RBSE Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 7 रजनी

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 7 रजनी Textbook Exercise Questions and Answers.

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RBSE Class 11 Hindi Solutions Aroh Chapter 7 रजनी

RBSE Class 11 Hindi रजनी Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1. 
रजनी ने अमित के मुद्दे को गंभीरता से लिया, क्योंकि - 
(क) वह अमित से बहुत स्नेह करती थी। 
(ख) अमित उसकी मित्र लीला का बेटा था। 
(ग) वह अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने की सामर्थ्य रखती थी। 
(घ) उसे अखबार की सुर्खियों में आने का शौक था। 
उत्तर : 
(ग) वह अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने की सामर्थ्य रखती थी। 

प्रश्न 2. 
जब किसी का बच्चा कमजोर होता है, तभी उसके माँ-बाप ट्यूशन लगवाते हैं। अगर लगे कि कोई टीचर लूट रहा है तो उस टीचर से न ले ट्यूशन, किसी और के पास चले जाएँ ...... यह कोई मजबूरी तो नहीं है-प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताएं कि यह संवाद आपको किस सीमा तक सही या गलत लगता है ? तर्क दीजिए। 
उत्तर : 
अमित की समस्या को लेकर रजनी जब स्कूल के हैडमास्टर के पास गई और उन्होंने इस पर कोई कार्यवाही करने से इनकार कर दिया तो रजनी ने हिम्मत नहीं हारी और वह बोर्ड के निदेशक के पास समस्या का समाधान खोजने हेतु गई। जब उसने टीचर के द्वारा ट्यूशन के लिए जोर डालने की शिकायत की तो उस प्रसंग में शिक्षा निदेशक ने उसे यह उत्तर दिया। 

सामान्य रूप से निदेशक की बात ठीक लगती है, किन्तु यदि अमित के प्रसंग में देखा जाय तो साफ प्रकट हो जाता है कि उस पर टीचर ने मैथ्स की ट्यूशन लेने का दबाव बनाया था, किन्तु जब अमित के माता-पिता आर्थिक मजबूरी के चलते अपने बेटे को मैथ्स की ट्यूशन नहीं .. दिलवा पाए तो टीचर ने जान-बूझकर उसके नम्बर काटकर उसे सजा दी। इस संदर्भ में देखने पर मुझे निदेशक का कथन गलत प्रतीत होता है। 

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प्रश्न 3. 
तो एक और आन्दोलन का मसाला मिल गया-फुसफुसाकर कही गई यह बात-
(क) किसने किस प्रसंग में कही? 
(ख) इससे कहने वाले की किस मानसिकता का पता चलता है ? 
उत्तर : 
(क) यह बात रजनी के पति ने तब फुसफुसाते हुए कही जब रजनी टीचर्स की समस्याओं पर प्रकाश डाल रही थी। 
(ख) इससे कहने वाले की इस मानसिकता का पता चलता है कि उसे अपनी पत्नी का इस प्रकार आंदोलन करते हुए सबसे टक्कर लेना पसंद नहीं है। वह आम आदमी की तरह सब बवालों से दूर रहकर शांतिपूर्वक अपना जीवन-यापन करना चाहता है। 

प्रश्न 4.
'रजनी' धारावाहिक की इस कड़ी की मुख्य समस्या क्या है? क्या होता अगर 
(क) अमित का पर्चा सचमुच खराब होता। 
(ख) संपादक रजनी का साथ न देता। 
उत्तर :
'रजनी' धारावाहिक की इस कड़ी की प्रमुख समस्या है-टीचर्स का अपने स्कूल के छात्रों को ट्यूशन लेने के लिए विवश करना, उन पर दबाव डालना और बात न मानने पर उन्हें कम अंक परीक्षा में देना। इस प्रकार शिक्षा जगत में व्याप्त भ्रष्टाचार 
को ही इस कड़ी की प्रमुख समस्या माना जा सकता है, जिसे ट्यूशन समस्या का नाम भी दिया जा सकता है। 
(क) यदि अमित का पर्चा सचमुच खराब होता तो यह समस्या ही न उठती कि उसके नम्बर कम क्यों आए हैं ? तब रजनी शिकायत लेकर न तो हैडमास्टर के पास जाती, न शिक्षा निदेशक के पास, न संपादक के पास और न लोगों के बीच। वह अमित को ही मेहनत करने का पाठ पढ़ाती। 

(ख) यदि संपादक रजनी का साथ न देता, तो भी रजनी आंदोलन से पीछे हटने वाली नहीं थी। वह लोगों को इकट्ठा करती, उन्हें घर-घर जाकर सूचना देती और भले ही कम लोगों तक पहुँच पाती पर आंदोलन से पीछे नहीं हटती। उसका जुझारूपन उसे कोई न कोई रास्ता निकालने में मदद कर ही देता। 

पाठ के आस-पास -

प्रश्न 1.
"गलती करने वाला तो है ही गुनहगार, पर उसे बर्दाश्त करने वाला भी कम गुनहगार नहीं होता"-इस संवाद के संदर्भ में आप सबसे ज्यादा किसे और क्यों गुनहगार मानते हैं ? 
उत्तर : 
सबसे बड़ा गुनहगार वह है जो उस गलत बात को बर्दाश्त करता है तथा अत्याचार एवं अन्याय के खिलाफ आवाज नहीं उठाता। चारों तरफ फैली धांधलियों को देखकर भी जो चुप बैठे रहते हैं वे ही सबसे बड़े गुनहगार हैं। हमें अत्याचार को चुपचाप बर्दाश्त न करके उसका सक्रिय विरोध करना चाहिए, उसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। 

प्रश्न 2.
स्त्री के चरित्र की बनी-बनाई धारणा से रजनी का चेहरा किन मायनों में अलग है ? 
उत्तर : 
सामान्य स्त्री को प्राय: दुर्बल-हृदय और सहनशील स्वभाव वाली मान लिया जाता है। इस कारण वह अन्याय का विरोध करने से बचती है। जबकि रजनी की विशिष्टता यह है कि वह अन्याय और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाती है। उसमें लड़ने की सामर्थ्य है तथा वह अन्याय को बर्दाश्त नहीं कर सकती। वह एक जुझारू महिला है। 

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प्रश्न 3. 
पाठ के अंत में मीटिंग के स्थान का विवरण कोष्ठक में दिया गया है। यदि इस दृश्य को फिल्माया जाए तो। आप कौन-कौन से निर्देश देंगे? 
उत्तर :
प्रश्न परीक्षोपयोगी नहीं। 

प्रश्न 4. 
इस पटकथा में दृश्य-संख्या का उल्लेख नहीं है। मगर गिनती करें तो सात दृश्य हैं। आप किस आधार पर इन दृश्यों को अलग करेंगे?
उत्तर : 
इन दृश्यों को स्थान के आधार पर अलग-अलग किया जा सकता है, क्योंकि ये सातों दृश्य अलग-अलग स्थानों के हैं यथा - 

  • पहला दृश्य - मध्यवर्गीय परिवार लीलाबेन, कांतिभाई के फ्लैट का एक कमरा। 
  • दूसरा दृश्य - स्कूल के हैडमास्टर का कमरा। 
  • तीसरा दृश्य - रजनी का फ्लैट। 
  • चौथा दृश्य - डायरेक्टर ऑफ एजूकेशन के ऑफिस का बाहरी कक्षा 
  • पाँचवाँ दृश्य - किसी अखबार का दफ्तर।
  • छठवाँ दृश्य - मीटिंग स्थल-खुला मैदान। 
  • सातवाँ दृश्य - रजनी के फ्लैट का एक कमरा। 

भाषा की बात - 

प्रश्न 1. 
निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित अंश में जो अर्थ निहित हैं, उन्हें स्पष्ट करते हुए लिखिए 
(क) वरना तुम तो मुझे काट ही देती। 
(ख) अमित जब तक तुम्हारे भोग नहीं लगा लेता हम लोग खा थोड़े ही सकते हैं। 
(ग) बस-बस मैं समझ गया। 
उत्तर : 
(क) काट देना - छोड़ देना। 
स्पष्टीकरण - रजनी कहती है कि यदि वह लीला के घर न आती तो वह उसे अमित के पास होने की मिठाई नहीं खिलाती, उसे छोड़ देती। 

(ख) भोग लगाना - खिला लेना। 
स्पष्टीकरण - अमित रजनी का बहुत बड़ा फैन है। वह उसकी आदर्श है। भोग देवियों को लगाया जाता है। अमित जब तक रसमलाई रजनी आंटी को नहीं खिला लेता तब तक घर में और किसी को खाने को नहीं मिलती। क्योंकि पहले देवी को भोग लगता है तब कोई चीज घरवालों को मिलती है। 

(ख) थोड़े ही नहीं 
स्पष्टीकरण-रजनी को खिलाए बिना अमित घर वालों को भी मिठाई नहीं खाने देता। 

