RBSE Class 8 Science Important Questions Chapter 6 दहन और ज्वाला

Rajasthan Board RBSE Class 8 Science Important Questions Chapter 6 दहन और ज्वाला Important Questions and Answers.

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RBSE Class 8 Science Chapter 6 Important Questions दहन और ज्वाला

बहुचयनात्मक  प्रश्न: 

प्रश्न 1. 
निम्न में दाद्य पदार्थ नहीं है। 
(अ) मैग्नीशियम 
(ब) काष्ठ कोयला
(स) लोहा 
(द) लकड़ी 
उत्तर:
(स) लोहा 

RBSE Class 8 Science Important Questions Chapter 6 दहन और ज्वाला 

प्रश्न 2. 
पेट्रोल जैसे ज्वलनशील पदार्थों में लगी आग को बुझाने में उपयोगी है। 
(अ) जल 
(ब) CO2
(स) ऑक्सीजन
(द) इनमें से कोई नहीं 
उत्तर:
(ब) CO2

प्रश्न 3. 
मोमबत्ती की ज्वाला के सबसे बाहरी क्षेत्र का रंग होता है। 
(अ) काला 
(ब) पीला
(स) लाल 
(द) नीला 
उत्तर:
(द) नीला 

प्रश्न 4. 
ईधन के ऊष्मीय मान का मात्रक है। 
(अ) kJ/kg 
(ब) kg/kJ
(स) जूल 
(द) वाट 
उत्तर:
(अ) kJ/kg 

RBSE Class 8 Science Important Questions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 5. 
मोमबत्ती के जलने से उत्पन्न गैस है। 
(अ) नाइट्रोजन 
(ब) कार्बन डाइऑक्साइड
(स) हाइड्रोजन 
(द) ऑक्सीजन 
उत्तर:
(ब) कार्बन डाइऑक्साइड


रिक्त स्थानों की पूर्ति:

प्रश्न 1. 
जो पदार्थ वायु में जलते हैं , .................. कहलाते हैं। 
उत्तर:
दाह्य

प्रश्न 2. 
ज्वलनशील पदार्थों का ज्वलन ताप बहुत ............... होता है। 
उत्तर:
कम

RBSE Class 8 Science Important Questions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 3. 
ईंधन के अपूर्ण दहन से विषैली ................. गैस बनती
उत्तर:
कार्बन मोनोक्साइड

प्रश्न 4.
............... वर्षा फसलों, भवनों तथा मृदा के लिए हानिकारक होती है। 
उत्तर:
अम्ल
 
सत्य / असत्य:

निम्नलिखित कथनों में सही पर 'T' तथा गलत पर 'F' अंकित कीजिए:

प्रश्न 1.
दहन के लिए वायु में कार्बन डाइऑक्साइड होना आवश्यक है। 
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 2.
ज्वलनशील पदार्थों का ज्वलन ताप बहुत अधिक होता है। 
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 3.
तेल में लगी आग को नियंत्रित करने के लिए जल का उपयोग नहीं करते हैं। 
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 4.
दहन के प्रक्रम में ऊष्मा तथा प्रकाश उत्पन्न होते हैं। 
उत्तर:
सत्य

RBSE Class 8 Science Important Questions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 5.
ईधन के सम्पूर्ण दहन से विषैली गैस कार्बन मोनोक्साइड बनती है। 
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 6.
सीएनजी एक अधिक स्वच्छ ईंधन है। 
उत्तर:
सत्य

'कॉलम - A' में दिए गए शब्दों का मिलान 'कॉलम - B' से कीजिए:

प्रश्न 1. 

कॉलम - A (ईंधन)

कॉलम - B (ऊष्मीयमानkJ/kg)

(i) लकड़ी

(a) 55000

(ii) कोयला

(b) 45000

(iii) पेट्रोल

(c) 33000

(iv) एलपीजी

(d) 22000

उत्तर:

कॉलम - A (ईंधन)

कॉलम - B (ऊष्मीयमानkJ/kg)

(i) लकड़ी

(d) 22000

(ii) कोयला

(c) 33000

(iii) पेट्रोल

(b) 45000

(iv) एलपीजी

(a) 55000


RBSE Class 8 Science Important Questions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 2. 

