RBSE Class 9 Social Science Important Questions History Chapter 1 फ्रांसीसी क्रांति

Rajasthan Board RBSE Class 9 Social Science Important Questions History Chapter 1 फ्रांसीसी क्रांति Important Questions and Answers. 

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RBSE Class 9 Social Science Important Questions History Chapter 1 फ्रांसीसी क्रांति

बहुविकल्पीय प्रश्न 

प्रश्न 1. 
बास्तील का पतन कब हुआ? 
(अ) 5 मई, 1789 को 
(ब) 20 जून, 1789 को
(स) 14 जुलाई, 1789 को 
(द) 4 अगस्त, 1789 को 
उत्तर:
(स) 14 जुलाई, 1789 को 

प्रश्न 2. 
1789 की क्रान्ति के समय फ्रांस का सम्राट था- 
(अ) लुई XIV 
(ब) लुई XV
(स) लुई XVI 
(द) लुई XVII 
उत्तर:
(स) लुई XVI

प्रश्न 3. 
सीधे राज्य को अदा किया जाने वाला कर था 
(अ) टाइद 
(ब) टाइल 
(स) टाइट 
(द) राइट 
उत्तर:
(ब) टाइल

प्रश्न 4. 
राजा के दैवी और निरंकश अधिकारों के सिद्धान्त का खण्डन किया था- 
(अ) लॉक ने 
(ब) रूसो ने 
(स) मॉन्तेस्क्यू ने 
(द) लुई XVI ने 
उत्तर:
(अ) लॉक ने 

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प्रश्न 5. 
'द स्पिरिट ऑफ द लॉज' नामक पुस्तक के रचयिता हैं-
(अ) रूसो 
(ब) लॉक 
(स) सिसरो 
(द) मॉन्तेस्क्यू 
उत्तर:
(द) मॉन्तेस्क्यू 

प्रश्न 6. 
रूसो द्वारा लिखित पुस्तक का नाम है- 
(अ) द सोशल कॉन्ट्रेक्ट 
(ब) द स्पिरिट ऑफ द लॉज 
(स) टू ट्रीटाइजेज ऑफ गवर्नमेंट 
(द) दास कैपिटल 
अथवा 
'द सोशल कॉन्ट्रेक्ट' नामक पुस्तक के रचयिता हैं 
(अ) रूसो 
(ब) लॉक 
(स) सिसरो 
(द) मॉन्तेस्क्यू 
उत्तर:
(अ) द सोशल कॉन्ट्रेक्ट 
अथवा
(अ) रूसो 

प्रश्न 7. 
फ्रांस की 1789 की क्रांति के समय वहाँ की जनसंख्या में किसानों की जनसंख्या थी- 
(अ) 90 प्रतिशत 
(ब) 60 प्रतिशत 
(स) 40 प्रतिशत 
(द) 10 प्रतिशत 
उत्तर:
(अ) 90 प्रतिशत

प्रश्न 8. 
फ्रांस की क्रांति के समय कितने प्रतिशत जमीन में कुलीनों, चर्च और तीसरे एस्टेट्स के अमीरों का अधिकार था? 
(अ) 20 प्रतिशत 
(ब) 40 प्रतिशत 
(स) 60 प्रतिशत 
(द) 90 प्रतिशत 
उत्तर:
(स) 60 प्रतिशत 

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प्रश्न 9. 
चर्च किसानों से करों का एक हिस्सा किस कर के रूप में वसूल करता था? 
(अ) टाइल 
(ब) टाइद 
(स) सामंती कर 
(द) राइट 
उत्तर:
(ब) टाइद 

प्रश्न 10. 
1789 ई. में फ्रांस की जनसंख्या थी- 
(अ) 2.3 करोड़ 
(ब) 2.8 करोड़ 
(स) 3.2 करोड़ 
(द) 8.2 करोड़ 
उत्तर:
(ब) 2.8 करोड़ 

प्रश्न 11. 
'टू ट्रीटाइजेज ऑफ गवर्नमेंट' नामक पुस्तक के रचयिता हैं- 
(अ) रूसो 
(ब) लॉक 
(स) मॉण्टेस्क्यू 
(द) वाल्तेयर 
उत्तर:
(ब) लॉक 

प्रश्न 12. 
नेशनल असेम्बली ने करों, कर्त्तव्यों और बंधनों वाली सामन्ती व्यवस्था के उन्मूलन का आदेश पारित किया- 
(अ) 14 जुलाई, 1789 को 
(ब) 4 अगस्त, 1789 को 
(स) 10 अगस्त, 1792 को 
(द) 4 अप्रेल, 1792 को 
उत्तर:
(ब) 4 अगस्त, 1789 को 

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प्रश्न 13. 
1791 के फ्रांस के संविधान के अन्तर्गत 2.8 करोड़ जनसंख्या में मताधिकार प्राप्त लोग थे- 
(अ) 40 लाख 
(ब) 30 लाख
(स) 5 लाख 
(द) 75 लाख 
उत्तर:
(अ) 40 लाख 

प्रश्न 14. 
1791 के फ्रांस के संविधान में केवल ऐसे पुरुषों को मताधिकार दिया गया था जो कम से कम 3 दिन की मजदूरी के बराबर कर चुकाते थे और जिनकी आयु थी-
(अ) 21 वर्ष से अधिक 
(ब) 18 वर्ष से अधिक 
(स) 25 वर्ष से अधिक 
(द) 30 वर्ष से अधिक 
उत्तर:
(स) 25 वर्ष से अधिक 

प्रश्न 15. 
मार्सिले गीत, जो अब फ्रांस का राष्ट्रगान है, के रचयिता हैं- 
(अ) सेंट जेकब 
(ब) रॉजेट दि लाइल 
(स) मैक्स मिलियन रोबेस्प्येर 
(द) केमिल डेस्मॉलिन्स 
उत्तर:
(ब) रॉजेट दि लाइल 

प्रश्न 16. 
फ्रांस के किस काल को आतंक का युग कहा जाता है? 
(अ) 1789-1792 
(ब) 1793-1794 
(स) 1795-1804 
(द) 1804-1815 
उत्तर:
(ब) 1793-1794 

प्रश्न 17. 
लुई XVI को सार्वजनिक रूप से फाँसी की सजा दी गई- 
(अ) 21 जनवरी, 1793 को 
(ब) 21 जनवरी, 1794 को 
(स) 21 जनवरी, 1795 
(द) 21 जुलाई, 1794 को 
उत्तर:
(अ) 21 जनवरी, 1793 को 

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प्रश्न 18. 
नव निर्वाचित असेंबली-कन्वेंशन-ने राजतंत्र का अन्त कर फ्रांस को एक गणतंत्र घोषित किया- 
(अ) 21 सितम्बर, 1792 को 
(ब) 21 जनवरी, 1793 को 
(स) 21 सितम्बर, 1793 को 
(द) 21 जनवरी, 1792 को 
उत्तर:
(अ) 21 सितम्बर, 1792 को 

प्रश्न 19. 
जैकोबिन सरकार के पतन के बाद सत्ता आई- 
(अ) मध्य वर्ग के विपन्न तबके के पास 
(ब) मध्य वर्ग के सम्पन्न तबके के पास 
(स) कुलीन वर्ग के पास 
(द) चर्च के पास 
उत्तर:
(ब) मध्य वर्ग के सम्पन्न तबके के पास 

