RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 4 मानव विकास

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 4 मानव विकास Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 12 Geography Solutions Chapter 4 मानव विकास

RBSE Class 12 Geography मानव विकास InText Questions and Answers

क्रियाकलाप संबंधी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर: 

(पृष्ठ संख्या - 21)

प्रश्न 1. 
क्या वृद्धि तथा विकास का एक ही अर्थ है? क्या दोनों एक - दूसरे के साथ चलते हैं? 
उत्तर:
वृद्धि तथा विकास का एक ही अर्थ नहीं होता अपितु वृद्धि मात्रात्मक तथा मूल्य निरपेक्ष होती है तथा यह धनात्मक या ऋणात्मक दोनों हो सकती है। जबकि दूसरी ओर विकास गुणात्मक तथा मूल्य सापेक्ष होता है तथा विकास उस समय होता है जब गुणवत्ता में सकारात्मक परिवर्तन होता है। सामान्यतया वृद्धि तथा विकास साथ-साथ नहीं चलते हैं। 

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 4 मानव विकास 

प्रश्न 2. 
विकासहीन वृद्धि तथा विकासयुक्त वृद्धि पर एक लघु निबंध लिखिए।
उत्तर:
विकासहीन वृद्धि-विकासहीन वृद्धि में वृद्धि तो होती है लेकिन इस वृद्धि के साथ विकास जुड़ा हुआ नहीं होता है। उदाहरण के लिए किसी निश्चित समयावधि में यदि किसी नगर की जनसंख्या एक लाख से दो लाख हो जाती है तो नि:संदेह नगर की जनसंख्या में तो वृद्धि हुई लेकिन यदि इस वृद्धि के साथ आवास सुविधाएँ, मूलभूत सेवाओं की व्यवस्था तथा अन्य विशेषताएँ पूर्ववत् ही बनी रहती हैं तो इसे विकासहीन वृद्धि कहा जाता है।

भारत सहित विश्व के अनेक विकासशील राष्ट्रों में विकासहीन वृद्धि होने के कारण गरीबी तथा अन्य प्रादेशिक समस्याएँ भी तेजी से बढ़ रही हैं। विश्व के अधिकांश विकासशील राष्ट्रों में हो रही इस विकासहीन वृद्धि से बढ़ रही गरीबी तथा प्रादेशिक असंतुलन के तीन प्रमुख कारण हैं। 

  1. भूमि तथा प्राकृतिक संसाधनों का असमान वितरण। 
  2. सामाजिक विकास के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधनों का अभाव।
  3. उदारीकरण, संरचनात्मक समायोजन तथा विश्व व्यापार संगठन द्वारा संचालित व्यापार का गरीब जनसंख्या पर पड़ने वाला प्रतिकूल प्रभाव।

विकासयुक्त वृद्धि-ऐसी वृद्धि जिसमें वृद्धि के साथ-साथ विकास भी होता रहे इसे विकासयुक्त वृद्धि कहा जाता है। यह वृद्धि मात्रात्मक व धनात्मक होने के साथ-साथ गुणात्मक भी होती है। उदाहरण के लिए यदि किसी दी गई समयावधि में किसी नगर की जनसंख्या में वृद्धि होती है तो विकासयुक्त वृद्धि के लिए यह आवश्यक है कि जनसंख्या वृद्धि के अनुपात में आवास सुविधाओं, मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था तथा अन्य नगरीय विशेषताओं में भी गुणात्मक वृद्धि हुई हो। वस्तुतः गुणात्मक वृद्धि में होने वाला सकारात्मक परिवर्तन विकासयुक्त वृद्धि कहलाता है। 

(पृष्ठ संख्या -24)