कॉलम - A

कॉलम - B

(i) विश्व ऊष्णन

 (a) कार्बन मोनोक्साइड 

(ii) ज्वलनशील

 (b) कार्बन डाइऑक्साइड 

(iii) अग्नि शामक

 (c) पेट्रोल

(iv) विषैली गैस

(d) पोटैशियम बाइकार्बोनेट

उत्तर:

कॉलम - A

कॉलम - B

(i) विश्व ऊष्णन

 (b) कार्बन डाइऑक्साइड 

(ii) ज्वलनशील

 (c) पेट्रोल 

(iii) अग्नि शामक

 (d) पोटैशियम बाइकार्बोनेट

(iv) विषैली गैस

 (a) कार्बन मोनोक्साइड 


अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1. 
दहन किसे कहते हैं? 
उत्तर:
वह रासायनिक प्रक्रम जिसमें पदार्थ ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर ऊष्मा देता है, दहन कहलाता है।

प्रश्न 2. 
आप इस कथन से क्या समझते हैं कि चारकोल का ऊष्मीय मान 33 किलोजूल प्रति ग्राम है? 
उत्तर:
इसका अर्थ है जब एक ग्राम चारकोल को पूर्णतया जलाया जाता है तो 33 किलो जूल ऊष्मा उत्पन्न होती है। 

प्रश्न 3. 
किसी पदार्थ के ज्वलन ताप की परिभाषा लिखिए। 
उत्तर:
उस न्यूनतम ताप को जिस पर कोई पदार्थ आग पकड़ लेता है और जलने लगता है, उस पदार्थ का ज्वलन ताप कहते हैं। 

प्रश्न 4. 
निरापद दियासलाई की तीली के सिरे पर लगने वाले दो रसायनों के नाम लिखिए। 
उत्तर:

  1. ऐन्टिमनी ट्राइसल्फाइड 
  2. पोटेशियम क्लोरेट। 

RBSE Class 8 Science Important Questions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 5. 
ज्वलनशील पदार्थ से क्या आशय है? 
उत्तर:
जिन पदार्थों का ज्वलन ताप कम होता है और जो ज्वाला के साथ सरलतापूर्वक आग पकड़ लेते हैं, ज्वलनशील पदार्थ कहलाते हैं; जैसे - पेट्रोल। 

प्रश्न 6. 
स्वतः दहन से क्या आशय है? 
उत्तर:
ऐसा दहन जिसमें पदार्थ बिना किसी प्रत्यक्ष कारण के अचानक लपटों के साथ जल उठता है, स्वतः दहन कहलाता है। 

प्रश्न 7. 
बन्द कमरे में कोयला जलाकर नहीं सोना चाहिए, क्यों? 
उत्तर:
क्योंकि कोयला जलकर कार्बन मोनोक्साइड गैस देता है जो जहरीली गैस है। इससे मृत्यु तक हो सकती है। 

प्रश्न 8. 
अम्ल वर्षा के लिए उत्तरदायी दो गैसों के नाम लिखिए। 
उत्तर:

  1. सल्फर डाइऑक्साइड तथा 
  2. नाइट्रोजन डाइऑक्साइड। 

प्रश्न 9. 
वैश्विक ऊष्णन का कारण क्या है? 
उत्तर:
वायु में कार्बन डाइऑक्साइड गैस की अधिकता वैश्विक ऊष्णन का कारण है। 