प्रश्न 20. 
फ्रांस की महिलाओं को मताधिकार प्राप्त हुआ- 
(अ) सन् 1791 में 
(ब) सन् 1794 में 
(स) सन् 1804 में 
(द) सन् 1946 में 
उत्तर:
(द) सन् 1946 में 

प्रश्न 21. 
नेपोलियन बोनापार्ट ने स्वयं को फ्रांस का सम्राट घोषित कर दिया- 
(अ) 1794 में 
(ब) 1804 में 
(स) 1815 में 
(द) 1800 में 
उत्तर:
(ब) 1804 में 

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रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-
 
1. बिना घुटने वाले लोगों द्वारा पहनी जाने वाली लाल टोपी ............. की प्रतीक थी। (क्रांति/आजादी/भाईचारा/समानता) 
2. डॉ. गिलोटिन वह व्यक्ति था जिसने .......... का आविष्कार किया। (तोप/बारूद/गिलोटिन) 
3. 18वीं शताब्दी के फ्रांस के जिस सामाजिक समूह का उद्भव हुआ उसे .............. नाम से भी जाना जाता था। (उच्च वर्ग/निम्न वर्ग/मध्यम वर्ग/दास) 
4. वह व्यक्ति जिसे वोट देने का अधिकार था, को ................. नागरिक कहा जाता था। (सक्रिय/निष्क्रिय) 
5. .................... जेकोबिन क्लब का सदस्य था। (राजनैतिक नेतागण/समाज का कम समृद्ध वर्ग/समाज का समृद्ध वर्ग) 
उत्तर:
1. आजादी 
2. गिलोटिन 
3. मध्यम वर्ग 
4. सक्रिय 
5. समाज का कम समृद्ध वर्ग 

निम्न वाक्यों में से सत्य/असत्य कथन छाँटिये- 

1. अपने 'टू ट्रीटाइजेज ऑफ गवर्नमेंट' में लॉक ने राजा के दैवी और निरंकुश अधिकारों के सिद्धान्त का खण्डन किया। ( ) 
2. 1793 में बू| राजवंश का लुई XVI फ्रांस की राजगद्दी पर बैठा। ( ) 
3. फ्रांस में सन् 1793 से 1794 तक के काल को आतंक का युग कहा जाता है। ( ) 
4. सन् 1946 में फ्रांस की महिलाओं ने मताधिकार हासिल कर लिया। ( ) 
5. 1704 में नेपोलियन बोनापार्ट ने खुद को फ्रांस का सम्राट घोषित कर दिया। ( )  
उत्तर:
1. सत्य 
2. असत्य 
3. सत्य 
4. सत्य 
5. असत्य 

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निम्न को सुमेलित कीजिए- 

(अ) 

(ब) 

(i) चर्च द्वारा वसूल किया जाने वाला कर

टाइल 

(ii) सीधे राज्य को अदा किया जाने वाला कर 

टाइद  

(iii) प्रथम एस्टेट

फ्रांस की मुद्रा 

(iv) द्वितीय एस्टेट

पादरी वर्ग 

(v) लिब्रे 

कुलीन वर्ग 

उत्तर:

(अ) 

(ब) 

(i) चर्च द्वारा वसूल किया जाने वाला कर

टाइद  

(ii) सीधे राज्य को अदा किया जाने वाला कर 

टाइल 

(iii) प्रथम एस्टेट

पादरी वर्ग 

(iv) द्वितीय एस्टेट

कुलीन वर्ग 

(v) लिब्रे 

फ्रांस की मुद्रा 

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
अठारहवीं सदी में फ्रांसीसी समाज कितने एस्टेट्स में बँटा हुआ था? नाम दीजिए। 
उत्तर:
तीन एस्टेट्स में (1) प्रथम एस्टेट (पादरी वर्ग) (2) द्वितीय एस्टेट (कुलीन वर्ग) (3) तृतीय एस्टेट (व्यापारी, वकील, किसान, कारीगर, नौकर आदि)। 

प्रश्न 2. 
'प्राचीन राजतन्त्र' पद का प्रयोग फ्रांस में किस सन्दर्भ में किया जाता है? 
उत्तर:
'प्राचीन राजतन्त्र' पद का प्रयोग फ्रांस में सामान्यतः सन् 1789 से पहले के फ्रांसीसी समाज एवं संस्थाओं के लिए होता है। 

प्रश्न 3. 
फ्रांस के प्रथम दो एस्टेट के सदस्यों को प्राप्त किसी एक विशेषाधिकार का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
उन्हें राज्य को दिये जाने वाले करों से छूट प्राप्त थी। 

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प्रश्न 4. 
टाइद (Tithe) क्या था?
उत्तर:
टाइद एक धार्मिक कर था जो चर्च द्वारा किसानों से वसूला जाता था।

प्रश्न 5.
टाइल से क्या आशय था? 
उत्तर:
'टाइल' सीधे राज्य को अदा किया जाने वाला कर था। 

प्रश्न 6. 
फ्रांस की क्रांति को किन प्रमुख दार्शनिकों ने प्रभावित किया? 
अथवा 
अठारहवीं सदी के किन्हीं दो दार्शनिकों के नाम बताइये जिनके विचारों का प्रभाव फ्रांसीसी क्रांति पर पड़ा। 
उत्तर:

  • जॉन लॉक
  • ज्यां जाक रूसो
  • मॉण्टेस्क्यू। 

प्रश्न 7. 
सरकार के बारे में मॉन्तेस्क्यू का प्रमुख विचार क्या था? 
उत्तर:
मॉन्तेस्क्यू ने सरकार के अन्दर विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के बीच सत्ता विभाजन की बात कही थी। 

प्रश्न 8. 
नेशनल असेम्बली के गठन के समय के दो प्रमुख नेताओं के नाम दीजिए। 
उत्तर:

  • मिराब्यो
  • आबे सिए। 

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प्रश्न 9. 
फ्रांस के राष्ट्रगान का नाम क्या है? 
उत्तर:
फ्रांस के राष्ट्रगान का नाम 'मार्सिले' है। 

प्रश्न 10. 
1791 के संविधान से किन लोगों को राजनीतिक अधिकार प्राप्त हुए? 
उत्तर:
1791 के संविधान से केवल अमीरों को ही राजनीतिक अधिकार प्राप्त हुए। 

प्रश्न 11. 
मार्सिले को किसने लिखा था? 
उत्तर:
रॉजेट दि लाइल ने। 

प्रश्न 12. 
जैकोबिन क्लब के सदस्यों में मुख्य रूप से कौन थे? 
उत्तर:
इनमें मुख्य रूप से छोटे दुकानदार तथा कारीगर-जैसे जूता बनाने वाले, पेस्ट्री बनाने वाले, घड़ीसाज, छपाई करने वाले तथा नौकर व दिहाड़ी मजदूर थे। 

प्रश्न 13. 
जैकोबिनों का नेता कौन था? 
उत्तर:
मैक्समिलियन रोबेस्प्येर जैकोबिनों का नेता था। 

प्रश्न 14. 
जैकोबिनों को किस नाम से जाना जाता था? 
उत्तर:
'सौं कुलॉत' के नाम से। 

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प्रश्न 15. 
गणतन्त्र का अर्थ समझाइये। 
उत्तर:
गणतन्त्र सरकार का वह रूप है जहाँ सरकार एवं उसके प्रमुख का चुनाव जनता करती है। यह वंशानुगत राजशाही नहीं होती है। 

