RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 8 परिवहन एवं संचार

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 8 परिवहन एवं संचार Textbook Exercise Questions and Answers.

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Geography in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 12. Students can also read RBSE Class 12 Geography Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 12 Geography Notes to understand and remember the concepts easily. Go through these कक्षा 12 भूगोल अध्याय 1 नोट्स and get deep explanations provided by our experts.

RBSE Class 12 Geography Solutions Chapter 8 परिवहन एवं संचार

RBSE Class 12 Geography परिवहन एवं संचार InText Questions and Answers

क्रियाकलाप सम्बन्धी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर:

(पृष्ठ संख्या - 71)

प्रश्न 1. 
अपनी मानचित्रावली में संयुक्त राज्य अमेरिका और पश्चिमी यूरोप के तटों पर स्थित महत्त्वपूर्ण पत्तनों को ढूंढिए।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 8 परिवहन एवं संचार 1

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 8 परिवहन एवं संचार 

(पृष्ठ संख्या - 73)

प्रश्न 2. 
निकारागुआ नहर के खुलने के बाद पनामा नहर पर क्या प्रभाव पड़ सकते हैं?
उत्तर:
निकारागुआ नहर के निर्माण के बाद इसमें 2.5 लाख टन भार वाहन क्षमता वाले जलयान संचालित हो सकेंगे जबकि पनामा नहर में अभी तक केवल 65 हजार टन माल वाहन क्षमता वाले जलयान ही आ जा सकते हैं। इसके अलावा निकारागुआ नहर के निर्माण से पनामा नहर के जल परिवहन पर पड़ने वाला दबाव भी कम होगा।

RBSE Class 12 Geography परिवहन एवं संचार Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1. 
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
(i) पारमहाद्वीपीय स्टुवर्ट महामार्ग किनके मध्य से गुजरता है।
(क) डार्विन और मेलबोर्न
(ख) एडमण्टन और एंकॉरेज 
(ग) बैंकूवर और सेण्ट जॉन नगर
(घ) चेगडू और ल्हासा। 
उत्तर:
(क) डार्विन और मेलबोर्न

(ii) किस देश में रेलमार्गों के जाल का सघनतम घनत्व पाया जाता है।
(क) ब्राजील
(ख) कनाडा 
(ग) संयुक्त राज्य अमेरिका
(घ) रूस। 
उत्तर:
(ख) कनाडा 

(iii) वृहद् ट्रंक मार्ग होकर जाता है।
(क) भूमध्य सागर, हिन्द महासागर से होकर 
(ख) उत्तर अटलांटिक महासागर से होकर
(ग) दक्षिण अटलांटिक महासागर से होकर 
(घ) उत्तर प्रशान्त महासागर से होकर।
उत्तर:
(ग) दक्षिण अटलांटिक महासागर से होकर 

(iv) 'बिग इंच' पाइप लाइन के द्वारा परिवहित किया जाता है।
(क) दूध
(ख) जल 
(ग) तरल पेट्रोलियम गैस (LPG) 
(घ) पेट्रोलियम। 
उत्तर:
(घ) पेट्रोलियम। 

(v) चैनल टनल जोड़ता है।
(क) लन्दन - बर्लिन 
(ख) बर्लिन - पेरिस 
(ग) पेरिस - लन्दन 
(घ) बार्सीलोना - बर्लिन। 
उत्तर:
(ग) पेरिस - लन्दन 

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 8 परिवहन एवं संचार

प्रश्न 2. 
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए। 
(i) पर्वतों, मरुस्थलों तथा बाढ़ संभावित प्रदेशों में स्थल परिवहन की क्या - क्या समस्याएँ हैं?
उत्तर:
ऊबड़ - खाबड़ पर्वतीय भागों, गर्म मरुस्थलीय क्षेत्रों तथा बाढ़ संभावित क्षेत्रों में स्थल परिवहन के मार्गों (सड़क मार्ग तथा रेल मार्ग) के निर्माण व रख-रखाव पर बहुत अधिक व्यय करना पड़ता है। साथ ही इन क्षेत्रों में स्थल मार्गों का निर्माण चुनौतीपूर्ण तथा जोखिम भरा होता है।

