RBSE Class 9 Social Science Important Questions Economics Chapter 2 संसाधन के रूप में लोग

Rajasthan Board RBSE Class 9 Social Science Important Questions Economics Chapter 2 संसाधन के रूप में लोग Important Questions and Answers. 

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RBSE Class 9 Social Science Important Questions Economics Chapter 2 संसाधन के रूप में लोग

वस्तुनिष्ठ प्रश्न 

प्रश्न 1. 
मानव पूँजी निर्माण हेतु निम्न में से किसमें निवेश किया जाना चाहिए-
(अ) शिक्षा में 
(ब) प्रशिक्षण में 
(स) स्वास्थ्य सेवाओं में 
(द) उपर्युक्त सभी में 
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी में 

प्रश्न 2. 
निम्न में से कौनसी क्रिया प्राथमिक क्षेत्रक के अन्तर्गत आती है- 
(अ) कृषि 
(ब) वानिकी 
(स) मत्स्यपालन 
(द) उपर्युक्त सभी 
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 3. 
तृतीयक अथवा सेवा क्षेत्रक में सम्मिलित आर्थिक क्रिया है- 
(अ) परिवहन एवं संचार सुविधाएँ 
(ब) बैंकिंग 
(स) बीमा 
(द) उपर्युक्त सभी 
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी 

प्रश्न 4. 
भारत में सर्वाधिक साक्षरता दर किस राज्य में है? 
(अ) महाराष्ट्र 
(ब) केरल 
(स) उड़ीसा 
(द) राजस्थान 
उत्तर:
(ब) केरल 

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प्रश्न 5. 
खनन क्रिया को किस क्षेत्रक में शामिल किया जाता है? 
(अ) प्राथमिक क्षेत्रक में 
(ब) द्वितीयक क्षेत्रक में 
(स) तृतीयक क्षेत्रक में 
(द) विनिर्माण क्षेत्रक में 
उत्तर:
(अ) प्राथमिक क्षेत्रक में 

प्रश्न 6. 
निम्न में से किसे मानव पूँजी माना जा सकता है? 
(अ) डॉक्टर 
(ब) अध्यापक 
(स) इंजीनियर 
(द) उपर्युक्त सभी को 
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी को 

प्रश्न 7. 
भारत में सर्वाधिक छिपी अथवा प्रच्छन्न बेरोजगारी पाई जाती है- 
(अ) कृषि क्षेत्र में 
(ब) उद्योगों में 
(स) सेवा क्षेत्र में 
(द) निजी क्षेत्र में 
उत्तर:
(अ) कृषि क्षेत्र में 

प्रश्न 8. 
निम्न में से कौनसा तृतीयक या सेवा क्षेत्र में शामिल नहीं है- 
(अ) बीमा 
(ब) विनिर्माण 
(स) बैंकिंग 
(द) परिवहन 
उत्तर:
(ब) विनिर्माण 

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प्रश्न 9. 
जनसंख्या की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाला तत्त्व है- 
(अ) शिक्षा 
(ब) स्वास्थ्य 
(स) प्रशिक्षण 
(द) उपर्युक्त सभी 
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी 

प्रश्न 10. 
गैर-आर्थिक क्रिया को छाँटिए- 
(अ) शिक्षक द्वारा कक्षा में पढ़ाना। 
(ब) डॉक्टर द्वारा मरीज का इलाज करना। 
(स) माँ द्वारा अपने बच्चों का पालन करना। 
(द) धोबी द्वारा लोगों के कपड़े धोना। 
उत्तर:
(स) माँ द्वारा अपने बच्चों का पालन करना। 

प्रश्न 11. 
भारत में सर्वाधिक लोग किस क्षेत्र में कार्यरत हैं? 
(अ) प्राथमिक क्षेत्र 
(ब) द्वितीयक क्षेत्र 
(स) तृतीयक क्षेत्र 
(द) विनिर्माण क्षेत्र 
उत्तर:
(अ) प्राथमिक क्षेत्र 

प्रश्न 12. 
स्व-उपभोग है- 
(अ) गैर-आर्थिक क्रिया 
(ब) आर्थिक क्रिया 
(स) उत्पादन क्रिया 
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं 
उत्तर:
(अ) गैर-आर्थिक क्रिया 