प्रश्न 16. 
फ्रांस में सन् 1793 से 1794 के काल को क्या कहा जाता है? 
उत्तर:
फ्रांस में सन 1793 से 1794 के काल को 'आतंक का युग' कहा जाता है। 

प्रश्न 17. 
फ्रांस की क्रांति के दो परिणाम लिखो। 
उत्तर:

  • सामन्तवाद का अन्त हुआ। 
  • स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की भावनाओं का विकास हुआ। 

प्रश्न 18. 
फ्रांस में सेंसरशिप की समाप्ति कब हुई? 
उत्तर:
सन् 1789 में। 

प्रश्न 19. 
टूटी हुई जंजीर से क्या तात्पर्य है? 
उत्तर:
टूटी हुई जंजीर दासों की आजादी का प्रतीक है। 

प्रश्न 20. 
फ्रांस में राजदण्ड किसका प्रतीक है? 
उत्तर:
शाही सत्ता का। 

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प्रश्न 21. 
गिलोटिन से आप क्या समझते हैं? 
उत्तर:
गिलोटिन दो खंभों के बीच लटकते आरे वाली एक मशीन थी जिस पर रखकर अपराधी का सिर धड़ से अलग कर दिया जाता था। 

प्रश्न 22. 
जैकोबिन सरकार के पतन के बाद फ्रांस में किस तरह की सरकार स्थापित हुई? 
उत्तर:
जैकोबिन सरकार के पतन के बाद फ्रांस में पाँच सदस्यों वाली डिरेक्ट्री सरकार स्थापित हुई। 

प्रश्न 23. 
डिरेक्ट्री की राजनीतिक अस्थिरता से फ्रांस में क्या हुआ? 
उत्तर:
डिरेक्टी की राजनीतिक अस्थिरता से फ्रांस में सैनिक तानाशाही के उदय का मार्ग प्रशस्त हआ। 

प्रश्न 24. 
1791 के संविधान से निराश होकर महिलाओं ने क्या मांगें रखीं? 
उत्तर:
1791 के संविधान से निराश होकर महिलाओं ने मताधिकार, असेम्बली के लिए चुने जाने तथा राजनीतिक पदों की मांग रखी। 

प्रश्न 25. 
जैकोबिन शासन के क्रांतिकारी सामाजिक सुधारों में से एक सुधार बताइये।
उत्तर:
फ्रांसीसी उपनिवेशों में दास प्रथा का उन्मूलन जैकोबिन शासन के क्रांतिकारी सामाजिक सुधारों में से एक था। 

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प्रश्न 26. 
फ्रांसीसी उपनिवेशों से अन्तिम रूप से दास प्रथा का उन्मूलन कब किया गया? 
उत्तर:
फ्रांसीसी उपनिवेशों से अन्तिम रूप से दास प्रथा का उन्मूलन 1848 में किया गया। 

प्रश्न 27. 
फ्रांस में सेंसरशिप की समाप्ति का कानून कब अस्तित्व में आया? 
उत्तर:
सन् 1789 में। 

प्रश्न 28. 
सेंसरशिप की समाप्ति के बाद किस अधिकार के प्रदान किए जाने से मुद्रण संस्कृति का विकास हुआ? 
उत्तर:
सेंसरशिप की समाप्ति के बाद 'भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार' दिए जाने से मुद्रण संस्कृति का विकास हुआ। 

प्रश्न 29. 
नेपोलियन फ्रांस का सम्राट कब बना? 
उत्तर:
सन् 1804 में नेपोलियन फ्रांस का सम्राट बना। 

प्रश्न 30. 
फ्रांस में उपजे विचारों से प्रेरणा लेने वाले किन्हीं दो भारतीयों के नाम दीजिये। 
उत्तर:

  • टीपू सुल्तान 
  • राजा राममोहन राय। 

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प्रश्न 31. 
फ्रांस में महिलाओं को मत देने का अधिकार कब मिला? 
उत्तर:
सन् 1946 में। 

प्रश्न 32. 
नेपोलियन का पतन कब और कहाँ हुआ? 
उत्तर:
नेपोलियन का पतन सन् 1815 में वाटरलू के युद्ध में हुआ। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न- 

प्रश्न 1. 
फ्रांसीसी क्रांति का आरंभ किस घटना से माना जाता है? 
उत्तर:
5 मई, 1789 को तीसरे एस्टेट के प्रतिनिधियों की नये करों के प्रस्ताव पर पूरी सभा द्वारा मतदान करने की मांग जिसमें प्रत्येक सदस्य को एक मत देने का अधिकार होगा, को सम्राट लुई सोलहवें द्वारा ठुकरा देने की घटना से फ्रांसीसी क्रांति का आरंभ माना जाता है। 

प्रश्न 2. 
निम्नलिखित राजनीतिक प्रतीकों के मायने लिखिए-
(अ) टूटी जंजीर 
(ब) अपनी पूंछ में मुँह लिए साँप 
(स) छड़ों का बींदार गट्ठर। 
उत्तर:
(अ) टूटी जंजीर-टूटी जंजीर दासों की आजादी का प्रतीक है। 
(ब) अपनी पूँछ में मुँह लिए साँप-यह समानता का प्रतीक है। अंगूठी का कोई ओर-छोर नहीं होता है। 
(स) छड़ों का बींदार गट्ठर-यह एकता का प्रतीक है। अकेली छड़ को आसानी से तोड़ा जा सकता है पर पूरे गट्ठर को नहीं। 

प्रश्न 3. 
फ्रांस में क्रान्ति की शुरुआत किन परिस्थितियों में हुई? 
उत्तर:
फ्रांस में क्रान्ति की शुरुआत निम्न परिस्थितियों में हुई- 

  • समाज में सामाजिक असमानता व्याप्त थी। 
  • अन्यायपूर्ण कर लगे हुए थे जो केवल तृतीय एस्टेट के लोगों को चुकाने पड़ते थे। 
  • दार्शनिकों तथा विद्वानों के विचारों का प्रसार। 
  • मध्य वर्ग का उदय। 
  • अत्यधिक महँगाई। 
  • स्वेच्छाचारी और निरंकुश शासन। 
  • एस्टेट्स जेनराल की बैठक में तृतीय एस्टेट की इस माँग को ठुकरा दिया जाना कि प्रत्येक सदस्य को एक मत का अधिकार होगा। 

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प्रश्न 4. 
तीसरे एस्टेट की अधिकांश महिलाओं की क्या स्थिति थी? 
उत्तर:
तीसरे एस्टेट की अधिकांश महिलाएँ जीविका निर्वाह के लिए सिलाई-बुनाई, कपड़ों की धुलाई, फल फूल, सब्जियां बेचना अथवा सम्पन्न घरों में घरेलू कार्य किया करती थीं। अधिकांश महिलाओं के पास पढ़ाई-लिखाई तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण के मौके नहीं थे। बहुत सारी महिलाएं वेश्यावृत्ति भी करती थीं। 

