RBSE Class 7 Social Science Important Questions History Chapter 6 नगर, व्यापारी और शिल्पिजन

Rajasthan Board RBSE Class 7 Social Science Important Questions History Chapter 6 नगर, व्यापारी और शिल्पिजन Important Questions and Answers. 

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RBSE Class 7 Social Science Important Questions History Chapter 6 नगर, व्यापारी और शिल्पिजन

बहुचयनात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
हम्पी राजधानी थी-
(अ) विजयनगर साम्राज्य की 
(ब) मुगल साम्राज्य की 
(स) चोल साम्राज्य की 
(द) पल्लव साम्राज्य की 
उत्तर:
(अ) विजयनगर साम्राज्य की

प्रश्न 2. 
दूर देश के लोग सूरत की यात्रा करने आते थे क्योंकि-
(अ) यह एक तीर्थ क्षेत्र था 
(ब) यह पश्चिमी एशिया का वाणिज्य केन्द्र था
(स) यहाँ ताजमहल था 
(द) यह सर्वदेशीय शहर था 
उत्तर:
(ब) यह पश्चिमी एशिया का वाणिज्य केन्द्र था

प्रश्न 3. 
मसूलीपट्टनम प्रसिद्ध था-
(अ) हाथी व्यापार के लिए 
(ब) मंदिरों के लिए 
(स) ताँबे एवं चांदी की कलाकृतियों के लिए 
(द) मसालों के लिए 
उत्तर:
(द) मसालों के लिए 

प्रश्न 4. 
तंजावूर राजधानी थी-
(अ) चोल राजाओं की 
(ब) पल्लव राजाओं की 
(स) मुगल शासकों की 
(द) पांड्य वंश की
उत्तर:
(अ) चोल राजाओं की 

प्रश्न 5. 
निम्न में कौनसा तीर्थ क्षेत्र था-
(अ) सूरत
(ब) पुष्कर 
(सं) मसूलीपट्टनम 
(द) बम्बई
उत्तर:
(ब) पुष्कर 

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रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

1. भारतीय मूल के शिल्पकार और व्यापारी शहर के जिस हिस्से में रहते थे, उसे ................ कहते थे। 
2. 12वीं सदी में चौहानों की राजधानी ................. थी। 
3. 16वीं और 17वीं शताब्दियों में यूरोप के देश, व्यापारिक उद्देश्यों से ............... और ............. की तलाश में लगे हुए थे।
4. 18वीं सदी में ............., और .............. नगरों का उदय हुआ, जो आज प्रमुख महानगर हैं। 
5. ............ नगर कृष्णा नदी के डेल्टा पर स्थित है। 
उत्तर:
1. ब्लैक टाउन 
2. अजमेर 
3. मसालों, कपड़ों 
4. बम्बई, कलकत्ता, मद्रास 
5. मछलीपट्टनम

सत्य/असत्य कथन छाँटिये-

1. हम्पी नगर, कृष्णा और तुंगभद्रा नदियों की घाटी में स्थित है। 
2. तंजावूर एक प्रशासनिक नगर था।
3. मंदिर के कर्ता-धर्ता मंदिर के धन को व्यापार एवं साहूकारी में लगाते थे। 
4. मध्यकाल में व्यापारी आमतौर पर काफिले बनाकर एक साथ यात्रा करते थे।
5. कांचीपुरम और मदुरै सुप्रसिद्ध रेशम मार्ग से जुड़े हुए थे। 
उत्तर:
1. सत्य 
2. असत्य 
3. सत्य 
4. सत्य 
5. असत्य 

निम्न का मिलान करें-

1. तंजावूर

(अ) पत्तन नगर 

2. वृंदावन

(ब) तीर्थ केन्द्र

3. सूरत

(स) व्यापार संघ

4. नानादेशी

(द) सर्वदेशीय नगर 

5. मसूलीपट्टनम

(य) मंदिर नगर 

उत्तर:

1. तंजावूर

(य) मंदिर नगर

2. वृंदावन

(ब) तीर्थ केन्द्र 

3. सूरत

(द) सर्वदेशीय नगर

4. नानादेशी

(स) व्यापार संघ

5. मसूलीपट्टनम

(अ) पत्तन नगर

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अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
राजराजेश्वर मंदिर का वास्तुकार कौन था? 
उत्तर:
राजराजेश्वर मंदिर का वास्तुकार कुंजरमल्लन राजराज पेरुथच्चन था। 

प्रश्न 2. 
चोल राजाओं की राजधानी का नाम लिखिये। 
उत्तर:
तंजावूर। 

प्रश्न 3. 
मंदिर नगर के दो उदाहरण दीजिए। 
उत्तर:

  • तंजावूर 
  • तिरुपति। 

प्रश्न 4. 
ऐसे दो नगरों के नाम लिखिये जो तीर्थस्थलों से विकसित हुए। 
उत्तर:

  • वृंदावन (उत्तरप्रदेश) 
  • तिरुवन्नमलाई (तमिलनाडु)। 

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प्रश्न 5. 
मध्यकाल में व्यापारी काफिले बनाकर एक साथ यात्रा क्यों करते थे? 
उत्तर:
उस समय व्यापारियों को अनेक राज्यों एवं जंगलों से होकर गुजरना पड़ता था। इसलिए वे काफिले बनाकर एक साथ यात्रा करते थे। 

प्रश्न 6. 
गिल्ड क्या थे? 
उत्तर:
व्यापारियों द्वारा अपने हितों की सुरक्षा के लिए बनाए गए व्यापार संघों को गिल्ड कहा जाता था। 

प्रश्न 7. 
18वीं सदी के दो प्रमुख व्यापार संघ कौनसे थे? 
उत्तर:

  • मणिग्रामम् 
  • नानादेशी। 

प्रश्न 8. 
रेशम मार्ग से जुड़े दो नगरों के नाम लिखिये।
उत्तर:

  • काबुल 
  • कांधार। 

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प्रश्न 9. 
बीदर के शिल्पकार किसके लिए प्रसिद्ध थे? 
उत्तर:
बीदर के शिल्पकार ताँबे तथा चाँदी में जड़ाई के काम के लिए प्रसिद्ध थे। 

प्रश्न 10. 
पश्चिमी बंगाल का कौनसा शहर रेशमी वस्त्रों के प्रमुख केन्द्र के रूप में उभरा और 1704 में बंगाल की राजधानी बन गया? 
उत्तर:
मुर्शिदाबाद शहर। 

प्रश्न 11.
तंजावूर नगर किस नदी के तट पर स्थित है? 
उत्तर:
तंजावूर नगर कावेरी नदी के तट पर स्थित है। 

प्रश्न 12. 
हम्पी नगर कहाँ स्थित है? 
उत्तर:
हम्पी नगर कृष्णा और तुंगभद्रा नदियों की घाटी में| स्थित है।

प्रश्न 13. 
हम्पी नगर का विनाश कब और कैसे हआ?
उत्तर:
1565 ई. में दक्कनी सुलतानों के हाथों विजयनगर की पराजय के बाद हम्पी का विनाश हो गया।

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प्रश्न 14. 
वाणिज्य केन्द्र से क्या आशय है? 
उत्तर:
वाणिज्य केन्द्र से आशय एक ऐसे स्थान से हैं जहाँ विभिन्न उत्पादन केन्द्रों से आने वाला माल खरीदा तथा बेचा जाता है। 

प्रश्न 15. 
हुंडी क्या है? 
उत्तर:
हुंडी एक ऐसा दस्तावेज है जिसमें एक व्यक्ति द्वारा जमा कराई गई रकम दर्ज रहती है। कहीं अन्यत्र इसे प्रस्तुत करके इस रकम को प्राप्त किया जा सकता है। 