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प्रश्न 13. 
निम्न में से कौनसी क्रिया द्वितीयक क्षेत्र में शामिल है? 
(अ) मत्स्य पालन 
(ब) विनिर्माण 
(स) परिवहन 
(द) व्यापार 
उत्तर:
(ब) विनिर्माण 

प्रश्न 14. 
वर्ष 2011 में भारत की साक्षरता दर कितनी थी? 
(अ) 54 प्रतिशत 
(ब) 59 प्रतिशत 
(स) 71 प्रतिशत 
(द) 74 प्रतिशत 
उत्तर:
(द) 74 प्रतिशत 

प्रश्न 15. 
प्रायः किस उद्योग में मौसमी बेरोजगारी देखने को मिलती है? 
(अ) वस्त्र उद्योग 
(ब) चीनी उद्योग 
(स) जूता उद्योग 
(द) बर्तन उद्योग 
उत्तर:
(ब) चीनी उद्योग  

रिक्त स्थानों की पूर्ति वाले प्रश्न-

रिक्त स्थानों की पूर्ति करें- 

1. मानव पूंजी में निवेश द्वारा इसे एक.. सम्पत्ति में बदला जा सकता है। (अनुत्पादक/उत्पादक) 
2. .............. क्षेत्रक के अन्तर्गत कृषि, वानिकी, पशुपालन, मत्स्यपालन, मुर्गीपालन और खनन व उत्खनन शामिल है। (द्वितीयक/प्राथमिक) 
3. स्वास्थ्य एवं पर्यटन .................. क्षेत्रक में शामिल है। (द्वितीयक/तृतीयक) 
4. वर्ष 1951 में भारत की साक्षरता दर ................ प्रतिशत थी। (18/28) 
5. शिशु मृत्यु-दर 1951 के 147 से घटकर 2016 में .............. पर आ गई है। (24/34) 
6. 2016 में भारत की जन्म-दर ............. प्रति हजार थी। (16.8/20.4) 
7. 2016 में भारत की मृत्यु-दर ................ प्रति हजार थी। (6.4/7.8) 
8. नगरीय क्षेत्रों में अधिकांशतः ................ बेरोजगारी है। (मौसमी/शिक्षित) 
उत्तर:
1. उत्पादक, 
2. प्राथमिक, 
3. तृतीयक, 
4. 18, 
5. 34, 
6. 20.4, 
7. 6.4, 
8. शिक्षित। 

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सत्य/असत्य वाले प्रश्न- 

निम्न वाक्यों में सत्य/असत्य कर-

1. भारतीय अर्थव्यवस्था में तृतीयक क्षेत्र का योगदान निरन्तर बढ़ रहा है। ( )  
2. भारत में सबसे अधिक लोग तृतीयक क्षेत्रक में लगे हुए हैं। ( ) 
3. शिक्षा एवं स्वास्थ्य में वृद्धि द्वारा मानव पूँजी का निर्माण किया जा सकता है। ( )  
4. किसान द्वारा अन्न उपजाना एक गैर-आर्थिक क्रिया है। ( ) 
5. भारत में शिक्षा पर काफी धन-राशि खर्च की जाती है। ( )  
6. भारत में महिला साक्षरता दर पुरुषों से अधिक पायी जाती है। ( )  
7. भारत में जीवन प्रत्याशा दर में निरन्तर सुधार हो रहा है। ( ) 
उत्तर:
1. सत्य 
2. असत्य 
3. सत्य 
4. असत्य 
5. असत्य 
6. असत्य 
7. सत्य। 

मिलान करने वाले प्रश्न- 

निम्न को सुमेलित कीजिए- 

(अ)

(ब)  

1. खनन

तृतीयक क्षेत्र

2. विनिर्माण

द्वितीयक क्षेत्र

3. संचार

प्राथमिक क्षेत्र

4. भारत की साक्षरता दर

94 प्रतिशत

5. केरल की साक्षरता दर

74 प्रतिशत

उत्तर:

(अ)

(ब)  

1. खनन

प्राथमिक क्षेत्र 

2. विनिर्माण

द्वितीयक क्षेत्र 

3. संचार

तृतीयक क्षेत्र

4. भारत की साक्षरता दर

74 प्रतिशत

5. केरल की साक्षरता दर

94 प्रतिशत

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अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
मानव पूँजी से आपका क्या अभिप्राय है? 
उत्तर:
मानव पूंजी कौशल और उसमें निहित उत्पादन के ज्ञान का स्टॉक है। 

