RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन Textbook Exercise Questions and Answers.

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 Chemistry in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 11. Students can also read RBSE Class 11 Chemistry Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 11 Chemistry Notes to understand and remember the concepts easily.

RBSE Class 11 Chemistry Solutions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन सिद्धांत तथा तकनीकें

RBSE Class 11 Chemistry हाइड्रोकार्बन Textbook Questions and Answers

प्रश्न 13.1. 
मेथेन के क्लोरोनीकरण के दौरान ऐथेन कैसे बनती है? आप इसे कैसे समझाएँगे?
उत्तर:
मेथेन का क्लोरोनीकरण एक मुक्तमूलक प्रतिस्थापन अभिक्रिया है जो शृंखला अभिक्रिया के रूप में तीन पदों में होती है। पहले पद में क्लोरीन मुक्तमूलक बनते हैं, दूसरे में अन्य मुक्तमूलक बनते हैं तथा तीसरे एवं अंतिम पद ( समापन पद) में पार्श्व अभिक्रिया द्वारा दो CH) (मेथिल मुक्तमूलक) जुड़ते हैं तथा वे कुछ मात्रा में सहउत्पाद के रूप में एथेन बनाते हैं।
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 1
संचरण पद
CH4 + Cl → CH3 + HCl
CH3 + Cl2 → CH3-Cl + Cl
समापन पद
Cl + Cl → Cl2
CH + Cl → CH3Cl
CH3 + CH3  → C2H6

RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 

प्रश्न 13.2. 
निम्नलिखित यौगिकों के IUPAC नाम लिखिए:
(क) CHCH = C(CH3)2 
(ख) CH2=CH-C = C-CH3
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 2
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 3

प्रश्न 13.3. 
निम्नलिखित यौगिकों, जिनमें द्विआबंध तथा त्रिआबंध की संख्या दर्शायी गई है, के सभी संभावित स्थिति समावयवों के संरचना - सूत्र एवं IUPAC नाम दीजिए:
(क) C4H8 (एक द्विआबंध) 
(ख) C5H8 (एक त्रिआबंध)। 
उत्तर:
(क) C4H8 ( एक द्विआबंध)
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 4

(ख) C5 H8 (एक त्रिआबंध)
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 5

प्रश्न 13.4. 
निम्नलिखित यौगिकों के ओजोनी अपघटन के पश्चात् बनने वाले उत्पादों के नाम लिखिए:
(i) पेन्ट-2-ईन
(ii) 3, 4 डाई मेथिलहेप्ट-3-ईन
(iii) 2 - एथिलब्यूट 1-ईन
(iv) 1-फेनिलब्यूट - 1- ईन
उत्तर:
(i) ऐथेनैल तथा प्रोपेनैल
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 6

(ii) ब्यूटेन - 2 - ऑन तथा पेन्टेन-2-ऑन
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 7

(iii) मेथेनैल तथा पेन्टेन - 3 - ऑन
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 8

(iv) बैजेल्डिहाइड तथा प्रोपेनैल
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 9

प्रश्न 13.5. 
एक ऐल्कीन 'A' के ओजोनी अपघटन से पेन्टेन-3- ओन तथा ऐथेनैल का मिश्रण प्राप्त होता है। A का IUPAC नाम तथा संरचना दीजिए।
उत्तर:
ऐथेनैल का अणु सूत्र CH3CHO तथा पेन्ट - 3 - ऑन की संरचना निम्न प्रकार होती है:
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 10

अतः दोनों के ऑक्सीजन हटाकर इन्हें द्विबन्ध से जोड़ने पर प्राप्त ऐल्कीन (A) का संरचना सूत्र तथा होगा:
IUPAC नाम निम्न प्रकार
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 11