प्रश्न 16. 
सूरत को मक्का का प्रस्थान द्वार क्यों कहा जाता था? 
उत्तर:
सूरत को मक्का का प्रस्थान द्वार कहा जाता था क्योंकि बहुत से हजयात्री, जहाज से यहीं से रवाना होते थे। 

प्रश्न 17. 
मसूलीपट्टनम नगर कहाँ पर स्थित है? 
उत्तर:
मसूलीपट्टनम नगर कृष्णा नदी के डेल्टा पर स्थित है। 

प्रश्न 18. 
काबुल से कौन-कौन सी वस्तुएँ भारत लाई जाती थीं? 
उत्तर:

  • मेवे 
  • खजूर 
  • गलीचे 
  • रेशमी कपड़े तथा 
  • ताजे फल। 

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प्रश्न 19. 
किस नगर को पश्चिम का प्रवेश द्वार कहा जाता था? 
उत्तर:
सूरत (गुजरात) को। 

प्रश्न 20. 
अंग्रेजों ने मुंबई में अपना मुख्यालय कब स्थापित किया? 
उत्तर:
1668 ई. में। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
तंजावूर नगर किस हलचल से भरा हुआ था? 
उत्तर:
तंजावूर नगर उन बाजारों की हलचल से भरा हुआ था जहाँ अनाज, मसालों, कपड़ों और आभूषणों की बिक्री हों रही थी। उसके सालीय बुनकर मंदिर के उत्सव के लिए झंडे-झंडियाँ बनाने का कपड़ा, राजा और अभिजातवर्ग के लिए बढ़िया सूती वस्त्र और जनसाधारण के लिए सूती वस्त्र तैयार कर रहे थे। यहाँ से कुछ दूरी पर स्वामीमलाई में स्थापित मूर्तिकार उत्तम कांस्य मूर्तियाँ तथा लंबे, सुंदर घंटा धातु के दीप बना रहे हैं। 

प्रश्न 2. 
'कांसा' तथा 'घंटा धातु' क्या है? 
उत्तर:

  • कांसा-कांसा एक मिश्रधातु होती है, जो तांबे और रांगे (टिन) के मेल से बनती है। 
  • घंटा धातु-घंटा धातु में रांगे का अनुपात किसी भी अन्य कांसे से अधिक होता है। यह घंटे जैसी ध्वनि उत्पन्न करती है।

प्रश्न 3. 
'लुप्तमोम तकनीक' क्या थी? 
उत्तर:
लुप्तमोम तकनीक-इस तकनीक के अन्तर्गत सर्वप्रथम मोम की एक प्रतिमा बनाई जाती थी। इसे चिकनी मिट्टी से पूरी तरह लीपकर सूखने के लिए छोड़ दिया जाता था। सूखने पर उसे गर्म किया जाता था और उसके मिट्टी के आवरण में एक छोटा सा छेद बना कर उस छेद के रास्ते सारा पिघला हुआ मोम बाहर निकाल लिया जाता था। फिर चिकनी मिट्टी के खाली साँचे में उसी छेद के रास्ते पिघली हुई धातु भर दी जाती थी। जब वह धातु ठंडी होकर ठोस हो जाती थी, तो चिकनी मिट्टी के आवरण को सावधानीपूर्वक हटा दिया जाता था और उसमें से निकली प्रतिमा को साफ करके चमका दिया जाता था। 

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प्रश्न 4. 
मध्यकाल के नगरों के प्रमुख प्रकार लिखिए। 
उत्तर:
मध्यकाल के नगरों के प्रमुख प्रकार ये थे-

  • मंदिर नगर 
  • प्रशासनिक नगर 
  • वाणिज्यिक नगर 
  • पत्तन नगर 
  • मिश्रित नगर। 

प्रश्न 5. 
तीर्थस्थल भी धीरे-धीरे नगरों के रूप में विकसित हो गए। अजमेर नगर के उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
तीर्थस्थल भी धीरे-धीरे नगरों के रूप में विकसित हो गए। उदाहरण के लिए अजमेर (राजस्थान) 12वीं सदी में चौहान राजाओं की राजधानी था और आगे चलकर मुगलों के शासन में वह सूबा मुख्यालय बन गया। 