प्रश्न 3. 
अपने सहपाठियों के साथ पाँच मिनट के नाटक को अभिनीत कीजिए जिसमें यह दर्शाया गया हो कि किस प्रकार आय, शिक्षा अथवा स्वास्थ्य के क्षेत्रों में क्षमता के अभाव के कारण विकल्प सीमित हो जाते हैं?
उत्तर:
एक निर्धन परिवार के अशिक्षित बच्चे / व्यक्ति पर संसाधनों के अभाव में निम्न क्षेत्रों में विकल्प अति सीमित रह जाते हैं
(1) पूँजी के अभाव में वह उत्तम आवास में नहीं रह सकता तथा रहन-सहन व खान-पान के क्षेत्र में भी उसके विकल्प सीमित हो जाते हैं।

(2) निर्धनता के कारण उसकी प्राथमिकता अपनी आजीविका जुटाने की होती है तथा निरक्षर रह जाने के कारण उसका डॉक्टर, इंजीनियर या अधिकारी बनने का विकल्प समात ही जाता है।

(3) किसी बीमारी से पीड़ित हो जाने पर धन के अभाव में उत्तम चिकित्सा सुविधाएँ प्राप्त करने का उसका विकल्प समाप्त हो जाता है तथा ऐसी स्थिति में झोलाछाप डॉक्टरों से सस्ती चिकित्सा प्राप्त करने का विकल्प ही शेष रह जाता है अन्यथा वह बिना किसी उपचार के ही अपना जीवन यापन करने को मजबूर हो जाता है। विद्यार्थी नाटक स्वयं अभिनीत करें।

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प्रश्न 4. 
अपने पड़ोस में सब्जी बेचने वाली से बात कीजिए और पता लगाइए कि क्या वह विद्यालय गई थी। क्या वह विद्यालय से विरत हुई थी? क्यों? इससे आपको उसके विकल्पों और स्वतन्त्रता के बारे में क्या पता चलता है? टिप्पणी कीजिए कि किस प्रकार उसकी लिंग, जाति तथा आय ने उसके अवसरों को सीमित किया है?
उत्तर:
पड़ोस में अनुसूचित जाति की शीला नामक एक गरीब विधवा महिला अपने परिवार का जीवनयापन करने के लिए सब्जी बेचने का कार्य करती है। उससे वार्तालाप करने पर उसके विकल्पों तथा स्वतंत्रता के बारे में निम्नलिखित तथ्यों का पता लगा:

  1. शीला निरक्षर है, जिसके कारण उसको अपना तथा अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए सब्जी बेचने के विकल्प को चुनना पड़ा।
  2. वह निरक्षर इसलिए रह गई क्योंकि राजस्थान के जिस ग्रामीण परिवार में उसका जन्म हुआ था उसमें लड़कियों को पढ़ाना सामाजिक दृष्टि से प्रतिबन्धित था।
  3. क्योंकि शीला ने ग्रामीण क्षेत्र के एक गरीब अनुसूचित जाति परिवार में जन्म लिया था, जिनमें बाल-विवाह का प्रचलन आज भी मिलता है, इसलिए उसकी कम उम्र में ही एक श्रमिक से शादी कर दी गई।
  4. सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग से संबंधित होने के कारण शीला को अपने पति के साथ ही श्रमिक के रूप में कार्य करना पड़ा।
  5. पति के बीमार पड़ने पर एवं उसको समुचित चिकित्सा न मिल पाने से उसकी मृत्यु हो गई।
  6. ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अति सीमित विकल्प होने के कारण शीला को अपने दो बच्चों के साथ पास के नगर में रोजगार की तलाश में आना पड़ा, जहाँ उसके पास रोजगार पाने के सीमित विकल्प थे जिनमें से उसने किराए पर ढकेल लेकर सब्जी बेचने के कार्य को रोजगार के अवसर के रूप में चुना।
  7. शीला को घटिया स्तर के एक किराए के कमरे में कच्ची बस्ती में अपने दो बच्चों के साथ रहने को मजबूर होना पड़ा, क्योंकि वहाँ उसे कम किराये पर यह कमरा मिल गया।
  8. निम्न दैनिक आय होने के कारण शीला अपने दोनों बच्चों को किसी स्कूल में नहीं भेज सकी।
  9. चूँकि वह अकेले सब्जी बेचने के कार्य को सुचारू रूप से सम्पन्न नहीं कर पाती थी इसी कारण उसके 5. वर्ष व 7 वर्ष के दोनों बच्चे भी उसके साथ सब्जी बेचने के कार्य में भागीदारी करते हैं।