प्रश्न 10. 
कमरे के ताप पर माचिस की तीली स्वयं आग क्यों नहीं पकड़ती? 
उत्तर:
क्योंकि इसका ज्वलन ताप कमरे के तापमान से अधिक होता है। इसी कारण यह स्वयं आग नहीं पकड़ती है। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1. 
विद्युत उपकरणों में लगी आग बुझाने हेतु किसी विशेष अग्नि - शामक का ही उपयोग क्यों किया | जाता है? इसका नाम लिखिए। 
उत्तर:
विद्युत उपकरणों में लगी आग को बुझाने के लिए कार्बन डाइआक्साइड (CO2) सबसे अच्छा अग्निशामक है क्योंकि CO2 ऑक्सीजन से भारी होने के कारण आग को कम्बल की तरह लपेट लेती है। इससे ईंधन और ऑक्सीजन के बीच सम्पर्क टूट जाता है जिससे आग पर नियंत्रण आसानी से हो जाता है, साथ ही CO2 से विद्युत उपकरणों को कोई हानि भी नहीं
आग बुझाने के इस यंत्र को अग्निशामक यंत्र कहते हैं। इसमें उच्च दाब पर द्रव के रूप में CO2 भरी रहती है। 

RBSE Class 8 Science Important Questions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 2. 
क्या कारण है कि कागज के बने कप में कागज के बिना जले पानी उबाला जा सकता है? 
उत्तर:
जब हम कागज के कप में पानी गर्म करते हैं तो बर्नर की ज्वाला द्वारा दी गई ऊष्मा तुरंत ही कागज के कप से उसमें रखे हुए पानी को स्थानान्तरित होती जाती है जिससे पानी का ताप बढ़ता जाता है और अन्ततः पानी उबलने लगता है। चूँकि इस प्रक्रम के दौरान कागज के कप को दी गई ऊष्मा लगातार उसमें रखे पानी को स्थानान्तरित होती रहती है इसलिए कागज के कप का ताप उसके ज्वलन ताप तक नहीं पहुंच जाता जिससे कागज नहीं जलता। 

प्रश्न 3. 
ज्वलन ताप क्या है? इसका क्या महत्त्व है? 
उत्तर:
ज्वलन ताप (Ignition temperature):
वह न्यूनतम ताप जिस पर कोई पदार्थ जलने लगता है, उसका ज्वलन ताप कहलाता है। हर पदार्थ का ज्वलन ताप अलगअलग होता है। महत्त्व - पदार्थों को जलाने के लिए उनके ज्वलन ताप तक गर्म करना आवश्यक है। यही कारण है कि मिट्टी का तेल सामान्य अवस्था में नहीं जलता किन्तु थोड़ा गर्म करने पर

प्रश्न 4. 
सामान्यतया आग बुझाने के लिए जल का उपयोग क्यों करते हैं? 
उत्तर:
सामान्यतया जब आग घर या अन्य स्थानों पर लग जाती है तो फायरमेन जल डालकर आग पर नियंत्रण करते हैं। जल ज्वलनशील पदार्थों को ठण्डा करता है जिससे उनका ताप उनके ज्वलन ताप से कम हो जाता है। ऐसा करने से आग का फैलना रुक जाता है। जल वाष्प ज्वलनशील पदार्थ को घेर लेता है जिससे वायु की आपूर्ति बन्द हो जाती है तथा आग बुझ जाती है। जैसा कि हम जानते हैं आग उत्पन्न होने के लिए तीन आवश्यकताएँ ईंधन, वायु और ऊष्मा हैं। इनमें से एक या अधिक आवश्यकताओं को हटाकर आग पर नियंत्रण पाया जा सकता है। आग - सजाव आल इन वन बुझाने वाले वायु का प्रवाह रोक कर या इंधन का ताप कम करके आग पर नियंत्रण करने का प्रयास करते हैं। ईंधन को हटाना सम्भव नहीं है। 

