RBSE Class 9 Social Science Important Questions Geography Chapter 4 जलवायु

Rajasthan Board RBSE Class 9 Social Science Important Questions Geography Chapter 4 जलवायु Important Questions and Answers. 

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RBSE Class 9 Social Science Important Questions Geography Chapter 4 जलवायु

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. 
एक विशेष समय में एक क्षेत्र के वायुमण्डल की अवस्था के लिए निम्नलिखित में से कौनसा एक शब्द प्रयोग किया जाता है? 
(अ) मौसम 
(ब) पवनें 
(स) जलवायु 
(द) दाब 
उत्तर:
(अ) मौसम 

प्रश्न 2. 
निम्न में से कौनसा कारण पवन को अपने साधारण मार्ग से विचलित करने के लिए उत्तरदायी है? 
(अ) अभिकेन्द्रिक बल 
(ब) अपकेन्द्रिक बल 
(स) कोरिआलिस बल 
(द) गुरुत्वाकर्षण बल 
उत्तर:
(स) कोरिआलिस बल

प्रश्न 3. 
मानसून शब्द की उत्पत्ति हुई- 
(अ) जर्मन से 
(ब) हिन्दी से 
(स) लैटिन से 
(द) अरबी से 
उत्तर:
(द) अरबी से 

प्रश्न 4. 
किसी भी क्षेत्र की जलवाय नियंत्रित करने वाले कारक हैं- 
(अ) अक्षांश 
(ब) ऊंचाई 
(स) समुद्र से दूरी 
(द) उपर्युक्त सभी 
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी

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प्रश्न 5. 
कौनसा नगर भारत में सबसे ठण्डा स्थान है? 
(अ) द्रास 
(ब) श्रीनगर 
(स) शिलांग 
(द) बीकानेर 
उत्तर:
(अ) द्रास 

प्रश्न 6. 
दो राज्यों के निम्नलिखित किस एक वर्ग में आम्र वर्षा होती है? 
(अ) बिहार और पश्चिम बंगाल 
(ब) तमिलनाडु और आन्ध्र प्रदेश 
(स) कर्नाटक और केरल 
(द) महाराष्ट्र और आन्ध्र प्रदेश 
उत्तर:
(स) कर्नाटक और केरल 

प्रश्न 7. 
विषुवत् वृहत् से ध्रुवों की तरफ जाने पर तापमान में क्या परिवर्तन आता है? 
(अ) तापमान घटता है 
(ब) तापमान बढ़ता है 
(स) तापमान स्थिर रहता है 
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं 
उत्तर:
(अ) तापमान घटता है 

प्रश्न 8. 
जेट धाराएँ कितने उत्तरी अक्षांशों के बीच स्थित रहती हैं? 
(अ) 10° से 15° तक 
(ब) 18° से 21° के मध्य 
(स) 27° से 30° उत्तर अक्षांश 
(द) 32° से 37° उत्तर अक्षांश 
उत्तर:
(स) 27° से 30° उत्तर अक्षांश 

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प्रश्न 9. 
भारत में मानसून प्रायद्वीप के दक्षिणी छोर पर कब प्रवेश करता है? 
(अ) मई के प्रथम सप्ताह में 
(ब) जून के प्रथम सप्ताह में 
(स) जुलाई के प्रथम सप्ताह में 
(द) अगस्त के प्रथम सप्ताह में 
उत्तर:
(ब) जून के प्रथम सप्ताह में 

प्रश्न 10. 
शीत ऋतु की अवधि है- 
(अ) मई से जून तक 
(ब) जून से मध्य सितम्बर तक 
(स) मध्य नवम्बर से फरवरी तक 
(द) दिसम्बर से मार्च तक 
उत्तर:
(स) मध्य नवम्बर से फरवरी तक 

प्रश्न 11. 
भारत में ग्रीष्म ऋतु की अवधि है 
(अ) मार्च से मई 
(ब) जून से सितम्बर 
(स) सितम्बर से नवम्बर 
(द) जनवरी से अप्रेल 
उत्तर:
(अ) मार्च से मई 

प्रश्न 12. 
पश्चिमी घाट के पवनमुखी भागों पर कितनी वर्षा होती है? 
(अ) 50 सेमी. से अधिक 
(ब) 100 सेमी. से अधिक 
(स) 150 सेमी. से अधिक 
(द) 250 सेमी. से अधिक 
उत्तर:
(द) 250 सेमी. से अधिक 

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प्रश्न 13. 
पश्चिमी तट के भागों एवं उत्तरी-पूर्वी भारत में कितनी वर्षा होती है? 
(अ) 100 सेमी. से अधिक 
(ब) 200 सेमी. से अधिक 
(स) 300 सेमी. से अधिक 
(द) 400 सेमी. से अधिक 
उत्तर:
(द) 400 सेमी. से अधिक 

प्रश्न 14. 
स्टैलैग्माइट एवं स्टैलैक्टाइट गुफाएँ कहाँ स्थित हैं? 
(अ) मुम्बई में 
(ब) ओडिशा में 
(स) मासिनराम में 
(द) गोवाहाटी में 
उत्तर:
(स) मासिनराम में 