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(ग) बस-बस - अधिक न कहें।। 
स्पष्टीकरण - संपादक कहता है, बस-बस अर्थात् अधिक कहने की आवश्यकता नहीं, मैं आपकी सारी बात समझ गया। कोड मिक्सिग/कोड स्विचिंग 
1. कोई रिसर्च प्रोजेक्ट है क्या ? ह्वेरी इंटरेस्टिंग सब्जेक्ट - ऊपर दिये गये संवाद में दो पंक्तियाँ (वाक्य) हैं। पहली पंक्ति . में रेखांकित अंश हिन्दी से अलग अंग्रेजी भाषा का है, जबकि शेष हिन्दी भाषा का है। दूसरा वाक्य पूरी तरह अंग्रेजी में है। हम बोलते समय कई बार एक ही वाक्य में दो भाषाओं (कोड) का इस्तेमाल करते हैं। यह कोड मिक्सिग कहलाता है, जबकि एक भाषा में बोलते-बोलते दूसरी भाषा का इस्तेमाल करना कोड स्विचिंग कहलाता है। पाठ में से कोड मिक्सिग और कोड स्विचिंग के तीन-तीन उदाहरण चुनिए और हिन्दी भाषा में रूपांतरण करके लिखिए। 
उत्तर : 
कोड मिक्सिग -

  1. आज उसका रिजल्ट निकल रहा है ना 
  2. हाफ ईयरली में तो इसके नाइंटी सिक्स नम्बर आए थे। 
  3. सिक्स्थ पोजीशन आई है मेरी, जो आज तक कभी नहीं आई थी। 

हिन्दी रूपांतरण -

  1. आज उसका परीक्षा परिणाम निकल रहा है न। 
  2. अर्द्धवार्षिक में तो उसके छियानवे अंक आए थे। 
  3. छठा स्थान आया है मेरा, जो आज तक कभी नहीं आया था। 

कोड स्विचिंग -

  1. आई मीन व्हाट आई से। नियम का जरा भी खयाल होता तो इस तरह की हरकतें नहीं होतीं स्कूल में। 
  2. विल यू प्लीज गेट आउट ऑफ दिस रूम' मेम साहब को बाहर ले जाओ। 
  3. बोर्ड का काम ही यह है कि शिक्षा के प्रचार-प्रसार में जितना भी हो सके सहयोग करें। इस अवर ड्यूटी मैडम।

हिन्दी रूपांतरण -

  1. मेरा वही मतलब है जो मैं कह रही हूँ। नियम का जरा भी खयाल होता तो इस तरह की हरकतें नहीं होर्ती स्कूल में। 
  2. कृपया आप इस कमरे से बाहर चली जाइए। मेम साहब को बाहर ले जाओ। 
  3. बोर्ड का काम ही यह है कि शिक्षा के प्रचार-प्रसार में जितना भी हो सके सहयोग करें। यह हमारा कर्तव्य है बहन जी। 

RBSE Class 11 Hindi रजनी Important Questions and Answers

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न -

प्रश्न 1.
रजनी का अमित से क्या संबंध था? 
उत्तर : 
अमित रजनी को आंटी कहता था। वह उसके माता-पिता के फ्लैट के बगल में ही रहती थी। 

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प्रश्न 2. 
रजनी के पति का क्या नाम था ? 
उत्तर : 
रजनी के पति का नाम रवि था। 

प्रश्न 3. 
इस पटकथा को स्तिने दृश्यों में विभाजित किया जा सकता है? 
उत्तर : 
इस पटकथा को सात दृश्यों में विभाजित किया जा सकता है। 

प्रश्न 4.
रजनी के चरित्र की दो प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं ? 
उत्तर : 
रजनी एक जुझारू महिला है और अन्याय एवं अत्याचार को चुपचाप बर्दाश्त न करके उसका सक्रिय विरोध करती है।

प्रश्न 5. 
पी. टी. आई. क्या है ? जिसका उल्लेख इस पाठ में हुआ है। 
उत्तर :
पी. टी. आई. से तात्पर्य प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया से है जो एक समाचार देने वाली संस्था है। 

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प्रश्न 6. 
अखबार के संपादक की भमिका इस मामले में क्या रही है? 
उत्तर : 
इस मामले में अखबार के संपादक ने रजनी के उद्देश्य की सराहना करते हुए उसे पूरा सहयोग प्रदान किया है। 

प्रश्न 7. 
रजनी को अपने पति से क्या शिकायत है ? 
उत्तर : 
रजनी को अपने पति के साथ-साथ उन सभी लोगों से यह शिकायत है जो अन्याय और अत्याचार को चुपचाप सहते रहते हैं और उसका विरोध नहीं करते। 

प्रश्न 8.
रजनी सबसे बड़ा गुनहगार किसे मानती है ? 
उत्तर : 
सबसे बड़ा गुनहगार वह है जो अन्याय और अत्याचार को चुपचाप सहता रहता है। 

प्रश्न 9.
डायरेक्टर ऑफ एजूकेशन ने रजनी के किस सुझाव को स्वीकार कर लिया ?
उत्तर : 
डायरेक्टर आफ एजूकेशन ने रजनी के इस सुझाव को स्वीकार कर लिया कि स्कूल के टीचर अपने स्कूल के बच्चों का ट्यूशन नहीं लेंगे अन्यथा उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी। 

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प्रश्न 10.
इस पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है ? 
उत्तर : 
इस पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती हैं कि अन्याय और अत्याचार के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाने से ही .. समस्या का समाधान निकलता है। 

लघु उत्तरात्मक प्रश्न -

प्रश्न 1. 
पाठ के आधार पर रजनी के चरित्र की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए। 
उत्तर : 
रजनी एक जुझारू एवं संघर्ष करने वाली महिला है जो अन्याय एवं अत्याचार को चुपचाप सहन नहीं करती, अपितु उसका सक्रिय विरोध करती है। वह निडर, वाकपटु एवं आत्मविश्वास से भरपूर महिला है। उसमें लोगों को अपनी बातों से प्रभावित करने की भी क्षमता है। वह दूसरों की मदद करने के लिए तथा सच का साथ देने के लिए सदैव तत्पर रहती है। 

प्रश्न 2. 
अमित की वार्षिक परीक्षा की गणित की कॉपी रजनी को नहीं दिखाई गई, क्यों? क्या यह उचित था? इसका समाधान कैसे सम्भव हो सकता था ? 
उत्तर : 
प्राय: सभी विद्यालयों में वार्षिक परीक्षा की कॉपियाँ अभिभावकों को न दिखाने का नियम है। अत: हैडमास्टर साहब ने नियम का आधार लेकर यदि रजनी को अमित की कॉपी दिखाने से मना कर दिया तो कुछ भी गलत नहीं किया। किन्तु यदि किसी अभिभावक की शिकायत इस विषय में हैडमास्टर को मिले और उसे लगे कि शिकायत की जाँच की जानी चाहिए तो हैडमास्टर को स्वयं उस कॉपी का निरीक्षण करना चाहिए और यदि सही सवाल को काटा गया है या उस पर नम्बर नहीं दिए गए हैं तो कॉपी का पुनः मूल्याकंन कर विद्यार्थी के साथ न्याय करना चाहिए। उच्च पदासीन व्यक्तियों से स्वविवेक के आधार पर न्याय की आशा की जाती है और इसीलिए लोग उनके पास शिकायत लेकर जाते हैं। पदाधिकारियों को स्वविवेक से जनता की शिकायतों का निवारण अवश्य करना चाहिए। 

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प्रश्न 3. 
रजनी ने जो प्रस्ताव बोर्ड को भेजा वह ज्यों का त्यों क्यों स्वीकार कर लिया गया ? इससे क्या ध्वनित होता है? 
उत्तर : 
रजनी का प्रस्ताव था कि “कोई भी टीचर अपने स्कूल के छात्र का ट्यूशन नहीं लेगा" ज्यों का त्यों इसलिए स्वीकार कर लिया गया क्योंकि यह व्यावहारिक था। इससे इस प्रकार की समस्या जो अमित के साथ उत्पन्न हुई और किसी छात्र के साथ उत्पन्न नहीं होगी। साथ ही ट्यूशन पर पूरी रोक भी इसमें नहीं है क्योंकि कमजोर बच्चों के लिए यदि ट्यूशन आवश्यक है तो कुछ अध्यापकों को अपने गुजारे के लिए भी ट्यूशन की जरूरत रहती है। इस प्रस्ताव से दोनों बातें पूरी हो रही थीं। बस टीचर अपने स्कूल के विद्यार्थियों को ट्यूशन नहीं पढ़ा सकता था, जिससे जोर-जबर्दस्ती से ट्यूशन पढ़ने को विवश करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लग गया था। 