प्रश्न 5. 
तेल या पेट्रोल में लगी आग को हम जल द्वारा क्यों नहीं बुझा सकते हैं? 
उत्तर:
हम जानते हैं कि जल तेल से भारी होता है। अतः जब तेल में लगी आग में जल डाला जाता है तो यह तेल के नीचे चला जाता है तथा तेल ऊपर जलता रहता है। अत: इसके लिए हम जल के स्थान पर कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का उपयोग करते हैं जो ऑक्सीजन से भारी होने के कारण आग को एक कम्बल की तरह लपेट लेती है। इससे ईंधन का ऑक्सीजन से सम्पर्क टूट जाता है जिससे आग पर नियंत्रण हो जाता है। 

RBSE Class 8 Science Important Questions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 6. 
दहन कितने प्रकार का होता है? समझाइए। 
उत्तर:
दहन तीन प्रकार का होता है। 

  1. तीव्र दहन (Rapid combustion): कुछ पदार्थ छोटी - सी चिंगारी से ही जलने लगते हैं, जैसे - गैस के चूल्हे में गैस, लाइटर की छोटी-सी चिंगारी से जलने लगती है। इस प्रकार का दहन तीव्र दहन है। 
  2. स्वतः दहन (Spontaneous combustion): कुछ पदार्थ बिना किसी प्रत्यक्ष कारण के अचानक लपटों के साथ जल उठते हैं। इस प्रकार का दहन स्वतः दहन है। जैसे – फास्फोरस कमरे के ताप पर ही वायु में जल उठता है। 
  3. विस्फोट (Explosion): इस प्रकार का दहन हमें पटाखों आदि में देखने को मिलता है। पटाखे जलाते हैं तो एक आकस्मिक अभिक्रिया होने से ऊष्मा, प्रकाश और ध्वनि पैदा होती है। 

प्रश्न 7. 
ईंधन के ऊष्मीय मान से आप क्या समझते हैं? किसी 5Kg. ईंधन को पूर्णतया दहन करने पर 20000kJ ऊष्मा उत्पन्न होती है, तो इस ईंधन का ऊष्मीय मान क्या होगा? परिकलित कीजिए।
अथवा ऊष्मीय मान से क्या आशय है? समझाइए। 
उत्तर:
ऊष्मीय मान: किसी ईंधन के 1 किलोग्राम के पूर्ण दहन से प्राप्त ऊष्मा ऊर्जा की मात्रा, उसका ऊष्मीय मांन कहलाती है। ईंधन के ऊष्मीय मान को किलोजूल प्रति किलोग्राम (kJ/kg) मात्रक द्वारा प्रदर्शित किया जाता
∵ 5Kg. ईंधन को पूर्णतया दहन करने पर उत्पन्न ऊष्मा
= 20000Kg
∴  1Kg. ईधन को पूर्णतया दहन करने पर उत्पन्न ऊष्मा
\(=\frac{20000}{5}\)
= 4000KJ
∴  ईंधन का ऊष्मीय मान = 4000 KI/Kg. 

प्रश्न 8. 
निम्न पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए
(1) वैश्विक ऊष्णन 
(2) अम्ल वर्षा। 
उत्तर:

  1. वैश्विक ऊष्णन (Global warming): वायु में कार्बन डाइऑक्साइड तथा कुछ अन्य गैसों की मात्रा में वृद्धि से वायुमण्डलीय ताप में वृद्धि होती है जिसे वैश्विक ऊष्णन कहते हैं। वैश्विक ऊष्णन को यदि नियोजित नहीं किया गया तो यह सभी जीवों के लिए बहुत विनाशकारी हो सकता है। 
  2. अम्ल वर्षा (Acid rain): सल्फर और नाइट्रोजन के ऑक्साइड वर्षा जल में घुल जाते हैं तथा अम्ल बनाते हैं। ऐसी वर्षा अम्ल वर्षा कहलाती है। अम्ल वर्षा फसलों, भवनों तथा मृदा के लिए बहुत हानिकारक होती है। 

