RBSE Class 7 Science Important Questions Chapter 8 पवन, तूफ़ान और चक्रवात

Rajasthan Board RBSE Class 7 Science Important Questions Chapter 8 पवन, तूफ़ान और चक्रवात Important Questions and Answers.

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RBSE Class 7 Science Chapter 8 Important Questions पवन, तूफ़ान और चक्रवात

बहुचयनात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1. 
वायु के वेग की माप करने वाले उपकरण को क्या कहते हैं? 
(अ) वायुमापी 
(ब) टॉरनेडो 
(स) तापमापी 
(द) हाइड्रोमीटर 
उत्तर:
(अ) वायुमापी 

RBSE Class 7 Science Important Questions Chapter 8 पवन, तूफ़ान और चक्रवात 

प्रश्न 2. 
नीचे दिए गए वक्तव्यों में से कौन - सा सही है? 
(i) गर्म करने पर वायु में संकुचन होता है। 
(ii) ग्रीष्मकाल में पवन के प्रवाह की दिशा समुद्र से थल की ओर होती है। 
(iii) पवन धाराएं पृथ्वी के असमान रूप से गर्म होने के कारण उत्पन्न होती हैं। 
(iv) फिलीपीन्स और जापान में चक्रवात को हरिकेन कहते हैं। 
(अ) (i), (ii), (iii) 
(ब) (i), (iii), (iv) 
(स) (ii), (iii) 
(द) (iii), (iv) 
उत्तर:
(स) (ii), (iii) 

प्रश्न 3. 
चक्रवात में कौनसा क्षेत्र 'बादलों से मुक्त क्षेत्र' होता है? 
(अ) चक्रवात का शीर्ष भाग 
(ब) चक्रवात का केन्द्र 
(स) चक्रवात का अंतिम क्षेत्र 
(द) कोई नहीं 
उत्तर:
(ब) चक्रवात का केन्द्र 

प्रश्न 4. 
चक्रवातों को 'हरिकेन' किस क्षेत्र में कहा जाता है? 
(अ) जापान में 
(ब) फिलीपीन्स में 
(स) भारत में 
(द) अमेरिकी महाद्वीप में
उत्तर:
(द) अमेरिकी महाद्वीप में

प्रश्न 5. 
चक्रवात के नेत्र का व्यास होता है। 
(अ) 5 से 25 किमी. तक 
(ब) 10 से 30 किमी. तक
(स) 10 से 15 किमी. तक
(द) 150 से 250 किमी. तक 
उत्तर:
(अ) 5 से 25 किमी. तक 

रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:

प्रश्न 1. 
चक्रवात के केन्द्र में पवन का वेग ....................... होता है। 
उत्तर:
न्यून 

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प्रश्न 2. 
भारत की सम्पूर्ण तटरेखा, विशेष रूप से .......................... चक्रवातों के लिए संवेदनशील है। 
उत्तर:
पूर्वी तट

प्रश्न 3. 
गर्म मानसून हवाएँ अपने साथ ....................... लाती हैं, जिससे वर्षा होती है। 
उत्तर:
जलवाष्प

प्रश्न 4. 
पवन के प्रवाह की दिशा में परिवर्तन, पृथ्वी की ................. के कारण होता है। 
उत्तर:
घूर्णन गति।

निम्न कथनों में से सत्य एवं असत्य कथनों का चयन कीजिए:

प्रश्न 1. 
वायु गर्म करने पर प्रसारित होती है और ठण्डा · करने पर संकुचित होती है। 
उत्तर:
सत्य 

प्रश्न 2. 
पृथ्वी पर असमान तापन पवनों के बनने का प्रमुख कारण है।
उत्तर:
सत्य 

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प्रश्न 3. 
पवन का वेग बढ़ने से वायु दाब बढ़ जाता है।
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 4. 
किसी चक्रवात का केन्द्र एक शान्त क्षेत्र होता है।
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 5. 
टॉरनेडो हल्के रंग के कीपाकार बादल होते हैं।
उत्तर:
असत्य

कॉलम - A में दिए गए शब्दों का मिलान कॉलम - B से कीजिए:

प्रश्न 1. 