प्रश्न 13.6. 
एक ऐल्कीन A में तीन C-C, आठ C-H सिग्मा आबंध तथा एक C-C पाई आबंध हैं। A ओजोनी अपघटन से दो अणु ऐल्डिहाइड, जिनका मोलर द्रव्यमान 44 है, देता है। A का आई.यू.पी.ए.सी. नाम लिखिए।
उत्तर:
माना कि ऐल्डिहाइड जिसका मोलर द्रव्यमान 44 है, का सूत्र CnH2n+1 CHO है अतः
(12 x n ) + 2n + 1 + (12 + 1 + 16 ) = 44
14n + 30 = 44
14n = 14
n=1 अतः ऐल्डिहाइड का सूत्र CH3-CHO होगा। चूँकि दी गयी ऐल्कीन ओजोनी अपघटन से दो मोल 
CH3CHO देती है:
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 12

अतः यह ऐल्कीन ब्यूट - 2 - ईन होगी
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 13
आठ C - Hσ  बन्ध
इसमें तीन C - Cσ  बन्ध
एक C- Cπ  बन्ध है।

RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

प्रश्न 13.7. 
एक ऐल्कीन, जिसके ओजोनी अपघटन से प्रोपेनैल तथा पेन्टेन- 3-ओन प्राप्त होते हैं, का संरचनात्मक सूत्र क्या है? 
उत्तर:
यह ऐल्कीन - 3 - ऐथिलहेक्स - 3 ईन है। इसके ओजोनी अपघटन से प्राप्त उत्पाद प्रोपेनैल तथा पेन्टेन 3-ओन है।
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 14
दोनों के ऑक्सीजन हटाकर इन्हें द्विबंध से जोड़ने पर
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 15

प्रश्न 13.8. 
निम्नलिखित हाइड्रोकार्बनों के दहन की रासायनिक अभिक्रिया लिखिए:
(i) ब्यूटेन
(ii) पेन्टीन
(iii) हेक्साइन
(iv) टॉलूईन।
उत्तर:
(i) ब्यूटेन C4H10:
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 16

(ii) पेन्टीन (C5H10):
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 17

(iii) हेक्साईन (C6H10)
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 18

(iv) टालूईन (C6H5 - CH3) या (C7H8)
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 19

प्रश्न 13.9 
हेक्स-2-ईन की समपक्ष (सिस) तथा विपक्ष ( ट्रांस) संरचनाएं बनाइए। इनमें से कौनसे समावयव का क्वथनांक उच्च होता है और क्यों?
उत्तर:
समपक्ष हेक्स-2 ईन का द्विध्रुव आघूर्ण उच्च होता है . जबकि विपक्ष हेक्स-2-इन का द्विध्रुव आघूर्ण निम्न होता है। इस कारण समपक्ष रूप अधिक ध्रुवीय है अतः इसमें अणुओं के मध्य प्रबल अन्तरा - अणुक आकर्षण बल होता है। इसलिए इसके अणुओं को पृथक् करने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। परन्तु विपक्ष रूप में दोनों ऐल्किल समूह विपरीत दिशाओं में होते हैं अतः एक-दूसरे के प्रभाव को कुछ मात्रा में निरस्त कर देते हैं, जबकि समपक्ष समावयव में ऐसा नहीं होता। अतः समपक्ष हेक्स-2 ईन का क्वथनांक उच्च होता है। 
इनकी संरचनाएँ निम्नलिखित हैं:
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 20

प्रश्न 13.10. 
बेन्जीन में तीन द्विआबंध होते हैं, फिर भी यह अत्यधिक स्थायी है, क्यों?
उत्तर:
बेन्जीन में तीन द्विआबन्ध एकान्तर क्रम में हैं ( संयुग्मी निकाय) अतः इसमें अनुनाद ( Resonance) होता है तथा इस अनुनाद के कारण ही इसमें स्थायित्व आता है। इसकी अनुनादी संरचनाएँ तथा अनुनाद संकर निम्नलिखित हैं:
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 21