प्रश्न 5. 
1789 की क्रांति से पूर्व फ्रांसीसी समाज किस प्रकार व्यवस्थित था? इसमें तीसरे एस्टेट की भूमिका का उल्लेख करिए। 
अथवा 
अठारहवीं सदी में फ्रांसीसी समाज किस प्रकार संगठित था? समाज के कुछ वर्गों को क्या विशेष सुविधाएँ प्राप्त थीं? 
उत्तर:
1789 की क्रांति से पूर्व फ्रांसीसी समाज तीन एस्टेट्स में व्यवस्थित था। ये तीन एस्टेट्स निम्न प्रकार थे-

  • प्रथम एस्टेट-इस वर्ग में चर्च के उच्च श्रेणी के पादरी थे। उन्हें कई विशेषाधिकार प्राप्त थे तथा कोई कर नहीं चुकाना पड़ता था। ये किसानों से टाइद नामक धार्मिक कर भी वसूल करते थे। 
  • द्वितीयं एस्टेट-इस वर्ग में उच्च सरकारी अधिकारी तथा बड़े-बड़े जमींदार होते थे। यह कुलीन वर्ग कहलाता था। इन्हें भी अनेक विशेषाधिकार प्राप्त थे। ये भी कोई कर नहीं चुकाते थे। यह वर्ग किसानों से सामन्ती कर वसूल करता था। 
  • तृतीय एस्टेट-इस वर्ग में किसान, कारीगर, व्यवसायी, छोटे कर्मचारी, वकील, डॉक्टर आदि थे। इन पर करों का समस्त बोझ था। इनसे अतिरिक्त बेगार भी ली जाती थी। 

प्रश्न 6. 
एस्टेट्स जेनराल (प्रतिनिधि सभा) क्या थी? लुई XVI ने तीसरी एस्टेट की किस मांग को स्वीकार नहीं किया? 
उत्तर:
एस्टेट्स जेनराल (प्रतिनिधि सभा) एस्टेट्स जेनराल फ्रांस की एक राजनीतिक संस्था थी। इसमें तीनों एस्टेट अपने-अपने प्रतिनिधि भेजते थे। प्राचीन राजतंत्र के अन्तर्गत फ्रांसीसी सम्राट अपनी मर्जी से कोई कर नहीं लगा सकता था। इसके लिए उसे एस्टेट्स जेनराल की बैठक बुलाकर नये करों के लिए उसकी मंजूरी लेनी होती थी। 

फ्रांसीसी सम्राट लुई XVI ने 5 मई, 1789 को नये करों के प्रस्ताव के अनुमोदन के लिए एस्टेट्स जेनराल की बैठक बुलाई थी। एस्टेट्स जेनराल के नियमों के अनुसार प्रत्येक वर्ग को एक मत देने का अधिकार था। किन्तु इस बार तीसरी एस्टेट के प्रतिनिधियों ने मांग रखी कि अबकी बार पूरी सभा द्वारा मतदान कराया जाना चाहिए, जिसमें प्रत्येक सदस्य को एक मत देने का अधिकार होगा। लुई सोलह ने तीसरी एस्टेट की इस मांग को स्वीकार नहीं किया। 

प्रश्न 7. 
फ्रांस की क्रांति के तीन महत्त्वपूर्ण विचार क्या हैं? 1791 के संविधान के अन्तर्गत उनकी किस प्रकार गारंटी दी गई? 
उत्तर:
फ्रांस की क्रांति के तीन महत्त्वपूर्ण विचार निम्न हैं-

  • जीवन का अधिकार 
  • अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का अधिकार 
  • कानूनी बराबरी का अधिकार 

1791 के संविधान के अन्तर्गत इन्हें नैसर्गिक एवं अहरणीय अधिकार के रूप में स्थान दिया गया। इसका अर्थ था कि ये अधिकार प्रत्येक व्यक्ति को जन्मजात रूप से प्राप्त थे तथा इन अधिकारों को छीना नहीं जा सकता था। राज्य का यह कर्त्तव्य माना गया कि वह प्रत्येक नागरिक के नैसर्गिक अधिकारों की रक्षा करे।। 

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प्रश्न 8. 
फ्रांस में राष्ट्रीय सभा द्वारा 1791 में बनाये गये संविधान की प्रमुख विशेषतायें बताइये। 
उत्तर:
फ्रांस के 1791 के संविधान की प्रमुख विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं-

  • इसने फ्रांस में संवैधानिक राजतन्त्र की नींव डाली तथा सम्राट की शक्तियों को सीमित कर दिया। 
  • इसने शासन की शक्तियों को विभिन्न संस्थाओं-विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका में विभाजित एवं हस्तांतरित कर दिया। 
  • इसने कानून बनाने का अधिकार नेशनल असेम्बली को सौंप दिया। 
  • इसमें 25 वर्ष से अधिक उम्र वाले केवल ऐसे पुरुषों को ही मताधिकार दिया गया जो कम-से-कम तीन दिन की मजदूरी के बराबर कर चुकाते थे। 
  • इसमें जीवन के अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के अधिकार तथा कानून के समक्ष समानता के अधिकार को नैसर्गिक एवं अहरणीय अधिकार के रूप में स्थापित किया गया था। 

प्रश्न 9.
फ्रांस की क्रान्ति में लॉक, रूसो तथा मॉन्तेस्क्यू के विचारों ने किस प्रकार योगदान दिया? 
उत्तर:
फ्रांस की क्रान्ति में लॉक, रूसो तथा मॉन्तेस्क्यू के विचारों ने बहुत योगदान दिया। 

  • लॉक-लॉक ने राजा के दैवी और निरंकुश अधिकारों के सिद्धान्त का खंडन किया। 
  • रूसो-रूसो ने अपनी पुस्तक 'द सोशल कॉन्ट्रैक्ट' में प्रत्येक सदस्य द्वारा एक मत देने के लोकतांत्रिक सिद्धान्त को प्रस्तुत किया था। 
  • मॉन्तेस्क्यू-मॉन्तेस्क्यू ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक 'द स्पिरिट ऑफ द लॉज' में सरकार के अन्दर विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के बीच सत्ता विभाजन की बात कही। 

फ्रांस की जनता उपर्युक्त दार्शनिकों के विचारों से बहुत प्रभावित हुई तथा इससे क्रांति को बल मिला। 

प्रश्न 10. 
फ्रांस की क्रांति में जैकोबिन की क्या भूमिका थी? 
उत्तर:
फ्रांस की क्रांति में जैकोबिन की भूमिका निम्नलिखित थी- 

  • जैकोबिन लोगों के राजनीतिक क्लब थे। लोग इन क्लबों में सरकारी नीतियों और अपनी कार्य योजना पर बहस करते थे। 
  • मैक्समिलियन रोबेस्प्येर उनका नेता था। जैकोबिन के एक बड़े वर्ग ने गोदी कामगारों की तरह धारीदार लम्बी पतलून पहनने का निर्णय किया। ऐसा उन्होंने कुलीनों से खुद को अलग करने के लिए किया। यह उनका कुलीनों की सत्ता समाप्ति का ऐलान था। 
  • सन् 1792 में जैकोबिनों ने खाद्य पदार्थों की महँगाई एवं अभाव से नाराज होकर राजतंत्र को समाप्त करने के लिए हिंसक विद्रोह की योजना बनायी। 
  • 10 अगस्त, 1792 की सुबह उन्होंने ट्यूलेरिए के महल पर धावा बोल कर राजा को कई घण्टों तक बन्धक बनाये रखा। 
  • असेम्बली ने शाही परिवार को जेल में डाल देने का प्रस्ताव किया। नए चुनाव कराये गए। 21 वर्ष से अधिक उम्र वाले सभी पुरुषों को मताधिकार दिया गया तथा 21 सितम्बर, 1792 को इसने राजतंत्र को समाप्त कर दिया तथा फ्रांस को एक गणतंत्र घोषित किया। 21 जनवरी, 1793 को लुई XVI को फाँसी दे दी गई। 
  • रोबेस्प्येर के नेतृत्व में सन् 1793 से 1794 तक फ्रांस पर शासन किया जिसे 'आतंक का युग' कहा जाता है। 

