RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 8 नया समाज बनाएँ

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 8 नया समाज बनाएँ Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 5 Hindi Solutions Chapter 8 नया समाज बनाएँ

RBSE Class 5 Hindi नया समाज बनाएँ Textbook Questions and Answers

उच्चारण के लिए - 

बंधन, वंदन, चंदन, मंत्र, संदेश, कड़ियाँ, श्रम, आँगन, स्वर्ग बनाएँ, तोड़ें। 
उत्तर : 
छात्र स्वयं उच्चारण करें। 

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सोचें और बताएँ - 

निम्नलिखित पंक्तियों को पढ़ें और इनके शब्दार्थ/भावार्थ को जानें -
(अ) जाति-पाँति के बंधन तोड़ें
अपनेपन की कड़ियाँ जोड़ें। 

शब्दार्थ - जाति-पाँति के बंधन तोड़कर हम अपनेपन की कड़ियाँ जोड़ दें। 
भावार्थ - कवि का भाव यह है कि हम समाज में फैले जाति-पाँति के भेदभाव को मिटाकर अपनेपन के भाव से रहें।

(ब) मिलजुल कर आगे बढ़ने का
सबके मन में भाव जगाएँ। 

शब्दार्थ - मिल-जुलकर आगे बढ़ने का भाव सबके मन में जगा दें। भावार्थ-कवि का भाव यह है कि हम सब मिल-जुलकर आपसी सहयोग से आगे बढ़ने का भाव सबके मन में जागृत कर दें। 

(स) धरा सभी की, गगन सभी का
यही प्रेम-संदेश सुनाएँ। 

शब्दार्थ - यह धरा और आकाश सबका है। यही प्रेम का संदेश हम सबको सुनाएँ। भावार्थ-कवि का भाव यह है कि इस धरती और आकाश पर सभी का समान अधिकार है। इसलिए हम सभी आपस में प्रेम से मिलजुल कर रहें।

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लिखें - 

प्रश्न 1. 
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें - 
(अ) इस धरती के ........, 
..... से ........जोड़ें। 
(ब) ........ की किरणें बन, 
..... आज सजा दें....... 
(स) ....... को जीवन मंत्र .....,
ऊँच-नीच का.......। 
उत्तर :
(अ) हर मानव का,
मानवता, नाता। 
(ब) नई रोशनी,
हर घर आँगन। 
(स) श्रम, बनाएँ,
भेद मिटाएँ। 

प्रश्न 2. 
भारत माँ के सपूत बनकर हम कौन-कौनसे काम करें? 
उत्तर : 
भारत माँ के सपूत बनकर हम ऊँच-नीच का भेदभाव मिटाकर नये विचारों के प्रसार में लग जाएँ। 

प्रश्न 3. 
कविता के आधार पर 'नया समाज' कैसा होगा? 
उत्तर : 
कविता के आधार पर नया समाज जातिगत भेदभाव से दूर होगा, सब आपस में मिल-जुलकर रहेंगे, सब एक दूसरे के सुख-दुख में मिलकर सहयोग करेंगे। 

प्रश्न 4. 
कौनसा संदेश सुनाने की बात कविता में कही गई है? 
उत्तर : 
कविता में प्रेम का संदेश सुनाने की बात कही गयी है। 

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प्रश्न 5. 
हमें किसका भेद मिटाने की आवश्यकता है? 
उत्तर :
हमें ऊँच-नीच का भेद मिटाने की आवश्यकता है। 

प्रश्न 6. 
'नई रोशनी' से क्या तात्पर्य है? 
उत्तर : 
नई रोशनी से यह तात्पर्य है कि हम सब बदलाव लाकर हर घर-आँगन को सुंदर बना दें और उन्हें खुशियों से भर दें।

प्रश्न 7. 
हमें एक दूसरे के प्रति कैसे भाव रखने चाहिए? 
उत्तर : 
हमें एक दूसरे के प्रति मिल-जुलकर रहने तथा प्रेम के भाव रखने चाहिए। 

भाषा की बात -  

कविता में अनुस्वार व अनुनासिक प्रयोग वाले शब्दों को छाँटकर लिखें -
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उत्तर :  
चंदन, वंदन 
मंत्र, संदेश