प्रश्न 13.11. 
किसी निकाय द्वारा ऐरोमैटिकता प्रदर्शित करने के लिए आवश्यक शर्तें क्या हैं?
उत्तर:
किसी निकाय द्वारा ऐरोमैटिकता प्रदर्शित करने हेतु आवश्यक शर्तें निम्नलिखित हैं:
(i) उसमें एक समतल वलय संरचना होनी चाहिये।
(ii) वलय में इलेक्ट्रॉन का पूर्ण विस्थानीकरण (delocalisation) होना चाहिए जिसके लिए संयुग्मित निकाय (conjugated system) का होना आवश्यक है।
(iii) हकल के नियम के अनुसार वलय में (4n + 2) इलेक्ट्रॉन होना आवश्यक है अर्थात् यह ( 4 + 2) नियम का पालन करता है। यहाँ एक पूर्णांक है जिसका मान 0, 1, 2, 3... होता है।

प्रश्न 13.12. 
इनमें से कौनसे निकाय ऐरोमैटिक नहीं हैं?
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 22
उत्तर:
उपरोक्त संरचनाओं का अध्ययन करने पर यह पाया गया कि उपर्युक्त तीनों निकाय एरोमैटिक नहीं हैं क्योंकि इनमें वलय संरचना होते हुए भी कोई भी निकाय (4n + 2 ) इलेक्ट्रॉन वलय तंत्र ( हकल के नियम ) का पालन नहीं करता है तथा इनमें इलेक्ट्रॉनों का विस्थानीकरण भी नहीं होता है। संरचना (i) की वलय समतल नहीं है। संरचना (ii) में केवल 4 इलेक्ट्रॉन का तंत्र है जबकि संरचना (iii) में (साइक्लो ऑक्टाटेट्राइन) 8x इलेक्ट्रॉन तंत्र है, अतः इसमें वलय संरचना तथा एकान्तर द्वि-आबंध होते हुए भी यह एरोमैटिक नहीं है।

प्रश्न 13.13. 
बेन्जीन को निम्नलिखित में कैसे परिवर्तित
(i) p- नाइट्रोबोमोबेन्जीन
(ii) m-नाइट्रोक्लोरोबेन्जीन
(iii) p- नाइट्रोटॉलूईन
(iv) ऐसीटोफीनोन।
उत्तर:
(i) p- नाइट्रोनोमोबेन्जीन
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 23
प्रभाजी आसवन द्वारा पृथक् करके p-नाइट्रोब्रोमोबेन्जीन प्राप्त कर

(ii) m- नाइट्रोक्लोरोबेन्जीन:
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 24

(iii) p-नाइट्रोटॉलूईन:
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 25
प्रभाजी आसवन द्वारा पृथक् करके p-नाइट्रोटॉलूईन प्राप्त कर लेते

(iv) ऐसीटोफीनॉन:
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 26

प्रश्न 13.14. 
ऐल्केन H3C CH2 C(CH3)2 - CH2 - CH (CH3)2 में 19, 2° तथा 3° कार्बन परमाणुओं की पहचान कीजिए तथा प्रत्येक कार्बन से आबंधित कुल हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या भी बताइए।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 27
15 H, 1° कार्बन परमाणु से जुड़े हुए हैं। 
4 H, 2° कार्बन परमाणु से जुड़े हैं।
1 H, 3° कार्बन परमाणु से जुड़े हैं।

प्रश्न 13.15. 
क्वथनांक पर ऐल्केन की श्रृंखला के शाखन का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
अणु भार ( आण्विक द्रव्यमान) बढ़ने पर ऐल्केनों के क्वथनांक भी बढ़ते हैं क्योंकि इससे अणु का आकार तथा पृष्ठीय क्षेत्रफल बढ़ता है जिससे अंतराण्विक आकर्षण बल ( वान्डरवाल बल) बढ़ते हैं। ऐल्केनों में शाखित श्रृंखलाओं की संख्या बढ़ने से अणु की आकृति लगभग गोलाकार हो जाती है, जिससे इन अणुओं का पृष्ठ क्षेत्रफल कम हो जाता है अतः इनमें दुर्बल अंतराण्विक बल पाए जाते हैं। इसलिए इनके क्वथनांक कम हो जाते हैं।

RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

प्रश्न 13.16. 
प्रोपीन पर HBr के संकलन से 2 - ब्रोमोप्रोपेन बनता है, जबकि बेन्जॉयल परॉक्साइड की उपस्थिति में यह अभिक्रिया 1- ब्रोमोप्रोपेन देती है। क्रियाविधि की सहायता से इसका कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्रोपीन एक असममित ऐल्कीन है जिस पर HBr का योग मारकोनीकॉफ के नियमानुसार होता है जिसके अनुसार इसका ऋणात्मक भाग उस असंतृप्त कार्बन परमाणु पर जुड़ता है जिस पर हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या कम होती है। यह अभिक्रिया आयनिक क्रियाविधि द्वारा दो पदों में होती है। पहले पद में इलेक्ट्रॉन-स्नेही जुड़ता है तथा कार्बधनायन बनाता है जबकि दूसरे पद में नाभिक स्नेही जुड़कर उत्पाद (2- ब्रोमोप्रोपेन) बनाता है।
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 28
बेन्जॉयल परॉक्साइड की उपस्थिति में मुक्त मूलक बनते हैं जिसके कारण Br मुक्त मूलक अधिक हाइड्रोजनयुक्त असंतृप्त कार्बन परमाणु पर जुड़ता है। इसमें श्रृंखला अभिक्रिया होती है तथा 1 ब्रोमोप्रोपेन बनता है।
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 29

इस अभिक्रिया की क्रियाविधि निम्न है
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 30
चूँकि (2) मुक्त मूलक अधिक स्थायी होता है अतः 1- ब्रोमोप्रोपेन मुख्य उत्पाद बनता है।

प्रश्न 13.17. 
1, 2 डाइमेथिलबेन्जीन (0 जाइलीन) के ओजोनी अपघटन के फलस्वरूप निर्मित उत्पादों को लिखिए। यह परिणाम बेन्जीन की केकुले संरचना की पुष्टि किस प्रकार करता है? 
उत्तर:
जब o- जाइलीन का ओजोनी अपघटन करते हैं तो निम्नलिखित तीन उत्पाद प्राप्त होते हैं:
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 31
चूँकि उपर्युक्त तीनों उत्पाद केकुले द्वारा दी गई 1, 2- डाइमेथिलबेन्जीन की किसी भी एक संरचना से प्राप्त नहीं हो सकते हैं अतः उपर्युक्त तीनों उत्पाद बेन्जीन वलय में अनुनाद की पुष्टि करते हैं तथा बेन्जीन की केकुले संरचना के पक्ष में प्रमाण देते हैं। अत: 0- जाइलीन की निम्नलिखित दो अनुनादी संरचनाएँ होती हैं:
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 32

संरचना I के ओजोनी अपघटन से ग्लाइऑक्सेल तथा मेथिल ग्लाइऑक्सेल बनेंगे जबकि संरचना II के ओजोनी अपघटन से ग्लाइऑक्सेल तथा डाइमेथिल ग्लाइऑक्सेल बनेंगे।

प्रश्न 13.18. 
बेन्जीन, हेक्सेन तथा एथाइन को घटते हुए अम्लीय व्यवहार के क्रम में व्यवस्थित कीजिए और इस व्यवहार का
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 33
अम्लीय व्यवहार के इस क्रम का मुख्य कारण यह है कि CH बंध में 3-लक्षण कितना है। संकरण में 5 लक्षण अधिक होने पर कार्बन की विद्युतॠणता अधिक होगी जिससे C-H बन्ध की ध्रुवता बढ़ती है अतः अम्लीय गुण बढ़ेगा। चूँकि C2H2 में 50%, बेन्जीन में 33.3% तथा n हेक्सेन में 25% 5 लक्षण है। अतः एथाइन अधिकतम अम्लीय व्यवहार दर्शाती है, C6H6 इससे कम तथा 1 हेक्सेन न्यनूतम अम्लीय व्यवहार दर्शाती है।

