RBSE Class 7 Social Science Important Questions History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य

Rajasthan Board RBSE Class 7 Social Science Important Questions History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य Important Questions and Answers. 

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RBSE Class 7 Social Science Important Questions History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य

बहुचयनात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
भारत में मुगल साम्राज्य का संस्थापक था-
(अ) बांबर
(ब) अकबर 
(स) शाहजहाँ 
(द) हुमायूँ 
उत्तर:
(अ) बांबर

प्रश्न 2. 
मनसबदार का वेतन कहलाता था-
(अ) मनसब
(ब) जब्त 
(स) जागीर
(द) जमींदारी 
उत्तर:
(स) जागीर

प्रश्न 3. 
राठौड़ राजपूत सम्बन्धित थे-
(अ) मारवाड़ से 
(ब) मेवाड़ से 
(स) मत्स्य से 
(द) कन्नौज से 
उत्तर:
(अ) मारवाड़ से 

प्रश्न 4. 
सुलह-ए-कुल का शाब्दिक अर्थ है-
(अ) धर्म
(ब) अशांति 
(स) कट्टरता
(द) सर्वत्र शांति 
उत्तर:
(द) सर्वत्र शांति 

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प्रश्न 5. 
'अकबरनामा' लिखा गया था-
(अ) अबुल फजल द्वारा 
(ब) टोडरमल द्वारा 
(स) बीरबल
(द) अकबर द्वारा 
उत्तर:
(अ) अबुल फजल द्वारा

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

1. ........... ने हमायूँ को दो बार हराया। 
2. बाबर ने 1527 ई. में खानुवा में .............. को हराया। 
3. .......... वर्ष की अल्पायु में अकबर सम्राट बना। 
4. अकबर ने सफाविदों को हराकर .............. पर कब्जा कर लिया।
5. 1526 ई. में बाबर ने ............... के मैदान में इब्राहिम लोदी को हराया। 
उत्तर:
1. शेरखान 
2. राणा सांगा 
3. 13 
4. बाधाएँ 
5. पानीपत। 

निम्न में सत्य/असत्य कथन छाँटिये-

1. मिर्जा हाकिम की मृत्यु के पश्चात् अकबर ने कांधार पर कब्जा किया। 
2. हुमायूँ ने अपने पिता की वसीयत के अनुसार जायदाद का बँटवारा किया। 
3. मुगलों की सेवा में आने वाले नौकरशाह मनसबदार कहलाए। 
4. अकबर का राजस्व मंत्री अबुल फजल था। 
5. औरंगजेब ने सुलह-ए-कुल की नीति अपनायी थी। 
उत्तर:
1. असत्य 
2. सत्य 
3. सत्य 
4. असत्य 
5. असत्य 

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मिलान कीजिए-

शासक

शासन काल 

1. बाबर

(अ) 1658-1707 ई. 

2. हुमायूँ

(ब) 1526-1530 ई.

3. औरंगजेब

(स) 1556-1605 ई.

4. अकबर

(द) 1530-1556 ई.

5. शाहजहाँ

(य) 1605-1627 ई. 

6. जहाँगीर

(र) 1627-1858 ई.

उत्तर:

शासक

शासन काल 

1. बाबर

(ब) 1526-1530 ई. 

2. हुमायूँ

(द) 1530-1556 ई.

3. औरंगजेब

(अ) 1658-1707 ई.

4. अकबर

(स) 1556-1605 ई. 

5. शाहजहाँ

(र) 1627-1858 ई.

6. जहाँगीर

(य) 1605-1627 ई.