प्रश्न 2. 
मानव पूँजी के निर्माण में शिक्षा की क्या भूमिका है? 
उत्तर:
शिक्षित व्यक्ति अधिक उत्पादक और कुशल होते हैं। 

प्रश्न 3. 
सन् 2014 में भारत की जीवन प्रत्याशा क्या थी? 
उत्तर:
68.3 वर्ष। 

प्रश्न 4. 
अधिक जनसंख्या का एक सकारात्मक पहलू बताइए। 
उत्तर:
अधिक जनसंख्या में शिक्षा, प्रशिक्षण एवं स्वास्थ्य में निवेश कर अधिक मानव पूँजी का निर्माण किया जा सकता है। 

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प्रश्न 5. 
समाज में कार्यरत ऐसे दो व्यक्तियों का उदाहरण दीजिए जिन्हें मानव पूँजी कहा जा सकता है। 
उत्तर"

  • डॉक्टर 
  • अध्यापक। 

प्रश्न 6. 
प्राथमिक क्षेत्रक में किन-किन आर्थिक क्रियाओं को शामिल किया जाता है? 
उत्तर:
प्राथमिक क्षेत्रक में कृषि, वानिकी, पशुपालन, मत्स्यपालन, मुर्गीपालन, खनन आदि को शामिल किया जाता है।

प्रश्न 7. 
द्वितीयक क्षेत्रक में किन क्रियाओं को शामिल किया जाता है? 
उत्तर:
द्वितीयक क्षेत्रक में उत्खनन और विनिर्माण को शामिल किया जाता है। 

प्रश्न 8. 
तृतीयक क्षेत्रक में शामिल आर्थिक क्रियाओं का संक्षेप में उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:
तृतीयक क्षेत्रक में मुख्य रूप से व्यापार, परिवहन, संचार, बैंकिंग, बीमा, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन आदि को शामिल किया जाता है। 

प्रश्न 9. 
गैर-बाजार क्रियाओं से आपका क्या अभिप्राय है? 
उत्तर:
गैर-बाजार क्रियाओं से अभिप्राय स्व-उपभोग के लिए उत्पादन तथा कार्य करना है। 

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प्रश्न 10. 
बाजार क्रियाओं से आपका क्या तात्पर्य है? 
उत्तर:
बाजार क्रियाओं में वेतन या लाभ के उद्देश्य से की गई वे क्रियाएँ शामिल हैं जिनके लिए पारिश्रमिक का भुगतान किया जाता है। 

प्रश्न 11. 
बाजार में किसी व्यक्ति की आय के निर्धारक कोई दो घटक बताइए। 
उत्तर:

  • शिक्षा 
  • कौशल। 

प्रश्न 12. 
संसाधन के रूप में जनसंख्या की गुणवत्ता के कारक बताइये।  
अथवा 
जनसंख्या की गुणवत्ता किन तत्वों पर निर्भर करती है? 
उत्तर:
जनसंख्या की गुणवत्ता साक्षरता दर, जीवन प्रत्याशा से निरूपित व्यक्तियों के स्वास्थ्य और देश के लोगों द्वारा प्राप्त कौशल निर्माण पर निर्भर करती है। 

प्रश्न 13. 
भारत में वर्ष 2011 में साक्षरता दर कितनी थी? 
उत्तर:
भारत में वर्ष 2011 में साक्षरता दर 74 प्रतिशत थी।

प्रश्न 14. 
भारत में स्कूली शिक्षा से सम्बन्धित किसी एक सरकारी कार्यक्रम का नाम लिखिए। 
उत्तर:
सर्व शिक्षा अभियान। 

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प्रश्न 15. 
जन्म-दर का क्या अभिप्राय है? 
उत्तर:
जन्म-दर का अभिप्राय एक विशेष अवधि में प्रति एक हजार व्यक्तियों के पीछे जन्म लेने वाले शिशुओं की संख्या से है। 

प्रश्न 16. 
मृत्यु-दर का क्या अभिप्राय है? 
उत्तर:
मृत्यु-दर से अभिप्राय एक विशेष अवधि में प्रति एक हजार व्यक्तियों के पीछे मरने वाले व्यक्तियों की संख्या से है। 