बनाएँ, कड़ियाँ  बटाएँ, आँगन जगाएँ, मिटाएँ, सुनाएँ 

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यह भी करें -

कविता को मौखिक यादकर अपनी कक्षा में हाव-भाव के साथ सुनाएँ। 
उत्तर : 
छात्र स्वयं करें। 

अब तक पढ़ी कविताएँ व कहानियों के नामों को सूचीबद्ध करें।
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उत्तर :
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विभिन्न कविताओं का संकलन कर अपनी एक गीत डायरी बनाएँ और विद्यालय में आयोजित विभिन्न उत्सवों में सुनाएँ। 
उत्तर : 
विद्यार्थी स्वयं करें। 

आप अपने शब्दों में लिखें और अपनी कक्षा में सुनाएँ। 

प्रश्न 1. 
आप कैसे समाज के निर्माण की बात करेंगे? 
उत्तर : 
हम भयमुक्त समाज के निर्माण की बात करेंगे। समाज में फैली बुराइयों को दूर करने की बात करेंगे। हम भ्रष्टाचार से मुक्त समाज के निर्माण की बात करेंगे। हम ऊँच-नीच मिटाने की बात करेंगे। 

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प्रश्न 2. 
आदर्श समाज के निर्माण में आपकी भूमिका क्या होनी चाहिए? 
उत्तर : 
आदर्श समाज के निर्माण में हमारी महत्वपूर्ण शिका है। हम जातिगत भेद-भाव, ऊँच-नीच की भावना दूर करने के लिए समाज को प्रेरित करेंगे। हम आपसी भाई-चारे मेलजोल और एकता के लिए समाज में जागरूकता अभियान चलाएँगे। हम एक जिम्मेदार नागरिक की हैसियत से भ्रष्टाचार व भयमुक्त समाज का निर्माण करेंगे।

RBSE Class 5 Hindi नया समाज बनाएँ Important Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न - 

प्रश्न 1. 
सही विकल्प का चयन कीजिए - 
(i) कविता में किसको बनाने की बात कही है-
(क) मकान 
(ख) मंदिर
(ग) समाज 
(घ) अस्पताल 
उत्तर :
(ग) समाज 

(ii) मनुष्य को बंधन तोड़ने चाहिए - 
(क) रस्सी के 
(ख) दीवारों के
(ग) जाति-पांति के 
(घ) रीति-रिवाजों के 
उत्तर :
(ग) जाति-पांति के 

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(iii) जीवन मंत्र बनाना चाहिए
(क) गायत्री मंत्र को 
(ख) श्रम को
(ग) समाज को 
(घ) भारत को 
उत्तर :
(ख) श्रम को

रिक्तस्थान पूर्ति - 

प्रश्न 2. 
दिए गए वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए -
(क) इस धरती को .......... बनाएँ।
आओ नया .......... बनाएँ। 
(ख) इस धरती के हर ......... का ......... से नाता जोड़ें। 
(ग) इस माटी का कण-कण ..........
इसे करें हम .......... वंदन।। 
(घ) ....... के हम सपूत बन नव जीवन की ..... जगाएँ।
उत्तर :
(क) स्वर्ग, समाज 
(ख) मानव, मानवता
(ग) चंदन, शत-शत 
(घ) भारतमाता, अलख। 

सार्थक शब्द निर्माण - 

प्रश्न 3.
सार्थक शब्दों के समूह से शब्द बनते हैं। आप निम्नांकित वर्ग पहेली में से अक्षरों का प्रयोग करते हुए सार्थक शब्द बनाइए - 
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उत्तर :
(i) मानव 
(ii) समाज 
(iii) धरती 
(iv) नर 
(v) मान 
(vi) रमा। 

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अति लघूत्तरीय प्रश्न - 

प्रश्न 4. 
धरती को स्वर्ग कौन बना सकता है? 
उत्तर : 
धरती पर रहने वाले मानव धरती को स्वर्ग बना सकते हैं? 