प्रश्न 15.
मई के महीने में देश के उत्तरी-पश्चिमी भाग का तापमान रहता है- 
(अ) 15° सेल्शियस 
(ब) 25° सेल्शियस 
(स) 45° सेल्शियस 
(द) 65° सेल्शियस 
उत्तर:
(स) 45° सेल्शियस 

रिक्त स्थानों की पूर्ति वाले प्रश्न-

निम्न रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-

1. ............. एक विशेष समय में एक क्षेत्र के वायुमण्डल की अवस्था को वायाटल की अवस्था को बताता है। (जलवाय/मौसम) 
2. एक विशाल क्षेत्र में लम्बे समयावधि में मौसम की अवस्थाओं तथा विविधताओं का कुल योग ............. कहलाती (ऋतु/जलवायु) 
3. उत्तरी मैदान में वर्षा की मात्रा पूर्व से पश्चिम में ............ जाती है। (घटती/बढ़ती) 
4. कर्क वृत्त के उत्तर में स्थित भाग ............. कटिबन्धीय है। (उपोष्ण/उष्ण) 
5. उत्तरी भारत में ............ ऋतु मध्य नवम्बर से आरम्भ होकर फरवरी तक रहती है। (मानसून/शीत) 
6. ग्रीष्म ऋतु के अन्त में कर्नाटक एवं केरल में प्रायः पूर्व मानसूनी वर्षा होती है इसे ................ कहा जाता है। (काल वैशाखी/आम्र वर्षा) 
उत्तर:
1. मौसम 
2. जलवायु 
3. घटती 
4. उपोष्ण 
5. शीत 
6. आम्र वर्षा। 

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सत्य/असत्य वाले प्रश्न-

निम्न में से सत्य/असत्य कथन छाँटिए-

1. मासिनराम विश्व में सबसे अधिक वर्षा वाला क्षेत्र है। ( ) 
2. थिरुवनंतपुरम् की जलवायु सम है। ( ) 
3. गोदावरी, कृष्णा एवं कावेरी नदियों के सघन आबादी वाले डेल्टा प्रदेशों में प्रायः चक्रवात नहीं आते हैं। ( ) 
4. अक्टूबर एवं नवम्बर का महीना गर्म वर्षा ऋतु से शीत ऋतु में परिवर्तन का काल होता है। ( ) 
5. वैशाख में होने वाली वर्षा को गजरात में काल वैशाखी कहा जाता है। ( ) 
6. भारत के उत्तरी भाग में दिसम्बर एवं जनवरी के महीने सबसे ठण्डे होते हैं। ( ) 
उत्तर:
1. सत्य 
2. सत्य 
3. असत्य 
4. सत्य 
5. असत्य 
6. सत्य। 

मिलान वाले प्रश्न-

निम्न को सुमेलित कीजिए-

(अ) मानसून आगमन

(ब) तिथि

1. बेंगलुरु 

5 जून से 10 जून 

2. हैदराबाद 

1 जून से 5 जून 

3. मुम्बई 

10 जून से 15 जून

4. भोपाल 

15 जून से 1 जुलाई

5. जयपुर

5 जून से 10 जून

उत्तर: 

(अ) मानसून आगमन

(ब) तिथि

1. बेंगलुरु 

1 जून से 5 जून 

2. हैदराबाद 

5 जून से 10 जून 

3. मुम्बई 

5 जून से 10 जून 

4. भोपाल 

10 जून से 15 जून 

5. जयपुर

15 जून से 1 जुलाई 

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अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
जलवायु किसे कहते हैं?
उत्तर:
एक विशाल क्षेत्र में एक लम्बी समयावधि (30 वर्ष से अधिक) में मौसम की अवस्थाओं तथा विविधताओं का कुल योग ही जलवायु है। 

प्रश्न 2. 
मौसम किसे कहते हैं? 
उत्तर:
किसी विशेष समय में एक क्षेत्र की वायुमण्डलीय अवस्था को मौसम कहते हैं। 

प्रश्न 3. 
भारत की जलवायु को क्या कहा जाता है? 
उत्तर:
भारत की जलवायु को मानसूनी जलवायु कहा जाता है। 

प्रश्न 4. 
मानसून का अर्थ बताइए। 
उत्तर:
मानसून का अर्थ एक वर्ष के दौरान वायु की दिशा में ऋतु के अनुसार परिवर्तन से है। 

प्रश्न 5. 
किसी क्षेत्र की जलवायु को नियन्त्रित करने वाले प्रमुख कारकों के नाम दीजिए। 
उत्तर:

  • अक्षांश, 
  • तुंगता (ऊँचाई), 
  • वायुदाब एवं पवन तन्त्र, 
  • समुद्र से दूरी, 
  • महासागरीय धाराएँ, 
  • उच्चावच लक्षण।

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प्रश्न 6. 
अरब सागरीय मानसन शाखा से सर्वाधिक वर्षा किस भाग में होती है? 
उत्तर:
पश्चिमी घाट के पवनोन्मुखी ढालों पर। 

