RBSE Class 8 Social Science Notes Civics Chapter 3 हमें संसद क्यों चाहिए?

These comprehensive RBSE Class 8 Social Science Notes Civics Chapter 3 हमें संसद क्यों चाहिए? will give a brief overview of all the concepts.

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 8 Social Science in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 8. Students can also read RBSE Class 8 Social Science Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 8 Social Science Notes to understand and remember the concepts easily. Go through these class 8 history chapter 6 questions and answers in hindi and get deep explanations provided by our experts.

RBSE Class 8 Social Science Notes Civics Chapter 3 हमें संसद क्यों चाहिए?

→  लोकतांत्रिक व्यवस्था-निर्णय प्रक्रिया में सहभागिता और लोकतांत्रिक सरकार के लिए नागरिकों की सहमति वे तत्व हैं जो सम्मिलित रूप से भारत में एक लोकतांत्रिक व्यवस्था का निर्माण करते हैं। इस बात की सबसे अच्छी अभिव्यक्ति संसद के रूप में मिलती है। 

→ लोगों को फैसला क्यों लेना चाहिए?-औपनिवेशिक शासन के अनुभव और स्वतंत्रता संघर्ष में तरह-तरह के लोगों की हिस्सेदारी के आधार पर राष्ट्रवादियों को विश्वास हो गया था कि स्वतन्त्र भारत में सभी लोग अपने जीवन को प्रभावित करने वाले फैसलों में हिस्सा लेने की क्षमता रखते हैं । अतः स्वतन्त्र भारत की सरकार को लोगों की जरूरतों और मांगों के प्रति संवेदनशील रखने के लिए लोगों को फैसला लेना | चाहिए। स्वतंत्र भारत के संविधान में इसी दृष्टिकोण से सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के सिद्धान्त को अपनाया।

RBSE Class 8 Social Science Notes Civics Chapter 3 हमें संसद क्यों चाहिए?

→ लोग और उनके प्रतिनिधि-सहमति का विचार लोकतन्त्र का प्रस्थान बिन्दु होता है। सहमति का मतलब है-चाह, स्वीकृति और लोगों की हिस्सेदारी। व्यक्ति द्वारा सरकार को मंजूरी देने का एक तरीका चुनाव है। लोग संसद के लिए अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं। इन्हीं निर्वाचित प्रतिनिधियों में से एक समूह सरकार बनाता है। | जनता द्वारा चुने गये सभी प्रतिनिधियों के समूह को संसद कहा जाता है जो सरकार को नियंत्रित करती है और उसका मार्गदर्शन करती है।

→ संसद की भूमिका-स्वतन्त्रता के बाद गठित की गई भारतीय संसद लोकतंत्र के सिद्धान्तों में भारतीय जनता की आस्था का प्रतीक है। ये सिद्धान्त हैं-निर्णय प्रक्रिया में जनता की हिस्सेदारी और सहमति पर आधारित शासन। जनता वयस्क मताधिकार के आधार पर लोकसभा के लिए सांसदों का निर्वाचन 5 वर्ष के लिए करती है। संसद के चुनाव हो जाने के बाद उसे निम्नलिखित काम करने होते हैं
(क) राष्ट्रीय सरकार का चुनाव करना,
(ख) सरकार को नियंत्रित करना, मार्गदर्शन देना और जानकारी देना,
(ग) कानून बनाना।

Prasanna
Last Updated on June 6, 2022, 3:43 p.m.
Published June 6, 2022