कॉलम - A

कॉलम - B

(1) पवन

(A) चक्रवात

(2) टाइफून

(B) गतिशील वायु 

(3) तड़ित झंझा

(C) गहरे रंग के कीपाकार बादल

(4) टॉरनेडो

(D) वर्षा के साथ बिजली कौंधना

उत्तर:

कॉलम - A

कॉलम - B

(1) पवन

(B) गतिशील वायु 

(2) टाइफून

(A) चक्रवात

(3) तड़ित झंझा

(D) वर्षा के साथ बिजली कौंधना

(4) टॉरनेडो

(C) गहरे रंग के कीपाकार बादल


अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1. 
पवन किसे कहते हैं?
उत्तर:
गतिशील वायु को पवन कहते हैं।

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प्रश्न 2. 
प्रकृति में विभिन्न क्षेत्रों के वायु दाब में भिन्नता कैसे उत्पन्न होती है? 
उत्तर:
प्रकृति में अलग-अलग क्षेत्रों में अलग - अलग ताप होने के कारण वायुदाब में भी भिन्नता उत्पन्न हो जाती है। 

प्रश्न 3. 
गर्म किए जाने पर वायु में क्या परिवर्तन होता है? 
उत्तर:
गर्म करने पर वायु का प्रसार होता है। 

प्रश्न 4. 
पवन के वेग एवं वायु दाब में क्या सम्बन्ध है? 
उत्तर:
इनमें विपरीत सम्बन्ध है। इस कारण पवन का वेग बढ़ने पर वायु दाब कम हो जाता है। 

प्रश्न 5. 
ट्यूब के भीतर हवा क्या करती है? 
उत्तर:
साइकिल की ट्यूब के भीतर हवा दाब डालती है और पहिए का आकार बनाए रखती है। इससे साइकिल का वजन पहियों पर टिका रहता है। 

प्रश्न 6. 
क्या पवन का वेग बढ़ने पर वायु दाब कम हो जाता है? 
उत्तर:
हाँ, पवन का वेग बढ़ने पर वायु दाब कम हो जाता है। 

प्रश्न 7. 
एक क्वथन नली लेकर, उसके मुख पर एक गुब्बारे को कसकर लगाइए। अब इसे गर्म जल में डालिए। क्वथन नली को गर्म जल में रखने पर गुब्बारा क्यों फूल जाता है? 
उत्तर:
चूँकि गर्मी के कारण हवा का प्रसार होता है, इसलिए क्वथन नली के मुख पर लगा गुब्बारा फूल जाता है।

प्रश्न 8. 
क्वथन नली को ठंडे जल में रखने पर, इसके मुख पर लगा गुब्बारा फूल जाता है।
उत्तर:
चूँकि तापमान के कम होने पर नली के भीतर की हवा संकुचित होती है, इस कारण गुब्बारा पिचक जाता है।

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प्रश्न 9. 
मानसून शब्द की उत्पत्ति किससे हुई है? 
उत्तर:
मानसून शब्द की उत्पत्ति अरबी शब्द 'मौसम' से हुई है, जिसका अर्थ है ऋतु। 

प्रश्न 10. 
क्या वाष्प के द्रव में संघनित होने पर वह ऊष्मा वापिस मिल जाती है? 
उत्तर:
नहीं, यह ऊष्मा वायुमण्डल में निर्मुक्त हो जाती है।

प्रश्न 11. 
फिलीपीन्स और जापान में चक्रवात को क्या कहते हैं?
उत्तर:
टाइफून। 

प्रश्न 12. 
टॉरनेडो की कीप जैसी संरचना उसके आधार के आस - पास की वस्तुओं को अपने अन्दर क्यों खींच लेती है? 
उत्तर:
निम्न दाब के कारण। 

प्रश्न 13. 
चक्रवात के तापमान और आर्द्रता में वृद्धि करने वाले दो कारकों के नाम लिखिए। 
उत्तर:
वायु का वेग और वायु की दिशा। 

प्रश्न 14. 
पवन धाराएँ किस कारण से उत्पन्न होती हैं? 
उत्तर:
पवन धाराएँ पृथ्वी के असमान रूप से गर्म होने के कारण उत्पन्न होती हैं। 