प्रश्न 13.19. 
बेन्जीन इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रियाएं सरलतापूर्वक क्यों प्रदर्शित करती है, जबकि उसमें नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन कठिन होता है?
उत्तर:
बेन्जीन में एक 6x इलेक्ट्रॉन वलय होती है जिसमें अनुनाद के कारण समस्त इलेक्ट्रॉन वलय पर समान रूप से वितरित रहते हैं अतः यह आवेश अस्थानीकृत रहता है। इसके परिणामस्वरूप बेन्जीन का व्यवहार इलेक्ट्रॉनधनी स्रोत अर्थात् लूईस क्षार के समान होता है। इसलिए कोई भी इलेक्ट्रॉन न्यून प्रजाति (इलेक्ट्रॉनस्नेही) इस पर आसानी से आक्रमण कर देती है तथा वह वलय द्वारा आकर्षित की जाती है जिसके परिणामस्वरूप वलय पर इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ हो जाती हैं जबकि नाभिकस्नेही अधिक इलेक्ट्रॉन घनत्व युक्त होते हैं अतः ये वलय द्वारा प्रतिकर्षित किये जाते हैं। परिणामस्वरूप बेन्जीन वलय पर नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया कठिन होती है।

प्रश्न 13.20 
आप निम्नलिखित यौगिकों को बेन्जीन में कैसे परिवर्तित करेंगे?
(i) एथाइन
(ii) एथीन
(iii) हेक्सेन।
उत्तर:
(i) एथाइन (C2H2): एथाइन को जब 873K ताप पर Fe की नलिका में प्रवाहित किया जाता है तो वह C6H6 (बेन्जीन) में परिवर्तित हो जाती है। इस क्रिया को चक्रीय त्रिलकीकरण (Cyclic- trimerization) कहते हैं।
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 34यह वह उदाहरण है, जिसमें एक ऐलिफैटिक यौगिक, ऐरोमैटिक यौगिक में बदलता है।

(ii) एथीन (CH) सर्वप्रथम एथीन की Br1⁄2 से क्रिया कराके इसे 1, 2 डाईब्रोमोएथेन में परिवर्तित करते हैं, इसके पश्चात् 1,2- डाईब्रोमोथेन को AIC KOH तथा NaNH2 के साथ गरम करके एथाइन बनाते हैं जिसके बहुलकीकरण से बेन्जीन प्राप्त होती है।
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 35

(iii) हेक्सेन (C6H14): Cr2O3 या V2O5 की उपस्थिति में - हेक्सेन को 773 K ताप पर गरम किया जाता है तो ऐरोमैटीकरण द्वारा यह बेन्जीन में परिवर्तित हो जाता है।
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 36

RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

प्रश्न 13.21. 
उन सभी ऐल्कीनों की संरचनाएं लिखिए, जो हाइड्रोजनीकरण करने पर 2 - मेथिलब्यूटेन देती हैं।
उत्तर:
ऐल्कीन जिसमें निम्न प्रकार की कार्बन श्रृंखला (ढाँचा) होगी, वह हाइड्रोजनीकरण पर 2 मेथिलब्यूटेन देगी।
इसके अनुसार निम्नलिखित ऐल्कीन सम्भव है:
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 37

प्रश्न 13.22. 
निम्नलिखित यौगिकों को उनकी इलेक्ट्रॉस्नेही (E) के प्रति घटती आपेक्षिक क्रियाशीलता के क्रम में व्यवस्थित कीजिए:
(क) क्लोरोबेन्जीन, 2, 4-डाइनाइट्रोक्लोरोबेन्जीन, p- नाइट्रोक्लोरोबेन्जीन
(ख) टॉलूईन, p-H3C - C6H4 - NO2 P-O2N - C6H4 NO2
उत्तर:
(क) क्लोरोबेन्जीन > p- नाइट्रोक्लोरोबेन्जीन 24 डाइनाइट्रोक्लोरोबेन्जीन (क्रियाशीलता का घटता क्रम )
व्याख्या: नाइट्रो समूह का बेन्जीन वलय पर निष्क्रियणकारी (Deactivating) प्रभाव होता है क्योंकि यह एक इलेक्ट्रॉन-आकर्षी समूह होता है। इसकी संख्या बढ़ने पर वलय पर निष्क्रियणकारी प्रभाव भी बढ़ता है अतः इलेक्ट्रॉनस्नेही के प्रति क्रियाशीलता कम होगी। 

RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 38
व्याख्या: बेन्जीन वलय पर CH3 समूह का सक्रियणकारी प्रभाव होता है, क्योंकि यह इलेक्ट्रॉन प्रतिकर्षी समूह है। अतः यह इलेक्ट्रॉनस्नेही के प्रति क्रियाशीलता बढ़ाता है, जबकि NO2 समूह का वलय पर निष्क्रियणकारी प्रभाव होता है। अतः क्रियाशीलता कम होगी।

प्रश्न 13.23. 
बेन्जीन, m- डाइनाइट्रोबेन्जीन तथा टॉलूईन में से किसका नाइट्रीकरण आसानी से होता है और क्यों?
उत्तर:
टॉलूईन अर्थात् मेथिल बेन्जीन का नाइट्रीकरण सबसे अधिक आसानी से होगा क्योंकि टॉलूईन में बेन्जीन वलय से जुड़ा CH3 समूह धनात्मक प्रेरणिक प्रभाव (+1) दर्शाता है जिसके कारण वलय पर इलेक्ट्रॉन घनत्व बढ़ जाता है अतः वलय की इलेक्ट्रॉनस्नेही के प्रतिक्रियाशीलता बढ़ जाती है। इसके विपरीत m - डाइनाइट्रोबेन्जीन में नाइट्रो समूह - प्रभाव के कारण क्रियाशीलता को घटाता है अतः इसका नाइट्रीकरण टॉलूईन की अपेक्षा कठिनाई से होता है। अतः इनके नाइट्रीकरण (इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन ) का क्रम निम्न प्रकार होगा टॉलूईन > बेन्जीन > m- डाइनाइट्रोबेन्जीन

प्रश्न 13.24. 
बेन्जीन के एथिलीकरण में निर्जल ऐलुमिनियम क्लोराइड के स्थान पर कोई दूसरा लूइस अम्ल सुझाइए।
उत्तर:
बेन्जीन के एथिलीकरण में निर्जल AICl3 का विकल्प निर्जल FeCl3 हो सकता है क्योंकि AICl3 के समान यह भी एक लूइस अम्ल है।

प्रश्न 13.25 
क्या कारण है कि वुज अभिक्रिया विषम संख्या में कार्बन परमाणु वाले विशुद्ध ऐल्केन बनाने के लिए प्रयुक्त नहीं की जाती? एक उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वुर्ज अभिक्रिया में हेलोएल्केन्स पर सोडियम की क्रिया द्वारा ऐल्केनों का निर्माण किया जाता है। इस क्रिया में हेलोऐल्केन के दो अणु प्रयुक्त होते हैं, जैसे-
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 39
परन्तु जब दो भिन्न-भिन्न प्रकार के हेलोऐल्केन लेकर, ऐल्केनों का निर्माण करते हैं तब सहउत्पाद भी बनते हैं तथा तीन ऐल्केनों का मिश्रण प्राप्त होता है जिसमें से इच्छित ऐल्केन को पृथक् करना एक कठिन कार्य होता है। अतः विषम संख्या में कार्बन परमाणु वाले विशुद्ध ऐल्केन बनाने हेतु इस विधि को प्रयुक्त नहीं करते हैं। उदाहरणार्थ - यदि हम CH3 - Br तथा C2H5 - Br का मिश्रण लें तो प्राप्त एल्केन CH3 - CH3, CH3 - CH2 - CH3 तथा CH3 - CH2 - CH2 - CH3 होंगे क्योंकि क्रिया में दो मूलक (CH3 तथा C2H5) बनेंगे।
RBSE Solutions for Class 11 Chemistry Chapter 13 हाइड्रोकार्बन 40

Prasanna
Last Updated on Feb. 3, 2023, 11:14 a.m.
Published Feb. 2, 2023