प्रश्न 5. 
जाति-पाँति के बंधन तोड़ने से क्या तात्पर्य है? 
उत्तर : 
जाति-पाँति के बंधन तोड़ने से यह तात्पर्य है कि हम आपसी जातीय भेदभाव को मिटाकर सबको समान समझें। 

प्रश्न 6. 
सबके मन में हमें क्या भाव जगाने चाहिए? 
उत्तर : 
सबके मन में हमें मिल-जुलकर आगे बढ़ने का भाव जगाना चाहिए। 

प्रश्न 7. 
मानव का प्रमुख कर्तव्य क्या है? 
उत्तर : 
मानव का प्रमुख कर्तव्य सबके साथ अपनेपन का भाव रखना होना चाहिए तथा एक दूसरे के सुख-दुख में हाथ बँटाना चाहिए। 

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प्रश्न 8. 
मिल-जुलकर हम किस प्रकार आगे बढ़ते हैं? 
उत्तर : 
समाज में मिल-जुलकर एक दूसरे का सहयोग करके हम निरंतर आगे बढ़ते रहते हैं। किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए आपसी सहयोग बहुत जरूरी है। 

लयु/दीर्य उत्तरीय प्रश्न - 

प्रश्न 9. 
इस कविता में कैसे समाज के निर्माण की बात कही गई है? 
उत्तर : 
इस कविता में ऐसे समाज के निर्माण की बात कही गई है जिसमें सब एक दूसरे का सहयोग करें और देश को सबल बनाएँ। एक शक्तिशाली राष्ट्र में ही समाज के सभी लोग सुरक्षित एवं खुश रह सकते हैं। 

प्रश्न 10. 
श्रम को जीवन-मंत्र बनाने से क्या लाभ है? 
उत्तर : 
श्रम को जीवन मंत्र बनाने से यह लाभ है कि हम जीवन में कभी असफल नहीं होते हैं। 'श्रमेव जयते' अर्थात् परिश्रमी व्यक्तियों की हमेशा जीत होती है। वे अपनी मेहनत के बल पर सदैव उन्नति करते हैं। 

प्रश्न 11. 
कवि ने मानव को मानवता से नाता जोड़ने की बात क्यों कही है? 
उत्तर : 
कवि ने मानव को मानवता से नाता जोड़ने की बात इसलिए कही है क्योंकि वर्तमान समाज में मानव ने अपने स्वार्थ के कारण इंसानियत को त्याग दिया है। मनुष्य को अपने मानवीय गुण को कभी नहीं छोड़ना चाहिए। 

प्रश्न 12. 
इस देश की माटी का कण-कण चंदन क्यों है? 
उत्तर : 
इस देश की माटी का कण-कण चंदन इसलिए है क्योंकि यह देश त्याग और बलिदान का देश रहा है। अनेक वीर बलिदानियों और महापुरुषों ने इस देश में जन्म लेकर इस मिट्ठी को पवित्र बनाया है। इस देश के महापुरुषों की गौरवगाथाएँ आज भी हमें नया मार्ग दिखाती हैं। हमें इस मिट्टी की सदैव वंदना करनी चाहिए।

नया समाज बनाएँ Summary in Hindi

पाठ-सार - प्रस्तुत कविता में नये समाज के निर्माण का आह्वान किया गया है। कवि का कहना है कि हम सब मिलकर एक नये समाज का निर्माण करें और इस धरती को स्वर्ग बनाएँ।

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हम सब आपसी भेदभाव मिटाकर जातिगत भेद के बंधन को तोड़ दें और अपनेपन के भाव से इस धरती के सभी मनुष्यों को जोड़कर मानवता का भाव रखें। एक दूसरे के सुख-दुख में भागीदार होकर नए समाज का निर्माण करें। - इस भारत की भूमि का कण-कण चंदन जैसा पवित्र है। नई रोशनी की किरण बनकर हम प्रत्येक घर-आँगन सजा दें। हम भारत माँ के सच्चे सपूत हैं, हम सबको परिश्रम करने, मिल-जुलकर रहने, ऊँच-नीच का भेद मिटाने और प्रेम करने का पाठ पढ़ाकर नया समाज बनाएँ।