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प्रश्न 11. 
फ्रांस में आतंक का राज' पर एक टिप्पणी लिखो। 
अथवा 
रोबेस्येर कौन था? उसके शासन का 'आतंक का शासन' के नाम से क्यों जाना जाता है? 
अथवा 
फ्रांस के इतिहास में कौनसा काल'आतंक का राज' के नाम से जाना जाता है? इस काल की प्रमुख बातों को संक्षेप में लिखिए। 
उत्तर:
रोबेस्प्येर-रोबेस्प्येर जैकोबिनों का प्रमुख नेता था। 1792 में बनी जैकोबिन सरकार का वह प्रमुख था। 
आतंक का राज-फ्रांस के इतिहास में सन् 1793 से 1794 तक के रोबेस्प्येर के शासन काल को 'आतंक का युग' अथवा 'आतंक का राज' कहा जाता है। इसके निम्न कारण हैं-
(1) इस काल के दौरान रोबेस्प्येर ने कठोर नियंत्रण तथा दण्ड की सख्त नीति को अपनाया। 

(2) अपने विरोधियों जैसे-कुलीन एवं पादरी, अन्य राजनीतिक दलों के सदस्य, उसकी कार्यशैली से असहमति रखने वाले पार्टी सदस्य, सभी को बंदी बनाकर उन पर मुकदमा चलाया गया तथा न्यायालय द्वारा दोषी ठहराये जाने पर उन्हें गिलोटिन पर चढ़ाकर उनका सिर कत्ल कर दिया गया। 

(3) रोबेस्प्येर ने कानून बनाकर मजदूरी एवं कीमतों की अधिकतम सीमा तय कर दी। गोश्त तथा पावरोटी की राशनिंग कर दी गई। किसानों को अपना अनाज शहरों में ले जाकर तय कीमत पर बेचने के लिए बाध्य किया गया। सभी नागरिकों को 'समता रोटी' खाना अनिवार्य कर दिया गया। बोलचाल और संबोधन में भी बराबरी का आचार-व्यवहार लागू करने की कोशिश की गई। 

(4) उसके काल में चर्चों को बन्द कर दिया गया तथा उनके भवनों को बैरक या दफ्तर बना दिया गया। 

प्रश्न 12. 
फ्रांस की क्रांतिकारी सरकार ने महिलाओं के लाभ के लिए क्या कानून पारित किये? 
उत्तर:
फ्रांस की क्रांतिकारी सरकार ने महिलाओं के लाभ के लिए निम्न कानून पारित किये- 

  • सरकारी विद्यालयों की स्थापना के साथ ही सभी लड़कियों के लिए स्कूली शिक्षा को अनिवार्य बना दिया गया। 
  • अब उन्हें उनकी मर्जी के खिलाफ शादी के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता था। 
  • शादी को स्वैच्छिक अनुबंध माना गया और नागरिक कानूनों के तहत उनका पंजीकरण किया जाने लगा। 
  • तलाक को कानूनी रूप दिया गया और पुरुष-महिला दोनों को ही इसकी अर्जी देने का अधिकार दिया गया। 
  • अब महिलाएँ व्यावसायिक प्रशिक्षण ले सकती थीं, कलाकार बन सकती थीं तथा छोटे-मोटे व्यवसाय चला सकती थीं। 

प्रश्न 13. 
अठारहवीं और उन्नीसवीं शताब्दी में फ्रांस की दासता के विषय में क्या स्थिति थी? किन्हीं तीन स्थितियों को स्पष्ट कीजिए। 
अथवा 
फ्रांसीसी उपनिवेशों में दास-प्रथा की क्या स्थिति थी तथा यह प्रथा अन्ततः कैसे और कब समाप्त हुई? 
उत्तर:
अठारहवीं और उन्नीसवीं शताब्दी में फ्रांस में दास-प्रथा की स्थिति निम्न प्रकार थी- 

  • अठारहवीं शताब्दी में फ्रांस में दास-प्रथा की ज्यादा निंदा नहीं हुई। दास-व्यापार पर निर्भर व्यापारियों के विरोध के भय से नेशनल असेंबली में कोई कानून पारित नहीं किया गया। 
  • लेकिन अंततः सन् 1794 के कन्वेंशन द्वारा फ्रांसीसी उपनिवेशों में सभी दासों की मुक्ति का कानून पारित कर दिया गया। यह जैकोबिन शासन का क्रांतिकारी सामाजिक सुधार था। किन्तु यह कानून एक छोटी-सी अवधि तक ही लागू रहा। 
  • दस वर्ष बाद ही 1804 में नेपोलियन ने दास-प्रथा पुनः शुरू कर दी। बागान-मालिकों को अपने आर्थिक हित साधने के लिए अफ्रीकी नीग्रो लोगों को गुलाम बनाने की स्वतंत्रता मिल गयी। 
  • अन्ततः फ्रांसीसी उपनिवेशों से दास-प्रथा का निर्णायक उन्मूलन 1848 में किया गया। 

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प्रश्न 14. 
जीविका संकट क्या है? अठारहवीं शताब्दी में फ्रांस में इसके लिए उत्तरदायी दो कारकों का उल्लेख करें। 
उत्तर:
जीविका संकट-जीविका संकट ऐसी चरम स्थिति होती है जिसमें जीवित रहने के न्यूनतम साधन भी खतरे में पड़ने लगते हैं। 
अठारहवीं शताब्दी में फ्रांस में जीविका संकट के लिए उत्तरदायी दो कारक- 
(1) फ्रांस की जनसंख्या 1715 में लगभग 2.3 करोड़ थी जो 1789 में 2.8 करोड़ हो गई। इसी कारण खाद्यान्नों की मांग में तेजी से वृद्धि हुई । खाद्यान्नों का उत्पादन माँग के अनुसार नहीं बढ़ रहा था। इसलिए पावरोटी की कीमतें बहुत तेजी से बढ़ीं, जो कि बहुसंख्यकों का मुख्य आहार था। परन्तु मजदूरी बढ़ती हुई कीमतों के अनुसार नहीं बढ़ती थी। इस प्रकार अमीरों तथा गरीबों में अंतर बढ़ता गया। 

(2) जब भी कभी सूखे या ओलों का प्रकोप होने से पैदावार गिर जाती थी, तब भी जीविका संकट पैदा हो जाता था। 

प्रश्न 15. 
नेशनल असेम्बली द्वारा किये गये प्रमुख सुधारों का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
नेशनल असेम्बली द्वारा किये गये प्रमुख सुधार निम्न प्रकार हैं:

  • नेशनल असेम्बली ने करों, कर्तव्यों और बन्धनों वाली सामन्ती व्यवस्था के उन्मूलन का आदेश पारित किया। 
  • पादरी वर्ग के लोगों को भी अपने विशेषाधिकार छोड़ने के लिए विवश किया गया। 
  • धार्मिक कर समाप्त कर दिया गया। 
  • चर्च के स्वामित्व वाली भूमि जब्त कर ली गई। 
  • जनता को समानता, स्वतन्त्रता तथा भ्रातृत्व के साथ मौलिक अधिकार दिये गये। 
  • सम्राट की शक्तियों को सीमित किया गया तथा इन शक्तियों को विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका में विभाजित व हस्तांतरित कर फ्रांस में संवैधानिक राजतंत्र की नींव डाली। 

प्रश्न 16. 
जैकोबिन क्लब पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 
उत्तर:

  • जैकोबिन क्लब फ्रांस का एक प्रमुख राजनैतिक क्लब था। 
  • इसके सदस्य मुख्यतः समाज के कम समृद्ध वर्ग से संबंध रखते थे; जैसे-छोटे दुकानदार, कारीगर, जूते बनाने वाले, पेस्ट्री बनाने वाले, घड़ीसाज, छपाई करने वाले, नौकर तथा दैनिक मजदूर आदि। 
  • जैकोबिन क्लब का नेता मैक्समिलियन रोब्सपियर था। 
  • गोदी में काम करने वाले कामगारों की तरह धारीदार लंबी पतलून उनकी पोशाक का हिस्सा थी। उन्होंने ऐसा स्वयं को समाज के फैशनपरस्त कुलीन वर्ग से अलग रखने के लिए किया। कुलीन लोग घुटनों तक ब्रीचेस पहनते थे। जैकोबिन क्लब के सदस्यों का यह पहनावा ब्रीचेस पहनने वाले लोगों की सत्ता समाप्ति की घोषणा करने का उनका तरीका था। जैकोबिन क्लब के सदस्यों को 'सौं कुलाँत' के नाम से जाना जाने लगा जिसका शाब्दिक अर्थ था-'बिना घुटन्ने वाले'। 
  • सौं कुलाँत लोग एक लाल टोपी भी पहनते थे, जो आजादी की प्रतीक थी। 

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प्रश्न 17. 
'ओलम्प दे गूज' के जीवन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
फ्रांस की क्रांति में महिलाओं ने भी भाग लिया था। ओलम्प दे गूज नामक महिला क्रांतिकालीन फ्रांस की राजनीतिक रूप से सक्रिय महिलाओं में सबसे महत्त्वपूर्ण थीं। इनका जन्म 1748 में हुआ था तथा मृत्यु 1793 में हुई थी। उन्होंने संविधान तथा 'पुरुष एवं नागरिक अधिकार घोषणापत्र' का विरोध किया था क्योंकि उसमें महिलाओं को मानव मूलभूत अधिकारों से वंचित रखा गया था। सन् 1793 में ओलम्प दे गूज ने महिला क्लबों को जबर्दस्ती बंद कर देने के लिए जैकोबिन सरकार की आलोचना की। इस पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर नेशनल कन्वेंशन द्वारा देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया। इसके तुरंत बाद उन्हें फाँसी पर लटका दिया गया। 

प्रश्न 18. 
डिरेक्ट्री शासित फ्रांस पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये। 
उत्तर:
डिरेक्ट्री शासन से आशय-1794 ई. में फ्रांस में जैकोबिन सरकार के पतन के बाद फ्रांस की सत्ता मध्यम वर्ग के सम्पन्न लोगों के हाथ में आ गई । फ्रांस के नये संविधान में दो चुनी हुई विधान परिषदों के गठन का प्रावधान था। इन परिषदों ने पांच सदस्यों वाली एक कार्यपालिका को नियुक्त किया जिसे 'डिरेक्ट्री' कहा गया। 

इस व्यवस्था के अन्तर्गत एक व्यक्ति के हाथ में शक्तियों के केन्द्रीकरण पर रोक लगाई गई। लेकिन इन डिरेक्टरों का झगड़ा अक्सर विधान परिषदों से होता था और तब परिषद् उन्हें बर्खास्त करने की कोशिश करती। इस प्रकार एक राजनैतिक अस्थिरता का वातावरण बना जिसने नेपोलियन बोनापार्ट के सैनिक शासन का मार्ग प्रशस्त किया। 

प्रश्न 19. 
अठारहवीं शताब्दी में फ्रांस में महिलाओं की दशा का वर्णन कीजिये। 
उत्तर:
अठारहवीं शताब्दी में फ्रांस में महिलाओं की दशा का वर्णन निम्न बिन्दुओं में किया जा सकता है-

  • तीसरे एस्टेट की अधिकतर महिलाओं को जीविकोपार्जन के लिए काम करना पड़ता था। 
  • उनमें से अधिकतर को शिक्षा प्राप्त नहीं थी। 
  • एक मजदूर के रूप में महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा कम मजदूरी मिलती थी। 
  • उन्हें कम उम्र में ही अपने माता-पिता द्वारा शादी करने के लिए बाध्य किया जाता था। 
  • अपनी नौकरी के साथ-साथ उन्हें अपने परिवारों की भी देखभाल करनी पड़ती थी। 

प्रश्न 20. 
क्रांति में फ्रांसीसी महिलाओं की भूमिका का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
क्रांति में फ्रांसीसी महिलाओं की भूमिका-फ्रांसीसी समाज में क्रांति लाने में महिलाएँ भी सक्रिय रूप से शामिल थीं। उन्होंने क्रांतिकारी सरकार पर उनके जीवन में सधार लाने के लिए आवश्यक डाला। इस हेतु उन्होंने स्वयं के राजनैतिक क्लब एवं अखबार शुरू किए तथा निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण मुद्दे उठाए- 

  • सभी वर्गों की महिलाओं को शिक्षा एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाए। 
  • उन्हें भी पुरुषों के समाज मजदूरी दी जाए। 
  • उन्हें भी पुरुषों के समान राजनैतिक अधिकार दिए जाएं। 
  • उन्होंने मताधिकार, निर्वाचित होने तथा राजनैतिक पद ग्रहण कर सकने की मांग की। फ्रांस के विभिन्न शहरों में महिलाओं के ऐसे लगभग साठ राजनैतिक क्लब अस्तित्व में आए। 

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प्रश्न 21. 
क्रांतिकारी सरकार ने महिलाओं के जीवन में सुधार लाने हेतु कौन-कौनसे कानून लागू किए? 
उत्तर:
प्रारंभिक वर्षों में क्रांतिकारी सरकार ने महिलाओं के जीवन में सुधार लाने वाले निम्न प्रमुख कानून लागू किए- 

  • सरकारी विद्यालयों की स्थापना के साथ ही सभी लड़कियों के लिए स्कूली शिक्षा को अनिवार्य बना दिया गया। 
  • अब पिता उन्हें उनकी मर्जी के खिलाफ शादी के लिए बाध्य नहीं कर सकते थे। शादी को स्वैच्छिक अनुबंध माना गया और नागरिक कानूनों के तहत उनका पंजीकरण किया जाने लगा। 
  • तलाक को कानूनी रूप दिया गया और मर्द-औरत दोनों को ही इसकी अर्जी देने का अधिकार दिया गया। 
  • अब महिलाएँ व्यावसायिक प्रशिक्षण ले सकती थीं, कलाकार बन सकती थीं और छोटे-मोटे व्यवसाय चला सकती थीं। 
  • लेकिन मताधिकार और समान वेतन का अधिकार उन्हें नहीं मिला। इसके लिए उनका आंदोलन जारी रहा। अन्ततः 1946 में उन्हें मताधिकार प्राप्त हुआ। 