प्रश्न 15. 
किस परिस्थिति के कारण चक्रवात बनते हैं? 
उत्तर:
उच्च वेग की पवन और वायुदाब के अन्तर से चक्रवात बन सकते हैं। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1. 
ढक्कन वाला टिन का एक डिब्बा लीजिए। इसे गर्म जल से लगभग आधा भरकर ढक्कन कसकर बंद कर दीजिए। अब डिब्बे पर ठंडा पानी डालिए। क्या डिब्बे के आकार में कोई परिवर्तन आता है? अगर हाँ, तो क्यों? 
उत्तर:
(i) डिब्बे का आकार विरूपित हो जाता है। 

(ii) जब डिब्बे पर ठंडा पानी डालते हैं, तब डिब्बे के अन्दर की कुछ भाप जल में संघनित हो जाती है। इससे भीतर की वायु की मात्रा कम हो जाती है। परिणामस्वरूप डिब्बे के भीतर वायु का दाब डिब्बे के बाहर की वायु के दाब से कम हो जाता है। दाब के इस अंतर के कारण ही डिब्बा पिचक जाता है। 

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प्रश्न 2. 
कागज की एक गेंद को फूंक मारकर बोतल में डालना कठिन क्यों होता है? 
उत्तर:
जब हम बोतल के मुख पर फूंक मारते हैं, तब मुख के पास की वायु का वेग अपेक्षाकृत अधिक हो जाता है। इससे वहाँ वायु दाब घट जाता है। और बोतल के भीतर वायुदाब उसके मुख के निकट के दाब से अधिक हो जाता है। इस कारण बोतल के भीतर की वायु गेंद को बाहर की ओर धकेल देती है, जिससे गेंद को बोतल में डालना कठिन हो जाता है। 

प्रश्न 3. 
वायु में संवहन धाराएँ कैसे स्थापित हो जाती हैं? 
उत्तर:
प्रकृति में अनेक ऐसी स्थितियाँ होती हैं, जहाँ किसी स्थान या क्षेत्र से वायु गर्म होने के कारण ऊपर उठती है। ऐसी स्थिति में उस स्थान का वायु दाब कम हो जाता है। फलस्वरूप उस स्थान के आस - पास के क्षेत्र से ठंडी वायु प्रवाहित होकर उस स्थान को घेर लेती है। इससे वायु में संवहन धाराएँ स्थापित हो जाती हैं। 

प्रश्न 4. 
मौसमी पवन से क्या अभिप्राय है? 
उत्तर:
मौसमी पवन: मौसम या समय के परिवर्तन के साथ जिन पवनों की दिशा बदल जाती है, उन्हें मौसमी पवन कहते हैं। जैसे - मानसूनी पवन, थल समीर तथा समुद्र समीर। 

प्रश्न 5. 
क्या कारण है कि वायु का प्रवाह धुवों से अपेक्षाकृत अधिक गर्म क्षेत्रों की ओर होता है? 
उत्तर:
भूमध्य रेखा के आस: पास के क्षेत्रों को सूर्य की अधिकतम ऊष्मा साल भर मिलती है। इससे इन क्षेत्रों में पृथ्वी की सतह के निकट की वायु गर्म हो जाती है। गर्म वायु ऊपर उठती है और ठंडी वायु भूमध्य रेखा के दोनों ओर स्थित 0° से 30° अक्षांशों से भूमध्य क्षेत्र की ओर चलती है। इस प्रकार उत्पन्न पवन धाराएँ उत्तर और दक्षिण से भूमध्य रेखा की ओर बहती हैं। ध्रुवों पर वायु पृथ्वी के लगभग 60° अक्षांश तक के क्षेत्रों की वायु से अधिक ठंडी होती है। इन क्षेत्रों में गर्म वायु ऊपर उठती है, जिसका स्थान लेने के लिए ध्रुवों से ठंडी वायु इस ओर प्रवाहित होती है। इस प्रकार वायु का प्रवाह ध्रुवों से अपेक्षाकृत अधिक गर्म क्षेत्रों की ओर होता रहता है। 

प्रश्न 6. 
थल समीर और समुद्र समीर में अन्तर लिखिए। 
उत्तर:

थल समीर

समुद्र समीर

(i) स्थल की ओर से समुद्र की ओर' चलने वाली वायु को स्थल (थल) समीर कहते हैं।

(i) समुद्र की ओर से स्थल की ओर चलने वाली वायु को समुद्र समीर कहते हैं।

(ii) यह रात्रि के समय तथा शीतकाल में चलती है।

(ii) यह दिन के समय तथा ग्रीष्मकाल में चलती है।


प्रश्न 7. 
तडित झंझावात किसे कहते हैं? 
उत्तर:
गिरती हुई जल की बूंदें तथा तीव्र वेग से ऊपर उठती हुई वायु की परस्पर क्रिया से बिजली कौंधती है, जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है। इसी घटना को तड़ित झंझावात कहते हैं। 