इस प्रस्ताव से यह ध्वनित हो रहा है कि रजनी कमजोर बच्चों का ट्यूशन पढ़ने के खिलाफ न थी, साथ ही वह अध्यापकों द्वारा किसी को ट्यूशन पढ़ाने की भी विरोधी न थी। वह तो केवल जोर-जबर्दस्ती करके ट्यूशन पढ़ने के लिए विवश किए जाने का विरोध कर रही थी। 

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न -

प्रश्न 1. 
अमित के चरित्र पर प्रकाश डालिए। 
उत्तर : 
अमित लीलाबेन और कांतिभाई का पुत्र है, जिसने सातवीं कक्षा की परीक्षा दी है। उसके मैथ्स टीचर उसे मैथ्स की ट्यूशन लेने को बाध्य करते हैं, किन्तु माता-पिता की आर्थिक मजबूरी के कारण वह ट्यूशन नहीं ले पाता। परिणामतः टीचर वार्षिक परीक्षा में उसे केवल 72 नम्बर देता है, जबकि उसने सब प्रश्न सही किये थे। अमित मेधावी छात्र है। 

कक्षा में सदैव प्रथम या द्वितीय स्थान पाता रहा है, पर इस बार टीचर के अन्याय का शिकार होकर छठवाँ स्थान प्राप्त करता है जिसका उसे दुःख है। अध्यापक की शिकायत वह नहीं करना चाहता क्योंकि उसे डर है कि अगली कक्षाओं में उसके साथ और बुरा बर्ताव किया जाएगा। गणित में कम नम्बरों के लिए वह अपनी माँ को दोषी मानता है, क्योंकि बार-बार कहने पर भी उन्होंने उसकी ट्यूशन नहीं लगवाई। रजनी आंटी को वह अपना 'हीरो' (आदर्श) मानता है। 

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प्रश्न 2. 
रजनी के चरित्र की कौन-सी विशेषताएँ आपको अच्छी लगी और क्यों? 
उत्तर : 
रजनी एक संघर्षशील महिला है जो अन्याय एवं अत्याचार को बर्दाश्त नहीं करती। उसका मानना है कि गुनाह करने वाला तो दोषी है ही साथ ही वे लोग भी दोषी हैं जो गुनहगार के विरुद्ध आवाज नहीं उठाते और चुपचाप उसे सहन करते रहते हैं। रजनी को जब यह पता चला कि अमित के साथ अन्याय हुआ है और सही सवाल करने पर भी उसे नम्बर इसलिए नहीं दिए गए क्योंकि उसने 'सर' के कहने पर भी ट्यूशन पढ़ना स्वीकार नहीं किया था, तो उसने इसकी शिकायत हैडमास्टर से की। 

जब हैडमास्टर ने रजनी द्वारा शिकायत करने पर अपनी असमर्थता जाहिर की तो रजनी हताश नहीं हुई, अपितु उसने यह मामला एजूकेशन डायरेक्टर के सामने उठाया। उन्होंने जब कहा कि केवल आपकी ही शिकायत आई है तो रजनी ने छात्रों के अभिभावकों से मिलकर शिकायतों का ढेर लगवा दिया। मीटिंग की गई और साथ ही यह समस्या अखबार के सम्पादक के सामने रखी गयी। 

उनका पूरा सहयोग मिला और रजनी ने मीटिंग में यह प्रस्ताव रखा कि बोर्ड हमारी इस माँग को स्वीकार करे कि स्कूल का कोई टीचर अपने विद्यार्थियों की ट्यूशन नहीं ले सकेगा जिससे बच्चों पर ट्यूशन पढ़ने का दबाव नहीं रहेगा और उनके नम्बर नहीं काटे जा सकेंगे। यदि कोई टीचर अपने छात्रों को ट्यूशन पढ़ायेगा तो उसके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। 

रजनी का यह प्रस्ताव बोर्ड ने ज्यों का त्यों स्वीकार कर लिया और तब उसकी विजय पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उसके पति ने रजनी से कहा-आई एम प्राउड ऑफ यू। रियली आई एम प्राउड ऑफ यू। रजनी का जुझारूपन, हिम्मत न हारने की प्रवृत्ति और अपने लक्ष्य को पाने के लिए किया गया प्रयास जैसी चारित्रिक विशेषताएँ मुझे बहुत अच्छी लगीं।

रजनी Summary in Hindi 

लेखिका परिचय :

हिन्दी की यशस्वी महिला कथाकार मन्नू भण्डारी का जन्म 1931 ई. में मध्य प्रदेश के भानपुरा में हुआ। उनकी शिक्षा-दीक्षा अजमेर में हुई और यहीं उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की। राजेंद्र यादव से उन्होंने विवाह किया जो स्वयं जाने-माने कथाकार हैं। मन्नू भण्डारी कहानी लेखन में उस समय सक्रिय हुई जब नई कहानी आंदोलन अपने उत्कर्ष पर था। उनकी कहानियों में नारी-जीवन से जुड़े प्रश्नों को मार्मिकता से प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहानियों के साथ-साथ उपन्यासों की रचना भी की है। 

कृतियाँ-(क) कहानी संग्रह-1. एक प्लेट सैलाब 2. मैं हार गई, 3. तीन निगाहों की एक तसवीर, 4. यही सच है, 5. त्रिशंकु, 6. आँखों देखा झूठ। 
(ख) उपन्यास-1. आपका बंटी, 2. महाभोज, 3. स्वामी, 4. एक इंच मुस्कान (राजेंद्र यादव के साथ सह लेखन)। (ग) पटकथाएँ-1. रजनी, 2. निर्मला, 3. स्वामी, 4. दर्पण। 

मन्नू जी को हिन्दी अकादमी दिल्ली का शिखर सम्मान, भारतीय भाषा परिषद् कोलकाता, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, बिहार सरकार तथा उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा भी पुरस्कृत किया जा चुका है।. 

हिन्दी साहित्य में स्थान-मन्नू भंडारी एक संवेदनशील महिला कथाकार के रूप में जानी जाती हैं। 'आपका बंटी' उपन्यास में उन्होंने तलाकशुदा दंपत्तियों के बच्चों पर पड़ने वाले प्रभाव की समस्या प्रस्तुत की है, तो महाभोज में समकालीन राजनीति में आई गिरावट को विषय बनाया गया है। उनके पात्र यथार्थ जगत के हमारे आस-पास के पात्र हैं।

RBSE Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 7 रजनी 

पाठ सारांश :

'रजनी' दूरदर्शन का एक धारावाहिक था, जिसकी प्रत्येक कड़ी अपने में स्वतंत्र एवं पूरी होती थी। इसकी प्रमुख स्त्री पात्र रजनी थी, जो सभी कड़ियों को आपस में जोड़ देती थी। यह एक जुझारू तथा इंसाफ पसंद स्त्री पात्र है तथा समाज एवं राजनीति के क्षेत्र में आई समस्या को दूर करने का सफल प्रयास करती है। प्रस्तुत पाठ का सार इन शीर्षकों में प्रस्तुत किया जा सकता है - अमित का परीक्षाफल-रजनी की पड़ोसिन लीलाबेन के पुत्र अमित का आज रिजल्ट आने वाला है। अमित एक प्रतिभाशाली बच्चा है। उसे और उसकी माँ को पूरा विश्वास है कि अमित कक्षा में फर्स्ट आएगा। अमित जब रिजल्ट लेकर घर आया तो उसका चेहरा उतरा हुआ था। उसने अपनी माँ से कहा कि मैं आपसे बार-बार कहता था कि मैथ्स में मेरी ट्यूशन लगवा दीजिए वरना मेरा रिजल्ट बिगड़ जाएगा, वही हुआ।

कुल 72 नम्बर मिले हैं जबकि दूसरे विषयों में नम्बर हैं-इंगलिश में 86, हिस्ट्री में 80, सिविक्स में 88, हिन्दी में 82, ड्राइंग में 901 उसकी माँ कहती है कि तू तो कहता था मैथ्स का पेपर बहुत अच्छा हुआ था, फिर भी नम्बर नहीं दिए ? अमित रोने लगता है, रजनी उसे अपने से सटा लेती है और पूछती है कि तुझे अच्छी तरह याद है कि तूने पेपर ठीक किया था। अमित कहता है-हाँ, मेरे सब सवाल सही थे। .. पाठक सर की ज्यादती-यह पूछने पर कि मैथ्स के सर कौन हैं ? रजनी को अमित उनका नाम बताता है-मिस्टर पाठक सर। उनसे 22 लड़के ट्यूशन लेते थे। हाफ इयरली में अमित के 90 नम्बर मैथ्स में थे। तभी से उन्होंने उससे ट्यूशन लेने के लिए जोर डालना प्रारंभ कर दिया था। अमित ने जब मम्मी-पापा से कहा तो उन्होंने कह दिया कि मैथ्स तो तेरा बहुत अच्छा है, अब देख लो मेरी सिक्स्थ पोजीशन आई है। अमित फिर रुआँसा हो जाता है।