प्रश्न 7. 
शीत ऋतु में देश के उत्तरी-पश्चिमी भागों में वर्षा का प्रमुख कारण क्या है? 
उत्तर:
पश्चिमी विक्षोभ। 

प्रश्न 8. 
पश्चिमी विक्षोभ का उत्पत्ति स्थान कौनसा है? 
उत्तर:
भूमध्य सागर। 

प्रश्न 9. 
कोरोमण्डल तट पर अधिकतर वर्षा किससे होती है? 
उत्तर:
चक्रवातों एवं वायुदाबों से। 

प्रश्न 10. 
लू क्या है? 
उत्तर:
भारत के उत्तरी-पश्चिमी भागों में मई और जून के महीनों में दिन के समय बहने वाली गरम व शुष्क हवाओं को लू कहते हैं। 

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प्रश्न 11. 
महाद्वीपीय अवस्था किसे कहते हैं? 
उत्तर:
समुद्र से दूरी वाले स्थानों पर लोग विषम मौसमी अवस्थाओं को अर्थात् गर्मी में बहुत अधिक गर्म तथा सर्दी में बहुत अधिक ठण्डा महसूस करते हैं, इसे ही महाद्वीपीय अवस्था कहते हैं। 

प्रश्न 12. 
भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कोई दो कारक बताइए। 
उत्तर:

  • अक्षांश, 
  • ऊँचाई। 

प्रश्न 13. 
भारत कौनसी पवनों वाले क्षेत्र में स्थित है? 
उत्तर:
भारत उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनों वाले क्षेत्र में स्थित है। 

प्रश्न 14. 
कोरिआलिस बल किसे कहते हैं? 
उत्तर:
पृथ्वी के घूर्णन के कारण उत्पन्न आभासी बल को कोरिआलिस बल कहते हैं। 

प्रश्न 15. 
कोरिआलिस बल का क्या प्रभाव होता है? 
उत्तर:
कोरिआलिस बल के कारण पवनें उत्तरी गोलार्द्ध में दाहिनी ओर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में बायीं ओर विक्षेपित हो जाती हैं।

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प्रश्न 16. 
जेट धारा क्या है? 
उत्तर:
जेट धारा क्षोभमण्डल में अत्यधिक ऊँचाई (12,000 मीटर से अधिक) पर एक संकरी पट्टी में बहने वाली पश्चिमी हवाएँ होती हैं।

प्रश्न 17. 
पश्चिमी चक्रवातीय विक्षोभ क्या है? 
उत्तर:
यह सर्दी के महीनों में होने वाली मौसमी प्रक्रिया है, जो भूमध्यसागरीय क्षेत्र से आने वाले पश्चिमी प्रवाह के कारण होता है। 

प्रश्न 18. 
मानसून का प्रभाव किन क्षेत्रों में रहता है? 
उत्तर:
मानसून का प्रभाव उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों में लगभग 20° उत्तर एवं 20° दक्षिण के बीच रहता है। 

प्रश्न 19. 
अन्त: उष्ण कटिबन्धीय अभिसरण क्षेत्र क्या है? 
उत्तर:
यह विषुवतीय अक्षांशों में विस्तृत गर्त एवं निम्न दाब का क्षेत्र होता है जहाँ पर उत्तर-पूर्वी एवं दक्षिण पूर्वी व्यापारिक पवनें आपस में मिलती हैं। 

प्रश्न 20. 
एलनीनो किसे कहते हैं?  
उत्तर:
प्रत्येक 2 से 5 वर्ष के अन्तराल में ठण्डी पेरु जलधारा के स्थान पर अस्थायी रूप से उत्पन्न होने वाली गर्म जलधारा को एलनीनो कहते हैं। 

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प्रश्न 21. 
भारत में मानसून का. समय क्या है? 
उत्तर:
जून से मध्य सितम्बर तक। 

प्रश्न 22. 
भारतीय मानसून की प्रमुख शाखाओं के नाम लिखिए। 
उत्तर:

  • अरब सागर शाखा, 
  • बंगाल की खाड़ी शाखा। 

प्रश्न 23. 
भारत में मुख्यतः कितनी ऋतुएँ पहचानी गई हैं? नाम लिखिए। 
उत्तर:
चार-

  • शीत ऋतु, 
  • ग्रीष्म ऋतु, 
  • मानसून का आगमन काल, 
  • मानसून की वापसी का काल। 

प्रश्न 24. 
'महावट' या 'मावट' किसे कहते हैं? 
उत्तर:
शीतकाल में देश के उत्तर-पश्चिमी भाग में भूमध्यसागरीय चक्रवातों से होने वाली वर्षा को स्थानीय तौर पर 'महावट' कहा जाता है। 

प्रश्न 25. 
'काल वैशाखी' किसे कहते हैं? 
उत्तर:
उत्तर भारत में ग्रीष्म ऋतु में कभी-कभी तीव्र हवाओं के साथ गरज वाली मूसलाधार वर्षा होती है। वैशाख के महीने में होने के कारण पश्चिम बंगाल में इसे 'काल वैशाखी' कहा जाता है। 