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प्रश्न 8. 
भारतीय तटों पर चक्रवात का कितना खतरा समुद्र समीर है?
उत्तर:
भारत की सम्पूर्ण तटरेखा विशेष रूप से पूर्वी तट रेखा चक्रवातों के लिए संवेदनशील है, जबकि भारत का पश्चिमी तट चक्रवातों की प्रबलता और आवृत्ति दोनों ही संदर्भो में अपेक्षाकृत कम संवेदनशील है।

प्रश्न 9. 
'टॉरनेडो' किसे कहते हैं? 
उत्तर:
टॉरनेडों गहरे रंग के कीपाकार बादल होते हैं। इनकी कीप जैसी संरचना आकाश से पृथ्वी तल की ओर आती हुई प्रतीत होती है। 

निबन्धात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1. 
तड़ित झंझावात के समय हमें क्या-क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए? 
उत्तर:
तड़ित झंझावात के समय हमें निम्न सावधानियाँ बरतनी चाहिए। 

  1. किसी ऐसे वृक्ष के नीचे आश्रय नहीं लेना चाहिए, जो अलग - थलग हो। यदि तड़ित झंझावात के समय हम वन में हैं, तो किसी छोटे वृक्ष के नीचे आश्रय लेना चाहिए। खुली जमीन पर नहीं लेटना चाहिए। 
  2. धातु की डंडी वाले छाते का उपयोग नहीं करना चाहिए। 
  3. खिड़की के निकट नहीं बैठें। खुले गैराज, भंडारण, शेड, धात्विक चादरों की छत वाले शेड आदि आश्रय लेने के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं। 
  4. कार अथवा बस आश्रय लेने के लिए सुरक्षित स्थान
  5. यदि हम जल में हैं, जो हमें बाहर निकलकर किसी इमारत में चले जाना चाहिए। इस प्रकार उपर्युक्त सावधानियों को अपनाकर हम तड़ित झंझावात से बच सकते हैं। 

प्रश्न 2. 
समझाइए कि 'वायु दाब डालती है'। 
उत्तर:
वायु दाब डालती है, इसे हम निम्न क्रियाकलाप के द्वारा आसानी से समझा सकते हैं। 
क्रियाकलाप:

  1. प्लास्टिक की एक बोतल लेते हैं और इसे गर्म जल से भर लेते हैं। 
  2. अब बोतल को खाली करके इसे तत्काल कसकर बंद कर देते हैं। 
  3. इसके बाद बोतल को नल के बहते पानी के नीचे रखते हैं। हम देखते हैं कि नल का ठंडा पानी गिरने पर बोतल विरूपित हो जाती है। 
  4. वस्तुत: जब बोतल पर पानी डाला जाता है, तब बोतल के अंदर की कुछ भाप जल में संघनित हो जाती है, जिससे भीतर की वायु की मात्रा कम हो जाती है। 
  5. परिणामस्वरूप बोतल के भीतर की वायु का दाब बोतल के बाहर की वायु के दाब से कम हो जाता है। दाब के इस अंतर के कारण बोतल पिचक जाती है अर्थात् विरूपित हो जाती है।

इस प्रकार यह क्रियाकलाप पुष्टि करता है कि वायु दाब डालती है। 

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प्रश्न 3. 
क्या पवन का वेग बढ़ने पर वायु दाब कम हो जाता है? अगर हाँ, तो अपने उत्तर की पुष्टि एक क्रियाकलाप द्वारा कीजिये। 
उत्तर:
हाँ, पवन का वेग बढ़ने पर वायु दाब कम हो जाता है। क्रियाकलाप-निम्न चरणों के माध्यम से हम पवन के वेग और वायु दाब के बीच के सम्बन्ध को जान सकते हैं। 