प्रश्न 9. 
यदि किसी व्यक्ति के जलते हुए कपड़ों को कम्बल में लपेट दिया जाए तो आग बुझ जाती है। क्यों? 
उत्तर:
जब किसी व्यक्ति के जलते हुए कपड़ों को कम्बल से कसकर ढक दिया जाता है तो जलने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन-युक्त वायु की सप्लाई बन्द हो जाती है। दहन - अनुपोषक वायु न मिलने के कारण कपड़ों की आग बुझ जाती है। 

प्रश्न 10. 
दहन क्रिया में कौनसे पदार्थ ज्वाला प्रदान करते हैं? 
उत्तर:
दहन क्रिया में सभी पदार्थ ज्वाला नहीं देते हैं। दहन के समय जो पदार्थ वाष्पित होते हैं वे ज्वाला का निर्माण करते हैं। जैसे मोमबत्ती का पिघला हुआ मोम तथा मिट्टी के तेल के लैम्प ज्वाला देते हैं क्योंकि इनका वाष्पीकरण होता है। कोयला जलकर ज्वाला नहीं देता क्योंकि यह वाष्पित नहीं होता है। 

RBSE Class 8 Science Important Questions Chapter 6 दहन और ज्वाला

प्रश्न 11. 
क्या कारण है कि कुछ अवस्थाओं में तो ईंधन नीली ज्वाला के साथ जलता है परन्तु अन्य अवस्थाओं में पीली ज्वाला के साथ जलता है? 
उत्तर:
किसी भी ईंधन का नीली. ज्वाला या पीली ज्वाला के साथ जलना, दहन के लिए उपलब्ध ऑक्सीजन की मात्रा पर निर्भर करता है। 

  1. जब ऑक्सीजन (या वायु) की उपलब्धता पर्याप्त होती है तो ईंधन का दहन पूर्ण रूप से होता है जिससे नीली ज्वाला उत्पन्न होती है। 
  2. जब ऑक्सीजन (या वायु) की उपलब्धता अपर्याप्त होती है तो ईंधन का दहन अपूर्ण होता है जिससे पीली ज्वाला निकलती है। इस परिस्थिति में ईंधन के अपूर्ण दहन से बने कार्बन के कण ज्वाला में पहुँच जाते हैं। जब ये कार्बन के कण गर्म होकर चमकते हैं तो पीला प्रकाश देते हैं जिससे ज्वाला भी पीली नजर आती है। 

प्रश्न 12. 
कोई एक कारण बताइए कि कागज का कोई दुकड़ा पीली ज्वाला के साथ क्यों जलता है? 
उत्तर:
कागज का टुकड़ा पीली ज्वाला के साथ इसलिए जलता है कि ऑक्सीजन की उपलब्धता अपर्याप्त होने के कारण उसका दहन अपूर्ण होता है। जब कागज का दहन अपूर्ण होता है तो उससे 'बिना जले कार्बन कण' उत्पन्न होते हैं। ये कार्बन कण ज्वाला के साथ उठते हैं और गर्म होकर चमकते हैं। जब गर्म कार्बन कण चमकते हैं तो वे पीले रंग का प्रकाश छोड़ते हैं जिससे ज्वाला भी पीली दिखती है। 

निबन्धात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1. 
सिद्ध कीजिए कि दहन हेतु वायु की आवश्यकता होती है। आवश्यक चित्र बनाइए। 
उत्तर:
बहन हेतु वायु की आवश्यकता होती हैएक जलती मोमबत्ती को मेज के ऊपर रखिए। काँच की चिमनी को मोमबत्ती के ऊपर लकड़ी के दो गुटकों की सहायता से इस प्रकार रखिए कि वायु का चिमनी में प्रवेश होता रहे, चित्र (a) इसके बाद लकड़ी के गुटके को हटाकर चिमनी को मेज पर टिका दीजिए, चित्र (b) अन्त में एक काँच की प्लेट चिमनी के ऊपर रख दीजिए, चित्र (c) हम देखेंगे  (a) में मोमबत्ती निर्बाध रूप से जलती है। (b) में जब चिमनी के नीचे से वायु प्रवेश नहीं कर पाती तो ज्वाला में कम्पन होता है और धुआँ उत्पन्न होता है। अवस्था (c) में ज्वाला बुझ जाती है क्योंकि उसे वायु उपलब्ध नहीं हो पाती। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि दहन के लिए वायु आवश्यक है।
RBSE Class 8 Science Important Questions Chapter 6 दहन और ज्वाला 1