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प्रश्न 26. 
आम्र वर्षा क्या है? 
उत्तर:
ग्रीष्म ऋतु के अन्त में कर्नाटक एवं केरल में प्रायः पूर्व-मानसूनी वर्षा होती है। इसके कारण आम जल्दी पक जाते हैं। अतः इसे आम्र वर्षा भी कहते हैं। 

प्रश्न 27. 
'क्वार की उमस' किसे कहते हैं? 
उत्तर:
मानसून वापसी के समय प्रायः अक्टूबर में उच्च तापमान एवं आर्द्रता वाली अवस्था के कारण दिन का मौसम असह्य हो जाता है। इसे ही 'क्वार की उमस' कहा जाता है। 

प्रश्न 28. 
विश्व में सबसे अधिक वर्षा वाला क्षेत्र कौनसा है तथा यह क्यों प्रसिद्ध है? 
उत्तर:
मासिनराम विश्व में सबसे अधिक वर्षा वाला क्षेत्र है तथा यह स्टैलेग्माइट एवं स्टैलेक्टाइट गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न 

प्रश्न 1. 
मौसम और जलवायु में क्या अन्तर है?
उत्तर:
मौसम और जलवायु में अन्तर-मौसम और जलवायु में मुख्यतः अवधि तथा क्षेत्र का अन्तर है। एक विशाल क्षेत्र में एक लम्बी समयावधि (30 वर्ष से अधिक) में मौसम की अवस्थाओं तथा विविधताओं का कुल योग ही जलवायु है, जबकि मौसम एक विशेष समय में एक क्षेत्र के वायुमण्डल की अवस्था को बताता है। 

प्रश्न 2. 
भारत की जलवायु कैसी है और क्यों है? 
उत्तर:
भारत की जलवायु-भारत की जलवायु मानसूनी जलवायु है। मानसून का प्रभाव उष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में लगभग 20° उत्तर एवं 20° दक्षिण के बीच रहता है। भारत का अधिकांश भाग इसी क्षेत्र में स्थित है। अतः यहाँ मानसूनी जलवायु पाई जाती है। अन्य शब्दों में एशिया में इस प्रकार की जलवायु मुख्यतः दक्षिण तथा दक्षिण-पूर्व में पाई जाती है। 

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प्रश्न 3. 
दक्षिणी दोलन को संक्षेप में समझाइये। 
उत्तर:
सामान्य रूप से जब दक्षिणी प्रशान्त महासागर के उष्ण कटिबन्धीय पूर्वी भाग में उच्च दाब होता है तब हिन्द महासागर के उष्ण कटिबन्धीय पूर्वी भाग में निम्न दाब होता है। लेकिन कुछ विशेष वर्षों में वायु दाब की स्थिति इसके उलट हो जाती है तथा पूर्वी प्रशान्त महासागर के ऊपर हिन्द महासागर की तुलना में निम्न दाब का क्षेत्र बन जाता है। दाब की अवस्था में यह नियतकालिक परिवर्तन ही दक्षिणी दोलन कहलाता है। 

प्रश्न 4. 
मानसून की तीव्रता का पूर्वानुमान किस प्रकार लगाया जाता है? 
उत्तर:
मानसून की तीव्रता का पूर्वानुमान लगाने के लिए डार्विन, उत्तरी आस्ट्रेलिया (हिन्द महासागर 12°30' दक्षिण/131° पूर्व) तथा ताहिती (प्रशान्त महासागर 18° दक्षिण/149° पश्चिम) के दाब के अन्तर की गणना की जाती है। अगर दाब का अन्तर ऋणात्मक होता है तो मानसून औसत से कम तथा देरी से आने वाला होता है। धनात्मक अन्तर होने पर इससे विपरीत स्थिति होती है। 

प्रश्न 5. 
किसी क्षेत्र की जलवायु को प्रभावित (नियंत्रित ) करने वाले कोई तीन कारक बताइये। 
उत्तर:
किसी क्षेत्र की जलवायु को प्रभावित (नियंत्रित) करने वाले तीन कारक निम्नलिखित हैं- 

  • अक्षांश-पृथ्वी की गोलाई के कारण अक्षांश के अनुरूप प्राप्त सौर ऊर्जा की मात्रा विभिन्न जगहों पर अलग अलग होती है। इस तापमान से किसी स्थान की जलवायु प्रभावित होती है। 
  • ऊँचाई-जैसे-जैसे हम पृथ्वी की सतह से ऊँची जगहों पर जाते हैं, वायुमण्डल की सघनता कम होती जाती है तथा तापमान घटता जाता है। अतः पृथ्वी की सतह से ऊँचाई किसी स्थान की जलवायु को नियंत्रित करती है। 
  • समुद्र से दूरी-समुद्र से दूरी किसी स्थान की जलवायु के निर्धारण में महत्त्वपूर्ण कारक है। 

प्रश्न 6. 
भारत की जलवायुको प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं? 
अथवा 
भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कोई तीन कारकों का वर्णन कीजिये। 
उत्तर:
भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले तीन प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं- 