सुप्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती यहाँ 12वीं सदी में बस गए थे ओर उनके दर्शनार्थी एवं श्रद्धालु सभी पंथों-मतों से हुआ करते थे। अजमेर के पास ही पुष्कर सरोवर है, जहाँ प्राचीनकाल से ही तीर्थयात्री आते रहे हैं। आज अजमेर नगर धार्मिक सहअस्तित्व का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। 

प्रश्न 6. 
भारत के प्रमुख व्यापारी समुदायों के नाम लिखिए। यह क्या कार्य करते थे? 
उत्तर:
भारत के प्रमुख व्यापारी समुदाय-

  • चेट्टियार 
  • मारवाड़ी ओसवाल 
  • हिन्दू बनिया 
  • मुस्लिम बोहरा। 

व्यापारी समुदायों के कार्य-

  • वे दूर-दूर तक लाल सागर के बंदरगाहों व फारस की खाड़ी, पूर्वी अफ्रीका, दक्षिणपूर्व एशिया तथा चीन से व्यापार करते थे। 
  • वे इन पत्तनों में कपड़े और मसाले बेचते थे और बदले में अफ्रीका से सोना और हाथीदांत एवं दक्षिण-पूर्व एशिया और चीन से मसाले, टिन, मिट्टी के नीले बर्तन और चाँदी लाते थे। 

प्रश्न 7. 
इतिहास में काबुल का क्या महत्त्व था?
अथवा 
मध्यकाल में काबुल में किन वस्तुओं का व्यापार होता था? 
उत्तर:
काबुल मध्यकाल में राजनीतिक और वाणिज्यिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण बन गया था क्योंकि-

  • काबुल और कंधार सुप्रसिद्ध रेशम मार्ग से जुड़े हुए थे। 
  • घोड़ों का व्यापार भी मुख्य रूप से इसी मार्ग से होता था। 
  • काबुल से मेवे, खजूर, गलीचे, रेश्मी कपड़े और ताजे फल ऊँटों पर लाद कर लाए जाते थे और भारत तथा अन्य भागों में बेचे जाते थे। 
  • यहाँ गुलाम भी बिक्री के लिए लाये जाते थे। 

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प्रश्न 8. 
राजस्थान से प्राप्त अभिलेख में करों का वर्णन किस प्रकार किया गया है? 
उत्तर:
राजस्थान से प्राप्त दसवीं शताब्दी के अभिलेख में करों का वर्णन इस प्रकार किया है-

  • शक्कर और गुड़, रंग, धागा, रुई, नारियल, नमक, सुपारी, मक्खन, तिल के तेल पर और कपड़े पर कर लगाए जाते थे। 
  • इसके अलावा, व्यापारियों पर, धातु की चीजें बेचने वालों, आसवकों, तेल, पशुचारे और अनाज के बोरों पर भी कर लगाए जाते थे। 

इनमें से कुछ कर तो वस्तु रूप में और कुछ कर नकद रूप में वसूले जाते थे। 

प्रश्न 9. 
सूरत के पतन के कारण बताइए।
उत्तर:
17वीं शताब्दी के अन्त में निम्नलिखित कारणों से सूरत का पतन प्रारंभ हो गया-

  • मुगल साम्राज्य के पतन के साथ ही सूरत का बाजार और उत्पादकता दोनों में कमी आ गई। 
  • पुर्तगालियों ने समुद्री मार्ग पर नियंत्रण कर लिया था। 
  • 1668 ई. में ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने अपना मुख्यालय मुंबई स्थानान्तरित कर दिया था। 
  • मुंबई से प्रतियोगिता प्रारंभ हो गई थी।

