RBSE Solutions for Class 11 Home Science Chapter 18 संप्रेषण के परिप्रेक्ष्य में

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 Home Science Chapter 18 संप्रेषण के परिप्रेक्ष्य में Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 11 Home Science Solutions Chapter 18 संप्रेषण के परिप्रेक्ष्य में

RBSE Class 11 Home Science संप्रेषण के परिप्रेक्ष्य में Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1. 
संप्रेषण में परिप्रेक्ष्यों के निर्धारण में संस्कृति की भूमिका का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
संप्रेषण में परिप्रेक्ष्यों के निर्धारण में संस्कृति की भूमिका

संप्रेषण में परिप्रेक्ष्यों के निर्धारण में संस्कृति की भूमिका का विवेचन निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत किया गया है

1. संस्कृति से आशय-ज्ञान, मान्यताएँ, कलाएँ, नैतिकता, कानून, रीति-रिवाज, भाषा और समाज के सदस्यों के रूप में मनुष्य की अन्य प्रवृत्तियों के समन मिश्रित रूप को संस्कृति कहते हैं।

2. संचार और संस्कृति के सम्बन्धों में संप्रेषण के पक्ष-संचार और संस्कृति के बीच सम्बन्धों में संप्रेषण के सभी पक्ष शामिल होते हैं, जैसे-भाषा, गैर-शाब्दिक संप्रेषण, रीति-रिवाज, संकल्पित मान्यताएँ और देश-काल की धारणाएँ।

3. सांस्कृतिक भिन्नता वाले व्यक्तियों के बीच संप्रेषण में कठिनाई-संस्कृति में भिन्नता सदस्यों की जीवन शैली और अपेक्षाओं में अन्तर के कारण होती है। हम भिन्न संस्कृति वाले व्यक्तियों में संप्रेषण स्थापित करने में उतने सहज नहीं होते हैं, जितने कि समान संस्कृतियों वाले व्यक्तियों के साथ होते हैं लेकिन सांस्कृतिक भिन्नताओं को भलीभांति समझकर और अज्ञात अंतरों के प्रति संवेदनशीलता से संप्रेषण की कठिनाई को सुलझाया जा सकता है।

4. समान संस्कृति के लोगों में संप्रेषण में आसानी: समान संस्कृति के लोगों की भाषा, रीति-रिवाज, मान्यताएँ, पद्धतियाँ, खान-पान की आदतें सहित तमाम अनुभव एक समान होते हैं। अत: इन्हें आपसी संप्रेषण में सुविधा होती है। उदाहरण के लिए, भारत में हम परिवार और मित्रों के साथ दैनिक गतिविधियों के दौरान धन्यवाद कहने के आदी नहीं हैं। आवाज या चेहरे के भावों से हम यह दर्शाते हैं कि हम आभारी हैं, जबकि पश्चिमी देशों में 'धन्यवाद' न कहना असभ्यता माना जाता है।

इसी प्रकार भारत में सोपान क्रमिक संरचना द्वारा तय किया जाता है कि सोपान क्रम में आपसे ऊँची था नीची स्थिति वाले व्यक्ति को कैसे संबोधित किया जाए। इसी के अनुसार 'आप' या 'तुम' शब्दों का उपयोग किया जाता है। जबकि अंग्रेजी भाषा में 'तुम' और 'आप' के बीच अन्तर बताने वाला कोई शब्द है ही नहीं।

इसी प्रकार भारत में लोगों को यदि रात्रि भोजन के लिए किसी के यहाँ निमंत्रण मिलता है और उनसे रात 8.00 बजे के लिए आने को कहा जाता है तो वे इसका आशय आठ बजे बाद कभी भी पहुंचने से लेते हैं। आमंत्रित करने वाला व्यक्ति भी 8 बजे के आस-पास आने का अनुरोध करता है। जबकि अनेक संस्कृतियों में सही समय पर पहुँचने की अपेक्षा की जाती है।

इससे स्पष्ट होता है कि संप्रेषण के भाषा, गैर-शाब्दिक संप्रेषण, रीति-रिवाज, संकल्पित मान्यताएँ और देशकाल की धारणाएँ आदि पक्षों के निर्धारण में संस्कृति महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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प्रश्न 2. 
संप्रेषण की प्रक्रिया को आयु, लिंग और शिक्षा कैसे प्रभावित करते हैं? 
उत्तर:
संप्रेषण की प्रक्रिया को आयु, लिंग और शिक्षा निम्न प्रकार से प्रभावित करते हैं ।