नया समाज बनाएँ नया समाज बनाएँ पद्यांशों के कठिन शब्दार्थ और सरलार्थ :

कठिन शब्दार्थ :

समाज-समुदाय, लोगों व परिवारों से मिलकर बना समूह। धरती-पुथ्वी। स्वर्ग-सुखों से पूर्ण स्थान, हिंदुओं के विश्वास के अनुसार मृत्यु के बाद अच्छे कर्मों के परिणामस्वरूप मिलने वाला स्थान। जाति-पाँति -जातीय भेद। बंधन-बाँधना। कड़ियाँ जोड़ना-मेल करना। हर-प्रत्येक। मानव-मनुष्य। नाता-संबंध। माटी-मिट्टी। हाथ बँटाना-सहायता करना। शत-शत- सौ-सौ। रोशनी-प्रकाश। सजाना-सुंदर बनाना। श्रम-मेहनत। अलख जगाएँ-नये विचारों का प्रसार करना। नव-नया। भेद-अंतर। सपूत-सुपुत्र। धरा-पृथ्वी। गगन-आकाश। सभी-सब ही, सारे। संदेश-सूचना। 

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1. आओ, नया समाज बनाएँ।
इस धरती को स्वर्ग बनाएँ।
आओ, नया समाज बनाएँ। 

सरलार्थ - कवि कहता है कि समाज के सभी लोग मिलकर ऐसे कार्य करें कि यह धरती स्वर्ग के समान सुंदर और सुख देने वाली बन जाए। आओ हम सब ऐसे समाज का निर्माण करें।

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2. जाति-पाँति के बंधन तोड़ें
अपनेपन की कड़ियाँ जोड़ें, 
इस धरती के हर मानव का 
मानवता से नाता जोड़ें। 
एक दूसरे के सुख-दुख में 
मिलकर बैठें हाथ बटाएँ
आओ, नया समाज बनाएँ। 

सरलार्थ - कवि कहता है कि हम सब जातीय भेद के बंधन को तोड़कर अपनेपन की जंजीर से सबको मजबूती से जोड़ दें। इस पृथ्वी पर प्रत्येक मनुष्य को मानवीय गुणों से भरपूर करें। हम सब एक दूसरे के सुख-दुख में मिलकर साथ दें। आओ हम ऐसे नए समाज का निर्माण करें। 

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3. इस माटी का कण-कण चंदन
इसे करें हम शत-शत वंदन। 
नई रोशनी की किरणें बन।
आज सजा दें हर घर आँगन। 
मिल-जुल कर आगे बढ़ने का 
सबके मन में भाव जगाएँ।
आओ, नया समाज बनाएँ। 

सरलार्थ - कवि कहता है कि इस भारत भूमि का कण-कण चंदन के समान पवित्र है। हम सब इसकी सैकड़ों बार वंदना करते हैं। हम सब नये प्रकाश की किरण बनकर सबके घर-आँगन को प्रकाशित कर दें और उसे सुंदर बना दें। हम सब मिल-जुलकर आपसी सहयोग से इनके मन में निरंतर प्रगति करने का भाव जागृत करें। आओ हम सब नए समाज का निर्माण करें। 

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4. श्रम को जीवन-मंत्र बनाएँ
ऊँच-नीच का भेद मिटाएँ 
भारत माता के हम सपूत बन 
नव जीवन की अलख जगाएँ।
धरा सभी की, गगन सभी का 
यही प्रेम-संदेश सुनाएँ,
आओ, नया समाज बनाएँ। 

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सरलार्थ - कवि कहता है कि हम सब मेहनत को अपने जीवन का मूल मंत्र बनाएँ क्योंकि मेहनत ही सफलता का मूल है। हम ऊँच-नीच का अंतर मिटाकर भारत माँ के सच्चे सपूत बनें और जीवन में नए विचारों का प्रसार करें। यह धरती और आकाश सबका है। यह प्रेम का संदेश हम सभी सामाजिक प्राणियों को दें और एक नए समाज का निर्माण करें।

Prasanna
Last Updated on Sept. 2, 2022, 10:45 a.m.
Published Sept. 2, 2022