RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit
Rajasthan Board RBSE Class 7 Sanskrit व्याकरण समास
परिभाषा – दो या दो से अधिक पदों (शब्दों) को मिलाने या जोड़ने को समास कहते हैं। समास करते समय यूर्व शब्द की विभक्ति हटा दी जाती है तथा अन्त में विभक्ति रहती है। समस्त पद को अलग-अलग करने को समास–विग्रह कहते हैं। समास के छः प्रकार होते हैं-
- अव्ययीभाव
- तत्पुरुष
- द्वन्द्व
- कर्मधारय
- द्विगु तथा
- बहुव्रीहि।
1. अव्ययीभाव समास – इस समास में पहला शब्द अव्यय और दूसरा शब्द संज्ञा होता है। ऐसे समस्त-पद प्राय: नपुंसकलिंग एकवचन में रहते हैं। जैसे-
शक्ति के अनुसार – यथाशक्ति
रूप के अनुसार – अनुरूपम्
दिनम्-दिनम् – प्रतिदिनम्
नगरस्य समीपम् – उपनगरम्
एकम् एकम् – प्रत्येकम्
2. तत्पुरुष समास – इसमें दोनों शब्दों के बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है और पहला शब्द दूसरे शब्द की विशेषता बतलाता है। जैसे-
ग्रामं गतः (गाँव को गया) – ग्रामगतः
हस्तेन लिखितम् (हस्त से लिखित) – हस्तलिखितम्
देशाय भक्तिः (देश के लिए भक्त) – देशभक्तिः
पथात् भ्रष्टः (पथ से भ्रष्ट) – पथभ्रष्टः
राज्ञः पुत्रः (राजा का पुत्र) – राजपुत्रः
विद्यायाः आलयः (विद्या का आलय) – विद्यालयः
वने वासः (वन में वास) – वनवासः
जले मानः (जल में मग्न) – जलमग्नः
3. द्विगु समास – इसमें पहला पद संख्यावाची रहता है तथा ‘समाहार’ या समूह अर्थ में दोनों पदों में समास हो जाता है। जैसे-
पञ्चानां पात्राणां समाहारः (पाँच पात्रों का समूह) – पञ्चपात्रम्
त्रयाणां लोकानां समाहारः (तीन लोकों का समूह) – त्रिलोकी
शतानाम् अब्दानां समाहारः (सौ वर्षों का समाहार) – शताब्दी
चतुर्णां पथानां समाहारः (चार पथों का समाहार) – चतुष्पथम्
त्रयाणां भुवनानां समाहारः (तीन भुवनों का समूह) – त्रिभुवनम्
4. द्वन्द्व समास – जहाँ पर दो या अधिक शब्दों का इस प्रकार समास हो कि उसमें च (और) का अर्थ छिपा हुआ हो तो द्वन्द्व समास होता है। जैसे-
जरामरणम् = जरा च मरणं च
मृगमीनसज्जनानाम् = मृगाणां, मीनानां, सज्जनानाम् च इति तेषाम् (द्वन्द्व)।
5. बहुव्रीहि समास – जिस समास में अन्य पद के अर्थ की प्रधानता होती है उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं। जैसे-
तृणजलसन्तोषविहितवृत्तीनाम् – तृणैः जलैः
सन्तोषैः विहिता वृत्तिः येषां ते (बहुव्रीहि)
सुकृतिनः-सुकृतं अस्ति येषां ते (बहुव्रीहि)
6. कर्मधारय समास – इसमें एक पद विशेष्य व दूसरा विशेषण अथवा एक पद उपमेय व दूसरा पद उपमान होता है। जैसे-
कृष्णसर्पः – कृष्णः सर्पः इति।
महर्षिः – महान् चासौ ऋषिः।
क्रुद्धकूर्मः – क्रुद्धः कूर्मः इति।
उत्तमविचारैः – उत्तमैः विचारैः।
अभ्यासार्थ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
निम्नलिखित पदों का समास विग्रह कीजिए
(i) पञ्चवटी
(ii) राधाकृष्णौ
(iii) प्रतिदिनम्
(iv) मातापितरौ
(v) जरामरणम्।
उत्तर:
प्रश्न 2.
समस्त पद बनाकर प्रयुक्त समास का नाम लिखिए
- त्रयाणां लोकानां समाहारः
- पाणी च पादौ च
- वनस्य समीपम्
- राज्ञः पुरुषः
- चक्रं पाणौ यस्य सः।
उत्तर:
- त्रिलोकम्, द्विगु समास।
- पाणिपादम्, द्वन्द्व, समास।
- उपवनम्, अव्ययीभाव।
- राजपुरुषः, तत्पुरुषः।
- चक्रपाणिः, बहुव्रीहि।