RBSE Class 8 Maths Notes Chapter 9 बीजीय व्यंजक एवं सर्वसमिकाएँ

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RBSE Class 8 Maths Chapter 9 Notes बीजीय व्यंजक एवं सर्वसमिकाएँ

→ स्थिरांक एवं चरों का ऐसा संयोजन जो +, -, × तथा ÷ से जुड़ा हो, बीजीय व्यंजक कहलाता है।

→ किसी पद का संख्यात्मक गुणनखण्ड उसका गुणांक कहलाता है।

→ जिस व्यंजक में केवल एक पद होता है, उसे एकपदी, दो पदों वाले व्यंजक को द्विपदी, तीन पदों वाले व्यंजक को त्रिपद व्यंजक कहते हैं । इस प्रकार एक अथवा अधिक पदों वाला व्यंजक जिसके गुणांक शून्येतर हों और जिसके चरों की घात ऋणेतर हों, बहुपद कहलाता है।

→ समान चरों से समान पद बनते हैं और इन चरों की घात भी समान होती है। समान पदों के गुणांक समान होने आवश्यक नहीं हैं।

→ बहुपदों को जोड़ने या घटाने के लिए सबसे पहले समान पद ढूँढ़कर जोड़ या घटा देते हैं, उसके पश्चात् असमान पदों को उपयोग में लेते हैं।

RBSE Class 8 Maths Notes Chapter 9 बीजीय व्यंजक एवं सर्वसमिकाएँ

→ एक पदी को एकपदी से गुणा करने पर हमेशा एक पदी प्राप्त होते हैं तथा बहुपद को एकपदी से गुणा करने के लिए बहुपद के प्रत्येक पद को एकपदी से गुणा किया जाता है।

→ सर्वसमिका एक ऐसी समिका है जो चर के सभी मानों के लिए सत्य होती है जबकि समीकरण चरों के कुछ निश्चित मानों के लिए सत्य होता है। समीकरण सर्वसमिका नहीं है।

→ निम्नलिखित मानक सर्वसमिकाएँ हैं

  • (a + b)2 = a2 + 2ab + b2
  • (a - b)2 = a2 - 2ab + b2
  • (a + b) (a - b) = a2 - b2
  • (x + a) (x + b) = x2 + (a + b)x + ab
Prasanna
Last Updated on June 1, 2022, 12:23 p.m.
Published June 1, 2022