  • अक्षांश-कर्क रेखा भारत को दो भागों में बाँटती है। कर्क रेखा का दक्षिण का भाग उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में है तथा उत्तर का भाग उपोष्ण कटिबन्ध में है। अतः भारत की जलवायु में उष्ण और उपोष्ण कटिबन्धीय जलवायु दोनों की विशेषता पाई जाती है।
  • ऊँचाई-भारत के उत्तर में हिमालय पर्वत है जो मध्य एशिया से आने वाली ठण्डी हवाओं को रोककर भारत की जलवायु को शीत मरुस्थल बनने से रोकता है। 
  • समुद्र का प्रभाव-भारत का दक्षिणी भाग तीन ओर से समुद्र से घिरा हुआ है। इसके कारण प्रायद्वीपीय पठार में न तो अधिक सर्दी पड़ती है और न अधिक गर्मी।

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प्रश्न 7. 
पश्चिमी चक्रवातीय विक्षोभ एवं उष्णकटिबन्धीय चक्रवातों को समझाइए। 
उत्तर:
पश्चिमी चक्रवातीय विक्षोभ-ये सर्दी के महीनों में भूमध्यसागरीय क्षेत्र से आने वाले पश्चिमी प्रवाहों के द्वारा उत्पन्न होते हैं। ये प्रायः भारत के उत्तरी एवं उत्तरी-पश्चिमी क्षेत्रों को प्रवाहित करते हैं। 

उष्ण कटिबन्धीय चक्रवात-उष्ण कटिबन्धीय चक्रवात मानसूनी महीनों के साथ-साथ अक्टूबर एवं नवम्बर के महीनों में आते हैं। ये पूर्वी प्रवाह के एक भाग होते हैं। ये चक्रवात सामान्यतः भारत के पूर्वी तट को पार करते हैं, जिनके कारण व्यापक एवं भारी वर्षा होती है। ये प्रायः विनाशकारी होते हैं। 

प्रश्न 8. 
दक्षिणी-पश्चिमी मानसून की विशेषताएँ लिखिये। 
उत्तर:
दक्षिणी-पश्चिमी मानसून की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  • दक्षिण-पश्चिम मानसून का समय जून से मध्य सितम्बर तक का है। 
  • इन महीनों में उत्तर भारत में निम्न दाब का क्षेत्र बढ़ जाता है। 
  • इस मानसून की दिशा दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व होती है। 
  • भारत में मानसूनी पवनें फैलकर वर्षा करती हैं। 
  • भारत में अधिकांश वर्षा (98%) इन्हीं मानसूनी पवनों से होती है। 

प्रश्न 9. 
भारत में निम्न वर्षा वाले क्षेत्र कौन-कौन से हैं? 
उत्तर:
भारत में निम्न वर्षा वाले क्षेत्र निम्नलिखित हैं- 

  • पश्चिमी राजस्थान और इससे जुड़े पंजाब, हरियाणा व गुजरात के भागों में 60 सेमी. से भी कम वार्षिक वर्षा होती है। 
  • दक्षिण के पठार के आंतरिक भागों एवं सह्याद्रि के पूर्वी भाग में सामान्य से कम वर्षा होती है। 
  • जम्मू-कश्मीर के लेह में भी वर्षा बहुत कम होती है। 

प्रश्न 10. 
एलनिनो पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 
उत्तर:
एलनिनो एक स्पेनिश शब्द है, जिसका अर्थ है बच्चा तथा जो बेबी क्राइस्ट को व्यक्त करता है। यह एक गर्म समुद्री जलधारा है जो पेरु की ठण्डी धारा के स्थान पर प्रत्येक 2 या 5 वर्ष के अन्तराल में पेरु तट से होकर बहती है। यह धारा क्रिसमस के समय बहना शुरू करती है। एलनिनो की उपस्थिति समुद्र की सतह के तापमान को बढ़ा देती है तथा उस क्षेत्र में व्यापारिक पवनों को शिथिल कर देती है। दक्षिणी महासागरों के ऊपर दाब परिवर्तन की अवस्थाओं का सम्बन्ध एलनिनो से है इसलिए इस परिघटना को ऐसो (ENSO) (एलनिनो दक्षिणी दोलन) कहा जाता है। 

RBSE Class 9 Social Science Important Questions Geography Chapter 4 जलवायु

प्रश्न 11. 
भारत की जलवायु पर हिमालय तथा समुद्रों का क्या प्रभाव पड़ता है? 
उत्तर:
(1) हिमालय का प्रभाव-भारत की जलवायु पर हिमालय का बहुत प्रभाव पड़ता है। यह उत्तर की ओर से आने वाली अत्यन्त ठण्डी हवाओं से भारतीय उपमहाद्वीप की रक्षा करता है। इसके कारण अपेक्षाकृत उच्च अक्षांशों के बावजूद उत्तरी भारत में निरन्तर ऊँचा तापमान बना रहता है। 

(2) समुद्रों का प्रभाव-भारत का दक्षिणी भाग तीन ओर से समुद्रों से घिरा हुआ है। तीनों ओर से समुद्रों के प्रभाव के कारण प्रायद्वीपीय पठार में न तो अधिक गर्मी पड़ती है तथा न अधिक सर्दी। इस समकारी प्रभाव के कारण वहाँ तापमान की दशाओं में बहुत कम अन्तर पाये जाते हैं। 