यथा

1. आयु-आयु का संचार पर प्रभाव पड़ता है। व्यक्ति जैसे-जैसे बड़ा होता जाता है, उसमें विचारमूलक, संरचनापरक तथा सामग्रीपरक परिवर्तन आते जाते हैं। यथा
(i) विचारमूलक परिवर्तन-विचारमूलक परिवर्तन विचारों में परिवर्तनों से संबंधित है। उदाहरण के लिए आजीविका की तलाश कर रहा एक 18 वर्षीय किशोर, स्थायी आजीविका प्राप्त चालीस वर्षीय अधिकारी और अपनी जीविका के अंतिम पड़ाव पर पहुँचने वाले एक पचपन वर्षीय व्यक्ति के जीवन और आजीविका के बारे में विचार अलग-अलग होंगे।
(ii) संरचनापरक परिवर्तन-संरचनापरक परिवर्तनों का संबंध संज्ञानात्मक क्रिया में होने वाले शरीर क्रियात्मक और आयु से संबंधित परिवर्तनों से है। आयु के साथ-साथ व्यक्ति की अनेक कार्य क्षमताएँ प्रभावित होती हैं। जैसे-दृष्टि, और श्रवण सम्बन्धी कार्यक्षमताओं में कमी आना। परिणामस्वरूप एक व्यक्ति जो कुछ भी
और जैसे भी संप्रेषित करता है, उस पर उसकी आयु का प्रभाव होता है। इसी के अनुसार संदेशों को बदला और समायोजित किया जाता है।
उदाहरण के लिए, जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, वह सुनने में कठिनाई अनुभव करने लगता है। एक शोर-शराबे वाले वातावरण में उसे यह सुनकर पता लगाने में कठिनाई होती है कि कौन बोल रहा है और क्या बोल रहा है, जबकि कम उम्र के लोगों को ऐसी कठिनाई नहीं होती।
दूसरे, शब्दों का चयन और संप्रेषण की शैली में भी आयु के अनुसार अन्तर आता है।
(iii) सामग्रीपरक परिवर्तन-सामग्री परक परिवर्तन का संबंध सम्प्रेषण के लिए सामग्री के प्रयोग में परिवर्तन से है।
उदाहरण के लिए, एक किशोर उम्र का व्यक्ति संगीत सुनने के लिए मोबाइल फोन का प्रयोग करना पसंद करेगा या इसे इंटरनेट से डाउनलोड करना चाहेगा, जबकि एक वयस्क व्यक्ति के लिए सीडी प्लेयर या रिकार्ड प्लेयर का प्रयोग सुविधाजनक होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में कोई बुजुर्ग व्यक्ति रेडियो पर संगीत सुनना पसंद करेगा।
स्पष्ट है कि युवा पीढ़ी के लोग जितनी आसानी से संचार के उपकरणों का प्रयोग करते हैं, बड़ी उम्र के लोग नहीं कर पाते। इसलिए कम और अधिक उम्र के व्यक्तियों के संप्रेषण का आयु से प्रभावित होना अवश्यंभावी है।

2. शिक्षा-शिक्षा ज्ञान की सीमा को अधिक व्यापक बनाती है। इससे व्यक्ति को सोचने और ज्ञान को प्रयुक्त करने की क्षमता विकसित होती है। शिक्षा सूचना तक पहुँचने की क्षमता प्रदान करती है और लोगों को आजीविका के लिए तैयार करती है। ये सभी लाभ एक व्यक्ति की संप्रेषण क्षमता और गुंजाइश को बढ़ाते हैं।
एक शिक्षित प्रेषक अपने विचारों को अधिक स्पष्ट और प्रभावी रूप से आपके सामने रख सकता है और व्यक्त कर सकता है। यदि प्राप्तकर्ता भी समान रूप से शिक्षित है तो अच्छा संप्रेषण स्थापित होता है। उदाहरण के लिए, जब एक शिक्षक किसी दूसरे शिक्षक के सामने किसी धारणा की व्याख्या करता है, तो उसकी चेतना का स्तर छात्रों के समक्ष की गई उस धारणा की व्याख्या से उच्चतर होता है। ऐसा छात्रों और उनके शिक्षकों के शैक्षिक स्तरों के अंतर के कारण होता है।

3. लिंग-पुरुषों और स्त्रियों के बीच जैविक से लेकर सामाजिक तक अलग-अलग अन्तर होते हैं। लिंग और संस्कृति परस्पर एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं कि दोनों के बीच अन्तर कर पाना असभव हो जाता है। इसके बावजूद कुछ सर्वव्यापक लिंग रूढ़धाराएँ हैं। ये जिस प्रकार प्रकट होती हैं, संस्कृति इनमें भिन्नता लाने के लिए मध्यस्थता करती हैं। इसलिए सांस्कृतिक संदर्भ और सामाजिक इतिहास को समझे बिना संप्रेषण में स्त्रीपुरुषों के बीच अन्तर समझाना असंभव है।

कुछ संस्कृतियों में पुरुष और महिलाएँ सामाजिक रूप से भिन्न तरीकों से संप्रेषण करते हैं। उदाहरण के लिए, महिलाओं को सामाजिक सर्वसम्मति, सहभागिता और देखभाल करने से अधिक संबंधित होने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जबकि पुरुषों से सूचनाएँ प्राप्त करने, प्रतिस्पर्धा और समाधान प्राप्त करने पर केन्द्रित रहने की अपेक्षा की जाती है।

Raju
Last Updated on Aug. 11, 2022, 4:29 p.m.
Published Aug. 11, 2022