हैडमास्टर से शिकायत - रजनी को सरासर पाठक सर की गलती लगती है। रजनी दूसरे दिन हैडमास्टर के पास जाकर अमित की मैथ्स की कापी देखना चाहती है, पर हैडमास्टर नियमों का हवाला देकर इनकार कर देता है कि इयरली एक्जाम की कापी अभिभावक को नहीं दिखाई जा सकती। रजनी जब मैथ्स के टीचर की शिकायत करती है, तो भी हैडमास्टर कुछ कर सकने में यह कहकर अपनी मजबूरी बताता है कि ट्यूशन करना टीचर्स और स्टूडेंट्स का आपसी मामला है, मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता। तब रजनी हैडमास्टर से कहती है कि आपको अपनी कुर्सी छोड़ देनी चाहिए। हैडमास्टर नाराज होकर उसे कमरे से बाहर चले जाने को कहता है।

घर पर रवि से वार्तालाप-घर लौटकर जब वह सारा वाकया अपने पति रवि को बताती है तो वह भी रजनी को ही गलत बताता है, पर रजनी कहती है कि गलती करने वाला तो गुनहगार होता ही है पर उसे बर्दाश्त करने वाला भी कम गुनहगार नहीं। इसी से चारों तरफ अन्याय, अत्याचार, धाँधलियाँ हो रही हैं। तुम जैसे लोगों के कारण ही देश रसातल को जा रहा है, स्थितियाँ सुधरती नहीं पर मैं ऐसा नहीं होने दूंगी।

शिक्षाधिकारी से शिकायत - रजनी शिकायत लेकर डायरेक्टर ऑफ एजूकेशन के पास जाती है और उन्हें बताती है कि स्कूलों में किस प्रकार टीचर होशियार बच्चे को भी जबरदस्ती ट्यूशन लेने को विवश करते हैं और न लेने पर परीक्षा में कम नम्बर देते हैं। वह यह भी कहती है कि मैंने यह शिकायत हैडमास्टर से भी की पर उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया। निर्देशक भी कह देता है कि शायद आप पहली और आखिरी महिला हैं, जो ऐसी शिकायत लेकर आई हैं। रजनी कहती है कि शिकायतों का मैं ढेर लगवा दूंगी।

आंदोलन का सकारात्मक प्रभाव-रजनी एक-एक करके कई घरों में महिलाओं से मिलती है। उसके साथ लीलाबेन और अन्य महिलाएँ भी हैं। ट्यूशन सम्बन्धी सैकड़ों शिकायतें एकत्र हो जाती हैं, जिन्हें लेकर वह अखबार के संपादक से मिलती है। रजनी मीटिंग बुलाती है और इस समस्या को आंदोलन का रूप देकर जोरदारी से उठाती है। वह बोर्ड के सामने यह प्रस्ताव रखती है कि .. ऐसा नियम बनाया जाय कि कोई भी टीचर अपने ही स्कूल के छात्रों का ट्यूशन नहीं करेगा। ऐसा होने पर नम्बर काटने जैसी गंदी हरकतें स्वत: बंद हो जाएँगी। यदि फिर भी कोई टीचर नियम का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

अगले दिन के अखबार में यह खबर छपती है कि बोर्ड ने उसके प्रस्ताव को ज्यों का त्यों स्वीकार कर लिया है। रवि अपनी पत्नी रजनी को इसके लिए बधाई देता है। लीलाबेन, अमित और उसके पिता कांतिभाई भी अत्यन्त प्रसन्न हैं। अमित दौड़कर रसमलाई लाकर रजनी को खिलाने लगता है, पर रजनी उसे अमित के मुँह में ही डाल देती है।

RBSE Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 7 रजनी 

कठिन शब्दार्थ :

  • मध्यवर्गीय = मध्यम आय वर्ग का परिवार (मिडिल क्लास फेमिली) 
  • फ्लैट = बिल्डिंग में बने मकानों में से एक 
  • रिजल्ट = परिणाम 
  • फर्स्ट = प्रथम स्थान
  • सेकंड = द्वितीय स्थान
  • भोग नहीं लगा लेता = खिला नहीं लेता 
  • आंटी = चाची
  • हीरो = आदर्श व्यक्ति।  
  • मेधावी = होशियार
  • कांग्रेचुलेशंस = बधाइयाँ
  • मैथ्स = गणित 
  • हिस्ट्री = इतिहास
  • सिविक्स = नागरिक शास्त्र 
  • ड्राइंग = चित्रकला। 
  • ट्यूशन = घर पर शिक्षक द्वारा पढ़ाया जाना 
  • आर्थिक मजबूरी = धनाभाव
  • अँधेर होना = अन्याय होना 
  • पेपर = पर्चा 
  • भौंहों में बल पड़ना = क्रोध या आक्रोश का भाव आना
  • सटा लेना = पास ले लेना (चिपका लेना)
  • सर = अध्यापक, 
  • टर्मिनल = तिमाही
  • हाफईयरली = अर्द्धवार्षिक 
  • ईयरली = वार्षिक परीक्षा। 
  • सिक्स्थ पोजीशन = छठवाँ स्थान
  • घुड़कती है = डाँटती हैं 
  • शिकंजी = नीबू का शर्बत, प्लीज: कृपया। 
  • जुलुम-ज्यादती = अन्याय एवं अत्याचार 
  • बर्दाश्त = सहन
  • हैडमास्टर = प्रधानाध्यापक, टेबल- मेज 
  • मैप = नक्शा
  • अदब = आदर,चिट नाम लिखी स्लिप
  • सेविंथ क्लास = सातवीं कक्षा 
  • ईयरली एक्जाम्स = वार्षिक परीक्षा की,रिजल्ट परीक्षा परिणाम। 
  • पेरेंट्स = माता-पिता, (अभिभावक)
  • सेंटपरसेंट = सौ में से सौ
  • तैश = गुस्सा
  • व्हाट डू यू मीन = आप कहना क्या चाहती हैं? (आपका मतलब क्या है), 
  • आई मीन व्हाट आई से = मेरा वही मतलब है, जो मैं कह रही हूँ, खयाल विचार
  • हरकतें = गलत कार्य 
  • मजबूर = विवशा   
  • टीचर्स = अध्यापकों 
  • स्टूडेंट्स = विद्यार्थियों 
  • मेहरबानी करके = कृपा करके 
  • धाँधलियों = गलत कार्यों
  • मासूम = भोले-भाले
  • बेगुनाह = जिसका कोई दोष या अपराध न हो, (निर्दोष) 
  • शिकंजे = फन्दा (बन्धन)
  • गुनाह = अपराध (दोष)
  • विल यू प्लीज गेट आउट ऑफ दिस रूम = कृपया आप इस कक्ष से बाहर चली जाएँ 
  • घिनौना रेकेट = गन्दा (निंदनीय) गिरोह
  • तमतमाती हुई = क्रोध व्यक्त करती हुई, चिन्दी-चिन्दी फाड़कर टुकड़े-टुकड़े करना
  • ब्रीफकेस = छोटी अटैची। 
  • किचन = रसोईघर 
  • बोलती बन्दकरना = जवाब देने लायक न रहना 
  • शिकार होना = ग्रस्त होना (फंदे में पड़ना)।
  • गुनहगार = अपराधी 
  • बर्दाश्त = सहन 
  • माई फुट = मेरी जूती से (क्रोध व्यक्त करने का वाक्यांश) 
  • सूली पर चढ़ाना = दण्ड देना 
  • डायरेक्टर ऑफ एजूकेशन = शिक्षा निदेशक 
  • ऑफिस = कार्यालय 
  • स्टूल = तिपाई
  • विजी = व्यस्त 
  • पेपरवेट = कागज दबाने के लिए प्रयुक्त काँच की बनी वजनदार वस्तु। 
  • सुनतीच नहीं = सुनती ही नहीं 
  • रिलेशंस = सम्बन्ध, 
  • रिसर्च प्रोजेक्ट = शोध परियोजना
  • व्हेरी इंटरेस्टिंग सब्जेक्ट = बहुत मजेदार (रोचक) विषय। 
  • रिकगनाइज = मान्यता देना 
  • ग्रांट = अनुदान, 
  • इज अवर ड्यूटी, मैडम = श्रीमती जी यह हमारा कर्त्तव्य है 
  • एड = सहायता, कंट्रोल नियन्त्रण 
  • आफकॉर्स = क्यों नहीं (वास्तव में नियन्त्रण रहता है) 
  • सिलेबस = पाठ्यक्रम 
  • फाइनल ईयर = अन्तिम वर्ष 
  • एक्जाम्स = परीक्षाएँ 
  • बोर्ड = शिक्षा परिषद् 
  • कंडक्ट = संचालित 
  • कौंचना = तंग करना। 
  • वैरी सैड = बहुत दुख है 
  • एक्शन = कार्यवाही
  • क्या खूब = बहुत अच्छे, दखलअन्दाजी हस्तक्षेप, इंपोर्टेन्ट मैटर्स जरूरी मामले 
  • सेमीनार्स = संगोष्ठियाँ 
  • आर्गनाइज = आयोजित करना 
  • रजिस्टर = पंजिका 
  • महसूस = अनुभव 
  • इश्यू = मुद्दा (मामला)
  • आँख मूंदकर रहना = अलग रहना 
  • राहत = सुखद अनुभूति 
  • धुआँधार = जोरदारी से। 
  • राइटअप = लेख (प्रतिवेदन) 
  • पी.टी.आई = प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (समाचार एजेंसी का नाम)
  • फ्लेश करवाना = सब तक पहुँचना
  • बैनर = जिस पर नारे आदि लिखें हों वह कपड़ा, माहौल वातावरण 
  • फोकस करना = केन्द्रित करना, प्रेस वाले अखबार वाले (पत्रकार) 
  • माइक = लाउडस्पीकर का माइक 
  • मंजिल = लक्ष्य 
  • पर्दाफाश = अनावरण (सामने लाना) 
  • सख्त = कड़ी। 
  • धज्जियाँ बिखेरना = नष्ट कर देना
  • आई एम प्राउड ऑफ यू = मुझे तुम पर गर्व है
  • रियली = वास्तव में। 

