RBSE Solutions for Class 12 Drawing Chapter 3 मुगल लघु चित्र शैली

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Drawing Chapter 3 मुगल लघु चित्र शैली Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 12 Drawing Solutions Chapter 3 मुगल लघु चित्र शैली

RBSE Class 12 Drawing मुगल लघु चित्र शैली Textbook Questions and Answers

Class 12 Drawing Chapter 3 Question Answer प्रश्न 1.
हुमायूँ द्वारा भारत में आमंत्रित किये गये दो प्रमुख कलाकारों के नाम बताइए और उनकी उत्कृष्ट कृतियों पर विस्तार से चर्चा कीजिए।
उत्तर:
हुमायूँ द्वारा भारत में आमंत्रित किए गए दो प्रमुख कलाकारों के नाम हैं-1. मीर सैयद अली, व 2. अब्दुस समद। इनकी उत्कृष्ट कृतियाँ हैं-

हमज़ानामा-यह पैगम्बर मुहम्मद के चाचा अमीर हमज़ा का इतिहास था। इसके चित्रांकित जिल्द सारे संसार में फैले थे एवं घरों में विभिन्न संग्रहों में एकत्रित थे। इसके 40 अंक 1400 चित्रों में थे एवं इन्हें पूर्ण होने में करीब 15 वर्ष लगे थे। इस श्रेष्ठ कार्य की सुझावात्मक तिथि 1567-1582 है एवं इसे मीर सैयद अली और अब्दुस समद के पर्यवेक्षण में पूर्ण किया गया।

हमज़ानामा की चित्रकारी ‘कैमर शहर में जासूसों का आक्रमण' (1567-82) में स्थान को तेजी से काटा और बाँटा गया है कि कथा को दृश्यिक रूप से पढ़ा जा सके। बहुत अधिक कार्य हो रहे हैं एवं तेज रंगों का अधिक प्रयोग यहाँ किया गया है जिससे कि इस कहानी की परतें खुलें जहाँ पर हमजा के जासूस कैमर शहर पर आक्रमण करते हैं। एक तेज बाहरी रेखा पत्तों एवं अन्य रूपों को परिभाषित करती है। चित्रों को आवरण में विस्तृत रूप से देखा गया है। यद्यपि तीन-चौथाई चेहरों को दिखाया गया है। उन्नत जटिल फर्श, कॉलम एवं ढलान के स्रोत फारसी हैं, उसी प्रकार चार अंगों वाले जानवर एवं चट्टानें भी वहीं की हैं। वृक्ष एवं लताएँ भारतीय स्रोत हैं । उसी तरह उन्नत एवं शुद्ध पीले, लाल एवं भूरे रंग का प्रयोग भी भारतीय है।

तूतिनामा-इसका शाब्दिक अर्थ है 'एक तोते की दास्तां'। यह काम बड़े पैमाने पर कई भव्य सचित्र पाण्डुलिपियों के कारण प्रसिद्ध है। इसे अकबर के आदेश पर अब्दुस समद ने तैयार करवाया, इसमें लगभग 250 लघु चित्रों को शामिल किया गया है।

तूतिनामा एक तोते द्वारा रात-दर-रात लगातार 52 रातों तक सुनाई गई साहसिक कहानियों का एक संग्रह है। इसमें तोता अपने मालिक के प्रति वफादारी दिखाता है तथा अपनी मालकिन को उसकी अनुपस्थिति में व्यभिचार करने से रोकता है। जब भी उसकी मालकिन अपने प्रेमी से मिलने जाने के लिए घर से निकलने की कगार पर होती है, तभी वफादार तोता एक नई एवं आकर्षक कहानी सुनाने लग जाता है और उसकी मालकिन रुक जाती है।

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Ke Prashn Uttar प्रश्न 2.
अकबर द्वारा शुरू की गई विभिन्न कला परियोजनाओं में से अपने पसंदीदा कार्य पर चर्चा करें, यह बताते हुए कि आपको इसके बारे में क्या पसंद है।
उत्तर:
अकबर की चित्रकला में पर्याप्त रुचि थी। अकबर ने सौ से अधिक चित्रकार नियुक्त किए। फतेहपुर सीकरी के एक विशेष भवन में 1570 से 1585 ई. तक चित्रशाला सुचारु रूप से चलती रही। इस चित्रशाला के अध्यक्ष उस्ताद मीर सैयद अली तथा ख्वाजा अब्दुस समद शीराजी थे। सम्राट चित्रकारों की कार्यकुशलता के अनुसार उनको पुरस्कृत करता था तथा उनके वेतन बढ़ाता था।