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अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
आज भारत के प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर मुगल शासकों के किस निवास स्थान की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हैं? 
उत्तर:
दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से। 

प्रश्न 2. 
चंगेज खान कहाँ का शासक था? 
उत्तर:
चंगेज खान चीन और मध्य एशिया के कुछ भागों का शासक था। 

प्रश्न 3. 
तैमूर ने दिल्ली पर किस सन् में अधिकार कर लिया था? 
उत्तर:
तैमूर ने 1398 ई. में दिल्ली पर अधिकार कर लिया था। 

प्रश्न 4. 
अकबर का राजस्व मंत्री कौन था? 
उत्तर:
राजा टोडरमल अकबर का राजस्व मंत्री था। 

प्रश्न 5. 
अकबरनामा किसने लिखा? 
उत्तर:
अबुल फजल ने 'अकबरनामा' लिखा।

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प्रश्न 6. 
'अकबरनामा' के अन्तिम (तीसरी) जिल्द का नाम क्या है? 
उत्तर:
अकबरनामा की तीसरी (अंतिम) जिल्द का नाम 'आइने-अकबरी' है। 

प्रश्न 7. 
सुलह-ए-कुल पंथ की स्थापना किस मुगल सम्राट ने की? 
उत्तर:
अकबर ने सुलह-ए-कुल पंथ की स्थापना की थी। 

प्रश्न 8. 
मुगल साम्राज्य की राजभाषा क्या थी? 
उत्तर:
मुगल साम्राज्य की राजभाषा फारसी थी। 

प्रश्न 9. 
मुगल उत्तराधिकार की कौनसी प्रथा अपनाते थे? 
उत्तर:
मुगल उत्तराधिकार की 'सहदायाद' प्रथा अपनाते थे जिसमें उत्तराधिकार का विभाजन समस्त पुत्रों में कर दिया जाता था। 

प्रश्न 10. 
अकबर की अधीनता को किस राजपूत राजा ने स्वीकार नहीं किया? 
उत्तर:
मेवाड़ के महाराणा प्रताप ने अकबर की अधीनता को स्वीकार नहीं किया। 

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प्रश्न 11. 
अकबर ने 'सुलह-ए-कुल' की नीति को किस शहर में विचार-विमर्श कर निर्धारित किया? 
उत्तर:
फतेहपुर सीकरी में। 

प्रश्न 12. 
नूरजहाँ कौन थी? 
उत्तर:
नूरजहाँ मुगल बादशाह जहाँगीर की पत्नी थी, जिसका पूर्व नाम मेहरुन्निसा था। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
मुगल कौन थे? 
उत्तर:
मुगल दो महान शासक वंशों के वंशज थे। माता की ओर से वे मंगोल शासक चंगेज खान, जो चीन और मध्य एशिया के कुछ भागों पर राज करता था, के उत्तराधिकारी थे। पिता की ओर से वे ईरान, इराक एवं वर्तमान तुर्की के शासक तैमूर के वंशज थे।

प्रश्न 2. 
मुगल सम्राट बाबर पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 
उत्तर:
प्रथम मुगल शासक बाबर ने 12 वर्ष की उम्र में 1494 ई. में फरगाना राज्य का उत्तराधिकार प्राप्त किया। लेकिन मंगोलों की दूसरी शाखा, उजबेकों के आक्रमण के कारण उसे अपनी पैतृक गद्दी छोड़नी पड़ी। लेकिन कुछ वर्षों बाद उसने 1504 ई. में काबुल पर कब्जा कर लिया। उसने सन् 1526 ई. में पानीपत के मैदान में इब्राहिम लोदी एवं उसके अफगान समर्थकों को हराया; सन् 1528 ई. में खानुवा में राणा सांगा, राजपूत राजाओं और उनके समर्थकों को हराया तथा सन् 1528 ई. में ही चंदेरी में राजपूतों को हराया तथा दिल्ली और आगरा में मुगल नियंत्रण स्थापित किया। 

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प्रश्न 3. 
मुगलों के अन्य शासकों के साथ सम्बन्धों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मुगलों के अन्य शासकों के साथ सम्बन्ध