  1. सबसे पहले हम समान आमाप के दो गुब्बारे लेते हैं। इन गुब्बारों में थोड़ा पानी भर लेते हैं। 
  2. अब दोनों गुब्बारों को फुलाकर प्रत्येक को धागे से बाँधते हैं। 
  3. फिर, गुब्बारों को साइकिल के स्पोक अथवा किसी छड़ से 8 -10 सेंटीमीटर की दूरी पर लटका देते हैं। 
  4. इसके बाद दोनों गुब्बारों के बीच के स्थान में फूंक मारते हैं, तो हम देखते हैं कि वे एक-दूसरे की ओर आने का प्रयास करते हैं। 
  5. ऐसा तभी संभव होगा, जब गुब्बारों के बीच के स्थान की वायु का दाब किसी तरह कम हो जाए। तब गुब्बारों के दूसरी ओर (बाहर) का दाब उन्हें एक-दूसरे की ओर धकेलेगा। 
  6. चूंकि दोनों गुब्बारों के बीच के स्थान में फूंक मारते हैं। फूंक मारने से इनके बीच के स्थान का वायु दाब घट जाता है। परन्तु गुब्बारों के बाहर की ओर वायु दाब अपेक्षाकृत अधिक होता है, इसलिए बाहर का वायुदाब इन्हें एक-दूसरे की ओर धकेलने लगता है।

RBSE Class 7 Science Important Chapter 8 पवन, तूफ़ान और चक्रवात 5
इस प्रकार स्पष्ट है कि पवन का वेग बढ़ने से वायु दाब वास्तव में कम हो जाता है। 

प्रश्न 4. 
'गर्म वायु ठण्डी वायु से हल्की होती है।' व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
गर्म वायु ठण्डी वायु से हल्की होती है। इसे हम निम्न क्रियाकलाप द्वारा आसानी से समझ सकते हैं। 
क्रियाकलाप:

  1. सबसे पहले समान आमाप की कागज की दो खाली थैलियाँ लेते हैं। 
  2. इन दोनों थैलियों को नीचे की ओर मुख रखते हुए धातु अथवा लकड़ी की किसी छड़ के दोनों किनारों से लटका देते हैं। 
  3. छड़ के मध्य में एक धागा बाँधकर उसे धागे से इस प्रकार पकड़ते हैं, जैसे कि किसी तराजू में करते हैं। 
  4. अब किसी एक थैली के नीचे चित्र में दिखाये अनुसार जलती मोमबत्ती को रखते हैं।
  5. हम देखते हैं कि जैसे ही मोमबत्ती की लौ से गर्म वायु ऊपर की ओर उठती है, थैलियों का संतुलन बिगड़ जाता है और गर्म वायु थैली को ऊपर उठा देती है जबकि ठण्डी वायु वाली थैली एक ओर झुक जाती है। इस प्रकार इस क्रियाकलाप से पुष्टि होती है कि गर्म वायु ठण्डी वायु से हल्की होती है। 

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प्रश्न 5. 
पृथ्वी पर पवनों की उत्पत्ति के कारणों की व्याख्या कीजिए। 
उत्तर:
सामान्यतः पृथ्वी पर कुछ ऐसी स्थितियाँ पायी जाती हैं, जिनके कारण पवन धाराएँ उत्पन्न होती हैं। ये स्थितियाँ निम्न प्रकार से हैं
(1) भूमध्यरेखीय और ध्रुवीय क्षेत्रों का असमान रूप से गर्म होना: चूँकि भूमध्यरेखा के आस - पास के क्षेत्रों को सूर्य की अधिकतम ऊष्मा मिलती है। इससे इन क्षेत्रों में पृथ्वी की सतह के निकट की वायु गर्म हो जाती है। गर्म वायु ऊपर उठती है और ठंडी वायु भूमध्य रेखा के दोनों ओर स्थित 0° से 30° अक्षांश क्षेत्रों से भूमध्य क्षेत्र की ओर गतिशील हो जाती है। इस प्रकार उत्पन्न पवन धाराएँ उत्तर और दक्षिण से भूमध्यरेखा की ओर बहती हैं। ध्रुवों पर, वायु पृथ्वी के लगभग 60° अक्षांश तक के क्षेत्रो की वायु से अधिक ठंडी होती है। इन क्षेत्रों में गर्म वायु ऊपर उठती है, जिसका स्थान लेने के लिए ध्रुवों से ठंडी वायु उस ओर प्रवाहित होने लगती है। इस प्रकार वायु का प्रवाह ध्रुवों से अपेक्षाकृत अधिक गर्म क्षेत्रों की ओर होता रहता है। 

