RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 6 नए प्रश्न नए विचार

Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 6 नए प्रश्न नए विचार Important Questions and Answers.

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 6 Social Science in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 6. Students can also read RBSE Class 6 Social Science Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 6 Social Science Notes to understand and remember the concepts easily. The class 6 social science chapter 3 question answer are curated with the aim of boosting confidence among students.

RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 6 नए प्रश्न नए विचार


बहुचवनात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
महात्मा बुद्ध को मृत्यु किस स्थान पर हुई थी?
(अ) बोध गया 
(ब) सारनाथ
(स) कुशीनारा 
(द) वैशाली 
उत्तर:
(स) कुशीनारा 

RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 6 नए प्रश्न नए विचार

प्रश्न 2. 
बुद्ध ने अपनी शिक्षा किस भाषा में दी?
(अ) हिन्दी 
(ब) संस्कृत 
(स) प्राकृत 
(द) पालि
उत्तर:
(स) प्राकृत

प्रश्न 3. 
दर्शन की योग पद्धति की स्थापना किसने की?
(अ) जैमिनी ने 
(ब) पतंजलि ने
(स) रामदेव ने 
(द) व्यास ने 
उत्तर:
(ब) पतंजलि ने

प्रश्न 4. 
जैन धर्म के 24वें तथा अन्तिम तीर्थकर कौन थे?
(अ) महावीर 
(ब) सिद्धार्थ
(स) मल्लिनाथ 
(द) पार्श्वनाथ। 
उत्तर:
(अ) महावीर 

प्रश्न 5. 
वर्तमान रूप में उपलब्ध जैन धर्म की शिक्षाएँ किस स्थान पर लिखी गई थी? 
(अ) वैशाली 
(ब) सारनाथ
(स) कुशीनारा 
(द) वल्लभी 
उत्तर:
(द) वल्लभी 

प्रश्न 6. 
किस आश्रम के अन्तर्गत जंगल में रहकर साधना करनी होती थी? 
(अ) ब्रह्मचर्य आश्रम 
(ब) गृहस्थ आश्रम
(स) वानप्रस्थ आश्रम 
(द) संन्यास आश्रम 
उत्तर:
(स) वानप्रस्थ आश्रम 

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. ................ धर्म के संस्थापक सिद्धार्थ थे। 
उत्तर:
बौद्ध 

2. उपनिषद् ................ ग्रंथों का हिस्सा थे। 
उत्तर:
उत्सर - वैदिक

3. महावीर ने अपनी शिक्षा ................. में दी। 
उत्तर:
प्राकृत

4. संघ में रहने वाले बौद्ध भिक्षुओं के लिए बनाये गये नियम ................ नामक ग्रंथ में मिलते हैं। 
उत्तर:
विनयपिटक

5. ................ एक ईरानी पैगम्बर थे। 
उत्तर:
जरथुस्व। 

सत्य/असत्य कथन बताइये

1. बुद्ध ब्राह्मण थे तथा 'शाक्य' नामक एक छोटे से गण से सम्बन्धित थे। 
उत्तर:
असत्य

2. बुद्ध ने कहा कि लोग उनकी शिक्षा को उनके उपदेश मानकर स्वीकार करें। 
उत्तर:
असत्य

3. उपनिषद्कार मानते थे कि आत्मा तथा ब्रह्म एक ही हैं। 
उत्तर:
सत्य

4. महावीर ने 30 वर्ष की आयु में घर छोड़ दिया था और जंगल में रहने लगे थे। 
उत्तर:
सत्य

5. संघ में पुरुष और स्त्रियाँ साथ - साथ ही रहते थे। 
उत्तर:
असत्य

सही मिलान कीजिये

I

II

1. बुद्ध की मृत्यु

(अ) ऋषि कपद

2. गुरु के समीप बैठना

(ब) कुशीनारा

3. वैशेषिक

(स) महावीर

4. वजि संघ

(द) विहार

5. भिक्षु - भिक्षणियों हेतु स्थायी शरणस्थल

(य) उपनिषद्


उत्तर:

I

II

1. बुद्ध की मृत्यु

(ब) कुशीनारा

2. गुरु के समीप बैठना

(य) उपनिषद्

3. वैशेषिक

(अ) ऋषि कपद

4. वजि संघ

(स) महावीर

5. भिक्षु - भिक्षणियों हेतु स्थायी शरणस्थल

(य) उपनिषद्


अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
बौद्ध धर्म के संस्थापक कौन थे? 
उत्तर:
बौद्ध धर्म के संस्थापक सिद्धार्थ थे जिनमें गौतम के नाम से भी जाना जाता है। 

प्रश्न 2. 
सिद्धार्थ को किस वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ? 
उत्तर:
सिद्धार्थ को पीपल के वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ। 

प्रश्न 3. 
बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश कहाँ दिया? 
उत्तर:
बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश वाराणसी के निकट स्थित सारनाथ में दिया। 

प्रश्न 4. 
सारनाथ में स्तूप का निर्माण क्यों किया गया? 
उत्तर:
सारनाथ में बुद्ध ने अपना सर्वप्रथम उपदेश दिया था, इसकी स्मृति में उस स्थान पर स्तूप का निर्माण किया गया। 

प्रश्न 5. 
उपनिषद् का शाब्दिक अर्थ क्या है? 
उत्तर:
उपनिषद् का शाब्दिक अर्थ है 'गुरु के समीप बैठना। 

प्रश्न 6. 
उपनिषदों में किन बातों का संकलन किया गया है?
उत्तर:
उपनिषदों में अध्यापकों और विद्यार्थियों के बीच की बातचीत का संकलन किया गया है। 

प्रश्न 7. 
भारतीय दर्शन की किन्हीं दो शाखाओं के नाम लिखिये। 
उत्तर:

  • वैशेषिक 
  • न्याय। 

प्रश्न 8. 
उपनिषद काल की एक विदुषी नारी का नाम बताइये। 
उत्तर:
गार्गी। 

प्रश्न 9. 
पाणिनी ने किस चीज की रचना की? 
उत्तर:
पाणिनी ने संस्कृत भाषा के व्याकरण की रचना की। 

प्रश्न 10. 
मगध में बोली जाने वाली प्राकृत क्या कहलाती थी? 
उत्तर:
मगध में ओली जाने वाली प्राकृत, मागधी कहलाती थी।

प्रश्न 11. 
जैन धर्म की शिक्षाएँ कब तथा कहाँ लिखी गई थी? 
उत्तर:
जैन धर्म की शिक्षाएँ लगभग 1500 वर्ष पूर्व गुजरात में वल्लभी नामक स्थान पर लिखी गई थी। 

प्रश्न 12. 
महावीर तथा बुद्ध दोनों का क्या मानना था? 
उत्तर:
महावीर तथा बुख दोनों का ही मानना था कि घर का त्याग करने पर ही सच्चे ज्ञान की प्राप्ति हो सकती है। 

प्रश्न 13. 
कार्ले की गुफा किस राज्य में स्थित है? 
उत्तर:
कालें की गुफा वर्तमान महाराष्ट्र में स्थित है। 

प्रश्न 14. 
संघ में प्रवेश लेने वालों में कौन लोग शामिल थे?
उत्तर:
संघ में प्रवेश लेने वालों में ब्राह्मण, क्षत्रिय, व्यापारी, मजदूर, नाई, गणिकाएं तथा दास शामिल थे। 

प्रश्न 15. 
विहार किसे कहते हैं? 
उत्तर:
भिक्षु - भिक्षुणियों को वर्षा ऋतु में रुकने हेतु बनाये गये शरणस्थलों को विहार कहा जाता है। 

प्रश्न 16. 
आश्रम - व्यवस्था में कितने आश्रमों की व्यवस्था - की गई? नाम लिखिये।
उत्तर:
आश्रम - व्यवस्था में चार आश्रमों की व्यवस्था की गई:

  • ब्रह्मचर्य आश्रम 
  • गृहस्थ आश्रम 
  • वानप्रस्थ आश्रम 
  • संन्यास आश्रम। 

प्रश्न 17. 
जरथुख की मूल शिक्षा का सूत्र क्या है? 
उत्तर:
जरथुस्त्र की मूल शिक्षा का सूत्र है - 'सद् - विचार, सद् - वचन तथा सद् - कार्य। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
लगभग 2500 वर्ष पहले जीवन में क्या परिवर्तन आ रहे थे? बताइये। 
उत्तर:
लगभग 2500 वर्ष पूर्व लोगों के जीवन में तेजी से परिवर्तन हो रहे थे:

  1. महाजनपदों के कुछ राजा इस समयं बहुत शक्तिशाली हो गए थे। 
  2. हजारों सालों के बाद फिर से नगर उभर रहे थे। 
  3. गाँवों के जीवन में भी बदलाव आ रहा था। 
  4. बहुत से चिंतक कठिन प्रश्नों के उत्तर ढूंढने का प्रयास कर रहे थे। 

RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 6 नए प्रश्न नए विचार

प्रश्न 2. 
बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति किस प्रकार हुई? 
उत्तर:

  1. बुद्ध ने युवावस्था में ही ज्ञान की खोज में घर के सुखों को छोड़ दिया। 
  2. अनेक वर्षों तक वे भ्रमण करते रहे तथा अन्य विचारकों से मिलकर चर्चा करते रहे। 
  3. अंततः ज्ञान प्राप्ति के लिए उन्होंने स्वयं ही रास्ता हूंढ़ने का निश्चय किया। 
  4. इसके लिए उन्होंने बोध गया (बिहार) में एक पीपल के वृक्ष के नीचे कई दिनों तक तपस्या की। अंतत: उन्हें जान प्राप्त हुआ। इसके बाद ही वे बुद्ध के रूप में जाने गए। 

प्रश्न 3. 
मृत्यु के बाद के जीवन के बारे में उपनिषद काल के अधिकांश चिन्तक क्या मानते थे? 
उत्तर:
उपनिषद् काल के अधिकांश चिंतकों का यह मानना था कि इस विश्व में कुछ तो ऐसा है जो कि स्थायी है और जो मृत्यु के बाद भी बचा रहता है। उन्होंने इसका वर्णन आत्मा तथा ब्रह्म अथवा सार्वभौम आत्मा के रूप में किया है। वे मानते थे कि अन्ततः आत्मा तथा ब्रह्म एक ही हैं। 

प्रश्न 4. 
सत्यकाम जाबाल के बारे में आप क्या जानते है?
उत्तर:
सत्यकाम जाबाल एक निर्धन व्यक्ति थे। उपनिषद् काल में होने वाली वैचारिक चर्चाओं में इस तरह के निर्धन व्यक्ति बहुत कम ही हिस्सा लेते थे। इस तरह का एक प्रसिद्ध अपवाद सत्यकाम जाबाल का है। सत्यकाम जाबाल का नाम उसकी दासी माँ के नाम पर पड़ा। सत्यकाम के मन में सत्य जानने की तीव्र जिज्ञासा उत्पन्न हुई। गौतम नामक एक ब्राह्मण ने उन्हें अपने विद्यार्थी के रूप में स्वीकार किया तथा वह अपने समय के सर्वाधिक प्रसिद्ध विचारकों में से एक बन गए। 

प्रश्न 5. 
पाणिनि कौन थे? उनका योगदान बताइये। 
उत्तर:
पाणिनि एक प्रसिद्ध व्याकरणविद् थे। पाणिनि ने संस्कृत भाषा के व्याकरण की रचना की। उन्होंने स्वरों तथा व्यंजनों को एक विशेष क्रम में रखकर उनके आधार पर सूत्रों की रचना की। ये सूत्र बीजगणित के सूत्रों से काफी मिलतेजुलते हैं। इसका प्रयोग कर उन्होंने संस्कृत भाषा के प्रयोगों के नियम लघु सूत्रों (लगभग 3000) के रूप में लिखे। 

प्रश्न 6. 
वर्धमान महावीर कौन थे? उन्हें ज्ञान किस प्रकार प्राप्त हुआ? 
उत्तर:
वर्धमान महावीर जैन धर्म के 24वें तथा अनिम तीर्थकर थे। वर्धमान महावीर वजि संघ के लिच्छवि कुल के एक क्षत्रिय राजकुमार थे। 30 वर्ष की आयु में उन्होंने घर छोड़ दिया और जंगल में रहने लगे। बारह वर्ष तक उन्होंने कठिन व एकाकी जीवन व्यतीत किया। इसके बाद उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ। 