प्रश्न 17. 
बेरोजगारी का क्या अभिप्राय है? 
उत्तर:
बेरोजगारी का तात्पर्य उस स्थिति से है जिसमें योग्य एवं इच्छुक व्यक्तियों को प्रचलित दर पर रोजगार उपलब्ध न हो। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न 

प्रश्न 1. 
"दूसरे संसाधनों की भाँति ही जनसंख्या भी एक संसाधन है।" क्या आप इस कथन से सहमत हैं? स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
हम इस कथन से सहमत हैं कि दूसरे संसाधनों की भाँति ही जनसंख्या भी एक संसाधन है। जनसंख्या देश के उत्पादन का एक महत्त्वपूर्ण साधन भी है। यदि हम जनसंख्या पर शिक्षा, प्रशिक्षण। तो मानव पूँजी का निर्माण किया जा सकता है तथा जनसंख्या को मानव पूंजी में परिवर्तित कर उसे अधिक कुशल एवं उत्पादक बनाया जा सकता है। मानव पूँजी निर्माण भी भौतिक पूँजी निर्माण की ही भाँति देश की उत्पादन शक्ति में वृद्धि करता है । मानव पूँजी निर्माण का देश के विकास एवं संवृद्धि में महत्त्वपूर्ण योगदान है अत: दूसरे संसाधनों की भाँति ही जनसंख्या भी एक संसाधन है। 

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प्रश्न 2. 
मानव पूंजी का निर्माण किस प्रकार किया जा सकता है? 
उत्तर:
मानव पूँजी का निर्माण निम्न प्रकार से किया जा सकता है- 

  • मानव संसाधन अथवा मानव पूँजी निर्माण हेतु शिक्षा में निवेश किया जाना चाहिए, शिक्षित व्यक्ति अधिक उत्पादक एवं कुशल होते हैं। 
  • स्वास्थ्य में निवेश करके मानव पूँजी का निर्माण किया जा सकता है, स्वस्थ व्यक्ति अस्वस्थ व्यक्ति की तुलना में अधिक उत्पादक होता है। 
  • श्रमिकों के लिए प्रशिक्षण में निवेश कर उन्हें मानव पूँजी में परिवर्तित किया जा सकता है, प्रशिक्षण से उनकी कुशलता में वृद्धि होती है। 
  • विभिन्न क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान पर व्यय करके भी मानव पूँजी का निर्माण किया जा सकता है। 

प्रश्न 3. 
मानव पूँजी निर्माण से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले कोई चार सकारात्मक प्रभाव बताइए। 
उत्तर:

  • मानव पूँजी निर्माण से अधिक जनसंख्या को भी उत्पादन के साधन के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। 
  • मानव पूँजी निर्माण से व्यक्तियों को अधिक उत्पादक एवं अधिक कुशल बनाया जा सकता है। 
  • मानव पूँजी निर्माण के माध्यम से लोगों को रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध होते हैं जिससे देश में बेरोजगारी की समस्या का समाधान होता है। 
  • मानव पूँजी निर्माण के फलस्वरूप मनुष्य उत्पादन के अन्य संसाधनों का अधिक कुशलता से उपयोग कर सकता है जिससे उत्पादक एवं उत्पादकता में वृद्धि होती है। 

प्रश्न 4. 
शिक्षित माता-पिता का बच्चों के भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ता है? 
उत्तर:
मानव पूँजी निर्माण हेतु शिक्षा महत्त्वपूर्ण स्रोत है। यदि किसी बच्चे के माता-पिता शिक्षित हैं तो वे शिक्षा के महत्त्व को समझते हैं तथा वे बच्चों की शिक्षा पर अधिक निवेश करते हैं। वे बच्चों के उचित पोषण और स्वच्छता के प्रति भी सचेत रहते हैं। इस प्रकार वे अपने बच्चों की शिक्षा और अच्छे स्वास्थ्य की आवश्यकताओं का भी ध्यान रखते हैं। इस प्रकार वे बच्चे बड़े होकर देश के लिए मानव पूँजी होते हैं जिनका लाभ सम्पूर्ण समाज को मिलता है तथा स्वयं बच्चों को भी मिलता है। वे अधिक उत्पादक एवं कुशल होते हैं अतः उनकी आय भी अधिक होती है जिससे उनका जीवन स्तर भी ऊँचा रहता है। 