अकबर ने विभिन्न कला परियोजनाएं शुरू करवाईं, जिनमें से 'हमज़ानामा' सबसे बेहतर परियोजना रही। इसके अन्तर्गत हमीर हमजा की कहानी की आश्चर्यजनक एवं रोचक घटनाओं को चित्रित करवाया गया। वैसे तो यह परियोजना हुमायूँ ने शुरू करवाई थी, परन्तु इसे पूर्ण अकबर ने करवाया।

हमज़ानामा की विशेषताएँ-

  • यह मुगल चित्रकला शैली में चित्रित सबसे प्रारम्भिक और महत्त्वपूर्ण मुगलकालीन चित्र संग्रह है, जो 'दास्तान-ए-अमीर-हम्जा' के नाम से भी प्रसिद्ध है।
  • इस पाण्डुलिपि में करीब 1200 चित्रों का संग्रह है। हमज़ानामा कृति में लाल, नीले, पीले, कासनी और काले रंगों के छपाके मिलते हैं।
  • इसमें विदेशी या विजातीय पेड़-पौधों और उनके रंग-बिरंगे फूल-पत्तों, स्थापत्य अलंकरण को बारीकियों, संजीव पास बुक्स साजो-सामान के साथ-साथ स्त्री आकृतियों एवं आलंकारिक तत्वों के रूप में विशिष्ट राजस्थानी या उत्तर भारतीय चित्रकला के लक्षण यत्र-तत्र मिलते हैं।।
  • मीर सैयद अली व अब्दुस समद के नेतृत्व में देश के विभिन्न भागों से बुलाए गए लगभग सौ चित्रकारों के समूह द्वारा हमज़ानामा तैयार किया गया, जिसे पूरा करने में करीब पन्द्रह साल लगे।
  • हमज़ानामा में लगभग 1200 पृष्ठों को चित्रित किया गया। इस प्रकार यह एक तरह से भारतीय चित्रकारों के लिए प्रशिक्षण का काल साबित हुआ।

Miniature Painting Class 12 प्रश्न 3.
मुगल दरबार में कलाकारों की एक व्यापक सूची बनाइए, प्रत्येक के एक चित्र को 100 शब्दों में समझाइए।
उत्तर:
मुगल दरबार में कलाकार एवं उनके चित्र
1. अब्दुस समद व मीर सैयद अली-हमज़ानामा-दोनों चित्रकारों की संयुक्त कृति है। इस कार्य को काफी बड़े पैमाने पर किया गया, इसे पूरा करने में लगभग 15 वर्ष लगे। इसमें आयतों के अलावा बड़े आकार के 1400 लघुचित्र शामिल थे, जिनको 14 संस्करणों में व्यवस्थित किया गया था। लगभग सभी चित्र कागज पर चित्रित किये जाते थे, फिर उन्हें एक कपड़े पर चिपकाया जाता था। अधिकांश फोलियो के एक तरफ एक पेंटिंग है, जो आकार में लगभग 69 सेमी. × 54 सेमी. है और इनमें फारसी व मुगल शैलियों की झलक साफ नजर आती है। फोलियो के दूसरी तरफ सोने की परत वाले कागज पर नस्तालिक लिपि में फारसी में 19 पंक्तियों से बना एक आयत लिखा हुआ है।

2. दसवन्त-रज़्मनामा-यह मुगल सम्राट अकबर के आदेशानुसार हिन्दू महाकाव्य महाभारत का फारसी अनुवाद है। फारसी में, रज्म का अर्थ है युद्ध, और नामा का अर्थ है कथा या महाकाव्य, इसलिए रज्मनामा का पूर्ण अर्थ युद्ध की कहानी है। अकबर की चित्रशाला में कार्यरत दसवन्त ने 'रज्मनामा' ग्रन्थ में अनेक चित्रों को काफी सुन्दर ढंग से कलात्मक शैली में बनाया।

3. बिचित्र-'जहाँगीर समय बताने वाले यंत्र पर बैठा है'-इसे बिचित्र द्वारा 1625 में चित्रित किया गया। वह स्वयं भी चित्र में खड़ा दिखाई दे रहा है, वह सम्राट को भेंट में चित्र देना चाहता है। चित्र को फारसी सुलेख से ऊपर एवं नीचे सजाया गया है। सुलेख के अनुसार, इस संसार के सभी शाह जहाँगीर के सामने खड़े हो सकते हैं क्योंकि वह दरवेशों को सम्मान देता है। चित्र में, तुर्क सुल्तान तथा इंग्लैण्ड के राजा जेम्स प्रथम भी हैं। चित्र में जहाँगीर चिश्ती धर्मस्थल के शेख हुसैन को एक पुस्तक दे रहा है।