(ii) पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग क्या होता है?
उत्तर:
पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग ऐसे रेलमार्गों को कहा जाता है जो पूरे महाद्वीप से गुजरते हुए महाद्वीप के दो छोरों को एक-दूसरे से जोड़ते हैं। इन रेलमार्गों का निर्माण आर्थिक तथा राजनीतिक कारणों से विभिन्न दिशाओं में लम्बी दूरी की यात्राओं की सुविधा प्रदान करने के लिए किया जाता है।

(iii) जल परिवहन के क्या लाभ हैं? 
उत्तर:
जल परिवहन के निम्नलिखित लाभ हैं।
(क) इसमें परिवहन मार्गों का निर्माण नहीं करना पड़ता। 
(ख) यह परिवहन अन्य परिवहनों की तुलना में सस्ता होता है। 
(ग) इस परिवहन में ऊर्जा लागत भी अपेक्षाकृत कम पड़ती है। 
(घ) महासागरीय भागों में वृहत् आकार के जलयान सुगमता से विश्व के विभिन्न भागों तक चले जाते हैं।

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प्रश्न 3. 
नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों से अधिक न दें। 
(i) “एक सुप्रबन्धित परिवहन प्रणाली में विभिन्न विधाएँ एक-दूसरे की संपूरक होती हैं।" इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
परिवहन की चार विधाएँ: स्थल, जल, वायु और पाइप लाइनें हैं। इनका प्रयोग अंत: प्रादेशिक तथा अंतरा-प्रादेशिक परिवहन के लिए किया जाता है। पाइप लाइन को छोड़कर सभी तीनों परिवहन विधाओं (स्थल, जल तथा वायु) का उपयोग यात्रियों तथा माल के परिवहन के लिए किया जाता है। एक सुप्रबन्धित परिवहन प्रणाली में उक्त चारों विधाएँ एक - दूसरे की सम्पूरक होती हैं। वस्तुओं के अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर परिवहन के लिए जल यातायात तथा वायु यातायात का उपयोग किया जाता है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कम मूल्यवान तथा भारी वस्तुओं के परिवहन के लिए जल परिवहन को प्राथमिकता प्रदान की जाती है जबकि अधिक मूल्यवान तथा शीघ्र खराब होने वाली तथा हल्की वस्तुओं के साथ - साथ यात्री परिवहन के लिए वायु यातायात परिवहन सेवाओं को प्राथमिकता दी जाती है। 

कम दूरी तथा एक घर के द्वार तक परिवहन सेवा प्रदान करने में सड़क परिवहन एक सस्ता तथा तीव्रगामी साधन है जबकि देश के भीतर भारी पदार्थों के विशाल भार को लम्बी दूरी तक ढोने के लिए रेल सबसे अधिक उपयुक्त परिवहन साधन है। इसी प्रकार द्रवीय भारी पदार्थों के लम्बी दूरी तक परिवहन के लिए पाइप लाइनें सबसे उपयुक्त साधन हैं। इसी प्रकार स्थलीय मार्गों पर लम्बी दूरी तक यात्री परिवहन के लिए रेल परिवहन सबसे सस्ता व आरामदायक साधन है। वस्तुतः उक्त परिवहन विधाओं की सार्थकता परिवहित की जाने वाली वस्तुओं एवं सेवा के प्रकार, परिवहन लागत तथा उपलब्ध परिवहन साधन पर निर्भर करती है। साथ ही एक सुप्रबन्धित परिवहन प्रणाली में परिवहन प्रणाली की समस्त विधाओं का विकसित होना आवश्यक माना जाता है क्योंकि उक्त सभी परिवहन विधाएँ एक-दूसरे की सम्पूरक मानी जाती हैं।