प्रश्न 5. 
भारत में शिक्षा के विकास हेतु सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को संक्षेप में स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
भारत में विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं में शिक्षा पर अधिक धनराशि व्यय की गई है। प्रथम पंचवर्षीय योजना में शिक्षा पर 151 करोड़ रुपये का व्यय किया गया। यह धनराशि ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में बढ़कर 3766.90 करोड़ रुपये हो गई है। सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में शिक्षा पर व्यय 1951-52 में 0.64 प्रतिशत से बढ़कर 2015-16 में 3 प्रतिशत (बजटीय अनुमान) हो गया है। इसके अतिरिक्त सरकार ने शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु अनेक कार्यक्रम चलाए हैं। सरकार ने विभिन्न शिक्षण संस्थाओं का भी विस्तार किया है तथा देश में तकनीकी शिक्षा को प्रोत्साहित किया है। 

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प्रश्न 6.
बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं? 
उत्तर:
साधारण बोलचाल की भाषा में बेरोजगारी का अभिप्राय किसी व्यक्ति को रोजगार के अवसर प्राप्त न होने से लिया जाता है। अन्य शब्दों में, बेरोजगारी का अर्थ उस व्यक्ति को काम नहीं मिलने से है जो काम करने का इच्छुक एवं योग्य है पर उसकी इच्छा एवं योग्यता के बावजूद उसे काम नहीं मिलता। यदि किसी व्यक्ति को काम मिला हुआ है परन्तु उस काम से उस व्यक्ति के पूरे समय, शक्ति एवं योग्यता का उपयोग नहीं होता है तो उसे अर्द्ध बेरोजगारी कहा जाएगा। 

प्रश्न 7. 
संक्षेप में बेरोजगारी के प्रभावों को स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
भारत में बेरोजगारी एक प्रमख समस्या है तथा अर्थव्यवस्था पर बेरोजगारी के अनेक नकारात्मक प्रभाव पडते हैं। बेरोजगारी के कारण मानवीय संसाधनों की बर्बादी होती है तथा उत्पादक मानव संसाधन भी दायित्व में बदल जाते हैं। लोग बेरोजगारी के कारण अपने व अपने परिवार का भरण-पोषण ठीक प्रकार से नहीं कर पाते हैं । इस कारण समाज के जीवन की गुणवत्ता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। बेरोजगारी से निर्धनता एवं अन्य सामाजिक बुराइयों को बढ़ावा मिलता है। बेरोजगारी का अर्थव्यवस्था के विकास एवं संवृद्धि पर बुरा प्रभाव पड़ता है। 

प्रश्न 8. 
"सांख्यिकीय रूप से भारत में बेरोजगारी की दर निम्न है, किन्तु वास्तविकता में यह गंभीर समस्या है।" स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
यदि सांख्यिकीय आँकड़ों के आधार पर देखें तो भारत में बेरोजगारी की दर काफी कम है किन्तु वास्तविकता में बड़ी संख्या में निम्न आय और निम्न उत्पादकता वाले लोगों की गिनती नियोजित लोगों में की जाती है। कुछ लोग पूरे वर्ष काम करते हुए प्रतीत होते हैं किन्तु वास्तव में उन्हें पूरा काम नहीं मिलता। उदाहरण के लिए, कृषि में प्रच्छन्न बेरोजगारी पाई जाती है अर्थात् कृषि में आवश्यकता से अधिक लोग कार्य पर लगे होते हैं। अत: वास्तविकता में देश में बहुत से लोगों के पास पूरा एवं योग्यतानुसार कार्य नहीं होता तथा वे निम्न वर्ग में आते हैं किन्तु उन्हें बेरोजगार नहीं माना जाता है। 

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निबन्धात्मक प्रश्न 

प्रश्न 1. 
भारत में शिक्षा के विकास पर एक लेख लिखिए। 
अथवा 
भारत में पंचवर्षीय योजनाओं में हुए शिक्षा के विकास पर एक टिप्पणी लिखिए। 
उत्तर:
शिक्षा, मानव पूँजी निर्माण का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है तथा शिक्षा का देश के आर्थिक विकास एवं संवृद्धि में योगदान है। शिक्षा के माध्यम से लोगों को अधिक उत्पादक एवं कुशल बनाया जा सकता है। भारत में सरकार ने शिक्षा के विकास एवं विस्तार पर विशेष ध्यान दिया है एवं पंचवर्षीय योजनाओं में अनेक प्रयास किए हैं। 

