RBSE Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 4 कृषि

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 4 कृषि Textbook Exercise Questions and Answers.

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 10 Social Science in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 10. Students can also read RBSE Class 10 Social Science Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 10 Social Science Notes to understand and remember the concepts easily. The class 10 economics chapter 2 intext questions are curated with the aim of boosting confidence among students.

RBSE Class 10 Social Science Solutions Geography Chapter 4 कृषि

RBSE Class 10 Social Science कृषि InText Questions and Answers

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प्रश्न 1. 
क्या आप कृषिगत कच्चे माल पर आधारित कुछ उद्योगों के नाम बता सकते हैं?
अथवा 
भारत में कृषि पर आधारित किन्हीं चार उद्योगों के नाम लिखिए।।
उत्तर:

  • चीनी उद्योग, 
  • सूती वस्त्र उद्योग, 
  • पटसन उद्योग, 
  • रबर उद्योग, 
  • खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, गलीचा उद्योग, तेल उद्योग आदि। 

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प्रश्न 2. 
क्या आप उन फसलों के नाम बता सकते हैं, जो प्रारम्भिक जीविका निर्वाह कृषि में उगाई जाती हैं?
उत्तर:
कसाना, रतालु, आलू, टेपिओका, जड़ीय फसलें तथा चावल आदि प्रारंभिक जीविका निर्वाह कृषि में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलें हैं।

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प्रश्न 3. 
क्या आप भारत के कुछ राज्यों के नाम बता सकते हैं जहाँ गहन जीविका कृषि की जाती है?
उत्तर:
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, आन्ध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान राज्यों में गहन जीविका कृषि की जाती है। 

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प्रश्न 4. 
क्या आप उन फसलों के कुछ और उदाहरण दे सकते हैं जो एक प्रदेश में वाणिज्यिक फसल के रूप में तथा दूसरे प्रदेश में जीविका फसल के रूप में उगाई जाती हैं?
उत्तर:

  • चावल- यह पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तरी-पूर्वी राज्यों तथा दक्षिणी राज्यों में जीविका फसल है जबकि पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश में वाणिज्यिक फसल है।
  • गेहूँ- यह उत्तरप्रदेश, बिहार में जीविका फसल है, जबकि पंजाब तथा हरियाणा में वाणिज्यिक फसल है। 

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प्रश्न 5. 
उन वस्तुओं की सूची बनाइये जो रबड़ से बनती हैं और हम इनका प्रयोग करते हैं।
उत्तर:
टायर, ट्यूब, खिलौने, बर्तन, नाव, जूते-चप्पल, रबड़ फोम, चादरें, ढक्कन, ऊँट की काठी, साईकिल टायर, पाइप, दस्ताने, गद्देदार वस्तुएँ आदि रबड़ से बनाई जाती हैं तथा हम इनका प्रयोग करते हैं। 

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प्रश्न 6. 
ज्ञात करें कि भारतीय किसान अपने बेटे को किसान क्यों नहीं बनाना चाहता? 
उत्तर:
भारतीय किसान निम्नलिखित कारणों से अपने बेटे को किसान नहीं बनाना चाहता-

  • सरकार की किसानों के हितों के प्रति उदासीनता 
  • कृषि उत्पादों का उचित मूल्य न मिल पाना 
  • सिंचाई की सुविधाओं का अभाव
  • मिट्टी के निम्नीकरण की समस्या
  • आय में अनिश्चितता तथा सुरक्षा की कमी। 

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प्रश्न 7. 
देश के अनेक राज्यों में किसान आत्महत्याएँ क्यों कर रहे हैं? 
उत्तर:
देश के अनेक राज्यों में किसानों द्वारा आत्महत्याओं के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-

  • किसानों का ऋणग्रस्तता के कारण हतोत्साहित हो जाना। 
  • ऋणों का भुगतान न होना तथा ब्याज दर ऊँची होने के कारण ऋण का भार लगातार बढ़ता जाना। 
  • सूखा तथा अकाल का लगातार सामना करना तथा भुखमरी की स्थिति का आना। 
  • किसानों को उनके उत्पादों का समुचित मूल्य न मिल पाना। 
  • भूमि का निम्नीकरण होना। 
  • सरकार द्वारा किसानों की सुरक्षा के लिए किए गये उपाय अपर्याप्त होना। 
  • प्राकृतिक आपदाओं, विपदाओं के प्रति बीमा आदि की व्यवस्था न होना। 
  • कर्ज देने वालों का किसानों पर अधिक दबाव तथा अत्याचार करना। 
  • वैकल्पिक रोजगार का अभाव तथा बढ़ती छिपी हुई बेरोजगारी।