प्रश्न 22. 
नेपोलियन बोनापार्ट की उपलब्धियों का मूल्यांकन कीजिए। उत्तर-नेपोलियन बोनापार्ट की उपलब्धियों का मूल्यांकन निम्न बिन्दुओं में किया जा सकता है 

  • सन् 1804 में नेपोलियन बोनापार्ट ने खुद को फ्रांस का सम्राट घोषित कर दिया तथा फ्रांस की राजनैतिक अस्थिरता को समाप्त किया। 
  • इसके बाद उसने पड़ोस के यूरोपीय देशों की विजय यात्रा शुरू की। पुराने राजवंशों को हटाकर उसने नए साम्राज्य बनाए और उनकी बागडोर अपने खानदान के लोगों के हाथ में दे दी।  
  • नेपोलियन ने यूरोप का आधुनिकीकरण किया। उसने निजी संपत्ति की सुरक्षा के कानून बनाए और दशमलव पद्धति पर आधारित नाप-तौल की एक समान प्रणाली चलायी। 

प्रश्न 23. 
नेपोलियन के पतन के कोई चार कारण बताओ। 
उत्तर:
नेपोलयन के पतन के प्रमुख कारण निम्नलिखित थे- 

  • महत्त्वाकांक्षा-नेपोलियन अत्यधिक महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति था। उसकी महत्त्वाकांक्षाओं का कोई अन्त नहीं था। यह उसके पतन का एक प्रमुख कारण रही। 
  • साम्राज्यवादी भावना-नेपोलियन में साम्राज्यवादी भावना प्रबल रूप में थी। यह भावना भी उसके पतन का एक कारण बनी। 
  • सैनिकवाद-नेपोलियन का साम्राज्यवाद सैनिक शक्ति पर आधारित था। सैनिकवाद के प्रसार ने यूरोप में भीषण युद्धों को जन्म दिया, जिससे फ्रांस की सैनिक शक्ति निरंतर कम होती गई। 
  • युद्धप्रियता-साम्राज्यवादी लिप्सा, सैनिकवाद ने उसे युद्धप्रिय बना दिया। लोग उसे हमलावर मानने लगे और यह उसके पतन का कारण बनी। अन्ततः 1815 में वाटर लू में उसकी हार हुई। 

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दीर्घउत्तरात्मक प्रश्न- 

प्रश्न 1. 
फ्रांस की क्रान्ति की प्रमुख घटनाओं का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
फ्रांस की क्रान्ति की प्रमुख घटनाएँ 
फ्रांस की क्रान्ति की प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित थीं-
(1) एस्टेट्स जेनराल का अधिवेशन-5 मई, 1789 को फ्रांस के सम्राट लुई 16वें ने एस्टेट्स जेनराल का अधिवेशन बुलाया। एस्टेट्स जेनराल के तीन एस्टेट थे-(1) प्रथम एस्टेट (पादरी वर्ग) (2) द्वितीय एस्टेट (कुलीन वर्ग) (3) तृतीय एस्टेट (साधारण जन)। इनमें तृतीय एस्टेट के सदस्यों की संख्या तो अधिक थी, परन्तु तीनों एस्टेट का एक-एक मत माना जाता था। यह अन्यायपूर्ण था। तृतीय एस्टेट के प्रतिनिधियों ने यह माँग की कि इस बार पूरी सभा द्वारा मतदान कराया जाये जिसमें प्रत्येक सदस्य को एक मत देने का अधिकार हो। सम्राट ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया, इस पर तृतीय एस्टेट के प्रतिनिधि विरोध जताते हुए सभा से बाहर चले गये। 

(2) टेनिस कोर्ट की शपथ-20 जून, 1789 को सम्राट् लई 16वें ने तृतीय सदन (साधारण सदन) को बन्द करवा दिया। इस पर इसके सदस्यों ने टेनिस कोर्ट के मैदान पर अपना अधिवेशन आयोजित किया। वहाँ उन्होंने अपने आप को नेशनल असेम्बली घोषित कर दिया। उन्होंने शपथ ली कि वे अपनी बैठक जारी रखेंगे और अपना संविधान बनायेंगे। यह क्रान्ति का सूत्रपात था। 

(3) बास्तील दुर्ग का पतन-14 जुलाई, 1789 को पेरिस की जनता ने बास्तील दुर्ग पर आक्रमण कर अपने नेताओं को छुड़ा लिया। यह जनता का राजा की निरंकुशता के विरुद्ध विद्रोह था जो सफल हुआ। 

(4) राष्ट्रीय सभा के सुधार-लुई XVI ने अंततः राष्ट्रीय सभा को मान्यता दे दी। 4 अगस्त, 1789 ई. को राष्ट्रीय सभा का अधिवेशन बुलाया गया। इस अधिवेशन में सामन्तों के विशेषाधिकार समाप्त कर दिये गये। 27 अगस्त, 1789 को नागरिकों के मौलिक अधिकारों की घोषणा की गई। जनता को समानता, स्वतन्त्रता तथा भ्रातृत्व के साथ मौलिक अधिकार दिए गए। 

(5) नवीन संविधान-1791 ई. में संविधान सभा ने नया संविधान बनाया। इसमें लोक प्रभुत्व का सिद्धान्त अपनाया गया। इसमें इस बात पर बल दिया गया कि राज्य की प्रभुत्व शक्ति जनता में निहित है। इसके साथ ही कार्यपालिका, व्यवस्थापिका और न्यायपालिका की शक्तियों का पृथक्करण किया गया। इस प्रकार फ्रांस में संवैधानिक राजतन्त्र की स्थापना हुई। फ्रांस के इतिहास में यह पहला लिखित संविधान था। 

(6) राजा को बंधक बनाना तथा नये चुनाव कराना-1792 की गर्मियों में जैकोबिनों ने महंगाई तथा खाद्य कमी से परेशान होकर एक विशाल हिसक विद्रोह की योजना बनाई। 10 अगस्त की सुबह उन्होंने ट्यूलेरिए के महल पर धावा बोल दिया, राजा के रक्षकों को मार डाला तथा स्वयं राजा को कई घंटों तक बन्धक बनाये रखा। बाद में असेम्बली ने शाही परिवार को जेल में डालने का प्रस्ताव पारित किया। नये चुनाव कराये गये। 

(7) राजतन्त्र का अन्त-नवनिर्वाचित असेम्बली को कन्वेंशन का नाम दिया गया। 21 सितम्बर, 1792 को इसने राजतन्त्र का अन्त कर दिया तथा फ्रांस को एक गणतन्त्र घोषित किया। 

(8) लुई सोलहवें को मृत्युदण्ड-लुई सोलहवें पर मुकदमा चलाया गया। उसे देशद्रोही घोषित किया गया और 21 जनवरी, 1793 को उसे फांसी दे दी गई। अक्टूबर, 1793 में रानी आन्तनेत को भी फांसी दे दी गई। 
इस प्रकार राजतन्त्र के विरुद्ध फ्रांस की क्रान्ति सफ 

प्रश्न 2. 
पुरुष एवं नागरिक अधिकार घोषणापत्र के कोई आठ प्रमुख बिन्दु लिखिये। 
उत्तर:
पुरुष एवं नागरिक अधिकार घोषणापत्र के कोई आठ प्रमुख बिन्दु निम्न प्रकार हैं-