प्रश्न 12. 
निम्नलिखित जलवायु तालिका का अध्ययन करें तथा निम्न प्रश्नों का उत्तर दें-
RBSE Class 9 Social Science Important Questions Geography Chapter 4 जलवायु 1
(a) वर्ष के सर्वाधिक वर्षा वाले माह का नाम लिखिए। इस माह की कुल वर्षा क्या है? 
(b) यहाँ का वार्षिक ताप परिसर क्या है? 
(c) वार्षिक ताप परिसर का अर्थ स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
(a) वर्ष का सर्वाधिक वर्षा वाला माह-जुलाई, कुल वर्षा 20.6 सेमी. 
(b) वार्षिक ताप परिसर = 33.4 - 15 = 18.4 
(c) वार्षिक ताप परिसर का अर्थ-वर्ष के उच्चतम तापमान तथा निम्नतम तापमान का अन्तर। 

प्रश्न 13. 
आरेख A तथा B से दो स्थानों की जलवायु स्थितियों का अध्ययन कीजिए और निम्नलिखित के उत्तर दीजिए- 
(a) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ शीतऋतु में अधिक वर्षा होती है। इसका कारण भी लिखिए। 
(b) अधिक वर्षा वाले स्थान का नाम लिखिए। यह भी बताइए कि कितनी वर्षा होती है? 
(c) उस स्थान का नाम लिखिए जिसका तापमान का प्रसार कम है और कितना? 
RBSE Class 9 Social Science Important Questions Geography Chapter 4 जलवायु 2
उत्तर:
(a) शीतऋतु में अधिक वर्षा चेन्नई में होती है। लौटता हुआ मानसून बंगाल की खाड़ी से आर्द्रता ग्रहण कर यहाँ पर्याप्त वर्षा करता है। 
(b) अधिक वर्षा वाला स्थान शिलांग, लगभग 225.3 सेमी. वार्षिक वर्षा। 
(c) तापमान के कम प्रसार वाला स्थान चेन्नई, 33 - 24.5 = 8.5 वार्षिक ताप परिसर। 

RBSE Class 9 Social Science Important Questions Geography Chapter 4 जलवायु

निबन्धात्मक प्रश्न 

प्रश्न 1. 
किसी क्षेत्र की जलवायु को नियन्त्रित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
जलवायु को नियन्त्रित करने वाले कारक किसी भी क्षेत्र की जलवायु को नियन्त्रित करने वाले प्रमुख कारक छः हैं। इनका वर्णन निम्न प्रकार है- 

  • अक्षांश-पृथ्वी की गोलाई के कारण अक्षांश के अनुरूप प्राप्त सौर-ऊर्जा की मात्रा विभिन्न जगहों पर अलग-अलग होती है। फलतः वायु का तापमान विषुवत् रेखा से ध्रुवों की ओर कम होता जाता है, जिससे किसी स्थान की जलवायु निर्धारित होती है। 
  • तुंगता अथवा ऊँचाई-जैसे-जैसे हम पृथ्वी की सतह से ऊँची जगहों पर जाते हैं, वायुमण्डल की सघनता कम होती जाती है तथा तापमान घटता जाता है, जिससे किसी स्थान की जलवायु निर्धारित होती है। 
  • वायुदाब एवं पवन तन्त्र-वायुदाब एवं पवन तन्त्र-वायदाब एवं पवन तन्त्र किसी स्थान के अक्षांश एवं ऊँचाई पर निर्भर करते हैं। वायुदाब एवं पवन तन्त्र किसी स्थान की जलवायु पर व्यापक प्रभाव डालते हैं; क्योंकि इनके द्वारा वर्षा का प्रारूप तथा तापमान नियन्त्रित होते हैं। 
  • समुद्र से दूरी-समुद्र द्वारा जलवायु पर समकारी प्रभाव डाला जाता है, अतः समुद्र से दूरी किसी स्थान की जलवायु के निर्धारण में महत्त्वपूर्ण कारक है। 
  • महासागरीय धाराएँ-महासागरीय धारा समुद्र से तट की ओर चलने वाली हवाओं के साथ उस स्थान की जलवायु को प्रभावित करती है। जैसे-कोई तटीय क्षेत्र जहाँ से गर्म अथवा ठण्डी धाराएँ बहती हों, वहाँ गर्मी या ठण्डी होगी यह इस बात पर निर्भर करता है कि वहाँ अपतटीय हवाएँ मौजूद हैं या नहीं। 
  • उच्चावच लक्षण-उच्चावच की किसी स्थान की जलवायु के निर्धारण में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है। ऊँची लाएँ ठण्डी या गर्म हवाओं से रक्षा करती हैं। पर्याप्त रूप से ऊँची होने तथा उनके रास्ते में वर्षा वाहक हवाओं के आने पर ये वर्षा करने में भी मदद करती हैं। पर्वतों के पवनविमुख ढाल अपेक्षाकृत सूखे रहते हैं। 