RBSE Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 7 रजनी

सप्रसंग व्याख्याएँ एवं अर्थग्रहण सम्बन्धी प्रश्नोत्तर - 

1. हाँ ! कापी लौटाते हुए कहा था कि तुमने किया तो अच्छा है पर यह तो हाफ ईयरली है ....... बहुत आसान पेपर होता है इसका तो। अब अगर ईयरली में भी पूरे नम्बर लेने हैं तो तुरन्त ट्यूशन लेना शुरू कर दो। वरना रह जाओगे। सात लड़कों ने तो शुरू भी कर दिया था। पर मैंने जब मम्मी-पापा से कहा, हमेशा बस एक ही जवाब (मम्मी की नकल उतारते हुए) मैथ्स में तो तू वैसे ही बहुत अच्छा है, क्या करेगा ट्यूशन लेकर ? देख लिया अब ? सिक्स्थ पोजीशन आई है मेरी, जो आज तक कभी नहीं आई थी। (अमित की आँखों से फिर आँसू टपक पड़ते हैं।) रजनी-(डाँटते हुए) फिर आँसू! जानता नहीं, रोने वाले बच्चे रजनी आण्टी को बिल्कुल पसन्द नहीं। मम्मी ने बिल्कुल ठीक ही कहा और ठीक ही किया। जिस विषय में तुम वैसे ही बहुत अच्छे हो, उसमें क्यों लोगे ट्यूशन ? ट्यूशन तो कमजोर बच्चे लेते हैं। 

संदर्भ एवं प्रसंग - प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक 'आरोह' में संकलित मन्नू भण्डारी द्वारा रचित धारावाहिक 'रजनी' से लिया गया है। इस अंश में अमित रजनी को बता रहा है कि पाठक सर ने ट्यूशन पढ़ने के लिए उस पर दबाव डाला। 

व्याख्या - रजनी के पूछने पर अमित ने कहा कि पाठक सर ने छमाही परीक्षा की कापी लौटाते समय उससे यह कहा था कि उसने पेपर तो अच्छा हल किया था पर छमाही परीक्षा का प्रश्न पत्र तो बहुत आसान होता है। यदि वह (अमित) वार्षिक परीक्षा में पूरे अंक चाहता है तो उसे तुरंत उनसे (पाठक सर से) ट्यूशन लेना आरंभ कर देना चाहिए। वरना वह पिछड़ जायेगा। कक्षा के सात लड़कों ने तुरंत ही उनका ट्यूशन लेना आरम्भ भी कर दिया था। 

पर जब उसने (अमित ने) अपने मम्मी-पापा से ट्यूशन पढ़ाने के लिए कहा तो उन्होंने वही रटा-रटाया जवाब दिया कि मैथ्स में तो वह पहले ही बहुत अच्छा था फिर उसे ट्यूशन लेने की क्या आवश्यकता थी? उसका नतीजा सामने था। उसकी (अमित की) छठवीं पोजीशन आई है जो पहले कभी नहीं आई। रजनी ने उसे आँसू टपकाते देख डाँट दिया और कहा कि उसे रोने वाले बच्चे बिलकुल पसंद नहीं। उसने अमित को समझाया कि उसकी मम्मी ने जो कहा वह बिल्कुल ठीक था। तुम्हें ट्यूशन न दिलवाकर उन्होंने कोई गलती नहीं की।
 
विशेष - अमित जैसे अनेक मेधावी छात्रों का ट्यूशन खोर अध्यापकों द्वारा इसी तरह शोषण किया जाता है। लेखिका ने इसी समस्या की ओर जनता और अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया है। क्योंकि जिस विषय में वह पहले से ही अच्छा है उसमें वह ट्यूशन क्यों लेगा? ट्यूशन तो पढ़ाई में कमजोर बच्चे लिया करते हैं।

प्रश्न :
1. पाठक सर ने अर्द्धवार्षिक परीक्षा में अमित के अच्छे अंक आने पर क्या कहा था ? 
2. पाठक सर ने अमित पर ट्यूशन लेने का दबाव कैसे डाला? 
3. अमित के मम्मी-पापा ने वार्षिक परीक्षा में कम अंक आने पर उसे क्या समझाया ?  
4. अमित के दुखी होकर आँसू टपकाने पर रजनी ने क्या कहा ? 
उत्तर :
1.पाठक सर ने कहा था कि अर्द्धवार्षिक परीक्षा में उसके अच्छे अंक इसलिए आ गए थे कि पेपर बहुत आसान था। 
2. पाठक सर घर पर बच्चों को ट्यूशन लेने के लिए दबाव डाला करते थे। उन्होंने अमित से भी कहा कि यदि वह चाहता था कि वार्षिक परीक्षा में उसके अच्छे अंक आयें तो उसे उनका (पाठक सर का) ट्यूशन लेना आरंभ कर देना चाहिए। 
3. वार्षिक परीक्षा में कम अंक आने पर जब अमित ने उसे ट्यूशन न दिलाने का नतीजा बताया तो उसकी मम्मी ने उसे समझाया कि वह तो गणित में पहले ही होशियार है। उसे ट्यूशन लेने की कोई आवश्यकता नहीं थी। 
4. रंजनी ने रोने पर अमित को डाँटा और कहा कि रोने वाले बच्चे उसे पसन्द नहीं। उसकी मम्मी ने ट्यूशन के बारे में बिल्कुल सही कहा था। कमजोर बच्चे ट्यूशन लेते हैं। होशियार बच्चों को ट्यूशन की क्या आवश्यकता है। 

RBSE Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 7 रजनी

2. हेडमास्टर - देखिए यह टीचर्स और स्टूडेंट्स का अपना आपसी मामला है, वो पढ़ने जाते हैं और वो पढ़ाते हैं। इसमें न स्कूल आता है, न स्कूल के नियम। इस बारे में हम क्या कर सकते हैं ? 
रजनी - कुछ नहीं कर सकते आप ? तो मेहरबानी करके यह कुर्सी छोड़ दीजिए। क्योंकि यहाँ पर कुछ कर सकने वाला आदमी चाहिए। जो ट्यूशन के नाम पर चलने वाली धाँधलियों को रोक सके....मासूम और बेगुनाह बच्चों को ऐसे टीचर्स के शिकंजों से बचा सके जो ट्यूशन न लेने पर बच्चों के नम्बर काट लेते हैं....और आप हैं कि कॉपियों न दिखाने के नियम से उनके सारे गुनाह ढक देते हैं। 
हेडमास्टर - (चीखकर) विल यू प्लीज गेट आउट ऑफ दिस रूम। 

संदर्भ एवं प्रसंग - प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक 'आरोह' में संकलित मन्नू भण्डारी द्वारा रचित धारावाहिक 'रजनी' से लिया गया है। इसमें रजनी अमित के साथ हुए उस अन्याय की शिकायत करने हैडमास्टर के पास जाती है और उनसे वहाँ बच्चों को ट्यूशन लेने को मजबूर किये जाने की निंदा करती है। 

व्याख्या - रजनी पाठक सर की हरकत को जानकर बहुत आवेश में थी। अमित और उसकी मम्मी द्वारा मना किये जाने पर भी वह हैडमास्टर से शिकायत करने जा पहुँची। वहाँ दोनों में कहासुनी हो गई। हैडमास्टर ने कहा कि ट्यूशन लेना और ट्यूशन देना, अध्यापकों और विद्यार्थियों के बीच का मामला होता है। छात्र पढ़ना चाहते हैं और अध्यापक उन्हें पढ़ाते हैं। यह मामला है। इसमें स्कूल और स्कूल के नियमों की कोई भूमिका नहीं होती। 