RBSE Class 8 Science Important Questions Chapter 6 दहन और ज्वाला 

प्रश्न 2. 
आधुनिक निरापद माचिस कैसे तैयार की जाती है? समझाइए। 
उत्तर:
आधुनिक निरापद माचिस (Modern safety match): 
निरापद माचिस से यहाँ आशय यह है कि यह जलाने पर ही जले, स्वयं नहीं जले तथा बुझाने पर बुझ जाये। इसका विकास लगभग दो सौ वर्ष पूर्व हुआ था। इसके निर्माण के लिए ऐन्टिमनी ट्राइसल्फाइड, पोटैशियम क्लोरेट और श्वेत फास्फोरस का मिश्रण, कुछ गोंद और स्टार्च के साथ मिलाकर उचित लकड़ी से बनी माचिस की तीली के सिरे पर लगाया जाता था। जब इसे किसी खुरदरी सतह से रगड़ा जाता था तो घर्षण की ऊष्मा के कारण श्वेत फास्फोरस जल उठता था, इससे माचिस की तीली का दहन प्रारम्भ हो जाता था।

परन्तु श्वेत फास्फोरस काफी खतरनाक था अतः आजकल निरापद माचिस के सिरे पर केवल ऐन्टिमनी ट्राइसल्फाइड और पोटैशियम क्लोरेट लगा रहता है। रगड़ने वाली सतह पर चूर्णित काँच और थोड़ा - सा लाल फॉस्फोरस लगाते हैं। जब माचिस की तीली को खुरदरी सतह पर रगड़ा जाता है तो कुछ लाल फॉस्फोरस श्वेत फॉस्फोरस में बदल जाता है। यह तुरन्त माचिस की तीली के सिरे पर लगे पोटैशियम क्लोरेट से क्रिया कर पर्याप्त ऊष्मा उत्पन्न कर देता है, जिससे ऐन्टिमनी ट्राइसल्फाइड का दहन प्रारम्भ हो जाता है एवं यह जलने लगता है। 

प्रश्न 3. 
मोमबत्ती की ज्वाला के विभिन्न क्षेत्रों को नामांकित चित्र बनाते हुए समझाइए। 
अथवा 
मोमबत्ती की ज्वाला का सचित्र वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
मोमबत्ती की ज्वाला के तीन क्षेत्र होते हैं। 
(1) सबसे आंतरिक क्षेत्र: मोमबत्ती की ज्वाला का सबसे भीतरी क्षेत्र या सबसे निचला भाग (जो बत्ती के पास ही होता है) काले रंग का होता है। यह काला रंग उसमें ईंधन के बिना जले हुए कार्बन कणों की उपस्थिति के कारण होता है। इसका ताप न्यूनतम होता है। 

(2) आंशिक दहन वाला मध्य भाग या दीप्त क्षेत्र: मोमबत्ती की ज्वाला का बीच वाला क्षेत्र मोम के अपूर्ण दहन का क्षेत्र है जो ऑक्सीजन (या वायु) की अपर्याप्त उपलब्धता के कारण होता है। जब बिना जले कार्बन कण मोमबत्ती की ज्वाला के मध्य भाग में से ऊपर उठते हैं तो वे गर्म होकर चमकने लगते हैं तथा पीले रंग का प्रकाश छोड़ते हैं जिससे ज्वाला का मध्य भाग पीला दिखता है। इसका ताप मध्यम होता है। 