(2) थल और जल का असमान रूप से गर्म होनाग्रीष्मकाल में, थलीय क्षेत्र अधिक तेजी से गर्म होता है और अधिकांश समय थल का ताप समुद्री जल की तुलना - में अधिक रहता है। इस कारण थल के ऊपर की वायु गर्म होकर ऊपर उठ जाती है। इसका स्थान लेने के लिए समुद्र की ओर से ठंडी पवन स्थल की ओर चलती है। समुद्र की ओर से चलने वाली यह वायु 'समुद्र समीर' कहलाती है। शीतकाल में पवन के प्रवाह की दिशा विपरीत हो जाती है। समुद्र का जल स्थल की अपेक्षा धीमी गति से ठंडा होता है। इसलिए थल से समुद्र की ओर वायु बहने लगती है। यह समीर 'स्थल/थल समीर' कहलाती है। इस प्रकार स्पष्ट है कि पवन धाराएँ पृथ्वी के असमान रूप से गर्म होने के कारण उत्पन्न होती हैं। 

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प्रश्न 6. 
तड़ित झंझावात से आप क्या समझते हैं? तड़ित झंझा चक्रवात में कैसे रूपांतरित हो जाते हैं? स्पष्ट करें। 
उत्तर:
(1) तड़ित झंझावात: तड़ित झंझा भारत जैसे गर्म, आर्द्र, उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में अक्सर विकसित होते रहते हैं। ताप में वृद्धि होने के कारण ऊपर की ओर उठती हुई पवन प्रबल हो जाती है। पर्वन वायु में पहले से विद्यमान जल बूंदों को अपने साथ ऊपर की ओर ले जाती है, जहाँ ताप कम होने के कारण वे जम जाती हैं और पुन: नीचे की ओर गिरने लगती हैं। गिरती हुई जल की बूंदें और तीव्र वेग से ऊपर उठती हुई वायु की परस्पर क्रिया से बिजली (तड़ित) चमकती है, जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है। इसी घटना को हम 'तड़ित झंझावात' कहते हैं। 

(ii) तड़ित झंझा का चक्रवात में रूपान्तरण: बादल के बनने से पहले जल वायुमण्डल से ऊष्मा लेकर वाष्प में परिवर्तित हो जाता है। जब जलवाष्प वर्षा की बूंदों के रूप में पुन: द्रव रूप में परिवर्तित होती है, तो यह ऊष्मा वायुमण्डल में निर्मुक्त हो जाती है। निर्मुक्त होने वाली ऊष्मा से आस-पास की वायु गर्म हो जाती है। यह गर्म वायु ऊपर उठती है, जिससे वायुदाब कम हो जाता है।

फलस्वरूप तड़ित झंझा के केन्द्र की ओर उच्च वेग की अधिक वायु गति करने लगती है। इस चक्र की पुनरावृत्ति अनेक बार होती है। घटनाओं की इस श्रृंखला का अंत बहुत ही निम्न दाब के एक ऐसे तंत्र के निर्माण के साथ होता है, जिसके चारों ओर उच्च वेग की वायु की अनेक परतें कुंडली के रूप में घूमती रहती हैं। मौसम की इस स्थिति को ही चक्रवात कहते हैं। इस प्रकार तड़ित झंझा, एक चक्रवात में रूपान्तरित हो जाता है। 

प्रश्न 7. 
चक्रवात की संरचना को नामांकित चित्र द्वारा समझाइए। 
उत्तर:
चक्रवात की संरचना: किसी चक्रवात का केन्द्र एक शांत क्षेत्र होता है। इसे झंझा का नेत्र कहते हैं। कोई विशाल चक्रवात वायुमण्डल में वायु का तेजी से घूर्णन करता पिंड होता है, जो पृथ्वी तल से 10 से 15 km की ऊंचाई पर स्थित होता है। चक्रवात के क्षेत्र का व्यास 10 से 30 km तक होता है। यह बादलों से मुक्त क्षेत्र होता है और इसमें पवन का वेग न्यून होता है। इस शांत और स्पष्ट नेत्र के इर्दगिर्द लगभग 150 km आमाप का बादल का क्षेत्र होता है।
RBSE Class 7 Science Important Chapter 8 पवन, तूफ़ान और चक्रवात 3
इस क्षेत्र में उच्च वेग की पवन (150 - 200 km/h) और सघन वर्षा वाले घने बादल होते हैं। इस क्षेत्र से परे पवन वेग क्रमशः कम होता जाता है। इस प्रकार चक्रवातों की उत्पत्ति का प्रक्रम अत्यधिक जटिल होता है। 