इस विषय में वह (हैडमास्टर) कुछ नहीं कर सकते हैं। रजनी यह जवाब सुनकर भड़क गई। वह हैडमास्टर से बोली कि अगर वह कुछ नहीं कर सकते तो उन्हें यह हैडमास्टर की कुर्सी छोड़ देनी चाहिए। इस पद पर तो ऐसा आदमी बैठना चाहिए जो छात्रों के साथ होने वाले अन्याय से उन्हें बचाये और दोषी को दण्डित कर सके। ट्यूशन के नाम पर चल रही धाँधलियों को रोक सकें। हैडमास्टर तो ऐसा होना चाहिए। 

आपके विद्यालय में ऐसे अध्यापक कार्यरत हैं जो निर्दोष बच्चों पर ट्यूशन लेने को दवाब बनाते और जो बच्चा ट्यूशन नहीं लेता उसको जान-बूझकर कम अंक देते हैं। रजनी ने हैडमास्टर पर आरोप लगाया कि वह कापियाँ न दिखाने के नियम का हवाला देकर उस अध्यापक के कृत्य पर पर्दा डाल रहे थे। इतना सुनते ही हैडमास्टर साहब आपे से बाहर हो गए और उन्होंने चीखते हुए रजनी से बाहर चले जाने को कह दिया। 

विशेष - हमारी शिक्षा व्यवस्था का नग्न रूप लेखिका ने इस घटना द्वारा प्रस्तुत किया है। ऐसे धनलोलुप शिक्षक, शिक्षा-जगत के माथे पर कलंक ही माने जाने चाहिए। 

प्रश्न :
1. रजनी द्वारा गणित के अध्यापक के विरुद्ध शिकायत करने पर हैडमास्टर ने क्या कहा ? 
2. रजनी ने हैडमास्टर पर आक्रोश व्यक्त करते हुए क्या कहा ? 
3. रजनी हैडमास्टर से क्या अपेक्षा कर रही थी ? 
4. हैडमास्टर ने रजनी से कमरे के बाहर जाने को क्यों कहा? 
उत्तर : 
1. ट्यूशन न करने पर अमित को कम अंक देने वाले गणित अध्यापक की जब रजनी ने हैडमास्टर से शिकायत की तो उसने कहा कि यह शिक्षकों और छात्रों के बीच का आपसी मामला है। इसमें स्कूल और नियम कुछ नहीं कर सकते। उसने स्वयं को भी कुछ करने में असमर्थ बताया।
 
2. जब हैडमास्टर ने ट्यूशन मामले में कुछ भी न कर सकने की बात कही तो रजनी ने हैडमास्टर पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि यदि आप कुछ नहीं कर सकते तो मेहरबानी करके यह कुर्सी छोड़ दीजिए।
 
3.रजनी हैडमास्टर से यह अपेक्षा कर रही थी कि वह ऐसे अध्यापक के खिलाफ कार्यवाही करें जो ट्यूशन न लेने वाले छात्रों को सही सवालों पर भी कम नम्बर देते हैं। वह चाहती थी कि अमित की कॉपी देखकर यह सुनिश्चित कर लें कि उसका कथन सही है।
 
4. रजनी ने हैडमास्टर से कुर्सी छोड़ देने को कहा। उसने उस पर आरोप लगाया कि वह कापी न दिखाने के नियम की आड़ में एक भ्रष्ट अध्यापक का बचाव कर रहे थे। रजनी के ऐसा कहने पर हैडमास्टर साहब ने क्रोध व्यक्त करते हुए चीखकर अंग्रेजी में कहा "विल यू प्लीज गेट आउट ऑफ दिस रूम।" 

RBSE Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 7 रजनी

3. देखो, तुम मुझे फिर गुस्सा दिला रहे हो रवि ...... गलती करने वाला तो है ही गुनहगार, पर उसे बर्दाश्त करने वाला भी कम गुनहगार नहीं होता है, जैसे लीलाबेन और कांतिभाई और हजारों-हजारों माँ-बाप। लेकिन सबसे बड़ा गुनहगार तो वह है जो चारों तरफ अन्याय, अत्याचार और तरह-तरह की धांधलियों को देखकर भी चुप बैठा रहता है, जैसे तुम (नकल उतारते हुए हमें क्या करना है, हमने कोई ठेका ले रखा है दुनिया का। (गुस्से और हिकारत से)माई फुट (उठकर भीतर जाने लगती है। जाते-जाते मुड़कर )तुम जैसे लोगों के कारण ही तो इस देश में कुछ नहीं होता, हो भी नहीं सकता। (भीतर चली जाती है।). 

संदर्भ एवं प्रसंग - प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक 'आरोह' में संकलित मन्नू भण्डारी की रचना 'रजनी' से लिया गया है। इस अंश में रजनी का अपने पति से विवाद चल रहा है। 

व्याख्या - रंजनी के पति को जब ज्ञात हुआ कि रजनी लीलाबेन के पुत्र के साथ हुए अन्याय के विरोध में स्कूल गई थी तो उसने ताना दिया कि उसने (रजनी ने) सारी दुनिया के झंझट सुलझाने का ठेका नहीं लिया है। इस पर रजनी भड़क गई और बोली कि वह उसे फिर क्रोध दिला रहा था। वह बोली कि जो गलती करता है वह तो दोषी होता ही है लेकिन जो उस गलती को चुपचाप सहन कर लेता, है वह भी कम दोषी नहीं होता। 

इन लीलाबेन और कांतिभाई को देख लो, और भी ऐसे हजारों माँ-बाप होंगे जो अन्याय का विरोध नहीं करते। रजनी बोली कि इनमें सबसे बड़ा अपराधी वह है जो अपने चारों ओर चल रहे अन्याय, उत्पीड़न और भ्रष्टाचार को देखकर भी चुप रहता है। रजनी ने अपने पति को भी ऐसा ही व्यक्ति बताया। उसे चिढ़ाया कि वह जो कह रहा है कि उसने सारी दुनिया का ठेका नहीं ले रखा है, यह इसी का प्रमाण है। जाते-जाते वह पति पर आक्षेप करती गई कि उस जैसे लोगों के कारण ही में सही काम नहीं हो पाते और हो भी नहीं सकते। 

विशेष - रजनी के माध्यम से लेखिका ने शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्ट आचरण वाले लोगों पर बड़ी तीखी चोट की है। 

प्रश्न :
1. रवि कौन है ? और उसकी किस बात पर रजनी को गुस्सा आ रहा है ? 
2. रजनी के अनुसार कौन गुनहगार है ? 
3. सबसे बड़ा गुनहगार रजनी किसे बताती है ? और क्यों ? 
4. रजनी ने पति के प्रति आक्रोश किस प्रकार व्यक्त किया ? 
उत्तर : 
1. रवि रजनी का पति है। रजनी ने जब अमित के स्कूल की घटना की जानकारी रवि को दी तो उसने कहा-हमें क्या करना है, हमने कोई ठेका ले रखा है. दुनिया का? उसकी इस बात पर रजनी को गुस्सा आ रहा है। 
2. रजनी के अनुसार गुनहगार गलती करने वाला तो है ही साथ ही वह भी गुनहगार है जो उसे चुपचाप बर्दाश्त करता रहता है, जैसे अमित के माता-पिता। 
3. रजनी सबसे बड़े गुनहगार उन्हें बताती है जो चारों तरफ व्याप्त अन्याय, अत्याचार एवं धाँधली देखकर भी चुपचाप बैठे रहते हैं जैसे उसका पति रवि जो उसे हतोत्साहित करते हुए कहता है हमें क्या करना है, हमने कोई ठेका ले रखा है दुनिया का?
4. रजनी पति के उदासीन रवैये से बहुत रुष्ट थी। उसने अन्याय को चुपचाप देखते रहने वाले अपने पति को सबसे बड़ा अपराधी कहा। उसने उसके कथनों का मजाक बनाते हुए उस पर आक्षेप किया कि उसके जैसे लोगों के कारण ही देश में सुधार नहीं हो पा रहे थे। 

RBSE Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 7 रजनी

4. रजनी-(निदेशक के चेहरे पर नजरें गढ़ाकर) स्कूलों में आजकल प्राइवेट ट्यूशंस का जो सिलसिला चला हुआ है, ट्यूशंस क्या बच्चों को लूटने का जो धंधा चला हुआ है, उसके बारे में आपका बोर्ड क्या करता है ? निदेशक-(बड़े सहज भाव से) इसमें धंधे की क्या बात है? जब किसी का बच्चा कमजोर होता है तभी उसके माँ-बाप ट्यूशन लगवाते हैं। अगर लगे कि कोई टीचर लूट रहा है तो टीचर से न लें ट्यूशन, किसी और के पास चले जाएँ.... यह कोई मजबूरी तो है नहीं। 

