RBSE Class 8 Social Science Notes Geography Chapter 2 भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन

These comprehensive RBSE Class 8 Social Science Notes Geography Chapter 2 भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन will give a brief overview of all the concepts.

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Social Science in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 8. Students can also read RBSE Class 8 Social Science Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 8 Social Science Notes to understand and remember the concepts easily. Go through these class 8 history chapter 6 questions and answers in hindi and get deep explanations provided by our experts.

RBSE Class 8 Social Science Notes Geography Chapter 2 भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन

→ भूमि-भूमि सबसे महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है। पृथ्वी के लगभग 30 प्रतिशत भाग पर भूमि है। विश्व के विभिन्न भागों में भूमि और जलवायु के भिन्न लक्षणों के कारण जनसंख्या का वितरण काफी असमान है। . 

→ पभूमि उपयोग-भूमि का उपयोग विभिन्न कार्यों के लिए किया जाता है, जैसे—कृषि, वानिकी, खनन, सड़क निर्माण, उद्योगों की स्थापना आदि। भूमि का उपयोग भौतिक कारकों द्वारा निर्धारित किया जाता है।

→ भूमि संसाधन का संरक्षण-विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों के बचाव हेतु भूमि संसाधन का संरक्षण किया जाना चाहिए, जिसके अनेक उपाय हैं।

→ मृदा-पृथ्वी के पृष्ठ पर दानेदार कणों के आवरण की पतली परत मृदा कहलाती है। मृदा अपक्षय की प्रक्रिया के माध्यम से बनती है।

→ मृदा निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक-मृदा निर्माण को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक जनक शैल का स्वरूप और जलवायविक हैं। मृदा निर्माण के अन्य कारक स्थलाकृति, जैव पदार्थों की भूमिका और मृदा निर्माण के संघटन में लगा समय है।

RBSE Class 8 Social Science Notes Geography Chapter 2 भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन;

→ मृदा का निम्नीकरण और संरक्षण के उपाय-मृदा अपरदन और क्षीणता मृदा संसाधन के लिए दो मुख्य खतरे हैं जिनसे मृदा का निम्नीकरण होता है। इसके संरक्षण की निम्न विधियाँ हैं-मल्च बनाना, वेदिका फार्म, समोच्चरेखीय जुताई, रक्षक मेखलाएँ, समोच्चरेखीय रोधिकाएँ, चट्टान बाँध, बीच की फसल उगाना आदि।

→ जल-जल महत्त्वपूर्ण नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन है तथा यह पृथ्वी के तीन-चौथाई भाग पर पाया जाता है; किन्तु अलवणीय जल बहुत कम है।

→ पजल उपलब्धता की समस्याएँ-विश्व में अलवणीय जल बहुत कम है, अतः कई स्थानों पर जल संकट उत्पन्न हो रहा है।

→ जल संसाधनों का संरक्षण-विश्व में शुद्ध एवं पर्याप्त जल स्रोतों का संकट बन रहा है, अतः जल का संरक्षण किया जाना आवश्यक है। जल संसाधनों का उपयोग बहुत सोच-समझकर करना चाहिए। 

→ प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीव-हमारे जैवमण्डल में अनेक प्रकार की प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीव पाए जाते हैं जो हमारे बहुमूल्य संसाधन हैं। हमारे जीवन में इनके कई उपयोग हैं।

→ प्राकृतिक वनस्पति का वितरण-प्राकृतिक वनस्पति कई कारकों पर निर्भर करती है, अतः विश्व में इसका | वितरण असमान है। 

→ प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन का संरक्षण-बढ़ती जनसंख्या के कारण प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवों पर संकट उत्पन्न हो गया है। पर्यावरण एवं पारितंत्र में सन्तुलन बनाए रखने हेतु इनका संरक्षण करना आवश्यक है।

Prasanna
Last Updated on June 6, 2022, 3:58 p.m.
Published June 6, 2022