प्रश्न 8. 
किसान अनेक समस्याओं से जूझ रहे हैं और कृषि भूमि घट रही है तो क्या हम रोजगार के वैकल्पिक अवसरों के बारे में सोच सकते है?
उत्तर:
यह एक वास्तविकता है कि किसान अनेक समस्याओं से जूझ रहे हैं तथा आवास एवं विकास के अन्य कार्यों में काम आने से कृषि भूमि भी घट रही है। इससे कृषि में रोजगार के अवसर घटते जा रहे हैं। वैसे भी कृषि में छिपी हुई बेरोजगारी हमेशा व्याप्त रहती है। ऐसी स्थिति में हमें रोजगार के वैकल्पिक अवसरों के बारे में भी सोचना चाहिए।

रोजगार के प्रमुख वैकल्पिक अवसर निम्न हो सकते हैं-

  • सरकारी क्षेत्र में नौकरी 
  • निजी क्षेत्र में नौकरी 
  • कुटीर उद्योगों को बढावा 
  • पशुपालन, मत्स्यपालन, बागवानी, कुक्कुट पालन, मधुमक्खी पालन, रेशम कीट पालन आदि 
  • स्वरोजगार को बढ़ावा 
  • स्टार्टअप को बढ़ावा
  • वर्तमान में देश में सेवा क्षेत्र में कम्प्यूटर प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी का बहुत विकास हुआ है अतः इस क्षेत्र में भी रोजगार के अनेक अवसर हैं
  • पर्यटन, बीमा, बैंकिंग तथा इसी प्रकार के अन्य सेवा क्षेत्रों में रोजगार। 

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प्रश्न 9. 
क्या आप भारत में व्यापक रूप से प्रयुक्त जीन संशोधित बीज का नाम बता सकते हैं? 
उत्तर:
भारत में व्यापक रूप से प्रयुक्त जीन संशोधित बीज हैं-

  • बी.टी. कॉटन
  • बी.टी. बैंगन।

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RBSE Class 10 Social Science कृषि Textbook Questions and Answers

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न-

(i) निम्नलिखित में से कौनसा उस कृषि प्रणाली को दर्शाता है जिसमें एक ही फसल लम्बे-चौड़े क्षेत्र में उगाई जाती है-
(क) स्थानान्तरी कृषि 
(ख) रोपण कृषि 
(ग) बागवानी 
(घ) गहन कृषि
उत्तर:
(ख) रोपण कृषि 

(ii) इनमें से कौनसी रबी फसल है-
(क) चावल 
(ख) मोटे अनाज 
(ग) चना
(घ) कपास 
उत्तर:
(ग) चना

(iii) इनमें से कौनसी एक फलीदार फसल है-
(क) दालें
(ख) मोटे अनाज 
(ग) ज्वार-तिल 
(घ) तिल 
उत्तर:
(क) दालें

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2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।

प्रश्न (i) 
एक पेय फसल का नाम बताएँ तथा उसको उगाने के लिए अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियों का विवरण दें।
उत्तर:
पेय फसल-चाय एक महत्त्वपूर्ण पेय फसल है।
अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियाँ-चाय के उत्पादन के लिए उपोष्ण कटिबन्धीय जलवायु, ह्यूमस एवं जीवाश्मयुक्त · गहरी मिट्टी, सुगम जल निकास वाले ढलवाँ क्षेत्र, वर्षभर समान रूप से होने वाली वर्षा की बौछारें अनुकूल होती हैं।

प्रश्न (ii) 
भारत की एक खाद्य फसल का नाम बताएँ और जहाँ यह पैदा की जाती है उन क्षेत्रों का विवरण दें। 
उत्तर:
भारत की एक खाद्य फसल-चावल भारतीय लोगों की प्रमुख खाद्य फसल है।
उत्पादन क्षेत्र भारत में चावल उत्तर और उत्तर-पूर्वी मैदानों, तटीय क्षेत्रों और डेल्टाई प्रदेशों में उगाया जाता है। नहरों के जाल और नलकूपों की सघनता के कारण चावल पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान के कुछ भागों में भी पैदा किया जाता है। 

प्रश्न (iii) 
सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गये संस्थागत सुधार कार्यक्रमों की सूची बनाएँ।
उत्तर:

  • जोतों की चकबन्दी, 
  • सहकारिता, 
  • जमींदारी प्रथा की समाप्ति, 
  • फसल बीमा, 
  • ग्रामीण बैंक सहकारी समितियाँ तथा बैंकों की स्थापना, 
  • किसान क्रेडिट कार्ड, 
  • व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना, 
  • कृषि कार्यक्रमों का प्रसारण, 
  • न्यूनतम सहायता मूल्य तथा 
  • खरीद मूल्यों की घोषणा।

प्रश्न (iv) 
दिन-प्रतिदिन कृषि के अन्तर्गत भूमि कम हो रही है। क्या आप इसके परिणामों की कल्पना कर सकते हैं?
उत्तर:
दिन-प्रतिदिन कृषि के अन्तर्गत भूमि कम होने के निम्नलिखित परिणाम होंगे-

  • कृषि उत्पादन कम हो जायेगा। 
  • देश में खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ जायेगी। 
  • हमारी राष्ट्रीय आय कम हो जायेगी। 
  • ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी में वृद्धि होगी। 
  • किसानों की दशा और खराब हो जायेगी।
  • उद्योगों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न हो जायेगी। 

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3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए। 

प्रश्न (i) 
कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा किए गये उपाय सुझाइये।
अथवा 
कृषि पैदावार बढ़ाने के लिए सरकार भारतीय किसानों को किस प्रकार सहायता कर रही है? किन्हीं चार बिन्दुओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा निम्नलिखित उपाय किये गये हैं-

  • संस्थागत सुधार-स्वतंत्रता के उपरान्त देश में संस्थागत सुधार करने के लिए जोतों की चकबन्दी, सहकारिता तथा जमींदारी आदि को समाप्त करने को प्राथमिकता दी गई।
  • सिंचाई के साधनों का विस्तार-नदियों पर बाँध बाँधकर कृत्रिम जलाशय बनाकर नहरों द्वारा खेतों तक पानी पहुँचाकर सिंचाई का विस्तार किया गया है। सिंचाई सुविधा बढ़ाने के लिए किसानों को ऋण की सुविधा भी प्रदान की गई है।
  • रासायनिक उर्वरकों के उत्पादन में वृद्धि-रासायनिक खाद उपलब्ध कराने के लिए कई उर्वरक कारखाने देश के विभिन्न भागों में स्थापित किए गए हैं। साथ ही उर्वरकों का आयात भी किया जा रहा है।
  • फसलों की बर्बादी को रोकना-कीड़ों, नाशक जीवों, फफूंदी, खरपतवार से फसलों को बचाने के लिए कीटनाशक, फफूंदीनाशी तथा खरपतवार नाशक दवाइयाँ उपलब्ध कराकर फसलों को बचाया जाने लगा है। 
  • व्यापक भूमि विकास कार्यक्रम-भारत में सन् 1980 तथा 1990 के दशकों में व्यापक भूमि विकास कार्यक्रम में सूखा, बाढ़, चक्रवात, आग तथा बीमारी के लिए फसल बीमा के प्रावधान किये गये और किसानों को कम दर पर ऋण सुविधाएँ प्रदान करने के लिए ग्रामीण बैंकों, सहकारी समितियों और बैंकों की स्थापना की गई। 
  • अन्य किसानों के लाभ के लिए किसान क्रेडिट कार्ड और व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना शुरू की गई है। आकाशवाणी पर मौसम की जानकारी और कृषि कार्यक्रम प्रसारित किये जाते हैं। किसानों हेतु न्यूनतम सहायता मूल्य तथा कुछ महत्वपूर्ण फसलों के लाभदायक खरीद मूल्यों की भी सरकार घोषणा करती है। 

प्रश्न (ii)
भारतीय कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव पर टिप्पणी लिखें। 
उत्तर:
भारतीय कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव- 