रजनी-बच्चा कमजोर नहीं, होशियार है ... बहुत होशियार .... उसके बावजूद उसका टीचर लगातार उसे कोंचता रहता है कि वह ट्यूशन ले .... वह ट्यूशन ले वरना पछताएगा। लेकिन बच्चे के माँ-बाप को जरूरी नहीं लगता और वे नहीं लगवाते। जानते हैं क्या हुआ? मैथ्स का पूरा पेपर ठीक करने के बावजूद उसे कुल 72 नम्बर मिलते हैं, जानते हैं क्यों ? ... क्योंकि उसने टीचर के बार-बार कहने पर भी ट्यूशन नहीं ली। 

संदर्भ एवं प्रसंग - प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक 'आरोह' में संकलित मन्नू भण्डारी की रचना 'रजनी' से लिया गया है। इस अंश में रजनी का शिक्षा निदेशक से वार्तालाप चल रहा है। 

व्याख्या - रजनी बातचीत में पहले निदेशक को अपने विचारों से सहमत कराती है और उसके बाद निदेशक के चेहरे पर नजरें जमाये हुए उससे पूछती है कि स्कूलों में प्राइवेट ट्यूशंस का जो सिलसिला चल रहा है, जिसे ट्यूशन नहीं बल्कि बच्चों को लूटने का धंधा कहा जाना चाहिए-उसके बारे में शिक्षा-बोर्ड क्या करता है ? क्या इस धाँधली की ओर बोर्ड का ध्यान अब तक गया है। 

यह सुनकर निदेशक महोदय ने बड़ी मासूमियत से उत्तर दिया कि उसमें धंधे जैसी तो कोई बात नजर नहीं आती। सीधी-सी बात है कि जब किसी माँ-बाप का बच्चा किसी विषय में कमजोर होता है तो वे उसका ट्यूशन लगवा देते हैं। अगर ऐसा लगता है कि कोई अध्यापक ट्यूशन की आड़ में अपनी जेबें भर रहा है अर्थात् बिना आवश्यकता के ही किसी छात्र को ट्यूशन के लिए विवश करता है तो बच्चे को उसके यहाँ से हटा लें और किसी अच्छी छवि वाले अध्यापक के यहाँ पढ़ाएँ। इसमें कोई रोक-टोक तो है नहीं।

रजनी ने कहा कि बच्चा कमजोर नहीं, बहुत होशियार है। इतने पर भी अध्यापक उसे ट्यूशन लेने के लिए दबाव डालता रहता है। उससे कहता है कि अगर वह ट्यूशन नहीं लेगा तो बहुत पछतायेगा। इतने पर भी बच्चे के माँ-बाप ट्यूशन को आवश्यक न समझकर ट्यूशन नहीं लगा रहे हैं। इसका नतीजा यह निकला कि गणित का प्रश्न पत्र पूरा सही करने पर भी उसे केवल बहत्तर अंक ही दिये गये। यदि वह अध्यापक का कहा मानकर ट्यूशन ले लेता तो उसे कहीं अधिक अंक दिये जाते।

विशेष - रजनी जैसे जुझारू लोग सामने आएँ तो विद्यालयों में छात्रों के साथ होने वाले इस अन्याय पर पूर्ण विराम लगा सकता है। फिर किसी भ्रष्ट शिक्षक का साहस नहीं होगा कि वह छात्रों को ब्लैकमेल कर सके।

प्रश्न :
1. रजनी ने निदेशक से क्या जानना चाहा है ? 
2. निदेशक ने रजनी की बात का क्या उत्तर दिया ? 
3. रजनी ने निदेशक को अमित के मैथ्स-टीचर के बारे में क्या जानकारी दी ? 
4. रजनी निदेशक से क्या अपेक्षा कर रही थी?"
उत्तर : 
1. रजनी शिक्षा निदेशक से यह जानना चाहती थी कि उस समय स्कूलों में प्राइवेट ट्यूशंस का जो सिलसिला चल रहा था। ट्यूशन के नाम पर बच्चों का शोषण हो रहा था। उसके प्रति बोर्ड क्या कदम उठाता था ? 
2. निदेशक ने रजनी को उत्तर दिया कि इसमें धंधे की क्या बात है ? जब किसी का बच्चा कमजोर होता है तभी उसके माँ-बाप ट्यूशन लगवाते हैं। अगर लगे कि कोई टीचर लूट रहा है तो उससे ट्यूशन न लें किसी और के पास चले जाएँ। 
3. रजनी ने निदेशक को बताया कि अमित ने मैथ्स का घूरा पेपर ठीक किया, किन्तु टीचर ने उसे केवल 72 नम्बर दिए, क्योंकि टीचर के कहने के बावजूद अमित ने उससे ट्यूशन नहीं ली थी। टीचर के इस कृत्य को वह अवैध और दण्डनीय मानती थी। 
4. रजनी निदेशक से यह अपेक्षा कर रही थी कि वह स्कूल के उन शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही करे जो बच्चों को जबरदस्ती ट्यूशन लेने के लिए विवश करते हैं और ट्यूशन न लेने पर बच्चों के नम्बर काट देते हैं। 

RBSE Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 7 रजनी

5. आप भी महसूस करते हैं न ऐसा? तो फिर साथ दीजिए हमारा। अखबार यदि किसी इश्यू को उठा ले और लगातार उस पर चोट करता रहे तो फिर वह थोड़े से लोगों की बात नहीं रह जाती। सबकी बन जाती है। आँख मूंदकर नहीं . रह सकता फिर कोई उससे। आप सोचिए जरा अगर इसके खिलाफ कोई नियम बनता है तो (आवेश के मारे जैसे बोला नहीं जा रहा है।) कितने पेरेंटस को राहत मिलेगी? कितने बच्चों का भविष्य सुधर जाएगा, उन्हें अपनी मेहनत का फल मिलेगा, माँ-बाप के पैसे का नहीं, शिक्षा के नाम पर बचपन से ही उनके दिमाग में यह तो नहीं भरेगा कि पैसा ही सब 

संदर्भ एवं प्रसंग - प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक 'आरोह' में संकलित मन्नू भण्डारी के धारावाहिक 'रजनी' से लिया गया है। इस अंश में रजनी ट्यूशन में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध अपने आंदोलन में समाचार-पत्र के संपादक से सहयोग माँग रही है। 

व्याख्या - रजनी निदेशक महोदय को चुनौती देने के बाद अपने विरोध को एक आंदोलन का रूप देने में जुट गई। वह एक समाचार पत्र के कार्यालय में जा पहुँची और संपादक को सारी घटना से अवगत कराते हुए आंदोलन में उसका सहयोग माँगा। रजनी ने कहा कि अगर वह उसके विचारों से सहमत हैं तो वह अभियान में उसका साथ दें। रजनी ने कहा कि जब अखबार किसी मामले. को हाथ में ले ले और जनता के सामने उसकी निरंतर आलोचना करता रहे तो वह मामला थोड़े से लोगों तक सीमित नहीं रहता। 

वह जनसाधारण की चर्चा का विषय बन जाता है और उसकी उपेक्षा अधिक दिन तक नहीं चल पाती है। रजनी ने कहा कि यदि शिक्षा विभाग इस भ्रष्ट परंपरा के विरुद्ध कोई नियम लागू कर.दे तो अनेक अभिभावकों को इस निंदनीय शोषण से मुक्ति मिल जायेगी। छात्रों का भविष्य उज्ज्वल होगा। उन्हें अपने परिश्रम और प्रतिभा का पूरा-पूरा फल भी प्राप्त होगा। माँ-बाप द्वारा चुकाए गये ट्यूशन के पैसों का फल नहीं होगा। ऐसा होने पर छात्र के मन में यह भावना दृढ़ होगी कि सब कुछ पैसे से ही नहीं होता। परिश्रम और प्रतिभा से भी सफलता पाई जा सकती है।

प्रश्न :
1. अखबार जब किसी 'इश्यू' को उठा लें तो क्या हो जाता है ? 
2. अखबार की ताकत का उल्लेख इस अवतरण में किसने और क्यों किया?
3. अगर इस मुद्दे पर रजनी की जीत हुई तो उससे लोगों को क्या लाभ होगा? 
4. रजनी के चरित्र की कौन-सी विशेषता यहाँ उभरी है ? 
उत्तर : 
1. अखबार जब किसी 'इश्यू' (मुद्दे) को उठा लेते हैं और लगातार उस पर लिखते हैं तो वह थोड़े लोगों की बात नहीं रह जाती, सबकी बात बन जाती है। अखबार में उठाए गए विषय से कोई आँख मूंदकर नहीं रह सकता। 

2. अखबार की यह ताकत होती है कि वह जन चेतना विकसित करता है और ऐसे मुद्दे उठाता है जो आम जनता के मुद्दे होते हैं। अखबार में मुद्दे आ जाने से फिर उसका कोई न कोई समाधान अवश्य निकलता है। 