(3) पूर्ण दहन का बाह्य क्षेत्र या अदीप्त क्षेत्र: मोमबत्ती की ज्वाला का सबसे बाहरी क्षेत्र नीले रंग का होता है क्योंकि सबसे बाहरी भाग में ऑक्सीजन (या वायु) की पर्याप्त उपलब्धता के कारण मोम (ईंधन) का सम्पूर्ण दहन होता है। मोमबत्ती की ज्वाला का नीला भाग बहुत ही छोटा होता है। मोमबत्ती की ज्वाला के इस क्षेत्र का ताप उच्चतम होता है। [नोट-चित्र के लिए इसी अध्याय के पाठ्यपुस्तक के प्रश्न संख्या 6 का उत्तर देखें।] 

प्रश्न 4. 
आदर्श ईंधन की पाँच विशेषताएँ लिखिए। 
उत्तर:
आदर्श ईंधन की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं। 

  1. ईंधन का ऊष्मीय मान उच्च होना चाहिए ताकि वह प्रति इकाई भार के हिसाब से अधिक ऊष्मा दे सके। 
  2. ईधन का ज्वलन ताप उचित होना चाहिए ताकि उसे आसानी से जलाया जा सके । ईंधन का ज्वलन ताप न तो बहुत कम और न ही बहुत अधिक होना चाहिए। 
  3. इंधन में अज्वलनशील पदार्थों की मात्रा कम होनी चाहिए ताकि वह जलने पर अधिक राख पीछे न छोड़े। 
  4. ईधन के जलने से कोई हानिकारक तथा विषैली गैस उत्पन्न नहीं होनी चाहिए जो वायु को प्रदूषित कर सके। 
  5. इंधन सस्ता होना चाहिए और आसानी से उपलब्ध होना चाहिए। 

प्रश्न 5. 
ईंधन दहन से उत्पन्न हानिकारक उत्पादों के क्या प्रभाव होते हैं? लिखिए। 
उत्तर:
हम जानते हैं कि ईंधन का उपयोग काफी बढ़ता जा रहा है। इसके उपयोग से पर्यावरण पर हानिकारक प्रभाव हो रहा है, उनमें से कुछ निम्न हैं। 

  1. लकड़ी, कोयले और पेट्रोल जैसे कार्बन ईंधन बिना जले कार्बन कण छोड़ते हैं। ये सूक्ष्म कण खतरनाक प्रदूषक होते हैं, जो दमा जैसे श्वास रोग उत्पन्न करते हैं। लकड़ी का उपयोग ईंधन के रूप में करने से वृक्षों की कटाई की जाती है जो वनीन्मूलन का कारण बनता है। वन क्षेत्र कम होने से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। 
  2. लकड़ी, कोयला आदि का अपूर्ण दहन होने पर कार्बन मोनोक्साइड गैस बनती है जो अत्यन्त विषैली होती है। यदि बन्द कमरे में कोयला जलाकर छोड़ दें तो वहाँ सो रहे व्यक्तियों की मृत्यु तक हो सकती है। 
  3. अधिक कार्बन डाइऑक्साइड गैस विश्व ऊष्णन का कारण बनती है। इससे पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है जिससे हिमनद पिघल रहे हैं, जो समुद्र में जल स्तर को बढ़ा रहे हैं। इससे तटीय क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। 
  4. कोयले और डीजल के दहन से सल्फर डाइऑक्साइड गैस निकलती है। यह अत्यन्त दमघोंटू और संक्षारक गैस है। इसके अतिरिक्त पेट्रोल इंजन नाइट्रोजन । के गैसीय ऑक्साइड छोड़ते हैं। सल्फर और नाइट्रोजन के ऑक्साइड वर्षा जल में घुल जाते हैं तथा अम्ल बनाते हैं। ऐसी वर्षा अम्लं वर्षा कहलाती है, जो फसलों, भवनों और मृदा के लिए हानिकारक है।
Prasanna
Last Updated on May 24, 2022, 2:12 p.m.
Published May 23, 2022