  • विश्व के विकसित देशों से स्पर्ध-सन् 1990 के बाद वैश्वीकरण के तहत भारतीय किसानों को अनेक नवीन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। चावल, कपास, रबड़, चाय, कॉफी, जूट और मसालों का मुख्य उत्पादक होने के बावजूद भारतीय कृषि विश्व के विकसित देशों से स्पर्धा करने में असमर्थ है; क्योंकि उन देशों में कृषि को अत्यधिक सहायता दी जाती है। 
  • भूमि का निम्नीकरण होना-हरित क्रान्ति के दौरान रसायनों के अधिक प्रयोग, जलभृतों के सूखने और जैव-विविधता विलप्त होने के कारण भूमि का निम्नीकरण हुआ है। 
  • व्यापारिक कृषि किया जाना-भारत की निर्वाह कृषि ने व्यापारिक कृषि का रूप धारण कर लिया है। वर्तमान समय में भारतीय किसान उसी फसल के उत्पादन पर बल देता है जिससे उसे अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके। 
  • नवीन तकनीकों का उपयोग देश में कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए नवीन तकनीकों का प्रयोग किया जाने लगा है। परिणामस्वरूप वर्तमान समय में किसान वर्ष में दो से अधिक फसलें उगाने लगा है। 
  • सुधरे बीजों का उपयोग-देश में सुधरे बीजों के प्रयोग से कृषि उत्पादनों की गुणवत्ता बढ़ गई है। अतः किसान को अपने उत्पादन का पहले से कहीं अधिक मूल्य प्राप्त होने लगा है। 
  • विदेशी व्यापार में वृद्धि होना किसानों में कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए आपसी प्रतिस्पर्धा शुरू होने के फलस्वरूप कृषि उत्पादों के विदेशी व्यापार में वृद्धि हो गई है। 
  • मशीनीकरण एवं फसल विविधीकरण वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप कृषि का बड़े पैमाने पर मशीनीकरण किया गया जिससे प्रति हैक्टेयर उत्पादन में असाधारण वृद्धि हुई है। फसलों के विविधीकरण होने के कारण किसान तरह-तरह की फसलें उगाने लगे हैं। 

प्रश्न (iii) 
चावल की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियों का वर्णन करें। 
अथवा 
भारत में चावल की कृषि के लिए भौगोलिक दशाओं का उल्लेख कीजिये। 
उत्तर:
चावल की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियाँ-भारत में चावल की खेती खरीफ की फसलों के अन्तर्गत की जाती है। चावल की खेती के लिए निम्नलिखित भौगोलिक परिस्थितियाँ अनुकूल रहती हैं-

  • मिट्टी-चावल की कृषि के लिए डेल्टाई मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। 
  • तापमान-चावल की खेती के लिए बोने से लेकर काटने तक की अवधि में उच्च तापमान (25° सेल्सियस से ऊपर) की आवश्यकता होती है। 
  • वर्षा-चावल की कृषि के लिए 100 सेण्टीमीटर से अधिक वर्षा अर्थात् अधिक आर्द्रता की आवश्यकता होती है। चावल का पौधा 60 से 90 दिनों तक जल में डूबा रहना चाहिए। अत: इसके लिए पर्याप्त जल की आवश्यकता होती है। 
  • सस्ता श्रम चावल की कृषि के सभी कार्य अर्थात् रोपण, निराई, जुताई तथा तैयार फसल को चुनने आदि कार्य हाथों से करने पड़ते हैं । अतः चावल की कृषि के लिए अधिक तथा सस्ते मानवीय श्रम की आवश्यकता होती है। 

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परियोजना कार्य 

प्रश्न 1. 
किसानों की साक्षरता विषय पर एक सामूहिक वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन करें। 
उत्तर:
अपने शिक्षक की निगरानी में कक्षा में समूह बनाकर किसानों की साक्षरता विषय पर निम्न बिन्दुओं पर वाद-विवाद करें-

  • भारत में साक्षरता की स्थिति 
  • कुल साक्षरता, पुरुष साक्षरता, महिला साक्षरता 
  • शहरी एवं ग्रामीण साक्षरता 
  • किसानों में साक्षरता की स्थिति 
  • किसानों में न्यून साक्षरता का कृषि पर प्रभाव 
  • सक्षरता से लाभ 
  • निष्कर्ष। 

प्रश्न 2. 
भारत के मानचित्र में गेहूँ उत्पादन दर्शाइए।
उत्तर:
[नोट-इसके लिए मानचित्र सम्बन्धी प्रश्न देखें।] 

क्रियाकलाप

प्रश्न-
ऊपर-नीचे और दायें-बायें चलते हुए वर्ग पहेली को सुलझाएँ और छिपे उत्तर ढूँढें। 
(i) भारत की दो खाद्य फसलें। 
(ii) यह भारत की ग्रीष्म फसल ऋतु है। 
(iii) अरहर, मूंग, चना, उड़द जैसी दालों से ....... मिलता है। 
(iv) यह एक मोटा अनाज है। 
(v) भारत की दो महत्वपूर्ण पेय फसल हैं... 
(vi) काली मिट्टी पर उगाई जाने वाली चार रेशेदार फसलों में से एक। 
[नोटः पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में हैं।] 
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 4 कृषि 1
(i) WHEAT, RICE 
(ii) KHARIF
(iii) PROTEIN 
(iv) JOWAR 
(v) TEA, COFFEE 
(vi) COTTON

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Last Updated on May 10, 2022, 6:47 p.m.
Published May 10, 2022