प्रश्न 8. 
क्या चक्रवात विनाशकारी हो सकते हैं? इनके द्वारा होने वाले विनाश के विषय में लिखिए।
उत्तर:
(i) हाँ, चक्रवात काफी विनाशकारी हो सकते हैं। 

(ii) चक्रवातों द्वारा होने वाला विनाश: चक्रवातों के समुद्र तट से सैकड़ों किलोमीटर दूर होने पर भी तेज पवन समुद्र के जल को तटों की ओर धकेलती है। ये चक्रवात के आगमन के पूर्व संकेत होते हैं। पवन द्वारा उत्पन्न होने वाली जल की लहरें इतनी शक्तिशाली होती हैं कि उनके आघात से बचना मुश्किल होता है। चक्रवात के केन्द्र में (नेत्र में) निम्न दाब के कारण उसके केन्द्र में जल सतह उच्च स्तर तक उठ जाता है। उठता जल 3 - 12 मीटर की ऊँचाई तक उठ सकता है। ऐसा लगता है, मानो जल की दीवार तट की ओर बढ़ रही हो।

इसके परिणामस्वरूप समुद्र का पानी कम ऊँचाई पर स्थित तटीय क्षेत्रों में प्रवेश कर जाता है। जिससे जीवन और सम्पत्ति की गंभीर हानि होती है। यह पानी मृदा की उर्वरता को भी कम कर देता है। चक्रवात के तट को पार करते समय होने वाली लगातार वर्षा बाढ़ की स्थिति को और भयावह बना देती है। चक्रवात अपने साथ अति उच्च वेग की पवन लाते हैं, जो घरों, दूरभाष और अन्य संचार प्रणालियों, वृक्षों आदि को क्षति पहुँचा सकती हैं, जिससे जीवन और सम्पत्ति की अत्यधिक हानि होती है। 

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प्रश्न 9. 
विश्व के मानचित्र में भूमध्यरेखा के आसपास के वे क्षेत्र चिह्नित कीजिए, जहाँ चक्रवात निर्मित होते हैं। इन चक्रवातों के नाम भी लिखिए। 
उत्तर:
चक्रवात में हवा केन्द्र की तरफ आती है और ऊपर उठकर ठंडी होती है एवं वर्षा कराती है। चक्रवात को विश्व के विभिन्न भागों में भिन्न - भिन्न नाम से जाना जाता है। उदाहरणस्वरूप
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प्रश्न 10. 
टॉरनेडो पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
टॉरनेडो: टॉरनेडो, चक्रवात का एक स्थानीय नाम है। ये हमारे देश में अधिक नहीं आते हैं। ये गहरे रंग के कीपाकार बादल होते हैं। इनकी कीप जैसी संरचना आकाश से पृथ्वी तल की ओर आती हुई प्रतीत होती है। अधिकांश टॉरनेडो कमजोर या निर्बल होते हैं, परन्तु कोई विनाशकारी टॉरनेडो लगभग 300 km/h के वेग से गति कर सकता है। 

(i) संरचना: टॉरनेडो का व्यास एक मीटर जितना कम अथवा एक किलोमीटर अथवा उससे भी अधिक हो सकता है। इसकी कीप जैसी संरचना इसके आधार के आसपास की धूल, पत्थर, कंकड़, कचरे और अन्य छोटी - बड़ी वस्तुओं को अपने अंदर निम्न दाब के कारण खींच लेती है और फिर उन्हें अपने शीर्ष के निकट बाहर की ओर धकेलकर फेंक देती है। 

(ii) टॉरनेडो से बचाव: इनसे बचाव के लिए आश्रय भूमि में गहराई पर अथवा किसी भवन के अंदरूनी भाग में स्थित ऐसे कक्ष होते हैं, जिनमें खिड़कियाँ नहीं होती हैं। यदि ऐसे आश्रय उपलब्ध न हों, तो टॉरनेडो से बचाव के लिए खिड़कियों को बंद करके किसी मेज, बेंच आदि के नीचे आश्रय लेना बेहतर रहता है। इन स्थानों में कचरा आसानी से नहीं पहुँचता है। बचाव के लिए हमको घुटनों के बल नीचे झुककर अपनी बाँहों को अपने सिर और गर्दन के चारों ओर लपेट लेना चाहिए। 