स्पष्ट है कि आय, लिंग तथा जाति ने शीला के अवसरों के विकल्पों को अति सीमित कर दिया। 

(पृष्ठ संख्या - 27)

प्रश्न 5. 
मानचित्र पर सर्वोच्च 'उच्च मूल्य' सूचकांक वाले निम्नलिखित 10 देशों की अवस्थिति को प्रदर्शित कीजिए।
(1) नॉर्वे 
(2) स्विट्जरलैण्ड 
(3) ऑस्ट्रेलिया 
(4) आयरलैण्ड 
(5) जर्मनी 
(6) आइसलैण्ड 
(7) हाँगकाँग 
(8) स्वीडन 
(9) सिंगापुर 
(10) नीदरलैण्ड। 
स्पष्ट कीजिए कि इन देशों में क्या समानता है?
उत्तर:
प्रश्नगत सभी देशों में यह समानता है कि ये सभी देश विकसित अर्थव्यवस्था वाले देश हैं जिनमें प्रति व्यक्ति उच्च आय, आधारभूत संरचनाओं का उच्चस्तरीय विकास, जन्म के समय उच्च जीवन प्रत्याशा, उच्च क्रय शक्ति तथा उच्च साक्षरता स्तर मिलता है। इन देशों में सामाजिक विविधता का स्तर भी निम्न मिलता है तथा इनमें से अधिकांश देश औद्योगिक पश्चिमी विश्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। 
RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 3 जनसंख्या संघटन 3
मानचित्र - विश्व में सर्वोच्च 'उच्च मूल्य' मानव विकास सूचकांक वाले 10 देशों की अवस्थिति 

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 4 मानव विकास

प्रश्न 6. 
मानव विकास सूचकांक में भारत का स्थान 129 देशों के बाद (पीछे) होने का क्या कारण है? 
उत्तर:
मानव विकास सूचकांक में भारत का 130वाँ स्थान (सन् 2018) होने के निम्नलिखित कारण हैं:
(1) विश्व की एक बड़ी अर्थव्यवस्था होने के बावजूद भी भारत मानव विकास सूचकांक में इसलिए पिछड़ा हुआ है क्योंकि भारत आकार तथा जनसंख्या की दृष्टि से विश्व के बड़े देशों में शामिल है। श्रीलंका, ट्रिनिडाड और टोबैगो, गुयाना, जमैका, फिजी, बेल्जियम तथा क्यूबा जैसे विश्व के अनेक लघु आकार के ऐसे राष्ट्र हैं जिनकी अर्थव्यवस्था भारत की तुलना में बहुत छोटी है लेकिन इसके बावजूद मानव विकास सूचकांक में यह भारत से उच्च स्थान पर हैं।

(2) मानव विकास सूचकांक का मापन जीवन प्रत्याशा, शिक्षा तथा वास्तविक आय के आधार पर किया गया है। भारत की कुल जनसंख्या का एक बड़ा भाग आज भी उक्त तीनों. क्षेत्रों में अति पिछड़ी अवस्था में है।

RBSE Class 12 Geography मानव विकास Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए। 
(i) निम्नलिखित में से कौन-सा विकास का सर्वोत्तम वर्णन करता है? 
(क) आकार में वृद्धि
(ख) गुणों में धनात्मक परिवर्तन 
(ग) आकार में स्थिरता
(घ) गुणों में साधारण परिवर्तन 
उत्तर:
(ख) गुणों में धनात्मक परिवर्तन 

