RBSE Class 6 Social Science Notes Civics Chapter 1 विविधता की समझ

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RBSE Class 6 Social Science Notes Civics Chapter 1 विविधता की समझ

→ लोग एक: दूसरे से कई मामलों में भिन्न होते हैं । वे न केवल अलग दिखते हैं, बल्कि वे अलग-अलग क्षेत्रों से भी आते हैं। उनके धर्म, रहन-सहन, खान-पान, भाषा, त्यौहार आदि भिन्न होते हैं। ये भिन्नताएँ हमारे जीवन को कई तरह से रोचक एवं समृद्ध बनाती हैं।

→ इन भिन्नताओं के कारण ही भारत में विविधता है। 

→ हम उन्हें दोस्त बनाते हैं जो हमसे भिन्न हैं। यह स्थिति हमारे जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाती है। हम विभिन्न प्रकार के व्यंजन खाते हैं तथा भिन्न-भिन्न त्यौहारों को मनाने से प्रसन्न होते हैं। यह सभी के लिए शांति और प्यार लाते हैं। इस प्रकार विविधता लोगों में सकारात्मकता लाती है। समीर-एक और समीर-दो की भाषायी, धार्मिक, सांस्कृतिक, पहनावे आदि की असमानताएँ उन्हें दोस्त बनाने से नहीं रोकती हैं। लेकिन गरीबी और अमीरी, या जाति व्यवस्था विविधता के रूप नहीं हैं, ये असमानता या गैर-बराबरी के रूप है। 

→ भारत विविधताओं का देश है। हम विभिन्न भाषाएँ बोलते हैं, विभिन्न प्रकार का खाना खाते हैं, अलग-अलग त्यौहार मनाते हैं और भिन्न-भिन्न धर्मों का पालन करते हैं। लेकिन वास्तव में हम एक ही तरह की चीजें करते हैं, केवल हमारे करने के तरीके अलग हैं।

→ जब लोग खेती करने या बसने के लिए नई जमीन तलाशने या व्यापार करने या सूखे या अकाल के कारण या काम की तलाश में या युद्ध के कारण अपना घर छोड़कर नई जगह में बसते हैं तो वे पुराने ढरौं और नई जगह की कुछ चीजों को अपनाते हैं। उनकी भाषा, भोजन, संगीत, धर्म आदि में नए और पुराने का मिश्रण होता रहता है और धीरे-धीरे एक मिली-जुली (मिश्रित) संस्कृति उभरती है। लद्दाख और केरल के उदाहरण से समझा जा सकता है।

→ लद्दाख-लद्दाख जम्मू-कश्मीर के पूर्वी हिस्से में पहाड़ियों में बसा एक रेगिस्तानी इलाका है। वर्षा की कमी के कारण यहाँ बहुत ही कम खेती संभव है। यह काफी लम्बे समय तक बर्फ से ढंका रहता है, पीने के पानी के लिए लोग गर्मी के दिनों में पिघलने वाली बर्फ पर निर्भर रहते हैं। ये एक खास किस्म की बकरी पालते हैं जिससे पश्मीना ऊन मिलता है। वे इस ऊन को इकट्ठा कर कश्मीर के व्यापारियों को बेच देते हैं जहाँ पश्मीना शालें बुनी जाती हैं यहाँ के लोग दूध व दूध के बने पदार्थ व मांस खाते हैं। ये गाय, बकरी और याक पालते हैं। 

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→ लद्दाख की कई घाटियों से व्यापारी तिब्बत तक पहुँचते थे। लद्दाख के रास्ते ही बौद्ध धर्म तिब्बत पहुँचा। लगभग चार सौ साल पहले यहाँ पर लोगों का इस्लाम धर्म से परिचय हुआ। अब यहाँ काफी संख्या में मुसलमान रहते हैं। तिब्बत के ग्रंथ 'केसर सागा' के स्थानीय रूप को यहां के मुसलमान और बौद्ध दोनों लोग गाते हैं। 

→ केरल-केरल एक तरफ समुद्र से घिरा है और दूसरी तरफ पहाड़ियों से। पहाड़ियों पर कालीमिर्च, लोंग, इलायची आदि मसाले पैदा किये जाते हैं। यह व्यापारियों के लिए आकर्षक रहा है। यहाँ पर सबसे पहले अरबी और यहूदी व्यापारी आए। सन्त थामस यहाँ दो हजार वर्ष पहले ईसाई धर्म लाए। अरब से कई व्यापारी यहां आकर बस गए। पुर्तगाली समुद्री रास्ते से यहाँ आए।

→ इन सभी ऐतिहासिक प्रभावों के कारण केरल के लोग विभिन्न धर्मों का पालन करते हैं जिनमें यहूदी, इस्लाम, ईसाई, हिन्दू और बौद्ध धर्म शामिल हैं। चीन के व्यापारी भी यहाँ आए। चीना-वला और चीना चट्टी का इस्तेमाल चीनी प्रभाव को दर्शाते हैं।

→ यहाँ की जमीन उपजाऊ है तथा चावल की खेती के लिए उपयुक्त है। अधिकतर लोग मछली, सब्जी और चावल खाते हैं केरल और लद्दाख की भौगोलिक स्थितियाँ एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं, लेकिन दोनों के इतिहास में एक ही प्रकार के सांस्कृतिक प्रभाव हैं । यथाः हैं।

  • दोनों ही क्षेत्रों को चीन और अरब के व्यापारियों ने प्रभावित किया
  • केरल की भौगोलिक स्थिति ने मसालों की खेती संभव बनाई तो लद्दाख की भौगोलिक स्थिति व ऊन ने व्यापारियों को अपनी ओर खींचा।

→  विविधता में एकता

  • भारत की विविधता उसकी ताकत का स्रोत माना गया है। ब्रिटिश काल में अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ा गया स्वतंत्रता संग्राम इसका उदाहरण है। 
  • भारतीय एकता कोई बाहर से थोपी हुई चीज नहीं है, बल्कि यह बहुत गहरी है जिसके अन्दर अलगअलग तरह के विश्वास और प्रथाओं को स्वीकार करने की भावना है।
Prasanna
Last Updated on June 3, 2022, 3:17 p.m.
Published June 3, 2022