भी वे पल नहीं भूल पाया था।
(ख) किसने टूटे-फूटे शब्दों में अपनी कहानी बयान की थी?
उत्तर:
बालक मनोहर ने टूटे-फूटे शब्दों में अपनी कहानी बयान की थी।
(ग) लेखक कहानी सुनने के बाद किस निर्णय पर पहुंचा था?
उत्तर:
लेखक मनोहर की कहानी सुनने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुँचा था कि बालक मनोहर का बचपन संघर्ष से भरा हुआ था।
(घ) पाँच वर्ष का होते-होते मनोहर मेहनती बालक क्यों बन गया था?
उत्तर:
मनोहर अनाथ बालक था, उसे जो कुछ करना था, उसका अपना निर्णय था इसलिए वह पाँच वर्ष का होतेहोते मेहनती बालक बन गया था।
(3) “मनोहर क्या हो रहा है?” मेरी आवाज सुनते ही मनोहर उठ खड़ा हुआ। शरीर पर सर्दी से बचाव का कोई उपाय न देख मैं विचलित हो उठा। मनोहर ने शायद मेरे मन की थाह ले ली। बोला-“आज सर्दी थोड़ी कम है, बाबजी! फिर यह कंबल भी तो है मेरे पास। आप चिंता न करें।” मैंने देखा, मनोहर के पास एक फटा कंबल था। अभी वह बिछा हुआ था। अधिक जरूरत हुई तो उसी को ओढ़कर सो रहेगा मनोहर।
प्रश्न – (क) मनोहर क्यों उठ खड़ा हुआ था?
उत्तर:
मनोहर लेखक की आवाज सुनकर उठ खड़ा हुआ था।
(ख) लेखक विचलित क्यों हो उठा था?
उत्तर:
लेखक मनोहर के शरीर पर सर्दी से बचने का कोई – उपाय न देखकर विचलित हो उठा था।
(ग) मनोहर ने लेखक के मन की थाह लेकर क्या कहा था?
उत्तर:
मनोहर ने लेखक के मन की थाह लेकर कहा था कि बाबूजी आज सर्दी थोड़ी कम है।
(घ) मनोहर के पास सर्दी से बचने के लिए क्या था?
उत्तर:
मनोहर के पास सर्दी से बचने के लिए एक फटा कंबल था।
पाठ-परिचय:
‘मनोहर’ शीर्षक कहानी स्वावलम्बन और सहायता का सन्देश देने वाली कहानी है। कहानी में| मनोहर नामक बालक माता की मृत्यु के बाद पाँच वर्ष की अवस्था में डूंगरपुर छोड़कर बिलासपुर आकर एक चाय के ठेले पर सुबह-शाम काम करने के साथ-साथ मेहनत की कमाई से पढ़ने के लिए स्कूल की फीस भी अदा करता था।
लेखक उसके चाय के ठेले पर चाय पीने जाता था। लेखक दस वर्ष बाद जनकनगर से बिलासपुर पारिवारिक समारोह में शामिल होने गया। वहाँ उसने मनोहर की खोज की। उसने देखा कि अब मनोहर स्वावलम्बन और सहायता के सहारे पक्के मकान के साथ अपना चाय का केबिन भी चलाकर खुशहाल जिन्दगी बसर कर रहा था।
कठिन-शब्दार्थ:
हठात् = बलपूर्वक। निगाह = दृष्टि। ठिठकी = रुकी, ठहरी। पुश्तैनी = पैतृक। मशगूल = व्यस्त। ललाट = मस्तक। मासूमियत = मासूम होने का भाव, भोलापन। सभ्रम = संशय सहित। पर्याप्त = काफी। बाध्यता = मजबूरी, विवशता। घनीभूत = गहरी, जो घना हो। निष्कर्ष = नतीजा। सबक = पाठ। श्रमसिक्त = श्रम से सींचा हुआ। आसरा = सहारा। संकल्प = दृढ़ निश्चय। विहीन = रहित। कृतज्ञता = कृतज्ञ होने का भाव।।