  • मुगलों ने उन शासकों के विरुद्ध लगातार अभियान किए, जिन्होंने उनकी सत्ता को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया। 
  • जंब मुगल शक्तिशाली हो गए तो अन्य कई शासकों ने स्वेच्छा से उनकी सत्ता स्वीकार कर ली। जैसे-राजपूत शासक। 
  • मेवाड़ के सिसोदिया राजपूत लम्बे समय तक मुगलसत्ता को स्वीकार करने से इन्कार करते रहे, लेकिन जब वे हारे तो मुगलों ने उनके साथ सम्माननीय व्यवहार किया। लेकिन औरंगजेब के काल में ऐसे शासकों के साथ मुगलों ने अपमान का व्यवहार किया, जैसे-शिवाजी के साथ। 

प्रश्न 4. 
भू-राजस्व निर्धारण में टोडरमल के कार्यों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
भू-राजस्व निर्धारण में टोडरमल के कार्य-

  • अकबर के राजस्व मंत्री टोडरमल ने दस साल (1570-1580) की कालावधि के लिए कृषि की पैदावार, कीमतों और कृषि भूमि का सावधानीपूर्वक सर्वेक्षण किया। 
  • इन आँकड़ों के आधार पर, प्रत्येक फसल पर नकद के रूप में कर (राजस्व) निश्चित कर दिया गया। 
  • प्रत्येक सूबे (प्रांत) को राजस्व मंडलों में बाँटा गया और प्रत्येक की हर फसल के लिए राजस्व दर की अलग सूची बनायी गयी। राजस्व प्राप्त करने की इस व्यवस्था को 'जब्त' कहा जाता था। 
  • 'जब्त' की व्यवस्था उन स्थानों पर प्रचलित थी जहाँ पर मुगल प्रशासनिक अधिकारी भूमि का निरीक्षण कर सकते थे और सावधानीपूर्वक हिसाब रख सकते थे। 

प्रश्न 5. 
अबुल फजल के 'अकबरनामा' में किन-किन बातों का विवरण दिया गया है? 
उत्तर:
अबुल फजल के 'अकबरनामा' में निम्न बातों का विवरण दिया गया है-

  • इसमें अकबर के पूर्वजों का बयान है।
  • इसमें अकबर के शासनकाल की घटनाओं का विवरण है। 
  • इसमें अकबर के प्रशासन, घराने, सेना, राजस्व और साम्राज्य के भूगोल का ब्यौरा मिलता है। इसमें समकालीन भारत के लोगों की परंपराओं और संस्कृतियों का भी विस्तृत वर्णन है। 

प्रश्न 6. 
अकबर के प्रशासन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 
उत्तर:
अकबर का प्रशासन-

  • अकबर का साम्राज्य कई प्रान्तों (सूबों) में बंटा हुआ था। 
  • सूबों के प्रशासक सूबेदार कहलाते थे, जो राजनैतिक तथा सैनिक, दोनों प्रकार के कार्यों का निर्वाह करते थे।
  • प्रत्येक प्रांत में एक वित्तीय अधिकारी होता था जो 'दीवान' कहलाता था। 
  • कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सूबेदार को अन्य अफसरों जैसे-बक्शी, सदर, फौजदार और कोतवाल आदि का सहयोग प्राप्त था। 
  • अकबर के अभिजात, बड़ी सेनाओं का संचालन करते थे और बड़ी मात्रा में राजस्व खर्च कर सकते थे। 

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प्रश्न 7. 
अकबर की 'सुलह-ए-कुल' की नीति क्या थी? 
उत्तर:
अकबर की 'सुलह-ए-कुल' की नीति-अकबर की 'सुलह-ए-कुल' की नीति धार्मिक सहिष्णुता की नीति थी। यह नीति विभिन्न धर्मों के अनुयाययिों में अन्तर नहीं करती थी अपितु इसका केन्द्र बिन्दु था-नीतिशास्त्र की एक व्यवस्था, जो सर्वत्र लागू की जा सकती थी और जिसमें केवल सच्चाई, न्याय और शांति पर बल था। 

निबन्धात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
मनसबदारी व्यवस्था को स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
मनसबदारी व्यवस्था-