4. अबुल हसन-'जहाँगीर का सपना'-अबुल हसन द्वारा चित्रित, यह चित्र सम्राट जहाँगीर के सपनों को बताता है। चित्र में, सफ़ाविद सम्राट शाह अब्बास को जहाँगीर से मिलते हुए दर्शाया गया है, वह जहाँगीर का प्रतिद्वंद्वी था। चित्र में जहाँगीर की उपस्थिति हावी रहती है जबकि फारसी शाह कमजोर दिखाई देता है क्योंकि जहाँगीर ने उसे गले लगा लिया है। दोनों को एक ग्लोब पर खड़े दिखाया गया है, जहाँगीर शक्तिशाली शेर पर खड़ा है जबकि शाह अब्बास विनम्र भेड़ पर खड़ा है। प्रस्तुत चित्र में यूरोपीय कला रूपांकनों और छवियों से प्रेरित होने का संकेत दिया गया है।

5. मिस्किन-गोवर्धनधारी कृष्ण-यह चित्र विछिन्न हरिवंश पुराण से सम्बन्धित है। इस चित्र में नीलवर्णीय कृष्ण को बायें हाथ पर गोवर्धन पर्वत उठाए हुए चित्रित किया गया है। श्रीकृष्ण के आसपास महिला, पुरुष, बालक एवं गायों, भैंसों व बकरियों को भी चित्रित किया गया है । कृष्ण ने पर्वत को एक विशाल छाते की तरह प्रयोग किया है। एक अन्य शक्तिशाली देवता इन्द्र द्वारा भेजी गई मूसलाधार बारिश से बचाने हेतु भगवान ने गोवर्धन पर्वत को उसमें रहने वाले सभी प्राणियों के साथ उठाया है।

6. ब्रसावन-रज्मनामा व अकबरनामा-बसावन अकबर के दरबार में श्रेष्ठ हिन्दू चित्रकार थे। उनकी गिनती 16वीं शताब्दी के उत्कृष्ट चित्रकार के रूप में की जाती है। उन्होंने लगभग 100 चित्र बनाए हैं। उनके चित्र रज्मनामा व अकबरनामा ग्रंथों में प्राप्त होते हैं। बसावन पृष्ठभूमि बनाने, मुखाकृति की विशेषताओं का अंकन करने, रंगों का मिश्रण तैयार करने आदि में माहिर थे।

7. उस्ताद मंसूर अली-पक्षी विश्राम (अड्डे ) पर बाज-अली द्वारा बनाया गया बाज का चित्र विश्वविख्यात है। इस बाज की आकृति वास्तविक प्रतीत होती है। बाज की आँखों से तीक्ष्णता और क्रूरता का भाव स्पष्ट रूप से प्रकट होता है। बाज के पंखों व पैरों को सफेद व भूरे रंग से बड़ी बारीकी से चित्रित किया गया है।

8. मनोहर-'जहाँगीर दरबार में (जहाँगीरनामा)-जहाँगीरनामा में चित्रित 'जहाँगीर दरबार में' मनोहर द्वारा 1620 में अबुल हसन के साथ संयुक्त रूप से निर्मित श्रेष्ठ चित्र है। चित्र में, जहाँगीर केन्द्र में अपने उच्चतम स्तर पर है। दाईं ओर, खुर्रम अपने पुत्र शुजा के साथ खड़ा है। दरबारी अपने पद के अनुसार खड़े हैं। एक ईसाई पादरी भी उपस्थित है। हाथी और घोड़े इस घटना की उत्सवी महत्ता बढ़ा रहे हैं। चित्र में बेल-बूटेदार चौखटे से स्पष्ट चमकीले रंगों से घिरे अद्भुत सफेद खम्भों तथा शानदार ढंग से तैयार ऊपरी छत की ओर दृष्टि स्वयं घूम जाती है।

9. हाजी मदानी-दाराशिकोह की बारात-इस चित्र की रचना टेम्पेरा पद्धति में की गई है। चित्र में दाराशिकोह को घोड़ी पर बैठे हुए चित्रित किया गया है। वह एक अंगरखा पहने है तथा मोतियों का सेहरा बाँधे है। दाराशिकोह के पीछे उनके पिता शाहजहाँ घोड़े पर सवार हैं। चित्र में नारी सदस्यों को हाथियों पर सवार चित्रित किया गया है। गहरे रंग की पृष्ठभूमि में अनार और अन्य रोशनी बिखेरने वाले पटाखे छूट रहे हैं। लोगों ने मशालें ले रखी हैं।