प्रश्न 11. 
चक्रवात से उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने के लिए हमें क्या - क्या कार्य करने चाहिए? 
उत्तर:
चक्रवात से उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने के लिए किए जाने वाले कार्य निम्न प्रकार से हैं।

  1. हमें मौसम विज्ञान विभाग द्वारा दूरदर्शन, रेडियो अथवा समाचार पत्रों के माध्यम से प्रसारित की जाने वाली चेतावनियों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। 
  2. हमें अनिवार्य घरेलू साज - सामान, पालतू पशुओं और वाहनों आदि को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के लिए आवश्यक प्रबन्ध कर लेने चाहिए। 
  3. जलमग्न सड़कों पर वाहन चलाने से बचना चाहिए क्योंकि बाढ़ से सड़कें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। 
  4. सभी आपातकालीन सेवाओं, जैसे-पुलिस, अग्निशमन दल और चिकित्सा केन्द्रों के टेलीफोन नम्बर की सूची अपने साथ रखनी चाहिए। यदि हम चक्रवात प्रभावित क्षेत्र में रहते हैं, तो हमें कुछ होती है।

अन्य सावधानियाँ भी अपनानी चाहिए:

  1. ऐसे जल का पीने के लिए उपयोग नहीं करना चाहिए, जो संदूषित हो सकता हो। आपात स्थिति के लिए पेय जल का संग्रहण करना चाहिए। 
  2. गीले स्विच और खंभों से टूट कर गिर गए बिजली के तारों को नहीं छूना चाहिए। 
  3. महज मनोरंजन के लिए बाढ़ अथवा चक्रवात प्रभावित क्षेत्र का भ्रमण करने बाहर नहीं निकलना चाहिए। 
  4. बचाव दल पर अनावश्यक मांगों की आपूर्ति के लिए दबाव नहीं डालना चाहिए। 
  5. अपने पड़ोसियों और मित्रों को यथासंभव सहयोग और सहायता करनी चाहिए। 

RBSE Class 7 Science Important Questions Chapter 8 पवन, तूफ़ान और चक्रवात

प्रश्न 12. 
एक प्रवाह चित्र की सहायता से समझाइये कि किस प्रकार बादलों का निर्माण और वर्षा होती है तथा तूफान और चक्रवात बनते हैं। 
उत्तर:
प्रवाह चित्र:
RBSE Class 7 Science Important Chapter 8 पवन, तूफ़ान और चक्रवात 1

प्रश्न 13. 
स्पष्ट कीजिए कि उन्नत प्रौद्योगिकी आपदाओं से निपटने में सहायक सिद्ध हुई है। 
उत्तर:
आजकल हमें आपदाओं से अधिक सुरक्षा उपलब्ध है। पिछली शताब्दी के आरम्भ में तटीय क्षेत्रों के निवासियों के पास किसी चक्रवात के आने से पूर्व सुरक्षा की तैयारी करने और अपने घर खाली करने के लिए एक दिन से भी कम समय होता था। आज परिस्थितियाँ बहुत बदल गई हैं। उपग्रहों और राडार की उपलब्धता से अब यह संभव हो गया है कि किसी भी संभावित झंझा / तूफान के 48 घंटे पहले ही चक्रवात सतर्कता अथवा चक्रवात सूचना जारी कर दी जाती है और चक्रवात चेतावनी भी कम से कम 24 घंटे पहले जारी कर दी जाती है। जब चक्रवात तट के निकट होता है, तब हर घंटे अथवा आधे घंटे पर उसकी प्रगति और दिशा के बारे में संदेश प्रसारित किए जाते हैं। अनेक राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय संगठन चक्रवात से सम्बन्धित आपदाओं को मॉनीटर करने में सहयोग प्रदान करते हैं। इस प्रकार स्पष्ट है कि उन्नत प्रौद्योगिकी आपदाओं से निपटने में सहायक सिद्ध हुई है।

Prasanna
Last Updated on May 28, 2022, 10:28 a.m.
Published May 27, 2022