(ii) मानव विकास की अवधारणा निम्नलिखित में से किस विद्वान की देन है? 
(क) प्रो. अमर्त्य सेन
(ख) डॉ. महबूब-उल-हक 
(ग) एलेन सी. सेम्पुल
(घ) रैटजेल 
उत्तर:
(ख) डॉ. महबूब-उल-हक 

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प्रश्न 2. 
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए। 
(i) मानव विकास के तीन मूलभूत क्षेत्र कौन-से हैं? 
उत्तर:
संसाधनों तक पहुँच, स्वास्थ्य एवं शिक्षा मानव विकास के तीन मूलभूत क्षेत्र हैं। 

(ii) मानव विकास के चार प्रमुख घटकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
मानव विकास के चार प्रमुख घटक अथवा कारक हैं-समता, सतत् पोषणीयता, उत्पादकता एवं सशक्तीकरण। 

(iii) मानव विकास सूचकांक के आधार पर देशों का वर्गीकरण किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर:
अर्जित मानव विकास सूचकांक के आधार पर देशों को चार समूहों में बाँटा जाता है। 

मानव विकास स्तर

सूचकांक का स्तर

देशों की संख्या

अति उच्च

0.8 से ऊपर

59

उच्च

0.701 - 0.799

53

मध्यम

0-550 से 0.700 के मध्य निम्न

39

मध्य निम्न

0.549 से नीचे

48

 

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प्रश्न 3. 
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों से अधिक में न दीजिए। 
(i) मानव विकास शब्द से आपका क्या अभिप्राय है? 
उत्तर:
मानव विकास से आशय विकास के महत्त्वपूर्ण पक्षों में लोगों के जीवन की गुणवत्ता, अवसरों की उपलब्धता तथा प्राप्त स्वतंत्रता सम्मिलित है। इस संदर्भ में मानव विकास की अवधारणा का प्रतिपादन डॉ. महबूब-उल-हक नामक पाकिस्तानी अर्थशास्त्री ने किया। इस संदर्भ में डॉ. हक ने मानव विकास को परिभाषित करते हुए लिखा है कि "मानव विकास मानव की आकांक्षाओं एवं उन्हें उपलब्ध जीवनयापन की सुविधाओं के स्तर को विस्तृत करने की प्रक्रिया है।" इस परिभाषा से स्पष्ट है कि इस प्रकार के विकास का केन्द्र बिन्दु मानव है तथा मानव विकास का मूल उद्देश्य ऐसी दशाएँ उत्पन्न करना है जिनसे लोग सार्थक जीवन व्यतीत कर सकें। इस संदर्भ में मानव विकास के निम्नलिखित तीन सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पक्ष हैं।

  1. दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन 
  2. साक्षर या ज्ञानवान होना 
  3. आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता।

अतः स्वास्थ्य, शिक्षा तथा संसाधनों की उपलब्धता मानव विकास के केन्द्र बिन्दु हैं। इन पक्षों में से प्रत्येक के मापन के लिए उपयुक्त सूचकों का विकास किया गया है।

प्रायः यह देखा जाता है कि लोगों में आधारभूत विकल्पों को चुनने की क्षमता और स्वतंत्रता नहीं होती। ऐसा गरीबी, सामाजिक भेदभाव, ज्ञान प्राप्त करने की अक्षमता, संस्थाओं की अक्षमता तथा अन्य कारणों के प्रभावी होने के कारण हो सकता है। इन्हीं कारणों से मानव को स्वस्थ व दीर्घ जीवन जीने, साक्षर होने तथा संसाधनों की प्राप्ति में बाधा उत्पन्न होती है। इसलिए लोगों के विकल्पों में वृद्धि करने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा तथा संसाधनों की उपलब्धता के लिए मानवीय क्षमताओं को सशक्त बनाना आवश्यक है। यदि किसी क्षेत्र के लोगों की क्षमताएँ सीमित हैं तो उनके विकल्प भी सीमित हो जाएँगे तथा ऐसी स्थिति में मानव विकास का स्तर भी निम्न बना रहेगा।