3. रजनी ने बताया कि अगर ट्यूशन के मुद्दे पर उसकी जीत हुई और बोर्ड ने कोई नियम बना दिया तो इससे न जाने कितने अभिभावकों को राहत मिलेगी और कितने ही बच्चों का भविष्य सुधरेगा। उन्हें अपनी मेहनत का सच्चा फल मिलेगा न कि माँ-बाप के पैसे के बल पर वे शिक्षक को ट्यूशन फीस देकर पोजीशन प्राप्त करेंगे। 

4. रजनी अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित जुझारू महिला है और जो ठान लेती है, उसे करके दम लेती है। उसकी दृढ़ता और संघर्षशीलता जैसी विशेषताएँ यहाँ उभर कर सामने आई हैं। उसका संघर्ष समाज के वातावरण को सुधारने के लिए है। इसमें उसका कोई निजी स्वार्थ नहीं। 

RBSE Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 7 रजनी

6. इतनी बड़ी संख्या में आपकी उपस्थिति और जोश ही बता रहा है कि अब हमारी मंजिल दूर नहीं है। इन दो महीनों में लोगों से मिलने पर इस समस्या के कई पहलू हमारे सामने आए .... कुछ अभी आप लोगों ने भी यहाँ सुने। (कुछ रुककर ) यह भी सामने आया कि बहुत से बच्चों के लिए ट्यूशन जरूरी भी है। माताएँ इस लायक नहीं होती कि अपने बच्चों को पढ़ा सकें और पिता (जरा रुककर) जैसे वे घर के और किसी काम में जरा-सी भी मदद नहीं करते, बच्चों को भी नहीं पढ़ाते। (ठहाका, कैमरा उसके पति पर भी जाए) तब कमजे र बच्चों के लिए ट्यूशन जरूरी भी हो जाती है। (रुककर)बड़ा अच्छा लगा जब टीचर्स की ओर से भी एक प्रतिनिधि ने आकर बताया कि कई प्राइवेट स्कूलों में तो उन्हें इतनी कम तनख्वाह मिलती है कि ट्यूशन न करें तो उनका गुजारा ही न हो। कई जगह तो ऐसा भी है कि कम तनख्वाह देकर ज्यादा पर दस्तखत करवाए जाते हैं। 

ऐसे टीचर्स से मेरा अनुरोध है कि वे संगठित होकर एक आन्दोलन चलाएँ और इस अन्याय का पर्दाफाश करें (हॉल में बैठा हुआ पति धीरे से फुसफुसाता है, लो, अब एक और आन्दोलन का मसाला मिल गया, कैमरा फिर रजनी पर) इसलिए अब हम अपनी समस्या से जुड़ी सारी बातों को नजर में रखते हुए ही बोर्ड के सामने यह प्रस्ताव रखेंगे कि वह ऐसा नियम बनाए (एक-एक शब्द पर जोर देते हुए) कि कोई भी टीचर अपने ही स्कूल के छात्रों का ट्यूशन नहीं करेगा। (रुककर) ऐसी स्थिति में बच्चों के साथ जोर-जबरदस्ती करके उनके नम्बर काटने की गंदी हरकतें अपने आप बंद हो जाएंगी, साथ ही यह भी हो कि इस नियम को तोड़ने वाले टीचर्स के खिलाफ सख्त-से-सख्त कार्यवाही की जाएगी ....। अब आप लोग अपनी राय दीजिए। 

संदर्भ एवं प्रसंग - प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक 'आरोह' में संकलित मन्नू भंडारी के प्रसिद्ध धारावाहिक 'रजनी' से लिया गया है। इस अंश में एक सभा आयोजित होने के दृश्य का वर्णन है, जिसमें रजनी मुख्य वक्ता है। 

व्याख्या - अखबार के संपादक से मिलकर रजनी ने छात्रों के अभिभावकों की एक सभा का आयोजन किया। रजनी ने अभिभावकों, मीडिया और अन्य आगन्तुकों को संबोधित करते हुए कहा कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आने से और उनके उत्साह को देखकर उसे पूरा विश्वास हो गया कि अब इस आन्दोलन की सफलता में अधिक समय नहीं लगने वाला। रजनी ने यह भी बताया कि दो महीनों तक लोगों से मिलने और चर्चा करने से कई नई बातें सामने आयीं जिनमें से कुछ यहाँ बताई भी गयीं। रजनी ने कहा कि एक बात निकल कर आई कि कुछ पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए ट्यूशन की व्यवस्था आवश्यक भी होती है। 

घरों में माताएँ इतनी शिक्षित नहीं होती कि वे स्वयं बच्चों को पढ़ा सकें। रजनी ने पिताओं पर व्यंग्य करते हुए कहा कि वे तो घर के किसी भी काम में हाथ बँटाना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं, फिर वे बच्चों की पढ़ाई में ही सहायता क्यों करने लगे? ऐसी स्थिति में बच्चों को ट्यूशन का सहारा लेना आवश्यक हो जाता है। सभा में उपस्थित कई अध्यापकों ने रजनी को बताया कि प्राइवेट स्कूलों में तो अध्यापकों को इतमा कम वेतन दिया जाता है कि बिना ट्यूशन के उन्हें घर चलाना भी बहुत कठिन होता है। 

इसके अतिरिक्त ऐसे विद्यालय भी है जहाँ वेतन कम दिया जाता और हस्ताक्षर अधिक राशि पर करा लिए जाते हैं। रजनी ने ऐसे अध्यापकों से अनुरोध किया कि वे अन्याय नहीं सहन करें और संगठित होकर आंदोलन प्रारम्भ करें। रजनी ने बताया कि वह और उनके साथी सभी बातों पर ध्यान रखते हुए यह प्रस्ताव रखेंगे कि बोर्ड ऐसा नियम बनाये कि कोई भी अध्यापक अपने ही स्कूल के छात्रों को ट्यूशन नहीं पढ़ा सकेगा। 

ऐसा करने से विद्यालयों में छात्रों के साथ ट्यूशन लेने का दबाव डालना बंद हो जाएगा। नम्बर कम देने जैसी निंदनीय हरकतें भी रुक जाएँगी। नियम तोड़ने वालों पर कठोर कार्यवाही भी होनी चाहिए। इसके बाद रजनी ने लोगों से उनकी राय माँगी। 

विशेष - इस अंश के द्वारा लेखिका ने शिक्षा जगत में व्याप्त कुछ भ्रष्ट आचरणों को समाप्त करने का रचनात्मक और विश्वसनीय उपाय सुझाया है।

प्रश्न :
1. समस्या के कौन से पहलू रजनी के सामने पिछले दो महीनों में आए हैं ? 
2. टीचर्स की क्या-क्या परेशानियाँ इस अवतरण में बताई गई हैं ? 
3. बोर्ड के सामने रजनी क्या प्रस्ताव रखेगी ? 
4. इस गद्यांश से रजनी के व्यक्तित्व पर क्या प्रकाश पड़ता है ? 
उत्तर : 
1. रजनी के सामने ट्यूशन की समस्या के कई पहलू सामने आए। कुछ बच्चों के लिए ट्यूशन जरूरी है क्योंकि माँ पढ़ाने लायक नहीं होती और पिता के पास पढ़ाने को वक्त नहीं है। कुछ टीचर्स को वेतन इतना कम मिलता है कि ट्यूशन मजबूरी में करना पड़ता है अन्यथा उनका गुजारा न चले। 

2. टीचर्स की निम्न परेशानियाँ इस अवतरण में बताई गई हैं -  
(1) कम तनख्वाह देकर ज्यादा पर हस्ताक्षर करवाये जाते हैं। 
(2) प्राइवेट स्कूलों में वेतन कम दिया जाता है, अत: बिना ट्यूशन के गुजारा संभव नहीं। 

3. बोर्ड के सामने रजनी यह प्रस्ताव रखेगी कि वह ऐसा नियम बनाए कि कोई भी टीचर अपने ही स्कूल के छात्रों का ट्यूशन नहीं करेगा। ऐसी स्थिति में बच्चों के साथ जोर-जबरदस्ती करने, उनके नंबर काटने की गंदी हरकतें अपने आप बंद हो जाएँगी। साथ ही यही भी हो कि इस नियम को तोड़ने वाले टीचर्स के खिलाफ सख्त-से-सख्त कार्यवाही की जाएगी। 

4. इस गद्यांश से ज्ञात होता है कि रजनी धुन की पक्की और संघर्षशील महिला है। उसे जनमत बनाने की कला आती है। सभा में उसे मिला समर्थन संकेत करता है कि उसमें वाक् कुशलता है और नेतृत्व के समस्त गुण हैं। वह अपने लक्ष्य को प्राप्त किए बिना चैन से नहीं बैठती।

Prasanna
Last Updated on July 27, 2022, 8:58 a.m.
Published July 21, 2022