भारत सरकार ने प्रथम पंचवर्षीय योजना में शिक्षा पर 151 करोड़ रुपये व्यय किए जो ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में बढ़कर 3766.99 करोड़ रुपये हो गए। सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में शिक्षा पर व्यय 1951-52 में 0.64 प्रतिशत था, वह बढ़कर 2015-16 में 3 प्रतिशत हो गया है। भारत सरकार द्वारा किए इन प्रयासों के फलस्वरूप भारत में साक्षरता दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 1951 में भारत की साक्षरता दर मात्र 18 प्रतिशत थी, वह बढ़कर 2011 में 74 प्रतिशत हो गई है। इसके साथ ही शिक्षण संस्थाओं, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है जिसे निम्न तालिका से स्पष्ट किया जा सकता है-
RBSE Class 9 Social Science Important Questions Economics Chapter 2 संसाधन के रूप में लोग 1
स्त्रोत : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की वार्षिक रिपोर्ट 2010-11, 2012-13, 2013-14, 2015-16 एवं चुनिंदा शैक्षिक सांख्यिकी, मानव संसाधन विकास मंत्रालय। 

उपर्युक्त तालिका से स्पष्ट है कि देश में उच्च शिक्षण संस्थाओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसके साथ ही स्कूली शिक्षा का भी काफी विस्तार हुआ है। 

प्रश्न 2. 
भारत में शिक्षा के विस्तार एवं विकास हेतु क्या-क्या प्रयास किए गए हैं? 
उत्तर:
भारत में शिक्षा के विकास एवं विस्तार हेतु निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं-

  • देश में शिक्षा पर किए जाने वाले सार्वजनिक व्यय में लगातार वृद्धि की गई है। 
  • प्रत्येक जिले में नवोदय विद्यालय जैसे प्रगति निर्धारक विद्यालय स्थापित किये गए हैं। 
  • हाई स्कूल के विद्यार्थियों को ज्ञान और कौशल से सम्बन्धित व्यवसाय उपलब्ध कराने के लिए व्यावसायिक शाखाएँ विकसित की गई हैं। 
  • ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक विद्यालयों एवं उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यालयों की तेजी से स्थापना की गई है। 
  • 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों को 2010 तक प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने हेतु 'सर्वशिक्षा अभियान' चलाया गया है। 
  • प्राथमिक शिक्षा में नामांकन बढ़ाने के लिए 'सेतु पाठ्यक्रम' एवं 'स्कूल लौटो शिविर' प्रारंभ किए गए हैं। 
  • बच्चों की स्कूल में उपस्थिति एवं उनके पोषण को बढ़ाने के लिए 'दोपहर के भोजन' की योजना प्रारम्भ की गई हैं।
  • दसवीं पंचवर्षीय योजना में उच्च शिक्षा में नामांकन वृद्धि हेतु प्रयास किए गए हैं। 
  • दसवीं योजना दूरस्थ शिक्षा, औपचारिक, अनौपचारिक, दूरस्थ तथा संचार प्रौद्योगिकी की शिक्षा देने वाले शिक्षण संस्थानों के अभिसरण पर भी केन्द्रित है। 
  • देश में उच्च शिक्षण संस्थाओं में भी विस्तार किया गया है। 

RBSE Class 9 Social Science Important Questions Economics Chapter 2 संसाधन के रूप में लोग

प्रश्न 3. 
भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास पर एक लेख लिखिए। 
उत्तर:
स्वास्थ्य सुविधाएँ मानव पूँजी निर्माण हेतु अति आवश्यक हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार से देश में मानव पूँजी निर्माण को बढ़ावा मिलता है। एक स्वस्थ व्यक्ति अधिक उत्पादक एवं अधिक कार्यकुशल होता है। भारत में विभिन्न पंचवर्षीय पोजना में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करने को प्राथमिकता दी गई है। हमारी राष्ट्रीय नीति का लक्ष्य भी जनसंख्या के अल्प सुविधा प्राप्त वर्गों पर विशेष ध्यान देते हुए स्वास्थ्य सेवाओं, परिवार कल्याण और पौष्टिक सेवा तक इनकी पहुंच को बेहतर बनाना है। 