  • मनसबदार' शब्द का प्रयोग ऐसे व्यक्तियों के लिए होता था, जिन्हें कोई मनसब अर्थात् कोई सरकारी हैसियत या पद मिलता था। मुगलों की सेवा में आने वाले नौकरशाह 'मनसबदार' कहे जाते थे। 
  • मनसबदारी मुगलों द्वारा चलायी गई श्रेणी व्यवस्था थी. जिसके जरिए (1) पद (2) वेतन एवं (3) सैन्य उत्तरदायित्व निर्धारित किये जाते थे। 
  • पद और वेतन का निर्धारण जात की संख्या पर निर्भर था। जात की संख्या जितनी अधिक होती थी, दरबार में अभिजात की प्रतिष्ठा उतनी ही बढ़ जाती थी और उसका वेतन भी अधिक होता था। 
  • जो सैन्य उत्तरदायित्व मनसबदारों को सौंपे जाते थे उन्हीं के अनुसार उन्हें घुड़सवार रखने पड़ते थे। 
  • मनसबदार अपना वेतन राजस्व एकत्रित करने वाली भूमि के रूप में पाते थे, जिन्हें 'जागीर' कहते थे। 
  • मनसबदार अपनी जागीरों पर नहीं रहते थे और न ही उन पर प्रशासन करते थे। वे जागीरों से, अपने नौकरों के द्वारा केवल राजस्व एकत्रित करते थे, जबकि वे स्वयं देश के किसी अन्य भाग में सेवारत रहते थे। 

मनसबदार दो प्रकार के उत्तरदायित्वों का निर्वाह करते थे-(अ) सैनिक तथा (ब) नागरिक। 
(अ) उनके सैनिक उत्तरदायित्व से आशय था-अपने पदानुसार निर्धारित संख्या में सवारों का प्रबन्ध करना। इसके अतिरिक्त वे अपने सवारों को निरीक्षण के लिए लाते थे। वे अपने सैनिकों के घोड़ों को दगवाते थे एवं सैनिकों का पंजीकरण करवाते थे। इन कार्यवाहियों के बाद ही उन्हें सैनिकों को वेतन देने के लिए धन मिलता था। 

(ब) नागरिक उत्तरदायित्व से आशय था-प्रशासनिक कार्यों में भाग लेना। 

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प्रश्न 2. 
मनसबदारों की संख्या के आधार पर अकबर और औरंगजेब की तुलना कीजिए। इसके क्या परिणाम हुए? 
उत्तर:
मनसबदारों की संख्या के आधार पर अकबर और औरंगजेब के शासन की तुलना-
(i) अकबर के शासनकाल में मनसबदारों की जागीरों का सावधानीपूर्वक आकलन किया जाता था, ताकि इनका राजस्व मनसबदार के वेतन के लगभग बराबर रहे। लेकिन औरंगजेब के शासनकाल तक पहुँचतेपहुँचते स्थिति बदल गई। औरंगजेब के शासन काल में जागीर से प्राप्त राजस्व मनसबदार के वेतन से बहुत कम था। 

(ii) अकबर के शासन काल की तुलना में औरंगजेब के शासन काल में मनसबदारों की संख्या में भी अत्यधिक वृद्धि हो गई थी, जिसके कारण उन्हें जागीर मिलने से पहले एक लंबा इंतजार करना पड़ता था। इन सब कारणों से जागीरों की संख्या में कमी हो गई। 

परिणाम-

  • इस सबका परिणाम यह निकला कि औरंगजेब के शासन काल में कई जागीरदार, जागीर रहने पर यह कोशिश करते थे कि वे जितना राजस्व वसूल सकें, वसूलें। जबकि अकबर के शासनकाल में यह स्थिति नहीं थी। 
  • अपने शासन काल के अंतिम वर्षों में औरंगजेब इन परिवर्तनों पर नियंत्रण नहीं रख पाया। इस कारण किसानों को अत्यधिक मुसीबतों का सामना करना पड़ा।
admin_rbse
Last Updated on June 8, 2022, 8:46 p.m.
Published June 8, 2022