प्रश्न 2. 
भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक निम्न प्रकार हैं- 
(1) अक्षांश-भारत जिन अक्षांशों के मध्य स्थित है, उनका उसकी जलवायु पर गहरा प्रभाव पड़ता है। कर्क रेखा देश के मध्य भाग, पश्चिम में कच्छ के रन से लेकर पूर्व में मिजोरम से लेकर गुजरती है। देश का लगभग आधा भाग कर्क रेखा के दक्षिण में स्थित है, जो उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्र है। कर्क रेखा के उत्तर में स्थित शेष भाग उपोष्ण कटिबन्धीय है। इसलिए भारत की जलवायु में उष्ण कटिबन्धीय जलवायु एवं उपोष्ण कटिबन्धीय जलवायु दोनों की विशेषताएँ मौजूद हैं। 

(2) ऊँचाई-भारत भूमि की ऊँचाई भी इसकी जलवायु को प्रभावित करती है। भारत के उत्तर में हिमालय पर्वत है। इसकी औसत ऊँचाई लगभग 6000 मीटर है। भारत के विशाल तटीय क्षेत्र की अधिकतम ऊँचाई लगभग 30 मीटर है। हिमालय मध्य एशिया से आने वाली ठण्डी हवाओं को भारतीय उपमहाद्वीप में प्रवेश करने से रोकता है। इन्हीं पर्वतों के कारण अपेक्षाकृत उच्च अक्षांशों के बावजूद उत्तरी भारत में ठण्ड कम पड़ती है। 

(3) वायुदाब एवं पवन-भारत में जलवायु तथा सम्बन्धित मौसमी अवस्थाएँ निम्न वायुमण्डलीय अवस्थाओं से संचालित होती हैं- 
(i) वायुदाब एवं धरातलीय पवनें-भारत में शीत ऋतु तथा ग्रीष्म ऋतु में वायु की दिशा पूरी तरह परिवर्तित हो जाती है। शीत ऋतु में, हिमालय के उत्तर में उच्च दाब होता है। इस क्षेत्र की ठण्डी शुष्क हवाएँ दक्षिण में निम्न दाब वाले महासागरीय क्षेत्र के ऊपर बहती हैं। ग्रीष्म ऋतु में, आन्तरिक एशिया एवं उत्तर-पूर्वी भारत के ऊपर निम्न दाब का क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। इसके कारण गर्मी के दिनों में वायु की दिशा पूरी तरह से परिवर्तित हो जाती है। वायु दक्षिण में स्थित हिन्द महासागर के उच्च दाब वाले क्षेत्र से दक्षिण-पूर्वी दिशा में बहते हुए विषुवत् वृत्त को पार कर दाहिनी ओर मुड़ते हुए भारतीय उपमहाद्वीप पर स्थित निम्न दाब की ओर बहने लगती हैं। ये हवाएँ ही दक्षिण-पश्चिमी मानसूनी पवनें कहलाती हैं। ये पवनें महासागरों के ऊपर से बहती हुई नमी ग्रहण करती जाती हैं तथा भारत की मुख्य भूमि पर वर्षा करती हैं। 

(ii) ऊपरी वायु परिसंचरण-भारतीय प्रदेश में, ऊपरी वायु परिसंचरण पश्चिमी प्रवाह के प्रभाव में रहता है। इस प्रवाह का एक मुख्य घटक जेट धारा है। भारत में ये जेट धाराएँ ग्रीष्म ऋतु को छोड़कर पूरे वर्ष हिमालय के दक्षिण में प्रवाहित होती हैं। गर्मियों में, सूर्य की आभासी गति के साथ ही उपोष्ण कटिबन्धीय पश्चिमी जेट धारा हिमालय के उत्तर में चली जाती है। एक पूर्वी जेट धारा जिसे उपोष्ण कटिबन्धीय पूर्वी जेट धारा कहा जाता है, गर्मी के महीनों में प्रायद्वीपीय भारत के ऊपर लगभग 14° उत्तरी अक्षांश में प्रवाहित होती है। 

(iii) पश्चिमी चक्रवाती विक्षोभ तथा उष्ण कटिबन्धीय चक्रवात-सर्दी के महीनों में भूमध्यसागरीय क्षेत्र से आने वाले पश्चिमी प्रवाहों के द्वारा पश्चिमी चक्रवातीय विक्षोभ उत्पन्न होते हैं। ये भारत के उत्तर एवं उत्तर-पश्चिमी भागों में वर्षा करते हैं। मानसून के लौटने के साथ-साथ अक्टूबर एवं नवम्बर के महीनों में उष्णकटिबन्धीय चक्रवात आते हैं। ये पूर्वी प्रवाह के एक भाग होते हैं। इनके द्वारा भारत के पूर्वी तट पर व्यापक एवं भारी वर्षा होती है। कोरोमण्डल तट पर अधिकतर वर्षा इन्हीं चक्रवातों तथा अवदाबों से होती है। 

