RBSE Class 7 Social Science Notes History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य

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RBSE Class 7 Social Science Notes History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य

→ 16वीं सदी के उत्तरार्द्ध से मुगलों ने दिल्ली और आगरा से अपने राज्य का विस्तार शुरू किया और 17वीं शताब्दी में लगभग सम्पूर्ण उपमहाद्वीप पर अधिकार प्राप्त कर लिए।

→ मुगल कौन थे?
मुगल दो महान शासक वंशों के वंशज थे। माता की ओर से वे चीन और मध्य एशिया के मंगोल शासक चंगेज खां के उत्तराधिकारी तथा पिता की ओर से वे इराक, ईरान व तुर्की के शासक तैमूर के वंशज थे। परन्तु मुगल अपने आपको तैमूर का वंशज होने पर गर्व का अनुभव करते थे।

→ मुगल सैन्य अभियान
बाबर (1526-1530)-प्रथम मुगल शासक बाबर ने 1526 ई. में दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी को, 1527 में राणा सांगा को तथा 1528 में चंदेरी में राजपूतों को हराकर क्रमशः दिल्ली, आगरा तथा चंदेरी पर अधिकार कर लिया।

RBSE Class 7 Social Science Notes History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य

→ हुमायूँ: 1530 ई. में बाबर का पुत्र हुमायूँ शासक बना। लेकिन शेरखान ने उसे 1539 में चौसा में तथा 1540 में| कन्नौज में हराया। इन पराजयों ने उसे ईरान की ओर भागने को बाध्य किया। 1555 ई. में हुमायूँ ने दिल्ली पर पुनः कब्जा कर लिया, लेकिन 1556 ई. में उसकी मृत्यु हो गई।

→ अकबर (1556-1605):

  • हुमायूँ की मृत्यु के बाद 13 वर्ष की अल्पायु में अकबर सम्राट बना। 1556 से 1570 की अवधि में उसने सूरी और अन्य अफगानों, निकटवर्ती राज्यों-मालवा और गोंडवाना तथा उजबेकों के विद्रोहों को दबाने के लिए सैन्य अभियान चलाए। 1568 में चित्तौड़ तथा 1569 में रणथंभौर पर कब्जा कर लिया।
  • 1570 से 1585 के दौरान उसने मध्य गुजरात, बिहार, बंगाल और उड़ीसा में सैन्य अभियान चलाए।
  • 1585 से 1605 के मध्य उसने उत्तर-पश्चिम में अभियान चलाए तथा कंधार, कश्मीर और काबुल को अपने | राज्य में मिला लिया। इसके बाद दक्खन में बरार, खानदेश और अहमदनगर को अपने राज्य में मिला लिया।

→ जहाँगीर (1605-1627):
अकबर की मृत्यु के बाद उसका पुत्र जहाँगीर 1605 ई. में सम्राट बना। उसने अकबर के सैन्य अभियानों को आगे बढ़ाया। मेवाड़ के सिसोदिया शासक अमरसिंह ने मुगलों की सेवा स्वीकार की।

→ शाहजहाँ (1627-1658):
जहाँगीर की मृत्यु के बाद सन् 1627 ई. में शाहजहाँ सम्राट बना। दक्खन में| शाहजहाँ के सैन्य अभियान जारी रहे । उसने ओरछा पर कब्जा किया। अहमदनगर को अपने राज्य में मिलाया।

→ औरंगजेब (1658-1707)

  • सन् 1658 में शाहजहाँ का पुत्र औरंगजेब शासक बना। उसने उत्तर-पूर्व में अहोमों, उत्तर-पश्चिम में यूसफजई और सिक्खों के विरुद्ध अभियान चलाये, जिनमें अस्थायी सफलता मिली।
  • इसके काल में मारवाड़ के राठौड़ों ने तथा मराठा सरदार शिवाजी ने मुगलों के विरुद्ध अभियान चलाए।
  • उत्तर भारत में उसे सिक्खों, जाटों, सतनामियों, उत्तर-पूर्व में अहोमों और दक्कन में मराठों के विद्रोहों का सामना करना पड़ा।

→ उत्तराधिकार की मुगल परम्पराएँ:
मुगल ज्येष्ठाधिकार के नियम में विश्वास नहीं करते थे। वे उत्तराधिकार में मुगल व तैमूर वंश की परम्पराएँ अपनाते थे जिसमें उत्तराधिकार का विभाजन समस्त पुत्रों में कर दिया जाता था। मुगलों के अन्य शासकों के साथ सम्बन्ध

  • मुगलों ने उन शासकों के विरुद्ध लगातार अभियान किए, जिन्होंने उनकी सत्ता को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया।
  • जब मुगल शक्तिशाली हो गए तो कई अन्य शासकों ने उनकी सत्ता स्वीकार कर ली।
  • मेवाड़ के सिसोदिया राजपूतों के साथ लम्बे संघर्ष के बाद उनके हारने पर उनके साथ सम्माननीय व्यवहार किया लेकिन जब शिवाजी मुगल सत्ता को स्वीकार करने आए तो औरंगजेब ने उनका अपमान किया।

→ मनसबदार और जागीरदार: मुगलों की सेवा में आने वाले नौकरशाह 'मनसबदार' कहलाए। यह मुगलों द्वारा चलाई गई श्रेणी व्यवस्था थी जिसके जरिए

  • पद,
  • वेतन एवं
  • सैन्य उत्तरदायित्व निर्धारित किए जाते थे।

→ जब्त और जमींदार

  • अधिकतर स्थानों पर किसान मुखिया या स्थानीय सरदारों के माध्यम से राजस्व देते थे। इन मध्यस्थों को जमींदार कहा जाता था।
  • राजस्व प्राप्त करने की व्यवस्था को 'जब्त' कहा जाता था। 

→ अकबर की नीतियाँ

  • मुगल साम्राज्य कई प्रान्तों में बंटा हुआ था, जिन्हें 'सूबा' कहा जाता था। सूबों के प्रशासक 'सूबेदार' कहलाते थे। सूबेदार की सहायता के लिए दीवान, बक्शी, सदर, फौजदार और कोतवाल आदि अफसर होते थे।
  • धार्मिक चर्चाओं से अकबर 'सुलह-ए-कुल' या 'सर्वत्र शांति' की नीति की ओर मुड़े। यह धार्मिक सहिष्णुता की नीति थी। इस नीति को जहाँगीर और शाहजहाँ ने भी अपनाया।

RBSE Class 7 Social Science Notes History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य

→ 17वीं शताब्दी में और उसके पश्चात् मुगल साम्राज्य

  • मुगल साम्राज्य की प्रशासनिक और सैनिक कुशलता के फलस्वरूप आर्थिक और वाणिज्यिक समृद्धि में वृद्धि हुई।
  • इस काल में सामाजिक असमानताएँ भी स्पष्ट दिखाई देती थीं।
  • मुगल अर्थव्यवस्था में ज्यादा धनी किसान, शिल्पकारों के समूह, व्यापारी और महाजन ज्यादा लाभ उठाते थे।
  • मुगलों के कुलीन वर्ग के हाथों में बहुत धन तथा संसाधन थे। 17वीं सदी के अंतिम वर्षों में वे स्वयं ही सत्ता के शक्तिशाली केन्द्र बनने लगे और इनमें से कुछ ने नए वंश स्थापित किए, जैसे-हैदराबाद एवं अवध।
  • 18वीं शताब्दी तक साम्राज्य के कई प्रान्त अपनी स्वतंत्र राजनैतिक पहचान बन चुके थे।
Prasanna
Last Updated on June 6, 2022, 2:28 p.m.
Published June 6, 2022