देश में विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं में स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार हेतु अनेक प्रयास किए हैं जिसके अनेक सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं । इन प्रयासों से देश में जीवन प्रत्याशा बढ़कर वर्ष 2014 में 68.3 वर्ष से अधिक हो गई है जो आजादी के समय काफी कम थी। शिशु-मृत्यु-दर 1951 में 147 थी, वह वर्ष 2016 में 34 रह गई है। इसी प्रकार देश में जन्म-दर एवं मृत्यु-दर में भी काफी कमी आई है। 

देश में स्वास्थ्य सुविधाओं में भी काफी विस्तार हुआ है जिसे निम्न तालिका से स्पष्ट किया जा सकता है-
RBSE Class 9 Social Science Important Questions Economics Chapter 2 संसाधन के रूप में लोग 2  
स्रोत : राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रोफाइल 2013, 2014, 2015, 2016, 2017, 2018, केन्द्रीय स्वास्थ्य गुप्तचर ब्यूरो, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्रालय। 

उपर्युक्त तालिका से स्पष्ट है कि आजादी के पश्चात् देश में स्वास्थ्य सुविधाओं में तीव्र गति से वृद्धि हुई है। 

प्रश्न 4. 
बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं? भारत में बेरोजगारी के विभिन्न प्रकारों को स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
बेरोजगारी का अभिप्राय-साधारण बोलचाल की भाषा में बेरोजगारी का अभिप्राय किसी व्यक्ति को रोजगार के अवसर प्राप्त न होने से लिया जाता है। अन्य शहरों में बेरोजगारी का अर्थ उन व्यक्तियों को काम नहीं मिलने से है जो काम करने के इच्छुक एवं योग्य हैं पर उनकी इच्छा एवं योग्यता के बावजूद प्रचलित कीमतों पर उन्हें रोजगार नहीं मिलता है। 

बेरोजगारी के प्रकार-भारत में बेरोजगारी के कई स्वरूप हैं। भारत में बेरोजगारी के मुख्य स्वरूप निम्न प्रकार- 
(1) मौसमी बेरोजगारी-मौसमी बेरोजगारी का तात्पर्य उस अवस्था से है जब श्रमिक को वर्ष भर निरन्तर काम नहीं मिलता है तथा किसी मौसम विशेष में ही उसे काम मिलता है, शेष समय वह श्रमिक बेकार बैठा रहता है या फिर रोजगार की खोज करता रहता है। जैसे भारत में चीनी उद्योग के कर्मचारी वर्ष में केवल उसी समय अधिक काम पर रहते हैं जब गन्ने दन होता है। इसी प्रकार भारत में रबी और खराफ का फसलो के बीच का अवधि में मानसून न आने पर किसान बेरोजगार होते हैं। 

(2) प्रच्छन्न बेरोजगारी-प्रच्छन्न बेरोजगारी को छिपी हुई बेरोजगारी भी कहते हैं। इसमें श्रमिक कार्य पर लगा हुआ तो प्रतीत होता है किन्तु वास्तव में उत्पादन में उसका योगदान नहीं होता है। अर्थात् प्रच्छन्न बेरोजगारी वह अवस्था है जिसमें किसी कार्य पर आवश्यकता से अधिक लोग काम पर लगे हों। उदाहरण के लिए, भारत में कृषि क्षेत्र में पूरा परिवार कृषि कार्य में लगा होता है जबकि उस कार्य को परिवार के कम लोग भी पूरा कर सकते हैं तथा अतिरिक्त लोगों को हटाने से उत्पादन पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। 

(3) शिक्षित बेरोजगारी-शिक्षित बेरोजगारी मुख्य रूप से शहरों में पाई जाती है। इस बेरोजगारी में विभिन्न शिक्षित लोगों को उनकी योग्यता के अनुरूप रोजगार नहीं मिल पाता है। देश में यह भी देखा गया है कि उच्च शिक्षा प्राप्त लोगों में बेरोजगारी की दर अधिक पाई जाती है। इसे शिक्षित बेरोजगारी कहते हैं। 

admin_rbse
Last Updated on May 27, 2022, 9:44 a.m.
Published May 26, 2022