इस प्रकार उपर्युक्त सभी कारक भारत की जलवायु को बहुत प्रभावित करते हैं।

RBSE Class 9 Social Science Important Questions Geography Chapter 4 जलवायु

प्रश्न 3. 
ग्रीष्म ऋत की भौगोलिक परिस्थितियों का विवेचन कीजिए। 
उत्तर:
ग्रीष्म ऋतु की भौगोलिक परिस्थितियों का विवेचन निम्नलिखित शीर्षकों के अन्तर्गत किया गया है- 
(1) अवधि-मार्च से मई तक भारत में ग्रीष्म ऋतु होती है। क्षेत्रीय विभिन्नताओं के कारण कुछ भागों में यह जून तक होती है। 
(2) तापमान-ग्रीष्म ऋतु में तापमान अधिक होने के कारण अत्यधिक गर्मी पड़ती है। उत्तरी भारत में इस ऋतु में तापमान अधिक होने के तीन प्रमुख कारण हैं। यथा 
(a) सूर्य की किरणों का उत्तरी गोलार्द्ध में लम्बवत् सीधे पड़ना। 
(b) समुद्र से दूरी। 
(c) प्रतिचक्रवातों के कारण तापमान में वृद्धि। 

ग्रीष्म ऋतु में मार्च में दक्कन के पठार का उच्च तापमान लगभग 38° से. होता है। अप्रैल में मध्य प्रदेश तथा गुजरात का तापमान लगभग 42° से. होता है। मई में देश के उत्तर-पश्चिमी भागों का तापमान सामान्यतः 45° से. होता है। दक्षिणी भारत में सागरीय प्रभाव से अपेक्षाकृत कम तापमान रहता है। इस समय समुद्र के निकटवर्ती तथा पहाड़ी भाग ठण्डे रहते हैं। 

(3) वायुदाब व पवनें-ग्रीष्म ऋतु में उत्तरी भारत में अत्यधिक गर्मी के कारण निम्न वायुदाब का क्षेत्र बन जाता है। राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्र व पंजाब में अति निम्न दाब का क्षेत्र स्थापित हो जाता है। इसके विपरीत हिन्द महासागरीय क्षेत्र में अधिक वायुदाब रहता है। इस ऋतु में उत्तरी भारत में गर्म हवाएँ चलती हैं जिनको 'लू' के नाम से जाना जाता है। कभी-कभी तेज आँधियाँ व उनके साथ साधारण वर्षा भी हो जाती है। पश्चिमी बंगाल में इन आँधी-तूफानों को काल वैशाखी के नाम से जाना जाता है। 

(4) वर्षा-ग्रीष्म ऋतु में वर्षा बहुत कम मात्रा में होती है। पश्चिमी बंगाल में 'काल वैशाखी' तूफानों के साथ वर्षा होती है। दक्षिणी भारत में मालाबार तट के पास होने वाली वर्षा को 'आम्र वर्षा' तथा कहवा उत्पादन वाले क्षेत्रों की वर्षा को 'फूलों की बौछार' के नाम से जाना जाता है। पंजाब, हरियाणा, उत्तराखण्ड, असम आदि राज्यों में ग्रीष्म ऋतु में तूफानों के साथ ओलावृष्टि भी हो जाती है। 

प्रश्न 4. 
लौटते हुए मानसून पर एक टिप्पणी लिखिये। 
अथवा 
मानसून की वापसी (परिवर्तनीय मौसम) की प्रमुख विशेषताएँ बताइए। 
उत्तर:
मानसून की वापसी (परिवर्तनीय मौसम) की प्रमुख विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं- 

  • अक्टूबर तथा नवम्बर के महीनों में परिवर्तनीय मौसम रहता है अर्थात् इन महीनों में मानसून की वापसी होती है। 
  • अक्टूबर के प्रारम्भ में मानसूनी पवनें उत्तर के मैदान से हट जाती हैं। 
  • अक्टूबर एवं नवम्बर का महीना, गर्म वर्षा ऋतु से शीत ऋतु में परिवर्तन का काल होता है। 
  • मानसून की वापसी होने से आसमान साफ एवं तापमान में वृद्धि हो जाती है। दिन का तापमान उच्च होता है, जबकि रातें ठण्डी एवं सुहावनी होती हैं। 
  • इस समय आर्द्रता बनी रहती है। अतः उच्च तापमान एवं आर्द्रता वाली अवस्था के कारण तीव्र उमस होती है। इसे सामान्यतः 'क्वार की उमस' कहते हैं। 
  • अक्टूबर के उत्तरार्द्ध में उत्तरी भारत में तापमान तेजी से गिरने लगता है। 
  • इस समय उष्ण कटिबन्धीय चक्रवात आते हैं, जो भारत के पूर्वी तट पर व्यापक एवं भारी वर्षा करते हैं। ये प्रायः विनाशकारी होते हैं। गोदावरी, कृष्णा एवं कावेरी नदियों के सघन आबादी वाले डेल्टा प्रदेशों में इनके द्वारा जान एवं माल की भारी क्षति होती है। 
  • कभी-कभी ये चक्रवात उड़ीसा, पश्चिम बंगाल एवं बंगलादेश के तटीय क्षेत्रों में भी पहुँच जाते हैं। 
  • कोरोमण्डल तट पर अधिकतर वर्षा इन्हीं चक्रवातों तथा अवदाबों से होती है। 
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Last Updated on May 25, 2022, 6:26 p.m.
Published May 25, 2022