  • लोग स्वतंत्र पैदा होते हैं, स्वतंत्र रहते हैं और उनके अधिकार समान होते हैं। 
  • प्रत्येक राजनीतिक संगठन का लक्ष्य लोगों के नैसर्गिक एवं अहरणीय अधिकारों को संरक्षित रखना है। ये अधिकार हैं- स्वतंत्रता, सम्पत्ति, सुरक्षा एवं शोषण के प्रतिरोध का अधिकार। 
  • समग्र संप्रभुता का स्रोत राज्य में निहित है; कोई भी समूह या व्यक्ति ऐसा अनाधिकार प्रयोग नहीं करेगा जिसे जनता की सत्ता की स्वीकृति न मिली हो। 
  • स्वतंत्रता का आशय ऐसे काम करने की शक्ति से है जो दूसरों के लिए नुकसानदेह न हो। 
  • समाज के लिए किसी भी हानिकारक कृत्य पर पाबंदी लगाने का अधिकार कानून के पास है। 
  • कानून सामान्य इच्छा की अभिव्यक्ति है। सभी नागरिकों को व्यक्तिगत रूप से या अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से इसके निर्माण में भाग लेने का अधिकार है। कानून की नजर में सभी नागरिक समान हैं। 
  • कानुनसम्मत प्रक्रिया के बाहर किसी भी व्यक्ति को न तो दोषी ठहराया जा सकता है और न ही गिरफ्तार अथवा नजरबंद किया जा सकता है। 
  • प्रत्येक नागरिक बोलने, लिखने और छापने के लिए आजाद है। लेकिन कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत ऐसी स्वतंत्रता के दुरुपयोग की जिम्मेदारी भी उसी की होगी। 
  • सार्वजनिक सेना तथा प्रशासन के खर्चे चलाने के लिए एक सामान्य कर लगाना अपरिहार्य है। सभी नागरिकों पर उनकी आय के अनुसार समान रूप से कर लगाया जाना चाहिए। 
  • संपत्ति के अधिकार से किसी भी व्यक्ति को वंचित नहीं किया जा सकता है, जब तक कि विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के तहत सार्वजनिक आवश्यकता के लिए संपत्ति का अधिग्रहण करना आवश्यक न हो। ऐसे मामले में अग्रिम मुआवजा जरूर दिया जाना चाहिए। 

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प्रश्न 3. 
जैकोबिन क्लब क्या था? फ्रांस में गणतन्त्र स्थापना में इसकी क्या भूमिका थी? 
उत्तर:
जैकोबिन क्लब-जैकोबिन क्लब फ्रांस का एक राजनीतिक क्लब था। इसका नाम पेरिस के भूतपूर्व कॉन्वेंट ऑफ सेंट जेकब के नाम पर पड़ा, जो अब इस राजनीतिक समूह का अड्डा बन गया था। यहाँ लोग सरकारी नीतियों और अपनी कार्ययोजना पर बहस करते थे। 

जैकोबिन क्लब के सदस्य मुख्यतः समाज के कम समृद्ध हिस्से से आते थे। इनमें छोटे दुकानदार और कारीगर जैसे जूता बनाने वाले, पेस्ट्री बनाने वाले, घड़ीसाज, छपाई करने वाले और नौकर व दिहाड़ी मजदूर शामिल थे। उनका नेता मैक्समिलियन रोबेस्प्येर था। फ्रांस में गणतन्त्र स्थापना में जैकोबिनों की महत्त्वपूर्ण भूमिका थी। 

जैकोबिनों के एक बड़े वर्ग ने गोदी कामगारों की तरह धारीदार लंबी पतलून पहनने का निर्णय किया। ऐसा उन्होंने समाज के फैशनपरस्त वर्ग, खासतौर से घुटने तक पहने जाने वाले ब्रीचेस (घुटन्ना) पहनने वाले कुलीनों से खुद को अलग करने के लिए किया। यह ब्रीचेस पहनने वाले कुलीनों की सत्ता समाप्ति के ऐलान का उनका तरीका था। इसलिए जैकोबिनों को 'सौं कुलॉत' के नाम से जाना गया जिसका शाब्दिक अर्थ होता है-बिना घुटन्ने वाले। सौं कुलॉत पुरुष लाल रंग की टोपी भी पहनते थे जो स्वतंत्रता का प्रतीक थी। 

सन् 1792 की गर्मियों में जैकोबिनों ने महँगाई एवं खाद्य पदार्थों के अभाव से नाराज पेरिसवासियों को लेकर एक विशाल हिंसक विद्रोह की योजना बनाथी। 10 अगस्त की सुबह उन्होंने ट्यूलेरिए के महल पर धावा बोल दिया। उन्होंने राजा के रक्षकों को मार डाला और खुद राजा को कई घंटों तक बंधक बनाये रखा। बाद में असेंबली ने शाही परिवार को जेल में डाल देने का प्रस्ताव पारित किया। नये चुनाव कराये गए। 21 वर्ष से अधिक उम्र वाले सभी पुरुषों---चाहे उनके पास संपत्ति हो या नहीं-को मतदान का अधिकार दिया गया। 

नवनिर्वाचित असेंबली को कन्वेंशन का नाम दिया गया। 21 सितंबर, 1792 को इसने राजतंत्र का अंत कर दिया और फ्रांस को एक गणतंत्र घोषित किया। 

प्रश्न 4. 
ओलम्प दे गूज द्वारा तैयार किये गये घोषणापत्र के कुछ प्रमुख मूलभूत अधिकारों का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
ओलम्प दे गूज़ द्वारा तैयार किये गये घोषणापत्र के कुछ प्रमुख मूलभूत अधिकार निम्न प्रकार हैं-

  • औरत जन्मना स्वतत्र है और आधकारों में पुरुष के समान है। 
  • सभी राजनीतिक संगठनों का लक्ष्य पुरुष एवं महिला के नैसर्गिक अधिकारों को संरक्षित करना है। ये अधिकार हैं-स्वतंत्रता, संपत्ति, सुरक्षा और सबसे बढ़कर शोषण के प्रतिरोध का अधिकार। 
  • समग्र संप्रभुता का स्रोत राष्ट्र में निहित है जो पुरुषों एवं महिलाओं के संघ के सिवाय कुछ नहीं है।
  • कानून सामान्य इच्छा की अभिव्यक्ति होनी चाहिए। सभी महिला एवं पुरुष नागरिकों का या तो व्यक्तिगत रूप से या अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से विधि-निर्माण में दखल होना चाहिए। यह सभी के लिए समान होना चाहिए। सभी महिला एवं पुरुष नागरिक अपनी योग्यता एवं प्रतिभा के बल पर समान रूप से एवं बिना किसी भेदभाव के हर तरह के सम्मान व सार्वजनिक पद के हकदार हैं। 
  • कोई भी महिला अपवाद नहीं है। वह विधिसम्मत प्रक्रिया द्वारा अपराधी ठहरायी जा सकती है, गिरफ्तार और नजरबंद की जा सकती है। पुरुषों की तरह महिलाओं को भी इस कठोर कानून का पालन करना चाहिए। 
admin_rbse
Last Updated on May 23, 2022, 7:22 p.m.
Published May 23, 2022