प्रश्न 10. 
विलियम मेथवल्ड ने मसूलीपट्टनम का वर्णन किन शब्दों में किया था? 
उत्तर:
विलियम मेथल्ड ने मसूलीपट्टनम का वर्णन इन शब्दों में किया था, "यह गोलकुण्डा का मुख्य पत्तन है, जहाँ परमपूज्य ईस्ट इण्डिया कंपनी अपना एजेण्ट रखती है। यह एक छोटा नगर है, पर घना बसा हुआ है, बिना किसी चारदीवारी के, और खराब तरीके से बना हुआ। न ही यह अच्छी जगह स्थित है। इसके सभी जल स्रोत खारे पानी के हैं। पहले यह एक गरीब मछुआरा नगर था......आगे चलकर यहाँ जहाजों के लिए लंगर डालने की सुविधा हो गई, जिससे व्यापारी लोग यहाँ रहने लगे और चूंकि हमारे और हॉलैण्ड के निवासी यहाँ इस तट पर आते-जाते हैं, यह उनके लिए निवास की व्यवस्था करता है।" 

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निबन्धात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
8वीं शताब्दी के छोटे नगरों में होने वाले क्रियाकलापों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
आठवीं शताब्दी से ही उपमहाद्वीप में अनेक छोटे नगरों का संजाल सा बिछने लगा था। संभवतः इनका प्रादुर्भाव बड़े-बड़े गाँवों से हुआ था। इन नगरों में होने वाले मुख्य क्रियाकलाप इस प्रकार थे-

  • मंडपिका (मंडी)-इन नगरों में प्रायः एक मंडपिका (मंडी) होती थी, जहाँ आस-पास के गाँव वाले अपनी उपज बेचने के लिए लाते थे। 
  • हट्ट (हाट)-इन नगरों में ऐसी गलियाँ थीं, जहाँ दुकानें एवं बाजार था जिन्हें हट्ट (हाट) कहा जाता था। 
  • कारीगरों तथा शिल्पियों के बाजार-इन नगरों में| कुम्हारों, तेलियों, शक्कर बनाने वालों, ताड़ी बनाने वालों, सुनारों, लोहारों, पत्थर तोड़ने वालों आदि के अलग-अलग बाजार होते थे। 
  • व्यापारी-इन नगरों में कुछ व्यापारी तो नगर में स्थायी रूप से बसकर तथा कुछ नगर-नगर घूमकर अपना कारोबार करते थे। 
  • व्यापार-इन नगरों में आस-पास और दूर-दराज के व्यापारी स्थानीय उपज खरीदने और दूरवर्ती स्थानों के उत्पाद बेचने के लिए आते थे। 
  • सामन्त या जमींदार-प्रायः कोई सामन्त या जमींदार इन नगरों में या इनके आस-पास किलेबन्दी कर महल बना लेता था। ऐसे सामन्त व्यापारियों, शिल्पकारों तथा उनके व्यापार की वस्तुओं पर कर लगाते थे। 

प्रश्न 2. 
मध्यकाल उपमहाद्वीप के विभिन्न प्रकार के व्यापारियों का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
व्यापारी 
व्यापारी कई प्रकार के हुआ करते थे। उनमें कुछ प्रमुख व्यापारियों के प्रकार निम्नलिखित थे-
(1) बंजारे लोग-बंजारे लोग सबसे महत्त्वपूर्ण खानाबदोश व्यापारी थे। ये अपने जानवरों के साथ दूर-दूर तक घूमते थे। उनका जीवन दूध और अन्य पशुचारी उत्पादों पर निर्भर था। वे खेतिहर गृहस्थों से वस्तु-विनिमय भी करते थे। कुछ बंजारे सामानों की ढुलाई का काम भी करते थे। 

(2) घोड़ों के व्यापारी-घोड़ों के व्यापारी, अपने संघ बनाते थे, जिनका एक मुखिया होता था और वह मुखिया उनकी ओर से घोड़े खरीदने के इच्छुक योद्धाओं से बातचीत करता था। 

