RBSE Class 8 Social Science Notes Geography Chapter 3 खनिज और शक्ति संसाधन

These comprehensive RBSE Class 8 Social Science Notes Geography Chapter 3 खनिज और शक्ति संसाधन will give a brief overview of all the concepts.

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Social Science in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 8. Students can also read RBSE Class 8 Social Science Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 8 Social Science Notes to understand and remember the concepts easily. Go through these class 8 history chapter 6 questions and answers in hindi and get deep explanations provided by our experts.

RBSE Class 8 Social Science Notes Geography Chapter 3 खनिज और शक्ति संसाधन

→  प्राकृतिक रूप से प्राप्त होने वाला पदार्थ जिसका निश्चित रासायनिक संघटन हो, वह खनिज कहलाता है। खनिज बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के, प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा निर्मित होते हैं।

→ खनिजों के प्रकार-खनिज मुख्य रूप से दो प्रकार के हैं..-धात्विक खनिज तथा अधात्विक खनिज। धात्विक खनिजों में धातु कच्चे रूप में होती है, इसे दो भागों में विभाजित किया जा सकता है-लौह खनिज एवं अलौह खनिज । अधात्विक खनिजों में धातुएं नहीं होती हैं। पृथ्वी की सतह के अन्दर दबी शैलों से खनिजों को बाहर निकालने की प्रक्रिया खनन कहलाती है। खनिजों को विवृत खनन, कूपक, कूपकी खनन, प्रवेधन, आखनन आदि द्वारा निकाला जाता है।

RBSE Class 8 Social Science Notes Geography Chapter 3 खनिज और शक्ति संसाधन

→ खनिजों का वितरण-अधिकतर धात्विक खनिज मुख्य रूप से आग्नेय तथा कायान्तरित शैलों में पाए जाते हैं, जबकि अधिकांश अधात्विक खनिज अवसादी शैलों में पाए जाते हैं। भिन्न-भिन्न खनिज भिन्न-भिन्न स्थानों पर पाए जाते हैं। विश्व में एशिया, यूरोप, उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका आदि में कई प्रकार के धात्विक एवं अधात्विक खनिज पाए जाते हैं।

→ खनिजों के उपयोग-खनिजों का उपयोग विभिन्न उद्योगों में विभिन्न प्रकार की वस्तुओं के निर्माण में किया जाता है।

→ खनिजों का संरक्षण-खनिजों के निर्माण एवं संचयन में हजारों वर्ष लगते हैं, अतः इनका संरक्षण आवश्यक है। धातुओं का पुनर्चक्रण इसका एक तरीका है।

→ शक्ति संसाधन-शक्ति संसाधनों को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है

  • परम्परागत स्रोत-ऊर्जा के परम्परागत स्रोत वे हैं जो लम्बे समय से सामान्य उपयोग में लाए जा रहे हैं। इनमें ईंधन, कोयला, पैट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, जल-विद्युत आदि प्रमुख हैं।
  • ऊर्जा के गैर-परम्परागत स्त्रोत-परम्परागत स्रोतों के अभाव के चलते गैर-परम्परागत स्रोतों का महत्त्व बढ़ता जा रहा है। इसमें सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, बायोगैस आदि प्रमुख हैं।
Prasanna
Last Updated on June 6, 2022, 4 p.m.
Published June 6, 2022