प्रश्न 7. 
जरथुस्त्र एवं जरथुस्त्रवाद पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए। 
उत्तर:
जरथुस्व एक ईरानी पैगम्बर थे। उनकी शिक्षाओं का संकलन जेन्द - अवेस्ता नामक ग्रंथ में मिलता है। इसकी भाषा तथा इसमें वर्णित रीति - रिवाज, वेदों की भाषा और  रीति - रिवाजों से काफ़ी मिलते हैं। जरथुस्त्र की मूल शिक्षा का सूत्र है : 'सद् - विचार, सद् - वचन तथा सद् - कार्य।' एक हजार से भी अधिक वर्षों तक जरथुस्ववाद ईरान का एक प्रमुख धर्म रहा। बाद में कुछ जरथुरववादी ईरान से आकर गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय नगरों में बस गए। ये लोग ही आज के पारसियों के पूर्वज हैं।  

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
बुद्ध ने अपनी शिक्षा किस भाषा में दी? बुद्ध अथवा बौद्ध धर्म की प्रमुख शिक्षाओं का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
युद्ध ने अपनी शिक्षा सामान्य लोगों की प्राकृत भाषा में दी। इससे सामान्य लोग भी उनके संदेश को समझ सके। शिक्षाएँ - बुद्ध अथवा बौद्ध धर्म की प्रमुख शिक्षाएँ अन प्रकार हैं:

  1. बुद्ध ने शिक्षा दी कि यह जीवन कशें और दुःखों से भरा हुआ है। 
  2. ऐसा हमारी इच्छा और लालसाओं (जो हमेशा पूरी नहीं हो सकती) के कारण होता है। 
  3. कभी - कभी हम जो चाहते हैं वह प्राप्त कर लेने के बाद भी संतुष्ट नहीं होते हैं एवं और अधिक (अथवा अन्य) वस्तुओं को पाने की इच्छा करने लगते हैं। बुद्ध ने इस लिप्सा को तहा (तृष्णा) कहा है। 
  4. बुद्ध ने शिक्षा दी कि आत्मसंयम अपनाकर हम ऐसी लालसा से मुक्ति पा सकते हैं। 
  5. उन्होंने लोगों को दयाल होने तथा मनुष्यों के साथसाथ जानवरों के जीवन का भी आदर करने की शिक्षा दी। 
  6. बुद्ध के अनुसार हमारे कर्मों के परिणाम, चाहे वे अच्छे हों या बुरे, हमारे वर्तमान जीवन के साथ - साथ बाद के जीवन को भी प्रभावित करते हैं। 

प्रश्न 2. 
भारतीय षड्दर्शन की पद्धतियों की व्याख्या कीजिये। 
उत्तर:
भारतीय षड्दर्शन पद्धतियाँ: भारत में सदियों से सत्य की बौद्धिक खोज का प्रतिनिधित्व दर्शन की छः पद्धतियों ने किया है। ये हैं:

  • वैशेषिक 
  • न्याय 
  • सांख्य 
  • योग 
  • पूर्व मीमांसा और 
  • वेदांत या उत्तर मीमांसा। 

दर्शन की इन छ: पद्धतियों की स्थापना क्रमशः ऋषि कणद, गौतम, कपिल, पतंजलि, जैमिनी और व्यास द्वारा की गयी मानी जाती है। ये पद्धतियाँ आज भी देश में बौद्धिक चर्चा को दिशा देती हैं। जर्मन मूल के ब्रिटिश भारतविद फ्रेडरिक मैक्समूलर के अनुसार दर्शन की इन छ: शाखाओं का विकास कई पीढ़ियों के दौरान व्यक्तिगत विचारकों के योगदान से हुआ। यद्यपि ये विचारक एक दूसरे से भिन्न दिखाई देते हैं तथापि सत्य की इनकी समझ में आधारभूत तालमेल दिखता हैं।