(ii) विश्व के कौन - से प्रमुख देश हैं जहाँ वायुमार्गों का सघन तंत्र पाया जाता है? 
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 8 परिवहन एवं संचार 2
वायु परिवहन का सर्वाधिक विकास विश्व के विकसित देशों में अधिक देखने को मिलता है। उत्तरी गोलार्द्ध में अन्तर-महाद्वीपीय वायु मार्गों की एक सुस्पष्ट पट्टी पूर्व से पश्चिम दिशा में विस्तृत है। संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व में वायु मार्गों का सर्वाधिक सघन जाल रखता है। विश्व के कुल वायु मार्गों में से 60 प्रतिशत भाग का प्रयोग अकेला संयुक्त राज्य अमेरिका करता है। न्यूयॉर्क, बोस्टन, शिकागो, न्यू आर्लियंस, ह्यूस्टन, फोर्टवर्थ, मियामी, सिएटल, सैनफ्रांसिस्को तथा लॉस एन्जिल्स इस देश के महत्त्वपूर्ण हवाई अड्डे हैं। इसके अलावा पश्चिमी यूरोप तथा दक्षिणी-पूर्वी एशियाई देशों में भी वायुमार्गों का सघन तन्त्र मिलता है।

पश्चिमी यूरोप के देशों - ग्रेट ब्रिटेन, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी, डेनमार्क, स्वीडन तथा नीदरलैण्ड में भी वायु मार्गों का सघन तन्त्र मिलता है। लन्दन व बर्मिंघम (ग्रेट ब्रिटेन), मेड्रिड (स्पेन), बर्लिन व फ्रेंकफर्ट (जर्मनी), कोपेनहेगन (डेनमार्क), स्टॉकहोम (स्वीडन) तथा एम्सटरडम (नीदरलैण्ड), पश्चिमी यूरोप में वायुमार्गों के प्रमुख नोडीय बिन्दु हैं। दक्षिणी-पूर्वी एशिया में कोलकाता (भारत), ढाका (बांग्लादेश), बैंकाक (थाईलैण्ड), क्वालालामपुर (मलेशिया), सिंगापुर (सिंगापुर) जकार्ता (इण्डोनेशिया) तथा मनीला (फिलीपीन्स) वायु मार्गों के प्रमुख नोडीय बिन्दु हैं।

(ii) वे कौन - सी विधाएँ हैं जिनके द्वारा साइबर स्पेस मनुष्यों के समकालीन आर्थिकी और सामाजिक स्पेश की वृद्धि करेगा?
उत्तर:
विद्युत द्वारा कम्प्यूटरीकृत स्पेस के संसार को साइबर स्पेस कहा जाता है। साइबर स्पेस वर्ल्ड वाइड वेबसाइट और इंटरनेट जैसी प्रौद्योगिकी से संचालित होता है। इंटरनेट सूचना भेजने वाले एवं प्राप्त करने वाले के शारीरिक संचालन के बिना कम्प्यूटर पर सूचनाओं के प्रेषण एवं प्राप्ति की विद्युतीय अंकीय दुनिया है। बीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध तक सूचनाओं के अंकीकरण से दूरसंचार धीरे-धीरे कम्प्यूटर का अंग बन गया, जिसमें इंटरनेट के माध्यम से एक समन्वित तंत्र का निर्माण हुआ। आज समस्त विश्व में इंटरनेट सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली है।

साइबर स्पेस किसी भी कार्यालय, उड़ते वायुयान तथा जल में चलते जलयानों में मिल सकता है। वर्तमान में 100 करोड़ से अधिक प्रयोक्ता, इंटरनेट से जुड़े हुए हैं तथा प्रतिवर्ष करोड़ों नए प्रयोक्ता इंटरनेट से जुड़ जाते हैं। वर्तमान समय में विश्व के अधिकांश प्रयोक्ता संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, चीन एवं भारत में है। साइबर स्पेस मनुष्यों के समकालीन आर्थिक तथा सामाजिक स्पेस को ई-मेल, ई-वाणिज्य, ई-शिक्षा तथा ई-प्रशासन जैसी विधाओं के माध्यम से विस्तृत कर रहा है।

फैक्स, टेलीविजन तथा रेडियो के साथ इंटरनेट ने स्थान तथा समय की सीमाओं को पार करते हुए अधिक से अधिक लोगों तक पहुँच बनायी है। ई-मेल, ई-वाणिज्य, ई-शिक्षा तथा ई-प्रशासन आधुनिक संचार प्रणालियाँ हैं जिन्होंने परिवहन से कहीं अधिक वैश्विक ग्राम की संकल्पना को साकार किया है।

Prasanna
Last Updated on Aug. 1, 2022, 3:47 p.m.
Published July 16, 2022