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Drawing Class 12 प्रश्न 4.
अपनी पसन्द के तीन चित्रों को उदाहरणों के साथ, मध्ययुगीन काल के दौरान प्रचलित भारतीय, फारसी और यूरोपीय दृश्य तत्वों के सन्दर्भ में चर्चा करें।
उत्तर:
मध्ययुगीन काल में प्रचलित भारतीय, फारसी और यूरोपीय दृश्य तत्व
1. भारतीय दृश्य तत्व-जहाँगीर का सपना-इस चित्र को जहाँगीर के प्रिय चित्रकार अबुल हसन द्वारा चित्रित किया गया है। इस चित्र में जहाँगीर को ईरानी शाह अब्बास से गले मिलते दर्शाया गया है। यह चित्र उस दौर का है जब ईरानी सुल्तान के साथ जहाँगीर के रिश्ते मधुर नहीं थे।
RBSE Solutions for Class 12 Drawing Chapter 3 मुगल लघु चित्र शैली 3
चित्र : जहाँगीर का सपना, अबुल हसन ( 1618-1622)

इस चित्र की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  • चित्र में जहाँगीर को श्रेष्ठ व विश्व विजेता के भाव से अंकित किया गया है।
  • ग्लोब पर जहाँगीर को शेर व शाह अब्बास को भेड़ पर खड़े बनाया गया है तथा वस्त्राभूषणों व प्रभामण्डल से भी जहाँगीर को श्रेष्ठ दिखाने का प्रयास किया गया है।
  • चित्र में स्वर्ण प्रभामण्डल अंकित कर जहाँगीर की उपाधि 'नूर-उल-दीन' को प्रतिबिम्बित किया गया है।
  • चित्र टेम्पेरा रंगों से बना है जिनमें स्वर्ण व रजत रंग की अधिकता है।

2. फारसी दृश्य तत्व-जेबरा-इस चित्र को सन् 1621 में फारसियों द्वारा मुगलों के चतुर्थ बादशाह जहाँगीर को भेंटस्वरूप दिया गया था। जेबरा के मुख की तरफ स्वयं सम्राट द्वारा इस चित्र के बारे में फारसी लेख लिखा गया है, जो कि इसके दरबार में आगमन की परिस्थितियों को व्यक्त करता है। इसका बारीकी से निरीक्षण करने पर पाया गया कि यह वस्तुतः एक घोड़ा है जिस पर किसी ने धारियाँ बना दी हैं।
RBSE Solutions for Class 12 Drawing Chapter 3 मुगल लघु चित्र शैली 2
चित्र : जेबरा

इस चित्र की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  • यह एक अनोखे पशु का प्रभावी पोर्टेट चित्र है।
  • इस चित्र की पृष्ठभूमि कोरी एवं सपाट है, जमीन में खूटी गाड़ी गई है जिससे जेबरा को बाँधा गया है।
  • यह कागज पर निर्मित किया गया है, इसके बॉर्डर के निर्माण हेतु अपारदर्शी हल्के गुलाबी तथा स्वर्ण जल रंगों को प्रयुक्त किया गया है। पशु के खुरों के पास कुछ पुरानी लाइनें देखी जा सकती हैं।
  • मुख्य जेबरा पोर्टेट को चित्रकार द्वारा बहुत ही महीन एवं हल्के ब्रुश द्वारा प्रारम्भिक रूपरेखा बनाते हुए चित्रित किया गया है।

3. यूरोपीय दृश्य तत्व-मैडोना एवं बच्चा-अकबर के दरबारी चित्रकार बसावन ने 'मैडोना एवं बच्चा' नामक यह चित्र 1580 ई. में बनाया था। प्रस्तुत चित्र में, कुँवारी मैरी को प्रतिष्ठित तरीके से वस्त्रों में लपेटा गया है। यहाँ माता एवं बच्चे के मध्य प्रदर्शित जुड़ाव यूरोपीय पुनर्जागरण कला के मानवतावादी व्याख्या से प्रेरित है। यह बसावन की अति उत्तम कृति है, जो चित्रकला व दृश्यकला दोनों का पर्याय मानी जाती है।

इस चित्र की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  • 'मैडोना एवं बच्चा' चित्र कुँवारी मैरी और बच्चा यीश का पोर्टेट प्रदर्शित करता है।
  • इस चित्र में ईसा के प्रति जुनून का प्रतीकात्मक संदर्भ प्रस्तुत किया गया है।
  • मध्य युग में, मैडोना को सबसे अधिक चित्रित किया गया था। विशेषतः उसकी गोद में यीशु के साथ, 'ज्ञान का सिंहासन' के रूप में जाना जाता था।
  • इस चित्र को बसावन द्वारा अस्पष्ट पानी के रंग में कागज पर बनाया गया था।
  • यहाँ मैडोना एवं बच्चा एक असाधारण विषय है, जो कि मुगल कलाशाला में यूरोपियन शास्त्रीय और उसकी पुनर्जागरण कला है।

RBSE Solutions for Class 12 Drawing Chapter 3 मुगल लघु चित्र शैली 3
चित्र : मैडोना और बच्चा, बसावन (1590)

Prasanna
Last Updated on Nov. 22, 2023, 11:38 a.m.
Published Nov. 21, 2023