प्रश्न 3. 
उपनिषद् का क्या अर्थ है? उपनिषदों में दिये गये विचारों का विकास किस प्रकार हुआ? 
उत्तर:
उपनिषद् का शाब्दिक अर्थ है 'गुरु के समीप बैठना'। उपनिषदों में विचारों का विकास - उपनिषदों में अध्यापकों और विद्यार्थियों के बीच बातचीत का संकलन किया गया है। विभिन्न चर्चाओं से इसमें विचारों का विकास हुआ है। इन चर्चाओं में भाग लेने वाले अधिकांशतः पुरुष ब्राह्मण तथा राजा होते थे। कभी - कभी गार्गी जैसी स्वी - विचारकों का भी उल्लेख मिलता है। विद्वत्ता के लिए प्रसिद्ध गार्गी राजदरबारों में होने वाले वाद - विवाद में भाग लिया करती थीं। निर्धन व्यक्ति इस तरह के वाद - विवाद में बहुत कम हिस्सा लेते थे। सत्यकाम जाबाल नामक एक निर्धन इस समय के एक प्रसिद्ध विचारक थे जो इन चर्चाओं में भाग लेते थे। वे गौतम नामक ब्राह्मण के शिष्य थे। उपनिषदों के अनेक विचारों का विकास बाद में प्रसिद्ध विचारक शंकराचार्य के द्वारा किया गया। 

प्रश्न 4. 
देश में जैन धर्म का प्रचार - प्रसार किस प्रकार हुआ? 
उत्तर:

  1. जैन धर्म के प्रचार - प्रसार हेतु महावीर स्वामी ने अपनी शिक्षा प्राकृत भाषा में दी जिससे साधारण जन भी उन्हें आसानी से समझ सके। महावीर स्वामी तथा उनके अनुयायियों ने देश में घूम-घूम कर इनका प्रचार किया। 
  2. जैन धर्म के नियम बहुत कठोर थे। अधिकांश व्यक्तियों के लिए ऐसे कड़े नियमों का पालन करना बहुत कठिन था। फिर भी हजारों व्यक्तियों ने इस नई जीवन शैली को जानने और सीखने के लिए अपने घरों को छोड़ दिया। 
  3. कई अपने घरों पर ही रहे और भिक्षु - भिक्षुणी बने लोगों को भोजन प्रदान कर उनकी सहायता करते रहे। 
  4. मुख्यतः व्यापारियों ने जैन धर्म का समर्थन किया। किसानों के लिए इन नियमों का पालन अत्यंत कठिन था क्योंकि फ़सल की रक्षा के लिए उन्हें कीड़े - मकौड़े को मारना पड़ता था। 
  5. बाद की सदियों में जैन धर्म, उत्तर भारत के कई हिस्सों के साथ - साथ गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक में भी फैल गया। 

प्रश्न 5. 
बौद्ध धर्म की संघ - व्यवस्था तथा जीवन का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
बौद्ध धर्म की संघ व्यवस्था:

  • बौद्ध धर्म के अनुसार घर का त्याग करने पर ही सच्चे ज्ञान को प्राति हो सकती है। अत: ऐसे लोगों के लिए उन्होंने संघ नामक |संगठन बनाया। 
  • विनयपिटक के अनुसार संघ में पुरुषों और स्त्रियों के रहने की अलग - अलग व्यवस्था थी। 
  • सभी व्यक्ति संघ में प्रवेश ले सकते थे। हालांकि संघ में प्रवेश के लिए बच्चों को अपने माता - पिता से, दासों को अपने स्वामी से, राजा के यहाँ काम करने वाले लोगों को राजा से, तथा कर्जदारों को अपने देनदारों से अनुमति लेनी होती थी। एक


स्वी को इसके लिए अपने पति से अनुमति लेनी होती थी। बौद्ध संघ में जीवन:

  1. संप में प्रवेश लेने वाले स्वीपुरुष बहुत सादा जीवन जीते थे। 
  2. वे अपना अधिकांश समय ध्यान करने में बिताते थे। 
  3. दिन के एक निश्चित समय में वे शहरों तथा गाँवों में जाकर भिक्षा मांगते थे। 
  4. वे आम लोगों को शिक्षा देते थे और साथ ही एकदूसरे की सहायता भी करते थे। 
  5. आपसी समस्याओं का निपटारा करने के लिए ये बैतकें भी करते थे।
  6. अनेक भिक्षु - भिक्षुणियां कृतियों की रचना भी करते। थे। कइयों ने बुद्ध की शिक्षाओं के बारे में लिखा तो कुछ ने संप में अपने जीवन के विषय में सुन्दर कविताओं की रचना की। 

RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 6 नए प्रश्न नए विचार

प्रश्न 6. 
उपदेशक जैन तथा बौद्ध भिक्खू कहां निवास करते थे? विहारों का वर्णन कीजिये। 
उत्तर:

  1. उपदेशक जैन तथा औद्ध भिक्षु पूरे साल एक स्थान से दूसरे स्थान घूमते हुए उपदेश दिया करते थे। 
  2. केवल वर्षा ऋतु में जब यात्रा करना कठिन हो जाता था तो वे एक स्थान पर रुककर ही निवास करते थे। ऐसे में वे अपने अनुयायियों द्वारा उद्यानों में बनवाये गये अस्थायी निवासों में अथवा पहाड़ी क्षेत्रों को प्राकृतिक गुफाओं में रहते थे।
  3. समय बीतने के साथ - साथ भिक्षु - भिक्षुणियों ने स्वयं तथा उनके अनुयायियों ने स्थायी शरणस्थलों का निर्माण किया, जिन्हें बिहार कहते हैं। अब वे इन विहारों में रहने लगे। 
  4. आरम्भिक विहार लकड़ी के बनाये गये तथा बाद में इनके निर्माण में ईंटों का प्रयोग होने लगा। पश्चिमी भारत में कुछ विहार पहाड़ियों को खोदकर बनाये गये। 
  5. प्रायः किसी धनी व्यापारी, राजा अथवा भू - स्वामी द्वारा दान में दी गई भूमि पर बिहार का निर्माण होता था। 
  6. स्थानीय व्यक्ति भिक्खु - भिक्खुणियों के लिए भोजन, वस्त्र तथा दवाइयाँ लेकर विहार में आते थे जिसके बदले ये भिक्खु और भिक्खुणियां लोगों को शिक्षा देते थे।

प्रश्न 7. 
आश्रम - व्यवस्था का संक्षिा वर्णन कीजिये। 
उत्तर:
आश्रम - व्यवस्था:  प्राचीन भारत में जिस समय जैन तथा बौद्ध धर्म लोकप्रिय हो रहे थे लगभग उसी समय ब्राह्मणों ने आश्रम - व्यवस्था का विकास किया। 'आश्रम' का अर्थ यहाँ आश्रम शब्द का आशय लोगों द्वारा रहने तथा ध्यान करने के लिए प्रयोग में आने वाले स्थान से नहीं है, बल्कि इसका तात्पर्य जीवन के एक चरण से है। प्रकार - आश्रम व्यवस्था को चार भागों में बांटा गया:

  • ब्रह्मचर्य 
  • गृहस्थ 
  • वानप्रस्थ तथा 
  • संन्यास आश्रम। 
  1. ब्रह्मचर्य आश्रम के अंतर्गत ब्राह्मण, क्षत्रिय तथा वैश्य से यह अपेक्षा की जाती थी कि इस चरण के दौरान वे सादा जीवन विताकर वेदों का अध्ययन करेंगे। 
  2. गृहस्थ आश्रम के अंतर्गत उन्हें विवाह कर एक गृहस्थ के रूप में रहना होता था। 
  3. वानप्रस्थ आश्रम के अंतर्गत उन्हें जंगल में रहकर साधना करनी थी। 
  4. संन्यास आश्रम में अंततः उन्हें सब कुछ त्यागकर संन्यासी बन जाना था। आश्रम व्यवस्था ने लोगों को अपने जीवन का कुछ हिस्सा ध्यान में लगाने पर बल दिया। इस व्यवस्था में प्रायः स्त्रियों को वेद पढ़ने की अनुमति नहीं थी और उन्हें अपने पतियों द्वारा पालन किए जाने वाले आश्रमों का ही अनुसरण करना होता था।
Bhagya
Last Updated on June 9, 2022, 5:49 p.m.
Published June 9, 2022