(3) व्यापार-संघ (गिल्ड)-व्यापारी प्रायः काफिले बनाकर एक साथ यात्रा करते थे और अपने हितों की रक्षा के लिए व्यापार-संघ (गिल्ड) बनाते थे। ये व्यापार संघ प्रायद्वीप के भीतर और दक्षिण-पूर्व एशिया तथा चीन के साथ भी दूरदूर तक व्यापार करते थे। 

(4)चेट्टियार, मारवाड़ी ओसवाल तथा गुजराती व्यापारइस काल में चेट्टियार और मारवाड़ी ओसवाल, गुजराती हिन्दू बनिया तथा मुस्लिम बोहरा आदि व्यापारी समुदाय भी थे। वे दूर-दूर तक लाल-सागर के बंदरगाहों व फारस की खाड़ी, पूर्वी अफ्रीका, दक्षिण-पूर्व एशिया तथा चीन से व्यापार करते थे। 

(5) विदेशी व्यापारी-पश्चिमी तट के नगरों में अरबी, फारसी, चीनी, यहूदी और सीरियाई ईसाई व्यापारी बस गये थे जो भारतीय व्यापारियों से मसाले व कपड़े खरीदकर उन्हें आगे यूरोपीय बाजारों में पहुँचाते थे। 

प्रश्न 3. 
हम्पी नगर की वास्तुकला का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
हम्पी नगर की वास्तुकला 
हम्पी नगर, कृष्णा और तुंगभद्रा नदियों की घाटियों में स्थित है। यह नगर 1336 ई. में स्थापित विजयनगर साम्राज्य का केन्द्र स्थल था। इसकी वास्तुकला का विवेचन निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत किया गया है-

  • उच्च कोटि की किलेबंदी-हम्पी शहर की किलेबन्दी उच्च कोटि की थी। किले की दीवारों के निर्माण में कहीं भी गारे-चूने जैसे किसी भी जोड़ने वाले मसाले का प्रयोग नहीं किया गया था और शिलाखण्डों को आपस में फंसाकर गूंथा गया था। 
  • विशिष्ट वास्तुकला-हम्पी की वास्तुकला विशिष्ट प्रकार की थी। वहाँ के शाही भवनों में भव्य मेहराब और गुंबद थे। वहाँ स्तंभों वाले कई विशाल कक्ष थे, जिनमें मूर्तियाँ रखने के लिए आले बने हुए थे। 
  • सुनियोजित बाग-बगीचे-शाही भवनों में सुनियोजित बाग-बगीचे थे, जिनमें कमल और टोडों की आकृति वाले मूर्तिकला के नमूने थे। 

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प्रश्न 4. 
हम्पी की सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियों का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
हम्पी की सांस्कृतिक एवं
वाणिज्यिक गतिविधियाँ 
15वीं-16वीं शताब्दियों के अपने समृद्धिकाल में हम्पी कई वाणिज्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों से गुंजायमान रहता था। यथा-

  • उन दिनों हम्पी के बाजारों में मुस्लिम सौदागरों, चेट्रियों और पुर्तगालियों जैसे यूरोपीय व्यापारियों के एजेण्टों का जमघट लगा रहता था। 
  • मंदिर सांस्कृतिक गतिविधियों के केन्द्र होते थे और देवदासियाँ विरुपाक्ष (शिव) मंदिर के अनेक स्तंभ वाले विशाल कक्षों में देव प्रतिमा, राजा तथा प्रजाजनों के समक्ष नृत्य किया करती थीं। 
  • महानवमी पर्व, जो आज दक्षिण में नवरात्रि पर्व कहलाता है, उन दिनों हम्पी में एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण पर्व माना जाता था।
  • पुरातत्वविदों ने उस महानवमी मंच को खोज निकाला है, जहाँ राजा अपने अतिथियों का स्वागत-सत्कार करता था और अधीनस्थ व्यक्तियों से नजराने-उपहार लिया करता था। वहाँ विराजमान होकर राजा नृत्य एवं संगीत तथा मल्लयुद्ध के कार्यक्रम भी देखा करता था।
admin_rbse
Last Updated on June 9, 2022, 2:40 p.m.
Published June 8, 2022