(i) मानव विकास अवधारणा के अंतर्गत समता तथा सतत् पोषणीयता से आप क्या समझते हैं? 
उत्तर:
मानव विकास की अवधारणा के निम्नलिखित चार स्तम्भ हैं।

  1. समता 
  2. सतत् पोषणीयता 
  3. उत्पादकता 
  4. सशक्तीकरण।

(i) समता-समता का आशय एक ऐसे समाज या प्रदेश से है जिसमें निवासित प्रत्येक व्यक्ति को उपलब्ध अवसरों के लिए समान पहुँच की व्यवस्था उपलब्ध हो। दूसरे शब्दों में, किसी प्रदेश में उपलब्ध समस्त संसाधनों की वहाँ निवासित प्रत्येक व्यक्ति को समान रूप से उपलब्धता को समता कहा जा सकता है। लोगों को उपलब्ध अवसर या संसाधन लिंग, प्रजाति, आय तथा जाति के भेदभाव के विचार के बिना समान रूप से मिलने चाहिए।

यद्यपि विश्व के अधिकांश भागों में ऐसा नहीं होता है। भारत जैसे विकासशील देश में महिलाओं, सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों तथा दूरस्थ क्षेत्रों में निवास करने वाले अधिकांश लोगों को विकास के इन अवसरों से प्रायः वंचित रहना पड़ता है। अतः मानव विकास के लिए यह आवश्यक है कि विकास के अवसरों या संसाधनों की समान उपलब्धता समाज के प्रत्येक व्यक्ति को प्राप्त हो।

 (ii) सतत् पोषणीयता: मानव विकास की अवधारणा में सतत् पोषणीयता टिकाऊ विकास की अभिव्यक्ति है। इसके अंतर्गत यह माना जाता है, किसी क्षेत्र में उपलब्ध पर्यावरणीय, वित्तीय तथा मानवीय संसाधनों का उपयोग विवेकपूर्ण ढंग से इस प्रकार किया जाए जिससे इन संसाधनों की उपलब्धता समान रूप से आगे आने वाली पीढ़ियों को हो सके। - वस्तुतः उक्त संसाधनों का दुरुपयोग भावी पीढ़ियों के लिए इन संसाधनों की उपलब्धता के अवसरों को सीमित कर देगा जिससे मानव विकास की प्रक्रिया में अवरोध उत्पन्न होंगे। 
 
परियोजना / क्रियाकलाप सम्बन्धी: 
 
प्रश्न 1.
10 सर्वाधिक भ्रष्ट व 10 सबसे कम भ्रष्ट देशों की सूची बनाइए। 
उत्तर:
10 सर्वाधिक भ्रष्ट देश:

  1. सोमालिया 
  2. उत्तरी कोरिया 
  3. अफगानिस्तान 
  4. वेनेजुएला 
  5. जिम्बाब्बे 
  6. बांग्लादेश 
  7. रूस 
  8. म्यांमार 
  9. नेपाल 
  10. पाकिस्तान।

10 सबसे कम भ्रष्ट देश:

  1. डेनमार्क 
  2. न्यूजीलैण्ड 
  3. फिनलैण्ड 
  4. सिंगापुर 
  5. स्वीडन 
  6. स्विटजरलैण्ड 
  7. नार्वे 
  8. नीदरलैण्ड 
  9. कनाडा 
  10. लक्जमबर्ग 

(ii) मानव विकास सूचकांक में उनके स्कोरों की तुलना कीजिए। आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं? 
उत्तर:
सर्वाधिक भ्रष्ट व सबसे कम भ्रष्ट देशों की तुलना करने पर यह निष्कर्ष निकलता है कि कम देशों में मानव विकास का स्तर कम पाया जाता है। कम भ्रष्ट देशों में प्रायः मानव विकास का स्तर ऊँचा पाया जाता है।

Prasanna
Last Updated on Aug. 1, 2022, 3:48 p.m.
Published July 15, 2022